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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की पश्चिमी सीमा पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा

आमने-सामने की लड़ाई में भारतीय सेना से बुरी तरह पिछड़ने के बाद पाकिस्तान ने सीमा पार से फायरिंग व गोला बारूद न दागने की बात कही है। पाकिस्तानी सेना के पीछे हटने के बाद मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सीडीएस, थल सेना और नौसेना प्रमुख के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।

रक्षा मंत्रालय ने इस संबंध में आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि नई दिल्ली में हुई बैठक के दौरान देश की पश्चिमी सीमा को लेकर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की गई। रक्षा मंत्री ने सीमा सुरक्षा को लेकर यह समीक्षा की। बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना स्टाफ के प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी, थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी, रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह शामिल हुए। वहीं वायुसेना प्रमुख की अनुपस्थिति में वायु सेना के उप प्रमुख एयर मार्शल नर्मदेश्वर तिवारी इस समीक्षा बैठक में उपस्थित रहे।

जानकारी के मुताबिक बैठक के दौरान रक्षा मंत्री को पाकिस्तान से लगती नियंत्रण रेखा व अंतरराष्ट्रीय सीमा के संबंध में विस्तृत जानकारी दी गई। माना जा रहा है कि रक्षा मंत्री को भारत व पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस के बीच हुई वार्ता की भी जानकारी दी गई। यह वार्ता सोमवार शाम पांच बजे हॉटलाइन पर हुई थी। इस बातचीत में पाकिस्तान ने कहा है कि वह सीमा पार से एक भी गोली नहीं चलाएगा। वार्ता में कहा गया है कि दोनों पक्षों को एक भी गोली नहीं चलानी चाहिए। एक-दूसरे के खिलाफ कोई आक्रामक और शत्रुतापूर्ण कार्रवाई शुरू नहीं करनी चाहिए।

सेना के मुताबिक इस बात पर सहमति हुई कि दोनों पक्ष यानी भारत और पाकिस्तान सीमाओं और अग्रिम क्षेत्रों से सैनिकों की संख्या में कमी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल उपायों पर विचार करें। इसके अलावा भारत व पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हुई अन्य बातचीत की भी पूरी जानकारी रक्षा मंत्री को दी गई है।

वहीं भारत आज यानी मंगलवार को नई दिल्ली में विभिन्न देशों के रक्षा अताशे (डीए) को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तकनीकी विवरण से अवगत कराएगा। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ भारतीय सेनाओं द्वारा आतंकवाद के विरोध में शुरू किया गया सैन्य अभियान है। अब भारतीय सशस्त्र बल विभिन्न देशों के रक्षा अताशे के साथ महत्वपूर्ण जानकारी और परिचालन डेटा साझा करेंगे। इस दौरान स्वदेशी वायु रक्षा प्रणालियों की परफॉर्मेंस और 7 से 10 मई के बीच किए गए स्ट्राइक मिशन के परिणाम शामिल हैं। सूत्रों ने पुष्टि की है कि इस सत्र में कई घटनाक्रमों पर चर्चा होगी, जिसमें भारत के वायु रक्षा बलों द्वारा चीनी और तुर्की निर्मित ड्रोनों और पीएल-15 मिसाइलों को नष्ट करना शामिल है, जिससे भारतीय हवाई क्षेत्र में किसी भी तरह की घुसपैठ को रोका जा सका।

डीजीएमओ की बातचीत से पहले प्रधानमंत्री  मोदी की बैठक, सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद

भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ की बातचीत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बड़ी बैठक हो रही है। बताया जा रहा है कि इस बैठक में शामिल होने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस, तीनों सेना के अध्यक्ष और अन्य कई अधिकारी भी प्रधानमंत्री आवास पहुंचे हैं।

बता दें कि दोपहर 12 बजे भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ की हॉटलाइन पर बात होगी, जिसमें सीजफायर को लागू रखने और लंबे समय तक शांति कायम रखने पर चर्चा हो सकती है। साथ ही पाकिस्तान की ओर से किए गए सीजफायर उल्लंघन का मुद्दा भी उठाया जा सकता है।

इससे पहले, 11 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर शीर्ष रक्षा अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेनाओं के प्रमुख मौजूद रहे।

