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धामी होंगे उत्तराखंड के सीएम, दूसरी बार बनने वाले पहले नेता

अपनी सीट से चुनाव हारने के बावजूद भाजपा नेतृत्व ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की योगयता पर भरोसा जताते हुए उन्हें उत्तराखंड की कमान फिर से सौंपने का फैसला किया है। धामी को सोमवार को उत्तराखंड भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है। इस मौके पर पार्टी के वरिष्ठ नेता और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी उपस्थित थे।

धामी राज्य के लगातार दो बार मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता हैं। उत्तराखंड के पर्यवेक्षक बनाये गए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में देहरादून में हुई इस बैठक में नए मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगाई गई। भाजपा के प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम भी उपस्थित थे। विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी भी बैठक में उपस्थित थीं।

आज सुबह से चर्चा थी कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को ही फिर से उत्तराखंड का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। उनके अब किसी सीट से उपचुनाव के जरिये विधायक बनने की सम्भावना है। वे प्रदेश के 12वें मुख्यमंत्री होंगे।

धामी के अलावा सतपाल महाराज, धन सिंह रावत और ऋतु खंडूड़ी के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में थे। याद रहे रविवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर उत्तराखंड के नए मुख्‍यमंत्री को लेकर चर्चा हुई थी।

‘दिलदार’ गाने के साथ मनोज तिवारी ने की भोजपुरी फिल्म इंडस्ट्री से फूहड़ता हटाने की शुरुआत, फैंस कर रहे है बेहद पसंद

सांसद व भोजपुरी जगत के दिग्गज गायक व अभिनेता मनोज तिवारी ने उनके द्वारा गाए हुए ‘दिलदार’ गाने के साथ एक बार फिर भोजपुरी इंडस्ट्री में अपनी जोरदार एंट्री  की है। इस गाने को भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री की नई शुरुआत भी कहा गया है।

यह गाना वाराणसी में फिल्माया गया है। और इस गाने को बनाने में कुल लागत 80 लाख आर्इ है। जहां भोजपुरी इंडस्ट्री में गानों की कुल लागत अत्यधिक 10 लाख रखी जाती है। वहीं इस गाने में कुल लागत 80 लाख आर्इ है जो कि अपने आप में एक इतिहास है।

इस गाने में मनोज तिवारी समेत विशाल मिश्रा, विशाल आदित्य सिंह और अपर्णा दीक्षित शामिल है। इस गाने का ऑडियो 17 मार्च को गानों के अलग-अलग प्लेटफार्म पर रिलीज किया चुका था। परंतु गाने की फुल वीडियो 21 मार्च को दिल्ली के एक होटल में रिलीज की गर्इ।

कलाकार से राजनेता बने मनोज तिवारी के फैंस को उनके कमबैक का एक लंबे समय से इंतजार था। गाने की ऑडियो रिलीज होते ही लोग उनके इस नए गाने को खूब पसंद कर रहे है साथ ही सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया भी दे रहे है।

दिल्ली में लॉन्च हुए गाने में मुख्य अतिथि भाजपा सांसद निशिकांत दुबे रहे और उन्होंने इस गाने की तारीफ करते हुए कहा कि यह गाना भोजपुरी इंडस्ट्री के लिए एक नयी शुरुआत है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा कि, “यह गाना भोजपुरी म्यूजिक इंडस्ट्री से फूहड़ता को हटाने की शुरुआत है। कई लोगो ने इस इंडस्ट्री में बेहद खराब गाने बनाए है, लेकिन इस बेहतरीन गाने से भोजपुरी इंडस्ट्री में एक बेहतर बदलाव आएगा और इस बदलाव को आगे भी जारी किया जाएगा।“

