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अखिलेश यादव करेंगे अब उत्तर प्रदेश की राजनीति

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भले ही समाजवादी पार्टी (सपा)चुनाव हार गई हो लेकिन अभी वह हौंसले नहीं हारी है।सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लोकसभा के सदस्य पद से इस्तीफा देकर ये बता दिया है । कि वह प्रदेश में सक्रिय राजनीति करते रहेंगे ।

अखिलेश यादव  ने करहल विधानसभा से चुनाव जीता है। अब वो पार्टी के विस्तार के लिये काम करेगें। जानकारों का कहना है कि प्रदेश के चुनाव में जो अखिलेश यादव को उम्मीद थी कि सपा ही सरकार बनाएंगी लेकिन हुआ कुछ उल्टा ही। सपा नेता का मानना है कि जो हार हो गई है अब हार का मंथन और सुधार जारी रहेगा। इसी क्रम में आगामी 2024 में भाजपा को हराने के लिये कड़ी मेहनत की जरूरत है।

साथ ही सपा के कार्यकर्ताओं को एक करने की जरूरत है। क्योंकि जो विधायक जीते है । वो तो सक्रिय राजनीति कर रहे है।लेकिन जो कार्यकर्ता है। उनका मनोबल बरकरार रखना है। साथ ही अब एमएलसी के चुनाव में  को लेकर सपा पूरे चुनावी रंग में डूबी है। चुनाव में कड़ा संघर्ष दिखा रहा है।सपा की राजनीति के जानकार मंगल दाऊ का कहना है कि सपा एम -बाई राजनीति के नाम से जानी जाती है।

लेकिन अब एम-बाई के साथ अन्य जातियों को साधने का प्रयास किया जायेगा। साथ ही योगी सरकार को राजनीतिक स्तर पर घेरेगें।25 मार्च को योगी आदित्य नाथ के शपथ ग्रहण हो जाने के बाद सपा की सरकार की जनविरोधी नीतियों से लेकर महंगाई ,बेरोजगारी और गैस, डीजल और पेट्रोल के दामों में विरोध में प्रदर्शन करेंगे।

तेलंगना के सिकंदराबाद में काठ गोदाम में आग से 11 मजदूरों की मौत

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में बुधवार को लकड़ी के एक गोदाम में आग लगने से 11 मजदूरों की जलने से मौत हो गई। एक व्यक्ति इस हादसे में घायल हुआ है। यह सभी बिहार के निवासी थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना हैदराबाद में सिकंदराबाद इलाके की है जहाँ लकड़ी के एक गोदाम में आग गयी। आग में झुलसने से 11 लोगों की जान चली गयी। जान गंवाने वाले सभी मजदूर थे और वे बिहार के रहने वाले थे। घटना की जानकारी मिलते ही फायरब्रिगेड की गाड़ियां मौके पर  पहुंचीं और आग को काबू में करने की कोशिश की।

इस घटना में एक व्यक्ति घायल हुआ है जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। घटना के बाद चारों तरफ अफरातफरी मच गयी। अभी तक की जानकारी के मुताबिक आग लगने का कारण शॉट सर्किट हो सकता है।

जब आग लगी सभी मजदूर उस गोदाम की पहली मंजिल पर सो रहे थे। स्थानीय प्रशासन ने जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से संपर्क कर उन्हें जानकारी दी है। उनके शवों को परिजनों को सुपुर्द किया जा रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और घटना के कारणों की जांच की जा रही है।