यह बैठक पाकिस्तान के साथ सीमा पर तनावपूर्ण शांति के बीच हुई, जहां फिलहाल संघर्ष विराम के उल्लंघन की कोई नई घटना सामने नहीं आई है। दरअसल, शनिवार शाम को पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का उल्लंघन किया, लेकिन देर रात में शांति बनी रही। पाकिस्तान ने संघर्ष विराम का पालन करने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी।

इससे पहले, रविवार शाम को भारतीय थल सेना के महानिदेशक सैन्य अभियान (डीजीएमओ) लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का मुख्य उद्देश्य आतंकवाद को खत्म करना था, जिसमें भारतीय सेना ने जबरदस्त सफलता हासिल की।

लेफ्टिनेंट जनरल घई ने बताया कि ऑपरेशन के तहत 100 से अधिक आतंकवादियों को मार गिराया गया, साथ ही उनके कई ठिकानों को भी नेस्तनाबूद किया गया। उन्होंने कहा, “हमने आतंकवादी हमले का माकूल जवाब दिया है और सबूतों के साथ आतंकी अड्डों को तबाह करने की पुष्टि भी की है।”   

हमारी लड़ाई आतंकवादियों और आतंकवाद के खिलाफ थी- भारतीय सेना

ऑपरेशन सिंदूर के हर एक क्षेत्र में, तीनों सशस्त्र बलों के बीच पूर्ण तालमेल रहा है, जिसे सरकार, विभागों और 140 करोड़ भारतीयों का समर्थन प्राप्त है।”

नई दिल्ली- भारतीय सशस्त्र सेनाओं ने आज  कहा हमारी लड़ाई  आतंकवादियों  और आतंकवाद के खिलाफ थी । पाकिस्तान सेना से नहीं ।  पाकिस्तान सेना  ने  आतंकवादियों के समर्थन में इस लड़ाई में शामिल होने का फैसला लिया । जिसके  कारण भारत को उसके सैनिक ठिकानों को निशाना बनाना पड़ा।इसलिए इस संघर्ष में पाकिस्तान को जो नुकसान हुआ है उस के लिए वह खुद जिम्मेदार है।
 ऑपरेशन सिंदूर पर तीनों सेनाओं के डीजीएमओ  द्वारा सोमवार  को प्रेस ब्रीफिंग की गई. आर्मी में  लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, नेवी से वाइस एडमिरल ए एन प्रमोद और एयरफोर्स से एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर जानकारी दी। वहीं डीजीएमओ ब्रीफिंग के दौरान, भारतीय सेना ने पाकिस्तानी मिराज का मलबा दिखाया. वहीं एयर मार्शल एके भारती ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायुसेना द्वारा निशाना बनाए गए लक्ष्यों की समग्र तस्वीर पेश की.
एयर मार्शल एके भारती ने बताया कि हमारा एयर डिफेंस सिस्टम मल्टीलेयर है। पाकिस्तान के सभी ड्रोन को स्वदेशी काउंटर ड्रोन सिस्टम से गिराया गया। हमारी लड़ाई आतंकवाद और आतंकियों के खिलाफ थी। इसलिए 7 मई को हमने केवल आतंकी ठिकानों पर ही हमला किया था पर अफसोस इस बात का है कि पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों का साथ देना उचित समझा। इस लड़ाई को अपनी लड़ाई बना ली। हमारी एयर डिफेंस सिस्टिम दीवार की तरह खड़ी थी और इसको भेदना दुश्मन के लिए असंभव था। तुर्की के ड्रोन हो  या कहीं की भी कोई शास्त्र तकनीक हो हमारी स्वदेशी रक्षा प्रणाली, प्रशिक्षित योद्धा उससे मुकाबले के लिए तैयार है। ऑपरेशन सिंदूर में हमारा नुकसान बेहद मामूली रहा है । हमारे सैन्य प्रतिष्ठान,शास्त्र प्रणालियों पूरी तरह से कार्यशील है, जरूरत पढ़ने पर हम अगले मिशन के लिए तैयार है ।
उन्होंने कहा के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान सेना द्वारा इस्तेमाल किए गए चीन के हथियार नाकाम साबित हुए । पिछले दस साल में सरकार से सेनाओं को जो बजटीय समर्थन मिल है. उससे हमें देश की वायुरक्षा प्रणाली मजबूत एवं आधुनिक बनाएं में बढ़ी मदद मिली है । ऑपरेशन सिंदूर के हर एक क्षेत्र में, तीनों सशस्त्र बलों के बीच पूर्ण तालमेल रहा है, जिसे सरकार, विभागों और 140 करोड़ भारतीयों का समर्थन प्राप्त है।”

