परिवार की मर्द बच्ची

ऊटी की सीली-सीली सी हवाओं वाली, एक सर्द शाम, काई जैसा हरा आसमान और एक लंबा इंतजार. क्या कैटरीना कैफ के लिए इतनी दूर आने का कोई मतलब है? क्या किसी खूबसूरत सजावटी चीजों का भी कोई दिलचस्प अंतर्जगत हो सकता है? लगातार हिट फिल्में और शीर्ष पर होने की मुनादियों के बावजूद आखिर ऐसा कुछ भी तो नहीं जो ये बताए कि कैटरीना किसी खूबसूरत सजावटी गुड़िया से ज्यादा भी कुछ हैं.

होटल के अस्त-व्यस्त से कमरे में व्यवस्थित और संयत कैटरीना को देखकर ही आभास हो जाता है कि उनके भीतर झंकना खासा मुश्किल होगा. वे अभी-अभी पहाड़ी की चोटी पर बने एक सेट से लौटी हैं. कड़कड़ाती ठंड और सर्द हवाओं के बीच उन्हें एक बेहद पतली और छोटी ड्रेस में शाट देना था. वे मुझसे बातें करते हुए अपने सरदर्द से निपटने का प्रयास भी कर रही हैं. उनकी सहायक संध्या और छोटी बहन इजाबेल भी कमरे में हैं और माहौल का इशारा ये है कि इंटरव्यू के दौरान वे भी कमरे में रहने वाली हैं. मगर मेरे आग्रह पर कैटरीना उन्हें बाहर भेज देती हैं (संध्या बाद में बताती हैं कि एक ही तरह के सवालों से कैटरीना इतनी थक चुकी हैं कि कभी-कभी उनकी ओर से वे ही जवाब दे देती हैं)

कैटरीना का बॉलीवुड करिअर यहीं खत्म हो सकता था क्योंकि वे बहुत छोटी थीं, विदेश से आई थीं, उनकी पहली फिल्म बुरी तरह फ्लॉप थी और उन्हें हिंदी भी नहीं आती थी.

कैटरीना 17 साल की छोटी-सी उम्र में निर्देशक कैजद गुस्ताद की फिल्म बूम  में काम करने के लिए भारत आई थीं. कैजद ने उन्हें लंदन में एक विज्ञापन में देखा था. अमिताभ बच्चन, जैकी श्रॉफ, मधु सप्रे और पद्मालक्ष्मी जैसे सितारों वाली ये फिल्म उनके लिए एक आदर्श शुरुआत होनी चाहिए थी, मगर जबर्दस्त अंग-प्रदर्शन के बावजूद फिल्म बॉक्स ऑफिस पर औंधे मुंह गिर गई. कैटरीना का बॉलीवुड करिअर यहीं खत्म हो सकता था क्योंकि वे बहुत छोटी थीं, विदेश से आई थीं, उनकी पहली फिल्म बुरी तरह फ्लॉप थी और उन्हें हिंदी भी नहीं आती थी.

मगर महज छह साल में ही आज उनके सितारे बुलंदी पर हैं. हाल ही में लगातार कई हिट फिल्में दे चुकीं कैटरीना के लिए तेलुगु, मलयालम और हिंदी फिल्मों की छोटी-छोटी गुमनाम भूमिकाएं अब बीते कल की बातें हो चुकी हैं. आज वे विपुल शाह, राजकुमार संतोषी और यशराज फिल्म्स जैसे तमाम बड़े नामों के साथ काम कर रही हैं, कामचलाऊ हिंदी बोलती हैं, कथक में पारंगत हैं और उनका नाम ऐश्वर्या राय और करीना कपूर जैसी बेहद सफल तारिकाओं के साथ लिया जाता है. अब ये अदाकारा विज्ञापनों के लिए दो से तीन करोड़ रुपये मेहनताना लेती है और हाल ही में स्टूडियो 18 ने दो फिल्मों के लिए उन्हें छह करोड़ रुपयों में साइन किया है.

कैसे हो पाया ये सब? फिल्मी पर्दे के इतर क्या हैं कैटरीना?

