ऐसा प्राणी खोजिए

चक्र सुदर्शन

ऐसा प्राणी खोजिए, स्वारथ से हो दूर,

जन-गन की सेवा करे, तन-मन से भरपूर.

तन-मन से भरपूर, न बिल्कुल रिश्वत खाए,

कष्ट निवारण करे, मदद को दौड़ा आए.

चक्र सुदर्शन, टिकिट बंटी हैं देकर पैसा,

रहो टापते, नहीं मिलेगा, प्राणी ऐसा.  

                                                   अशोक चक्रधर

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