ये कानूनी स्थिति का मुद्दा नहीं, जातीय दंगा हैं – अधीर रंजन चौधरी

दो जातीय समुदायों में चल रहे तनाव के बीच आज (शनिवार) की सुबह विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के 20 सांसद दो दिनों के दौरे पर मणिपुर पहुंचे हैं। ये सभी सांसद रविवार तक मणिपुर में ही रहेंगे। राज्य में स्थिति का जानकारी प्राप्त कर राज्यपाल अनसुइया उइके से मुलाकात करने बाद ही वापस दिल्ली लौटेंगे।

सभी सांसद पहाड़ी और मैदानी क्षेत्र में राहत कैंपों में जाकर लोगों से मुलाकात करेंगे। मौजूदा हालातों और लोगों का दर्द समझने के लिए वे जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे।

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, “मणिपुर में आने का हमारा मकसद है कि यहां कि स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो। यहां की सरकार हमें जहां-जहां जाने की अनुमति देगी वहां-वहां हम जाएंगे और रिलीफ कैंपों में लोगों से मुलाकात कर उनकी स्थिति की जानकारी लेना हमारा मकसद हैं। हम चाहते हैं मणिपुर में सौहार्द का वातावरण पैदा हो, आम लोग पीड़ित और दुखी हैं उनके कष्टों का निवारण हो, पीड़ितों के पुनर्वास का इंतजाम जल्द सरकार जल्द करे और यहां सामान्य स्थिति जल्द से जल्द बहाल हो।”

रंजन ने आगे कहा कि, “ये सरकार जिस प्रकार मणिपुर के मुद्दे को दिखाना चाहती है ये केवल कानूनी स्थिति का मुद्दा नहीं बल्कि जातीय दंगा हैं।और आज तक हिंदुस्तान में पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। सारे विश्व में मणिपुर की चर्चा हो रही हैं। ये सरकार मणिपुर की स्थिति को गंभीर नहीं ले रही हैं और मणिपुर में इस स्थिति को अनदेखा कर टालने की कोशिश सरकार न करे तो यही सरकार के लिए बेहतर होगा। सरकार को यहां की स्थिति को ठीक करने के लिए जो जो ठोस कदम उठाने चाहिए उसी के लिए हम राज्यपाल से मुलाकात कर अपनी आंखों देखी स्थिति उन्हें बताएं और उनसे ठोस कदम उठाने की गुहार लगायेंगे।”

बता दें, मणिपुर जाने वाले ‘इंडिया’ के सांसदों के प्रतिनिधिमंडल में अधीर रंजन चौधरी (कांग्रेस), गौरव गोगोई (कांग्रेस), राजीव रंजन और (ललन) सिंह (जदयू), सुष्मिता देव (टीएमसी), कनिमोझी करुणानिधि (डीएमके सीपीआई), संदोश कुमार पी., ए. ए. रहीम, सीपीआई (एम), प्रो. मनोज कुमार झा (राजद), जावेद अली खान (एसपी), महुआ माजी (झामुमो), पी.पी. मोहम्मद फैजल (एनसीपी), अनिल प्रसाद हेगड़े (जद(यू), ईटी मोहम्मद बशीर (आईयूएमएल), एन प्रेमचंद्रन (आरएसपी), सुशील गुप्ता (आप), अरविंद सावंत (शिवसेना), डी रविकुमार (वीसीके), थिरु थोल थिरुमावलवन (वीसीके), जयन्त सिंह (रालोद), फूलो देवी नेताम (कांग्रेस) शामिल हैं।