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सौरव गांगुली की जगह रोजर बिन्नी बन सकते है बीसीसीआई अध्यक्ष- सूत्र

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अगले अध्यक्ष के रूप में सौरव गांगुली की जगह पूर्व ऑलराउंडर रोजर बिन्नी ले सकते हैं। पूर्व तेज गेंदबाज रोजर बिन्नी वर्ष 1983 वर्ल्ड कप विजेता टीम के अहम हिस्सा रह चुके है। और वर्तमान में कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) में पदाधिकारी के रूप में कार्यरत हैं।

सूत्रों के अनुसार जय शाह अपने पद पर कायम रहेंगे, कोषाध्यक्ष अरुण धूमल की जगह भाजपी विधायक आशीष शेलारी ले सकते हैं, जबकि राजीव शुक्ला उपाध्यक्ष के पद पर बने रह सकते हैं। और बिन्नी का नाम 18 अक्टूबर को होने वाले चुनावों के लिए बीसीसीआई  ड्राफ्ट इलेक्टोरल रोल (बीसीसीआई की वेबसाइट पर डाला गया) और कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (केएससीए) के प्रतिनिधि के रूप में गुरुवार को केएससीए के सचिव संतोष मेनन वार्षिक आम बैठक में दिखाई दिए थे।

आपको बता दें, बीसीसीआई के चुनाव अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव, संयुक्त सचिव और कोषाध्यक्ष की भूमिका के लिए होंगे। चुनाव लड़ने के लिए इन पदों पर नामांकन 11 और 12 अक्टूबर को भरे जा सकेंगे। यह 18 अक्टूबर को मुंबई में होंगे। नामांकन की जांच 13 अक्टूबर को होगी और उम्मीदवार 14 अक्टूबर तक अपना नामांकन वापस ले सकते हैं।

संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन ने रूस की कड़ी निंदा की, बताया ‘आतंकी देश’

यूक्रेन के कई शहरों में रूस के मिसाइल हमलों के बाद सोमवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) की एक तत्काल बैठक हुई जिसमें यूक्रेन ने रूस की कड़ी निंदा की और उसे आतंकवादी राज्य के रूप में निरूपित किया, जैसा कि पश्चिमी देशों ने मास्को को अलग-थलग करने की कोशिश में किया था।

बता दें यह बैठक संयुक्त राष्ट्र ने रूस द्वारा आंशिक रूप से कब्जे वाले चार यूक्रेनी क्षेत्रों के घोषित कब्जे पर चर्चा करने के लिए बुलाया थी किंतु इस बैठक को यूक्रेन की राजधानी कीव और अन्य शहरों में हुए रूस के मिसाइल हमलों ने कमतर कर दिया।

इस दौरान यूक्रेन के राजदूत सर्गी किस्लित्सिया ने उद्घाटन भाषण में कहा कि, “रूस ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह एक आतंकवादी राज्य है, जिसे सबसे मजबूत तरीके से रोका जाना चाहिए। ताजा हमले की चपेट में उनका परिवार आ गया है।“

उन्होंने आगे कहा कि, दुर्भाग्य से, जब तक आपके आस-पास एक अस्थिर और पागल तानाशाह मौजूद है तब तक आप शायद ही स्थिरता और शांति का आह्वान कर सकते हैं। ताजा हमले में कम से कम 14 लोग मारे गए हैं और 97 लोग घायल हो गए हैं।“

आपको बता दें, सोमवार को रूस ने यूक्रेन की राजधानी कीव समेत कई अन्य शहरों में 84 मिसाइलें दागी, जिसमें 14 लोगों की मौत और दर्जनों अन्य घायल हो गए। जून के अंत के बाद यूक्रेन की राजधानी कीव में यह रूस की तरफ से किया गया पहला हमला हैं।

यह हमला रूस के क्रीमिया से जोड़ने वाले एक पुल को क्षतिग्रस्त करने के दो दिन बाद हुआ हैं। मास्को ने कीव पर क्रीमिया के पुल पर हमला करने का आरोप भी लगाए हैं।

मुलायम सिंह यादव के निधन पर यूपी में तीन दिन का राजकीय शोक

समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव के निधन पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में तीन दिन का राजकीय शोक की घोषणा कि हैं।

