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सुप्रीम कोर्ट में राहुल गांधी मानहानि के मामले में पूर्णेश मोदी को नोटिस किया जारी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी की मोदी सरनेम वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। मानहानि मामले में गुजरात हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ गांधी को दोषी ठहराने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार और शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी कर 10 दिन में जवाब देने को कहा है। मामले की अगली सुनवाई 10 अगस्त को होगी।

गुजरात हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज जस्टिस बीआर गवई और प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच ने सुनवाई की।

बता दें, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने 15 जुलाई को मामले की तुरंत सुनवाई की याचिका लगाई थी और कोर्ट ने 18 जुलाई को स्वीकार कर लिया था। हालांकि उनसे पहले राहुल पर केस करने वाले भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने भी कैविएट दाखिल कर अपील की थी।

महाराष्ट्र के रायगढ़ में भूस्खलन से कई घर तबाह, 16 आदिवासियों की मौत

महाराष्ट्र में रायगढ़ जिले के एक आदिवासी गाँव में बड़े स्तर पर भूस्खलन से कम से कम 16 लोगों की मौत हो गयी है जबकि कई लोग अभी मलबे में दबे हुए हैं। कमोवेश पूरा गांव प्रभावित हुआ है और करीब 17 घर पूरी तरह नष्ट हो गए हैं। बड़े स्तर पर बचाव अभियान शुरू किया गया है।

इस घटना में 21 लोगों को बचाया गया है। एनडीआरएफ के अधिकारियों के मुताबिक भूस्खलन बुधवार रात करीब 11 बजे मुंबई से लगभग 80 किलोमीटर दूर खालापुर तहसील के इरसालवाडी गांव में हुआ जो ढलान पर है। लगातार बारिश के चलते घटना में 17 घर पूरी तरह तबाह हो गए। गांव में कुल 50 घर हैं।

पहाड़ी की तलहटी से इरसालवाडी गांव पहुंचने में करीब डेढ़ घंटे का वक्त लगता है क्योंकि वहां पक्की सड़क नहीं है। एनडीआरएफ और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटनास्थल से 16 शव निकाले गए हैं, जबकि 21 लोगों को बचाया गया है। रायगढ़ पुलिस ने बताया कि 13 शवों का आपदा स्थल पर ही अंतिम संस्कार कर दिया गया है।

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे स्थिति का जायजा लेने के लिए सुबह घटनास्थल पर पहुंचे और बचाव कार्य में लगे कर्मियों से बातचीत की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार क्षेत्र में बचाव और राहत अभियान चलाने के लिए सभी प्रयास कर रही है। शिंदे ने पत्रकारों को यह गांव भूस्खलन संभावित गांवों की सूची में नहीं था और अब हमारी प्राथमिकता मलबे में फंसे लोगों को बचाना है। 

जयपुर में भूकंप के एक के बाद तीन झटके, नुकसान की जानकारी नहीं

जयपुर में शुक्रवार तड़के भूकंप के लगातार तीन झटकों ने लोगों में दहशत भर दी। कोई 16 मिनट के भीतर यह तीन झटके आये जिसके बाद झटकों से लोग सहम गए और घरों से बाहर भागे। रिक्टर स्केल पर सबसे तीव्र भूकंप 4.4 मापा गया है। किसी तरह के जान-माल की खबर नहीं है।

नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी (एनसीएस) के मुताबिक 3.4 तीव्रता का भूकंप सुबह लगभग सवा 4 बजे आया। ये 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इससे पहले 3.1 तीव्रता का भूकंप सुबह 4.22 बजे 5 किलोमीटर की गहराई पर महसूस किया गया था जिसकी तीव्रता 4.4 थी’।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जानकारी मिलते ही अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसी भी तरह के नुकसान की स्थिति में लोगों की तुरंत मदद की जाए। उन्होंने अधिकारियों से भूकंप को लेकर जानकारी ली। उन्होंने कहा कि किसी के हताहत होने या किसी तरह के क्षति की कोई खबर सामने नहीं आई है।

