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पाकिस्तान की संसद बहाल, डिप्टी स्पीकर का फैसला असंवैधानिक : सुप्रीम कोर्ट

पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश के नेतृत्व वाली पांच जजों की बेंच ने गुरुवार को नैशनल एसेंबली के डिप्टी स्पीकर के पीएम इमरान खान के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने पर एकमत (5-0) फैसला सुनाते हुए डिप्टी स्पीकर के फैसले को असंवैधानिक बताया है। बेंच ने कहा कि इमरान खान संसद भंग नहीं कर सकते थे। साथ ही बड़े फैसले में सभी एसेंबली बहाल कर दी गयी हैं। अब संसद का सत्र शनिवार साढ़े 10 बजे से पहले बुलाया जाएगा जिसमें अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से इमरान खान को बहुत बड़ा  झटका लगा है। फैसले के बाद विपक्षी नेताओं ने ‘गो नियाज़ी’ के नारे लगाए।

फैसले से पहले मुख्य न्यायाधीश के चैंबर में सभी जजों ने आपस में काफी समय तक चर्चा की। फैसला सुनाने से पहले पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने देश के चुनाव आयोग के सचिव सहित अधिकारियों को कोर्ट में तलब किया। इन अधिकारियों ने कोर्ट में कहा कि जल्दी (90 दिन में) चुनाव कराना संभव नहीं है। कोर्ट रूम के बाहर वकीलों और पुलिस में झड़प की खबर भी आई।

फैसले से पहले तत्कालीन पीएम इमरान खान ने कहा कि कोर्ट का हर फैसला मंजूर होगा। सुप्रीम कोर्ट में फैसले के वक्त विपक्षी दलों के नेता वरिष्ठ नेता पीएमएल (एन) शाहबाज़ शरीफ के घर पर इकठ्ठा हुये और हालत पर चर्चा की। सुप्रीम कोर्ट के बाहर फैसले के समय कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था।

बता दें डिप्टी स्पीकर ने पीएम इमरान खान के खिलाफ चार दिन पहले अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके करीब आध घंटे के बाद पाकिस्तान के राष्ट्रपति ने पीएम की सिफारिश पर संसद (नैशनल एसेंबली) को भंग कर दिया था। इससे पहले सरकार के एक मंत्री ने 90 दिन के भीतर चुनाव कराने की बात कही थी।

विपक्षी पार्टियों ने आरोप लगाया था कि इमरान खान के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करना सीधा संसद पर हमले जैसा है। उन्होंने कहा था कि डिप्टी स्पीकर का यह असंवैधानिक फैसला लोकतंत्र पर हमले जैसा है।

दिन में बहस पूरी होने के बाद सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने फैसला 8 बजे तक के लिए सुरक्षित रख लिया था। इससे पहले दिन में दलीलें सुनने के बाद चीफ जस्टिस ने कहा कि संविधान इस बात का अधिकार देता है कि प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सके। वहीं जस्टिस मुनीब अख्तर ने कहा कि स्पीकर सदन का केयरटेकर है। वह सिर्फ व्यक्तिगत संतुष्टि के लिए वहां नहीं बैठा रह सकता। वह अपनी निजी राय देकर बाकी सदस्यों से गुडबाय नहीं कह सकता। जज ने यह भी कहा कि डिप्टी स्पीकर ने अपना काम ठीक से नहीं किया। चीफ जस्टिस ने आगे कहा कि जाहिर तौर पर उनका फैसला गलत था।

सुबह कोर्ट में अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि अविश्वास प्रस्ताव पर वोट डालना किसी संसद सदस्य का मौलिक अधिकार नहीं है। वोटिंग का अधिकार संविधान और विधानसभा नियमों में आता है। अगर कोई स्पीकर किसी सदस्य को सस्पेंड कर देता है तो वह कोर्ट आकर इसकी बहाली नहीं करा सकता है।

