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विदेश मंत्री जयशंकर की बिना नाम लिए अमेरिका पर चोट, बोले रूस पुराना दोस्त

भारत ने खुलकर रूस के साथ जाने का संकेत दिया है। पश्चिम देशों पर दशकों तक भारत को हथियार नहीं देने का आरोप लगाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बड़ा बयान दिया है कि रूस और भारत की बहुत पुरानी दोस्ती है और कहा कि  ‘उनके लिए हमारे पड़ोस की सैन्य तानाशाही पसंदीदा साझीदार था।’ उनके बयान को अमेरिका पर सीधा प्रहार माना जा रहा है।

भाजपा के 2014 में देश की सत्ता में आने के बाद रूस से इस तरह की दोस्ती की बात भारत के किसी वरिष्ठ नेता ने पहली बार कही है। यूपीए के समय भारत रूस के करीब रहा है लेकिन अमेरिका से भी उसके सम्बन्ध बेहतर रहे थे।

जयशंकर ने यह बयान ऑस्ट्रेलिया में दिया जहाँ वे यत्र पर गए हैं। उनके बयान को कूटनीतिक हलकों में काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। हाल में अमेरिका ने पाकिस्तान को सैन्य मदद के रूप में अरबों डॉलर की मदद दी है जिसका भारत ने विरोध किया है। इसके अलावा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा भी अमेरिका के बुलावे पर वहां गए हैं।

जयशंकर ने अपने अहम बयान में कहा – ‘रूस से भारत की दोस्ती बहुत पुरानी है , भारत के पास रूसी हथियारों का भंडार इसलिए है क्योंकि, पश्चिम के देशों ने दशकों तक भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं की।’

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ साझी प्रेस कांफ्रेंस में जयशंकर ने सवालों के जवाब में कहा कि रूस और भारत के संबंधों ने हमारे हितों की निश्चित रूप से रक्षा की है।

जयशंकर ने कहा – ‘जहाँ तक सैन्य उपकरणों की बात है तो आप जानते हैं कि भारत के पास सोवियत काल और रूस निर्मित हथियारों का बड़ा भंडार है। इस भंडार के पीछे की कई वजहें हैं। हथियार प्रणालियों की अपनी गुणवत्ता तो है ही, ये भी सच है कि कई दशकों तक पश्चिम के देशों कई देशों ने कई वजहों से भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं की। उनके लिए हमारे पड़ोस की सैन्य तानाशाही पसंदीदा साझीदार था।’

विदेश मंत्री ने कहा – ‘हम सभी जानते हैं कि हमारे पास जो होता है, हम उसी के डील करते हैं। हम जो फैसले लेते हैं, वह हमारे भविष्य के हित के साथ-साथ वर्तमान के हालात को भी परिलक्षित करते हैं। मुझे लगता है कि हर सैन्य टकराव की तरह मौजूदा सैन्य टकराव (यूक्रेन-रूस) की भी अपनी सीख है। मुझे भरोसा है कि हमारे पेशेवर सैन्य साथी, इसका ध्यान से अध्ययन कर रहे होंगे।’

समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव का निधन, कई वरिष्ठ नेताओं ने जताया शोक

समाजवाद की बड़ी आवाज़ और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, जो समाजवादी पार्टी के संस्थापक भी थे, का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे काफी दिन से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

मुलायम सिंह यादव, जिन्हें उनके समर्थक नेता जी कहकर बुलाते थे, को तबीयत खराब होने के बाद पहली अक्टूबर को मेदांता के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी। मुलायम सिंह के निधन ने समाजवादी परिवार को शोक में डुबो दिया है। उनके बेटे अखिलेश यादव, भाई शिवपाल यादव और बहू अपर्णा यादव दिल्ली पहुँच गए हैं।

याद रहे तीन महीने पहले ही उनकी पत्नी साधना गुप्ता का भी निधन हो गया था। पिता मुलायम सिंह के निधन की जानकारी देते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा – ‘मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे।’

नेता जी करीब 55 साल तक राजनीति में सक्रिय रहे। उनका जन्म 22 नवंबर, 1939 को इटावा जिले के सैफई में हुआ था। राजनीति शास्त्र में एमए की पढ़ाई के बाद वह 1967 में पहली बार यूपी के जसवंत नगर से विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मुलायम आठ बार विधायक जबकि सात बार लोकसभा सदस्य चुने गए। साल 1996 में उन्हें यूनाइटेड फ्रंट गठबंधन की सरकार में रक्षा मंत्री बनने का भी अवसर मिला। संसद में उनकी तकरीरों को महत्व दिया जाता था और उन्हें राजनीति का माहिर खिलाड़ी समझा जाता था।

