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उत्तर प्रदेश: बुन्देलखंड में हुआ चुनाव धर्म और जाति के नाम पर

उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण में बुन्देलखंड की 19 विधानसभा सीटों पर पिछले चुनावों की तुलना में इस बार पूरी तरह चुनाव धर्म और जाति आधार पर हुआ है। हालांकि विकास के नाम पर जरूर चुनाव हुये है। लेकिन मतदान पूरी तरह से धर्म और जाति के आधार पर हुआ है।
बताते चलें, वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बुन्देलखंड की सभी 19 सीटों पर अपनी जीत का परचम लहराया था। इस बार समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और कांग्रेस ऐन-केन-प्रकारेण भाजपा के किले में सेंध लगाने के लिये काफी मेहनत करती दिखी है।
कई विधानसभा सीटों पर तो ये भी देखने को मिला जहां पर भाजपा कमजोर होते दिखी वहीं पर गैर भाजपा प्रत्याशियों ने भाजपा को हराने के लिये आपस में मेल-जोल कर लिया है। खैर चुनाव-मतदान के दौरान समीकरण बनते बिगड़ते रहते है। इस लिहाज से कुछ कहा नहीं जा सकता है। लेकिन इतना जरूर हुआ है कि चुनाव में जाति और धर्म के नाम पर वोट पड़े है।
बुन्देलखंड वासियों का कहना है कि हम जरूर लोकतंत्र के उत्सव के नाम पर चुनाव का माहौल बनाते है। लेकिन दिखता हकीकत में कुछ और ही है। उनका कहना है कि चुनाव में इस बार उम्मीद थी कि चुनाव बदलाव और विकास के नाम पर होगा। उनका कहना है कि चुनाव में बुन्देलखंड में सूखा से समाधान के नाम पर किसी पार्टी ने कोई विशेष आश्वासन नहीं दिया था। इस लिहाज से यहां के लोगों ने ये मान लिया है कि चुनाव में विकास आदि के मुद्दे केवल सुनने-सुनाने के लिये होते है। असल में तो चुनाव धर्म और जाति के नाम पर होता है।  

ये पब्लिक है कि सब जानती है

एक ओर तो भाजपा आम आदमी पार्टी के विरोध में गली-गली खुली शराब की दुकानों के खिलाफ सड़कों पर है। वहीं दूसरी तरफ भाजपा के नेता आप पार्टी पर देश विरोधी आरोप लगाकर राजनीति चमकाने में लगे है।
लेकिन आप पार्टी का कहना है कि जो भी आरोप आप पार्टी पर लगाये जा रहे है। वो पांच साल पहले भी लगाये जा चुके है। ऐसे में अब दिल्ली की सियासत में भाजपा और आप पार्टी आमने-सामने आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति खेल रही है। लेकिन ये पब्लिक है कि सब जानती है।
दिल्ली के लोगों का कहना है कि पहले कांग्रेस ने फिर भाजपा और अब आप पार्टी के नेता जनता को ठगने में लगे है। इससे जनता पर कोई खास असर नहीं पड़ता है। जनता का कहना है कि दिल्ली में शराब की दुकानों में जो छूट दी जा रही है। इससे युवा-पढ़ी पर विपरीत असर पड़ रहा है।
दिल्ली के निवासियों का कहना है कि दिल्ली में अगर नगर निगम के चुनाव नहीं होते तो, शायद ये शराब की दुकानों का मामला सामने न आता और न ही भाजपा सड़कों पर होती। चुनाव के बाद न शराब की दुकानों का विरोध होगा और ना ही नेता सड़कों पर होगा।
दिल्ली की राजनीति के जानकार के. डी पाठक का कहना है कि दिल्ली में नगर निगम के चुनाव को लेकर माहौल को राजनीतिक बनाया जा रहा है। जबकि हकीकत तो ये है कि शराब की दुकाने तो पहले ही थी वहीं अभी भी है। हां इतना जरूर है कि शराब की दुकानें कुछ ज्यादा ही खुली है।
दिल्ली के लोगों का कहना है कि ये राजनीतिक जो भी करें लेकिन जनता के हित को देखकर करें  क्योंकि दिल्ली में फ्री की राजनीति के चलते तामाम स्थानों पर विकास कार्य रूका हुआ है। सड़को की हालत जर्जर है।व्यापारियों का कहना है कि केन्द्र की भाजपा और दिल्ली की आप पार्टी की सरकार व्यापारियों की मांगों को नजरअंदाज करने में लगी है। क्योंकि कोरोना काल में जो व्यापार टूटा था ।तब से अभी तक नहीं उठा है। इसलिये व्यापारियों की मांगों का समाधान होना चाहिये।   

