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पंजाब में आप के सीएम उम्मीदवार मान के रोड शो पर चुनाव आयोग का नोटिस

चुनाव आयोग ने सोमवार को पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उमीदवार भगवंत मान को संगरूर और धूरी में प्रचार के दौरान कोरोना नियमों के उल्लंघन के आरोप में आप को नोटिस भेजा है। इस नोटिस में आयोग ने उनसे जवाबतलबी की है।

आयोग ने इस नोटिस में 24 घंटे में जवाब देने को कहा है। मान आम आदमी पार्टी के  धूरी हलके से उम्मीदवार हैं। मान ने संगरूर के अलावा धूरी में शनिवार को रोड शो किया था जिसमें काफी लोग इक्कट्ठे हुए। बता दें चुनाव आयोग ने रोड शो पर रोक  लगा रखी है। इसी कारण हलके की रिटर्निंग अधिकारी ने पार्टी से 24 घंटे में जवाब देने को कहा है।

मान के संगरूर के नानकियाना चौक आने पर पार्टी कार्यकर्ताओं ने भगवंत मान का स्वागत किया जिसमें काफी लोग थे। धूरी की रिटर्निंग अधिकारी इशमीत विजय सिंह के मुताबिक आप ने इस दौरान आचार संहिता का उल्लंघन किया है। लिहाजा आप के जिलाध्यक्ष को नोटिस जारी कर जवाब देने का निर्देश दिया गया है।

उधर आप ने कहा है कि चूँकि भगवंत मान सीएम उम्मीदवार घोषित होने के बाद पहली बार संगरूर और धूरी आए थे, पार्टी के कार्यकर्ता जगह-जगह उनके स्वागत के लिए जुट गए। वैसे यह पहले से तय कार्यक्रम नहीं था।

बसपा ने अपने मिशन के तहत चुनाव मैदान मे कांग्रेस पर बोला हमला

उत्तर प्रदेश की सियासत को लेकर भले ही सियासी दल तमाम दावें करें कि सपा और भाजपा के बीच चुनावी मुकाबला है। लेकिन बसपा और कांग्रेस के बीच छिड़ी जुवानी जंग से साबित होता है कि बसपा भी चुनावी माहौल में अभी नहीं दिख रही है। लेकिन वह अपने मिशन के तहत चुनावी जंग में पूरी तरह से सक्रिय है।

बताते चलें, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने ये कह कर बसपा प्रमुख मायावती पर हमला किया है। कि मायावती चुनावी माहौल में सक्रिय नहीं है। इससे अन्य दलों को लाभ मिल सकता है। बस, फिर क्या बसपा प्रमुख मायावती अपने पुराने अंदाज में आक्रामक मूड़ में आकर कांग्रेस और प्रियंका गांधी पर जमकर हमला बोला और कांग्रेस को वोट कटवा पार्टी करार दिया।

बसपा का मामना है। कि कांग्रेस का उत्तर प्रदेश में कोई अस्तित्व ही नहीं है। वो तो चुनाव अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिये ही चुनाव लड़ रही है। बसपा समर्थक राजेन्द्र कुमार का कहना है कि कांग्रेस पार्टी तो चुनाव जीतने के लिये बल्कि अस्तित्व बचाने के लिये ही चुनाव लड़ रही है। उनका कहना है कि कांग्रेस की गलत नीतियों की वजह से आज उत्तर प्रदेश का बुरा हाल है। कि आज विरोधी दल भी बसपा के शासन को याद करते है।

बसपा के शासन में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चाँक–चौबंद रही है। जबसे बसपा का शासन गया है। तब से प्रदेश में अराजकता का माहौल है। इसलिये इस बार 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा पूर्ण समर्थन के साथ सरकार बनाने जा रही है। बसपा का वोट बैंक ज्यों के त्यों बसपा के साथ है।

प्रियंका गांधी लड़ सकती हैं रायबरेली की किसी सीट से विधानसभा चुनाव !