मुख्यमंत्री ने योगी ने ट्वीट कर कहा कि, “श्री मुलायम सिंह यादव जी के निधन पर उत्तर प्रदेश सरकार 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा करती है, उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ होगा।“

उन्होंने एक और ट्वीट कर कहा कि, “उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री श्री मुलायम सिंह यादव जी का निधन अत्यंत दुखदायी हैं। उनके निधन से समाजवाद के एक प्रमुख स्तंभ एवं एक संघर्षशील युग का अंत हुआ हैं। ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति की कामना व शोकाकुल परिवार एवं समर्थकों के प्रति संवेदना व्यक्त करता हूं।“

बता दें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुलायम सिंह जी के पुत्र पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और उनके भाई रामगोपाल यादव से फोन पर बात की और संवेदनाएं व्यक्त की हैं।

आपको बता दें, मुलायम सिंह यादव का देहांत सोमवार गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में हुआ हैं। वे तीन बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और आठ बार विधायक रहे हैं। साथ ही वे देश के रक्षा मंत्री भी रह चुके हैं।

क्रीमिया ब्रिज पर हमले से बौखलाए रूस ने यूक्रेन पर दागीं मिसाइलें पांच मौत, कई घायल

रूस ने क्रीमिया पुल विस्फोट का बदला लेते हुए यूक्रेन की राजधानी कीव पर सोमवार को कुल 75 मिसाइल हमले किए हैं। साथ ही यूक्रेन के अन्य शहरों में भी धमाकों की खबरें हैं। और 12 लोगों की मौत और 24 के घायल होने की खबरें हैं। यूक्रेन की खुफिया एजेंसी एसबीयू के मुख्यालय को भी रूस की ओर से निशाना बनाए जाने की रिपोर्ट हैं।

कीव में धमाके स्थानीय समय के अनुसार सुबह 8 बजकर 15 मिनट पर हुए और धमाकों से ठीक एक घंटा पहले हवाई रेड की चेतावनी देने वाले सायरन यूक्रेन की राजधानी में बज उठे थे।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने हमलों को लेकर कहा है कि, देशभर में हुए हमलों में कई लोग मारे गए और कई घायल हुए हैं। क्रीमिया के पुल धमाके के बाद आक्रामक पुतिन ने सोमवार को क्रेमलिन में राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक भी बुलाई थी। साथ ही कीव के मेयर विटाली क्लिटस्शेको ने सोशल मीडिया पर कहा कि, “राजधानी के मध्य इलाके में कई धमाके हुए।”

आपको बता दें, शनिवार को रूस और क्रीमिया को जोड़ने वाले पुल पर एक ट्रक में रखे विस्फोटकों में आग लग गई थी जिससे बड़ा धमाका हुआ था और इस विस्फोट से पुल का आधा हिस्सा समुद्र में गिर गया था। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने क्रीमिया पुल विस्फोट के लिए यूक्रेन की गुप्त सेवाओं को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि यह आतंकवादी कृत्य हैं।

सीबीआई ने दिल्ली की शराब नीति मामले में अभिषेक बोइनपल्ली को किया गिरफ्तार

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली की आबकारी घोटाला मामले में तीसरी गिरफ्तारी अभिषेक बोइनपल्ली की कि हैं। उसे रविवार को पूछताछ के लिए बुलाया गया था। अधिकारियों ने यह जानकारी साझा की है और बताया कि अभिषेक बोइनपल्ली दक्षिण भारत के कुछ शराब कारोबारियों के लिए कथित तौर पर काम करता था।

अधिकारियों ने बताया कि सीबीआई द्वारा पूछताछ के दौरान वह कुछ महत्वपूर्ण सवालों का जवाब देने से बच रहा हैं, जिसके बाद उसे हिरासत में ले लिया गया। उन्होंने आगे बताया कि आबकारी मामले में यह दूसरी गिरफ्तारी है इससे पहले विजय नायर को गिरफ्तार किया गया था।

आपको बता दें, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 17 नवंबर 2021 को लागू की गयी थी और इस वर्ष जुलाई में वापस ले ली गई थी, जब दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इसके क्रियान्वयन की सीबीआई से जांच की सिफारिश की।