भूकंप के झटकों पर प्रतिक्रिया देते हुए राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ट्वीट किया – ‘जयपुर सहित राज्य के अन्य स्थानों पर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।  मुझे आशा है कि आप सभी सुरक्षित हैं।’

सर्वोच्च अदालत में राहुल गांधी मानहानि के मामले में आज की जाएगी सुनवाई

सर्वोच्च न्यायालय में आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी के मानहानि मामले में दायर याचिका पर सुनवाई होगी। राहुल गांधी ने यह याचिका मोदी सरनेम मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार करने वाले गुजरात उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर की है।

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक सिंघवी ने 18 जुलाई को मामले का उल्लेख किया था और याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया था। इसके बाद  प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ याचिका पर सुनवाई के लिए सहमत हो गई थी।

गांधी ने याचिका में कहा है कि यदि सात जुलाई के आदेश पर रोक नहीं लगाई गई तो इससे ‘स्वतंत्र भाषण, स्वतंत्र अभिव्यक्ति, स्वतंत्र विचार और स्वतंत्र वक्तव्य’ का दम घुट जाएगा। राहुल गांधी ने 13 अप्रैल, 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक चुनावी रैली के दौरान टिप्पणी की थी कि ‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही क्यों होता है?’ इस टिप्पणी को लेकर गुजरात सरकार के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने गांधी के खिलाफ 2019 में आपराधिक मानहानि का मामला दर्ज कराया था।

 कांग्रेस नेता ने याचिका में कहा कि यदि उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह लोकतांत्रिक संस्थाओं को व्यवस्थित तरीके से, बार-बार कमजोर करेगा और इसके परिणामस्वरूप लोकतंत्र का दम घुट जाएगा, जो भारत के राजनीतिक माहौल और भविष्य के लिए गंभीर रूप से हानिकारक होगा। उन्होंने कहा कि आपराधिक मानहानि के इस मामले में अप्रत्याशित रूप से अधिकतम दो साल की सजा दी गई, जो अपने आप में दुर्लभतम है।

मणिपुर घटना पर पीएम, गृह मंत्री और स्मृति ईरानी इस्तीफा दें : नेटा डिसूजा

मणिपुर में दो कुकी महिलाओं की घटना के विरोध में महिला कांग्रेस ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया। हिंसाग्रस्त पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में 4 मई की इस घटना ने देश भर में गुस्सा भर दिया है। महिला कांग्रेस ने मांग की है कि इस शर्मनाक घटना पर इसकी जिम्मेवारी लेते हुए पीएम मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और मंत्री स्मृति ईरानी को इस्तीफा दे देना चाहिए।  

याद रहे मानवता को शर्मसार करने वाली इस घटना का एक वीडियो सामने आया है, जिसके बाद सियासत गरमा गई है। इस वीडियो के मुताबिक दो कुकी महिलाओं की पहले पिटाई की गयी फिर उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया गया।

मणिपुर में कुकी महिलाओं के साथ यौन हिंसा की दिल दहला देने वाली इस घटना के खिलाफ महिला कांग्रेस ने गुरुवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन किया। इस मौके पर महिला कांग्रेस अध्यक्ष नेटा डिसूजा ने कहा – ‘यदि ये सरकार सही में देशहित में सोचती है तो महिलाओं के प्रति अपने फर्ज को दिखाते हुए पीएम, गृह मंत्री और संबंधित मंत्री अपने पदों से इस्तीफा दें’।


डिसूजा ने कहा – ‘महिला कांग्रेस नेता ने कहा कि इस जघन्य अपराध की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी, स्मृति ईरानी और गृह मंत्री अमित शाह को इस्तीफा दे देना चाहिए।

जितने दोषी मुख्यमंत्री हैं उतने ही दोषी पीएम मोदी भी हैं। अगर पीएम पहले चुप्पी तोड़ते तो ये हालत नहीं बनते। मणिपुर के मुद्दे पर इंडिया चुप नहीं बैठेगा।‘

