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नियम 267 पर घंटों चल सकती है बहस; पीएम संसद में जवाब दें, खरगे की मांग  

संसद के मॉनसून सत्र का आज (सोमवार) तीसरा दिन हैं। विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ ने आज भी अपनी रणनीति मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विस्तृत बयान और इस विषय पर संसद में चर्चा की मांग पर सीमित रखी साथ ही संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन भी किया।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि, ‘हम तैयार हैं। यदि 140 करोड़ लोगों का नेता संसद के बाहर बयान देता है, तो उसे संसद में भी बयान देना चाहिए जहां पूरे देश की जनता के प्रतिनिधि बैठते हैं’।

खरगे ने कहा कि, ‘हम नियम 267 के तहत सदन में बहस चाहते हैं। पर मोदी सरकार के एक मंत्री कहते हैं कि थोड़े समय की ही चर्चा होगी। वहीं दूसरा मंत्री कहता है कि केवल आधा घंटा ही चर्चा होगी। हम मानते हैं कि नियम 267 पर घंटों बहस चल सकती है, इसमें वोटिंग भी हो सकती है। और हम यही चाहते हैं’।

खरगे, जो कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि, ‘पहले पीएम मोदी जी का विस्तृत बयान हो और उसके बाद 267 के अंतर्गत संसद में बहस हो। मोदी सरकार और भाजपा मणिपुर पर अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी और जवाबदेही से भाग नहीं सकती’।

उधर राज्यसभा में कांग्रेस के विप नसीर हुसैन ने कामकाज निलंबित करने और मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया है। बता दें, आज सुबह 10 बजे ‘इंडिया’ गठबंधन की संसद के सत्र के मद्देनजर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के कमरे में बड़ी बैठक हुई। इसमें फ्लोर मैनेजमेंट को लेकर रणनीति बनाई गयी।

कांग्रेस के नेतृत्व में संसद में इंडिया गठबंधन की रणनीति यह है कि वह मणिपुर के मुद्दे पर सरकार को घेरेगा। जहां एक तरफ इंडिया गठबंधन मणिपुर हिंसा को लेकर आज सरकार को घेरते नजर आए वहीं दूसरी तरफ संसद के बाहर गांधी प्रतिमा के सामने राजस्थान भाजपा सांसद गैर भाजपा शासित राज्यों में होने वाले अत्याचार पर विरोध प्रदर्शन करते नजर आए हैं।

यूक्रेन ने दो गैर आवासीय इलाकों में ड्रोन से हमला किया, रूस ने कहा

रूस-यूक्रेन तनातनी तेज होती दिख रही है। नवीनतम घटना में मास्को में यूक्रेन ने दो गैर आवासीय इलाकों में ड्रोन से हमला किया है। मास्को के मेयर सर्गेई सोबयानिन ने यह दावा किया है।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी के मुताबिक मेयर सर्गेई ने बताया कि दो गैर-आवासीय इमारतों को यूक्रेन ने ड्रोन से निशाना बनाया। उनके मुताबिक सोमवार तड़के करीब 4 बजे दो गैर-आवासीय इमारतों पर ड्रोन हमले की सूचना मिली। हालांकि, इस हमले में कोई घायल नहीं हुआ। एक ड्रोन रूस के रक्षा मंत्रालय के करीब कोम्सोमोल्स्की प्रॉस्पेक्ट में गिरा, जबकि दूसरा मुख्य रिंग रोड के पास लिकचेवा स्ट्रीट पर एक बिजनेस सेंटर पर गिरा।

इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने एक बयान जारी किया और कहा कि उसने दो यूक्रेनी ड्रोनों के हमले को नाकाम कर दिया। रूस सरकार ने इस हमले को एक आतंकवादी कृत्य ठहराया। ये ड्रोन हमला यूक्रेन ने ओडेसा के काला सागर बंदरगाह पर रूसी मिसाइल हमले के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करते हुए किया है। आईआरए के नेता नोवोस्ती ने बिजनेस सेंटर का एक वीडियो पोस्ट किया गया था, जिसमें बहुमंजिला इमारत के सबसे ऊपर पर साफ तौर पर धमाका होते दिखाई दे रहा है।

ड्रोन हमले के बाद अधिकारियों ने एहतियात के तौर पर इमारत के आसपास की सड़क को सील कर दिया है। इससे पहले भी रूस यूक्रेन पर ड्रोन के जरिए मास्को को निशाना बनाने का आरोप लगाता रहा है।