कुल मिलाकर मुलायम का राजनीतिक करियर बेहतरीन रहा। साल 1977 में वह पहली बार जनता पार्टी से यूपी के मंत्री बने जबकि 1989 में वह पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री चुने गए। वे साल 1993 और फिर 2003 दूसरी और तीसरी बार मुख्यमंत्री हुए।

नेता जी ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की और 1993 में बसपा के साथ मिलकर सरकार बनाई। बेटे अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद वह इसके संरक्षक की भूमिका में थे। मुलायम अभी भी लोकसभा में मैनपुरी सीट से सांसद थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुलायम यादव के निधन पर 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में नीतीश कुमार ने किया लालू-राबड़ी का बचाव

लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत अन्य कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की हैं। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के बचाव में सामने आ गये हैं।

नीतीश कुमार ने चार्जशीट पर कहा कि, “कुछ नहीं हैं, हम लालू-नीतीश एक साथ आ गये हैं, इसलिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जो मर्जी पड़ती है वह वही कर रही है इसका कोई मतलब नहीं है यह कोई तरीका नहीं हैं।“

इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर भी हमला बोला हैं और कहा कि, प्रशांत किशोर ने मुझसे कहा था कि अपनी पार्टी को कांग्रेस में मर्ज कर लो, मैं उसकी पदयात्रा के बारे में क्या बोलूं वो मेरे घर मे रहता था, मेरे साथ रहता था इन लोगों का कोई ठिकाना नहीं हैं, भाजपा में गया तो उसी के हिसाब से काम कर रहा हैं। और मैं उसको बुलाने नहीं गया था वे खुद ही मेरे पास आया था जिसको जो मन पड़ता है बोलने दीजिए। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

बता दें, इन दिनों बिहार में जेडीयू-आरजेडी गठबंधन की सरकार हैं। और नीतीश सरकार में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव अहम सहयोगी व बिहार के डिप्टी सीएम हैं। जबकि पिछली गठबंधन सरकार के दौरान लालू परिवार पर जमीन के बदले नौकरी देने के आरोप लगने पर नीतीश कुमार ने वर्ष 2017 में आरजेडी से नाता तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।

मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर कद्दावर और अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं – राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को इन आशंकाओं को खारिज कर दिया है कि गांधी परिवार पार्टी के अगले अध्यक्ष को रिमोट से नियंत्रित कर सकता है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर कद्दावर और अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं।

राहुल गांधी ने भारत जोड़ों यात्रा के दौरान यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस यात्रा में वह अकेले नहीं हैं बल्कि लाखों लोग इसमें शामिल हैं क्योंकि वे बेरोजगारी, महंगाई और असमानता से थक चुके हैं।

उन्होंने आदे कहा कि वह स्वभाव से तपस्या में विश्वास करते हैं और भारत जोड़ों यात्रा के माध्यम से लोगों से संपर्क करके उनके दर्द को साझा करना चाहते हैं। भारत जोड़ों यात्रा के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3500 किमी की दूरी तय की जानी हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र विरोधी कार्य है और हम इसमें शामिल हर व्यक्ति से लड़ेंगे। हम नयी शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह हमारे इतिहास, परंपराओं को विकृत कर रही हैं हम एक विकेंद्रीकृत शिक्षा प्रणाली चाहते हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भारत जोड़ों यात्रा 2024 के चुनाव के लिए नहीं है, भाजपा-आरएसएस द्वारा किए जा रहे देश के विभाजन के खिलाफ लोगों को एकजुट करना चाहती है कांग्रेस।

गृहमंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में नए भाजपा कार्यालय का किया उद्घाटन, ‘…कांग्रेस ने असम को बानाया आतंकलैंड’

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम की राजधानी गुवाहाटी के बेलटोला में पार्टी के नए राज्य मुख्यालय का उद्घाटन किया हैं। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा मौजूद रहे। इस दौरान अमित शाह ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासन के दौरान असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़े हैं।

गृहमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा और कहा कि, आज असम में मैं गृहमंत्री के नाते आया हूं, मैं आज यहां भाजपा के एक कार्यकर्ता के नाते आया हूं। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि असम की महान भूमि को कांग्रेस ने विघटन किया, आतंकवाद की, हड़तालें की, आंदोलनों की भूमि बनाया था और लोग हमेशा चिंतित रहते थे कि अगर असम को समावेशी विकास नहीं मिला तो यह उत्तर पूर्व के लिए एक बड़ी समस्या होगी।

शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस के 70 वर्ष के राज ने पूर्वोत्तर भारत को हिंसा और अराजकता की ओर धकेल दिया था, किंतु अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इसे मुख्यधारा से जोड़ दिया हैं। शाह ने चार दशक पुरानी घटना को याद करते हुए कहा कि मैं यहां विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में आया था तब हमें हितेश्वर सैकिया (असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री) ने बहुत मारा था..हम इंदिरा के खिलाफ नारे लगा रहे थे इसलिए हमें मारा गया था। और उस वक्त कल्पना नहीं की थी कि भाजपा अपने बूते पर दो बार जीतकर यहां सरकार बनाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि, मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए यह सौभाग्य की बात है कि नॉर्थ ईस्ट का विकास और नॉर्थ ईस्ट में भाजपा का विकास दोनों एक साथ चलें। दूसरी पार्टियों के लिए कार्यालय ईंट-पत्थर से बना हुआ मकान हो सकता है किंतु भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए यह एक मंदिर होता हैं। यह भाजपा कार्यकर्ता के लिए कोई भवन नहीं होता है, कार्यालय भावनाओं का एक पुलिंदा होता हैं। यहां कार्य का रेखांकन होता है, यहीं पर भाजपा पूरे नॉर्थ ईस्ट की और असम के विकास की योजनाएं बनाती हैं।

आपको बता दें, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा असम में सप्ताह के अंत में होने वाले कई कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए शुक्रवार की शाम गुवाहाटी पहुंचे हैं। इसके बाद वे पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मादक पदार्थों के विषय में एक बैठक करेंगे। रविवार दोपहर राज्य स्तरीय पुलिस अधीक्षक सम्मेलन का उद्घाटन करने गोलाघाट जिले के दरगांव के लिए रवाना होंगे।

लैंड फॉर जॉब स्कैम मामला: सीबीआई ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के प्राइवेट सेक्रेटरी संजय यादव को पूछताछ के लिए किया तलब

लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के प्राइवेट सेक्रेटरी संजय यादव को पूछताछ के ले तलब किया हैं। सीबीआई ने लैंड फॉर जॉब मामले में 14 अन्य को आरोपी बनाया हैं।

बता दें सीबीआई ने  राजद सुप्रीमो और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव उनकी पत्नी राबड़ी देवी और 14 अन्य के खिलाफ रेलवे में उनके कार्यकाल के दौरान कथित तौर पर जमीन के बदले नौकरी घोटाले में चार्जशीट दाखिल की हैं।

अधिकारियों के मुताबिक लालू यादव की बेटी मीसा भारती और रेलवे के एक पूर्व महाप्रबंधक को भी हाल ही में सीबीआई की एक विशेष अदालत में पेश की गई चार्जशीट में बतौर आरोपी शामिल किया गया हैं।

यह मामला वर्ष 2004 से 2009 के बीच यूपीए-1 सरकार में लालू यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान का है। सीबीआई ने इसी साल 18 मई को इस मामले में एफआईआर दर्ज की थीं। एफआईआर में लालू यादव समेत उनके परिवार के चार अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया हैं। साथ ही सीबीआर्इ ने 23 सितंबर 2021 को रेलवे में कथित भूमि के बदले नौकरी घोटाले से संबंधित प्रारंभिक जांच दर्ज की थीं।

लालू यादव पर आरोप है कि जब वे रेल मंत्री थे तो उन्होंने नौकरी लगवाने के बदले जमीन और प्लॉट लिए गए थे इस मामले में सीबीआई ने लालू यादव के करीबी भोला यादव को गिरफ्तार किया है वर्ष 2004 से 2009 में जब लालू यादव रेल मंत्री थे तब भोला यादव उनके ओएसडी थे और सीबीआई के मुताबिक इस घोटाले के सरगना हैं।

भारतीय वायुसेना के हुए 90 वर्ष पूरे, अगले साल से ‘अग्निवीरों’ की भर्ती होगी शुरू

भारतीय वायुसेना आज चंडीगढ़ में अपनी स्थापना के 90 वां आईएएफ दिवस मना रही हैं। वायु सेना वार्षिक परेड और फ्लाई पास्ट दिल्ली-एनसीआर के बाहर चंडीगढ़ की सुखना झील में पहली बार आयोजित किया गया हैं। इस एयर शो में लगभग 80 सैन्य विमान और हेलीकॉप्टर शामिल होंगे, जिसमें हाल ही में शामिल स्वदेश निर्मित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर ‘प्रचंड’ फ्लाई-पास्ट के दौरान अपने हवाई कौशल का प्रदर्शन करेंगे।

