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महाविकास अघाड़ी गठबंधन तय कर ले तो महाराष्ट्र में बदलाव संभव है : पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शरद पवार ने एक बड़े राजनीतिक बयान में कहा है कि यदि उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी), जो महा विकास अघाड़ी गठबंधन का हिस्सा हैं, तय कर लें तो वे महाराष्ट्र में बदलाव ला सकते हैं। पवार ने कहा कि वर्तमान शिंदे सरकार के साथ जुड़ना मुश्किल है।

एक पुस्तक विमोचन समारोह में रविवार को पवार ने यह बात कही। भतीजे अजित पवार के धोखे के बाद यह पहला अवसर था जब पवार ने अघाड़ी नेताओं के साथ मंच साझा किया। इस कार्यक्रम में शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट शामिल थे।

पवार ने कहा – ‘हमारे लिए वर्तमान राज्य सरकार के साथ जुड़ना मुश्किल है, लेकिन कुछ समाधान निकलेगा। अगर हम तीन (एमवीए घटक) निर्णय लेते हैं, तो बदलाव हो सकता है।’

कार्यक्रम में पवार ने कहा कि यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान, जिसके वे प्रमुख हैं, किताबें प्रकाशित करने वाले समूह, राजवाड़े इतिहास संशोधक मंडल को 50 लाख रुपये देगा। उन्होंने इस मौके पर याद किया कि कैसे पिछली सरकारों ने प्राचीन कला और संस्कृति, साहित्य और इतिहास के संरक्षण में मदद की थी।

मणिपुर घटना की दो पीड़ितों के मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

मणिपुर में यौन उत्पीड़न की घटना, जिसने दुनिया भर में नाराजगी पैदा की है, की दो पीड़ित महिलाएं केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ सर्वोच्च न्यायालय पहुँच गयी हैं। उन्होंने एक याचिका दायर कर सर्वोच्च अदालत से उनके मामले में दखल की मांग की है।

अब सर्वोच्च अदालत में स्वत: संज्ञान (सू मोटो) मामले के साथ सोमवार (आज) मामले की सुनवाई होगी। चार मई को हुई यौन उत्पीड़न की घटना से जुड़ी एफआईआर को लेकर याचिका दायर की गई है। पीड़ितों ने मणिपुर सरकार और केंद्र के खिलाफ याचिका दाखिल की है।

याद रहे सीबीआई ने मणिपुर में चार मई को भीड़ में दो महिलाओं के यौन उत्पीड़न किए जाने संबंधी उस मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है, जिसका वीडियो इस महीने की शुरुआत में सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। राज्य में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने संबंधी इस घटना का वीडियो 19 जुलाई को वायरल हो गया था।

घटना की देशभर में कड़ी आलोचना हो रही है। अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है। सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपने का फैसला किया था, जो मणिपुर में हिंसा संबंधी छह मामलों की जांच पहले ही कर रही है।

राज्य पुलिस ने थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई थाने में 18 मई को अज्ञात हथियारबंद व्यक्तियों के खिलाफ अपहरण, सामूहिक बलात्कार और हत्या का मामला दर्ज किया था। सीबीआई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मणिपुर पुलिस की दर्ज की गई प्राथमिकी के संबंध में अपनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी है।

चलती ट्रेन में आरपीएफ कांस्टेबल ने चार लोगों को गोलियों से भून डाला

एक बड़े हादसे में आरपीएफ के एक जवान ने जयपुर से मुंबई जा रही ट्रेन में अपने स्वचालित हथियार से ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर 4 लोगों की जान ले ली। यह घटना सुबह करीं पौने 5 बजे की है और सुरक्षा बल के आरोपी कॉन्स्टेबल को पकड़ लिया गया है।

ट्रेन की बी5 बोगी में जब यह गोलीबारी हुई उसमें काफी लोग थे। पश्चिमी रेलवे के मुताबिक पालघर स्टेशन पार करने के बाद आरपीएफ कांस्टेबल चेतन कुमार चौधरी  ने चलती जयपुर एक्सप्रेस ट्रेन के अंदर गोलियां बरसा दीं। एक आरपीएफ एएसआई और तीन अन्य यात्रियों को गोली मारने के बाद आरोपी ने मीरा रोड और दहिसर के बीच भागने की कोशिश की।