इस बीच रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज ने बताया है कि 23 जुलाई को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनके बेलारूसी समकक्ष अलेक्जेंडर लुकाशेंको के बीच सेंट पीटर्सबर्ग में बातचीत हुई। एजेंसी के मुताबिक पिछले 24 घंटे  के दौरान विशेष सैन्य अभियान के क्षेत्र में रिकॉर्ड संख्या में पश्चिम के आपूर्ति किए गए सैन्य उपकरण नष्ट कर दिए गए। यह बात रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको के साथ बैठक के दौरान कही।

स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको ने कहा कि कोई (यूक्रेनी) जवाबी हमला नहीं है। रूसी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि ‘एक है, लेकिन वह विफल हो गया है’। उधर पुतिन ने कहा कि पिछले दिनों विशेष सैन्य अभियान के दौरान रिकॉर्ड संख्या में विदेशी उपकरण नष्ट किए गए। पुतिन ने कहा – ‘हमने कभी एक दिन में इतने सारे विदेशी वाहनों को नष्ट नहीं किया’।

पुतिन ने कहा कि ‘शत्रु सेना की तरफ से जो इकाइयाँ काम कर रही थीं, वे पूर्ण रूप से विदेशी उपकरणों से सुसज्जित थीं। विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत के बाद से यूक्रेनी सशस्त्र बलों के 26,000 सैनिक मारे गए हैं’।

स्पुतनिक न्यूज ने कहा कि पुतिन ने विशेष सैन्य अभियान के क्षेत्र में विदेशी भाड़े के सैनिकों की गतिविधियों पर भी टिप्पणी की। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूक्रेन में विदेशी भाड़े के सैनिक अपनी मूर्खता के कारण बड़ा नुकसान उठाते रहते हैं। पुतिन ने कहा – ‘जहाँ तक विदेशी भाड़े के सैनिकों की बात है, उन्हें भी काफी नुकसान हुआ है’। यह बात पुतिन ने बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको से कही।

अपनी रिपोर्ट में स्पुतनिक ने कहा कि जब बेलारूसी नेता ने पुतिन से पूछा कि क्या यह उनकी (यूक्रेनी) रणनीति के कारण हुआ ? जवाब में पुतिन ने कहा – ‘अपनी मूर्खता के कारण’। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक पुतिन ने यह भी कहा – ‘जिन देशों की सरकारें आज लोगों को संकट के क्षेत्र में भेज रही हैं, वहां की जनता को भी पता होना चाहिए कि वहां क्या हो रहा है, और हम लोगों को यह समझाएंगे जिससे कि वे अपने शासकों के कार्यों को देख सकें’।

मणिपुर में हिंसा का दौर जारी, भीड़ ने मकान और स्कूल भवन जलाए

मणिपुर में स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। चुराचांदपुर के तोरबुंग बाजार इलाके में हथियारबंद लोगों ने एक दर्ज़न मकानों और एक एक स्कूल भवन को आग के हवाले कर दिया।

पुलिस के मुताबिक लोगों की भीड़ में सबसे आगे बड़ी संख्या में महिलाएं थीं। वे मानव ढाल का काम कर रही थीं। भीड़ ने शनिवार शाम किए हमले के दौरान कई गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके। तोर बुंग बाजार में स्थित जिस स्कूल में आग लगाई गई, उसका नाम ‘चिल्ड्रन ट्रेजर हाई स्कूल’ है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक जब स्थानीय लोगों ने महिलाओं को भीड़ के आगे देखा तो उन्होंने गोलीबारी का जबाव देने में हिचकिचाहट महसूस की। इसके बाद जब भीड़ ने बीएसएफ के वाहन को छीनने की कोशिश की तो स्थानीय लोगों ने भई भीड़ को जवाब देने का फैसला किया।

भीड़ ने बीएसएफ का एक वाहन भी ले जाने की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ और इलाके में तैनात स्थानीय स्वयंसेवकों की जवाबी कार्रवाई के कारण उनका प्रयास असफल रहा। राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में अभी भी तनाव व्याप्त है।

राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। उधर विपक्ष के दलों की एक टीम भी मणिपुर का दौरा कर सकती है। अभी तक इसे लेकर तारीख तय नहीं की गयी है। 

आरएसएस नेता और वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी का बेंगलुरु में निधन