सीबीआई ने उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत आरोपी लोक सेवकों और अन्य अज्ञात लोगों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और अन्य भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी के मुताबिक बिना सक्षम प्राधिकारियों से अनुमति लिए आरोपी लोक सेवकों ने आबकारी नीति के बारे में फैसला लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विदेश मंत्री जयशंकर की बिना नाम लिए अमेरिका पर चोट, बोले रूस पुराना दोस्त

भारत ने खुलकर रूस के साथ जाने का संकेत दिया है। पश्चिम देशों पर दशकों तक भारत को हथियार नहीं देने का आरोप लगाते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यह बड़ा बयान दिया है कि रूस और भारत की बहुत पुरानी दोस्ती है और कहा कि  ‘उनके लिए हमारे पड़ोस की सैन्य तानाशाही पसंदीदा साझीदार था।’ उनके बयान को अमेरिका पर सीधा प्रहार माना जा रहा है।

भाजपा के 2014 में देश की सत्ता में आने के बाद रूस से इस तरह की दोस्ती की बात भारत के किसी वरिष्ठ नेता ने पहली बार कही है। यूपीए के समय भारत रूस के करीब रहा है लेकिन अमेरिका से भी उसके सम्बन्ध बेहतर रहे थे।

जयशंकर ने यह बयान ऑस्ट्रेलिया में दिया जहाँ वे यत्र पर गए हैं। उनके बयान को कूटनीतिक हलकों में काफी महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है। हाल में अमेरिका ने पाकिस्तान को सैन्य मदद के रूप में अरबों डॉलर की मदद दी है जिसका भारत ने विरोध किया है। इसके अलावा पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल बाजवा भी अमेरिका के बुलावे पर वहां गए हैं।

जयशंकर ने अपने अहम बयान में कहा – ‘रूस से भारत की दोस्ती बहुत पुरानी है , भारत के पास रूसी हथियारों का भंडार इसलिए है क्योंकि, पश्चिम के देशों ने दशकों तक भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं की।’

ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग के साथ साझी प्रेस कांफ्रेंस में जयशंकर ने सवालों के जवाब में कहा कि रूस और भारत के संबंधों ने हमारे हितों की निश्चित रूप से रक्षा की है।

जयशंकर ने कहा – ‘जहाँ तक सैन्य उपकरणों की बात है तो आप जानते हैं कि भारत के पास सोवियत काल और रूस निर्मित हथियारों का बड़ा भंडार है। इस भंडार के पीछे की कई वजहें हैं। हथियार प्रणालियों की अपनी गुणवत्ता तो है ही, ये भी सच है कि कई दशकों तक पश्चिम के देशों कई देशों ने कई वजहों से भारत को हथियारों की आपूर्ति नहीं की। उनके लिए हमारे पड़ोस की सैन्य तानाशाही पसंदीदा साझीदार था।’

विदेश मंत्री ने कहा – ‘हम सभी जानते हैं कि हमारे पास जो होता है, हम उसी के डील करते हैं। हम जो फैसले लेते हैं, वह हमारे भविष्य के हित के साथ-साथ वर्तमान के हालात को भी परिलक्षित करते हैं। मुझे लगता है कि हर सैन्य टकराव की तरह मौजूदा सैन्य टकराव (यूक्रेन-रूस) की भी अपनी सीख है। मुझे भरोसा है कि हमारे पेशेवर सैन्य साथी, इसका ध्यान से अध्ययन कर रहे होंगे।’

समाजवादी नेता मुलायम सिंह यादव का निधन, कई वरिष्ठ नेताओं ने जताया शोक

समाजवाद की बड़ी आवाज़ और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव, जो समाजवादी पार्टी के संस्थापक भी थे, का सोमवार सुबह निधन हो गया। वे काफी दिन से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे। पीएम मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी सहित कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुलायम सिंह यादव के निधन पर 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

मुलायम सिंह यादव, जिन्हें उनके समर्थक नेता जी कहकर बुलाते थे, को तबीयत खराब होने के बाद पहली अक्टूबर को मेदांता के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। उनकी हालत लगातार खराब हो रही थी। मुलायम सिंह के निधन ने समाजवादी परिवार को शोक में डुबो दिया है। उनके बेटे अखिलेश यादव, भाई शिवपाल यादव और बहू अपर्णा यादव दिल्ली पहुँच गए हैं।

याद रहे तीन महीने पहले ही उनकी पत्नी साधना गुप्ता का भी निधन हो गया था। पिता मुलायम सिंह के निधन की जानकारी देते हुए सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा – ‘मेरे आदरणीय पिता जी और सबके नेता जी नहीं रहे।’