वाइस एडमिरल ए एन प्रसाद ने कहा कि भारतीय नौसेना ने पाकिस्तान के किसी भी खतरे से निपटने के लिए कई लेयर की तैयारी कर ली थी। हमने लड़ाकू और टोही विमान को काम पर लगा दिया था। हमने अत्याधुनिक रेडार का इस्तेमाल करते हुए हमारे पायलट दिन और रात दोनों ही वक्त तैयार थे। हमने सैकड़ों किलोमीटर कि निगरानी की।   कोई भी संदिग्ध और दुश्मन के हवाई जहाज को कई सौ किलोमीटर तक पास आने का मौका नहीं दिया।जब पाकिस्तान एयरफोर्स ने हमारे एयर फील्ड पर लगातार हमले किए तो हमारे सिस्टम ने उसे विफल किया। हमारी एयरफील्ड हर तरह से ऑपरेशन है।पाकिस्तान की चीनी मूल की मिसाइल PL-15 भी गिराई।   उन्होंने बताया       स्वदेशी आकाश सिस्टम का इस्तेमाल हुआ।  पाकिस्तान के ड्रोन लेजर गन को भी टारगेट किया। पाकिस्तान के एक-एक ड्रोन को मार गिराया। पाकिस्तान के नूरखान एयरबेस को तबाह किया।

लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा, ” हमारे एयरफील्ड हर प्रकार से ऑपरेशनल है. पाकिस्तान के ड्रोन हमारे ग्रिड के कारण नष्ट हुई. मैं यहां पर अपने बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स की सहराना करता हूं. जिसके कारण पाकिस्तान की नापाक हरकतों का विनाश किया गया.
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की एयर डिफेंस कार्रवाई को हमें एक संदर्भ में समझने की जरूरत है. उन्होंने कहा, “पिछले कुछ सालों में आतंकी गतिविधियों के कैरेक्टर में बदलाव आ रहा था. अब हमारी सेना के साथ-साथ निर्दोष लोगों पर भी हमला हो रहा था. 2024 में शिवखोड़ी मंदिर की ओर जाने वाले तीर्थयात्री और इस साल अप्रैल में पहलगाम में मासूम पर्यटक को निशाना बनाया गया.”
उन्होंने कहा, “पहलगाम तक उनका पाप का घड़ा भर चुका था, क्योंकि आतंकियों पर हमारे सटीक हमले एलओसी  और आईबी को पार किए बिना किए गए थे. हमें पूरा अंदेशा था कि पाकिस्तान का हमला भी सीमा पार से ही होगा इसलिए हमने एयर डिफेंस की तैयारी की थी. जब 9-10 मई को पाकिस्तान की वायुसेना ने हमारे एयर फील्ड और लॉजिस्टिक इंस्टॉलेशन पर हमला किया तो वे इस मजबूत एयर डिफेंस ग्रिड के सामने विफल हुए।
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 एयर मार्शल ए.के. भारती  ने तुलसीदास कृत रामचरितमानस की एक चौपाई पढ़ी। विनय न मानत जलधि जड़, गए तीनि दिन बीति। बोले राम सकोप तब, भय बिनु होइ न प्रीति। एके भारती ने कहा कि यह चौपाई रामचरितमानस से है, जिसमें श्री राम ने समुद्र से रास्ता देने के लिए विनती की, मगर जब समुद्र ने तीन दिन तक उनकी विनती नहीं मानी, तो भगवान राम ने क्रोध में कहा कि बिना भय के प्रीति नहीं होती। यानी पाकिस्तान को अब साफ शब्दों में कह दिया गया है कि अगर उसने दोबारा ऐसी हरकत की तो उसका अंजाम उसे भुगतना पड़ेगा।
सोमवार को ब्रीफिंग की शुरुआत रामधारी सिंह दिनकर की एक कविता से  याचना नहीं, अब रण होगा’ गाने से शुरू हुई । 