पत्रकारों को संबोधित करते हुए मनोज तिवारी ने कहा कि, “आज का दिन मेरे लिए बेहद खास है क्योंकि यह मेरा 5000 वां गाना है। ठीक आज ही के दिन 21 मार्च 1996 में मेरा पहला गाना रिलीज हुआ था और आज मेरे इस इंडस्ट्री में 26 साल पुरे हो गए है। आशा करता हूं, भोजपुरी इंडस्ट्री में इस गाने से फूहड़पन को खत्म करने की शुरुआत मेरे फैंस को पसंद आएगी।“

शरद यादव विपक्ष को एक कर भाजपा को सत्ता से करेगें बेदखल 

लोकतांत्रिक जनता दल के नेता शरद यादव ने अचानक अपने पुराने साथी लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के साथ विलय कर बिखरे पड़े विपक्ष को साफ संदेश दिया है कि अब विपक्ष को एक करने का समय आ गया है।
शरद यादव का कहना है कि आगामी 2024 के लोकसभा के चुनाव में अगर भाजपा को चुनाव में हराना है तो विपक्ष दलों को आपसी सहमति से एकता के साथ चुनाव लड़ना होगा। अन्यथा मौजूदा समय में भाजपा को सत्ता से वे दखल करना मुश्किल होगा।
आपको बता दे, शरद यादव देश की राजनीति में अहम् भूमिका निभाते आये है। उनका राजनीतिक कैरियर ऐसा है जितनी उनकी विपक्ष में लोकप्रियता है उतनी ही उनका सत्ता पक्ष में रही है। शरद यादव के करीबी एक नेता ने बताया कि सियासत में कब कौन किस दल से विलय कर लें और कौन कब किससे अलग होकर अपना अलग से दल बना लें, ऐसा कुछ भी कहा नहीं जा सकता है।
शरद यादव ने 2018 में नीतीश कुमार से अलग होकर 2019 में मधेपुरा से सांसद का चुनाव लड़ा था। लेकिन चुनाव हार गये थे। तब से वे सक्रिय राजनीति में नहीं दिखें। लेकिन अब माना जा रहा है कि वे फिर से सक्रिय राजनीति कर विपक्ष को एकजुट करने में लगें।
जानकारों का कहना है कि शरद यादव सुलझे हुये नेता है और उनकी राजनीतिक क्षवि तेज तर्रार नेता की रही है। उनको पिछड़ो का नेता माना जाता है। शरद यादव ने पिछड़ों के अधिकारों की लड़ाई कई मोर्चे पर लड़ी है। ऐसे में शरद यादव के लालू यादव की पार्टी में विलय होने से राष्ट्रीय जनता दल को मजबूती मिलेगी। साथ ही बिहार के रास्ते उत्तर प्रदेश में सपा को भी मजबूती मिल सकती है। क्योंकि जिस अंदाज में उत्तर प्रदेश के चुनाव परिणाम चौंकाने वाले आये है उससे तो लगता है कि कई बडे नेता एक दल से दूसरे दल जा सकते है।

चीन में 132 यात्रियों को ले जा रहा विमान दुर्घटनाग्रस्त

चीन में एक बोईंग 737 विमान हादसे का शिकार हो गया है, जिसमें 132 लोग सवार थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक जहाज़ में सवार ज्यादातर लोगों की मौत हो गयी है। हादसे के बाद जहाज़ में आग लग गयी और इलाके में धुएं के गुबार देखे गए। जहाज़ में कुल 133 लोगों की बुकिंग थी, लेकिन अंतिम समय में एक यात्री ने टिकट कैंसिल कर दी थी। उधर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।

आशंका जताई गयी है कि इस  हादसे में कई लोगों की जान चली गयी है। चीन के सरकारी मीडिया ने हादसे की पुष्टि की है। रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे का शिकार विमान चाइना ईस्ट्रन एयरलाईंस का था। एमयू 5735 प्लेन ने दक्षिण पश्चिम चीन के युन्नान प्रांत से करीब सवा एक बजे उड़ान भरी थी।

