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दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू ख़त्म; रात का जारी रहेगा,  मैरिज हाल खुलेंगे

राजधानी दिल्ली में गुरुवार को सरकार ने वीकेंड कर्फ्यू खत्म करने की घोषणा की। तीन हफ्ते पहले इसे कोविड-19 के मामले बढ़ने के कारण इसे लागू किया गया था। वीकेंड कर्फ्यू ख़त्म करने का फैसला दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की आज यहाँ हुई बैठक में किया गया। हालांकि, दिल्ली में रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाईट कर्फ्यू जारी रहेगा।

आज किये गए फैसलों के मुताबिक दिल्ली में कोरोना के मामले घटने के कारण ऑड-ईवन तरीके से दुकान खुलने का आदेश भी वापस ले लिया गया है। हालांकि, राज्य में नाइट कर्फ्यू रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक जारी रहेगा। बता दें मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली में वीकेंड कर्फ्यू हटाने का प्रस्ताव उपराज्यपाल अनिल बैजल) को भेजा था।

डीडीएमए की बैठक में आज जो फैसले हुए हैं उनके मुताबिक कोरोना के कारण नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा, वीकेंड कर्फ्यू खत्म करने का फैसला हुआ है, सख्त बंदिशें जारी रहेंगी, 50 फीसदी क्षमता के साथ मैरिज हॉल खुलेंगे, अधिकतम 200 लोगों को जाने की इसमें अनुमति होगी।

अन्य फैसलों में बार और रेस्ट्रोरेंट 50 फीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे, दुकानों के ऑड-ईवन के तर्ज पर खुलने का फैसला खत्म हो गया है, स्कूल खोलने पर डीडीएमए की अगली बैठक में फैसला होगा, कोरोना से बचने के उपाय लगातार अपनाने का आग्रह भी जनता से किया गया है। शादी समारोह में अब 200 तक मेहमान शामिल हो सकते हैं। डीडीएमए की बैठक में यह फैसला किया गया है।

कोरोना को देखते हुए स्वास्थ्य बजट जीडीपी का 10 फीसदी किया जाए

कोरोना काल में मरीजों को बेहत्तर स्वास्थ्य सेवायें मिले । इसके लिये केन्द्र सरकार अगामी को बजट में इजाफा करना चाहिये। ये बात आज आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ बंसल ने कही। डाँ अनिल बंसल का कहना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन(डब्ल्यू एच ओ) के मुताबिक भारत में जीडीपी का कम से कम दस प्रतिशत स्वास्थ्य बजट होना चाहिये। लेकिन मौजूदा समय में सरकार 2 प्रतिशत से कम ही बजट जीडीपी का दे रही है। इससे देश की स्वास्थ्य सेवायें लड़खड़ा रही है। उन्होंने कहा कि भारत की बढ़ती जनसंख्या और महगांई के अनुपात के मुताबिक देश की सरकार अस्पतालों में मरीजों को बेहत्तरीन स्वास्थ्य सेवायें नहीं मिल पा रही है।डाँ अनिल बंसल का कहना है कि कोरोना संक्रमित बीमारी है। ये बीमारी आसानी से जाने वाली नहीं है। इसलिये इस पर व्यापक तौर शोध होने की जरूरत है।उनका कहना है कि सरकार स्वास्थ्य बजट पर कम बल्कि, सियासी गुणा-भाग ज्यादा करती  है। जिसका नतीजा ये है कि कोरोना काल में मरीजों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा है। इसलिये सरकार को बिना समय बर्बाद किये हुये जीडीपी का 10 प्रतिशत बजट जारी करना चाहिये। जो मौजूदा समय में हेल्थ सेक्टर में संख्त जरूरत है। बजट बढ़ने से मरीजों के साथ डाँक्टरों और नर्सों के साथ पैरामेडिकल स्टाफ को भी लाभ मिलेगा।उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से मांग करते हुये कहा कि कोरोना काल चल रहा है। कोरोना के मामलें आये दिन बढ़ रहे है। साथ ही कैंसर, लीवर, किड़नी के साथ –साथ मधुमेह और उच्च रक्च चाप जैसी बीमारी तेजी से बढ़ रही है। इन सबसे बचाव के लिये गांव –गांव में स्वास्थ्य ढांचा मजबूत करने की जरूरत है। जो हेल्थ बजट में इजाफा करने से ही संभव है।

आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट से नाराज छात्र 28 जनवरी को करेंगे देशव्यापी आंदोलन, कांग्रेस ने किया छात्रों का खुला समर्थन