वह दहिसर स्टेशन के पास ट्रेन से बाहर कूद गया, हालांकि, जीआरपी   के कर्मियों ने उसे पकड़ लिया और उसका हथियार भी जब्त कर लिया। एक अधिकारी ने बताया कि जवान ने अपने स्वचालित हथियार से गोलियां चलाकर ट्रेन में सवार एक अन्य आरपीएफ जवान और तीन यात्रियों की हत्या कर दी।

यह ट्रेन जयपुर से मुंबई जा रही थी। अधिकारी के मुताबिक, चेतन कुमार चौधरी ने अपने एस्कॉर्ट ड्यूटी प्रभारी एएसआई टीका राम मीणा को चलती ट्रेन में गोली मार दी।   सीनियर को गोली मारने के बाद कांस्टेबल एक अन्य बोगी में गया और उसने तीन यात्रियों को गोली मार दी। आरोपी जवान से पूछताछ की जा रही है।

ये कानूनी स्थिति का मुद्दा नहीं, जातीय दंगा हैं – अधीर रंजन चौधरी

दो जातीय समुदायों में चल रहे तनाव के बीच आज (शनिवार) की सुबह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 20 सांसद दो दिनों के दौरे पर मणिपुर पहुंचे हैं। ये सभी सांसद रविवार तक मणिपुर में ही रहेंगे। राज्य में स्थिति का जानकारी प्राप्त कर राज्यपाल अनसुइया उइके से मुलाकात करने बाद ही वापस दिल्ली लौटेंगे।

सभी सांसद पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में राहत कैंपों में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे। मौजूदा हालातों और लोगों का दर्द समझने के लिए वे जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, “मणिपुर में आने का हमारा मकसद है कि यहां कि स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो। यहां की सरकार हमें जहां-जहां जाने की अनुमति देगी वहां-वहां हम जाएंगे और रिलीफ कैंपों में लोगों से मुलाकात कर उनकी स्थिति की जानकारी लेना हमारा मकसद हैं। हम चाहते हैं मणिपुर में सौहार्द का वातावरण पैदा हो, आम लोग पीड़ित और दुखी हैं उनके कष्टों का निवारण हो, पीड़ितों के पुनर्वास का इंतजाम जल्द सरकार जल्द करे और यहां सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो।”

रंजन ने आगे कहा कि, “ये सरकार जिस प्रकार मणिपुर के मुद्दे को दिखाना चाहती है ये केवल कानूनी स्थिति का मुद्दा नहीं बल्कि जातीय दंगा हैं।और आज तक हिंदुस्तान में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। सारे विश्व में मणिपुर की चर्चा हो रही हैं। ये सरकार मणिपुर की स्थिति को गंभीर नहीं ले रही हैं और मणिपुर में इस स्थिति को अनदेखा कर टालने की कोशिश सरकार न करे तो यही सरकार के लिए बेहतर होगा। सरकार को यहां की स्थिति को ठीक करने के लिए जो जो ठोस कदम उठाने चाहिए उसी के लिए हम राज्यपाल से मुलाकात कर अपनी आंखों देखी स्थिति उन्हें बताएं और उनसे ठोस कदम उठाने की गुहार लगायेंगे।”

बता दें, मणिपुर जाने वाले ‘इंडिया’ के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस), गौरव गोगोई (कांग्रेस), राजीव रंजन और (ललन) सिंह (जदयू), सुष्मिता देव (टीएमसी), कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके सीपीआई), संदोश कुमार पी., ए. ए. रहीम, सीपीआई (एम), प्रो. मनोज कुमार झा (राजद), जावेद अली खान (एसपी), महुआ माजी (झामुमो), पी.पी. मोहम्मद फैजल (एनसीपी), अनिल प्रसाद हेगड़े (जद(यू), ईटी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एन प्रेमचंद्रन (आरएसपी), सुशील गुप्ता (आप), अरविंद सावंत (शिवसेना), डी रविकुमार (वीसीके), थिरु थोल थिरुमावलवन (वीसीके), जयन्त सिंह (रालोद), फूलो देवी नेताम (कांग्रेस) शामिल हैं।