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यह हादसा गुआंग्शी क्षेत्र के वूझोउ शहर के पास एक पहाड़ी ग्रामीण इलाके में हुआ है। यह विमान कुन्मिंग से गुआंगज़्हौ जा रहा था और हादसे के समय उसमें 132 लोग सवार थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक जहाज़ में कुल 133 लोगों की बुकिंग थी, लेकिन अंतिम समय में एक यात्री ने टिकट कैंसिल कर दी थी।

हादसे के बाद वहां आग की ऊंची लपटें उठती हुई देखी गईं जिससे आशंका जताई जा रही है कि हादसे में काफी यात्रियों की जान जा सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बचाव दल को घटनास्थल पर भेजा गया है। उधर चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं।

पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के पोते संधवां सर्वसम्मति से बने पंजाब विधानसभा स्पीकर

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक कुलतार सिंह संधवां सोमवार को सर्वसम्मति से पंजाब विधानसभा के अध्यक्ष चुने गए। संधवां पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के छोटे भाई के पोते हैं। विपक्ष के सदस्यों ने संधवां के नाम के सत्तारूढ़ दल के प्रस्ताव का समर्थन किया और इस तरह उन्हें निर्विरोध विधानसभा का अध्यक्ष चुन लिया गया। चुनाव के बाद सीएम मान और विपक्ष के वरिष्ठ विधायक संधवां आसन तक ले गए।

मान ने स्पीकर कुलतार सिंह संधवां का स्वागत किया और विपक्ष का स्पीकर निर्विरोध चुनने पर आभार जताया। बता दें हाल के विधानसभा चुनाव में आप को 117 की विधानसभा में 92 सीटें मिली हैं, जिससे उसका तीन चौथाई बहुमत है। कांग्रेस को इस चुनाव में 18 सीटें मिली थीं और दूसरे नंबर पर रही है।

याद रहे आज स्पीकर चुने गए कुलतार सिंह संधवां पूर्व राष्ट्रपति ज्ञानी जैल सिंह के छोटे भाई के पोते हैं। संधवां कर्नाटक यूनिवर्सिटी से ऑटोमोबाइल इंजीनियरिंग के डिग्री होल्डर हैं। राजनीति में वे साल 2003 में आए जब उन्होंने पहली बार पंचायत का चुनाव लड़ा। इसके बाद 2003 से 2008 तक गांव के सरपंच रहे।

संधवां ने 2011-12 में आम आदमी पार्टी ज्वाइन की जब देश में अण्णा हज़ारे शुरू होने के बाद अरविन्द केजरीवाल ने इसका गठन किया। पंजाब के कोटकपूरा हलके से आप के टिकट पर चुने गए संधवां की विधानसभा में यह दूसरी पारी है। कांग्रेस और अकाली दल के गढ़ कोटकपूरा से वह 2017 में पहली बार विधायक चुने गए थे।

इससे पहले आप के विधायक इंदरबीर सिंह निज्जर ने अस्थायी अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) के रूप में विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों को शपथ दिलाई।

आप के राज्यसभा उम्मीदवार- आम आदमी पार्टी ने पंजाब से राज्यसभा के होने वाले चुनाव के लिए पंजाब से पांच नामों की घोषणा की है। इनमें क्रिकेटर हरभजन सिंह भी शामिल हैं। अन्य में राघव चड्ढा, आप के पंजाब सह प्रभारी और दिल्ली के विधायक, डॉ. संदीप पाठक, आईआईटी के प्रोफेसर, अशोक मित्तल, संस्थापक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर और उद्योगपति संजीव अरोड़ा शामिल हैं।

डीजल के थोक के रेट बढ़ने से बढ़ेगी महंगाई

डीजल के थोक के रेट में प्रति लीटर 25 रुपये बढ़ाये जाने से अब बाजारों में हर वस्तु पर महंगाई की मार निश्चित है। तहलका संवाददाता को ट्रांसपोर्टरों और व्यापारियों ने बताया कि, प्रति लीटर अचानक 25 रूपये के बढ़ाये जाने से बाजार में हाहाकार का माहौल बनने लगा है। वहीं कुछ लोग अभी से डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी को लेकर काला बाजारी करने में लगे है। जिससे गरीबों को काफी महंगाई की मार सहने को मजबूर होना पड़ेगा।