हिमाचल के पुलिस अधिकारी की आतंकी मामले में गिरफ्तारी से मचा हड़कंप

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) सहित आतंकवादियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशंस में काम कर चुके और वीरता पदक से सम्मानित हिमाचल प्रदेश के एक आईपीएस अधिकारी एडी नेगी की आतंकवादियों को संवेदनशील जानकारियां लीक करने के आरोप में गिरफ्तारी से हड़कंप मच गया है। साथ ही इसे कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। उन्हें एनआईए ने गिरफ्तार किया जिसमें कभी वो काम कर चुके हैं। वर्तमान में नेगी एसपी एसडीआरएफ, जुनगा में कमांडेंट थे।

 

हाल के सालों में आतंकियों को संवेदनशील जानकारियां लीक करने के आरोप में पकड़े जाने वाले नेगी संभवता पहले अधिकारी हैं। उनपर लगे आरोपों से निश्चित ही सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस विभाग में चिंता पसरी है क्योंकि कहा जा रहा है कि बाड़ ही खेत को खाने लगे तो खेत का क्या होगा !

गिरफ्तार किये गए एसपी नेगी हिमाचल प्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं। हैरानी यह है कि 11 साल तक एनआईए में काम कर चुके हैं। वे  2011 में एचपीएस से आईपीएस बने थे। नेगी को एनआईए में सबसे प्रतिष्ठित अधिकारियों में से एक गिना जाता था। कई प्रमुख मामलों की जांच में वे शामिल रहे।

उन्हें कश्मीर की हुर्रियत कांफ्रेंस के टेरर फंडिंग मामले की जांच के लिए वीरता पदक मिला था जबकि पूर्व डीएसपी दविंदर सिंह के आतंकवादियों के रिश्तों के आरोपों की जांच भी उनके पास रही थी। नेगी पर पहले से नजर रखी जा रही थी।

कश्मीर में आतंकियों से मुठभेड़ में 2 जवान शहीद, एक आतंकी भी ढेर

जम्मू कश्मीर में शनिवार को एक मुठभेड़ के दौरान सुरक्षा बलों के दो जवान शहीद हो गए जबकि एक आतंकी भी मारा गया। यह मुठभेड़ कश्मीर के शोपियां में हुई।

जानकारी के मुताबिक घटना कश्मीर में शोपियां के जैनापुरा इलाके में चेरमार्ग की है  सुरक्षा बलों को इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की जानकारी मिली  थी, जिसके बाद उन्होंने इलाके की घेराबंदी करके वहां तलाशी अभियान शुरू कर दिया।

तलाशी के दौरान ही वहां छिपे बैठे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। आतंकवादियों की गोलीबारी का जवाब सुरक्षा बलों ने भी ताबड़तोड़ गोलीबारी से दिया जिसमें एक आतंकवादी मारा गया।

हालांकि, इस दौरान आतंकियों की गोली से दो जवान भी शहीद हो गए। याद रहे पिछले महीने में सुरक्षा बलों ने कश्मीर में मुठभेड़ों में जैश-ए-मोहम्मद और लश्‍कर-ए- तैयबा के पांच आतंकियों को मार गिराया था।