कोर्ट में स्पीकर और डिप्टी स्पीकर के वकील नईम बुखारी ने आज दलील दी कि  संसद में अविश्वास प्रस्ताव लाने को मंजूरी मिलने का मतलब यह नहीं होता कि उसको खारिज नहीं किया जा सकता। स्पीकर के पास इसे खारिज करने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि कोर्ट भी तो याचिकाओं को मंजूरी देता है और बाद में उनको खारिज करता है। सुनवाई के दौरान पाकिस्तान के चीफ जस्टिस ने टिप्पणी की कि मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रम में 90 दिन के लिए देश को बेसहारा छोड़ दिया गया है।

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट संसद भंग करने, अविश्वास प्रस्ताव मामले में 8 बजे सुनाएगा फैसला

पाकिस्तान का सुप्रीम कोर्ट नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव रद्द करने और  संसद को भंग करने के मामले में 8 बजे फैसला सुनाएगा। इसके बाद पाकिस्तान में हलचल बढ़ गयी है। सुनवाई के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया और कि आज ही फैसला सुनाया जाएगा।

रिपोर्ट्स के मुताबिक पांच दिन की सुनवाई के बाद गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि अदालत की कार्यवाही पूरी हो गयी है और हम अब इस मामले पर विचार करेंगे।

आज सुनवाई के दौरान अदालत ने नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के फैसले को संविधान के अनुच्छेद 95 का उल्लंघन बताया। जस्टिस इजाजुल अहसन, मोहम्मद अली मजहर मियांखेल, मुनीब अख्तर और जमाल खान मंडोखेल की पांच सदस्यीय पीठ का नेतृत्व कर रहे मुख्य न्यायाधीश बंदियाल ने सुनवाई के दौरान यह बात कही।

प्रधान न्यायाधीश बंदियाल ने पिछले कल राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक का विवरण मांगा, जिसमें पीटीआई के नेतृत्व वाली सरकार के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान को बाहर करने के लिए ‘विदेशी साजिश’ के सबूत दिखाने वाले एक पत्र पर चर्चा की गई थी।

यह माना जा रहा है कि यदि अदालत डिप्टी स्पीकर के खिलाफ फैसला सुनाती है, तो संसद फिर से बुलानी होगी। इसके बाद उसमें इमरान खान के खिलाफ फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा। यदि सरकार हार जाती है तो विपक्ष बहुमत का दावा कर सकता है।

लोकसभा, राज्यसभा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित; बजट सत्र समाप्त

लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही गुरुवार को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गईं। इस तरह संसद के बजट सत्र का समापन हो गया जो 31 जनवरी को शुरू हुआ था। यह दो चरणों में आयोजित किया गया। सत्र के दौरान महंगाई का मुद्दा छाया रहा और विपक्ष ने इस मसले पर सदन से वॉक आउट भी किया।

बजट सत्र के समापन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई विपक्षी नेताओं से मुलाकात की। इनमें नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, समाजवादी पार्टी के मुलायम सिंह यादव और अन्य नेताओं शामिल हैं। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला भी इस  मौके पर उपस्थित थे।

सत्र के दौरान कांग्रेस और टीएमसी सहित विपक्षी दलों ने सरकार को पेट्रोल कीमतों  बढ़ौतरी और महंगाई सहित जनता से जुड़े कई मुद्दों पर लगातार घेरे रखा। उधर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सरकार महंगाई के विषय पर चर्चा कराने से भागती रही जिस कारण लोकसभा और राज्यसभा की बैठकें अचानक स्थगित करवा दी गईं।

सत्र समाप्ति के बाद राज्यसभा में कांग्रेस दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने पत्रकारों से कहा – ‘महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा है। पिछले कुछ दिन में पेट्रोल और डीजल पर 10 रुपये प्रति लीटर से अधिक की वृद्धि की गई है। रसोई गैस सिलेंडर पर 50 रुपये बढ़ाये गये हैं। सीएनजी के दाम में भी रोजाना बढ़ोतरी हो रही है। उर्वरक के दाम में वृद्धि की गई है जिससे किसानों को दिक्कत हो रही है। सरकार किसान संगठनों के साथ समझौते के संदर्भ में चर्चा नहीं कराना चाहती थी।’

