‘ध्रुव’ के बार-बार हादसों का शिकार होने के बाद हुई जांच में पायी गयी खामियां

स्वदेशी और मेक इन इंडिया की मुहिम कई मामलों में सफल रही है, हालांकि, एक रिपोर्ट में देश में विकसित अत्याधुनिक हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव में संभावित खामियों का पता चला है। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड का डिजाइन और विकसित किया ध्रुव को लेकर यह जांच हाल के समय में हुई कई दुर्घटनाओं को देखते हुए की गयी है।

रिपोर्ट के मुताबिक इसके कुछ घटकों में डिजाइन और धातु विज्ञान संबंधी मुद्दों की पहचान हेलीकॉप्टर की जांच में पता चली है। हालांकि, अब इन खामियों को दूर किया जा रहा है। यह जांच इस तरह के हेलीकॉप्टर से जुड़ी कई दुर्घटनाओं को ध्यान में रखते हुए की गई थी, जिसके कारण थल सेना और वायुसेना को अपने बेड़े में शामिल हेलीकॉप्टर की उड़ान रोकने के लिए मजबूर होना पड़ा था।

सुरक्षा जांच होने के बाद उड़ान से रोके गए हेलीकॉप्टर ने अपना परिचालन फिर से शुरू कर दिया। नौसेना, वायुसेना, थल सेना और तटरक्षक बल के पास कुल 325 से अधिक एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं और कुछ दुर्घटनाओं के बाद उन सभी की तकनीकी जांच की गई। एएलएच ध्रुव 5.5 टन वजन श्रेणी में दोहरे इंजन वाला बहु-उद्देश्यीय, बहु-मिशन हेलीकॉप्टर है। इसके सैन्य संस्करण का प्रमाणीकरण 2002 में पूरा हुआ और असैन्य संस्करण का प्रमाणीकरण 2004 में पूरा हुआ था।

रिपोर्ट्स के मुताबिक हेलीकॉप्टर से जुड़ी घटनाओं की जांच के दौरान कुछ घटकों में डिजाइन और धातु विज्ञान के मुद्दों को संभावित खामियों के रूप में पहचाना गया।  एएलएच ध्रुव हेलीकॉप्टर को सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है।