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी का निधन हो गया है। वे 81 वर्ष के थे और एबीवीपी से लेकर संघ के बड़े पदों पर रहे। पीएम मोदी ने उनके निधन पर शोक जताया है।

उनका निधन सोमवार सुबह बेंगलुरु में हुआ जहां वे अस्पताल में भर्ती थे। उनके निधन की जानकारी आरएसएस ने एक ट्वीट में दी। आरएसएस ने कहा – ‘संघ के वरिष्ठ प्रचारक मदन दास देवी का सोमवार सुबह 5 बजे राष्ट्रीय स्वास्थ्य अस्पताल, राजराजेश्वरी नगर, बेंगलुरु में निधन हो गया।’

याद रहे देवी आरएसएस के सह सर-कार्यवाह रहे हैं। वह आरएसएस की छात्र इकाई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय संगठन मंत्री भी रहे। देवी ने जीवन भर आरएसएस के लिए कार्य किया।

इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मदन दास देवी के निधन पर शोक जताया है। एक ट्वीट में मोदी ने कहा – ‘मदन दास देवी के देहावसान से अत्यंत दुख हुआ है। उन्होंने अपना पूरा जीवन राष्ट्रसेवा में समर्पित कर दिया। उनसे मेरा न सिर्फ घनिष्ठ जुड़ाव रहा, बल्कि हमेशा बहुत कुछ सीखने को मिला। शोक की इस घड़ी में ईश्वर सभी कार्यकर्ताओं और उनके परिवारजनों को संबल प्रदान करें।’

हिंसाग्रस्त क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय सीमा वाला इलाका, इसपर सरकार को सदन में जवाब देना होगा- रंजीत रंजन 

सरकार की तरफ़ से महिला बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी द्वारा मणिपुर पर दिए गए बयान के बाद शनिवार को कांग्रेस की राज्य सभा सांसद रंजीत रंजन ने पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से संसद में चर्चा की मांग की है। 

हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 4 मई की इस घटना ने देश भर में गुस्सा भर दिया है। इससे पहले कांग्रेस ने इस शर्मनाक घटना पर इसकी जिम्मेवारी लेते हुए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मंत्री स्मृति ईरानी को इस्तीफा दे की भी मांग की है।  

रंजीत रंजन ने कहा कि, “जब भी सरकार डरती हैं व इन्हे लगता है इनका फेल्योर है तो अपने मंत्रियों को बिलों से निकाल है। ये सरकार भगौड़ा सरकार है जो विपक्ष से, सदन में आने से, सदन में विपक्ष के प्रश्नों से डरती है और भगोड़ों की तरह भागती है। हमारा सिंपल था और सिंपल सी मांग है की प्रधानमन्त्री सदन में आए और फर्स्ट आइटम 267 राज्यसभा और एडजाउन्ड मोशन लोकसभा में चर्चा करना चाहते हैं। हम चाहते है मणिपुर में पिछले 83 दिनो से चल रही हिंसा पर सदन में पीएम और गृह मंत्री जवाब दे।”

रंजन ने आगे कहा कि, “हम जानना चाहते है कि क्या आपकी खुफिया एजेंसियों, राज्य के मुख्यमंत्री, पीएम, और गृह मंत्री को मणिपुर में चल रही हिंसा की जानकारी नहीं थी? हिंसा की जानकारी क्यों छिपाई गई? मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह का कहना है कि जो दुर्व्यवहार उन दो महिलाओं के साथ हुआ है मास के नोचने जैसे रक्षसो सा सलूक उनके साथ हुआ है और खुद राज्य के मुख्यमंत्री कह रहे है कि राज्य में ऐसे 100 और केस होंगे। क्या इसकी जानकारी प्रधानमन्त्री को नहीं थी ? हमारी सिंपल सी डिमांड है की ये लगातार-लगातार सिर्फ राजनीतिक है। 

जब पीएम से सदन के बाहर बयान दिया तो उसमे पहले राजस्थान की बात फिर छत्तीसगढ की बात, क्या वे आसानी से नही कह सकते थे कि हम महिलाओं के साथ हैं और को मणिपुर में हुआ उसका जवाब देने के लिए मैं सदन के भीतर तैयार हूं।”

