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अस्पतालों में फिर बढ़ने लगी भीड़

केन्द्र और दिल्ली सरकार के तहत आने वाले अस्पतालों में पिछले सप्ताह से शुरू हुई ओपीडी  के चलते फिर अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ने लगी है। बताते चलें जनवरी माह में कोरोना के कहर के चलते सरकारी अस्पतालों की ओपीड़ी बंद कर दी गयी थी। जैसे ही ओपीडी चालू हुई देश के कौने-कौने से मरीज इलाज कराने के लिये एम्स, सफदरजंग, लोकनायक अस्पताल और जीबी पंत सहित अन्य अस्पतालों में आने लगे है।

लेकिन अब उनकाे ओपीडी कार्ड बनवाना मुश्किल हो रहा है। वहीं आॉपरेशन सहित अन्य जांचों के लिये काफी दिनों के बाद की तारीख मिलने लगी है। एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना के चलते स्वास्थ्य सेवायें काफी प्रभावित हुई है। उनका कहना है कि गैर कोरोना रोगियों काे इलाज कराना मुश्किल साबित हो रहा है।

लोकनायक अस्पताल के डॉक्टरों ने तहलका संवाददाता को बताया कि अगर कोरोना पूरी तरह से चला जाता है। तो निश्चित तौर पर मरीजों को इलाज आसानी से मिल सकेंगा। उनका कहना है कि सबसे चौंकाने वाली बात तो ये है कि अस्पतालों में कोरोना के नाम पर गैर कोरोना मरीजों का इलाज तक नहीं हो पाया है। जिसके चलते गरीब मरीजों को या तो इलाज नहीं मिल पाया है। या फिर काँर्पोरेट अस्पतालों में महंगा इलाज कराने को मजबूर होना पड़ा है।

स्वास्थ्य जागरूकता मिशन से जुड़े अमन दीप कुशवाहा ने बताया कि एक ओर तो सरकार कहती है कि सारी जांचे मरीजों की अस्पतालों में बिल्कुल फ्री में होगी। लेकिन हकीकत में मरीजों को धक्के के अलावा कुछ भी नहीं मिल पाता है। उनका कहना है कि सरकारी अस्पतालों में अप्रोच वालों का ही इलाज हो पाता है। लेकिन बिना अप्रोच वालों का इलाज कराने के लिये इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। 

हिमाचल के ऊना में पटाखा फैक्ट्री में धमाके के बाद आग, 7 की मौत

हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले में फैक्ट्री में धमाका होने से लगी आग में 7 लोगों की मौत हो गयी। इस हादसे में  काफी लोग झुलस गए हैं। मरने वालों में ज्यादा महिलाएं हैं।

धमाका ऊना पटाखा फैक्टरी में हुआ। धमाके के बाद वहां आग लग गयी जिसमें छह महिलाएं जल गई जिनमें एक तीन साल की बच्ची है। हादसे में 12 घायलों को ऊना सिविल अस्पताल में भर्ती किया गया है।

ऊना पुलिस ने 7 लोगों की मौत की पुष्टि की है। पूरे मामले की जांच की जा रही है।  पुलिस ने पटाखा बनाने का सामान सीज कर लिया है। ऊना के हरोली के टाहलीवाल में पटाखा फैक्ट्री में यह धमाका हुआ। हादसे के बाद आग लगते ही कामगार महिलाएं जिंदा जल गईं।

जानकारी के मुताबिक आग पर काबू पा लिया गया है। घायलों को ऊना अस्पताल में भर्ती किया गया है। जानकारी के मुताबिक मृतक महिलाएं यूपी की थीं। हालांकि, प्रशासन ने अभी आधिकारिक रूप से मृतकों की शिनाख्त नहीं की है।

उत्तराखंड में सड़क हादसा, 14 की मौत

एक बड़े हादसे में उत्तराखंड के चंपावत जिले में एक सड़क हादसे में मंगलवार को 14 लोगों की मौत हो गयी। यह सभी बाराती बताए गए हैं। यह हादसा आज तड़के करीब 3 बजे हुआ। प्रशासन ने प्रभावितों के निकट परिजनों और घायलों को राहत राशि जारी की है।

