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प्रेरणास्रोत निकहत

विश्व बॉक्सिंग चैंपियन की नज़र अब पेरिस ओलंपिक पर

जब भारत जैसे देश में आईपीएल की धूम हो और सुर्ख़ियों में अचानक एक ग़ैर-क्रिकेट खिलाड़ी आ जाए, तो ख़ुशी भी होती है और आश्चर्य भी। बात निकहत ज़रीन की है, जिन्होंने मई में तुर्की के इस्तांबुल में महिला वल्र्ड बॉक्सिंग चैम्पियनशिप के 52 किलो वर्ग कैटेगरी का स्वर्ण पदक जीत लिया। निकहत तेलंगना के जिस समाज से आती हैं, वहाँ महिलाएँ बुर्क़े में ही ज़्यादा दिखती हैं। उनके पिता जमील अहमद ने कहा था कि उनके लिए दोस्तों, रिश्तेदारों को निकहत के खेल के दौरान शॉर्ट्स पहनने पर ऐतराज़ था; लेकिन उन्होंने हमेशा बेटी को सपोर्ट किया। निकहत ने स्वर्ण पदक (गोल्ड मेडल) जीतकर पिता के विश्वास को ज़िन्दा रखा है और देश के खेल प्रेमियों में नयी उम्मीद जगायी है। निश्चित ही निकहत दुनिया, ख़ासकर देश की नयी खेल सनसनी हैं। निकहत देश के युवाओं के लिए प्रेरणा भी हैं। उनकी नज़र अब 2024 के पेरिस ओलंपिक पर है।
हाल के एक दशक की बात करें, तो महिला खिलाडिय़ों में हमारे जेहन में मैरीकॉम, सानिया मिर्ज़ा, साइना नेहवाल, पी.वी. सिंधु, मीराबाई चानू और लवलीना बोरगोहाई जैसे नाम उभरते हैं। निकहत उसी कड़ी की नयी खेल उम्मीद हैं। विश्व चैम्पियनशिप में निकहत का गोल्ड महान् मैरीकॉम की परम्परा को आगे बढ़ाने की एक मज़बूत कड़ी है। वो विश्व बॉक्सिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण जीतने वाली पाँचवीं भारतीय हैं। टूर्नामेंट में भारत के 12 सदस्यीय दल में से मनीषा मोन (57 किलो) और पहली बार इस चैम्पियनशिप में उतरीं परवीन हुड्डा (63 किलो) ने कांस्य पदक जीतते हुए भविष्य की उम्मीद जगायी। इस बार फाइनल में पहुँचने वाली निकहत एकमात्र भारतीय रहीं।

निकहत की ख़ासियत उनके मुक्कों की स्ट्रेंथ है। जब ज़रूरत पड़ती है, तो वह प्रतिद्वंद्वी से ख़ुद को दूर करके अचानक आक्रमण करती हैं। विश्व चैम्पियनशिप के फाइनल में थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस के ख़िलाफ़ निकहत ने अपनी इसी रणनीति से जीत हासिल की थी, क्योंकि 5-0 से जीत के बावजूद निकहत को उनसे कड़ी टक्कर मिली थी। निकहत की एक और ख़ासियत है, उनका अद्भुत स्टेमिना। वह आख़िर में भी ऊर्जा से भरी दिखती हैं, जिससे प्रतिद्वंद्वी पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनता है। यदि 24 साल की निकहत अपनी ऊर्जा बनाये रखती हैं और कुछ और तकनीक सीख लेती हैं, तो विश्व बॉक्सिंग में उनका अलग ही दर्जा होगा।

लड़कियों, ख़ासकर मुस्लिम लड़कियों के लिए बॉक्सिंग जैसे खेल में आगे आना इतना आसान नहीं है; लिहाज़ा निकहत ने अपनी लगन और दृढ़ निश्चय से जो मुकाम हासिल किया वह निश्चित ही सराहनीय है। महिला विश्व चैंपियनशिप के फ्लाइवेट (52 किलो) भार वर्ग के फाइनल में जब थाईलैंड की जिटपोंग जुटामस को 5-0 से हराया, तो उनके गृह राज्य तेलंगना में उनके घर माता-पिता को बधाई देने वालों की भीड़ थी। इनमें वो लोग भी शामिल रहे होंगे, जिन्होंने कभी उनके पहनावे को लेकर विपरीत टिप्पणी की होगी।