राज्यसभा सांसद रंजन ने महिला एवं बाल विकास मंत्री को घेरते हुए कहा कि, “हम कहना चाहते है कि हम भी यही कह रहे है कि ये वियतनाम का बॉर्डर इलाका है और यहां से ड्रग्स की स्मगलिंग होती है ये अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का मामला हैं। बॉर्डर एरिया में पिछले 90 दिनों से हिंसा हो रही है तो क्या सदन में पीएम को इसका जवाब नही देना चाहिए? आपकी सरकार भगोड़ों की तरह क्यों भाग रही है? और यदि मंत्रियों को बोलना है तो सदन के भीतर बोले बाहर नहीं। जिस पार्टी में महिलाओं का सम्मान नहीं है तो ऐसी पार्टी से महिला बाल विकास मंत्री को भी इस्तीफा दे देना चाहिए।” 

बता दें, कुकी महिलाओं से जुड़ी यह घटना 4 मई की कांगपोकपी जिले में बी फीनोम गांव की है। एक पीड़ित महिला के मुताबिक उन्होंने सुना कि मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है, तो उनका परिवार और अन्य लोग गंदगी वाली गली से भाग निकले। लेकिन भीड़ ने उन्हें ढूंढ़ लिया।

मिजोरम के पूर्व उग्रवादी संगठन की मैतेई को प्रदेश छोड़ने की धमकी

मणिपुर में दो कुकी महिलाओं को नग्न करके घुमाने की घटना का असर पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों में दिखना शुरू हो गया है। मिजोरम के पूर्व उग्रवादी संगठन की तरफ से मैतेई समुदाय के लोगों को राज्य छोड़ने की धमकी दी गयी है। धमकी के बाद मिजोरम सरकार ने राजधानी आइजोल में मैतेई समुदाय की सुरक्षा की व्यवस्था की है।

आइजोल से एक दिन पहले पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्न्स एसोसिएशन (पीएएमआरए) नाम के संगठन ने एक बयान में कहा – ‘मैतेई लोगों को अपनी खुद की सुरक्षा के लिए मिजोरम छोड़ देना चाहिए, क्योंकि पड़ोसी जातीय संघर्ष ग्रस्त राज्य में दो महिलाओं को नग्न घुमाए जाने की घटना पर मिज़ोरम के युवाओं में गुस्सा है’।

पीएएमआरए ने कहा – ‘मणिपुर में ज़ो-जातीय समुदाय के साथ हुई हिंसा से मिजोरम की भावनाएं बहुत आहत हुई हैं। अगर मिजोरम में मैतेई लोगों पर कोई हिंसा होती है, तो वे स्वयं इसकी जिम्मेदार होंगे।’

इस बयान में कहा गया है कि ‘मिजोरम में स्थिति तनावपूर्ण हो गई है और वहां  उपद्रवियों के बर्बर और जघन्य अपराध के मद्देनजर मणिपुर के मैतेई लोगों के लिए मिजोरम में रहना अब सुरक्षित नहीं है। पीएएमआरए मिजोरम के सभी मैतेई लोगों से अपील करता है कि वे सुरक्षा उपाय के रूप में अपने गृह राज्य चले जाएं’।

उधर सरकार ने कहा है कि किसी भी मैतेई व्यक्ति को नुकसान न पहुंचे, यह सुनिश्चित करने के लिए पहले ही कदम उठाए जा चुके हैं। मिजोरम के मुख्यमंत्री ज़ोरमथंगा ने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को मिजोरम में मेइतीस की सुरक्षा का आश्वासन दिया था।

मणिपुर मामले में बढ़ रहा जन आक्रोश, पुलिस ने कहा एक और आरोपी पकड़ा

मणिपुर में दो कुकी महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना का आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है। देश से विदेश तक इस मामले पर सरकार की खूब फ़ज़ीहत हुई है। इस मामले में गिरफ्तारियां भी तब शुरू हुईं जब महिलाओं से ज्यादती का वीडियो सामने आया। अब सरकार ने दावा किया है कि पुलिस ने पांचवें आरोपी को भी गिरफ्तार कर लिया है।

सरकार की तरफ से बताया गया है कि वीडियो में दिख रहे अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है। बता दें कि इस वीडियो के सामने आने के बाद पीएम मोदी ने इसकी निंदा करते हुए इस घटना को शर्मनाक बताया, हालांकि विपक्ष ने उनपर अनेक सवाल खड़े किये हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक बीते 24 घंटों में राज्य में स्थिति चिंताजनक बनी हुई है। कई जगह  लोगों ने शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन किया है। पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल अलग-अलग जगहों सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। राज्य के अलग-अलग जिलों में कुल 126 चेक पोस्ट लगाए गए हैं। पुलिस ने नियम तोड़ने वाले 413 लोगों को अभी तक हिरासत में भी लिया है।

