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अमेरिका ने शहबाज़ को पीएम बनने पर दी बधाई, कहा पाक उसका पुराना भागीदार

अमेरिका ने शहबाज शरीफ को पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री चुने जाने पर बधाई दी है। अमेरिका ने कहा है कि वह उन (शहबाज़) के साथ काम करने को लेकर उत्सुक है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका के विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने कहा – ‘पाकिस्तान बीते 75 साल से परस्पर हितों से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में अहम भागीदार रहा है और अमेरिका, पाकिस्तान के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है।’ ब्लिंकन ने एक बयान में कहा – अमेरिका, पाकिस्तान के नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ को बधाई देता है’

ब्लिंकन ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान की सरकार के साथ लंबे समय से चले आ रहे सहयोग को जारी रखने की उम्मीद करता है। शरीफ के इमरान खान की जगह पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनने के कुछ दिनों बाद अमेरिका ने यह बयान जारी किया है।

ब्लिंकन ने कहा – ‘अमेरिका एक मजबूत, समृद्ध और लोकतांत्रिक पाकिस्तान को दोनों देशों के हितों के लिए जरूरी मानता है।’

देश में अभी भी रोजाना हजार से ज्यादा आ रहे कोविड-19 मामले

देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,007 मामले सामने आए हैं जो एक दिन पहले  के मुकाबले 7.4 फीसदी कम हैं। हालांकि, अभी भी कोविड-19 मामलों की संख्या 1000 से दैनिक से ज्यादा है।

पिछले कल सुबह 8 बजे 24 घंटे में देश में कोरोना के 1,088 मामले आए थे। वैसे  देश में कोरोना के सक्रिय मामलों में गिरावट है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के सक्रिय मामले घट कर 11,058 रह गए हैं। फिलहाल देश में सक्रिय मामले अब कुल मामलों का महज 0.03 फीसदी ही बचे हैं।

कोरोना से ठीक होने वाले मरीजों की संख्या पिछले 24 घंटे में 818 दर्ज की गई है, जिसके बाद देश में ठीक होने वाले कुल लोगों की संख्या बढ़कर के 4,25,06,228 रह गई है।

देश में रिकवरी रेट बढ़कर के 98.76 फीसदी हो गया है जबकि रोजाना पॉजिटिविटी रेट बढ़कर 0. 23 फीसदी हो गया है। साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट 0.25 फीसदी है।

पिछले 24 घंटे के दौरान कोरोना के 4,34,877 टेस्ट किए गए जिससे अब तक देश में कोरोना के 83.08 करोड़ टेस्‍ट हो चुके हैं।

गांव और शहर में महंगाई का अंतर अर्थव्यवस्था को चौपट कर देगा

महंगाई के असर की मार सबसे ज्यादा मौजूदा समय में अगर कहीं पड़ रही है तो वो है देश के गांव। गांव के लोगों ने तहलका संवाददाता को बताया कि शहर में महंगा ही सही पर सामान मिल जाता है।पर गांव में महंगे से महंगे दर पर सामान नहीं मिल पा रहा है। इसकी मूल की जड़ में अगर कोई है तो शासन-प्रशासन की अनदेखी है।
गांव के लोगों का कहना है कि एक तो डीजल-पेट्रोल के दाम रोज बढ़ रहे है। सो किराया भाड़ा बढ़ा है। लेकिन जो ट्रांसपोर्ट वाले है वे गांवों में जाने से बचते है। इसकी वजह है सड़कों का गांव संपर्क का टूटा जाना और अर्थव्यवस्था का सही नहीं होना।
गांव में फसल आने पर गांव वालों के पास ही नगद में पैसा होता है। ग्रामीण मंच से जुड़े परम सिंह का कहना है कि सबसे दुखद और मनमर्जी का आलम ये है कि जो रेट ट्रांसपोर्ट वालों ने तय किये है वे बढ़ा कर जिससे अधिक भाड़ा लग रहा है। वे इन दिनों गांव में सामान की सप्लाई सुचारू करने से बच रहे है। उनका कहना है कि सड़कों की जर्जर हालत का होना है। इसलिये तो गांव में साबुन, बिस्कुट सहित अन्य सामानों की बिक्री महंगे दामों पर हो रही है। किसान भी अपनी फसल शहरों में आकर बेंचने से बच रहे है। जिसकी वजह है किराया भाड़ा का बड़ जाना।
बताते चले, इन दिनों जो किराया भाड़ा के बढ़ने से असंतुलन बढ़ा है। उससे देश में प्रत्येक दिन महंगाई बढ रही है। जिससे जमाखोरी करने वाले चांदी काट रहे है। आर्थिक मामलों के जानकार डाॅ रमन पचौरी का कहना है कि सरकार का दायित्व और जिम्मेदारी तो ये बनती है कि वे गांव और शहर के बीच फैली असमानता को दूर करें अन्यथा गांव और शहर के बीच महंगाई का अंतर देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर देगी।  