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 एयर मार्शल ए.के. भारती ने  एक एक प्रश्न के जवाब में  कहा कि भविष्य के संघर्ष पिछले संघर्षों से काफी भिन्न होंगे और लगातार बदलते युद्ध के मैदान में विरोधियों से आगे रहने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “यह एक अलग तरह का युद्ध था और ऐसा होना तय है। भगवान न करे, लेकिन अगर हम कोई और युद्ध लड़ते हैं, तो वह इस युद्ध से बिल्कुल अलग होगा। यह एक बिल्ली और चूहे का खेल है, और हमें दुश्मन को हराने के लिए समय से पहले काम करना होगा।” जब उनसे पूछा गया कि क्या भारत ने किराना हिल्स पर हमला किया है, तो एयर मार्शल ए.के. भारती ने जवाब दिया, “हमें यह बताने के लिए धन्यवाद कि किराना हिल्स में कुछ परमाणु प्रतिष्ठान हैं, हमें इसके बारे में पता नहीं था। हमने किराना हिल्स पर हमला नहीं किया है, चाहे वहां कुछ भी हो।

बुद्ध पूर्णिमा की राष्ट्रपति मुर्मू और पीएम मोदी ने देशवासियों को दी शुभकामनाएं

देश में आज बुद्ध पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई नेताओं ने बुद्ध पूर्णिमा की देशवासियों को बधाई दी है।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक्स पर लिखा, “बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर मैं सभी देशवासियों और पूरे विश्व में भगवान बुद्ध के अनुयायियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देती हूं। करुणा के प्रतीक महात्मा बुद्ध का अहिंसा, प्रेम और करुणा का अमर संदेश समस्त मानवता के कल्याण का मूल मंत्र है। उनके आदर्शों से समानता, सद्भाव और न्याय जैसे शाश्वत मूल्यों में हमारी आस्था प्रबल होती है। उनकी शिक्षाएं हम सबको नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। आइए, हम सब महात्मा बुद्ध की शिक्षाओं को अपनाएं और अपने जीवन में सदाचार का अनुसरण करते हुए शांतिपूर्ण, सौहार्दपूर्ण एवं विकसित भारत के निर्माण में योगदान करें।”

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुद्ध पूर्णिमा की बधाई देते हुए एक्स पर लिखा, “बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर सभी नागरिकों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह पवित्र दिन भगवान बुद्ध के जन्म, ज्ञान प्राप्ति और महापरिनिर्वाण का प्रतीक है, जिनकी गहन बुद्धि चुनौतीपूर्ण समय में हमारे लिए ध्रुव तारे के रूप में कार्य करती है। भगवान बुद्ध का अहिंसा, दया और मध्यम मार्ग का संदेश आज की दुनिया में पहले से कहीं अधिक प्रासंगिक है, व्यक्ति और समग्र मानवता दोनों के लिए। आइए हम गौतम बुद्ध द्वारा बताए गए महान सिद्धांतों के प्रति खुद को फिर से प्रतिबद्ध करें और उनकी शिक्षाओं का प्रकाश सबके लिए अधिक शांतिपूर्ण, दया माया से भरा और सामंजस्यपूर्ण समाज बनाने की दिशा में मार्गदर्शन करें।”

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर लिखा, “सभी देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की ढेरों शुभकामनाएं। सत्य, समानता और सद्भाव के सिद्धांत पर आधारित भगवान बुद्ध के संदेश मानवता के पथ-प्रदर्शक रहे हैं। त्याग और तप को समर्पित उनका जीवन विश्व समुदाय को सदैव करुणा और शांति के लिए प्रेरित करता रहेगा।”

इसके अलावा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दी।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देशवासियों को बुद्ध पूर्णिमा की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा, “ज्ञान, करुणा और अहिंसा के मार्ग पर चलकर मानव समाज को समानता और एकता का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध का जीवन मनसा, वाचा और कर्मणा की त्रिवेणी है। भगवान बुद्ध से सभी के सुख और शांति की कामना करता हूं।”

