Home Blog Page 181

अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू शिविर से श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना हुआ

तमाम तैयारियों के बीच अमरनाथ यात्रा के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था ‘बर्फानी बाबा’ के नारों के बीच आज रवाना हो गया। जम्मू आधार शिविर से पहले जत्थे को जम्मू-कश्मीर के उप राज्यपाल मनोज सिन्हा ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस जत्थे में 3488 यात्री अमरनाथ के दर्शनों के लिए निकले।

यह यात्री शुक्रवार सुबह करीब चार बजे ‘बम-बम भोले’, ‘बर्फानी बाबा की जय’ और ‘भारत माता की जय’ के नारों के साथ दर्शन के लिए निकले। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए हैं। करीब 62 दिन तक चलने वाली यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं पर खाने-पीने की कुछ सामान पर प्रतिबंध लगाए गए हैं।

अमरनाथ यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ तीर्थ यात्रियों के शामिल होने की उम्मीद है। यात्रा के लिए चप्पे-चप्पे पर फोर्स और पुलिस की तैनाती की गई है। केंद्र सरकार ने सुरक्षा बलों की अतिरिक्त कंपनियां जम्मू-कश्मीर भेजी हैं।

सीआररपीएफ के 160 बटालियन के कमांडेंट हरिओम खरे ने कहा कि अमरनाथ यात्रा के लिए सीआरपीएफ सीआररपीएफ पूरी तरह से तैयार है। हमारे साथ डॉग स्क्वॉड भी है। यात्रियों के साथ हमारी बड़ी टुकड़ी जाएगी। ड्रोन का इस्तेमाल भी हम कर रहे हैं।’ 

तमिलनाडु के राज्यपाल ने पांच घंटे में बदला मंत्री की बर्खास्तगी का फैसला

जबरदस्त दबाव और सरकार के उनके फैसले को कोर्ट में चुनौती देने की धमकी के बाद तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि ने गिरफ्तार राज्य मंत्री सेंथिल बालाजी को गुरुवार शाम बर्खास्त करने के अपने फैसले को कुछ ही घंटे में बदल दिया। उनके फैसले पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली लिहाजा राज्यपाल ने कहा कि उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री ने सलाह दी है कि अटॉर्नी जनरल की भी राय लेना समझदारी होगी लिहाजा वे अपना फैसला वापस ले रहे हैं।

इससे पहले गुरुवार को राज्यपाल ने कानूनी सलाह लिए बिना कार्रवाई की, जिसका जबरदस्त विरोध देखने को मिला। हालांकि, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हस्तक्षेप के बाद उन्होंने पांच घंटे में ही अपना फैसला रोक दिया। राज्यपाल ने अपने फैसले पर दूसरा पत्र लिखा जिसमें केंद्रीय गृहमंत्री की इस सलाह का ज़िक्र था कि विवादास्पद कदमों पर कानूनी राय लेना ‘विवेकपूर्ण’ होता है।

राज्यपाल के फैसले के बाद तमिलनाडु में तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आई थीं। राज्य की डीएमके सरकार ने धमकी दी कि वह इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में जा रही है। वहीं डीएमके की सहयोगी कांग्रेस ने भी राज्यपाल की इस फैसले के लिए कड़ी निंदा की। इससे पहले राज्यपाल ने राज्य सरकार की अनदेखी करते हुए सेंथिल बालाजी को मंत्रिपरिषद से बर्खास्त करने का ‘कारण’ बताया था।

राज्यपाल ने पत्र में कहा – ‘मैं इस तथ्य से अवगत हूं कि सामान्य परिस्थितियों में एक राज्यपाल मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह पर कार्य करता है। हालांकि, इस तत्काल मामले में आपकी सलाह या अधिक उचित रूप से कहें तो मेरी सलाह के ख़िलाफ़ सेंथिल बालाजी को मंत्रिमंडल में बनाए रखने का आपका आग्रह पूर्वाग्रह को दर्शाता है।’ उन्होंने कहा कि सेंथिल बालाजी को ‘भ्रष्टाचार के कई मामलों में गंभीर आपराधिक कार्यवाही का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें नौकरियों के लिए नकद लेना और धन शोधन शामिल है।’