नेता जी करीब 55 साल तक राजनीति में सक्रिय रहे। उनका जन्म 22 नवंबर, 1939 को इटावा जिले के सैफई में हुआ था। राजनीति शास्त्र में एमए की पढ़ाई के बाद वह 1967 में पहली बार यूपी के जसवंत नगर से विधायक निर्वाचित होकर विधानसभा पहुंचे। इसके बाद उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।

मुलायम आठ बार विधायक जबकि सात बार लोकसभा सदस्य चुने गए। साल 1996 में उन्हें यूनाइटेड फ्रंट गठबंधन की सरकार में रक्षा मंत्री बनने का भी अवसर मिला। संसद में उनकी तकरीरों को महत्व दिया जाता था और उन्हें राजनीति का माहिर खिलाड़ी समझा जाता था।

कुल मिलाकर मुलायम का राजनीतिक करियर बेहतरीन रहा। साल 1977 में वह पहली बार जनता पार्टी से यूपी के मंत्री बने जबकि 1989 में वह पहली बार यूपी के मुख्यमंत्री चुने गए। वे साल 1993 और फिर 2003 दूसरी और तीसरी बार मुख्यमंत्री हुए।

नेता जी ने 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की और 1993 में बसपा के साथ मिलकर सरकार बनाई। बेटे अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चुने जाने के बाद वह इसके संरक्षक की भूमिका में थे। मुलायम अभी भी लोकसभा में मैनपुरी सीट से सांसद थे। उत्तर प्रदेश सरकार ने मुलायम यादव के निधन पर 3 दिन के राजकीय शोक की घोषणा की है।

लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में नीतीश कुमार ने किया लालू-राबड़ी का बचाव

लैंड फॉर जॉब स्कैम मामले में  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव, राबड़ी देवी समेत अन्य कई लोगों के खिलाफ चार्जशीट दायर की हैं। इसके बाद बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लालू प्रसाद यादव के बचाव में सामने आ गये हैं।

नीतीश कुमार ने चार्जशीट पर कहा कि, “कुछ नहीं हैं, हम लालू-नीतीश एक साथ आ गये हैं, इसलिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को जो मर्जी पड़ती है वह वही कर रही है इसका कोई मतलब नहीं है यह कोई तरीका नहीं हैं।“

इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर भी हमला बोला हैं और कहा कि, प्रशांत किशोर ने मुझसे कहा था कि अपनी पार्टी को कांग्रेस में मर्ज कर लो, मैं उसकी पदयात्रा के बारे में क्या बोलूं वो मेरे घर मे रहता था, मेरे साथ रहता था इन लोगों का कोई ठिकाना नहीं हैं, भाजपा में गया तो उसी के हिसाब से काम कर रहा हैं। और मैं उसको बुलाने नहीं गया था वे खुद ही मेरे पास आया था जिसको जो मन पड़ता है बोलने दीजिए। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।

बता दें, इन दिनों बिहार में जेडीयू-आरजेडी गठबंधन की सरकार हैं। और नीतीश सरकार में लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव अहम सहयोगी व बिहार के डिप्टी सीएम हैं। जबकि पिछली गठबंधन सरकार के दौरान लालू परिवार पर जमीन के बदले नौकरी देने के आरोप लगने पर नीतीश कुमार ने वर्ष 2017 में आरजेडी से नाता तोड़कर भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली थी।

मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर कद्दावर और अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं – राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को इन आशंकाओं को खारिज कर दिया है कि गांधी परिवार पार्टी के अगले अध्यक्ष को रिमोट से नियंत्रित कर सकता है। उन्होंने कहा कि अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे दोनों उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर कद्दावर और अच्छी समझ रखने वाले व्यक्ति हैं।

राहुल गांधी ने भारत जोड़ों यात्रा के दौरान यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि इस यात्रा में वह अकेले नहीं हैं बल्कि लाखों लोग इसमें शामिल हैं क्योंकि वे बेरोजगारी, महंगाई और असमानता से थक चुके हैं।

उन्होंने आदे कहा कि वह स्वभाव से तपस्या में विश्वास करते हैं और भारत जोड़ों यात्रा के माध्यम से लोगों से संपर्क करके उनके दर्द को साझा करना चाहते हैं। भारत जोड़ों यात्रा के दौरान कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3500 किमी की दूरी तय की जानी हैं।