जानना आसान नहीं. कैटरीना कहती हैं, ‘मेरी राशि कैंसर (कर्क) है और इस राशि के लोग अपनी निजी जिंदगी के बारे में बात करना पसंद नहीं करते.’ यहां तक कि माता-पिता और परिवार से जुड़ी बातें भी कैटरीना काफी घुमा-फिराकर पूछने पर ही बताती हैं.

सात भाई-बहनों (छह बहनें और एक भाई) में चौथे नंबर की कैटरीना की मां सुजैन ब्रितानी हैं और पिता मोहम्मद कैफ़ कश्मीरी. वो कहती हैं, ‘मेरे पिता का मुझ पर कोई असर नहीं रहा. वे हमारे परिवार का हिस्सा ही नहीं थे. जब मैं बहुत छोटी थी तभी वे मेरी मां से अलग हो गए और उसके बाद मैं उनसे कभी नहीं मिली.’ ये पूछने पर कि उस समय उनकी उम्र क्या थी, वो शून्य में ताकने लगती हैं. यहां तक कि उनके पिता का नाम भी इंटरनेट पर खोजना पड़ा.

पिता भले ही छोड़ गए मगर उनकी विरासत हमेशा के लिए कैटरीना के साथ रह गई — उनकी बला की खूबसूरती, आबनूस से बाल, काली आंखें और भारत से एक अजीब-से जुड़ाव का अहसास. अगले दिन शूटिंग के लिए चर्च में तब्दील की गई एक इमारत में बैठीं कैटरीना थोड़ी सहज हो जाती हैं. पिता की गैरमौजूदगी के असर के बारे में पूछने पर कहती हैं, ‘अगर कोई मनोविश्लेषक मेरी जांच करता तो कह सकता था कि मैं दुखी हूं. मगर ज्यादा से ज्यादा इसका असर ये हुआ कि मुझमें बड़ी उम्र के लोगों के प्रति झुकाव पैदा हो गया, ऐसे लोग, जो जिंदगी देख चुके हों, जिन्हें कुछ तजुर्बा हो.’

कैटरीना के जीवन पर मां सुजैन का बेहद गहरा असर रहा. पेशे से वकील और पांच भाषाओं में प्रवीण सुजैन ने समाजसेवा के लिए अपनी सफल कानूनी प्रैक्टिस को अलविदा कह दिया (आजकल वे मदुरई में अनाथ बच्चों के लिए काम करती हैं). सुजैन ने दोबारा शादी की मगर वो भी ज्यादा समय नहीं चली. समाजसेवा से जुड़े कामों की वजह से उन्हें जल्दी-जल्दी अपने ठिकाने बदलने पड़ते थे. हांगकांग, जापान, चीन, युक्रेन, रोमानिया, फ्रांस, हवाई, अमेरिका, पोलैंड, बेल्जियम, आस्ट्रिया, दक्षिण अफ्रीका और इंग्लैंड. चूंकि बच्चे इस दौरान उनके साथ ही थे इसलिए उनकी ज्यादातर पढ़ाई घर पर ही हुई.

कैटरीना जैसी लड़की के लिए ये आसान नहीं था जिसे उनके ही शब्दों में हर चीज को जमा करके रखने का शौक था..हर पत्थर, हर गुड़िया, हर डोरी’. लेकिन कैटरीना अपने इस यायावरी जीवन के कुछ फायदे भी गिनाती हैं, ‘हम कहीं भी दो साल से ज्यादा नहीं रहे और हमारी जिंदगी में ठहराव और आराम जैसी चीजें कम ही थीं. जिंदगी में हर चीज के लिए तैयार रहने का इससे बढ़िया प्रशिक्षण हो ही नहीं सकता था. मैंने इतना कुछ देखा है और मैं इतनी अलग-अलग संस्कृतियों के बीच रही हूं कि अब मुझे किसी भी चीज से हैरत नहीं होती.’ स्वाभाविक ही है कि कैटरीना अपनी मां के काफी करीब हैं. वे कहती हैं, ‘उनसे सबसे बड़ी चीज मैंने किसी के बारे में आखिरी निष्कर्ष न निकालना सीखा.’

