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धारा 370 के आज चार साल हुए पूरे, सरकारी डेटा के अनुसार पत्थरबाजी, पैलेट गन के इस्तेमाल में कमी

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 आज चार साल हो गए है। 5 अगस्त 2019 को यह हटाई गई थी। हालांकि कश्मीर के नेता और कुछ विपक्ष दल सरकार के इस फैसले से नाराज है। और सरकार के इस फैसले को अन्याय और विश्वास का उल्लंघन बताते हैं।

गृह मंत्री अमित शाह का कहना है कि, अनुच्छेद 370 ने केवल भ्रष्टाचार और अलगाववाद को बढ़ावा दिया था। जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को खत्म करने के लिए यह बेहद जरूरी था।

सरकारी डेटा के अनुसार, धारा 370 खत्म किए जाने से 10 महीने पहले की तुलना 5 अगस्त 2019 से 6 जून 2022 के बीच हुई आतंकवादी घटनाओं में 32 प्रतिशत की गिरावट आई है। सुरक्षाबलों की मौतो में 52 प्रतिशत और नागरिकों की मौतो में 14 प्रतिशत की गिरावट आई है। साथ ही नए आतंकियों की भर्तियों में 14 प्रतिशत की कमी में देखी गई है।

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, साल 2021 में जनवरी से जुलाई के बीच में घाटी में पथराव की 76 घटनाएं हुई है। वर्ष 2020 में इसी अवधि में पत्थरबाजी की 222 और 2019 में 618 घटनाएं हुई थी।

आंकड़ों के मुताबिक पत्थरबाजी की घटनाओं से साल 2019 में सुरक्षा बल के 64 जवानों को चोट आई थी। वर्ष 2021 में यह घटकर 10 रह गई। साल 2021 की इस अवधि में यह संख्या गिरकर 25 रह गई थी।

वहीं वर्ष 2022 से जम्मू-कश्मीर प्रशासन लॉ एंड ऑर्डर से जुड़ा समग्र डेटा एकत्र कर रहा है जिसमें पथराव की घटनाएं भी शामिल हैं। डेटा के अनुसार 2022 में जम्मू-कश्मीर में कानून-व्यवस्था खराब होने की केवल 20 घटनाएं हुई।

गृह मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार आतंकवादी समूहों के ओवर-ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) की गिरफ्तारियां 2019 (जनवरी-जुलाई) में 82 से बढ़कर 2021 में इसी अवधि में 178 हो गई है।

नूंह हिंसा: अब तक 102 प्राथमिकी दर्ज और 202 लोग गिरफ्तार

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को कहा कि राज्य में हाल में हुई सांप्रदायिक झड़रों के सिलसिले में अब तक कुल 102 प्राथमिकी दर्ज की गई, 202 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 80 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है।

विज ने कहा कि जिस तरह से पहाड़ियों से गोलियां चलाई गई और इमारतों की छतों पर पत्थर जमा किए गए उससे यह पता चलता है कि नूंह हिंसा पूर्व नियोजित थी।

अंबाला में गृह मंत्री अनिल विज ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि, “मैं आश्वस्त करना चाहता हूं कि इन घटनाओं में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा ।”

नूंह के पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह ने कहा कि, हरियाणा के नूंह जिले में हुई हालिया सांप्रदायिक हिंसा की जांच में अब तक इस घटना के पीछे किसी मुख्य साजिशकर्ता का हाथ होने का पता नहीं चला है और ये कई अलग-अलग समूहों का काम था। पुलिस पहले ही हिंसा में शामिल लोगों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है।

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के तीन जवान शहीद

जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में शुक्रवार को आतंकवादियों और भारतीय सेना के जवानों के बीच मुठभेड़ में सेना के तीन जवान शहीद हो गए है।

पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि, “सुरक्षाबलों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले के हलाण वन क्षेत्र के ऊंचाई वाले इलाकों में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया।”

उन्होंने कहा कि, “आतंकवादियों द्वारा सुरक्षाबलों पर गोलीबारी किए जाने के बाद तलाशी अभियान मुठभेड़ में बदल गया। इस दौरान सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की। गोलीबारी में सुरक्षाबल के तीन जवान घायल हो गए और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गर्इ। इससे पहले पुलिस ने कहा था कि घायल सेना के जवानों को अस्पताल पहुंचाया गया है।”

सेना की चिनार कोर ने एक ट्वीट कर कहा कि, “ऑपरेशन हलाण, कुलगाम में हलाण की ऊंची चोटियों पर आतंकवादियों की उपस्थिति के बारे में विशिष्ट सूचना पर सुरक्षाबलों द्वारा चार अगस्त 2023 को अभियान शुरू किया गया। आतंकवादियों के साथ गोलीबारी में तीन जवान घायल हो गए और बाद में शहीद हो गए। तलाशी अभियान जारी है।”

भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मिले सभी लोगों के आशीर्वाद और संविधान की जीत हुई है आज – मल्लिकार्जुन खरगे

मोदी सरनेम मानहानि में दोषी पाए जाने पर मिली दो साल की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने आज (शुक्रवार ) को गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को दिलचस्प बताते हुए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता अब बहाल है।