कल मणिपुर जाएगा विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 20 सांसदों का एक दल

विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का एक दल शनिवार की सुबह मणिपुर जा रहा है। इसमें 16 पार्टियों के 20 सांसद शामिल रहेंगे। मणिपुर में पिछले ढाई महीने से दो समुदायों के बीच चल रही जातीय हिंसा पर विपक्ष संसद में लगातार चर्चा की मांग कर रहा है।

मणिपुर जाने वाले ‘इंडिया’ के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस), गौरव गोगोई (कांग्रेस), राजीव रंजन और (ललन) सिंह (जदयू), सुष्मिता देव (टीएमसी), कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके सीपीआई), संदोश कुमार पी., ए. ए. रहीम, सीपीआई (एम), प्रो. मनोज कुमार झा (राजद), जावेद अली खान (एसपी), महुआ माजी (झामुमो), पी.पी. मोहम्मद फैजल (एनसीपी), अनिल प्रसाद हेगड़े (जद(यू), ईटी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एन प्रेमचंद्रन (आरएसपी), सुशील गुप्ता (आप), अरविंद सावंत (शिवसेना), डी रविकुमार (वीसीके), थिरु थोल थिरुमावलवन (वीसीके), जयन्त सिंह (रालोद), फूलो देवी नेताम (कांग्रेस) शामिल हैं।

सांसदों का यह प्रतिनिधिमंडल शनिवार सुबह 8:55 की फ्लाइट से मणिपुर जाएगा। मणिपुर में हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का शनिवार और रविवार दो दिनों के अपने दौरे के दौरान पहाड़ी और घाटी दोनो ही क्षेत्रों में राहत शिविरों में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे।

कांग्रेस सांसद डॉ नासिर हुसैन ने कहा कि, “पिछले 86 दिनों से मणिपुर में नरसंहार, हिंसा और बलात्कार हो रहे हैं। सरकार से लूटे हुए हथियार घर-घर, गली-गली पाए जा रहे हैं, जिन्हें अभी तक बरामद नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री मोदी और सरकार के अंदर न तो मणिपुर हिंसा को सुलझाने की इच्छा है और न ही क्षमता है। प्रधानमंत्री मोदी का अहंकार सच्चाई को मानने से इंकार कर रहा है। मणिपुर में 86 दिन से चल रही लगातार हिंसा शासन और प्रशासन की विफलता है। प्रधानमंत्री की प्राथमिकता चुनाव और राजनीति है, जबकि इंडिया गठबंधन की प्राथमिकता देश और देशवासी हैं। इंडिया गठबंधन मणिपुर में फिर से शांति कायम करने के लिए हर संभव कोशिश करेगा।”

प्रतिनिधिमंडल 30 जुलाई को सुबह 10 बजे राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात कर राज्य के सीएम एन बिरेन सिंह को मुख्यमंत्री पद से हटाने की भी मांग करेगा।

हिंसाग्रस्त क्षेत्रों का दौरा कर सांसदों का प्रतिनिधिमंडल संवाददाता सम्मेलन भी कर सकते हैं। यदि मणिपुर में ऐसा करना संभव न हुआ तो वे वापस दिल्ली आकर प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे।

बता दें, संसद के मानसून सत्र का शुक्रवार (आज) 7वा दिन है। पहले ही दिन से विपक्षी गठबंधन इंडिया लगातार मणिपुर पर पीएम मोदी के बयान और संसद में चर्चा की मांग कर रहा है। 

संसद में मणिपुर मुददे पर चर्चा न होने पर सत्र के छठे दिन गुरुवार (आज) विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के सदस्य राज्य सभा में विरोध प्रकट करने के लिए काले कपड़े पहनकर पहुंचे। जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू हुई विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांग पर हंगामा करना शुरू कर दिया जिसके बाद सभापति ने कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी।

वही कांग्रेस के लोकसभा सांसद गौरव गोगोई ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी दिया है जिसपर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि समय तय होने पर सूचित कर दिया जायेगा।