एयर इंडिया की यूक्रेन में फंसे भारतीयों के लिए 22, 24, 26 को विशेष उड़ानें

रूस और यूक्रेन के बीच जबरदस्त तनाव के बीच टाटा समूह के स्वामित्व वाली एयर इंडिया ने शनिवार को जानकारी दी है कि वह 22, 24 और 26 फरवरी को यूक्रेन के लिए तीन उड़ानें संचालित करेगी। यूक्रेन में भारतीय दूतावास के ट्विटर हैंडल पर उपलब्ध जानकारी के मुताबिक इन उड़ानों के लिए बुकिंग भी शुरू हो गई है।

यहाँ बता दें कि यूक्रेन में युद्ध के खतरे को देखते हुए वहां रहने वाले भारतीय नागरिक और छात्र फ्लाइट्स की मांग कर रहे हैं ताकि वे देश लौट सकें। भारत सरकार ने तीन  दिन पहले ही यूक्रेन में रह रहे भारतीयों को सलाह दी थी कि वे देश छोड़ दें।

एयर इंडिया के मुताबिक इस मांग को देखते हुए वह अगले हफ्ते भारत-यूक्रेन के बीच तीन उड़ानें संचालित करेगी। ये उड़ानें 22, 24 और 26 फरवरी को होंगी। उड़ानों के लिए बुकिंग पहले ही शुरू हो गई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक भारतीय दूतावास ने यूक्रेन में बसे भारतीयों को एक ज्ञापन के जरिये इन फ्लाइट्स की जानकारी दे दी है। विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ही यूक्रेन में फंसे भारतीयों को आवश्यक जानकारी देने या सहायता के लिए बुधवार को ही एक नियंत्रण कक्ष (कंट्रोल रूम) स्थापित कर दिया था जबकि यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने भी 24 घंटे की हेल्पलाइन जारी की है।

देश में कोविड-19 का पॉजिटिविटी रेट पहुंचा 2 फीसदी से भी नीचे

देश में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 22,270 नए मामले सामने आए हैं लेकिन सबसे सकारात्मक खबर यह है कि देश में काफी समय बाद पॉजिटिविटी रेट 2 फीसदी (वास्तविक 1.80 फीसदी) के नीचे चला गया है। इस समय महामारी रिकवरी रेट 98.21 फीसदी है और पिछले 24 घंटे में 60,298 लोग ठीक हुए हैं।

स्वास्थ्य विभाग के आज सुबह जारी आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में देश भर में सक्रिय कोविड-19 मामले 2,53,739 हैं। साथ ही ठीक होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,20,37,536 हो गई है। रोजाना का पॉजिटिविटी रेट 1.80 फीसदी है। वहीं वीकली पॉजिटिविटी रेट 2.50 फीसदी है।

पिछले 24 घंटे में कोरोना से 325 लोगों की मौत हुई है। अब तक 75.81 करोड़ कोविड टेस्टिंग हुई हैं। पिछले 24 घंटे में 12,35,471 कोरोना जांच की गई है। वहीं देश में शुक्रवार को एक दिन में कोरोना वायरस के 25,920 नए मामले सामने आए हैं। अब देश में कुल संक्रमित 4,27,80,235  हो गए हैं। देश में 43 दिन बाद कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या घटकर तीन लाख से नीचे आ गयी है।

जहाँ तक राजधानी दिल्ली की बात है पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 607 नए मामले सामने आए। इस दौरान 4 लोगों की मौत हुई। दिल्ली में कोरोना से मौत का कुल आंकड़ा 26,095 हो गया है। होम आइसोलेशन में 1860 मरीज हैं जबकि सक्रिय कोरोना मरीजों की दर  0.14 फीसदी हो गई है और रिकवरी रेट 98.44 है।

दिल्ली: आप पार्टी की निगम पार्षद पर भ्रष्ट्राचार के आरोप में गिरफ्तारी से बदल सकते है चुनावी समीकरण 