हालांकि, अपने फैसले के महज पांच घंटे के बाद राज्यपाल ने आधी रात को एक पेज के दूसरे पत्र में बताया कि उन्होंने अपने पहले के निर्णय को रोक दिया है। उन्होंने इसके पीछे केंद्रीय गृहमंत्री की सलाह को बताया जिसमें उन्हें सुझाव दिया गया था कि इस मामले में अटॉर्नी जनरल की भी राय लेना समझदारी होगी। राज्यपाल ने कहा कि वे अटॉर्नी-जनरल से संपर्क कर रहे हैं लिहाजा तब तक मंत्री बालाजी की बर्खास्तगी को निलंबित रखा जा सकता है।

छत्तीसगढ़ में चुनाव से पहले कांग्रेस ने बनाया टीएस सिंहदेव को राज्य का उपमुख्यमंत्री

कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया है। यह फैसला 28 जून को दिल्ली में हुर्इ छत्तीसगढ़ कांग्रेस की महत्वपूर्ण बैठक के बाद लिया गया। इस बैठक में कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, सिंहदेव और पार्टी के कुछ अन्य वरिष्ठ नेता भी मौजूद थे।

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने हैं। वर्ष 2018 के छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के बाद बघेल को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया गया था। किंतु सरगुजा के पूर्व शाही परिवार से ताल्लुक रखने वाले टीएस सिंहदेव बघेल की पदोन्नति से खुश नहीं थे और दोनों नेताओं के बीच राज्य के कर्इ मामलों पर सार्वजनिक रूप से असहमत दिखे थे।

कांग्रेस राज्य में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए दोनों नेताओं के बीच तनाव को सुलझाना चाहती है। बता दें दिसंबर 2022 में सिंहदेव ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव लड़ने को लेकर अपनी अनिच्छा को व्यक्त किया था।

केजरीवाल सरकार के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल, आतिशी को सौंपी गई कई  और जिम्मेदारियां

राजधानी दिल्ली की केजरीवाल सरकार के मंत्रिमंडल में बड़ा फेरबदल हुआ है। केजरीवाल कैबिनेट में एकलौती महिला मंत्री आतिशी है और इस फेरबदल के बाद आतिशी को अब फाइनेंस, रेवेन्यू और प्लानिंग विभाग सौंपे गए हैं।

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसकी मंजूरी दे दी है। दिल्ली सरकार के इस बदलाव के बाद आतिशी केजरीवाल कैबिनेट में नंबर दो पर पहुंच गर्इ है। आतिशी को दिए गए ये सभी नए विभाग पहले कैलाश गहलोत के पास थे। अब कैलाश गहलोत के पास वित्त, योजना और राजस्व विभाग हैं।

बता दें, आतिशी को मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के इस्तीफे के बाद मार्च में मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था। आतिशी के पास बिजली, शिक्षा, कला संस्कृति और भाषा, पर्यटन, उच्च शिक्षा, प्रशिक्षण, तकनीकी शिक्षा और जनसंपर्क विभागों का प्रभार सौंपा गया है। मंत्रिमंडल में इस फेरबदल के बाद आतिशी के पास कुल 12 विभागों का प्रभार है।

आपको बता दें, आबकारी घोटाला मामले में केजरीवाल सरकार के दो बड़े मंत्रियों मनीष सिसोदिया और सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार किया गया था। सिसोदिया फिलहाल तिहाड़ जेल में बंद हैं।

दिल्ली सरकार ने मंत्रिमंडल में फेरबदल की फाइल उपराज्यपाल वी के सक्सेना के पास उनके हस्ताक्षर के लिए भेजी थी किंतु उपराज्यपाल कार्यालय ने इस आरोप से इनकार किया है।