चंडीगढ़ में आयोजित भारतीय वायुसेना दिवस के मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा चंडीगढ़ और आसपास के राज्यों से लगभग 35 हजार लोग सुखना लेक पहुंचे हैं। इतना ही नहीं एलसीएस ‘प्रचंड’  के अलावा लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) तेजस, सुखोई, मिग-29, जगुआर, राफेल, आईएल-76, सी-130जे और हॉक समेत कई अन्य विमान फ्लाई पास्ट का हिस्सा होंगे। साथ ही हेलीकॉप्टरों में उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर ध्रुव, चिनूक, अपाचे और एमआई-17 हवाई प्रदर्शन का हिस्सा भी होंगे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मौके पर ट्वीट कर भारतीय वायुसेना को बधाई दी और कहा कि, “भारतीय वायु सेना दिवस पर सभी साहसी आईएमएफ वायु योद्धाओं और उनके परिवारों को बधाई और शुभकामनाएं। आईएमएफ अपनी वीरता, उत्कृष्टता, प्रदर्शन और पेशेवर उत्कृष्टता के लिए जाना जाता हैं। हमें नीली वर्दी वाले अपने पुरुषों और महिलाओं पर गर्व है। उन्हें नीले आसमान और सुरक्षित लैंडिंग की बधाई।”

इस के मौके पर वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी. आर. चौधरी ने कहा कि अगले साल से वायुसेना में महिला अग्निवीरों की भर्ती शुरू होगी। और आज लड़ाई के तरीके बदल रहे हैं उसी के अनुसार हमे भी तैयार होना होगा। कोई अकेली सर्विस लड़ाई नहीं जीत सकती, अब आत्मनिर्भर होना भी जरूरी हैं। वायुसेना नया वेपन सिस्टम बना रही हैं इसके लिए सरकार ने हथियार प्रणाली शाखा के निर्माण को मंजूरी दी हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह घोषणा करते हुए मेरा सौभाग्य है कि सरकार ने आईएएस में अधिकारियों के लिए एक हथियार प्रणाली शाखा के निर्माण को मंजूरी दे दी है, आजादी के बाद यह पहली बार है कि एक नर्इ परिचालन शाखा बनाई जा रही हैं। अनिवार्य रूप से सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों, सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइलों, दूरस्थ रूप से संचालित विमान और जुड़वां और बहु-चालक विमानों में हथियार प्रणाली ऑपरेटरों के बल विशेषज्ञ धाराओं के लिए होगा। इस शाखा से बनने से उड़ान प्रशिक्षण पर खर्च कम होने से 3400 करोड़ से अधिक की बचत होगी।

आपको बता दें, वर्ष 1932 में वायु सेना भारतीय वायु सेना के अधिकारिक रूप से शामिल हुई। प्रत्येक वर्ष यह दिन भारतीय वायु सेना प्रमुख और वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में मनाया जाता हैं। वायुसेना को आधिकारिक तौर पर 1932 में यूनाइटेड किंगडम के रॉयल एयर फोर्स के सहायक बल के रूप में तैयार किया गया था। और सर्वप्रथम ऑपरेशन स्क्वाड्रन 1933 में किया गया था। आईएएस द्वार किए गए प्रमुख ऑपरेशनों में ऑपरेशन विजय, ऑपरेशन मेघदूत, ऑपरेशन कैक्टस और ऑपरेशन पुमलाई शामिल हैं।

महाराष्ट्र में यात्रियों से भरी बस में लगी भीषण आग, 11 की मौत; 38 झुलसे

महाराष्ट्र के नासिक ने शनिवार की सुबह यात्रियों से भरी लग्जरी बस में आग लग गई। इस दुर्घटना में एक बच्चे समेत 11 लोगों की मौत हो गई, अन्य 38 यात्री झुलस गए हैं और सभी घायलों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल में भर्ती कराया गया हैं।

स्थानीय पुलिस का कहना है कि यह दुर्घटना औरंगाबाद रोड पर नासिक के नांदूर नाका मिरची होटल के पास हुई और अभी भी मौतों की सही संख्या का पता लगाने की कोशिश कर रहे है।

सूत्रों के अनुसार यह दुर्घटना एक कंटेनर में टक्कर मारने की वजह से हुई, ये बस यवतमाल से मुंबई जा रही थी, जबकि कंटेनर ट्रक नासिक से पुणे जा रहा था।