राकेश रॉकी
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में अब टिकटों के बाँटने का दौर चल रहा है और इस बीच यह खबर है कि कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी विधानसभा का चुनाव लड़ सकती है। कांग्रेस इस चुनाव में खुद की स्थिति के बेहतर होने की संभावना देखते हुए प्रियंका को मैदान में उतार सकती है टाकिन इस स्थिति को और बेहतर किया जा सके। उधर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश याद ने यादव परिवार के गढ़ मैनपुरी की करहल सीट से चुनाव में उतरने का ऐलान कर दिया है।प्रियंका गांधी को लेकर कांग्रेस ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं लेकिन ‘तहलका’ की जानकारी के मुताबिक पार्टी के हक़ में माहौल बनाने के लिए प्रियंका गांधी को रायबरेली की किसी सुरक्षित सीट से चुनाव में उतारा जा सकता है। यहाँ तक कि उन्हें घोषित न करके भी मुख्यमंत्री पद के उमीदवार के रूप में सामने रखने की तुरुप कांग्रेस चल सकती है।कांग्रेस महसूस कर रही है कि प्रियंका गांधी के चलते पिछड़े वर्ग, दलित, मुस्लिम ही नहीं महिलाएं और युवा भी कांग्रेस के प्रति दिलचस्पी दिखा रहे हैं। युवाओं और महिलाओं के लिए प्रियंका गांधी ने ख़ास अलग से घोषणापत्र जारी करके यह सन्देश देने की कोशिश की है यदि वह सत्ता में आती है तो 20 लाख रोजगार देगी।

बेरोजगारी इस समय यूपी सहित सभी चुनाव वाले राज्यों में बड़ा मुद्दा बनता दिख रहा है। दूसरे महिलाओं को महत्व देकर प्रियंका उन्हें पार्टी से जोड़ने में सफल होती दिख रही हैं। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के दावे के मुताबिक यूपी चुनाव को लेकर इस समय जो सर्वे दिखाए जा रहे हैं वह हकीकत से कोसों दूर हैं और प्रियंका गांधी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है। उन्होंने तो दावा किया कि चुनाव के बाद यूपी की राजनीति में कांग्रेस का रोल बहुत महत्वपूर्ण होने जा रहा है।

अभी तक के टीवी चैनलों के सर्वे में उत्तर प्रदेश में भाजपा को आगे दिखाया जा रहा है  और उसकी टक्कर सपा से दिखाई जा रही है। हालांकि, राजनीति के कुछ जानकार मान रहे हैं कि इस चुनाव में स्थिति दिलचस्प हो सकती है। प्रियंका गांधी यदि चुनाव में उतर जाती हैं तो स्थिति सच में काफी दिलचस्प हो जाएगी क्योंकि इससे कांग्रेस चर्चा के केंद्र में आ सकती है।

एक दिन पहले ही जब प्रियंका गांधी से एक इंटरव्यू में उनसे चुनाव में कांग्रेस की तरफ से मुख्यमंत्री का चेहरा होने को लेकर सवाल किया गया था तो उन्होंने बहुत दिलचस्प अंदाज़ में कहा था – और कौन चेहरा है? इससे यह संकेत गया है कि कांग्रेस की तरफ से वहीं मुख्यमंत्री पद का चेहरा हैं। बाद में प्रियंका गांधी ने इसे हलके फुल्के अंदाज में कही बात बताया, लेकिन जनता में वे बहुत चतुराई से अपना सन्देश दे गईं।

उधर सपा नेता अखिलेश का चुनाव में उतरना तय हो गया है। समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव सपा के गढ़ मैनपुरी की करहल सीट से विधानसभा चुनाव मन उतर रहे हैं। पार्टी का उन्हें चुनाव में उतारने का कारण यह है कि मुख्यमंत्री पद के इकलौते दावेदार होते हुए पार्टी मान रही थी कि उनके न लड़ने से लोगों में गलत सन्देश जा सकता है। अखिलेश इस समय सांसद हैं।

मुंबई में 20 मंजिला इमारत में आग से झुलसकर मरने वालों की संख्या 6 हुई

तहलका ब्यूरो
मुंबई में शनिवार सुबह एक 20 मंजिली इमारत में भीषण आग लगने की घटना में  मरने वालों की संख्या छह हो गयी है जबकि 23 घायल लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है जिनमें कुछ की हालत गंभीर बनी हुई है। इन सभी लोगों की झुलस जाने से मौत हुई।