विपक्ष की अगली बैठक बेंगलुरु में होगी – शरद पवार

विपक्षी पार्टियों की अगली मीटिंग शिमला में न होकर अब यह बैठक बेंगलुरु में होगी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने जानकारी देते हुए कहा कि विपक्षी दलों की मीटिंग 13 और 4 जुलाई को बेंगलुरु में होगी।

बता दें, विपक्षी दलों की पहली बैठक 23 जून को पटना में हुर्इ थी। इस बैठक में 32 विपक्षी नेताओं ने भाग लिया था। इस बैठक में 15 विपक्षी पार्टियों ने भाग लिया था। इस बैठक को 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

शरद पवार ने पीएम मोदी के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा कि, पटना में विपक्षी दलों की बैठक के बाद पीएम मोदी बेचैन हो गए हैं। विपक्ष एक साथ आया इसलिए व्यक्तिगत तौर पर बीजेपी की तरफ से टिप्पणी की जा रही है। जहां पर बीजेपी की सरकार वहां पर जातीय दंगे हो रहे हैं। महाराष्ट्र में जाति धर्म के नाम पर दंगे हो रहे हैं।

आपको बता दें, पटना में विपक्षी दलों की बैठक को लेकर पीएम मोदी ने मंगलवार को कहा था कि जो बीजेपी के घोर विरोधी दल हैं पिछले दो चुनावों में उतनी छटपटाहट नहीं दिखी जितनी आज दिख रही है। उनकी ये बेचैनी दिखलाती है कि देश की जनता ने 2024 के चुनाव में बीजेपी को वापस लाने का मन बना लिया है। वर्ष 2024 में एक बार फिर से भाजपा की जीत होगी।

मणिपुर हिंसा के पीड़ितों से मिलने गए राहुल गांधी को बिष्णुपुर में रोका गया

जातीय संघर्ष में फंसे मणिपुर के दौरे पर गए कांग्रेस नेता राहुल गांधी को उस समय पुलिस ने रोक लिया जब वे चूड़ाचाँदपुर की तरफ जा रहे थे। राहुल गांधी का काफिला रोके जाने से नाराज कांग्रेस ने इसकी तीखी निंदा की है। याद रहे विपक्ष पीएम मोदी से मांग करता रहा है कि मणिपुर में हिंसा रोकने के लिए वे वहां का दौरा करें, हालांकि, अभी पीएम वहां नहीं गए हैं।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी पूर्वोत्तर के हिंसा प्रभावित राज्य के अपने दो दिवसीय दौरे के लिए सुबह इंफाल पहुंचे और उसके बाद चुराचांदपुर जिले के लिए रवाना हो गए। उन्हें वहां पीड़ितों से मिलना था। राहुल जातीय हिंसा के कारण विस्थापित हुए लोगों से मिलने के लिए राहत शिविरों का दौरा करने वाले हैं, हालांकि, जिस तरह पुलिस ने उन्हें रोका है उससे यह देखना होगा कि उन्हें आगे जाने दिया जाता या नहीं।

मणिपुर में इस साल मई में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक राहुल का काफिला विष्णुपुर जिले में रोका गया है। वह इंफाल से करीब 20 किमी ही आगे बढ़ पाए हैं। स्थानीय पुलिस ने ‘सुरक्षा की दृष्टि से’ राहुल गांधी को आगे जाने रोका है।

बता दें कि हिंसाग्रस्त मणिपुर के कांगपोकपी जिले के हरओठेल गांव में गुरुवार सुबह अज्ञात बंदूकधारियों ने बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की थी। गांधी की शुक्रवार को इंफाल में राहत शिविरों का दौरा करने और बाद में कुछ नागरिक संगठनों के सदस्यों से बातचीत करने की भी योजना है। मणिपुर में तीन मई को शुरू हुई हिंसा के बाद, यह कांग्रेस नेता का पूर्वोत्तर के इस राज्य का पहला दौरा है।