पुलिस ने स्थानीय लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ भी किसी भी तरह की अफवाह पर भरोसा न करने को कहा है। मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने का मामला संसद तक पहुंच गया है। विपक्ष ने इस मामले में सरकार पर जबरदस्त दबाव बनाया हुआ है। संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को भी इस मुद्दों को लेकर हंगामा हुआ था और सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी थी।

घटना को लेकर पीड़ित महिला के पति का भी बयान सामने आया है। पीड़िता के पति ने कहा कि भीड़ उनकी पत्नी पर जानवरों की तरह टूट पड़ी थी। उन्होंने कहा कि जिस दिन ये हुआ वो मेरे लिए सबसे दर्दनाक दिन था। पीड़ित महिला के पति ने कहा कि उनकी पत्नी को भीड़ अपने साथ अलग से लेकर गई। उन्हें जबरदस्ती कपड़े उतारने के लिए भी मजबूर किया गया। आरोपियों ने एक महिला के साथ हैवानियत की हरकत करने से पहले उसके पिता और भाई को उसके सामने मार डाला था।

आज भारत का बैंकिंग सेक्टर मजबूत, नौ साल पहले ऐसा नहीं था : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि आज भारत उन देशों में से एक है, जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है, लेकिन 9 वर्ष पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। मोदी ने यह बात रोजगार मेले के अवसर पर कही जिसमें उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये 70,000 से अधिक युवाओं को नियुक्ति-पत्र वितरित किए।

पीएम ने कहा कि देश की युवा प्रतिभाओं को रोजगार के अधिक से अधिक अवसर मिलें, इसके लिए रोजगार मेलों ने अपनी एक अहम पहचान बनाई है। पीएम मोदी ने रोजगार मेले में युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि हमें भारत के प्रति विश्व के भरोसे और आकर्षण का पूरा इस्तेमाल करना होगा।

मोदी ने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा – ‘आज भारत उन देशों में से एक है, जहां का बैंकिंग सेक्टर सबसे मजबूत माना जाता है, लेकिन 9 वर्ष पहले ऐसी स्थिति नहीं थी। जब सत्ता का स्वार्थ राष्ट्रहित पर हावी होता है, तब किसी बर्बादी होती है, कैसा विनाश होता है, इसके कईं उदाहरण देश में है।’

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक पहले हजारों करोड़ रुपये के घाटे और एनपीए के लिए जाने जाते थे, लेकिन अब वे लाभ के लिए जाने जाते हैं। मोदी ने कहा कि फोन बैंकिंग घोटाला पिछली सरकार के सबसे बड़े घोटालों में एक था, इसने बैंकिंग प्रणाली की कमर तोड़ दी थी।

गहलोत ने मंत्री को बर्खास्त किया, गुढ़ा बोले उन्हें ‘सच बोलने की सजा मिली’

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को अपने एक मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को बर्खास्त कर दिया। गुढ़ा ने शुक्रवार को विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरा था। बर्खास्तगी के बाद मंत्री ने कहा कि ‘उन्हें सच बोलने की सजा मिली है’।  

गुढ़ा के शुक्रवार को विधानसभा में महिला अत्याचार के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को घेरने के कुछ ही घंटे के बाद गहलोत ने उन्हें मंत्रिमंडल से बाहर कर दिया था। गहलोत ने राज्यपाल से गुढ़ा को बर्खास्त करने की अनुशंसा की थी जिसे राज्यपाल ने तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया।

बता दें गुढ़ा ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा था कि ‘राजस्थान में, ये सच्चाई है कि हम महिलाओं की सुरक्षा में असफल हो गए, और राजस्थान में जिस तरह से अत्याचार बढ़े हैं महिलाओं के ऊपर, मणिपुर के बजाय हमें अपने गिरेबान में झांकना चाहिए।’