जानकारी के मुताबिक यह बस बारातियों से भरी थी और 300 मीटर खाई में जा गिरी। इसमें 14 लोगों की जान चली गयी। यह हादसा चंपावत के सुखीढांग-रीठा साहिब मार्ग पर मंगलवार तड़के करीब 3 बजे हुआ।

पता चला है कि यह सभी लोग शादी समारोह से लौट रहे थे। प्रशासन ने मौके पर पहुँच कर राहत कार्य शुरू करवाए शुरू करवाए। कठिन इलाका होने से लोगों को बचाने के काम में दिक्कत आई।

रूस ने यूक्रेन के दो विद्रोही क्षेत्रों को दी स्वतंत्र मान्यता, अमेरिका ने लगाई पाबंदियां

बढ़ते तनाव के बीच एक बड़े घटनाक्रम में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के शासन वाले रूस समर्थित दो अलगाववादी क्षेत्रों को स्वतंत्र घोषित करने को मान्यता दे दी है। पुतिन के इस फैसले के बाद यूक्रेन सरकार के खिलाफ  विद्रोहियों को हथियार भेजने का रास्ता साफ़ हो जाएगा। अभी तक के घटनाक्रम से जाहिर हुआ है कि व्लादिमीर पुतिन की रणनीति अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन पर भारी पड़ी है।

पूर्वी यूक्रेन में पिछले लम्बे समय से रूस समर्थित अलगाववादी यूक्रेन सरकार के खिलाफ विद्रोही गतिविधियां चला रहे हैं। अब इन क्षेत्रों की स्वतंत्रता को रूस के मान्यता देने से उस क्षेत्र में तनाव चरम पर पहुँच गया है। हालांकि, अमेरिका ने रूस के इस फैसले की निंदा करते हुए अलगाववादी राज्यों को मान्यता देने से साफ़ मना कर दिया है।

रूस लगातार यूक्रेन सरकार पर दबाव बनाए हुए है। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोल्दिमिर जेलेंस्की की रूस सरकार से बातचीत की कोशिश पर रूस ने कोई ध्यान नहीं दिया है। बीच में यह रिपोर्ट्स भी आई हैं कि जेलेंस्की जबरदस्त दबाव में हैं। यह भी रिपोर्ट्स हैं कि वे देश छोड़ सकते हैं। उधर रूस के क़दमों से बोखलाए और नाराज अमेरिका ने दो अलग-अलग क्षेत्रों में नए निवेश, व्यापार, और अमेरिकी लोगों के निवेश पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है।

हालांकि, वे बार-बार दोहरा रहे हैं कि उनका देश किसी से डरने वाला नहीं है। साथ ही पश्चिमी देशों से मदद मांगने का उनका क्रम जारी है। यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने मंगलवार को मॉस्को के फैसले को यूक्रेन की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता का उल्लंघन बताया।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन के अपने समर्थित दो अलगाववादी क्षेत्रों (राज्यों) को मान्यता देने के बाद राष्ट्रपति पुतिन ने अपने सैनिकों को दो अलग-अलग क्षेत्रों में शांति बनाए रखने का आदेश दिया है। इसके मायने यह हैं कि यदि वहां यूक्रेन सरकार के सैनिक कुछ करने की कोशिश करते हैं तो उसे दबा दिया जाए। हालांकि, अंतर्राष्ट्रीय मामलों के जानकार मान रहे हैं कि दो राज्यों को अलग देश के रूप में मान्यता देने से रूस के लिए यूक्रेन पर हमला और आसान हो गया है।

इस सारे घटनाक्रम पर भारत भी सधी हुई रणनीति पर काम कर रहा है। यूक्रेन संकट पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक से खुद को अलग कर भारत ने  सलाह दी है कि सभी पक्षों को संयम बरतना चाहिए।