नासिक के पुलिस उपायुक्त अमोल तांबे ने कहा कि, “मरने वालों में ज्यादातर बस के स्लीपर कोच यात्री थे, घायलों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया हैं। साथ ही मामला दर्ज कर आग लगने के सही कारणों का पता लगाने के लिए जांच की जा रही हैं।“

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुर्घटना पर दुख जताया है और मरने वाले लोगों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये की वित्तीय सहायता की घोषणा की हैं, हादसे में घायल हुए लोगों को 50 हजार देने का भी ऐलान किया हैं।

वहीं राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने भी दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की हैं। राज्य के मंत्री दादा भुसे ने कहा कि महाराष्ट्र सरकार घायलों के इलाज का खर्च उठाएगी।

वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन से टकराया भैंसों का झुंड, मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

गुजरात में हाल ही में शुरू हुई वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन गुरुवार को एक हादसे का शिकार हुई। ये हादसा उस वक्त हुआ जब ट्रेन मुंबई से लौट रही थी और लौटते वक्त अहमदाबाद रेलवे स्टेशन के नजदीक वटवा और मणिनगर स्टेशन के पास भैंस के एक झुंड से टकरा गई।

भैंसों के झुंड को ट्रेन से टकराने के बाद मुंबई-गांधीनगर वंदे भारत एक्सप्रेस का फ्रंट का हिस्सा क्षतिग्रस्त हो गया था हालांकि हादसे के कुछ वक्त बाद ट्रेन को आगे के लिए रवाना कर दिया गया था। ट्रेन से टकराने के कारण चार भैंसों की मौत हो गई हैं और उनके मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।

पश्चिम रेलवे के वरिष्ठ प्रवक्ता जितेंद्र कुमार जयंत ने कहा कि, “आरपीएफ ने अहमदाबाद में वटवा और मणिनगर रेलवे स्टेशनों के बीच वंदे भारत ट्रेन के रास्ते में आने वाली भैंसों के अज्ञात मालिकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की हैं।”

रेलवे के पीआरओ का कहना है कि इस घटना से थोड़ा सा नुकसान हुआ। ट्रेन के संचालन पर कोई असर नहीं पड़ा हैं और ट्रेन अपने निर्धारित समय से चल रही हैं। और ट्रेन के आगे के हिस्से को जो नुकसान हुआ है उसे ठीक किया जाएगा। वहीं रेल अधिकारियों का कहना है कि गुजरात में गाय-भैंस पालने वालों को वंदे भारत के टाइम टेबल का पता नहीं  है यही वजह है कि भैंसों के झुंड पटरियों पर आगया। और अब उन्हें जागरूक करने के लिए एक अभियान चलाया जाएगा।

आपको बता दें, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 सितंबर को मुंबई और गांधी नगर के बीच चलने वाली तीसरी वंदे भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाई थी। गांधी नगर से मुंबई के बीच चलने वाली यह ट्रेन सप्ताह में छह दिन चलती हैं। इससे पहले नई दिल्ली और वाराणसी, नई दिल्ली और माता वैष्णो देवी कटरा के बीच वंदे भारत ट्रेन चल रही हैं।

सरकार ने मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित को अपने उत्तराधिकारी का नाम देने को कहा- सूत्र

केंद्र सरकार ने भारत के प्रधान न्यायाधीश उदय उमेश ललित को पत्र लिखकर उनसे अपना उत्तराधिकारी नामित करने के लिए कहा हैं। न्यायमूर्ति यू यू ललित 8 नवम्बर को सेवानिवृत होंगे।

सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति की प्रक्रिया के ज्ञापन के अनुसार कानून और न्याय मंत्री ने भारत के मुख्य न्यायाधीश को अपने उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए अपनी सिफारिशें भेजने के लिए पत्र लिखा हैं।

बता दें न्यायमूर्ति यू यू ललित के सेवानिवृत होने में केवल एक महीना ही शेष हैं। न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ सीजेआई के बाद सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश हैं और इस पद के प्रमुख दावेदार हैं। और परंपरा के अनुसार प्रधान न्यायाधीश अपने उत्तराधिकारी के रूप में वरिष्ठतम न्यायाधीश को नामित करते हैं, तो इस अनुसार न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ देश के 50 वें प्रधान न्यायाधीश हो सकते हैं।

आपको बता दें, न्यायमूर्ति यू यू ललित को 27 अगस्त 2022 को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई थीं। उन्होंने न्यायमूर्ति एनवी रमना का स्थान लिया, जो कि 26 अगस्त 2022 को सेवानिवृत हुए थे।