आरआरबी एनटीपीसी रिजल्ट से नाराज़ छात्रों द्वारा 28 जनवरी को बिहार बंद और देशव्यापी आंदोलन आयोजित किया जा रहा है। छात्रों द्वारा किए जा रहे इस रेल रोको आंदोलन का कांग्रेस पार्टी ने खुलकर समर्थन किया है।

कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने गुरुवार को दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्यालय से प्रेस वार्ता कर पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, छात्रों द्वारा किए जा रहे इस देशव्यापी आंदोलन को कांग्रेस पार्टी का पूर्ण समर्थन है किंतु यह आंदोलन बेहद शांतिपूर्ण तरीके से होना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि, हम सरकार से यह कहना चाहते है यह गांधी का देश है जो कि सत्य और अहिंसा से चलता है। और किसी भी प्रकार के आंदोलन में हिंसा की जरूरत नहीं है। जिस प्रकार किसानों ने शांतिपूर्ण तरीके आंदोलन कर सरकार पर जीत हासिल की ठीक उसी प्रकार युवा इस आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से कर सरकार पर जीत हासिल कर सकते है।

सुप्रिया ने भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा की आपने देश के युवाओं के साथ वादाखिलाफी की है। उनसे रोजगार के बड़े-बड़े वादे कर उन वादों को पूरा नहीं किया है। और आज देश के युवा बेरोजगार है।

सरकार युवा और बेरोजगारी को छोड़कर हर प्रकार की बाते करती है किंतु देश में रोजगार की बातें नहीं करती। सरकार उन युवाओं से क्या कहना चाहेगी जो दिल्ली, बिहार और उत्तर प्रदेश की सरकार व रेल मंत्रालय में प्राइवेटाइजेशन के नुमाइंदों को जगाने के लिए रेलवे ट्रैकों पर बेहद ही सर्द मौसम में बैठे हुए है। किंतु अब सरकार को देश के युवाओं की आवाज़ सुननी पड़ेगी।

 

रेलवे भर्ती के नतीजे में ‘धांधली’ के विरोध में छात्र विरोध जारी, बोगी में आग लगाई

बिहार में रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) परीक्षा के नतीजे में ‘धांधली’ के विरोध में बुधवार को लगातार तीसरे दिन आक्रोशित अभ्यर्थियों का विरोध प्रदर्शन जारी रहा और उन्होंने गया में यार्ड में खड़ी एक बोगी में आग लगा दी। पटना में पुलिस ने कल प्रदर्शनकारी छात्रों पर लाठीचार्ज किया था और आंसू गैस के गोले छोड़े थे। पुलिस का कहना है कि छात्रों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। इस बीच कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने आंदोलनकारी छात्रों का समर्थन किया है।

रेलवे ने धांधली के आरोपों को लेकर जांच के लिए एक समिति बनाई है, लेकिन छात्रों का गुस्सा जारी है। इसकी आंच बिहार के बाद चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश तक पहुँच गयी है प्रयागराज में नौकरी की मांग को लेकर छात्रों ने ट्रेन रोकने की कोशिश की।इस मुद्दे पर रेल मंत्री आज शाम प्रेस कांफ्रेंस करेंगे।

रेलवे बोर्ड ने नतीजों पर रोक लगा दी है और अगली परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं। छात्रों का बिहार में रेलवे भर्ती बोर्ड की नॉन टेक्निकल पॉपुलर कैटेगरी (एनटीपीसी) परीक्षा परिणाम में धांधली को लेकर आंदोलन तेज हो गया है। गया में बुधवार को गुस्साए छात्राओं ने यार्ड में खड़ी एक बोगी में आग लगा दी और श्रमजीवी एक्सप्रेस पर पथराव किया।

छात्रों के गुस्से को देखते हुए रेलवे की ग्रुप डी की परीक्षा रोक दी गई है। रेलवे ने धांधली के आरोपों को लेकर जांच के लिए एक समिति बनाई है, लेकिन हंगामा अभी जारी है। छात्रों ने बिहार में गया रेलवे जक्शन के आउटर सिग्नल पर खड़ी एमटी ट्रेन के कोच में आग लगा दी है जिसका धुंआ दूर दूर तक दिखाई दिया।

परीक्षा को लेकर बिहार से शुरू हुए आंदोलन का असर चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश तक पहुंच गया है। यूपी के प्रयागराज में छात्रों ने हंगामा किया जिसके बाद पुलिस हंगामा करने वाले छात्रों की तलाश में हॉस्टल पहुंच गई। बेरोजगारी का मुद्दा चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकता है।