भले जापान और ब्रिटेन, यूक्रेन संकट पर अमेरिका के साथ दिख रहे हैं, फ्रांस और जर्मनी निष्पक्ष रास्ते पर चलते दिख रहे हैं। यूरोपियन यूनियन ज़रूर क्रेमलिन के खिलाफ कार्रवाई का पक्षधर है।  वैसे ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने हाल के दिनों में रूस के खिलाफ बहुत कम बोला है। इस सारे घटनाक्रम में रूस के राष्ट्रपति पुतिन अमेरिकी के अपने समकक्ष जो बाइडेन पर भारी पड़ते दिख रहे हैं। पुतिन ने बिना सेना का  इस्तेमाल किये अब तक यूक्रेन को जबरदस्त दबाव में ला दिया है।

देश में एक दिन में नए मामलों में 16.5 फीसदी की कमी, 235 लोगों की मौत

देश में मंगलवार सुबह 8 बजे तक पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 13,405 नए मामले आये हैं, जबकि एक दिन पहले के मुकाबले नए मामलों में 16.5 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान (24 घंटे में) 235 लोगों की जान भी महामारी से गयी है, जिनमें केरल का (41 मौत) का बैकलॉग भी जुड़ा है।

अब देश में कोरोना वायरस के कुल मामलों की संख्या 42,851,929 हो गई है जबकि   कुल एक्टिव मामलों की संख्या 1,81,075 है। यह एक्टिव केस संक्रमण के कुल मामलों का 0.42 फीसदी है।

ताजा अपडेट के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 35,50,868 वैक्सीन डोज दिए गए और अब तक देश में कुल 1,75,83,27,441 डोज़ दिए जा चुके हैं। उधर राजधानी दिल्‍ली में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 360 नए मामले आये हैं। यहाँ पॉजिटिविटी रेट एक फीसदी से नीचे चला गया है।

अब तक देश भर में कोविड से कुल 42,158,510 लोग ठीक हो चुके हैं। पिछले एक दिन में 34,226 लोग कोविड से रिकवर हुए हैं। रिकवरी रेट 98.38 फीसदी है जबकि 235 मौतों के साथ अब अब तक भारत में कोविड से मरने वालों की संख्या 5,12,344 हो चुकी है।

देश में नियमित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानें 15 मार्च से फिर हो सकती हैं शुरू

सरकार मार्च के मध्य में नियमित नियमित अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर लगा प्रतिबन्ध ख़त्म कर सकती है। कोविड-19 मामलों में लगातार गिरावट के बाद सरकार महसूस कर रही है कि देश में बड़े पैमाने पर हो चुके टीकाकरण के बाद जिस तरह कोरोना की तीसरी लहर असर नहीं डाल पाई उसे देखते हुए लोगों में विश्वास जगा है। देश में 23 मार्च, 2020 से यह प्रतिबन्ध लागू है।

जानकारी के मुताबिक सरकार नियमित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 15 मार्च से दोबारा शुरू करने पर गंभीरता से सोच रही है। हाँ, सरकार यह उड़ानें नियमित करने की स्थिति में देश के सभी हवाई अड्डों पर प्रभावी मानक संचालन प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित  करेगी।

जानकारी के मुताबिक हाल में कोविड-19 के मामलों में गिरावट को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय से नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने परामर्श माँगा था जिसके बाद ही निर्धारित अंतरराष्ट्रीय उड़ानें फिर शुरू करने के निर्णय कमोवेश कर लिया है।

संभावना है कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय फरवरी के आखिर में घोषणा कर सकता है। यदि अंतरराष्ट्रीय उड़ानें 15 मार्च से फिर से शुरू करने का फैसला होता है तो इंटरनेशनल लैंडिंग के लिए 14 फरवरी से प्रभावी दिशानिर्देशों का पालन यात्रियों के लिए हवाई अड्डों पर किया जाएगा।