बजट सत्र का दूसरा चरण 8 अप्रैल तक चलाया जाना था, लेकिन इसे आज एक दिन पहले ही समाप्त कर दिया गया। पहले चरण में संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही, राष्ट्रपति के अभिभाषण के साथ 31 जनवरी को शुरू हुई थी, जो 11 फरवरी तक। चली। लोकसभा के दूसरे सत्र में 27 बैठकें हुईं और सदन की कार्य उत्पादकता 129 प्रतिशत रही। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज सुबह कहा – ‘सत्र के दौरान सदन की बैठकें लगभग 177 घंटे 50 मिनट तक चलीं। इस दौरान 182 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिये गए।’

उधर राज्यसभा में 99.80 प्रतिशत कामकाज हुआ। राज्यसभा सचिवालय के अनुसार सदन 100 प्रतिशत कामकाज की उपलब्धि हासिल करने में 10 मिनट से चूक गया। उच्च सदन ने इस सत्र के दौरान 23 प्रतिशत समय का उपयोग सरकारी विधेयकों पर चर्चा के लिए किया वहीं 37.50 प्रतिशत समय का उपयोग अन्य चर्चा के लिए किया गया।

जूता-चप्पल पर बढ़ाया गया जीएसटी वापस हो: कैट

कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट)  इंडियन फुटवियर एसोसिएशन ने आज संवाददाता सम्मेलन में केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण से आग्रह करते हुये कहा है कि बढ़ाये गये जीएसटी को वापस लिया जाये।
इस अवसर पर गागन दास रामानी ने कहा कि वैसे ही कोरोना के चलते जूता-चप्पल का कारोबार बंद रहा है। अब जीएसटी 5 से 12 प्रतिशत होने से 7 प्रतिशत तक जीएसटी बढ़ाये जाने जूता महंगा हो जायेगा। इसलिये सरकार को बढ़ाये गये जीएसटी को तत्काल वापस होना चाहिये।
इस मौके पर नीरज अरोड़ा ने कहा कि सरकार जीएसटी के अलावा तमाम नये-नये कायदे कानून को ला रही है। जिससे छोटे बड़े कारोबारियों के कामकाज पर विपरीत असर पड़ रहा है। उन्होने कहा कि 2017 में जब जीएसटी आया था तब से कारोबारियों को काफी दिक्कत हो रही है। वर्ष 2017 के पहले जब वैट लागू किया था तब भी व्यापारी आसानी से अपना कारोबार चला रहा था। लेकिन अब धंधा दिन व दिन सरकार की व्यापारी विरोधी नीतियों के चलते चौपट हो रहा है।
उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है। देश का 60 प्रति गैर लेदर का जूता -चप्पल का कारोबार बहादुर गढ़ में होता है। लेकिन सरकारी की नीतियों के चलते यहां पर काफी लोगों ने अपने कारोबार को कम करने या बंद करने का मन बना लिया है।जिससे हजारों लोगों की रोजी रोटी पर संकट आ सकता है।इस अवसर पर सुभाष कुमार ने कहा कि छोटी जूता -चप्पल की फैक्ट्री को बंद करने के पीछे  बड़ी कंपनियों को लाभ देना है।

दिल्ली में मीट की दुकानों पर बवाल, मेयर सहित तीनों कमिश्नर को भेजा नोटिस

दिल्ली में मीट की दुकानों पर बवाल शुरू हो गया है। नवरात्रि के त्योहारों में मीट की दुकानों को बंद करने के मामले में दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने तीनों नगर निगम के मेयर सहित तीनो कमिश्नर को नोटिस भेजा है।

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग ने एसडीएमसी, एनडीएमसी, और र्इडीएमसी के तीनों मेयर सहित कमिश्नर से जवाब मांगा है कि किस आधार पर अपने त्योहारों के वक्त दुकान बंद करने के आदेश दिए है। तत्काल इस पूरे मामले में जवाब दें।

दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ज़ाकिर खान ने इस मामले में कहा कि ये देश सभी का है और सभी को संवैधानिक आज़ादी का अधिकार है। लेकिन जैसे नवरात्रो का समय चल रहा है तो ऐसे रमज़ान का महीना भी चल रहा है। सभी लोगो को एक दूसरे की धार्मिक भावनाओं का ख्याल रखना चाहिए।