गैस सिलेडर के दाम बढ़ते ही बाजारों में दिखा महंगाई का असर

देश में आज ही से गैस सिलेंडर के दाम पचास रुपये बढ़ते ही बाजारों में मिठाई  और चाय की दुकानों पर महंगाई का असर देखने को मिलने लगा है। मिठाई वालों ने गैस के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर सरकार की नीतियों की  विरोध किया है। साथ मिठाईयों के दाम बढ़ाने के संकेत दिये है। बंगाली मार्किट में मिठाई विक्रेता वालों ने बताया कि सरकार तो अपनी मनमर्जी से गैस के दाम बढ़ाने में लगी है। वही मिठाई का सामान भी महंगा है।  उनका कहना है कि अगर मिठाई के दाम बढ़ाते है तो ग्राहकों को जीएसटी देना होगा। जिसका सीधा असर उपभोक्ताओं की जेब  पर पडे़गा।ऐसे में सरकार को ग्राहको और बाजार के हालात को देखते हुये जीएसटी को कम करना चाहिये। अन्यथा मिठाई के दाम बढेगे ही।वहीं चाय विक्रेताओं ने तहलका को बताया कि वे कमर्शियल गैस सिलेंडर का कनेक्शन ले पाते नहीं है। जो गैस से वो चाय बनाकर बेचते है। वो घरेलू गैस सिलेंडर होते है।सो उनको वो ब्लैक में खरीदतें है।उनका कहना है कि हाल में दूध के दाम बढ़े है और आने वाले दिनों में दूध के दाम बढ़ने वाले है। ऐसे में चाय के दाम बढ़ेगे सो उनकी बिक्री पर खासा असर पड़ेगा। चाय बिक्रेता भगवान दास ने बताया कि कोरोना काल में उनकी दुकान बंद रही फिर जैसे -तैसे दुकान दारी चली है। सो गैस और दूध के दामों में बढोत्तरी से उनकी दुकानदारी पर विपरीत असर पड़ सकता है।सड़क के किनारे चाय की दुकान चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करने वालों का कहना है कि सरकार को गरीबों के लिये कोई राहत देना चाहिये अन्य़था उनको जीवन -यापन करना मुस्किल होगा।

दिल्ली में अब होगा एक ही नगर निगम, केंद्रीय केबिनेट की मंजूरी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अब तीन की जगह एक ही नगर निगम होगा। केंद्रीय केबिनेट ने मंगलवार को अपनी एक बैठक में इस फैसले को मंजूरी दे दी। अभी तक दिल्ली में तीन नगर निगम थे। यह फैसला तब आया है जब राजनीतिक दल निगम के चुनावों की तैयारियों में जुटे थे।

अब चुनाव से ऐन पहले दिल्ली के तीन नगर निगम को एक कर दिया गया है। इस  एकीकरण बिल पर केंद्रीय केबिनेट ने आज की अपनी बैठक में मंजूरी दे दी। याद रहे साल 2012 में दिल्ली के नगर निगम को तीन अलग-अलग निगमों दक्षिण एमसीडी, उत्तर नगर निगम और पूर्वी नगर निगम में बांट दिया गया था।

इससे पहले दिल्ली में एक ही नगर निगम हुआ करता था। साल 2012 में भी जब तीन नगर निगम बनाये गए थे तब इसके चुनाव होने वाले थे। उस वक्त इसका कारण यह कारण बताया गया था कि ऐसा करने से नगर निगम के कामकाज में सुधार होगा।

वैसे लोगों का अनुभव है तीन नगर निगम बनने से नगर निगम के कामकाज में कोई खास अंतर नहीं आया और जनता को इसका कोई लाभ नहीं मिला। इसके विपरीत निगम वित्तीय संकट में फंस गए और हालत यह हो गयी कि कर्मचारियों को वेतन देने के लाले पड़ गए। निगम कर्मचारी इसके विरोध में हड़ताल कर चुके हैं।