फिलहाल भारत में अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों पर 28 फरवरी तक प्रतिबंध है। हालांकि, कोविड-19 के लॉकडाउन के दौरान भी ‘एयर बबल’ के तहत जुलाई, 2020 से लगभग 40 देशों के बीच विशेष यात्री उड़ानें संचालित होती रही हैं।

यूक्रेन और रूस के तनाव के चलते व्यापारियों में खलबली

यूक्रेन और रूस को लेकर जो विवाद चल रहा है उससे उपजे तनाव को लेकर भारत देश में व्यापारियों के बीच खलबली का माहौल है। व्यापारियों का कहना है कि जैसे -तैसे कोरोना जैसी बीमारी से ऊभरे ही थे कि अब अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर जो तनाव बन रहा है। उससे भारत भी अछूता नहीं है।

यूक्रेन और रूस के बीच अगर ऐसा ही मामला चला तो आने वाले दिनों में आयात-निर्यात पर प्रतिबंध भी लग सकता है। या फिर बंद होने की स्थिति पैदा हो सकती है। दिल्ली सदर बाजार के व्यापारि राजकुमार का कहना है कि अजीब तनाव वाला माहौल बन रहा है। उनका कहना है कि एक तो युद्ध जैसा माहौल बना है।

युद्ध भी अगर नहीं होता है। तो भी नुकसान तो हो रहा है। विदेश मामलों के जानकार डाँ हरीश कुमार का कहना है कि सारी दुनिया में अब बाजार बड़ी आसानी से जुड़ा हुआ है। ऐसे में अगर कोई भी घटना देश-दुनिया में होती है। उससे सबसे पहले बाजार पर असर पड़ता है। ऐसे में दोनों देशों के बीच युद्द से हटकर मामला शांति की ओर  होना चाहिये  अन्य़था दुनिया में संकट बढ़ जायेगा।

उनका कहना है कि कोरोना काल में वैसे ही बाजार टूटा है और रोजगार घटे है। अब अगर दोनों देशों के बीच युद्द होता है। तो दुनिया के लिये खतरे की घंटी होगी।उनका का कहना है कि पूरी विश्व विरादरी को दोनों देशो के  बीच शांति स्थापित करने के लिये प्रयास करना चाहिये।

 

दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर सियासत तेज

दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर दिल्ली में सियासी हलचल तेज होती जा रही है। आप पार्टी को दिल्ली नगर निगम में रोकने के लिये भाजपा और कांग्रेस एक सुर में आप पार्टी पर प्रतिदिन सियासी हमले कर रहे है।
कांग्रेस और भाजपा दोनों दल इस होड़ में लगे है। कि कैसे आप पार्टी के बढ़ते प्रभाव को रोका जाये। क्योंकि दिल्ली में आप पार्टी की पूर्ण बहुमत वाली सरकार होने से दोनों दलों भाजपा और कांग्रेस की राजनीति दिल्ली में न के बराबर चल रही है। ऐसे में भाजपा चाहती है कि दिल्ली में अगर जमीनी स्तर पर राजनीति करनी है। तो दिल्ली नगर निगम में भाजपा का होना जरूरी है। क्योंकि दिल्ली नगर निगम में भाजपा का पिछले 15 सालों से दबदबा है।
वहीं कांग्रेस आला कमान इस बार दिल्ली नगर निगम के चुनाव में हर हाल में जीत चाहती है। सो दिल्ली में अपने खोये हुये जनाधार को पाने के लिये जनसंपर्क अभियान तेज किये हुये है। दिल्ली की राजनीति के जानकार संजय गुप्ता का कहना है कि दिल्ली की राजनीति में अगर किसी को अपनी राजनीति चमकानी है। तो उसे दिल्ली नगर निगम के चुनाव में जीत जरूरी है। इसलिये कांग्रेस आलाकमान इस बार 2022 के दिल्ली नगर निगम के चुनाव में दिल्ली प्रेदश कांग्रेस के नेताओं और ब्लॉक स्तर के नेताओं से कह रही है। कि इस बार का 2022 का चुनाव कांग्रेस के लिये आर-पार का चुनाव है।
सो कांग्रेस के नेता एक साथ भाजपा और आप पार्टी पर जमकर हमला कर रहे है। कांग्रेस का कहना है कि चुनाव में दिल्ली नगर निगम में भाजपा पर हमला करने के लिये अच्छा मौका है। वहीं आप पार्टी पर भी। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि जब दिल्ली नगर निगम से लेकर दिल्ली सरकार और केन्द्र सरकार में कांग्रेस की सरकार थी। तब दिल्ली में विकास हुआ था। जबसे कांग्रेस गयी है। तब से दिल्ली में विकास कार्य ठप्प है।

कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल कार्यकर्ता की हत्या से तनाव और आगजनी, स्कूल-कालेज बंद

कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता की हत्या के बाद तनाव फ़ैल  गया है। हिजाब पहनने के मसले पर पहले ही गरमाई हुई कर्नाटक की राजनीति में इस घटना के बाद उफान आ गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक वहां उपद्रव कर रहे लोगों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया है तो कई जगह तोड़फोड़ हुई है। शहर में बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती की गयी है। राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा है कि अब तक की जांच में हत्या और हिजाब विवाद के बीच कोई संबंध सामने नहीं आया है।

जानकारी के मुताबिक शोवमोगा शहर में धारा 144 लागू कर दी गई है और पुलिस ने उपद्रवियों पर आंसू गैस छोड़ी है। बजरंग दल के इस कार्यकर्ता की हत्या रविवार की रात हुई जब कुछ अज्ञात लोगों ने उसे चाकू मार दिया। उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां उसकी मौत हो गयी। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने कहा है कि पुलिस को जांच के दौरान कई अहम सुराग मिले हैं और वह उन पर काम कर रही है।

उसकी मौत की जानकारी सामने आते ही गुस्साए लोगों ने इलाके में कई वाहन आग के हवाले कर दिए। शहर में पुलिस ने इलाके में बड़ी संख्या में पुलिस तैनात की गयी है। प्रशासन ने सार्वजनिक समारोहों पर पाबंदी लगा दी है और अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए हैं। कर्नाटक में विपक्ष के नेता सिद्धारमैया ने आरोप लगाया है कि राज्य के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र राज्य में कानून और व्यवस्था को संभालने में “विफल” रहे हैं, इसलिए उन्हें तत्काल पद छोड़ देना चाहिए।

उधर गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने कहा – ‘अब तक की जांच में हत्या और हिजाब विवाद में कोई संबंध सामने नहीं आया है। हिजाब मुद्दे का इस घटना से कोई लेना-देना नहीं है। यह अलग-अलग कारणों से हुआ है। शिवमोगा एक संवेदनशील शहर है।’ कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई ने कहा है कि पुलिस को जांच के दौरान कई अहम सुराग मिले हैं और वह उन पर काम कर रही है।

चारा घोटाले के 5वें मामले में लालू यादव को पांच साल जेल, 60 लाख का जुर्माना

बहुचर्चित चारा घोटाले के डोरडा कोषागार गबन मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने सोमवार को आरजेडी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को पांच साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा उन्हें 60 लाख जुर्माना भी भरना होगा।

याद रहे रांची के डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ के गबन के मामले में सीबीआई अदालत ने कुछ दिन पहले लालू प्रसाद यादव समेत 38 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने 15 फरवरी को इन सभी आरोपियों को दोषी करार दिया था। विशेष सीबीआई अदालत वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए आज सजा सुनाई।

लालू यादव पर यह चारा घोटाले का 5वां मामला है। याद रहे अदालत ने चारा घोटाले से जुड़े इस पांचवें मामले में लालू यादव दोषी करार दिया था जबकि 24 लोग बरी कर दिए गए थे। विशेष अदालत ने शनिवार को निर्देश दिया था कि दोषी करार लोगों को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सजा सुनायी जायेगी।