राहुल गांधी ने कहा कि नफरत और हिंसा फैलाना एक राष्ट्र विरोधी कार्य है और हम इसमें शामिल हर व्यक्ति से लड़ेंगे। हम नयी शिक्षा नीति का विरोध कर रहे हैं क्योंकि यह हमारे इतिहास, परंपराओं को विकृत कर रही हैं हम एक विकेंद्रीकृत शिक्षा प्रणाली चाहते हैं।

कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि भारत जोड़ों यात्रा 2024 के चुनाव के लिए नहीं है, भाजपा-आरएसएस द्वारा किए जा रहे देश के विभाजन के खिलाफ लोगों को एकजुट करना चाहती है कांग्रेस।

गृहमंत्री अमित शाह ने गुवाहाटी में नए भाजपा कार्यालय का किया उद्घाटन, ‘…कांग्रेस ने असम को बानाया आतंकलैंड’

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने शनिवार को असम की राजधानी गुवाहाटी के बेलटोला में पार्टी के नए राज्य मुख्यालय का उद्घाटन किया हैं। इस मौके पर गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और राज्य के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा मौजूद रहे। इस दौरान अमित शाह ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) शासन के दौरान असम और पूर्वोत्तर क्षेत्र शांति और विकास के पथ पर आगे बढ़े हैं।

गृहमंत्री ने इस दौरान कांग्रेस पर जमकर निशाना भी साधा और कहा कि, आज असम में मैं गृहमंत्री के नाते आया हूं, मैं आज यहां भाजपा के एक कार्यकर्ता के नाते आया हूं। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि असम की महान भूमि को कांग्रेस ने विघटन किया, आतंकवाद की, हड़तालें की, आंदोलनों की भूमि बनाया था और लोग हमेशा चिंतित रहते थे कि अगर असम को समावेशी विकास नहीं मिला तो यह उत्तर पूर्व के लिए एक बड़ी समस्या होगी।

शाह ने आगे कहा कि कांग्रेस के 70 वर्ष के राज ने पूर्वोत्तर भारत को हिंसा और अराजकता की ओर धकेल दिया था, किंतु अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने इसे मुख्यधारा से जोड़ दिया हैं। शाह ने चार दशक पुरानी घटना को याद करते हुए कहा कि मैं यहां विद्यार्थी परिषद के कार्यक्रम में आया था तब हमें हितेश्वर सैकिया (असम के तत्कालीन मुख्यमंत्री) ने बहुत मारा था..हम इंदिरा के खिलाफ नारे लगा रहे थे इसलिए हमें मारा गया था। और उस वक्त कल्पना नहीं की थी कि भाजपा अपने बूते पर दो बार जीतकर यहां सरकार बनाएगी।

उन्होंने आगे कहा कि, मेरे जैसे कार्यकर्ता के लिए यह सौभाग्य की बात है कि नॉर्थ ईस्ट का विकास और नॉर्थ ईस्ट में भाजपा का विकास दोनों एक साथ चलें। दूसरी पार्टियों के लिए कार्यालय ईंट-पत्थर से बना हुआ मकान हो सकता है किंतु भाजपा के कार्यकर्ताओं के लिए यह एक मंदिर होता हैं। यह भाजपा कार्यकर्ता के लिए कोई भवन नहीं होता है, कार्यालय भावनाओं का एक पुलिंदा होता हैं। यहां कार्य का रेखांकन होता है, यहीं पर भाजपा पूरे नॉर्थ ईस्ट की और असम के विकास की योजनाएं बनाती हैं।

आपको बता दें, गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के अध्यक्ष जेपी नड्डा असम में सप्ताह के अंत में होने वाले कई कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए शुक्रवार की शाम गुवाहाटी पहुंचे हैं। इसके बाद वे पूर्वोत्तर राज्यों के मुख्यमंत्रियों, मुख्य सचिवों और पुलिस महानिदेशकों के साथ मादक पदार्थों के विषय में एक बैठक करेंगे। रविवार दोपहर राज्य स्तरीय पुलिस अधीक्षक सम्मेलन का उद्घाटन करने गोलाघाट जिले के दरगांव के लिए रवाना होंगे।