यूक्रेन और रूस युद्द के चलते और भी बढ़ सकते है खाद के दाम

यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग को लेकर भारत में कृषि से जुड़े कार्य पर काफी विपरीत असर पड़ रहा है और आने वाले दिनों में ये भी संभावना जतायी जा रही है ये विकराल रूप धारण कर सकता है। कारण साफ है कि यूक्रेन एक प्रमुख खाद्यान्न जैसे गेहूं और मक्का उत्पादक है और रूस प्राकृतिक गैस का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है।
ऐसे हालात में भारत के लिये उर्वरक आपूर्ति और कीमतों को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर सकती है।डी यू के टीचर व विदेश मामलों के जानकार प्रो. ए के सिंह का कहना है  कि अगर युद्ध अगले सप्ताह तक समाप्त नहीं होता है। तो हमारे देश की कृषि व्यवस्था पर विपरीत असर पड़ेगा।
क्योंकि युद्ध के पहले ही वैश्विक उर्वरक बाजार को बाधित कर दिया था क्योंकि रूस उर्वरक और संबंधित कच्चे माल का एक प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। यह यूरिया, एनपीके, अमोनिया, यूएएन और अमोनियम नाइट्रेट का सबसे बड़ा निर्यातक है। और तीसरा सबसे बड़ा पोटाश निर्यात भी है।उन्होंने बताया कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा यूरिया का आयातक है। जिसमें फास्पेटिक और पोटाश उर्वरकों का भी काफी आयात करता है। यूरिया का आयात प्रति वर्ष 8-9 मिलियन टन की मात्रा में होता है, जो ज्यादातर यूक्रेन से होता है।
किसान नेता चौ. वीरेन्द्र  सिंह का कहना है कि भारतीय किसानों को पहले ही महंगाई के चलते खाद्य खरीदना मुश्किल हो रहा था युद्ध के चलते खाद के दाम फिर से आसमान छू रहे है ऐसे हालात मं भारत सरकार को चाहिये की वह किसानों की माली हालत को देखते हुये कोई सार्थक पहल करें ताकि जो आने वाले दिनों में वाधा आ सकती है। उसको दूर करें और किसानों के लिये  कम से कम दाम तय करें।

महंगाई पर राज्यसभा में कांग्रेस, टीएमसी सहित विपक्ष का हंगामा

कांग्रेस, टीएमसी और अन्य विपक्षी सदस्यों के बढ़ती महंगाई के विरोध में शोर के बीच मंगलवार को राज्य सभा की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा। सपा की सदस्य जया बच्चन ने एक मौके पर कहा कि पता नहीं इन्हें (भाजपा) को कौन जिताकर लाया है, जनता तो नहीं लाई है। उधर बजट सत्र के विभिन्न मुद्दों और सरकार की रणनीति पर चर्चा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी, वरिष्ठ मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण और नितिन गडकरी सहित अन्य मंत्रियों के साथ बैठक की है।

संसद के बजट सत्र के दूसरे चरण के पांचवें दिन संसद के दोनों सदनों में पेट्रोल-डीजल, एलपीजी सिलेंडर और केरोसीन के दामों में बढ़ोतरी के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। विपक्ष ने इस मुद्दे को उठाया और कहा कि जनता पर बोझ बढ़ गया है और गरीब आदमी का जीना मुहाल हो गया है।

आज राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष के सदस्यों ने पेट्रोल-डीजल और रसोई गैस के दामों में बड़ी वृद्धि को लेकर जमकर हंगामा किया। हंगामे के बीच राज्य सभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित करनी पड़ी। केरोसिन और एलपीजी की बढ़ती कीमतों के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए टीएमसी सांसद डोला सेन ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत निलंबन नोटिस दिया।

उधर बजट सत्र के लिए विभिन्न मुद्दों और सरकार की रणनीति पर चर्चा के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने वरिष्ठ मंत्रियों राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण और नितिन गडकरी सहित अन्य मंत्रियों के साथ बैठक की है।

राज्य सभा में आज कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने एलपीजी सिलेंडर की कीमत में अचानक बढ़ोतरी के बारे में चर्चा करने के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया।

पेट्रोल-डीजल और एलपीजी गैस सिलेंडर के दाम पर ही समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने मोदी सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये सरकार इसी तरह करती है, अखिलेश यादव ने अपने कैंपेन में बार-बार ये ही कहा कि आप लोग सतर्क हो जाएं दाम चुनाव के बाद बढ़ने वाले हैं। इन्हें वोट करके पता नहीं कौन जीताकर लाया, जनता तो नहीं लाई होगी।