यहाँ यह बताना भी दिलचस्प है कि निकहत की दो बड़ी बहनें डॉक्टर हैं। उनके पिता चारों बेटियों में से कम-से-कम एक को एथलीट बनाना चाहते थे। हालाँकि निकहत ने बॉक्सिंग को पिता के नहीं, बल्कि चाचा के कहने पर चुना था। यह फ़ैसला तब फला, जब 14 साल की उम्र में निकहत वल्र्ड यूथ बॉक्सिंग चैम्पियन बन गयीं। निकहत जब इस्ताम्बुल में फाइनल मुक़ाबला खेलने उतरीं तो बहुत-से बॉक्सिंग जानकारों के ज़ेहन में 2019 में थाईलैंड ओपन का मुक़ाबला भी था, जिसमें उन्होंने जुटामस को हराया था।

वैसे इस भारतीय मुक्केबाज़ ने पूरी विश्व चैम्पियनशिप के दौरान प्रतिद्वंद्वियों पर अपना दबदबा बनाये रखा था और फाइनल में थाईलैंड की खिलाड़ी को सर्वसम्मत फ़ैसले में 30-27, 29-28, 29-28, 30-27, 29-28 से हराया। दोनों में कड़ी टक्कर रही; लेकिन ज़रीन के मुक्के अधिक दमदार और दर्शनीय थे। जब उन्हें रेफरी ने विजेता घोषित किया, तो ज़रीन भावनाओं पर क़ाबू नहीं रख सकीं और आँखों में भर आये आँसुओं के साथ ख़ुशी में कूदने लगीं। निकहत बेहतरीन फॉर्म में हैं और फरवरी में प्रतिष्ठित स्ट्रेंजा मेमोरियल में दो स्वर्ण पदक जीतकर पहले ही अपने-अपने दमख़म का प्रदर्शन कर चुकी हैं।

वल्र्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में निकहत और अन्य दो महिला मुक्केबाज़ों के मेडल जीतने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तीनों से दिल्ली में मुलाक़ात की। प्रधानमंत्री ने अपने ट्विटर अकाउंट पर फोटो ट्वीट करते हुए तीनों के उज्ज्वल भविष्य की कामना भी की। प्रधानमंत्री ने ट्वीट में लिखा- ‘मुक्केबाज़ निकहत ज़रीन, मनीषा मौन और परवीन हुड्डा से मिलकर अच्छा लगा, जिन्होंने भारत को वल्र्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गौरवान्वित किया है। उनकी लाइफ जर्नी और खेल के प्रति उनके जुनून के अलावा उनकी ज़िन्दगी की अन्य बातों पर हमने बातचीत की। उनके भविष्य के लिए शुभकामनाएँ।‘ जीत के बाद तेलंगना सरकार ने निकहत को दो करोड़ रुपये देने का ऐलान किया। यही नहीं तेलंगाना प्रदेश कांग्रेस समिति ने भी उन्हें अपनी तरफ़ से पाँच लाख रुपये की राशि इनाम के तौर पर देने की घोषणा की है।