जहां हिन्दू भाइयो के बहुल इलाके के यहां मुस्लिम भाइयो को भी ख्याल रखने की जरूरत है कि उनको कोई परेशानी ना हो उन्होंने कहा लेकिन जो मुस्लिम बहुल इलाके के वहां इस तरह का आदेश देना जरूरी नही है।

आपको बता दें, पहले कर्नाटक और अब दिल्ली में मीट की दुकानों को लेकर बवाल मचा हुआ है। साउथ दिल्ली के बाद अब ईस्ट दिल्ली में नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद रखने को कहा गया था।

एनआईए ने कश्मीर में आतंकी मामले में कई जगह मारे छापे

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने गुरुवार को कश्मीर में कई जगह छापे मारे हैं। यह छापे आतंकी गतिविधियों से जुड़े बताए गए हैं। छापे बारामुला में हुर्रियत से जुड़े एक ठेकेदार के यहाँ भी मारे गए हैं।

जानकारी के मुताबिक एनआईए ने श्रीनगर, बडगाम और अन्य इलाकों में पुलिस और सीआरपीएफ की मदद से आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े एक मामले में छापेमारी की है। एनआईए ने यह छापेमारी पुलिस और सीआरपीएफ की मदद से आतंकवादी गतिविधियों से जुड़े एक मामले में की है।

बताया गया है कि श्रीनगर में एनआईए की टीम ने पुलिस के साथ जलदगर निवासी फिरोज अहमद अहंगेर पुत्र अरसलान फिरोज अहंगेर के आवास पर छापेमारी की।  अरसलान दिसंबर से ही एनआईए की हिरासत में है। जांच एजेंसी की एक अन्य टीम ने श्रीनगर के बाहरी इलाके के मुस्तफाबाद जैनकोट इलाके के निवासी अब्दुल समद डार पुत्र अजाज अहमद डार के घर पर भी छापेमारी की।

इसके अलावा एनआईए की टीम ने पुलिस के साथ समीर अहमद गनी पुत्र मोहम्मद याकूब निवासी बोनापोरा नौगाम, जो पेशे से सेल्समैन है और अलनूर कॉलोनी निवासी गुलाम मोहम्मद भट पुत्र सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी मोहम्मद मकबूल भट के घर पर भी छापेमारी की। साथ ही चनापोरा की भी तलाशी ली गयी है।

श्रीनगर के शहर के बैंक कॉलोनी बागी मेहताब में, एनआईए ने बशीर अहमद भट के बेटे जहीर बशीर भट के घर की तलाशी ली, जो शॉल व्यवसाय से जुड़ा है। अरिपथन बडगाम, तुलबाग पंपोर और अन्य स्थानों पर भी छापे मारे गए हैं। पता चला है कि एजेंसी ने इन छापों में कुछ दस्तावेज जब्त किये हैं।

मदद के बाद चीन से दूर और भारत के निकट आ रहा श्रीलंका !

चीन के प्रति बढ़ी नाराजगी के बीच भारत से मिल रही मदद के बाद श्रीलंका में भारत के प्रति लोगों में बहुत सकारात्मक संदेश गया है। क्रिकेटर से राजनीतिक बने सनथ जयसूर्या ने गुरुवार को भारत की जमकर तारीफ करते हुए कहा कि गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे उनके देश की मदद कर भारत ने ‘बड़े भाई’ की भूमिका अदा की है।

जयसूर्या का यह बयान काफी अहम कहा जा सकता है क्योंकि श्रीलंका में चीन और वर्तमान शासकों राजपक्षे बंधुओं के प्रति नाराजगी चरम पर है। श्रीलंका में लोग महसूस कर रहे हैं कि उनके देश की यह हालत चीन के कारण हुई है। जयसूर्या ने
भारत को ‘बड़ा भाई’ बताते हुए मदद भेजने पर उसकी सराहना की है।

याद रहे भारत ने अकेले एक दिन में श्रीलंका को 76 हजार टन ईंधन भेजा है। श्रीलंका में ईंधन, रसोई गैस के लिए लंबी कतारें हैं जबकि यही हाल पेट्रोल पम्पों पर है।  जरूरी वस्तुओं का अकाल सा पड़ गया है और हर रोज बिजली की घंटों कटौती से जनता गंभीर परेशानी झेल रही है।