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से ठीक पहले प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि  ‘मणिपुर में जो हुआ है वह बेहद शर्मनाक है। ये पूरे देश को शर्मसार करने जैसा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहना चाहता हूं कि वो मां और बेटी की सुरक्षा के लिए सदैव सजग रहें।’

बता दें, कुकी महिलाओं से जुड़ी यह घटना 4 मई की कांगपोकपी जिले में बी फीनोम गांव की है। एक पीड़ित महिला के मुताबिक उन्होंने सुना कि मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है, तो उनका परिवार और अन्य लोग गंदगी वाली गली से भाग निकले। लेकिन भीड़ ने उन्हें ढूंढ़ लिया।

इस मामले में महिलाओं के रिश्तेदारों की तरफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है जिसमें उसने बताया एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार भी किया गया था। वहीं पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई है। मणिपुर में कुकी और मैतेई इन दो जातीय समुदायों के बीच चल रही लगातार हिंसा को 78 दिन हो गए हैं। इसमें लगभग 100 लोगों की मौत और कई लोग बेघर हो गए है।

मणिपुर में कुकी महिलाओं से यौन हिंसा; देश भर में गुस्सा, विपक्ष ने उठाए सवाल

मणिपुर में दो कुकी महिलाओं से हुई शर्मनाक घटना ने देश भर में रोष भर दिया है। इसका वीडियो अब सामने आया है, हालांकि, यह घटना 4 मई की है। इस घटना में मामला दर्ज कर लिया गया है। घटना को लेकर पीएम मोदी ने कहा है कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसके दोषियों को कतई नहीं बख्शेंगे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सवाल किया है कि केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं?

महिलाओं के खिलाफ यौन हिंसा की घटना के वीडियो दिल दहला देने वाले हैं। घटना को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गयी है। मणिपुर में एक भीड़ के दो कुकी महिलाओं को नग्न कर घुमाने के इस वीडियो ने देश भर में गुस्सा भर दिया है। वीडियो में कई पुरुषों को उनके साथ-साथ चलते देखा जा सकता है, जबकि अन्य पुरुष परेशान दिख रही महिलाओं को खेतों में खींच रहे हैं।

महिलाओं पर यह हमला 4 मई को कांगपोकपी जिले में बी फीनोम गांव के पास हुआ था। यह घटना मैतेई और कुकी समुदायों के बीच झड़प के एक दिन बाद की बताई जा रही है। एक पीड़ित महिला के मुताबिक उन्होंने सुना कि मैतेई भीड़ पास के गांव में घरों को जला रही है, तो उनका परिवार और अन्य लोग गंदगी वाली गली से भाग निकले। लेकिन भीड़ ने उन्हें ढूंढ लिया।

उसने आरोप लगाया कि उसके पड़ोसी और उसके बेटे को थोड़ी दूरी पर ले जाया गया और मार डाला गया। उन्होंने कहा, इसके बाद भीड़ ने महिलाओं पर हमला करना शुरू कर दिया और उनसे हमारे कपड़े उतारने के लिए कहा। उसके बाद उनसे बहुत ही खराब व्यवहार किया गया।

महिलाओं के रिश्तेदारों की तरफ से दर्ज कराई गई पुलिस शिकायत में कहा गया है कि बाद में उनमें से एक महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया। पुलिस ने बताया कि शिकायत के आधार पर 18 मई को कांगपोकपी जिले के सैकुल पुलिस स्टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज की गई है।

 उनके मुताबिक पहली सूचना रिपोर्ट आमतौर पर उस पुलिस स्टेशन में दर्ज की जाती है जिसके अधिकार क्षेत्र में कथित अपराध हुआ है, एक शून्य एफआईआर किसी भी पुलिस स्टेशन को शिकायत स्वीकार करने और दर्ज करने की सुविधा देती है और फिर उसे संबंधित स्टेशन को भेज देती है।