मौसम विज्ञान विभाग: इस वर्ष जून से सितंबर माह के बीच सामान्य बारिश के अनुमान

भारत मौसम विभाग ने गुरुवार को दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सीजन में देश में सामान्य बारिश की जानकारी साझा की है। मौसम विभाग के डायरेक्टर जनरल डॉ एम. मोहपात्रा का कहना है कि 2022 के जून से सितंबर महीने के बीच सामान्य बारिश का अनुमान है।

हालांकि मॉनसून सीजन के दौरान जलवायु परिवर्तन का असर देखने को मिलेगा। यदि बात करे हाल के वर्षों की तो देश में हाई इंटेंसिटी रेनफॉल की फ्रीक्वेंसी बढ़ी वहीं दूसरी तरफ लो इंटेंसिटी रेनफॉल की फ्रीक्वेंसी घटी है और ठीक यही असर इस साल भी देखने को मिलेगा।

मौसम विभाग ने दक्षिण-पश्चिम जून से सितंबर तक 96 से 104 प्रतिशत वर्षा होने की संभावना है। वहीं 15 से 18 अप्रैल तक पूर्वी राजस्थान और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में लू चलने के भी आसार है। फिलहाल देश के अलग-अलग राज्यों में भीषण गर्मी पड़ रही है। और मौसम विज्ञान विभाग ने 14 से 18 अप्रैल के मध्य पंजाब, हरियाणा, पश्चिम राजस्थान और दिल्ली में लू से तापमान में बढ़ोतरी के आसार भी है।

पाक में 50 साल से बंद युद्ध बंदियों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से जवाब माँगा

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को 1971 युद्ध के समय पाकिस्तान के हिरासत में लिए गए युद्ध बंदी (पीओडब्ल्यू) मेजर कंवलजीत सिंह को लेकर केंद्र सरकार से जवाब तलब किया है। युद्ध के दौरान पाकिस्तान ने कई भारतीय सैनिक बंदी बनाए थे,  जिनमें मेजर कंवलजीत शामिल थे।

सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से यह जवाब तलब मेजर कंवलजीत सिंह की पत्नी जसबीर कौर की तरफ से दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई करते हुए की है। कंवलजीत सिंह की पत्नी ने याचिका में पति की रिहाई की मांग की है। मेजर सिंह को पाकिस्तान ने 1971 के युद्ध के दौरान बंदी बना लिया था।

सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने आज  कहा कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि कार्रवाई का कारण पिछले 50 साल से मौजूद है। अब इस मामले की सुनवाई तीन हफ्ते बाद तय की गयी है।

मेजर कंवलजीत सिंह की पत्नी जसबीर कौर ने याचिका में कहा गया है कि 54 युद्ध कैदी (पीओडब्ल्यू) अभी भी पाकिस्तान सरकार की अवैध हिरासत में हैं। याचिका में इन सभी युद्ध बंदियों की रिहाई की मांग की गई है।

याचिका में युद्ध बंदियों के अधिकारों की रक्षा के लिए घरेलू और एक अंतरराष्ट्रीय तंत्र की स्थापना की मांग भी की गई है। साथ ही इस याचिका में कैप्टन सौरभ कालिया और जाट रेजीमेंट के 4 सिपाहियों की हत्या की जांच की भी मांग उठाई गई है, जिनके शव पाकिस्तान ने लौटा दिए थे।

युद्ध में रूस पर ‘चुप्पी’ को लेकर भारत को जी-7 बैठक से बाहर रखने की कोशिश !

क्या रूस को लेकर स्टैंड के कारण जून में बावारिया में होने वाले जी-7 की ग्रुप बैठक से भारत को बाहर करने की कोशिश हो रही है ? विदेशी मीडिया रिपोर्ट्स में यह बात कही गयी है। इनमें बताया गया कि यूक्रेन युद्ध में रूस की आलोचना करने में ‘आनाकानी’ के कारण भारत के प्रधानमंत्री को इस बैठक में बुलाने को लेकर राय बंटी हुई है, लिहाजा आमंत्रितों की सूची में अभी तक भारत का नाम नहीं जोड़ा किया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस साल जून में होने वाली इस बैठक की मेजबानी जर्मनी कर रहा है। कहा जा रहा है कि जर्मनी बैठक में सेनेगल, दक्षिण अफ्रीका और इंडोनेशिया को बतौर मेहमान आमंत्रित कर रहा है, हालांकि भारत को आमंत्रित करने को लेकर अभी भी अंतिम फैसला नहीं हुआ है।