राजपक्षे बंधुओं के सत्ता में आने के बाद उनके देश का चीन के प्रति लगातार झुकाव बढ़ा और उसने कुछ परियोजनाओं में श्रीलंका को बड़े स्तर पर क़र्ज़ दिया। लेकिन श्रीलंका में महसूस किया जा रहा है कि देश के गंभीर आर्थिक संकट में फंसने का असल कारण यही है। जयसूर्या का कहना है कि श्रीलंका में जीवन काफी कठिन हो गया है और भारत और अन्य देशों की मदद से हम इस संकट से बाहर आने की उम्मीद कर रहे हैं।

हाल के दशकों की बात करें तो भारत श्रीलंका का बड़ा सहयोगी रहा है। भंडारनायके   और इंदिरा गांधी के जमाने से लेकर हाल के सालों तक भारत ने श्रीलंका की तरफ हमेशा सहयोगी रुख रखा है। लेकिन करीब एक दशक से और दो साल पहले जब राजपक्षे बंधू सत्ता में आए तो उनका भारत की बजाये चीन की तरफ झुकाव बढ़ गया। भारत के साथ रहते हुए कभी भी श्रीलंका के सामने आज जैसा गंभीर संकट नहीं आया।

मुख्यता पर्यटन पर आधारित श्रीलंका की इकॉनमी को कोरोना की जबरदस्त मार पड़ी है। श्रीलंका के सामने विदेशी मुद्रा का भयंकर संकट है। इसका असर खाद्य और ईंधन आयात करने की उसकी क्षमता पर पड़ा है। बिजली कटौती भी लम्बी खिंच रही है।

श्रीलंका की जानकार भी मानते हैं कि चीनी निवेश के आगे घुटने टेकना देश को बहुत भारी पड़ा है। आंकड़ों के मुताबिक श्रीलंका पर मार्च 2022 के आखिर तक करीब 7 बिलियन डॉलर का विदेशी कर्ज है। बड़ा चीनी निवेश श्रीलंका को बेहतर करने की जगह इतिहास के सबसे गंभीर आर्थिक संकट में खींच लाया है।

इस साल जनवरी में  जब चीन के विदेश मंत्री वांग यी जब श्रीलंका आये थे तब श्रीलंका के राष्ट्रपति गोतबाया राजपक्षे ने उनसे क़र्ज़ चुकाने के लिए ‘सॉफ्ट नीति’ का आग्रह किया था। मार्च में श्रीलंका में चीनी राजदूत क्यूई जेनहोंग ने कहा था कि चीन एक अरब डॉलर के कर्ज और 1.5 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन के लिए श्रीलंका के आग्रह पर विचार कर रहा है। चीन पहले ही श्रीलंका को कोविड-19 महामारी के दौरान 2.8 अरब डॉलर की मदद दे चुका है।

हालांकि, वर्तमान माहौल में श्रीलंका की जनता में चीन के प्रति विश्वसनीयता में कमी आई है। वहां महसूस किया जा रहा है कि चीन ने सहयोगी से ज्यादा विस्तारवादी नीति वाले देश की भूमिका निभाई है और श्रीलंका को गहरे संकट में डाल दिया है।

कोविड-19: पिछले 24 घंटों में देशभर में कोरोना के हजार से ज्यादा मामले

देश में लगातार दूसरे दिन कोरोना के हज़ार से ज्यादा मामले सामने आये हैं। आज सुबह 8 बजे मंत्रालय की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक देशभर में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस के कुल 1033 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान कुल 43 लोगों की कोविड-19 से मौत हुई है। देश में अब कोविड-19 संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 4 करोड़ 30 लाख, 31 हजार 958 हो गई है।

देश में जनवरी 2020 से आज तक कोविड-19 से मरने वालों की कुल संख्या 5 लाख 21 हजार 530 हो गयी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देशभर में कुल सक्रिय मामलों की संख्या घटकर 11,639 हो गयी है। सक्रिय मामलों की संख्या कुल संक्रमितों का 0.03 फीसदी है।