मणिपुर की इस घटना पर देश भर में गुस्सा फ़ैल गया है। विपक्ष ने केंद्र सरकार पर मणिपुर की घटनाओं को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक ट्वीट में कहा – ‘केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री जी आखिर मणिपुर की हिंसक घटनाओं पर आंख मूंद कर क्यों बैठे हैं? क्या इस तरह की तस्वीरें और हिंसक घटनाएं उन्हें विचलित नहीं करतीं ? पीएम की चुप्पी और निष्क्रियता ने मणिपुर को अराजकता की ओर धकेल दिया है। जब मणिपुर में भारत के विचार पर हमला किया जा रहा है तो भारत चुप नहीं रहेगा। हम मणिपुर के लोगों के साथ खड़े हैं। शांति ही आगे बढ़ने का एकमात्र रास्ता है’।

उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मानसून सत्र के पहले दिन मणिपुर हिंसा पर अपनी बात रखी। उन्होंने कहा – ‘मणिपुर में जो हुआ है वो बेहद शर्मनाक है। ये पूरे देश को शर्मसार करने जैसा है। मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहना चाहता हूं कि वो मां और बेटी की सुरक्षा के लिए सदैव सजग रहे।’

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू 11 अगस्त तक चलेगा, 31 विधेयकों पर विचार किए जाने की उम्मीद

संसद का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है और यह 11 अगस्त तक चलेगा। सत्र के दौरान कुल 17 बैठके होगी। यह सत्र पुराने संसद भवन में शुरू होगा लेकिन बाद में नए भवन में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

सरकार इस सत्र में 31 विधेयकों को पेश किए जा सकते हैं। वहीं संसद के दोनों सदनों में मणिपुर हिंसा का मुद्दा अहम होने की आशंका जताई जा रही हैं।

मानसून सत्र में 31 विधेयकों को में से दिल्ली के नौकरशाहों को लेकर आए केंद्र का अध्यादेश, महंगार्इ, मणिपुर हिंसा और देश के अंदर के अन्य मुद्दे शामिल हैं।

वहीं राज्यसभा में सरकार और विपक्ष के बीच बड़े पैमाने पर टकराव की संभावना जताई जा रही  हैं। मणिपुर से बुधवार को एक वीडियो सामने आर्इ है जिसमें आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाने, सामूहिक रूप से बलात्कार करने, और उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच कर रही हैं।

बता दें, नए संसद भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी वर्ष किया था। और यह अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हैं।

कांग्रेस ने तीसरी गारंटी ‘गृहलक्ष्मी’ की कर्नाटक में की शुरुआत, हर महीने ₹2,000 जाएंगे महिला खाते में 

कर्नाटक में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सरकार ने अपनी तीसरी गारंटी ‘‘गृहलक्ष्मी’’ स्कीम की शुरुआत बुधवार की शाम 5 बजे से कर्नाटक की विधानसभा से की हैं। स्कीम के तहत हर महीने कर्नाटक सरकार 1.35 करोड़ घर की महिला मुखिया के खाते में 2,000 रूपए डालेगी। कांग्रेस ने दावा किया है की ये स्कीम दुनिया की सबसे बड़ी महिला डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर (DBT) स्कीम’ स्कीम हैं। 

सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस अपनी बाकी बची दो गारंटीयो को इसी महीने कर्णाटका में लागू कर सकती है।

एक सवाल के जवाब में रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि, “अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में ‘गृहलक्ष्मी’ स्कीम की घोषणा उन राज्यों की महिलाओं के लिए कांग्रेस अन्य राज्यों में करेगी या नहीं इसका फैसला पार्टी के वरिष्ठ नेता करेंगे।” 