कम नहीं थीं अड़चनें

यह सन् 2019 की बात है। जब विश्व महिला बॉक्सिंग चैम्यिनशिप के लिए भारत में ट्रायल शुरू हुए, तब निकहत बहुत जोश में थीं। लेकिन अचानक बॉक्सिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया का ट्रायल्स को लेकर ऐसा फ़ैसला आया कि निकहत का दिल टूट गया। फेडरेशन ने तय किया कि चूँकि मैरीकॉम फार्म में हैं, उन्हें बिना ट्रायल चुन लिया जाए। हालाँकि इस फ़ैसले से का$फी बवाल मचा और फेडरेशन को ट्रायल करवाने पड़े। निकहत तब भले मैरीकॉम से हार गयीं; लेकिन आज वह चैम्पियंस की उसी कतार में आ खड़ी हुई हैं, जहाँ मैरीकॉम खड़ी हैं।
निकहत का बॉक्सिंग करियर निजामाबाद से शुरू हुआ। एक समय तो प्रशिक्षण लेने वालों में वह अकेली लड़की थीं, बाक़ी सब लड़के थे। सपना पूरा करने के लिए निकहत ने इन तमाम बाधाओं को पार किया। उन्हें विशाखापट्टनम में स्पोट्र्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया में द्रोणाचार्य सम्मान जीतने वाले आई. वेंकटेश्वर राव से प्रशिक्षण का अवसर मिल गया। इसके एक साल बाद ही इरोड नैशनल्स में उन्हें गोल्डन बेस्ट बॉक्सर चुना गया। आने वाले वर्षों में एक नयी निकहत सबके सामने थी- उत्साह और आत्मविश्वास से भरपूर निकहत। अगले साल उनके करियर को नयी ऊँचाई देने वाले साबित हुए। सन् 2011 में उन्होंने महिलाओं की जूनियर एंड यूथ वल्र्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता। बुल्गारिया में हुई चैंपियनशिप में भी मेडल जीतीं। उनकी हिम्मत और प्रतिभा का मिश्रण उन्हें ओलंपिक में पदक जितवा दे, तो कोई हैरानी नहीं होगी।

भारत की गोल्डन गल्र्स

अलग-अलग भार वर्ग में एमसी मैरीकॉम ने 2002, 2005, 2006, 2008, 2010 और 2018 में विश्व चैम्पियनशिप जीती, जबकि लैशराम सरिता देवी (52 किलो), जेनी आर.एल. (63 किलो) और लेखा केसी (75 किलो) ने 2006 में विश्व ख़िताब जीता। वैसे 2018 के बाद भारत का बॉक्सिंग में यह पहला स्वर्ण पदक है, जब मैरीकॉम ने विश्व ख़िताब जीता था।


“जब मैंने खेलना शुरू किया, तब कुछ लोग थे, जो मेरे कपड़ों (शॉर्ट्स) को लेकर बोलते थे। लेकिन जब मेडल जीत लिया है, तो वे लोग भी ख़ुशी ज़ाहिर करते हैं। बॉक्सिंग एक ऐसा खेल है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय संगठन आपको हिजाब पहनकर खेलने की अनुमति देता है। इसलिए हिजाब पहनकर बॉक्सिंग भी की जा सकती है। हालाँकि खेल में कोई धर्म नहीं होता है, क्योंकि हर खिलाड़ी का लक्ष्य अपने देश के लिए मेडल जीतना होता है। यह जीत मेरे माता-पिता के लिए है। जब मैं अपनी माँ (परवीन सुल्ताना) को फोन करती थी, तो वह नमाज़ पढ़कर आ रही होती थीं। वह मेरी जीत के लिए दुआ करती थीं। सभी को पता है कि मेरे पिता ने मुझे कितना सपोर्ट किया। यह जीत उन्हीं को समर्पित है।“

निकहत ज़रीन
(जीत के बाद)

कर्म प्रधान विश्व रचि राखा

धर्म आवश्यक है, परन्तु अति आवश्यक नहीं। क्योंकि धर्म से पहले हर किसी को जीवन की आवश्यकता है। जीवन बचे, इसके लिए पेट भरने और साँस लेने की आवश्यकता होती है। अगर ये नहीं होंगे, तो जीवन ही नहीं रहेगा। फिर धर्म किसके लिए, किस काम का? इसका अर्थ यह है कि धर्म जीवन के लिए नहीं, वरन् जीवन को सन्मार्ग पर रखने के लिए, मानवता के लिए और सामाजिक व्यवस्था के लिए हैं। हालाँकि अगर पूरी दुनिया का एक ही धर्म होता, तो भी लोग जी सकते थे। परन्तु लोगों की अलग-अलग सोच ने, अलग-अलग भाषा ने, अलग-अलग विचारों, संस्कारों, संस्कृतियों व व्यवस्थाओं ने कई धर्मों एवं पन्थों को जन्म दे डाला। फलस्वरूप सभी धर्मों के मानने वालों में न केवल मतभेद पनपे, वरन् कई विवाद भी पैदा हो गये। लोगों का अपने-अपने धर्म को ही सर्वोपरि मानना, एक-दूसरे पर हमलावर रहना इसके सबसे बड़े कारण हैं।