भाजपा छोड़कर जाने वाले फिर आ सकते है वापस

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत को अब भाजपा आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में भुनाने के लिये अभी से कमर कस रही है। तभी तो 25 मार्च को प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण को बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है।
भाजपा के स्थानीय नेताओं से लेकर कार्यकर्ताओं को काफी महत्व दिया जा रहा है। भाजपा का मानना है जितना विधानसभा 2022 की जीत जरूरी थी उतनी ही आगामी लोकसभा 2024 के चुनाव की जीत जरूरी है।
भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि 2022 के विधानसभा के चुनाव को देखकर लग रहा था। कि कहीं ये चुनाव सपा के हाथ में न चला जाये क्योंकि चुनाव के दौरान कुछ वातावरण भी ऐसा बना था। लेकिन भाजपा ने चुनाव तो जीत लिया। लेकिन कुछ सीटों को खो कर। यानि सपा का वोट प्रतिशत ही नहीं बड़ा बल्कि सपा की सीटे बड़ी है। सो, अब भाजपा नहीं चाहती है कि भाजपा को वैसे ही दिनों से गुजरना पडे जो विधानसभा के चुनाव के दौरान गुजरना पड़ा है। इसलिये भाजपा अब उन नेताओं को मनाने में लगी है जो चुनाव के दौरान भाजपा को छोड़कर अन्य दलों में चलें गये थे।
भाजपा का मानना है कि अगर रूठे हुये नेताओं को वापस बुलाने से फायदा है तो बताने में कोई दिक्कत नहीं है। इस बात पर भी विशेष बल दिया जा रहा है कि जो नेता अगर अपनी तरफ से खुद पार्टी में आते है। तो उनका सम्मान भी किया जायेगा और पार्टी की कुछ जिम्मेदारी भी दी जा सकती है। भले ही वे नेता कुछ न बोल रहे हो, जो भाजपा को छोड़कर अन्य दल में चलें गये थे। लेकिन वे पर्दे के पीछे भाजपा के साथ आने को तैयार है। आने वाले दिनों में भाजपा में जाने का ऐलान भी कर सकते है।

पेट्रोल-डीजल हुए महंगे, रसोई गैस की कीमत अब 50 रुपये ज्यादा  

रूस-यूक्रेन युद्ध का असर अब ज़रुरत की घरेलू वस्तुओं की  कीमतों पर दिखने  लगा है। देश में सरकार ने पेट्रोल और डीजल के दामों में वृद्धि कर दी है। बीच में चुनावों के कारण सरकार ने दाम नहीं बढ़ाए थे लेकिन अब उसने लोगों पर बोझ डालना शुरू  कर दिया है। यही नहीं रसोई गैस का दाम भी सीधे 50 रूपये बढ़ा दिया गया है।

जानकारी के मुताबिक घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) की कीमत में सीधे 50 रुपये की बढ़ोतरी कर दी गई है। जाहिर है इसका सीधा असर गरीब उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। देश में 137 दिन के बाद यह दाम बढ़ाए गए हैं, क्योंकि बीच में चुनाव थे। बता दें वैश्विक बाजार में तेल की कीमतें सोमवार को उछल आया है जिसके साथ ही ब्रेंट ऑयल 118.96 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गया है।

उधर मंगलवार से दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल की कीमत 96.21 रुपये हो गई है। अब डीजल भी 87.47 रुपये प्रति लीटर हो गया है। पहले पेट्रोल के दाम 95.41 रुपये जबकि डीजल के 86.67 रुपये प्रति लीटर थे। पेट्रोल और डीजल के खुदरा मूल्य इससे पहले 4 नवंबर, 2021 को बढ़ाए गए थे।