इसे मसले पर कांग्रेस नेताओं राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने बुद्धवार को आंदोलन कर रहे छात्रों का समर्थन किया है। राहुल गांधी ने रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षा की प्रक्रिया का विरोध कर रहे युवाओं का समर्थन करते हुए कहा – ‘अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने को हर नौजवान स्वतंत्र है, जो भूल गए हैं, उन्हें याद दिला दो कि भारत लोकतंत्र है, गणतंत्र था, गणतंत्र है।’ राहुल ने ट्वीट में बिहार में एक ट्रेन रोककर राष्ट्रगान गा रहे युवाओं का एक वीडियो भी साझा किया है।

उधर उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट में कहा – ‘गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर अपने हक की बात कह रहे छात्र-छात्राओं के साथ डबल इंजन सरकार की पुलिस का व्यवहार देखिए। युवाओं के दमन के खिलाफ देश भर में इंकलाब होगा और भाजपा का अहंकार चूर-चूर होगा। युवा रोजगार का हक लेकर रहेंगे।’

उधर रेलवे के प्रवक्ता ने कहा – ‘रेलवे ने एक समिति भी बनाई है, जो विभिन्न रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की ओर से आयोजित परीक्षाओं में सफल और असफल होने वाले परीक्षार्थियों की शिकायतों की जांच करेगी। दोनों पक्षों की शिकायतें और चिंताएं सुनने के बाद समिति रेल मंत्रालय को एक रिपोर्ट सौंपेगी।’ रेलवे ने विरोध-प्रदर्शन के बाद एनटीपीसी और लेवल-1 की परीक्षाएं भी स्थगित कर दी हैं। रेलवे ने कहा जो छात्र तोड़फोड़ में संलिप्त मिलेंगे उन्हें रेलवे में नौकरी नहीं मिलेगी।

कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले पूर्व मंत्री आरपीएन सिंह भाजपा में शामिल

वरिष्ठ कांग्रेस नेता आरपीएन (कुंवर रतनजीत प्रताप नारायण) सिंह, जिन्होंने आज सुबह कांग्रेस से इस्तीफा दिया था, शाम को भाजपा में शामिल हो गए। सिंह झारखंड कांग्रेस के प्रभारी महासचिव थे। सिंह पिछले तीन दशक से कांग्रेस में थे और यूपीए-2 में केंद्र में मंत्री भी रहे।

भाजपा में शामिल होते उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोला। उन्होंने कहा – ‘अब कांग्रेस पहले वाली कांग्रेस नहीं रही है। अगर देश में राष्ट्र निर्माण करना है और देश को आगे बढ़ाना है तो मैं एक छोटे कार्यकर्ता की हैसियत से हमारे प्रधानमंत्री मोदी के सपनों को पूरा करने के लिए जो भी प्रयास होगा, अवश्य करूंगा।’

सिंह ने इस मौके पर कहा कि 32 साल तक वे एक पार्टी में रहे, ईमानदारी से रहे, लगन से मेहनत की परन्तु जिस पार्टी में इतने साल रहे अब वो पार्टी रह नहीं गई न वो सोच रह गई, जहां मैंने शुरूआत की थी।

इससे पहले भाजपा ने उन्हें पार्टी की प्राथमिक सदस्यता दी। आरपीएन सिंह नई दिल्ली में भाजपा मुख्यालय में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हुए। प्रधान ने इस मौके – ‘आरपीएन सिंह जी का मैं भारतीय जनता पार्टी परिवार में स्वागत करता हूं। उनके साथ 2 अन्य साथी भी भाजपा में शामिल हुए हैं, मैं उनका भी पार्टी में स्वागत करता हूं।’

सिंह करीब 4 दशक से राजनीति में सक्रिय हैं और उनके पिता सीपीएन सिंह भी सांसद रहे हैं। सिंह 1996, 2002 और 2007 में पडरौना विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे और एक बार सांसद भी रहे। यूपीए 2 में कांग्रेस ने उन्हें गृह राज्यमंत्री बनाया और अहम महकमे दिए। सिंह यूपी यूथ कांग्रेस की इकाई के अध्यक्ष भी रहे हैं।

इससे पहले आज सुबह सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिंह ने कहा – ‘मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तुरंत इस्तीफा देता हूं। देश, लोग और पार्टी की सेवा करने की मौका देने के लिए शुक्रिया।’

