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दिल्ली: आप पार्टी की निगम पार्षद पर भ्रष्ट्राचार के आरोप में गिरफ्तारी से बदल सकते है चुनावी समीकरण 

सियासत में कब क्या हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है  ऐसा ही माहौल आजकल आम आदमी पार्टी (आप) में देखने को मिल रहा है। पूर्वी दिल्ली की वेस्ट विनोद नगर से आप पार्टी की निगम पार्षद गीता रावत को सीबीआई ने 20 हजार रूपये की रिश्वत के साथ 18 फरवरी को गिरफ्तार किया है।

इससे आप पार्टी में भूचाल आ गया है। आप पार्टी अभी तक ये दावा करती रही है। कि उसकी पार्टी और उसके प्रतिनिधि किसी प्रकार के भ्रष्ट्राचार में लिफ्त नही्ं है। लेकिन गीता रावत की भ्रष्ट्राचार के आरोप में गिरफ्तार होने से ये बात तो सामने आ गयी है। कि आप पार्टी भी अन्य राजनीतिक दलों की तरह ही है।

भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अगर सही तरीके से जांच की जाये तो आप पार्टी के ज्यादात्तर विधायक और निगम पार्षद भ्रष्ट्राचार के आरोप में संलिप्त हो सकते है। वहीं आप पार्टी के विधायक और निगम पार्षद जरूर ये दावा कर रहे है। कि आप पार्टी को सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया है। 

बताते चलें आप पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल पर भी खालिस्तान के समर्थक होने और देश विरोधी होने के आरोप लग रहे है। इससे ये बात तो जाहिर होती है। कि आप पार्टी इन दिनों गंभीर आरोपो  में घिरी है।
सियासत के जानकार व आप पार्टी समर्थक आलोक कुमार का कहना है कि दिल्ली की सियासत में आप पार्टी का कोई काट भाजपा और कांग्रेस को नहीं दिख रहा था। दिल्ली नगर निगम में पहले से ही आप पार्टी की जीत को देखकर भाजपा और कांग्रेस सकते में है। लेकिन जो आरोप केजरीवाल और निगम पार्षद गीता रावत की रिश्वत मामले में लग रहे है। उससे जरूर आप पार्टी की साख को बट्टा लगा है और आगामी दिल्ली नगर निगम के चुनाव पर विपरीत असर डाल सकता है। जिससे आप पार्टी के चुनावी समीकरण बदल सकते है।

केजरीवाल पर चौतरफा हमला

आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविन्द केजरीवाल के ऊपर जो आरोप आप पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास द्वारा जो लगाये गये है। उससे दिल्ली की सियासत से लेकर देश की राजनीति में हडकंप मचा हुआ है।
पंजाब में 20 फरवरी और उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण में 20 फरवरी को होने वाले चुनाव पर काफी असर देखा जा रहा है। सियासत के जानकारों का कहना है कि राजनीति में कब कौन सा आरोप और कौन सी बात तूल पकड़ कर मुद्दा बन जाये ये कह पाना मुश्किल होता है।
मौजूदा समय में केजरीवाल पर चौतरफा हमला हो रहे है। पंजाब में आप पार्टी के पक्ष में कुछ माहौल बन रहा था। तो उत्तर प्रदेश में आप पार्टी को लेकर गंभाीरता से देखा जा रहा था। लेकिन अब माहौल बदला सा नजर आ रहा है। आप पार्टी के एक नेता ने तहलका संवाददाता को बताया कि इस तरह की आशंका जतायी जा रही थाी कि चुनाव के दौरान कुछ ऐसे में मामले सामने आ सकते है।
जिससे पार्टी को नुकसान पहुचांने के प्रयास किये जायेगें जो हो रहा है। आप पार्टी के नेता का कहना है कि  कांग्रेस और भाजपा के साथ पंजाब के वे राजनीति दल आज अरविन्द केजरीवाल पर हमला कर रहे है जिनसे उम्मीद नहीं थी। चौतरफा आरोपों के बीच आप पार्टी को चुनाव में काफी नुकसान हो सकता है। सबसे चौकाने वाली बात तो ये है कि दिल्ली  नगर निगम के चुनाव में जो माहौल बन रहा था। लेकिन अब मामला कुछ फिसलता हुआ नजर आ रहा है।
आप पार्टी के समर्थक जगबीर सिंह का कहना है कि कुमार विश्वास के आरोपों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। क्योंकि ऐसे आरोप तो लगते रहते है। लेकिन जनता के बीच जाकर अब खुद केजरीवाल  को बताना होगा कि  कुमार विश्वास -विश्वासघात की राजनीति कर रहे है। पंजाब की सियासत में अगर चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने से चूकते है। तो आने वाले अन्य राज्यों के चुनाव में आप पार्टी को काफी दिक्कत हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने बताया सीएए वसूली नोटिस वापस