आग की यह घटना मध्य मुंबई के ताड़देव इलाके में गोवालिया टैंक की है, जहाँ गांधी अस्पताल के सामने एक रिहायशी भवन की 18वीं मंजिल पर सुबह आग लग गयी। करीब 7 बजे इस बिल्डिंग में आग लगने के बाद भीतर धुआं भर गया। मौके पर दमकल की 13 गाड़ियां, पानी के सात टैंकर समेत अन्य लोग आग बुझाने के अभियान में शामिल रहे।

घटना की सूचना मिलते ही दमकल कर्मी और पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती किया गया। कुछ को अब डिस्चार्ज कर दिया गया है जबकि तीन गंभीर घायलों को आईसीयू में भर्ती कराया गया है। लोगों की मौत झुलसकर हुई जिनमें चार लोगों की नायर अस्पताल में जाकर मौत हुई।

उत्ताह ,भय और सहानुभूति के साथ चुनाव मैदान में प्रत्याशी

तहलका ब्यूरो

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर एक ओर राजनीतिक दलों में उत्साह, भय और सहानुभूति का माहौल देखा जा रहा है। चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों का कहना है कि जो पार्टी या प्रत्याशी ईमानदारी से जनता के साथ किये गये वादे को पूरा करता है। वह चुनाव में उत्साह के साथ लोगों के बीच वोट मांगता है।और जीत हासिल करता है। जबकि जो प्रत्याशी या पार्टी लोगों को ठगती है और जनता के साथ किये गये वादे को पूरा नहीं करती है। वह जनता के बीच जाने में भय में रहती है। कि कहीं चुनाव प्रचार के दौरान ही जनता उसके साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार न कर दें। ऐसा ही मामला आजकल प्रदेश में एक पार्टी के साथ देखा जा रहा है। मौजूदा समय में एक ऐसा माहौल भी देखा जा रहा है। ज्यादात्तर प्रत्याशी सहानुभूति बटोरने वाला दांव खेल रहे है। वे जनता के बीच ये मैसेज लेकर जा रहे है। कि जाने-अन्जाने में गलती हो जाती है। इसलिये उन्हें मौका एक मिलना चाहिये।

बताते चलें चुनावी हवा में जो माहौल है। वो पूरी तरह से आरोपों से भरा है। प्रदेश के लोगों और स्थानीय नेताओं का कहना है कि प्रदेश हो या देश की राजनीति दोनों में जातीय गुणा-भाग का जादू सिर चढ़कर बोलता है। जैसे उत्तर प्रदेश में 2007 में जब मायावती की सरकार बनी थी तब दलितों में भी एक विशेष वर्ग का बोलबाला रहा है। वही जब 2012 में जब अखिलेश यादव की सरकार बनी । तब एम-बाई फैक्टर की जमकर चली अन्य जातियों देखती ही रही है। इसी तरह का आरोप प्रदेश की जनता और विरोधी राजनीतिक दल योगी सरकार पर लगा रहे है। कि योगी ठाकुर है। इसलिये प्रदेश में ठाकुरों का बोलवाला रहा है। बड़े-बड़े पदों पर ठाकुर –क्षत्रिय विराजमान है। प्रदेश की राजनीति के जानकार एस के खन्ना का कहना है कि जब 2000-2002 में राजनाथ सिह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। तब ठाकुरवाद हावी नहीं था। लेकिन योगी के शासन-काल में ठाकुरवाद हावी रहा है।फिलहाल चुनाव में आरोप –प्रत्यारोपों का दौर जारी है।

हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल

तहलका ब्यूरो
उत्तराखंड के पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। वे शुक्रवार को प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता हरीश रावत की उपस्थिति में कांग्रेस में शामिल हुए।

उन्हें हाल में मंत्रिमंडल से हटा दिया गया था। उन्होंने टिकटों को लेकर जो मांग की थी , उसपर भाजपा ने सख्त ऐतराज जताते हुए उन्हें पहले मंत्रिमंडल से बाहर  बाद भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से भी बर्खास्त कर दिया गया था।