इन रिपोर्ट्स में इससे जुड़े एक व्यक्ति को नाम न बताने की शर्त पर उद्धत करते हुए दावा किया गया है कि युद्ध (यूक्रेन-रूस) शुरू होने से पहले तक भारत का नाम मेहमानों की लिस्ट में था, हालांकि, अभी भारत को बुलाने को लेकर मसला अटका हुआ है।

बता दें भारत उन 50 देशों में है, जिन्होंने संयुक्त राष्ट्र की मानवाधिकर परिषद से रूस को बाहर करने के लिए हुई वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया था। दूसरे युद्ध के बाद भारत ने रूस पर किसी तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है।

रिपोर्ट्स में जर्मनी के सरकारी प्रवक्ता स्टेफेन हेबेस्ट्रीट को उद्धत करते हुए कहा गया है कि ‘जैसे ही मेहमानों की सूची पर आखिरी फैसला होता है, राजधानी बर्लिन से इसे लेकर फैसला सुना दिया जाएगा।’ भारत ने फिलहाल इसपर कोई प्रतिक्रिया अभी नहीं दी है।

अप्रैल अंत तक जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग केंद्र सरकार को सौंपेगा अपनी रिपोर्ट

सूत्रों के अनुसार जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग अप्रैल के अंत तक अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप सकता है। यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि केंद्र सरकार जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने का भी फैसला ले सकती है। जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की पूर्व जस्टिस रंजना देसाई, मुख्य चुनाव आयुक्त सुशील चंद्रा व राज्य चुनाव आयुक्त के. के. शर्मा कर रहे है।

जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने विधानसभा सीटों को 83 से बढ़ाकर 90 कर दिया है। साथ ही आयोग ने अपनी रिपोर्ट में जम्मू क्षेत्र में 6 नर्इ असेंबली सीटें बढ़ाने की भी सिफारिश की है इन सीटों के नाम है ऊधमपुर, राजौरी, डोडा, कठुआ, सांबा और किश्तवाड़ है। इन सभी सीटों के बढ़ने के बाद असेंबली की सीटों की संख्या 37 से बढ़कर 43 हो जाएगी।

वहीं दूसरी तरफ कश्मीर घाटी में एक नर्इ सीट का प्रस्ताव रखा गया है। जिसे मौजूदा कुपवाड़ा जिले से अलग करके बनाए जाने के अनुमान है। इसके बाद कश्मीर क्षेत्र में विधानसभा सीटों की संख्या 46 से बढ़कर 47 हो जाएगी।

आपको बता दे, जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग का पुनर्गठन 6 मार्च 2020 को किया गया था। अपनी रिपोर्ट सौपने के लिए इसे एक साल का समय दिया गया था। किंतु इस अवधि के अंतर्गत रिपोर्ट तैयार न हो पाने की वजह से केंद्र सरकार ने 2021 में इसे एक साल का एक्सटेंशन भी दिया था। फिर 6 मार्च 2022 को केंद्र सरकार ने इसे 2 महीने का विस्तार भी दिया।

भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान 26 मौतों के साथ 1088 नए COVID-19 मामले हुए दर्ज

भारत में कोविड-19 के मामलों में बीते दिन के मुकाबले बढ़ोतरी हुई है। देश में सक्रिय केसलोड वर्तमान में 10,870 यानी 0.03 प्रतिशत है। जहां एक दिन पहले कोरोना के मामलों मे गिरावट देखी गई वहीं आज यानी की 13 अप्रैल को इसमें वृद्धि हुई है।

गौरतलब है कि बीते पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 202 नए मामले सामने आए है जिससे सक्रिय मामलों के मरीजों की संख्या बढ़कर 688 हो गर्इ है।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ो के अनुसार पिछले 24 घंटों के दौरान देश में करीब 1,088 मामले सामने आए है जबकि 12 अप्रैल को मामलों की संख्या 796 थी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने आगे कहा है कि, इसमें 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरूग्णता के कारण हुर्इ  है।

देश में अब कोविड के मामलों की साप्ताहिक सकारात्मकता दर 0.24 प्रतिशत है व दैनिक सकारात्मक दर 0.25 प्रतिशत है। वहीं पिछले 24 घंटों में 7 लोगों की जान भी गर्इ है। जबकि ठीक होने वालों की संख्या 1,081 है।

आपको बता दे, देश में सबसे ज्यादा सक्रिय मामले केरल है। इनकी संख्या केरल में 2982, कर्नाटक में 1450, असम में 1351, महाराष्ट्र में 714, मिजोरम में 725 व दिल्ली में 688 है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि, 70 प्रतिशत से अधिक मौतें सहरूग्णता के कारण हुर्इ  है।