लोगों को समझना पड़ेगा कि सर्वोपरि तो ईश्वर है। ईश्वर के बाद अगर कोई है, तो वह प्रकृति है। जो लोग सत्ता या ताक़त के नशे में चूर होकर यह कहते हैं कि वे जो चाहें कर सकते हैं; तो ऐसे लोग ज़रा सोचें कि क्या वे संसार में कुछ ऐसा कर सकते हैं, जो उनकी क्षमता के बाहर हो, असम्भव हो? क्या उनमें प्रकृति से उलझने की क्षमता है? क्या वे प्रकृति या ईश्वरीय सत्ता को चुनौती दे सकते हैं? ईश्वर की दया के सहारे प्रकृति की गोद में एक कीड़े-मकोड़े की भाँति जीने वाले स्वयं को महाबलशाली और भाग्यविधाता समझने की जो भूल करते हैं, वह एक हास्य स्वप्निल भ्रम के सिवाय और कुछ नहीं। क्योंकि एक मामूली-सा झटका किसी को भी तहस-नहस अथवा पूर्णतया नष्ट कर सकता है। फिर किस बात का दम्भ भरना?

हालाँकि इस सत्य को चुनौती नहीं दी जा सकती कि प्राणियों के बस का कुछ नहीं है। क्योंकि जीवन के लिए कर्म तो उन्हें ही करना है। क्योंकि हर कोई कर्म के अनुरूप फल पाता है और भक्षण के चलते ही जीवित है। परन्तु इस बात का भ्रम भी व्यर्थ है कि धर्म से ही उद्धार होगा। उद्धार तो कर्म से ही होगा। परन्तु इसका अर्थ यह भी नहीं कि कुछ करने की सामथ्र्य होने के चलते मनुष्य अथवा अन्य कोई प्राणी सर्वश्रेष्ठ हो गया। वह जो भी चाहे कर सकता है। जीव जीवन रहते कुछ-न-कुछ तो करता ही है, किन्तु किसके बल पर? शक्ति के बल पर और शक्ति तभी है, जब प्राण हैं। दोनों ही उसके पास हैं; परन्तु दोनों ही उसके नहीं हैं। वरन् ईश्वर के हैं। यही बात इस दिग्भ्रम से निकालती है कि हम कुछ कर रहे हैं, या हम कुछ भी कर सकते हैं। परन्तु इसका अर्थ यह भी नहीं कि हम कुछ भी न करें। जीने के लिए कर्म तो करना ही पड़ेगा। बिना कर्म के जीवन भी मरण के समान हो जाएगा। इसीलिए गोस्वामी तुलसीदास ने लिखा है :-

”कर्म प्रधान विश्व रचि राखा।
जो जस करई, सो तस फल चाखा।।“

अर्थात् कर्म की प्रधानता के चलते ही पूरे विश्व की रचना हुई है। इसलिए जो जैसा कर्म करता है, उसे उसी (कर्म) के अनुरूप फल (परिणाम) मिलता है। परन्तु इस संसार में सब अपने-अपने लिए ही कर्म कर रहे हैं। अगर हम दूसरों की रक्षा भी करते हैं, तो इसलिए ताकि हम भी सुरक्षित रह सकें। अगर हम किसी के लिए कुछ करते हैं, तो इसलिए कि वह भी हमारे लिए कुछ करे, या भविष्य में करेगा।