कांग्रेस में शामिल होने के बाद हरक सिंह रावत ने कहा कि वे भाजपा में घुटन महसूस कर रहे थे। उनहोंने कहा कि गृह मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता अमित शाह से भेंट करके उन्होंने अपनी शिकायतें बताई थीं। हालांकि कोई हल न निकलने के बाद  उन्होंने खामोशी धारण कर ली। उन्होंने आरोप लगाया कि गलत सूचना के आधार पर उन्हें भाजपा से बर्खास्त किया गया।

अब हरक सिंह रावत कांग्रेस में शामिल हो गए हैं। पूर्व मुख्यमंत्री हरेश रावत इस मौके पर उपस्थित थे। अभी यह तय नहीं है कि उन्हें कहाँ से टिकट दिया जाएगा।

यूपी के लिए ‘युवा घोषणापत्र’ में प्रियंका गांधी का 20 लाख नौकरियों का वादा

कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए युवाओं का विशेष घोषणापत्र शुक्रवार को जारी कर दिया। कांग्रेस नेता राहुल गांधी और यूपी की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय में इसे जारी किया। इसमें कांग्रेस ने अपनी सरकार बनने की स्थिति में 8,00,000 सरकारी पद महिलाओं के लिए रखने और कुल 20,00,000 लोगों को नौकरी देने का वादा किया है। कांग्रेस ने यह भी कहा है कि वह चुनाव प्रचार में कोई नकारात्मक बात नहीं करेगी और सिर्फ जनता के मुद्दों पर ही चुनाव लड़ेगी।

राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने घोषणापत्र जारी करते हुए कहा कि 20 लाख नौकरियां देने का वादा है। इनमें से 8 लाख नौकरियां महिलाओं को दी जाएंगी और 1.5 लाख प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। प्रियंका गांधी ने इस मौके पर कहा कि कांग्रेस ने यह घोषणा पत्र जारी करने से पहले युवाओं से उनकी समस्याएं समझने की कोशिश की है। उन्होंने ऐलान किया कि किसी भी नौकरी के लिए आवेदन शुल्क नहीं लिया जाएगा।

इस मौके पर प्रियंका गांधी ने जो घोषणाएं कीं उनके मुताबिक कांग्रेस सत्ता में आने पर 8,00,000 सरकारी पद महिलाओं के लिए देगी, 20,00,000 लोगों को नौकरी देंगे, परीक्षार्थियों के लिए रेल और बस यात्रा मुफ्त होगी, स्टार्टअप्स के लिए 5000 करोड़ रुपये का फंड ,रखा जाएगा, एक लाख प्रधानाध्यापकों की नियुक्ति की जाएगी,
यूपी के सभी कॉलेजों में प्लेसमेंट सेल का गठन किया जाएगा, फ्री वाईफाई और लाइब्रेरी जैसी सुविधाएं दी जाएंगी, हर साल यूथ फेस्टिवल आयोजित होंगे और   नशामुक्ति के लिए बड़ा कदम उठाए जाएंगे।

युवा घोषणा पत्र जारी करने के मौके पर प्रियंका गांधी ने कहा – ‘भर्ती विधान को बनाने के लिए हमारे कार्यकर्ताओं ने जिले-जिले जाकर युवाओं से बात की है। उन्होंने पेपर लीक होने पर कड़ी सजा का प्राविधान रखने की बात की है।’

प्रियंका ने कहा – ‘कांग्रेस ने तय किया है कि वह यूपी चुनाव में किसी तरह की गैर मुद्दा बहस नहीं करेगी। सिर्फ जनता की बात की जाएगी। जनता के लिए ही यह वादे हैं।’  राहुल गांधी ने इस मौके पर कहा – ‘वर्तमान केंद्र और राज्य (यूपी) सरकार ने युवाओं को रोजगार देने के लिए कुछ नहीं किया। कांग्रेस अपना वादा पूरा करेगी।’

अमर जवान ज्योति के राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में विलय पर राहुल का सरकार पर हमला