अमेरिका के रिचमंड हिल्स में दस दिन में 2 सिखों पर दूसरा हमला

अमेरिका के न्यूयॉर्क के रिचमंड हिल्स इलाके में दस दिन के भीतर दूसरे हमले में हमलावरों ने दो सिखों को घायल कर दिया। घटना के समय दोनों सैर कर रहे थे और दो हमलावरों ने उन्हें डंडे से पीटते हुए उनकी पगड़ियां उतार थीं। इस घटना में एक  व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना मंगलवार की है। इसी जगह दस दिन पहले भी एक ऐसा हमला हुआ था। न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस हमले की कड़ी निंदा की है और इसे एक ‘निंदनीय’ घटना बताया है। दूतावास ने कहा कि उसके अधिकारी घटना की जांच कर रही पुलिस के संपर्क में हैं। इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है।

न्यूयॉर्क के अटॉर्नी जनरल लेटिटिया जेम्स ने भी हमले की निंदा की है। एक ट्वीट में उन्होंने कहा – ‘रिचमंड हिल में हमारे सिख समुदाय के खिलाफ एक और घृणित हमला। दोनों पीड़ितों को न्याय मिलना चाहिए।’

न्यूयॉर्क स्टेट ऑफिस के लिए चुनी गई पहली पंजाबी अमेरिकी महिला जेनिफर राजकुमार ने घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा – ‘हाल के सालों में सिख समुदाय के खिलाफ घृणा अपराधों में 200 फीसदी की चिंताजनक बढ़ौतरी हुई है। मैंने अपने सिख अमेरिकी परिवार के खिलाफ इस सप्ताह हुई दोनों घटनाओं के तुरंत बाद एनवाईपीडी से बात की।’

इस बीच दिल्ली में सिख नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने हमले से जुड़ा वीडियो साझा किया है। उन्होंने घटना की जांच की मांग करते हुए कहा – ‘रिचमंड हिल में ठीक उसी स्थान पर 10 दिन के भीतर दो सिखों पर दूसरा हमला। हम इसकी कड़े शब्दों में निंदा, इसकी जांच और दोषियों की जवाबदेही ठहराने की मांग करते हैं।’

जलियांवाला बाग नरसंहार कांड पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित

पंजाब के अमृतसर में जलियांवाला बाग़ नरसंहार कांड सभी भारतीयों में एक दर्द भर देता है। इस नरसहांर को बुधवार को 103 साल पूरे हो गए। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1919 के जलियांवाला बाग़ नरसंहार में शहीद होने वालों को श्रद्धांजलि दी है। उधर अमृतसर में आज के दिन कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है और वहां शहीदों को श्रद्धांजलि दी जा रही हैं।

जलियांवाला बाग के नरसंहार की घटना भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में एक निर्णायक मोड़ साबित हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1919 के जलियांवाला बाघ नरसंहार में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा – ‘उन शहीदों का अद्वितीय साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा।’

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्विटर पर लिखा – ‘साल 1919 में आज ही के दिन जलियांवाला बाग में शहीद होने वाले लोगों को श्रद्धांजलि। उनका अद्वितीय साहस और बलिदान आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करता रहेगा। पिछले साल जलियांवाला बाग स्मारक के पुनर्निर्मित परिसर के उद्घाटन के मौके पर दिया गया अपना भाषण साझा कर रहा हूं। ‘

याद रहे पंजाब के अमृतसर में स्थित जलियांवाला बाग नरसंहार 13 अप्रैल 1919 को वैशाखी के दिन हुआ था। जलियांवाला बाग में रौलेट एक्ट का विरोध करने के लिए एक सभा हो रही थी। ये सभा पंजाब के दो लोकप्रिय नेताओं की गिरफ्तारी और रोलेट एक्ट के विरोध में रखी गई थी।  यह भारत में ब्रिटिश हुकूमत की सबसे क्रूर कार्रवाई में से एक था। रॉलेट एक्ट ब्रिटिश हुकूमत को दमनकारी शक्तियां प्रदान करता था।

अंग्रेज जनरल डायर ने अकारण उस सभा में उपस्थित भीड़ पर गोलियाँ चलवा दीं।  बता दें इस नरसंहार को भारतीय इतिहास के सबसे घातक हमलों में से एक के रूप में याद किया जाता है। अंग्रेजों के आंकड़े बताते हैं कि जलियांवाला बाग कांड में 379 लोगों की जान गयी थी। हालांकि, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के रेकॉर्ड के मुताबिक, उस दिन एक हजार से ज्यादा लोग शहीद हुए थे और करीब दो हजार गोलियों से घायल हुए थे।

ब्रिटिश सैनिकों ने महज दस मिनट में कुल 1650 राउंड गोलियां चलाईं। इस दौरान जलियांवाला बाग में मौजूद लोग उस मैदान से बाहर नहीं निकल सकते थे, क्योंकि बाग के चारों तरफ घर बने थे। बाहर निकलने के लिए मात्र एक संकरा रास्ता था।  भागने का कोई रास्ता न होने के वजह से लोग वहां फंस कर रह गए।