सियासत में कब क्या हो जाये कुछ कहा नहीं जा सकता है  ऐसा ही माहौल आजकल आम आदमी पार्टी (आप) में देखने को मिल रहा है। पूर्वी दिल्ली की वेस्ट विनोद नगर से आप पार्टी की निगम पार्षद गीता रावत को सीबीआई ने 20 हजार रूपये की रिश्वत के साथ 18 फरवरी को गिरफ्तार किया है।

इससे आप पार्टी में भूचाल आ गया है। आप पार्टी अभी तक ये दावा करती रही है। कि उसकी पार्टी और उसके प्रतिनिधि किसी प्रकार के भ्रष्ट्राचार में लिफ्त नही्ं है। लेकिन गीता रावत की भ्रष्ट्राचार के आरोप में गिरफ्तार होने से ये बात तो सामने आ गयी है। कि आप पार्टी भी अन्य राजनीतिक दलों की तरह ही है।

भाजपा और कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि अगर सही तरीके से जांच की जाये तो आप पार्टी के ज्यादात्तर विधायक और निगम पार्षद भ्रष्ट्राचार के आरोप में संलिप्त हो सकते है। वहीं आप पार्टी के विधायक और निगम पार्षद जरूर ये दावा कर रहे है। कि आप पार्टी को सोची समझी साजिश के तहत फंसाया गया है। 

बताते चलें आप पार्टी के मुखिया अरविन्द केजरीवाल पर भी खालिस्तान के समर्थक होने और देश विरोधी होने के आरोप लग रहे है। इससे ये बात तो जाहिर होती है। कि आप पार्टी इन दिनों गंभीर आरोपो  में घिरी है।
सियासत के जानकार व आप पार्टी समर्थक आलोक कुमार का कहना है कि दिल्ली की सियासत में आप पार्टी का कोई काट भाजपा और कांग्रेस को नहीं दिख रहा था। दिल्ली नगर निगम में पहले से ही आप पार्टी की जीत को देखकर भाजपा और कांग्रेस सकते में है। लेकिन जो आरोप केजरीवाल और निगम पार्षद गीता रावत की रिश्वत मामले में लग रहे है। उससे जरूर आप पार्टी की साख को बट्टा लगा है और आगामी दिल्ली नगर निगम के चुनाव पर विपरीत असर डाल सकता है। जिससे आप पार्टी के चुनावी समीकरण बदल सकते है।

केजरीवाल पर चौतरफा हमला

आम आदमी पार्टी (आप) के मुखिया अरविन्द केजरीवाल के ऊपर जो आरोप आप पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक कुमार विश्वास द्वारा जो लगाये गये है। उससे दिल्ली की सियासत से लेकर देश की राजनीति में हडकंप मचा हुआ है।
पंजाब में 20 फरवरी और उत्तर प्रदेश के तीसरे चरण में 20 फरवरी को होने वाले चुनाव पर काफी असर देखा जा रहा है। सियासत के जानकारों का कहना है कि राजनीति में कब कौन सा आरोप और कौन सी बात तूल पकड़ कर मुद्दा बन जाये ये कह पाना मुश्किल होता है।
मौजूदा समय में केजरीवाल पर चौतरफा हमला हो रहे है। पंजाब में आप पार्टी के पक्ष में कुछ माहौल बन रहा था। तो उत्तर प्रदेश में आप पार्टी को लेकर गंभाीरता से देखा जा रहा था। लेकिन अब माहौल बदला सा नजर आ रहा है। आप पार्टी के एक नेता ने तहलका संवाददाता को बताया कि इस तरह की आशंका जतायी जा रही थाी कि चुनाव के दौरान कुछ ऐसे में मामले सामने आ सकते है।
जिससे पार्टी को नुकसान पहुचांने के प्रयास किये जायेगें जो हो रहा है। आप पार्टी के नेता का कहना है कि  कांग्रेस और भाजपा के साथ पंजाब के वे राजनीति दल आज अरविन्द केजरीवाल पर हमला कर रहे है जिनसे उम्मीद नहीं थी। चौतरफा आरोपों के बीच आप पार्टी को चुनाव में काफी नुकसान हो सकता है। सबसे चौकाने वाली बात तो ये है कि दिल्ली  नगर निगम के चुनाव में जो माहौल बन रहा था। लेकिन अब मामला कुछ फिसलता हुआ नजर आ रहा है।
आप पार्टी के समर्थक जगबीर सिंह का कहना है कि कुमार विश्वास के आरोपों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है। क्योंकि ऐसे आरोप तो लगते रहते है। लेकिन जनता के बीच जाकर अब खुद केजरीवाल  को बताना होगा कि  कुमार विश्वास -विश्वासघात की राजनीति कर रहे है। पंजाब की सियासत में अगर चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने से चूकते है। तो आने वाले अन्य राज्यों के चुनाव में आप पार्टी को काफी दिक्कत हो सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में यूपी सरकार ने बताया सीएए वसूली नोटिस वापस