बचपन की मर्मस्पर्शी यादों के बारे में पूछने पर वे कोई जवाब नहीं दे पातीं. ‘मुझे अपनी बहन से पूछना पड़ेगा.’ वो कहती हैं, ‘अभी तो मुङो बस जापान में महीनों तक होने वाली बर्फबारी (उन्हें ठंड बिल्कुल पसंद नहीं) और पानी के जहाज से यूरोप की लंबी यात्रा के दौरान हुई सी-सिकनेस ही याद है.’ इस जवाब की आपको उम्मीद तक नहीं होती मगर स्क्रीन पर ग्लैमरस, चंचल और चुलबुली नजर आने वाली ये अदाकारा असल जिंदगी में इसके बिल्कुल उलट है..सादी, शांत और किसी बड़े-बुजुर्ग सी परिपक्व.

‘वो परिवार में पुरुष की भूमिका अदा करना चाहती हैं. उन्हें पता है कि किसी भी अभिनेत्री का करिअर बहुत सीमित होता है और वो इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा लेना चाहती हैं.’

कैटरीना ने 14 साल की उम्र से ही मॉडलिंग शुरू कर दी थी. उनके दोस्त मसलन कोरियोग्राफर बॉस्को, डिजाइनर रॉकी एस और भारत में आने के बाद से ही उनसे जुड़ी रही एजेंसी मैट्रिक्स की रेशमा शेट्टी इसकी पुष्टि करते हैं कि कैटरीना स्वभाव से लो-प्रोफाइल, सौम्य और अपने में गुम रहने वाली इंसान हैं. ‘हम अक्सर हंसते हैं कि कैटरीना नाम का एक ग्रह है जिस पर वो रहती हैं.’ रेशमा कहती हैं.

कैटरीना को पैसे और स्थिरता की चाह है और यही उनके फैसलों को प्रभावित करती है. रेशमा बताती हैं, ‘वो परिवार में पुरुष की भूमिका अदा करना चाहती हैं. उन्हें पता है कि किसी भी अभिनेत्री का करिअर बहुत सीमित होता है और वो इसका ज्यादा से ज्यादा फायदा उठा लेना चाहती हैं.’ कैटरीना भी सहमति जताते हुए कहती हैं, ‘मेरी मां ने कभी भी भविष्य के लिए पैसा नहीं जोड़ा. मगर मैं स्थिरता की जरूरत महसूस करती हूं. मुङो आर्थिक सुरक्षा की जरूरत है. मैं ये कहते हुए बेपरवाह नहीं घूम सकती कि सब ठीक हो जाएगा. मुझे अपनी बहनों के लिए साधन जुटाने की जरूरत है.

बूम से पहले तक कैटरीना के लिए सिनेमा का मतलब था स्टूडियो एमजीएम की गॉन विद द विंड और कैसाब्लैंका जैसी पुरानी और क्लासिक फिल्में. वे कहती हैं, ‘मां हमें नई फिल्में नहीं देखने देती थीं. उनका मानना था कि उनसे हम बुरी चीज़ें सीखेंगे.’ आज उनकी पसंद वीर जारा जैसी प्रेम-कहानियां और संजय लीला भंसाली की पीरियड फिल्में हैं. दूसरी तरफ उन्हें इम्तियाज अली और अनुराग बासु जैसे संवेदनशील फिल्मकार भी पसंद हैं. बावजूद इसके कैटरीना को अपनी फिल्मों पर कोई शर्मिंदगी नहीं. वो कहती हैं, ‘मुझे कॉमेडी फिल्में बेहद पसंद हैं. मुझे हल्के-फुल्के किरदार बहुत अच्छे लगते हैं. ये मुङो फिर से एक किशोरी होने और उस जिंदगी का लुत्फ उठानेका मौका देते हैं जिसे मैं नहीं जी पाई. हालांकि मैं यहां अजनबी थी मगर इस बारे में निश्चित थी कि मुझे ऐसा बनना है कि दर्शक, वितरक और निर्माता तीनों मुझ पर भरोसा कर सकें. इसके लिए अगर मुझे ऐसी फिल्में करनी पड़ें जिसमें बस चार गाने और मेरी याद न रखने लायक भूमिका हो तो भी कोई हर्ज नहीं. 40 की उम्र में मेरा करिअर खत्म होने पर मैं ये नहीं कहना चाहती कि मेरे पास घर और पैसा नहीं है पर कोई बात नहीं, मैंने तथाकथित अर्थहीन भूमिकाएं तो नहीं की.’