पूर्व मंत्री कांग्रेस नेता आरपीएन सिंह का कांग्रेस से इस्तीफा, भाजपा में जाएंगे

झारखंड के प्रभारी महासचिव वरिष्ठ कांग्रेस नेता आरपीएन (रतनजीत प्रताप नारायण) सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। चर्चा है कि वे दलबदल करके भाजपा में जा रहे हैं। सिंह ने पार्टी अध्यक्ष  सोनिया गांधी को इस्तीफा भेज दिया है।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा अपना इस्तीफा सिंह ने अपने टि्वटर हैंडल पर पोस्ट किया है। इसमें आरपीएन ने लिखा – ‘आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनैतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं।’

सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिंह ने लिखा – ‘मैं कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तुरंत इस्तीफा देता हूं। देश, लोग और पार्टी की सेवा करने की मौका देने के लिए शुक्रिया।’ बता दें मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार में सिंह मंत्री थे।

आरपीएन सिंह 1996, 2002 और 2007 में पडरौना विधानसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गए थे जबकि साल 1999 के लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह तीसरे स्थान पर रहे थे।

साल 2004 में वे दूसरे स्थान पर रहे थे जबकि 2009 के लोकसभा चुनाव में सिंह चुनाव जीतकर यूपीए-2 सरकार में भूतल परिवहन और  सड़क राज्यमार्ग राज्यमंत्री, पेट्रोलियम राज्य मंत्री और गृह राज्य मंत्री रहे। साल 2014 का लोकसभा चुनाव आरपीएन सिंह हार गए थे।

महाराष्ट्र में सड़क हादसे में 7 एमबीबीएस छात्रों की मौत, एक एमएलए का बेटा

एक सड़क हादसे में सोमवार देर रात महाराष्ट्र के वर्धा जिले में एमबीबीएस के 7 छात्रों की मौत हो गयी। इनमें एक विधायक का बेटा था। यह सभी  एक कार में वर्धा जा रहे थे जब उनकी कार एक पुल से नीचे गिर गयी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह सभी मेडिकल छात्र दवेली से वर्धा जिले में जा रहे थे। रास्ते में यवतमाल वर्धा मार्ग पर एक पुल से उनकी कार नदी में जा गिरी। पुलिस के मुताबिक सोमवार देर रात करीब साढ़े 11 बजे सेलसुरा के पुल पर यह हादसा हुआ।

पुलिस हादसे के कारणों की जानकारी लेने की कोशिश कर रही है। पहली नजर में यह हादसा चालक के कार से नियंत्रण खो देने के कारण लगता है। हादसे में जान गंवाने वाले छात्रों में एक महाराष्ट्र के गोंदिया के तिरोड़ा हलके से भाजपा विधायक विजय रहांगदाले का बेटा आविष्कार रहांगडाले भी है। हादसे में कार में सवार सभी  लोगों की मौत हो गयी।

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुःख जताते हुए जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए पीएमएनआरएफ से 2-2 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। हादसे महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों और मुख्यमंत्री ने  गहरा शोक जताया है।

कोरोना की चपेट में आये बच्चे, बढ़ी चिंता

कोरोना वायरस के कहर और ओमिक्रोन के बाद, अब बच्चों में कोरोना संक्रमण के मामलें बढ़ने लगे है। जिसको लेकर बाल रोग विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना का कहर लगातार जारी है। अभी कर्नाटक में सबसे ज्यादा बच्चों में कोरोना के संक्रमण के मामले सामने आये है। ऐसे में हमें अभी से सावधानी बरतनी होगी।

कलावती सरन अस्पताल दिल्ली के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ ए . के.  सिंह का कहना है कि बच्चों में इम्युन्टी पावर का ध्यान रखना होगा। उनका कहना है कि बच्चों में खांसी-जुकाम की शिकायत के साथ और बुखार अगर 4 दिन से आ रहा हो तो, उसे नजरअंदाज न करें। बल्कि सावधानी के तौर इलाज करवायें।

एम्स के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ जुगल कुमार का कहना है कि बच्चों में रोग प्रतिरोधक युवकों की तुलना में कम पायी जाती है। इसलिये उनको संक्रमित बीमारी जल्दी अपनी चपेट में ले लेती है। जी बी पंत अस्पताल के सीनियर डॉ भरत सागर का कहना है कि कोरोना एक संक्रमित बीमारी है।