इसका अर्थ यह है कि संसार में जितने भी प्राणी हैं, सब स्वार्थ से जुड़े हैं। यह स्वार्थ ही है कि हम जिसे नहीं चाहते या अपने हित में नहीं मानते या अपने से अलग समझते हैं या जिससे $खतरा महसूस करते हैं, उसे कुचल देना चाहते हैं। यही कुचलने की सोच झगड़े की जड़ है, जिसके पीछे कहीं-न-कहीं अपने-अपने धर्म, भाषा, संस्कार, रंग, रूप, आचार-व्यवहार, त्योहार, खानपान एवं संस्कृति को महत्त्व देने की कोशिश तथा दूसरे के प्रति अस्वीकृति ही होती है। मनुष्य के अतिरिक्त दूसरे किसी भी जीव को धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। उसे कर्म से लेना-देना है। क्योंकि कर्म के बिना तो किसी का जीवन सम्भव ही नहीं है। आज भी हर प्राणी प्रकृति प्रदत्त स्वभाव के अनुरूप जीने के लिए कर्म करता है। परन्तु मनुष्य में भटकाव का स्वभाव है। इस भटकाव को रोकने के लिए ही धर्म बनाये गये हैं। परन्तु आज मनुष्य कर्म तथा धर्म, दोनों से ही भटक गया है। यही कारण है कि अब मनुष्य मनुष्य से लड़ रहा है। फिर भी वह अपने को श्रेष्ठ मानने का भ्रम पालता है। परन्तु यह कैसी श्रेष्ठता है कि दूसरों को चैन से जीने नहीं देती? दूसरे को दबाने, नष्ट करने के लिए पाप करा देती है। वे लोग श्रेष्ठ कैसे हो सकते हैं, जो अत्याचार, अलगाववाद, अनैतिकता, अपराध तथा घृणा को बढ़ावा देते हों। वह धर्म कैसे हो सकता है, जो किसी भी प्रकार का पाप करने के लिए प्रेरित करे? धर्म तो पाप से बचाने के लिए है।

मध्यप्रदेश: बारातियों से भरी बोलेरो कार के कुएं में गिरने से सात लोगों की मौत

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले मे एक वाहन के अनियंत्रित होकर गहरी कुएं में जा गिरी। कुएं में गिरने के बाद वाहन में आग लगी और इस आग में झुलसने से सात लोगों की मौके पर ही मौत हो गर्इ है। इन सात लोगों में एक बच्चा भी शामिल है।

छिंदवाड़ा के सीएमएचओ डॉक्टर जीसी चौरसिया ने बताया कि, सात लोगों की जलकर मौत हो गर्इ है। यह सभी लोग एक शादी में शिरकत करने जा रहे थे। तभी यह दुर्घटना हुर्इ।

यह दुर्घटना तब हुई जब बारातियों से भरी बोलेरो कार अनियंत्रित होकर कुएं में जा गिरी और उसमें आग लग गर्इ। यह हादसा मोहखेड़ थाना इलाके के कोड़ामऊ के पास हुआ। फिलहाल पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

डेंगू और जलजनित बींमारियों का खतरा बढ़ सकता है

दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में बुधवार रात हुई बारिश से जरूर लोगों को गर्मी से राहत तो मिली है। लेकिन वहीं जलजनित बीमारियों के भय के साथ-साथ डेंगू जैसी बीमारी बढ़ने का भय सताने लगा है। दिल्ली के डॉक्टरों का कहना है कि वैसे ही कोरोना का कहर देश में लोगों के बीच डर का माहौल बनाये हुये है। और इस साल डेंगू का कहर गर्मी के मौसम में कहर बरपा रहा है।

लोकनायक अस्पताल के ब्लड-बैंक के डॉक्टर ज्ञानेश्वर ने बताया कि डेंगू का प्रकोप बढ़ने का खतरा इस लिये है क्योंकि क्योंकि दिल्ली में जगह-जगह जलभराव के कारण मलेरिया का मच्छर के साथ डेंगू का एडिस मच्छर का खतरा बढ़ सकता है। साथ ही जल जनित बीमारी का खतरा भी क्योंकि बरसाती मौसम में हैजा, डायरिया और उल्टी -दस्ती की शिकायतें भी बढ़ सकती है।

एम्स के डाँ आलोक कुमार का कहना है कि शुरुआती बरसात में मौसम में बदलाव के कारण लोगों को संक्रमित बीमारी होने का खतरा बढ़ता है। ऐसे में अगर समय रहते बचाव नहीं किया गया तो आने वाले दिनों में ये बीमारियां भयकंर बढ़ सकती है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में बच्चे , युवा और बुजुर्गो को बरसाती मौसम में सभी लोगों को बीमारियों की चपेट में आते है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में शरीर में टूटन के साथ-साथ बुखार हो तो उसे नजरअंदाज न करें। क्योंकि ये डेंगू जैसी बीमारी के लक्षण हो सकते है। अगर समय रहते डेंगू का उपचार हो जाये तो डेंगू जैसी जानलेवा बीमारी से बचा जा सकता है।