दिल्ली में पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमत में कुल 80 पैसे की वृद्धि हुई है। उधर मुंबई में अब एक लीटर डीजल की कीमत 95.00 रुपये जबकि पेट्रोल की 110.82 रुपये में मिलेगा। कोलकाता में एक लीटर डीजल की कीमत 90.62 रुपये हो गई है।  वहीं पेट्रोल के दाम अब 105.51 रुपये पहुंच गए हैं।

उधर चेन्नई  में एक लीटर डीजल के लिए आपको 92.19 रुपये चुकाने होंगे. वहीं पेट्रोल के दाम 102.16 रुपये हो गए हैं। बेंगलुरु में एक लीटर डीजल की कीमत 85.01 रुपये हो गई है जबकि एक लीटर पेट्रोल 100.58 रुपये में मिलेगा। है दराबाद में एक लीटर डीजल के लिए अब आपको 94.62 रुपये चुकाने होंगे, वहीं एक लीटर पेट्रोल के दाम  108.20 हो गए हैं।

पटना में एक लीटर डीजल 91.09 रुपये जबकि एक लीटर पेट्रोल की कीमत 105.90 हो गई है। भोपाल में एक लीटर डीजल के लिए 90.87 रुपये वहीं एक लीटर पेट्रोल की कीमत 107.23 हो गई है। जयपुर में एक लीटर डीजल के दाम 90.70 रुपये जबकि एक लीटर पेट्रोल 107.06 हो गया है। लखनऊ में एक लीटर डीजल की कीमत 86.80 पहुंच गई है और एक लीटर पेट्रोल के दाम 95.28 हो गए हैं।

सीएम मान ने पंजाब में मंत्रियों में विभागों का बंटवारा किया

पंजाब के मुख्‍यमंत्री भगवंत मान ने सोमवार को अपने मंत्रियों में विभागों का बंटवारा कर दिया है। मान ने महत्वपूर्ण गृह मंत्रालय अपने पास रखने का फैसला किया है।

प्रमुख महकमों हरपाल चीमा वित्त मंत्री बनाया गया है। शिक्षा मंत्रालय मीत हायर को दिया गया है। विजय सिंघला स्वास्थ्य मंत्री बनाया गया है। हरजोत बैंस कानून और टूरिज्म मंत्री होंगे।

बलजीत कौर सामाजिक सुरक्षा, महिला और बाल विकास मंत्रालय संभालेंगी जबकि बिजली मंत्रालय हरभजन सिंह ईटीओ के  जिम्मे रहेगा। लाल चंद के पास फ़ूड और सप्लाई विभाग की जिम्‍मेदारी होगी।

ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल होंगे जबकि लालजीत सिंह भुल्लर को परिवहन मंत्रालय और ब्रह्म शंकर जिम्पा के पास पानी के साथ साथ आपदा मंत्रालय की जिम्‍मेदारी होगी।

इस बीच एडीआर की एक रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब के कुल 11 केबिनेट मंत्रियों में से 7 के खिलाफ आपराधिक मामले हैं जबकि इनमें से 9 करोड़पति हैं।

धामी होंगे उत्तराखंड के सीएम, दूसरी बार बनने वाले पहले नेता

अपनी सीट से चुनाव हारने के बावजूद भाजपा नेतृत्व ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की योगयता पर भरोसा जताते हुए उन्हें उत्तराखंड की कमान फिर से सौंपने का फैसला किया है। धामी को सोमवार को उत्तराखंड भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे।

धामी राज्य के लगातार दो बार मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं। उत्तराखंड के पर्यवेक्षक बनाये गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में देहरादून में हुई इस बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाई गई। भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी उपस्थित थे। विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी भी बैठक में उपस्थित थीं।

आज सुबह से चर्चा थी कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही फिर से उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। उनके अब किसी सीट से उपचुनाव के जरिये विधायक बनने की सम्भावना है। वे प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री होंगे।

धामी के अलावा सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और ऋतु खंडूड़ी के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में थे। याद रहे रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर उत्तराखंड के नए मुख्‍यमंत्री को लेकर चर्चा हुई थी।