सरोजिनी नगर मार्किट एसोसिएशन के अध्यक्ष अशोक रंधावा का कहना है कि सरकार सत्ता के नशे में चूर है। वो ये नहीं देख रही है कि पहले कोरोना के कारण लोगों के काम-धंधे प्रभावित हुये थे। जिससे मध्यम वर्ग को काफी रोजी-रोटी चलाना मुश्किल हुआ है। जैसे-तैसे काम धंधा चला ही है। कि अब यूक्रेन और रूस की जंग के कारण डीजल के दामों में बढ़ोत्तरी हो रही है। ऐसे में सरकार को देश के आम लोगों की माली हालत को देखते हुये।

डीजल के दामों में कम से कम बढ़ोत्तरी करनी चाहिये अन्यथा महगांई की मार गरीबों को झेलना मुश्किल होगी। वहीं ट्रांसपोर्टर लक्खा सिंह का कहना है कि आज भले ही थोक में डीजल के दाम 25 रूपये बढाये गये है। मतलब आने वाले दिनों में किराया-भाड़ा का बढ़ना बहुत जरूरी होगा। अब ट्रांसपोर्टरों के द्वारा किराया भाड़ा बढ़ाये जाने की मांग बढ़ेगी। अगर ट्रांसपोर्टरों की मांग नहीं मानी गयी तो वो देश भर में ट्रकों की हड़ताल कर देगें। जिससे जरूरतों के सामान का आना-जाना रूकेगा।

उन्होंने आगे बताया कि सियासत अपना फायदा को देखते हुये चुनाव के दौरान डीजल-पैट्रोल के दामों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की है। अब चुनाव हो गये है। सरकार बन गई है। फिलहाल देश में 6 महीने कहीं कोई चुनाव नहीं है। सो सरकार ने महंगाई का रास्ता थोक के दाम बढ़ाकर आसानी ने निकालने का काम किया है। ऐसे में महंगाई की मार से जनता टूट जायेगी।

मान मंत्रिमंडल की पहली बैठक में खाली पड़े 25 हजार पदों पर नियुक्तियों का फैसला

मंत्रियों की शपथ के बाद शनिवार दोपहर हुई मंत्रिमंडल की पहली बैठक में भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार ने पंजाब के बोर्डों, कॉरपोरेशनों और सरकारी दफ्तरों में खाली पड़े 25 हजार पदों पर तत्काल नियुक्तियों को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा और कई फैसले भी किये गए हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में हुई पहली बैठक में मंत्रिमंडल ने राज्य के युवाओं को बड़ी सौगात दी है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक, मान ने मंत्रिमंडल की बैठक में बड़े पैमाने पर सरकारी पदों पर नियुक्ति को हरी झंडी दे दी।

बैठक में किये फैसलों की जानकारी के मुताबिक सूबे के बोर्डों, कॉरपोरेशनों और सरकारी दफ्तरों में खाली पड़े 25 हजार पदों पर तत्काल बहाली को मंजूरी दे दी गयी है। इसके अलावा सप्लीमेंटस ग्रांट को भी मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी है। बैठक में बताया गया कि सरकार जून में अपना पहला बजट विधानसभा में पेश करेगी।

याद रहे चुनावी रैलियों में मान भ्रष्टाचार और रोजगार को मुख्य मुद्दा बनाते रहे थे। अब उन्होंने इस पर अमल करना शुरू भी कर दिया है। तीन दिन पहले ही उन्होंने भ्रष्टाचार को लेकर हेल्पलाइन नंबर जारी किया था।