स्टारडम कैटरीना के लिए काफी कुछ लेकर आया है. तीन साल पहले उन्होंने बांद्रा में अपने लिए एक घर खरीदा, उसके बाद एक लंदन में. हाल ही में उन्होंने एक शानदार पोर्शे कार भी खरीदी है. पूछने पर कैटरीना कहती हैं, ‘ये चीज़ें आपको अहसास दिलाती हैं कि आप भी कुछ हैसियत रखते हैं.’

मगर यही स्टारडम नए तरह के दबाव भी लाया है. सफलता के साथ-साथ सभी की उम्मीदें भी बढ़ने लगती हैं. कैटरीना कहती हैं, ‘इस तरह के दबावों के प्रति हरेक की प्रतिक्रिया अलग होती है. मेरी बहुत अच्छी नहीं होती. मैं बहुत अधीर हो जाती हूं. मैं बहुत जल्दी दबाव में आ जाती हूं. लोगों को लगता होगा कि ये कैसी अजीब-सी लड़की है. मगर मैं कहना चाहती हूं कि नहीं, नहीं, मैं ऐसी नहीं हूं. मैं बहुत ज्यादा दबाव में हूं.’ 

हालांकि जब कैटरीना ऊटी में बने सेट पर पहुंचती हैं तो ऐसा कुछ भी नजर नहीं आता. शाट के बाद साथी कलाकार रणबीर कपूर के साथ उनकी धमाचौकड़ी शुरू हो जाती है. वो किसी बच्ची की तरह उछल-कूद करती हैं.

एक मिनट बाद ही वो फिर से पुराने रूप में आ जाती हैं. भीड़ से अलग, शूटिंग के लिए चर्च में तब्दील की गई इमारत में बैठी कैटरीना कहती हैं, ‘मेरी ईश्वर में गहरी आस्था है. मुझे लगता है कि उसने मेरे सफर पर निगाह रखी है और मुझे बहुत कुछ दिया है.’

कुछ और जानने की कोशिश, और वे कहती हैं, ‘कुछ दिन पहले मुश्किलों से गुजर रही मेरी एक दोस्त ने मुझसे पूछा कि दिल टूटने की पीड़ा से उबरने में कितना वक्त लगता है.’ मैंने कहा, ‘मैं भी ऐसी स्थिति से गुजर चुकी हूं जब मुझे लगता था कि मैं किसी चीज़ के बिना जी नहीं सकती, ऐसी भी चीज़ें थी जिनके बिना मुङो लगता था कि मैं सांस भी नहीं ले पाऊंगी और अचानक सब कुछ बदल गया. न कोई नियम काम करता है न ही तर्क. जब मैं यहां आई थी तो मेरे पास कुछ नहीं था. मगर देखिए सब कुछ बदल गया. ये अपने आप में ही काफी अविश्वसनीय है.’

पूरी मुलाकात के दौरान किसी न किसी वजह से सुर्खियों में रहने वाले कैटरीना के ब्वा¬यफेंड्र सलमान खान से जुड़े सवाल किसी बंद पिटारे की तरह हमारे बीच रहते हैं. कोई भी सवाल, चाहे वो कितना ही घुमाकर क्यों न पूछा गया हो, इस पिटारे को नहीं खोल पाता. ऐसी ही हैं कैटरीना..कभी पिघलती हुईं तो कभी जमी बर्फ-सीं.

और यही वो चीज़ें है जो उन्हें महज एक सजावटी गुड़िया बनने से रोक देती हैं.