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एक्स पर लिखा, “बुद्ध पूर्णिमा के पावन अवसर पर मैं शांति, ज्ञान और करुणा के प्रतीक महात्मा बुद्ध को नमन करता हूं। उनकी शाश्वत शिक्षाएं मानवता को सद्भाव, आत्म-साक्षात्कार और धर्म के मार्ग पर ले जाती हैं।”

बसपा सुप्रीमो मायावती ने एक्स पर लिखा, “सत्य, अहिंसा व मानवता के आदर्श ज्योति को दुनिया में फैलाकर भारत को जगदगुरु का सम्मान दिलाने वाले तथागत गौतम बुद्ध को आज उनकी जयंती पर शत्-शत् नमन व उनके अनुयाइयों को बुद्ध पूर्णिमा की हार्दिक बधाई एवं आतंक आदि से मुक्त सुखी जीवन की शुभकामनाएं। तथागत गौतम बुद्ध के बताए रास्ते पर सही से चलकर लोगों के जीवन को सुखी व सम्पन्न बनाना ही सच्चा राजधर्म। पड़ोसी देशों को भी इससे प्रेरणा लेनी चाहिए। साथ ही, ’अप्प दीपो भवः’ अर्थात शिक्षित बनो, खुद ऊपर उठो व अपना प्रकाश स्वयं बनो के सिद्धान्त से ही देश आत्मनिर्भर एवं महान बनेगा।”

भारत की सीमाओं और समुद्री क्षेत्रों की चौबीसों घंटे निगरानी के लिए इसरो के 10 सैटेलाइट्स- चेयरमैन

भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने सुरक्षा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं और समुद्री क्षेत्रों की चौबीसों घंटे निगरानी के लिए इसरो की 10 सैटेलाइट्स लगातार काम कर रही हैं। उनका यह बयान अगरतला स्थित केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (CAU) के दीक्षांत समारोह में सामने आया।

नारायणन ने स्पष्ट किया, “अगर हमें अपने देश की सुरक्षा सुनिश्चित करनी है तो हमें उपग्रहों के माध्यम से सेवा देनी होगी। हमारे 7,000 किलोमीटर लंबे समुद्री क्षेत्र की निगरानी उपग्रह और ड्रोन तकनीक के बिना संभव नहीं है।”

अब तक ISRO कुल 127 भारतीय सैटेलाइट्स लॉन्च कर चुका है। इनमें से 22 सैटेलाइट्स लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में हैं। 29 सैटेलाइट्स जियो-सिंक्रोनस ऑर्बिट में कार्यरत हैं। भारत के पास करीब एक दर्जन स्पाई और सर्विलांस सैटेलाइट्स हैं, जिनमें Cartosat, RISAT, EMISAT और Microsat सीरीज शामिल हैं। इन सैटेलाइट्स का उपयोग सीमाओं की निगरानी, दुश्मन की गतिविधियों पर नजर और राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े अन्य कार्यों के लिए किया जाता है।

ISRO जल्द ही अपनी निगरानी क्षमता को और मजबूत करने जा रहा है। 18 मई को EOS-09 (RISAT-1B) नामक रडार इमेजिंग सैटेलाइट को सूर्य-तुल्यकालिक कक्षा (Sun-Synchronous Orbit) में लॉन्च किया जाएगा। यह सैटेलाइट सीमाओं की निगरानी में अहम भूमिका निभाएगा।

IN-SPACe के चेयरमैन पवन गोयनका के मुताबिक, भारत अगले 5 वर्षों में 52 नए निगरानी उपग्रहों को लॉन्च करने की योजना पर काम कर रहा है। इस योजना में निजी क्षेत्र की भागीदारी भी बढ़ाई जाएगी। ये सैटेलाइट्स भारतीय सेना, नौसेना और वायु सेना को रीयल टाइम इंटेलिजेंस और निगरानी में सहायता प्रदान करेंगे।

नारायणन ने पूर्वोत्तर भारत के विकास में ISRO की भूमिका को भी रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि इसरो के कई सैटेलाइट्स इस क्षेत्र में विकास परियोजनाओं की निगरानी और कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं।

कार्यक्रम में मौजूद छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, “डिग्री लेने के बाद समाज को कुछ लौटाना आपकी जिम्मेदारी है। भारत जब आजादी के 100 साल पूरे करेगा, तब वह दुनिया को दिशा देने वाला राष्ट्र होगा।”