देश में कोरोना मामलों की बड़ी उछाल; 12,213 नए मामले

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना संक्रमण के मामलों में बहुत बड़ा उछाल आया है। इस दौरान 12,213 नए मामले सामने आये हैं और 11 लोगों की मौत हुई है। हाल के महीनों में एक दिन में मामलों की यह सबसे बड़ी संख्या है।

मुंबई में बुधवार को कोरोना वायरस से संक्रमण के 2,293 नये मामले दर्ज किये गए, जबकि एक संक्रमित की मौत हो गई। वहां 23 जनवरी के बाद से एक दिन में आये ये सर्वाधिक मामले हैं।

इधर दिल्ली में बुधवार को कोरोना वायरस संक्रमण के 1,375 नए मामले सामने आए और संक्रमण दर 7.01 फीसदी रही। हालांकि संक्रमण से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया।

देश में सक्रिय मामलों की संख्या 58,215 है जबकि रिकवरी दर वर्तमान 98.65 फीसदी है। सकारात्मकता दर 2.35 फीसदी दैनिक है। देश भर में पिछले 24 घंटे में 7,624 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। इसके साथ देश में अब तक इस वायरस से सही होने वालों की संख्या 4,26,74,712 पहुंच गई है।

कांग्रेस मुख्यालय में घुसने के खिलाफ लोकसभा स्पीकर से मिल रहे सांसद

दिल्ली पुलिस के बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय में घुसने और पार्टी नेताओं से कथित बदसलूकी पर बड़ा बवाल पैदा हो गया है। विपक्ष के अन्य दलों ने इस कार्रवाई की आलोचना की है वहीं कांग्रेस आज इस मामले की शिकायत लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से कर रही है। एक तरफ जहाँ ईडी राहुल गांधी से पिछले तीन दिन से लगातार रोज 10-10 घंटे पूछताछ कर रही है, वहीं उनके समर्थन में पार्टी मुख्यालय में जुटी कांग्रेस की महिला राज्यसभा सदस्य ज्योति मणि ने आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस के जवानों ने उनके कपड़े फाड़ दिए और उन्हें एक अपराधी की तरह ले गए।

कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता बड़ी संख्या में ईडी के नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से पूछताछ के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। गुरुवार को दिल्ली पुलिस के कांग्रेस मुख्यालय में घुसने और कार्यकर्ताओं के साथ कथित दुर्व्यवहार पर बड़ा विवाद पैदा हो गया है। पार्टी नेताओं ने पूरे मामले की तुगलक रोड पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है। कई नेताओं ने इस घटना का वीडियो जारी किया है।

इस बीच कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने पार्टी की महिला सांसद ज्योति मणि का वीडियो शेयर किया है, जिसमें वो पुलिस पर दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते दिख रही हैं। थरूर ने इस घटना पर एक ट्वीट करके कहा – ‘यह किसी भी लोकतंत्र में अपमानजनक है। इस तरह से एक महिला प्रदर्शनकारी के साथ व्यवहार करना शालीनता के हर भारतीय मानक का उल्लंघन करता है, लेकिन लोकसभा सांसद के साथ ऐसा करना एक नया निम्न स्तर है। मैं दिल्ली पुलिस के आचरण की निंदा करता हूं और जवाबदेही की मांग करता हूं। स्पीकर कृपया कार्रवाई करें।”

कल पुलिस ने कई कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं को पार्टी कार्यालय से हिरासत में ले लिया था। कांग्रेस नेता अविनाश पांडे, हरीश चौधरी, प्रणव झा और चल्ला वामशी रेड्डी ने पुलिस में दर्ज शिकायत में कहा है कि दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने पार्टी मुख्यालय में प्रवेश कर नेताओं के साथ बदसलूकी की। पुलिस की तरफ से बिना उकसावे के कार्रवाई की गयी। शिकायत में लिखा गया कि हमें उम्मीद है कि दिल्ली पुलिस कानून के शासन और हमारे संविधान को शर्मसार करने वाले अपराधियों के खिलाफ त्वरित और उचित कार्रवाई करेगी।

कांग्रेस मुख्यालय में घुसी पुलिस; प्रियंका ने पूछा, क्या लोकतंत्र ज़िंदा है?