दिल्ली स्तिथ कांग्रेस पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद और महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि, “यह देश व दुनिया की सबसे बड़ी DBT स्कीम’ है। कर्नाटक चुनाव से कॉन्ग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व राहुल गांधी ने महंगाई से लड़ने के लिए महिलाओं को ताकत देने का आह्वान किया था। और तत्कालीन विपक्ष के नेता व मौजूदा मुख्यमंत्री श्री सिद्धारमैया, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री, श्री डी के शिवकुमार तथा कांग्रेस के एक-एक नेता व कार्यकर्ता ने इसे एक मिशन के तौर पर लिया।”

सुरजेवाला ने आगे कहा कि, “चुनाव के दौरान हमारी महिलाओं से व्यापक चर्चा हुई थी। साफ तौर से सामने आया कि कर्नाटक व देश की महिलाएं ‘‘भाजपा निर्मित महंगाई’’ से पीड़ित हैं। खाने पीने की चीज़ों पर छूट देने की बजाए सरकार ने दूध, दही, पनीर, बिस्कुट व हर वस्तु पर जीएसटी लगाकर कीमतों में और आग लगा दी है। और इस यथास्थिति को देखते हुए निर्णय हुआ कि गृहलक्ष्मी स्कीम से हर माह हर घर की महिला मुखिया के खाते में कांग्रेस की सरकार ₹2,000 देगी।” 

उन्होंने आगे कहा कि, “कर्नाटका सरकार इंकम टैक्स व जीएसटी देने वाले घरों को छोड़कर गृहलक्ष्मी स्कीम से हर घर की महिला मुखियाा के खाते में हर महीने ₹2,000 जमा करेगी। गृहलक्ष्मी का पैसा महिलाओं के खाते में 15 से 20 अगस्त के बीच जाना शुरू हो जाएगा। और प्राथमिक रजिस्ट्रेशन के लिए 1 महीना रखा गया है, परंतु रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। इस साल गृहलक्ष्मी स्कीम का पैसा 1,11,00,000 (1.11 करोड़) महिलाओं को मिलेगा। इसके लिए इस साल ₹18,000 करोड़ का बजट प्रावधान रखा गया है। अगले साल तक गृहलक्ष्मी का लाभ लेने वाली महिलाओं की संख्या 1,35,00,000 (1.25 करोड़) हो जाएगी। हर साल ₹30,000 करोड़ महिलाओं के खाते में सीधा जमा होगा। कर्नाटक में 1.28 करोड़ राशन कार्ड परिवारों में मुखिया यानि हेड ऑफ फैमिली महिला है। इसके साथ-साथ बाकी परिवार भी रजिस्ट्रेशन करवा इस स्कीम का लाभ उठा पाएंगे।”

बता दें, इस साल पांच राज्यों – राजस्थान, छत्तीसगढ, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, और मिज़ोरम में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी को देखते हुए कांग्रेस ने कर्णाटका विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए अपने 5 वादों जिनमें गृह लक्ष्मी स्कीम: महिलाओं को हर माह 2,000 रुपए, युवा निधिः बेरोज़गार ग्रेजुएट्स को दो साल के लिए 3,000 रुपए, डिप्लोमाधारियों को 1,500 रुपए, अन्न भाग्य: ग़रीबी रेखा के नीचे हर परिवार को हर महीने प्रति व्यक्ति 10 किलोग्राम चावल, सखी कार्यक्रमः महिलाओं के लिए सरकारी बसों में मुफ़्त यात्रा, गृह ज्योति: हर घर को 200 यूनिट मुफ़्त बिजली शामिल हैं। और इनमे से कांग्रेस ने कर्नाटका में सखी कार्यक्रम, अन्न भाग्य, और अब तीसरी गारंटी गृहलक्ष्मी को पूरा कर दिया हैं। जिससे की जनता के मन में कांग्रेस के प्रति विश्वास मजबूत हो सके और बाकी राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों में उन्हें कर्नाटक की तरह जीत मिल सके।

सर्वोच्च अदालत से तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत, गुजरात हाईकोर्ट का फैसला रद्द

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ को जमानत दे दी है। सर्वोच्च अदालत ने गुजरात हाईकोर्ट का फैसला रद्द कर दिया है।