सर्वोच्च न्यायालय की फटकार के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जारी वसूली के नोटिस वापस ले लिए हैं। साथ ही जिन लोगों से वसूली की गयी थी, उन्हें रिफंड का आदेश भी सर्वोच्च अदालत ने दिया है। नोटिस वापस लेने जानकारी यूपी सरकार ने शुक्रवार सर्वोच्च न्यायायलय में दी।

याद रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यूपी सरकार ने वसूली नोटिस जारी किये थे  और कई  लोगों से वसूली भी की गयी थी। प्रदेश सरकार ने यह कार्रवाई आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर की थी। प्रशासन ने कुल 274 लोगों को वसूली नोटिस भेजे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ‘हम इस ( यूपी सरकार के फैसले) की सराहना करते हैं। सर्वोच्च अदालत में आज यूपी सरकार ने सूचित किया कि उसने 2019 में सीएए विरोधी 274 प्रदर्शनकारियों को उनके कथित तौर पर सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए जारी नोटिस वापस ले लिए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई भी वापस ले ली गई है।’

प्रदेश सरकार की वकील गरिमा प्रसाद ने सर्वोच्च अदालत में बताया कि राज्य सरकार ने 14 और 15 जनवरी को आदेश जारी कर सभी 274 नोटिस वापस ले लिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने नए कानून कर तहत नया नोटिस जारी करने की इजाज़त मांगी थी।

सर्वोच्च अदालत ने साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को उन लोगों को रिफंड का निर्देश दिया, जो वसूली का भुगतान कर चुके हैं। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने सरकार को 2020 में आए कानून के तहत नई कार्रवाई और नोटिस शुरू करने की स्वतंत्रता दी।

अहमदाबाद धमाकों के 38 दोषियों को फांसी और 11 को आजीवन कारावास

अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 26 जुलाई, 2008 को हुए सिलसिलेवार धमाकों के 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है। अन्य 11 को आजीवन कारावास की सजा दी गयी है। इन धमाकों में 56 लोगों की जान चली गयी थी और 200 से ज्यादा घायल हुए थे।

जस्टिस केआर पटेल की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई है। यह धमाके 26 जुलाई, 2008 को हुए थे। एक के बाद एक 21 धमाकों से शहर दहल उठा था। आज विशेष अदालत ने कुल 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में फैसला 8 फरवरी को आ गया था और आज उन्हें सजा की अवधि सुनाई गयी है।

इस मामले में 28 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। अब 11  अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। हालांकि, दोषियों के पास इस फैसले को चुनौती देने के लिए पहले हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के विकल्प हैं।

सर्बानंद सोनोवाल: पीएम मोदी जी के प्रयास से आज दुनिया के प्रत्येक देश में भारत की पारंपरिक चिकित्सा पहुंच रही है

केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने शुक्रवार को दिल्ली के पंजाबी बाग में अखिल भारतीय आयुर्वेदिक कांग्रेस के मुख्यालय में धन्वंतरी भवन के चौथे खंड की नींव रखी। भवन निर्माण कार्य डेढ़ साल के भीतर पूर्ण किया जाएगा।

सोनोवाल ने भूमिपूजन के बाद भारत की समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली की सराहना करते हुए कहा कि, “आज विश्व के सभी देशों में आयुर्वेद पहुंच चुका है। केन्या की पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा ने अपनी बेटी की आंखों की रोशनी के इलाज के लिए भारत की यात्रा की। आयुर्वेदिक उपचार से उनकी आंखों की रोशनी सिर्फ तीन हफ्तों के भीतर ही बहाल हो गई

इससे पहले केन्या की पूर्व प्रधानमंत्री रैला ओडिंगा कई अन्य देशों से अपनी बेटी की आंखों का ईलाज करा चुकिं थी, किंतु उन्हें कोई भी फायदा नहीं हुआ था। बेटी की आंखों की रोशनी लौटने के बाद उन्होंने हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को धन्यवाद दिया साथ ही आयुर्वेद को दुनिया भर में फैलाने का प्रधानमंत्री जी से आग्रह भी किया।“