केंद्र सरकार के दिल्ली में इंडिया गेट पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति का राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वार मेमोरियल) में विलय करने की कोशिश को लेकर विपक्ष ने उसपर हमला किया है। काग्रेस नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को कहा कि ‘सरकार वीर जवानों के देशप्रेम और बलिदान को समझ नहीं पा रही है’। बता दें आज 3.30 बजे एक कार्यक्रम में दोनों को  एक दूसरे में मिला दिया जाएगा। सरकार की तरफ से कहा जा रहा है कि अमर जवान ज्योति को बुझाया नहीं जा रहा है बल्कि उसका राष्ट्रीय युद्ध स्मारक (नेशनल वार मेमोरियल) पर जल रही लौ में ‘विलय’ किया जा रहा है।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट करके आज कहा – ‘बहुत दुख की बात है कि हमारे वीर जवानों के लिए जो अमर ज्योति जलती थी, उसे आज बुझा दिया जाएगा। कुछ लोग देशप्रेम और बलिदान नहीं समझ सकते। कोई बात नहीं। हम अपने सैनिकों के लिए अमर जवान ज्योति एक बार फिर जलाएँगे!’

याद रहे दिल्ली के इण्डिया गेट पर पिछले 50 साल से जल रही अमर जवान ज्योति को सैनिकों के अपूर्व शौर्य के राष्ट्रीय प्रतीक के रूप में मान्यता हासिल है। अमर जवान ज्योति की स्थापना भारतीय सैनिकों की याद में की गई थी, जो 1971 के भारत-पाक युद्ध में शहीद हुए थे। भारत ने यह युद्ध महज 14 दिन में जीत लिया था और बांग्लादेश का गठन हुआ था। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने 26 जनवरी, 1972 को अमर जवान ज्योति का उद्घाटन किया था।

इस बीच विपक्ष सरकार पर इस मसले पर लगातार हमले कर रहा है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा – ‘जो सरकार की ओर से करवाया जा रहा है वो एक राष्ट्रीय त्रासदी है। अमर जवान ज्योति को बुझाना भारत के इतिहास को बुझाने की कोशिश है। राष्ट्रपति को इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए क्योंकि वह तीनों सेनाओं के अध्यक्ष हैं।’

कांग्रेस ने इस मसले पर सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए आरोप लगाया है कि वह इतिहास को बदलने की कोशिश कर रही है। सरकार का कहना है कि वह अमर जवान ज्योति को बुझा नहीं रही बल्कि उसका नेशनल वॉर मेमोरियल में विलय किया जा रहा है। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहले से लौ जल रही है जो इंडिया गेट से करीब 400 मीटर दूर स्थापित किया गया है।

उधर कांग्रेस के ही नेता शशि थरूर ने कहा – ‘लोकतांत्रिक परंपराओं के लिए इस सरकार में कोई सम्मान नहीं है। अमर जवान ज्योति से 50 सालों में जो हासिल किया गया उसे खत्म किया जा रहा है।’ बता दें पीएम मोदी ने 2019 में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का उद्घाटन किया था।

चौक–चौराहे पर प्रत्याशियों की कथनी–करनी का रस ले रहे लोग

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दल चाहें जितने वादे करें। पर ये पब्लिक है कि सब जानती है। प्रदेश में बढ़ती महगांई और बेरोजगारी सहित जाति–धर्म की राजनीति को लेकर जनता का मानना है। कि इन मुद्दों का समय रहते समाधान नहीं किया गया तो, आने वाले दिनों में ये समस्या भयंकर रूप धारण कर सकती है।

मौजूदा दौर में जो राजनीतिक दांव-पेंच के खेल-खेले जा रहे है उसका प्रदेश के विकास से कोई वास्ता नहीं है। चुनाव भले ही अभी पूरी तरह से चुनावी समर में सना नहीं है। लेकिन जनता चौक–चौराहे पर प्रत्याशियों के बीच जाकर उनकी राजनीति और उनकी कथनी-करनी का रस लें रहे है।

नोएडा के चुनाव और वहां की राजनीति के बारे जानकारी देते हुये यहां के निवासी व कांग्रेस के नेता अमरीश गौतम का कहना है कि प्रदेश हो या देश की राजनीति आने वाले चुनावों में कांग्रेस ही एक ऐसी पार्टी होगी। जिसका लोग समर्थन करेगे।