भारत-पाकिस्तान संघर्ष विराम के बाद सुधरने लगे हालात- भारतीय सेना

भारत और पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष विराम समझौते के बाद अब सीमा पर हालात सामान्य हो गए हैं। भारतीय सेना ने आज इस बात की पुष्टि करते हुए कहा कि अब तनाव की स्थिति नहीं है। बीती रात जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे अन्य इलाकों में भी शांति बनी रही, जो हाल के दिनों में एक सकारात्मक बदलाव है।

भारतीय सेना ने आज सुबह जारी एक बयान में कहा, “सीमा पर सब सामान्य है। पाकिस्तान की ओर से किसी भी तरह के हमले या अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।” सेना के अनुसार, हाल के दिनों में यह पहली ऐसी रात रही जब सीमा पर पूरी तरह से शांति कायम रही।

उधर, जम्मू-कश्मीर के अखनूर सेक्टर से भी सुबह के समय सामान्य जनजीवन की तस्वीरें सामने आई हैं। भारतीय सेना के अनुसार, जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे अन्य इलाकों में रात भर शांति रहने के बाद अब सुबह भी स्थिति सामान्य बनी हुई है और लोग अपने दैनिक कार्यों में जुटे हुए हैं।

हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि भारतीय जवाबी कार्रवाईयों से दबाव में आए पाकिस्तान ने अमेरिका के हस्तक्षेप से संघर्ष विराम करवाया है, लेकिन उसके लिए आगे की राह आसान नहीं होगी। फिलहाल, सीमा पर शांति का माहौल दोनों देशों के सीमावर्ती निवासियों के लिए एक बड़ी राहत है।

उत्तरकाशी में दर्दनाक हेलिकॉप्टर हादसा, 6 यात्रियों की मौत

उत्तरकाशी जिले में गुरुवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया। गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास एक प्राइवेट हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई और एक यात्री गंभीर रूप से घायल हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस, एसडीआरएफ, फायर ब्रिगेड, मेडिकल और आपदा प्रबंधन की टीमें तुरंत मौके पर पहुंचीं और रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

हेलिकॉप्टर एयरोट्रांस कंपनी का बताया जा रहा है, जिसने आज सुबह सहस्त्रधारा हेलीपैड से हर्षिल के लिए उड़ान भरी थी। हेलिकॉप्टर में कुल सात लोग सवार थे, जिनमें पायलट समेत पांच की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो यात्री गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में चार यात्री मुंबई के और दो आंध्र प्रदेश के बताए जा रहे हैं। घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया, जहां एक और यात्री ने दम तोड़ दिया। हादसे के कारणों की जांच की जा रही है।

उत्तराखंड में इन दिनों चारधाम यात्रा चल रही है और देशभर से हजारों श्रद्धालु केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं। कुछ यात्री पैदल यात्रा कर रहे हैं, जबकि कई लोग हेलिकॉप्टर सेवा का लाभ ले रहे हैं। इसी बीच मौसम विभाग ने देहरादून, उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, नैनीताल और चंपावत जिलों में हल्की से मध्यम बारिश, तेज हवाओं और बिजली गिरने की चेतावनी जारी की है। खराब मौसम के चलते हेलिकॉप्टर सेवाओं पर भी असर पड़ा है।

इससे पहले, सोमवार को भी बदरीनाथ धाम क्षेत्र में मौसम खराब होने के कारण तीर्थयात्रियों को लेकर देहरादून जा रहे एक हेलिकॉप्टर को गोपेश्वर खेल मैदान में इमरजेंसी लैंडिंग करनी पड़ी थी। मैदान में निर्माण कार्य चलने के बावजूद पायलट ने सूझबूझ दिखाते हुए सुरक्षित लैंडिंग कराई। मौसम सामान्य होने के बाद हेलिकॉप्टर ने फिर से उड़ान भरी।

लगातार हो रही घटनाओं ने चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं की चिंता बढ़ा दी है। प्रशासन ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की ताजा जानकारी लेकर ही यात्रा करें और सुरक्षा निर्देशों का पालन करें।