इस बीच शिव सेना उद्धव के नेता और सांसद संजय राउत ने कहा है कि वे राहुल गांधी से अपील करेंगे कि वे आने वाले दिनों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मणिपुर ले जाने की कोशिश करें और अगर भाजपा उसमें नहीं आना चाहती है तो वो उनकी बात है लेकिन और भी पार्टी हैं जो उनके साथ आएंगी।

उधर कांग्रेस के एआईसीसी प्रभारी (नागालैंड) अजय कुमार ने इंफाल में आरोप लगाया कि केंद्र सरकार मणिपुर को खबरों से गायब कराने की कोशिश रही है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस देश का ध्यान मणिपुर पर केंद्रित करने की कोशिश कर रहे हैं। उनके मुताबिक मणिपुर में 200 से अधिक लोगों की हत्या हुई है और 1000 से ऊपर घर जले हैं जबकि 700 से अधिक पूजा घर और गिरजाघर तोड़े गए हैं । उन्होंने कहा – ‘राहुल गांधी के दौरे से प्रधानमंत्री को सीख लेनी चाहिए, जिनको कोई चिंता नहीं है।’ 

पीएम आवास पर देर रात तक लंबी चली बैठक, 2024 लोकसभा चुनाव को लेकर हुआ मंथन

प्रधानमंत्री आवास पर बुधवार को देर रात तक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की बैठक हुई। इस बैठक में कुछ अहम मुद्दों पर चर्चा होने की खबरें निकल कर आ रही है। ये बैठक लगभग 5 घंटे तक चली और पीएम मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महासचिव बीएल संतोष मौजूद रहे।

सूत्रों के अनुसार लोकसभा चुनाव और कई राज्यों में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले पार्टी संगठन और मोदी सरकार में बड़े फेरबदल होने की भी चर्चाएं तेज है। इस बैठक के बाद जल्द ही कई बड़े फैसलों की जानकारी सामने आ सकती है।

इस बैठक में कई राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और लोकसभा चुनावों की रणनीति पर मंथन हुआ है। एक तरफ भाजपा ने बूथ स्तर से लेकर सोशल मीडिया तक अपना प्रचार अभियान तेज कर रखा है वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी से लेकर आम कार्यकर्ता तक इन अभियानों में भाग ले रहा है। और इन अभियानों की रिपोर्ट भी पार्टी संगठन के द्वारा नेताओं से मांगी जा रही है।

आपको बता दें, इस वर्ष मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और मिजोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस सभी राज्यों की मिलाकर कुल लोकसभा सीटें 83 हैं। और इस लिहाज से इन सभी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए बहुत मायने रखते है।

‘ध्रुव’ के बार-बार हादसों का शिकार होने के बाद हुई जांच में पायी गयी खामियां

स्वदेशी और मेक इन इंडिया की मुहिम कई मामलों में सफल रही है, हालांकि, एक रिपोर्ट में देश में विकसित अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव में संभावित खामियों का पता चला है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड का डिजाइन और विकसित किया ध्रुव को लेकर यह जांच हाल के समय में हुई कई दुर्घटनाओं को देखते हुए की गयी है।

रिपोर्ट के मुताबिक इसके कुछ घटकों में डिजाइन और धातु विज्ञान संबंधी मुद्दों की पहचान हेलीकॉप्टर की जांच में पता चली है। हालांकि, अब इन खामियों को दूर किया जा रहा है। यह जांच इस तरह के हेलीकॉप्टर से जुड़ी कई दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए की गई थी, जिसके कारण थल सेना और वायुसेना को अपने बेड़े में शामिल हेलीकॉप्टर की उड़ान रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

सुरक्षा जांच होने के बाद उड़ान से रोके गए हेलीकॉप्टर ने अपना परिचालन फिर से शुरू कर दिया। नौसेना, वायुसेना, थल सेना और तटरक्षक बल के पास कुल 325 से अधिक एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं और कुछ दुर्घटनाओं के बाद उन सभी की तकनीकी जांच की गई। एएलएच ध्रुव 5.5 टन वजन श्रेणी में दोहरे इंजन वाला बहु-उद्देश्यीय, बहु-मिशन हेलीकॉप्टर है। इसके सैन्य संस्करण का प्रमाणीकरण 2002 में पूरा हुआ और असैन्य संस्करण का प्रमाणीकरण 2004 में पूरा हुआ था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हेलीकॉप्टर से जुड़ी घटनाओं की जांच के दौरान कुछ घटकों में डिजाइन और धातु विज्ञान के मुद्दों को संभावित खामियों के रूप में पहचाना गया।  एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।