बच्चों में अभी तक कोरोना के मामलें कम ही आ रहे थे। लेकिन कर्नाटक और केरल में जो बच्चों में कोरोना होने की पुष्टि हुई है। उससे जरूर स्वास्थ्य महकमें में हडकंप है। उन्होंने कहा कि बच्चों कम से कम घर से बाहर निकालें और सोशल डिस्टेसिंग का पालन करें।उनका कहना है कि 10 साल तक के बच्चों के लिये वैक्सीन जल्द से जल्द से आने वाली है। वैक्सीनेशन बच्चों में होने के बाद कोरोना को काफी हद तक काबू पाया जा सकता है।

सीएम पद के लिए 21 लाख कॉल आने का केजरीवाल का दावा एक फ्रॉड: सिद्धू

विधानसभा का चुनाव जैसे-जैसे पास आ रहा है, पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू फ़ार्म में आते जा रहे हैं। अब उन्होंने पंजाब में अपनी प्रतिद्वंदी आम आदमी पार्टी (आप) पर तगड़ा हमला किया है। सिद्धू ने सोमवार को सीधे आप प्रमुख अरविन्द केजरीवाल पर हमला बोला और उन्हें ‘घोटालेबाज’ बताते हुए उनपर पंजाब के लोगों को बेबकूफ बनाने का आरोप लगाया।

सिद्धू ने कहा कि सीएम उम्मीदवार के लिए 21 लाख सन्देश आने का केजरीवाल का दावा एक घोटाला है और इसके खिलाफ चुनाव आयोग में उनकी शिकायत की गयी है।

एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए सिद्धू ने कहा – ‘केजरीवाल ने अपनी पार्टी के सीएम पद के चेहरे के लिए एक नंबर लॉन्च किया और दावा किया कि उन्हें लगभग 21 लाख संदेश मिले। भले ही वह 24 गुणा 7 नंबर हो, एक निजी टेलीफोन नंबर 5000 से अधिक संदेश या कॉल प्राप्त नहीं करेगा। यह लोगों को बरगलाने का घोटाला है।’

पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा – ‘केजरीवाल एक घोटालेबाज हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर चुनाव आयोग से शिकायत की है और इसपर उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। वह अपनी गंदी चाल से पंजाब के लोगों को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं। आप ने फेक न्यूज का हाइब्रिड मॉडल बनाया है।’

सिद्धू ने आप नेता पर ‘बेगानी शादी में केजरीवाल दीवाना’ और ‘थोथा चना बाजे घना’ जैसे मुहाबरों से तंज कसते हुए कहा कि वे पंजाब के लोगों से लगातार झूठ बोल रहे हैं लेकिन उन्हें पता नहीं कि उनका यह झूठ नहीं चलेगा। बता दें पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने भी कुछ दिन पहले भगवंत मान को आप का सीएम चेहरा बनाने पर सवाल उठाए थे।

पंजाब में सीट बंटवारा: भाजपा 65, पंलोकां 37, ढींढसा की पार्टी 15 सीटों पर लड़ेंगे

पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन ने सीटों का बंटवारा कर लिया है। भाजपा इस चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (पंलोकां) और संयुक्त अकाली दल (ढींढसा) के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही है। बड़े भाई की भूमिका निभाते हुए भाजपा कुल 117 विधानसभा सीटों में से 65 पर लड़ेगी जबकि पंजाब लोक कांग्रेस के हिस्से 37 और संयुक्त अकाली दल (ढींढसा) के हिस्से में 15 सीटें आई हैं।

सीट बंटवारे को अंतिम रूप सोमवार को दिल्ली में एक बैठक में दिया गया। जिसमें भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल रहे। उन्होंने प्रेस कांफ्रेंस में कहा – ‘हम तीनों पूरी  ताकत से मिलकर पंजाब विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। चुनाव में भाजपा 65,  पंजाब लोक कांग्रेस 37 और संयुक्त अकाली दल-ढींढसा 15 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे।’

नड्डा ने कहा – ‘पंजाब में एनडीए का जो गठबंधन हुआ है उसमें भाजपा, पंजाब लोक कांग्रेस और संयुक्त अकाली दल-ढींढसा शामिल हैं। पंजाब एक सीमा वाला राज्य है और यह देश की सुरक्षा से जुड़ा हुआ भी राज्य है। देश की सुरक्षा के लिए पंजाब का मजबूत रहना और वहां एक मजबूत सरकार बनना देश और प्रदेश दोनों के लिए जरूरी है।’

बता दें पंजाब में किसान आंदोलन के बाद स्थिति  काफी दिलचस्प हो गयी है और चुनाव में कड़ा मुकाबला होने संभावना बन रही है। कांग्रेस, आप और अकाली दल के अलावा किसान संगठन भी चुनाव मैदान में हैं।