भारत-पाक तनाव के बीच श्रीनगर एयरपोर्ट पर नागरिक उड़ानें बंद

श्रीनगर: ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव के चलते श्रीनगर समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में नागरिक उड़ानों को बुधवार के लिए स्थगित कर दिया गया है।

श्रीनगर एयरपोर्ट के निदेशक जावेद अंजुम ने पुष्टि की कि एयरफील्ड बुधवार को बंद है और यहां से कोई भी नागरिक उड़ान संचालित नहीं होगी।

स्पाइसजेट ने एक्स पर एक बयान में कहा कि श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह, धर्मशाला और अन्य उत्तरी क्षेत्रों के हवाई अड्डे अगली सूचना तक बंद रहेंगे। “प्रस्थान, आगमन और कनेक्टिंग फ्लाइट्स प्रभावित हो सकती हैं। यात्रियों से अनुरोध है कि वे अपनी यात्रा की योजना उसी अनुसार बनाएं,” एयरलाइन ने कहा।

इंडिगो ने भी एक ट्रैवल एडवाइजरी जारी करते हुए यात्रियों को आगाह किया कि श्रीनगर, जम्मू, अमृतसर, लेह, चंडीगढ़, धर्मशाला और बीकानेर के लिए और वहां से उड़ानें बदलती एयरस्पेस स्थितियों के कारण प्रभावित हैं। एयरलाइन ने यात्रियों से अनुरोध किया कि वे एयरपोर्ट पहुंचने से पहले अपनी फ्लाइट की स्थिति की जांच कर लें।

यह कदम भारत द्वारा नियंत्रण रेखा पार आतंकी ढांचों पर किए गए हमलों के बाद सीमा पर बढ़े तनाव के बीच उठाए गए हैं।

पाकिस्तान में आतंकवादी ठिकानों पर भारत का हमला, एलओसी पर तनाव तेज

भारतीय सशस्त्र बलों ने बुधवार तड़के पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर लक्षित सैन्य हमले किए। यह कार्रवाई पिछले महीने पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की मौत के जवाब में की गई। ‘ऑपरेशन सिंदूर’ नामक इस अभियान में जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के मुख्यालय समेत नौ प्रमुख ठिकानों को निशाना बनाया गया।

ऑपरेशन सिंदूरके तहत नौ ठिकाने ध्वस्त

भारतीय सेना ने तड़के करीब 1:45 बजे जारी बयान में कहा:

“कुछ समय पहले भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में उन आतंकवादी ठिकानों पर हमले किए, जहां से भारत के खिलाफ हमलों की योजना बनाई और उन्हें अंजाम दिया जाता रहा है।”

सेना ने जोर देकर कहा कि ये हमले “केंद्रित, मापित और गैर-उत्तेजक” थे और किसी भी पाकिस्तानी सैन्य ठिकाने को निशाना नहीं बनाया गया। यह कार्रवाई पहलगाम नरसंहार के दो सप्ताह बाद हुई है, जिसमें 25 भारतीय पर्यटकों और एक नेपाली नागरिक की जान गई थी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 अप्रैल को हुई उच्च स्तरीय बैठक में सशस्त्र बलों को जवाबी कार्रवाई के तरीके, लक्ष्य और समय तय करने के लिए पूरी छूट दी थी।

पाकिस्तानी गोलीबारी में नागरिक घायल

भारत के हमलों के कुछ ही घंटों बाद पाकिस्तानी बलों ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर भारी मोर्टार गोला-बारी शुरू कर दी। अधिकारियों ने बताया कि पूंछ और राजौरी जिलों तथा उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के करनाह सेक्टर में जबरदस्त गोलीबारी हुई।

मनकोट गांव में एक महिला और उसकी बेटी घायल हो गईं जब उनके घर पर मोर्टार के गोले गिरे। इनमें से एक की हालत गंभीर है और दोनों को अस्पताल ले जाया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि गोलाबारी के चलते लोगों को भूमिगत बंकरों में शरण लेनी पड़ी।

भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की और कई जगहों पर दोनों तरफ से गोलीबारी जारी रही।

उरी में गोला-बारी में 9 नागरिक घायल, जिनमें 3 बच्चे शामिल

मंगलवार और बुधवार की दरम्यानी रात उरी सेक्टर में पाकिस्तानी बलों की भारी गोला-बारी में कम से कम नौ नागरिक घायल हो गए, जिनमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। कई घरों को नुकसान पहुंचा है, अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने बताया।