मंत्रालय के मुताबिक वर्तमान में कोरोना का रिकवरी रेट 98.76 फीसदी है। पिछले 24 घंटों में देशभर में कुल 1222  मरीज ठीक हुए हैं। देश में अब तक 4 करोड़, 24 लाख, 98 हजार, 789 लोग स्वस्थ हो चुके हैं।

देश में रोजाना पॉजिटिविटी रेट अब 0.21 फीसदी पर आ गया है जबकि साप्ताहिक पॉजिटिविटी रेट घटकर 0.22 फीसदी हो गया है। देश में कुल 79.25 करोड़ सैंपल की टेस्टिंग हो चुकी है और पिछले 24 घंटे में 4,82,039 सैंपल जांचे गए हैं।

विश्व स्वास्थ्य दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम

हर साल की भाँति इस साल भी विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर 7 अप्रैल को स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।  दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) के अध्यक्ष डॉ अश्विनी डालमिया का कहना कि गत दो साल से अधिक समय से देश-दुनिया में कोरोना का कहर चल रहा है। ऐसे में हमें स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिये। क्योंकि कोरोना अभी पूरी तरह से गया ही नहीं हैं।
अब देश में एक्स-ई नामक कोरोना का वायरस आ गया है। ऐसे में कोरोना को लेकर बरती गयी लापरवाही ज्यादा घातक हो सकती है। उन्होंने कहा कि चीन में कोरोना का कहर बरपा रहा है। ऐसे में हमें पड़ोसी मुल्क होने के नाते सावधानी बरतनी चाहिये।
लेडी हार्डिंग अस्पताल के डॉ अशोक कुमार का कहना है कि एक ओर तो महामारी से हम जूझ ही रहे थे। वहीं इस साल मार्च माह से पड़ी गर्मी से लोगों का हाल बेहाल है। इस गर्मी से बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी मे पेट संबंधी और संक्रमण से जुड़ी बीमारी तेजी से बड़ी है। उनका कहना है कि अगर समय रहते नहीं चेते तो आने वाले दिनों में ग्लोबिंग वार्मिंग से लोगों को स्वास्थ्य संबंधी तमाम बीमारी हो सकती है।
उनका आगे कहा कि, वनों की कटाई को रोकना चाहिये साथ ही वनों में लोगों का हस्तक्षेप भी रुकना चाहिये। अन्य़था लोगों को ग्लोबिंग वार्मिंग गर्मी से पहले गर्मी की मार से परेशान कर देगा। जो स्वास्थ्य संबंधी तमाम पीड़ा देगा।
एम्स के डॉ आलोक कुमार का कहना है कि मार्च से लेकर अभी तक जो गर्मी पड़ी है। उसके चलते अभी तक दिल्ली में 30 प्रतिशत लोगों को उल्टी और दस्त की शिकायतें बढ़ी है। जो चिन्ता का विषय है।  

चीन के हैकर्स ने भारतीय बिजली केंद्रों को बनाया निशाना

चीन के हैकरों ने लद्दाख के भारतीय बिजली केंद्रों को निशाना बनाया है। यह जानकारी निजी खुफिया फर्म रिकॉर्डेड फ्यूचर द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बुधवार को किया गया। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले कुछ महीनों में चीन ने साइबर जासूसी अभियान के तहत उत्तर भारत में सात इंडियन स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर के नेटवर्क को अपना टारगेट बनाया है।

इस हैकिंग ग्रुप को टैग-38 नाम दिया गया है। हैकिंग के लिए इस्तेमाल किए गए सॉफ्टवेयर का नाम शैडो पैड है। रिपोर्ट के अनुसार, पावर ग्रिड के साथ-साथ हैकर्स ने भारत के नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सिस्टम और एक मल्टीनेशनल लॉजिस्टिक कंपनी की सहायक कंपनी को भी निशाना बनाया है।

हालांकि, इस मामले को लेकर चीन के विदेश मंत्रालय से संपर्क करने के बाद किसी भी प्रकार की जानकारी नहीं दी गर्इ है। साथ ही इस रिपोर्ट पर भारत के अधिकारियों ने भी किसी भी प्रकार की जानकारी साझा नहीं की है।