उन्होंने आगे कहा कि, हम चाहते है कि भारत की जो अमूल्य संस्कृति सदियों से थी, हमें अपनी इस आमूल्य संस्कृति को अपनी युवा पीढ़ी को सिखाना और बताना चाहिए। जिससे की उन्हें पता हो कि हमारे पूर्वजों, ऋषियों और मुनियों ने हमारे देश को मजबूत बनाने के लिए अपना जीवन किस प्रकार समर्पित कर दिया।”

केंद्रीय मंत्री ने शिलान्यास करने से पहले परिसर में बने शिव मंदिर में पूजा अर्चना की साथ ही आयुष मंत्रालय द्वारा लगाए गए आयुष स्टॉल का जायजा भी लिया। भूमि पूजन करने के ठीक बाद मंत्री ने बिल्डिंग के प्लान को काफी बारीकी से समझा।

उत्तर प्रदेश: आज शाम थम जाएगा तीसरे चरण का प्रचार

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होना है जिसका प्रचार आज शाम पांच बजे थम जाएगा। तीसरे चरण का मतदान 20 फरवरी को होना है। सात चरण में होने वाले होने वाले तीसरे चरण के मतदान को लेकर अब यहां की सियासत आरोप -प्रत्यारोपों  के साथ जातीय और धार्मिक समीकरण साधने में लगी है।
प्रदेश की राजनीति के जानकार सुभाष चन्द्र का कहना है कि चुनाव में जो सियासी दलों ने एक राजनीतिक समीकरण साधने के लिये सपा और भाजपा के बीच चुनाव दिखाया है। उससे ये पूरी तरह से स्पष्ट है कि भाजपा को अगर मौजूदा दौर में किसी दल से सबसे अधिक नुकसान की संभावना है तो वो कांग्रेस पार्टी से है।
वहीं बसपा से सबसे अधिक खतरा सपा को है। क्योंकि सपा के समर्थक और नेता ये मानते और जानते है। कि जब भी बसपा की सरकार आयी है। तब बसपा के शासन काल में सपा के नेताओं को सबसे ज्यादा दिक्कत आयी है। सपा के समर्थक भी ये मानते है। बसपा के शासन काल में विशेष एक जाति को परेशान भी किया जाता है।
तीसरे चरण के मतदान के बाद ही प्रदेश की राजनीति का अनुमान लगाया जा सकता है। क्योंकि अभी दो चरणों के मतदान से सही स्थिति पता लगाना मुश्किल है। तीसरे चरण में कासगंज, हाथरस, फिरोजाबाद ,एटा,कानपुर देहत, कानपुर नगर, जालौन, मैनपुरी,फर्रूखाबाद,कन्नौज,इटावा,औरैया, हमीरपुर, महोबा, , झांसी और ललितपुर जिलों में  चुनाव होने है। 

लखीमपुर खीरी कांड के आरोपी आशीष की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में आंदोलन कर रहे किसानों को गाड़ी से कुचलने के  मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को गुरुवार को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं। इलाहाबाद हाईकोर्ट से मिश्रा को पिछले हफ्ते जमानत मिली थी और दो दिन पहले ही उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया था।

याचिकाकर्ता वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा ने इसे लेकर सर्वोच्च अदालत में अर्जी दायर की है। इसमें शीर्ष अदालत से आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने और इलाहाबाद हाईकोर्ट के जमानत देने के फैसले पर रोक लगाने की मांग की गई है। जमानत से पहले आशीष मिश्रा करीब 4 महीने से जेल में था।

सर्वोच्च अदालत में दायर अर्जी में कहा गया है कि ‘बेखौफ घूम रहे आरोपियों से सबूतों से छेड़छाड़ और गवाहों, किसानों और पीड़ित परिवारों को खतरा है।  इलाहाबाद हाईकोर्ट का आदेश अनुमान के आधार पर है।’

अर्जी में यह भी मांग की गयी है कि एसआईटी को सुप्रीम कोर्ट में तुरंत स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा जाए और उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकारों  को पीड़ितों को शीघ्र मुआवजा देने के निर्देश दिए जाएं।’