बाइडेन चीन से बोले, रूस की मदद के नतीजे तो निकलेंगे  

रूस-यूक्रेन जंग के बीच अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने शुक्रवार चीनी राष्ट्रपति  शी जिनपिंग को चेतावनी दी कि यदि उनका देश (चीन) यूक्रेन के शहरों पर भीषण हमले कर रहे रूस को मदद का फैसला करता है, तो बीजिंग के लिए इसके क्या निहितार्थ और नतीजे होंगे। बाइडेन ने संकट के राजनयिक समाधान का समर्थन किया।

व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि बाइडेन और जिनपिंग में वीडियो कॉल से हुई बातचीत यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के बाद दोनों नेताओं में पहली थी। यह बातचीत करीब 2 घंटे से कुछ कम समय तक चली। अधिकारियों ने मीडिया के लोगों  को बताया कि यह बातचीत मुख्य रूप से यूक्रेन में रूस के विशेष सैन्य अभियान और अमेरिका-चीन संबंधों के अलावा अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए उसके निहितार्थ पर केंद्रित थी।

अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रपति बाइडेन ने रूस पर प्रतिबंध लगाने सहित उन उपायों के बारे में बताया, जिनका मकसद हमले रोकना और उनका जवाब देना है। उनके मुताबिक अगर चीन ने यूक्रेन पर हमला कर रहे रूस की मदद की तो इसके क्या निहितार्थ और परिणाम हो सकते हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हालांकि, बाद में बाइडेन प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने सार्वजनिक रूप से यह बताने से इनकार किया कि ‘मॉस्को के करीबी सहयोगी बीजिंग के लिए इसके क्या नतीजे हो सकते हैं।’

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा – ‘बातचीत का अधिकांश हिस्सा यूक्रेन संकट पर अमेरिका, उसके सहयोगियों और भागीदारों के विचारों को रेखांकित करने में बीता और इस दौरान बाइडन ने जिनपिंग को बताया कि हम यहां कैसे पहुंचे, हमने क्या कदम उठाए, हम क्यों इस हद तक गए। बातचीत के दौरान बाइडेन ने जिनपिंग को पुतिन के कदमों को लेकर अमेरिकी आकलन से अवगत कराया।

बातचीत में अमेरिकी राष्ट्रपति ने संकट के राजनयिक समाधान के प्रति अपना समर्थन जताया। अधिकारी के अनुसार, बाइडन ने यूक्रेन को लेकर अमेरिका और इसके यूरोपीय, नाटो और हिंद-प्रशांत भागीदारों के बीच अभूतपूर्व समन्वय और रूसी आक्रमण की वैश्विक निंदा का भी जिक्र किया।