सीतलवाड़ की जमानत याचिका पर सर्वोच्च अदालत में आज सुनवाई हुई। उन्हें राहत देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी साथ ही गुजरात हाईकोर्ट का फैसला रद्द कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, हाईकोर्ट का फैसला विकृत है। हाईकोर्ट ने जिस तरह का फैसला दिया है उससे आरोपियों को जमानत मिलना मुश्किल है। हाईकोर्ट का यह निष्कर्ष गलत कि तीस्ता ने एफआईआर रद्द करने की अर्जी नहीं दी।

हाईकोर्ट ने एक जुलाई को जमानत याचिका खारिज कर तुरंत आत्मसमर्पण करने को कहा था। अब तीस्ता का पासपोर्ट निचली अदालत के पास ही सरेंडर रहेगा और वे गवाहों को प्रभावित नहीं करेंगी। सर्वोच्च अदालत ने कहा कि ज्यादातर सबूत दस्तावेजी हैं,  चार्जशीट दाखिल हो चुकी है लिहाजा तीस्ता से हिरासत में पूछताछ की कोई जरूरत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, अगर तीस्ता जमानत शर्तों का उल्लंघन करती हैं तो सरकार अर्जी दाखिल कर सकती है।

फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट पर सवाल उठाए। अदालत ने कहा कि निचली अदालत को हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट की किसी टिप्पणी से प्रभावित होने की जरूरत नहीं है। सुनवाई के दौरान तीस्ता की ओर से कपिल सिब्बल ने पूरा मामला समझाया। उन्होंने कहा कि फर्जी तौर पर सबूत गढ़ कर एफआईआर दर्ज की गई।

गुजरात उच्च न्यायालय के नियमित जमानत देने से इनकार किए जाने के तुरंत बाद कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ ने शनिवार को उच्चतम न्यायालय का रुख किया, लेकिन उन्हें अंतरिम सुरक्षा देने के मुद्दे पर न्यायाधीशों में मतभेद दिखे। यह मामला 2002 में गोधरा कांड के बाद हुए दंगों के मामले में निर्दोष लोगों को फंसाने के लिए कथित तौर पर साक्ष्य गढ़ने से संबंधित है। 

चमोली जिले में अलकनंदा नदी किनारे ट्रांसफार्मर फटने से 15 लोगों की मौत

एक बड़े हादसे में उत्तराखंड के चमोली जिले में अलकनंदा नदी के किनारे ट्रांसफार्मर फटने से 15 लोगों की मौत हो गयी है। इस हादसे में 7 लोग घायल हुये हैं जिनमें पुलिस के कर्मी भी शामिल हैं। बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं।

जानकारी के मुताबिक घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उधर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हादसे की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिये हैं। यही हादसा तब हुआ है जब राज्य के अनेक स्थानों पर लगातार बारिश हो रही है।

धामी ने हादसे पर ट्वीट करके कहा – ‘चमोली में बेहद दुखद घटना का समाचार मिला है। वहां 15 लोगों के हताहत होने की जानकारी अभी तक मिली है। इस घटना के मजिस्‍ट्रेट जांच के आदेश दे दिये गए हैं।’

एसडीआरएफ सभी बचाव दल घटनास्थल पर पहुंच गए हैं। सीम के मुताबिक घायलों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। जरूरत पड़ने पर उन्हें अन्य अस्पतालों में शिफ्ट किया जाएगा। घायलों को हायर सेंटर पर रेफर करने के लिए हेलीकॉप्टर की सहायता ली जा रही है।  

बताया जा रहा है कि जान गंवाने वाले लोगों में एक पुलिस सब इंस्पेक्टर और तीन  होमगार्ड के जवान हैं। प्रोजेक्ट में बने ब्रिज में करंट आने से ये हादसा हुआ। पहले एक जल निगम के कर्मचारी की मौत हुई, फिर अन्‍य करंट की चपेट में आ गए।