सर्वोच्च न्यायालय की फटकार के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के खिलाफ आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों के खिलाफ जारी वसूली के नोटिस वापस ले लिए हैं। साथ ही जिन लोगों से वसूली की गयी थी, उन्हें रिफंड का आदेश भी सर्वोच्च अदालत ने दिया है। नोटिस वापस लेने जानकारी यूपी सरकार ने शुक्रवार सर्वोच्च न्यायायलय में दी।

याद रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ यूपी सरकार ने वसूली नोटिस जारी किये थे  और कई  लोगों से वसूली भी की गयी थी। प्रदेश सरकार ने यह कार्रवाई आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान को लेकर की थी। प्रशासन ने कुल 274 लोगों को वसूली नोटिस भेजे थे।

सुप्रीम कोर्ट ने आज इस मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि ‘हम इस ( यूपी सरकार के फैसले) की सराहना करते हैं। सर्वोच्च अदालत में आज यूपी सरकार ने सूचित किया कि उसने 2019 में सीएए विरोधी 274 प्रदर्शनकारियों को उनके कथित तौर पर सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की वसूली के लिए जारी नोटिस वापस ले लिए हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई भी वापस ले ली गई है।’

प्रदेश सरकार की वकील गरिमा प्रसाद ने सर्वोच्च अदालत में बताया कि राज्य सरकार ने 14 और 15 जनवरी को आदेश जारी कर सभी 274 नोटिस वापस ले लिए हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने नए कानून कर तहत नया नोटिस जारी करने की इजाज़त मांगी थी।

सर्वोच्च अदालत ने साथ ही उत्तर प्रदेश सरकार को उन लोगों को रिफंड का निर्देश दिया, जो वसूली का भुगतान कर चुके हैं। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने सरकार को 2020 में आए कानून के तहत नई कार्रवाई और नोटिस शुरू करने की स्वतंत्रता दी।

अहमदाबाद धमाकों के 38 दोषियों को फांसी और 11 को आजीवन कारावास

अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने शुक्रवार को 26 जुलाई, 2008 को हुए सिलसिलेवार धमाकों के 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है। अन्य 11 को आजीवन कारावास की सजा दी गयी है। इन धमाकों में 56 लोगों की जान चली गयी थी और 200 से ज्यादा घायल हुए थे।

जस्टिस केआर पटेल की विशेष अदालत ने यह सजा सुनाई है। यह धमाके 26 जुलाई, 2008 को हुए थे। एक के बाद एक 21 धमाकों से शहर दहल उठा था। आज विशेष अदालत ने कुल 49 दोषियों में से 38 को फांसी की सजा सुनाई है। इस मामले में फैसला 8 फरवरी को आ गया था और आज उन्हें सजा की अवधि सुनाई गयी है।

इस मामले में 28 आरोपियों को बरी कर दिया गया था। अब 11  अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गयी है। हालांकि, दोषियों के पास इस फैसले को चुनौती देने के लिए पहले हाई कोर्ट और उसके बाद सुप्रीम कोर्ट के विकल्प हैं।