मानसून सत्र: दिल्ली सेवा विधेयक अगले सप्ताह संसद में होगा पेश

केंद्रीय मंत्री मुरलीधरन ने राज्यसभा में जानकारी दी है कि दिल्ली की शासन व्यवस्था से जुड़ा विधेयक अगले सप्ताह संसद में पेश होगा। केंद्र सरकार अध्यादेश लायी है अब उसे मंजूरी दिलाने के लिए विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।

दिल्ली में सेवाओं पर अधिकार के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि राज्यपाल सरकार की सलाह से ही फैसले ले सकते हैं किंतु केंद्र सरकार अध्यादेश ले लाई।

इस विधेयक को 26 दलों वाले विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ का समर्थन प्राप्त हैं। वहीं दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कई राज्यों का दौरा कर इस बिल के विरोध में जेडीयू, आरजेडी और एनसीपी दलों का समर्थन जुटाया हैं।

वहीं दूसरी तरफ एनडीए ने भी 30 दलों को साथ लेकर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। भले ही भाजपा राज्यसभा में 93 सीटें लेकर बहुमत से दूर है। लेकिन एनडीए की सभी सीटें मिलाकर आंकड़ा 111 का हैं। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी जैसे दल यदि उसके साथ आते हैं तो फिर बिल के पास होने की पूरी संभावना हैं।

अचानक गायब हुई पाकिस्तान से आई सीमा हैदर, सचिन मीणा भी घर पर नहीं

पाकिस्तान से आई सीमा हैदर और सचिन मीणा के पिछले दो दिनों से गायब होने की अटकलें लगाई जा रही है। दो दिनों से ये दोनों प्रेमी रबूपुरा स्थित सचिन के घर पर नहीं है।

पहले माना जा रहा था कि ये दोनों ही मीडिया से बचने के लिए किसी रिश्तेदार या दोस्त के यहां छिपे हुए हैं। लेकिन अब कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दोनों को खुफिया एजेंसियों ने पूछताछ के लिए उठाया है।

सचिन मीणा के चाचा ने एक चैनल को बताया कि पिछले पांच दिनों से सीमा और सचिन से एजेंसियां पूछताछ कर रही हैं। इशारों में उन्होंने आगे कहा कि खुफिया एजेंसियों ने दोनों को किसी गुप्त स्थान पर रख रखा हैं।

सूत्रों के अनुसार सीमा और सचिन पुलिस एवं एटीएस की निगरानी में हैं। दोनों से ही लगातार पूछताछ जारी है लेकिन आधिकारिक रूप से पुलिस ने अभी तक कुछ नहीं कहा हैं।

वहीं सचिन के घर पर एक पर्ची चिपका दी गई हैं। और किसी भी बाहरी व्यक्ति को अंदर जाना मना हैं। साथ ही मीडिया से निजता में दखल न देने की अपील भी गई हैं।

इस साल 4 राज्यों में विधानसभा चुनावों को लेकर भाजपा की तैयारियां तेज, अमित शाह और जेपी नड्डा को मिली खास जिम्मेदारी

इस साल पांच राज्य- राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और तेलंगाना में विधानसभा चुनाव होने हैं। इसी के मद्देनजर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह ने इन चुनावों का ऐलान होने तक प्रत्येक सप्ताह इन राज्यों का दौरा करने वाले है। भाजपा ने मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और तेलंगाना समेत 9 लोगों को इसकी जिम्मेदारी दी हैं।

इनमें केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव और अश्विनी वैष्णव को मध्य प्रदेश, ओम माथुर और मनसुख मांडविया को छत्तीसगढ़, नितिन पटेल, कुलदीप बिश्नोई और प्रह्लाद जोशी को राजस्थान, वहीं सुनील बंसल और प्रकाश जावड़ेकर को तेलंगाना की कमान सौंपी गई हैं।

इन सभी पर अमित शाह और जेपी नड्डा चुनावी तैयारियों का जायजा लेंगे। अमित शाह मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ पर फोकस ज्यादा रहेगा। वहीं राजस्थान और तेलंगाना पर जेपी नड्डा की नजर रहेगी।

गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में बताया- मणिपुर के 7 केसों की सीबीआई और 3 केसों की एनआईए करेगी जांच