दो जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद

एहतियात के तौर पर प्रशासन ने बारामुला, कुपवाड़ा और गुरेज़ के सभी स्कूलों और कॉलेजों को आज के लिए बंद रखने का आदेश दिया। डिविजनल कमिश्नर कश्मीर विजय कुमार बिधूड़ी ने लोगों से सतर्क लेकिन शांत रहने और आधिकारिक सलाह का पालन करने की अपील की।

तनाव चरम पर

यह ताजा तनाव उस समय सामने आया है जब भारत ने पहलगाम हमले के बाद सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया था। इसके बाद से पाकिस्तानी सेना ने कई बार एलओसी पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है, जो कुपवाड़ा और बारामुला से लेकर जम्मू क्षेत्र के पूंछ और राजौरी तक फैला हुआ है।

यह संघर्ष विराम उल्लंघन दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच हाल ही में हुई हॉटलाइन वार्ता के बावजूद हो रहे हैं।

इस बीच, रामबन के पंथियाल उप-मंडल में एक जोरदार विस्फोट की भी खबर आई है, हालांकि इसका कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।


सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को मिलेगा मुफ्त इलाज, देश भर में कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम लागू

सड़क दुर्घटना के शिकार लोगों को तत्काल और मुफ्त इलाज सुनिश्चित करने के लिए भारत सरकार ने देश भर में कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम (नकद रहित इलाज योजना) लागू कर दी है। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी गजट अधिसूचना के अनुसार, यह महत्वपूर्ण योजना 5 मई, 2025 से प्रभावी हो गई है।

इस योजना के तहत, मोटर वाहन दुर्घटना में घायल हुए किसी भी व्यक्ति को प्रति हादसा अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिल सकेगा। मंत्रालय की अधिसूचना के मुताबिक, सड़क हादसे के शिकार व्यक्ति को देश के किसी भी हिस्से में, सरकारी या योजना के लिए नामित निजी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मुफ्त मिलेगी।

योजना के प्रावधानों के अनुसार, पीड़ित व्यक्ति को दुर्घटना की तारीख से अगले सात दिनों तक, अधिकतम 1,50,000 रुपये तक का कैशलेस इलाज प्रदान किया जाएगा। हालांकि, यह सुविधा केवल उन्हीं अस्पतालों में पूरी तरह लागू होगी जिन्हें सरकार ने इस योजना के लिए “नामित” किया है।

यदि किसी आपात स्थिति में पीड़ित को नामित अस्पताल उपलब्ध नहीं हो पाता है और इलाज किसी अन्य अस्पताल में कराना पड़ता है, तो उस स्थिति में उस अस्पताल में केवल घायल व्यक्ति की स्थिति को स्थिर करने (स्टेबलाइजेशन) तक का खर्च ही इस योजना के तहत कवर किया जाएगा। इस संबंध में विस्तृत गाइडलाइंस अलग से जारी की गई हैं।

इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) को सौंपी गई है। NHA पुलिस, अस्पतालों और राज्य स्तरीय स्वास्थ्य एजेंसियों के साथ समन्वय स्थापित कर यह सुनिश्चित करेगी कि योजना का लाभ पात्र व्यक्तियों तक पहुंचे।

प्रत्येक राज्य और केंद्र शासित प्रदेश में स्टेट रोड सेफ्टी काउंसिल को इस योजना के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया है। यह काउंसिल योजना के सही ढंग से लागू होने, अस्पतालों को योजना से जोड़ने, पीड़ितों के इलाज और भुगतान प्रक्रिया की निगरानी करेगी। इसके अतिरिक्त, केंद्र सरकार योजना की प्रभावी निगरानी और संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक स्टीयरिंग कमेटी (निगरानी समिति) का भी गठन करेगी।

गौरतलब है कि इस योजना को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने से पहले, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने 14 मार्च 2024 को इसका एक पायलट प्रोग्राम शुरू किया था, जिससे मिले अनुभव के आधार पर अब इसे पूरे देश में लागू किया गया है। इस कदम से सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को समय पर और आर्थिक चिंता के बिना इलाज मिलने की उम्मीद है।