आप में विश्वास का संकट

जब आम आदमी पार्टी (आप) का गठन हुआ था। तब आप की राजनीति पूरी तरह विश्वास पर टिकी थी। आप के सत्ता में आते ही पार्टी से विश्वास डगमगाने लगा था। और जब विश्वास ही न बचा हो तो अविश्वास जैसी घटनायें होने लगती है।
दिल्ली की सियासत से लेकर पंजाब के चुनाव में अब सारी बात विश्वास की हो रही है। विश्वास को लेकर भू-चाल मचा हुआ है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के ऊपर जो कुमार विश्वास ने गंभीर आरोप लगाये गये है। उससे पार्टी में खलबली मची हुई है।
पार्टी के नेता राघव चड्डा ने तो मीडिया से लेकर कुमार विश्वास समर्थक पर धमकी दी है। उन्होंने  मीडिया से कहा है कि अगर जो भी अरविन्द कोजरीवाल की छवि को खराब करेगा उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी।
आपको बता दें, मौजूदा समय में पांच राज्यों मेंं चुनाव चल रहे है। जिसमें पंजाब और उत्तर प्रदेश में आप पार्टी चुनाव मैदान में है और आगामी माह में दिल्ली नगर निगम के चुनाव है। ऐसे में कुमार विश्वास द्वारा जो आरोप लगाये गए है। उससे आप पार्टी की छवि पर खासा विपरीत असर पड़ सकता है।
क्योंकि भाजपा के साथ-साथ अब कांग्रेस पार्टी भी आप पार्टी पर जमकर आरोप लगा रही है। ऐसे में सियासत का रूख भाप पाना मुश्किल है। क्योंकि राजनीति में चुनाव हवा के रूख पर निर्भर होते है। ऐसे में जो हवा का रूख मोड़ा जा रहा है। जिससे चुनाव परिणाम में भी काफी असर डाल सकते है।   

दिल्ली में विस्तारा के जहाज की इमरजेंसी लैंडिंग, 146 यात्री थे सवार, सभी सुरक्षित

दिल्ली में विस्तारा के एक जहाज की गुरुवार को इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। उस समय जहाज में 146 लोग सवार थे। जहाज में तकनीकी खराबी आने के कारण ऐसा हुआ। सभी यात्री सुरक्षित हैं।

जानकारी के मुताबिक जहाज में उड़ान भरते ही तकनीकी खराबी आई। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक सभी यात्री सुरक्षित हैं। इस जहाज में 146 लोग सवार थे।

जानकारी के मुताबिक जहाज की खराबी महसूस करते ही पॉयलट ने इसकी इमजेंसी लैंडिंग कराने का फैसला किया और इसकी सूचना एयरपोर्ट आथॉरटी को दी।

उ. प्र. विधानसभा चुनाव 2022: बुन्देलखण्ड में 19 सीटों पर जीत कायम रखना आसान नहीं 

उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण में 20 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बुन्देलखण्ड में सभी पार्टियों के नेताओं की चुनावी सभायें और पदयात्रा को देखकर तो लगता है। कि चुनाव में सभी पार्टियां कांग्रेस, भाजपा, बसपा और सपा सहित हर हाल में बुन्देलखण्ड में जीत को लेकर संघर्ष कर रही है।
बताते चलें, वर्ष 2017 में बुन्देलखण्ड की सभी 19 सीटों पर भाजपा ने जीत का परचम लहराया था। और अन्य पार्टियों का खाता तक नहींं खुला था। साथ ही भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी चारों बुन्देलखण्ड की सीटों पर जीत का परचम लहराया था। यानि कि विधानसभा और लोकसभा के चुनाव में यहां के लोगों ने इकतरफा भाजपा को वोट दिया था। परंतु इन वर्षों के समान भाजपा को हर हाल में जीत को कायम रखने के लिये इस बार कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है।
बुन्देलखण्ड की राजनीति के जानकार संजीव कुमार का कहना है कि बुन्देलखण्ड में भाजपा पर पिछले चुनाव में पूर्ण विश्वास जताया था। इस बार 19 सीटों पर जीत कायम रखना मुश्किल हो सकता है क्योंकि, भाजपा ने केन्द्र और प्रदेश में सरकार होने के बावजूद यहां की जनता की कई मुद्देों पर उपेक्षा की है। जिसके कारण भाजपा के विकल्प के तौर पर अन्य राजनीतिक दलों को मौका मिल सकता है।
बुन्देलखण्ड में बसपा और सपा के विधायक और सांसद चुने् जाते रहे है। इसलिहाज  से जनता का रूख इसबार बदला-बदला नजर आ रहा है। यहां के लोगों का कहना है कि इस बार चुनाव में सपा और भाजपा के अलावा बसपा भी पूरे दमखम के साथ चुनाव मैदान में है। सो इस बार चुनाव परिणाम चौकानें वाले  साबित हो सकते है।