मणिपुर में पिछले ढाई महीने से चल रही कूकी और मैतेई दो जातीय समुदायों के बीच हिंसा जारी हैं। गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में बाताय कि 7 घटनाओं की जांच के लिए गृह मंत्रालय ने सीबीआई और 3 केसों की आई से सिफारिश की है। 7 में से एक मामला वह है जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके परेड कराई गई थी।

गृह मंत्रालय ने सुप्रीम कोर्ट में बताया है कि 4 मई को महिलाओं को नंगा कर घुमाने समेत 7 घटनाओं की जांच सीबीआई को सौंपी गयी है। यही नहीं इन मामलों के ट्रायल को राज्य से बाहर चलाने की भी मांग की गई है।

अमित शाह ने कहा कि, “पुलिस ने दो वायरल वीडियो के मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। उन वीडियो के चलते मणिपुर की व्यवस्था भंग हो रही थी और ये मामले म्यांमार के हैं, जहां 2022 में घटनाएं हुई थीं। उन्होंने बताया कि 6 मामले सीबीआई को सौंप दिए गए हैं और 7वें मामले को सौंप दिया जाएगा। मणिपुर के तीन मामले राष्ट्रीय जांच एजेंसी को भी सौंपे गए हैं।“

गुरुवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बताया था कि वायरल वीडियो वाले केस की जांच सीबीआई को सौंप दी गई हैं। इसके अलावा इन केसो को ट्रायल मणिपुर से बाहर चलाए जाने की मांग की है। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ही ऐसी अथॉरिटी है जो कि किसी मामले को दूसरे राज्य में चलाने की मंजूरी दे सकता है।

आपको बता दें, मणिपुर हिंसा में अबतक 147 लोगों की मौत हो चुकी है। 60 हजार लोग विस्थापित हुए हैं। संसद के मानसून सत्र में विपक्ष इस मामले में पीएम मोदी से लगातार जवाब की मांग और संसद के दोनों सदनों में इसपर चर्चा की मांग कर रहा है। साथ ही कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ इस मुद्दे पर चर्चा की मांग के लिए अविश्वास प्रस्ताव भी दिया है।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने टीवी डिबेट में हुई बहस को लेकर आप प्रवक्ता पर दर्ज कराई एफआईआर

टीवी डिबेट शो में नेताओं के बीच तीखी बहस, अपशब्दों और हाथापाई तक यह बहस का पहुंचना अब आम सा हो गया है। टीवी डिबेट में भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला और आप प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ के बीच कानूनी जंग शुरू हो गई हैं।

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने नोएडा पुलिस में आप नेता के खिलाफ केस दर्ज करा दिया है। शिकायत में पूनावाला ने कहा है कि कक्कड़ ने उन्हें 25 जुलाई को एक टीवी चैनल पर प्रियंका के साथ डिबेट में शामिल थे तब कक्कड़ ने उन्हें बार-बार मुजाहिद्दीन कहा और मुसलमानों को लेकर आपत्तिजनक बातें कहीं हैं।

नोएडा पुलिस ने प्रियंका कक्कड़ के खिलाफ सेक्टर 20 थाने में आईपीसी की धारा 153-ए, 153-बी, 505 और 295-ए के तहत एफआईआर दर्ज की है।

पूनावाला ने प्रियंका कक्कड़ के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल से भी स्पष्टीकरण मांगे जाने की गुजारिश की है। उन्होंने लिखा कि, आप और इसकी मुख्य प्रवक्ता की ओर से मुझ पर नफरत और सांप्रदायिक टिप्पणी सिर्फ इसलिए की गई क्योंकि मैं मुसलमान हूं। मैं गुजारिश करता हूं कि आप को भी कारण बताओ नोटिस जारी किया जाए और राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल से भी जवाब मांगा जाए।

वहीं दूसरी तरफ आप नेताओं ने प्रवक्ता प्रियंका कक्कड़ पर हुई एफआईआर को भाजपा की तानाशाही बताया है। प्रियंका कक्कड़ ने पूनावाला की शिकायत को ट्वीट कर लिखा, “क्या शहजाद का मतलब आतंकवादी होता है? क्या शिकायतकर्ता को एक मुख्यमंत्री को नेशनल मीडिया में जिहादी कहने की अनुमति हैं?”