उत्तर प्रदेश सरकार के गठन के बाद हो सकती है एमसीडी चुनाव की घोषणा

उत्तर प्रदेश सरकार के गठन के बाद दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनाव की घोषणा हो सकती है।उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की शपथ 25 मार्च को योगी आदित्यनाथ लेंगे। प्रदेश में भाजपा को मिली जीत का सही मायने लाभ लेने के लिये सियासी गुणा-भाग पर काम किया जा रहा है। तभी तो एमसीडी के चुनाव की तारीख को लेकर कांग्रेस और आप पार्टी ने भाजपा पर आरोप लगाया है। कि भाजपा एमसीडी का चुनाव हार रही है। सो उसने एमसीडी चुनाव की तारीख को आगे बढ़ाया है।
एमसीडी चुनाव को निर्धारित समय पर कराये जाने को लेकर आप पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया है।
बताते चलें एमसीडी में भाजपा 15 साल से काबिज है। सो ऐन-केन प्रकारेण वह एमसीडी में जीत हासिल करने के लिये अपनी राजनीति के तहत काम कर रही है। लेकिन भाजपा का कहना है कि चुनाव करवाना और चुनाव की तारीख कब घोषित करना है ये सब चुनाव आयोग के हाथ में है। ऐसे में आप पार्टी और कांग्रेस अगर भाजपा पर आरोप लगाती है। तो वह सियासी चाल है। जनता को गुमराह करने का तरीका है। जबकि सच्चाई ये है। आप पार्टी को जनता एमसीडी के चुनाव में हरा देगी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जगदीश सिंह ने बताया  कि देश में जब से आप पार्टी और भाजपा का आपसी सियासी तालमेल हुआ है। तब से देश की राजनीति में अस्थिरता सी आ गयी है। ऐसे में कब चुनाव की तारीख षोघित होगी कब नहीं होगी कुछ कहा नहीं जा सकता है। उनका कहना है कि एक देश में फ्री की राजनीति कर विकास कार्यो का पलीता लगा रहा है। वहीं दूसरी पार्टी देश में बड़े-बड़े सपने दिखाकर लोगों को गुमराह करने में लगी है।
ऐसे में सही मायने में कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी है जो देश में सभी धर्मो के लोगों को साथ लेकर और सभी वर्ग को लेकर सियासत करती है। लेकिन मौजूदा समय में कांग्रेस छोड़ अन्य दल अपने लाभ के लिये तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे है। यही हाल दिल्ली की सियासत को लेकर हो रहा है जिसका नतीजा ये है कि चुनाव को हार-जीत के पैमाने पर नाप पर चुनाव को आगे व पीछा किया रहा है। जो लोकतंत्र के लिये ठीक नहीं है। कांग्रेस ने भी एमसीडी के चुनाव समय पर करवाने की मांग की है। 

रूस ने यूक्रेन के खिलाफ पहली बार इस्तेमाल की घातक किंजल मिसाइल

रूस ने दो हफ्ते से यूक्रेन से चल रहे युद्ध में पहली बार शनिवार को अपनी नवीनतम किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल से हमला किया है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि रूसी सेना ने किंजल का इस्तेमाल पश्चिमी यूक्रेन में एक हथियार भंडारण स्थल को नष्ट करने के लिए किया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक रूस ने किंजल हाइपरसोनिक मिसाइल का निर्माण हाल में किया है। हेग स्थित इंटरनैशनल कोर्ट आफ जस्टिस (आईसीजे) के रूस को युद्ध रोकने के निर्देश और अमेरिका और नाटो देशों के कड़े प्रतिबंधों के बावजूद रूस ने इस मिसाइल  है।

बता दें रूस ने इससे पहले यूक्रेन के साथ युद्ध में कभी यह नहीं माना है कि उसने उच्च-सटीक हथियार का इस्तेमाल किया है। रूसी समाचार एजेंसी आरआईए  नोवोस्ती ने कहा – ‘यह पश्चिमी यूक्रेन में संघर्ष के दौरान किंजल हाइपरसोनिक हथियारों का पहला प्रयोग है। रूस ने शुक्रवार को यूक्रेन में पहली बार अपनी नई किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलों का इस्तेमाल देश के पश्चिम में एक हथियार भंडारण ठिकाने को नष्ट करने के लिए किया।’

आरआईए नोवोस्ती ने कहा कि ‘यह पश्चिमी यूक्रेन में संघर्ष के दौरान किंजल हाइपरसोनिक हथियारों का पहला उपयोग था। हाइपरसोनिक एरोबॉलिस्टिक मिसाइलों के साथ किंजल विमानन मिसाइल प्रणाली ने इवानो-फ्रैंकिवस्क क्षेत्र के डेलियाटिन गांव में मिसाइलों और विमानन गोला-बारूद वाले एक बड़े भूमिगत गोदाम को नष्ट कर दिया।’

यूक्रेन के साथ रूस का युद्ध लगातार जारी है और यूक्रेन के कई शहर इन हमलों में लगभग नष्ट हो गए हैं। हालांकि, यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की लगातार कह रहे हैं कि पूरा देश रूस के खिलाफ साथ खड़ा है।