दिल्ली पुलिस बुधवार को कांग्रेस मुख्यालय में घुस गयी और वहां से पार्टी नेताओं की धरपकड़ की। इसके बाद पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर इसका वीडियो शेयर करते हुए सवाल किया है – ‘कांग्रेस, भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी के मुख्यालय में घुसकर, पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली पुलिस ने मारपीट करी ! क्या लोकतंत्र ज़िंदा है ? उधर ईडी नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से आज लगातार तीसरे दिन ‘पूछताछ’ कर रही है।

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस घटना को तानाशाही बताते हुए आरोप लगाया है कि पार्टी मुख्यालय में दिल्ली पुलिस ने सामान तोड़फोड़ डाला और कार्यकर्ताओं की पिटाई की। कांग्रेस प्रवक्ता राजनदीप सुरजेवाला ने घोषणा की है कि इसके विरोध में उसके प्रदेश अध्यक्ष और विधायक दल के नेता पूरे देश में गुरुवार को राजभवनों का घेराव करेंगे। शुक्रवार को भी देश भर के जिला मुख्यालयों पर कांग्रेस प्रदर्शन करेगी।

उधर ईडी नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी से आज लगातार तीसरे दिन ‘पूछताछ’ कर रही है। राहुल से सोमवार और मंगलवार को भी घंटों पूछताछ की गयी थी। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए आज कहा – ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राहुल गांधी को टारगेट कर रहे हैं। राहुल किसान, जवान और मजदूरों के लिए आवाज उठाते रहे हैं, इसलिए उनके खिलाफ ईडी का दुरुपयोग किया जा रहा है।’

इधर दिल्ली में राहुल गांधी से ईडी की पूछताछ का विरोध कर रहे कांग्रेस नेता अजय कुमार लल्‍लू सहित कांग्रेस कार्यकर्ताओं को कांग्रेस मुख्यालय के बाहर हिरासत में ले लिया। इस बीच पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पुलिस के कांग्रेस मुख्यालय में घुसने का वीडियो शेयर करते हुए सवाल किया है – ‘कांग्रेस, भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी के मुख्यालय में घुसकर, पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ दिल्ली पुलिस ने मारपीट करी ! क्या लोकतंत्र ज़िंदा है ?

अमेरिका, भारत, इजरायल, यूएई का नया समूह बना; अगले महीने इसका पहला शिखर सम्मेलन

यूक्रेन-रूस युद्ध के बीच अमेरिका ने अपने ब्लॉक को फिर मजबूत करने की कोशिश शुरू कर दी है। इस गठबंधन के पहले कदम के रूप में अमेरिकी प्रशासन ने अपना, भारत, इजरायल और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) का नया समूह गठित किया है। इस समूह का पहला शिखर सम्मेलन, जिसे आई2यू2 का नाम दिया गया है, अगले महीने होगा जो ऑनलाइन होगा।

व्हाइट हाउस की तरफ से दी गयी जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, इजरायल के प्रधानमंत्री नप्ताली बेनेट और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाह्यान अगले महीने आयोजित होने वाले ऑनलाइन शिखर सम्मेलन आई2यू2 का हिस्सा होंगे। इसमें खाद्य सुरक्षा संकट और सहयोग के अन्य क्षेत्रों पर चर्चा की जाएगी।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन 13 से 16 जुलाई तक पश्चिम एशियाई देशों की यात्रा पर होंगे। उनका इजरायल, वेस्ट बैंक और सऊदी अरब जाने का कार्यक्रम है। अमेरिकी प्रशासन ने कहा है कि राष्ट्रपति बाइडन इस बैठक को लेकर उत्सुक हैं।

इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने मंगलवार के संवाददाता सम्मेलन में कहा – ‘इसमें शामिल हरेक देश तकनीक का केंद्र है। भारत में विशाल उपभोक्ता बाजार है। वह उच्च तकनीक और अत्यधिक मांग वाले सामानों का भी एक बड़ा उत्पादक है। इसलिए, ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां ये देश एक साथ काम कर सकते हैं, चाहे वह तकनीकी, व्यापार, जलवायु या कोविड-19 से निपटना हो और यहां तक की सुरक्षा के क्षेत्र में भी।’

उनके मुताबिक शुरू से ही हमारे दृष्टिकोण का एक हिस्सा न केवल दुनियाभर में गठबंधन और साझेदारी की हमारी प्रणाली को पुनर्जीवित और सक्रिय करना है, उन साझेदारियों को भी एक साथ लाना है, जो पहले साथ नहीं थे या जिनका पूरी तरह से इस्तेमाल नहीं किया गया।

कांग्रेस के बढ़ते विरोध प्रदर्शन से विरोधी सकते में

दो-दिनों से कांग्रेस पार्टी का ईडी कार्यालय पर हो रहे प्रदर्शन से कांग्रेस को अपने खोये हुये जनाधार पाने की उम्मीद जागी है। बताते चलें कांग्रेस का जनाधार आम आदमी पार्टी (आप पार्टी ) के 2013 में उदय होने से कांग्रेस का वोट बैंक खिसक कर आप पार्टी में चला गया था। तब से अब तक कांग्रेस लगातार दिल्ली में लगातार रसातल में जा रही थी। लेकिन 13 और 14 जून को राहुल गांधी को ईडी कार्यालय पर नेशनल हेराल्ड अखबार के मामले में पूछताछ के लिये बुलाया जाने पर कांग्रेस जो एकता के साथ पार्टी के साथ खड़े हुये है। उससे कांग्रेस के प्रति लोगों की सहानुभूति बड़ी है।

दिल्ली की राजनीति के जानकारों का कहना है कि जो माहौल दिल्ली सहित पूरे देश में बनाया जा रहा था कि कांग्रेस के दिन लद गये है। लेकिन ई डी ने कांग्रेस को फिर से वो हवा दे दी है। जिसको कांग्रेस को काफी लम्बे समय से आस थी।दिल्ली में आगामी दिल्ली नगर निगम के चुनाव को लेकर जो माहौल बनाया जा रहा था कि अब दिल्ली में आप पार्टी और भाजपा के बीच चुनाव होगा। लेकिन अब दिल्ली की जनता फिर से कहने लगी है। कि दिल्ली में कांग्रेस का होना बहुत जरूरी है। क्योंकि दिल्ली में कांग्रेस के शासन में विकास हुआ है। और लोगों के बीच सौहार्द रहा है।तहलका संवाददाता को दिल्ली के लोगों ने बताया कि कांग्रेस के वोट बैंक पर आप पार्टी ने अपना कब्जा जमाया था। ॉअगर अब वो वोट बैंक खिसक कांग्रेस में वापस होता है। तो निश्चित तौर पर कांग्रेस के चुनावी परिणाम चौंकाने वाले साबित होगे।

कोरोना मामलों में फिर दिखी उछाल, 24 घंटे में आये 8822 नए मामले

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस के नए मामलों में 33.7 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 8,822 नए मामले सामने आये हैं। इस दौरान संक्रमण से 15 लोगों की मौत हुई है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के आज जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में अब कोरोना के 53,637 सक्रिय मामले हैं। पिछले 24 घंटे में 5,718 लोग कोरोना से ठीक हुए हैं। वायरस से ठीक होने वालों का आंकड़ा अब 4,26,67,088 हो गया है।

वर्तमान रिकवरी दर 98.66 फीसदी है। टीकाकरण अभियान के तहत अब तक 195.5 करोड़ वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है।

महाराष्ट्र कोरोना मामलों में सबसे आगे है। वहां मंगलवार को कोरोना के बीए 5 वेरिएंट के दो और मामले सामने आए हैं। दोनों मरीज ठाणे शहर में मिले हालांकि, अब वे बीमारी से उबर गए हैं। इनमें से एक महिला भी है।