जेद्दा में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सामने गोलीबारी में 2 लोगों की मौत

एक बड़ी घटना में गुरुवार को सऊदी अरब के जेद्दा शहर में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सामने गोलीबारी की घटना हुई है। इसमें 2 लोगों की मौत हो गई जिनमें  हमलावर भी शामिल है।  

अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के सामने गोलीबारी की घटना को लेकर मक्का पुलिस ने कहा कि घटना के कारण का अभी पता नहीं चल पाया है और जांच शुरू कर दी गई है। हमलावर की पहचान होने की पुष्टि भी अभी तक नहीं की गई है।

इस घटना दूतावास की इमारत पर हमला करने वाला हमलावर भी गोलीबारी में मारा गया है  जबकि सुरक्षाकर्मियों में से एक की भी मौत हो गई। घटना के बाद दूतावासों की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

अधिकारियों ने बताया कि हमला बुधवार शाम पौने सात बजे हुआ। कार में सवार एक शख्स जेद्दा में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास की इमारत के पास आकर रुका। इस शख्स के हाथ में बन्दूक थी। कार से बाहर निकलते ही इस शख्‍स ने ताबड़तोड़ गोलियां चलानी शुरू कर दीं जिससे सुरक्षाकर्मियों को संभलने का ज्‍यादा अवसर नहीं मिला। 

राहुल गांधी जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर के दो दिन के दौरे के लिए हुए रवाना

कांग्रेस नेता राहुल गांधी जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर के लिए रवाना हो गए हैं। वह दो दिन की यात्रा पर वहां गए हैं और विभिन्न समूहों से बातचीत करेंगे। इनमें विस्थापित  राहत शिविरों में रह रहे लोग और सिविल सोसाइटी के सदस्य शामिल हैं।

पिछले दो महीने से मणिपुर हिंसा की चपेट में है। वहां शांति प्रयासों की कई कोशिशें ज्यादा कारगर साबित नहीं हो सकी हैं। राहुल गांधी आज गुरुवार सुबह मणिपुर के अपने दो दिवसीय दौरे पर नई दिल्ली से रवाना हो गए।

अपने इस दौरे के दौरान कांग्रेस नेता पूर्वोत्तर राज्य में जातीय हिंसा की वजह से विस्थापित हुए लोगों से राहत शिविरों में मुलाकात करने जाएंगे। साथ ही वहां पर कई सिविल सोसाइटी के लोगों से भी बातचीत करेंगे।

राहुल गांधी का हिंसाग्रस्त राज्य का यह पहला दौरा है। राहुल गांधी और कल मणिपुर में रहेंगे, इस दौरान वह कई राहत शिविरों का दौरा करेंगे। साथ में राजधानी इंफाल और चुराचांदपुर जिले में सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे।

गांधी की यात्रा से पहले कांग्रेस ने बताया – ‘इंफाल पहुंचने के बाद वह चुराचांदपुर जाएंगे, जहां वह राहत शिविरों का दौरा करेंगे। फिर वह विष्णुपुर जिले के मोइरांग में विस्थापित हुए लोगों से उनका हालचाल जानेंगे।’

राहुल शुक्रवार को इंफाल में रहेंगे और इस दौरान वह राहत शिविरों का दौरा करेंगे, फिर लोगों से बातचीत भी करेंगे। मणिपुर में इस साल मई के शुरुआती हफ्ते में जातीय संघर्ष के शुरू होने के बाद से 300 से अधिक कैंपों में करीब 50 हजार लोग रहने को मजबूर हैं।