क्योंकि देश के लोग ये बात मान चुके है कि प्रदेश की राजनीति में भले ही क्षेत्रप कुछ कर लें। लेकिन केन्द्र की सरकार में कांग्रेस ही विकल्प बन सकती है। उनका कहना है कि मौजूदा दौर में भले ही जाति-धर्म की राजनीति हो रही है। कांग्रेस के अलावा कोई भी पार्टी ऐसी नहीं है। जो महगांई, बेरोजगारी और विकास को मुद्दा बना रही हो। सिर्फ व सिर्फ कांग्रेस ही एक पार्टी है। जो प्रदेश में जाति–धर्म से हटकर राजनीति कर रही है। जबकि प्रदेश के लोगों का कहना है कि चाहे कोई भी पार्टी हो वो अपनी कुटिल राजनीतिक चालों से जनता को वोट बैंक के तौर पर ही उपयोग करती रही है। लेकिन इस बार जनता ने ठाना है कि वोट –सपोट उसी का होगा जो पूरी तरह से विकास और रोजगार देने के वादा करें। अन्यथा वोट न सपोट कुछ भी नहीं ।

 

सुप्रीम कोर्ट : ‘ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण संवैधानिक तौर पर सही’

सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक विस्तृत फैसले में गुरुवार को पिछड़े वर्गों (ओबीसी) के लिए मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस, बीडीएस और सभी पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को संवैधानिक तौर पर सही ठहराया है। सर्वोच्च अदालत ने अपने फैसले में कहा कि ‘आरक्षण और मेरिट एक दूसरे के विपरीत नहीं हैं’।

सर्वोच्च न्यायालय ने अपने फैसले में नीट (एनईईटी) पीजी दाखिले में ओबीसी आरक्षण की अनुमति देने के कारण भी बताया है। सर्वोच्च अदालत ने ईडब्ल्यूएस आरक्षण पर रोक नहीं लगाने का कारण बताते हुए कहा कि एनईईटी पीजी और यूजी प्रवेश के लिए ऑल इंडिया कोटे में ओबीसी आरक्षण मान्य है।

अदालत ईडब्ल्यूएस आरक्षण की वैधता और पात्रता की स्थिति के मुद्दे पर मार्च के तीसरे सप्ताह सुनवाई करेगी। अदालत ने आज कहा कि ‘आज हम सभी एक महामारी के बीच में हैं। डॉक्टरों की भर्ती में देरी से स्थिति प्रभावित होती। आरक्षण योग्यता के विपरीत नहीं है, लेकिन सामाजिक न्याय के लिए यह जरूरी है। साल  1984 में प्रदीप जैन के फैसले को यह नहीं पढ़ा जा सकता कि एआईक्यू सीटों पर कोई आरक्षण संभव नहीं है।’

सर्वोच्च अदालत ने फैसले में कहा  कि अनुच्छेद 15(4) और 15(5) हर देशवासी को बराबरी मौलिक अधिकार देते हैं। कोर्ट ने कहा कि ‘प्रतियोगी परीक्षाएं उत्कृष्टता, व्यक्तियों की क्षमताओं को नहीं दर्शाती हैं। ऐसे में कुछ वर्गों को मिलने वाले सामाजिक आर्थिक और सांस्कृतिक लाभ को प्रतिबिंबित नहीं किया जा सकता’।

अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ‘सामाजिक न्याय की उपलब्धता के लिए आरक्षण आवश्यक है। मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस, बीडीएस और सभी पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण संवैधानिक तौर पर सही है।’ कोर्ट ने कहा कि ‘उच्च स्कोर योग्यता के लिए एकमात्र मानदंड नहीं है। सामाजिक और आर्थिक पृष्ठभूमि के संबंध में योग्यता को प्रासंगिक बनाने की जरूरत है।’

सर्वोच्च अदालत ने साफ़ किया है कि ‘पहले के फैसलों ने यूजी और पीजी एडमिशन में आरक्षण पर रोक नहीं लगाई है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि चूंकि आरक्षण और सीटों की संख्या की जानकारी परीक्षा होने के बाद तक नहीं की जाती है, इसलिए यह नहीं कहा जा सकता है कि सीटों के गोलपोस्ट को बदल दिया गया है। इस स्तर पर न्यायिक हस्तक्षेप से इस वर्ष के लिए प्रवेश में देरी होती इसलिए 2021-22 बैच के लिए रेंज क्राइटेरिया पर कोई रोक नहीं है।’