इसके बाद सदन में नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में राजस्थान पहले नंबर पर है। राजस्थान विधानसभा में राजस्थान न्यूनतम आय गारंटी विधेयक 2023 पर चर्चा के दौरान कांग्रेस के विधायकों ने मणिपुर में हिंसा के मुद्दे पर तख्तियां लहराई थीं। उधर पद से बर्खास्त होने के बाद गुढ़ा ने पत्रकारों से कहा कि उन्हें सच बोलने की सजा मिली है। 

बेलारूस के खिलाफ यूक्रेनी आक्रामकता को रूस के खिलाफ माना जाएगा: पुतिन

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि रूसी सेना के मोर्चे को तोड़ने के लिए हथियारों की आपूर्ति और विदेशी भाड़े के सैनिकों और सलाहकारों की मदद से कीव को कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि यूक्रेन अब तक के संघर्ष के नतीजों से निराश है। इस बीच यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को यूनाइटेड किंगडम में अपने राजदूत वादिम प्रिस्टाइको को बर्खास्त कर दिया।

रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा कि यह स्पष्ट है कि किव शासन के पश्चिमी समर्थक यूक्रेन की तरफ से लंबे समय से प्रतीक्षित जवाबी हमलों के नतीजों से स्पष्ट रूप से निराश हैं। रूस की सरकारी एजेंसी स्पुतनिक न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुतिन ने कहा कि इस दौरान यूक्रेनी सशस्त्र बलों की संरचनाओं को भारी नुकसान हुआ हैं।

पुतिन ने कहा कि पश्चिम में उत्पादन क्षमताएं कीव द्वारा उपकरणों की खपत की भरपाई करने में सक्षम नहीं हैं और उन्हें संसाधनों और समय की जरूरत है। स्पुतनिक न्यूज ने पुतिन के हवाले से कहा कि यूक्रेनी लोगों की राय धीरे-धीरे बदल रही है और  यूरोप की तरह ही शांत हो रही है।

स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक पुतिन ने कहा कि पूर्वी यूरोपीय नेताओं की महत्वाकांक्षाओं का उपयोग करके युद्ध की आग को तीव्रता से भड़काया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यूक्रेन द्वारा बेलारूस के खिलाफ आक्रामकता दिखाने का मतलब रूस के खिलाफ आक्रामकता होगा।

पुतिन ने कहा कि कीव शासन हजारों विदेशी भाड़े के सैनिकों और सलाहकारों को भेजने के बावजूद अपना कोई लक्ष्य हासिल नहीं कर सका है। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक प[उठीं ने कहा कि न ही यूक्रेन को पश्चिम के विशाल संसाधनों, पश्चिमी हथियारों, टैंकों, तोपखाने, बख्तरबंद वाहनों, मिसाइलों की आपूर्ति से कोई फायदा हुआ है जिनको हमारी सेना के मोर्चे को तोड़ने के लिए सक्रिय रूप से उपयोग किया गया था।

यूक्रेनी राजदूत बर्खास्त
उधर सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने शुक्रवार को यूनाइटेड किंगडम में अपने राजदूत वादिम प्रिस्टाइको को बर्खास्त कर दिया। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ज़ेलेंस्की ने ये कदम यूके के रक्षा सचिव को लेकर की गई वादिम की टिप्‍प‍णी के बाद उठाया है। यूक्रेनी राष्ट्रपति पद की वेबसाइट पर शुक्रवार को प्रकाशित एक बयान में वादिम प्रिस्टाइको की बर्खास्तगी की पुष्टि की गई, हालांकि, कोई कारण नहीं बताया गया है।

वादिम प्रिस्टाइको पूर्व उप प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं। उनकी गिनती अनुभवी राजनयिकों में होती है। पिछले तीन साल से वादिम प्रिस्‍टाइको ने ब्रिटेन में राजदूत के रूप में पद संभाल रखा था।

सीएनएन के मुताबिक सरसल जे़लेंस्‍की को अपने ऊपर की गई वादिम की टिप्पणी रास नहीं आई। वादिम प्रिस्टाइको ने कुछ दिनों पहले सार्वजनिक रूप से जेलेंस्की की आलोचना की थी। तभी से आशंका जताई जा रही थी कि जेलेंस्की अब वादिम के खिलाफ कोई कदम उठाएंगे। जेलेंस्की के कार्यालय से जारी एक आदेश में कहा गया है कि वादिम प्रिस्टाइको को अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन में यूक्रेन के प्रतिनिधि के पद से भी हटा दिया गया है, लेकिन बर्खास्तगी का कोई कारण नहीं बताया गया है।