दिल्ली स्थित कांग्रेस मुख्याल्य में शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा की, ” राहुल जी आज बडी खुशी का दिन है। आज डेमोक्रेसी, संविधान की जीत हुई है। सत्यमेव जयते नेशनल सिंबल के नीचे लिखे हुए शब्दों की जीत हुई है। आज हम बहुत खुश हैं। सुप्रीम कोर्ट के फैसले का तहेदिल से स्वागत करता हूं अभी संविधान जिंदा है। और अभी लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद है। ये आम लोगो की और संविधान की जीत है। जब कोई सचाईं और देश के हित, युवाओं के लिए, मेहंगाई के खिलाफ लड़ता है और ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान लोगो को जागृत करते हुए 4 हजार से ज्यादा चलते हुए छोटे बड़े सब से मिलते हुए पैदल चले थे तो आज उन्ही लोगों के आशीर्वाद की ये जीत है।”

खरगे ने आगे कहा कि, “ये जीत राहुल को अयोग्य घोषित करने की प्रक्रिया मे सिर्फ 24 घंटे लगाए थे, लेकिन आज देखना है की अब कितनी जल्दी उन्हे संसद में दोबारा उनकी सदस्यता को वे बहाल करते है। हमे रात तक करने की उम्मीद है। हम इंतजार करेंगे उनके ऑर्डर को। आज मोदी और बीजेपी को कैसा लगा होगा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद की हमने क्यों ये गलती की, लेकिन मैं उसपर टिपाणी नही करूंगा। ये लोगो की, वायनाड के नागरिकों की ये जीत है।”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि, “आज नही तो कल कल नही तो परसो सच्चाई की जीत होती ही है” मगर जो भी हो मेरा रास्ता क्लियर है। मुझे क्या करना ये मेरे दिमाग मे क्लियर है। जिन्होंने हमारी मदद की, हमारे लिए दुआएं की, और सिंघवी जी का मैं धन्यवाद करता हूं।”

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी की कोर्ट में पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, “ये राहुल गांधी की नही बल्कि संविधान की जीत है। हम संसद में उत्सुकता से जनता से जुड़े मुद्दों पर राहुल गांधी को सुनने के लिए तैयार है। फिर से चलेगी सवालों की अंधी जब बोलेंगे राहुल गांधी। ये बड़ा विचित्र है की किस प्रकार 100 साल पुरानी पार्टी के नेता को किस प्रकार अयोग्य घोषित किया था।” 

गांधी की याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने की। सुनवाई कर रहे जजों की बेंच ने कहा कि, ” हम यह जानना चाहते हैं कि अधिकतम सजा ही क्यों दी गई। यदि जज ने 1 साल 11 महीने की भी सजा दी होती तो वे अयोग्य घोषित न होते।” 

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, “आज जिस वक्त ये खबर मिली तो हम सबके अंदर एक खुशी की लहर बह गई। राहुल जी की उनकी अनुपस्थिति हमे संसद में महसूस होती थी। राहुल जी का संसद में आने का अधिकार जबसे छीना गया था उनका घर खाली कराया गया था तब से हम बहुत दुखी थे। अब सदन में राहुल जी की वापसी के लिए कार्यवाही शुरू करनी चाहिए। जिस तेज गति से सदस्यता खारिज की उसी तेज गति से उनकी वापसी होनी चाहिए। लेकिन हमे भरोसा था आज नही तो कल सच्चाई की जीत होगी और आज ऐसा हुआ है। उनकी सच्चाई साबित हो चुकी है। आज हिन्दुस्तान के करोड़ो आम लोगो की दुआओं और समर्थन की से आज राहुल जी ने जीत हासिल की है। हमने स्पीकर से मुलाकात कर राहुल जी को वापस लाने की मांग की है। स्पीकर ने कहा सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिया गया कागज हमे दीजिए बाकी क्या किया जाए हम देखते है। हमने स्पीकर जी से खा है राहुल जी को जल्द से जल्द वापस लाकर उनका हक दिलाइए।”

आप संसद में स्पीकर से कब मिलेंगे प्रश्न का उत्तर देते हुए अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि, हमने स्पीकर से मुलाकात की है उन्होंने कहा है आप कोर्ट का ऑर्डर जो आया है उसके सारे कागजात हमारे हवाले आने दीजिए उसपर हम निर्णय लेंगे की क्या करना है। जैसे ही कोर्ट के कागज आयेंगे मैं स्पीकर जी के घर ही चला जाऊंगा उन्हे देने। जरूरत पड़ी तो राहुल जी के लिए सारी रात खड़ा रहूंगा स्पीकर जी के घर के बाहर।”

बता दें, यदि सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस सजा पर राहुल को राहत न मिलती तो वे अगले 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ पाते। इसीलिए राहुल गांधी के साथ कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के लिए ये बड़ी राहत की खबर है। 

नूंह हिंसा: रोहिंग्याओं की बस्तियों पर चला बुलडोजर, नूंह एसपी का हुआ ट्रांसफर

हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा को लेकर पुलिस की कार्रवाई जारी है। 5 जिलों में 93 एफआईआर और 176 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। साथ ही नूंह के एसपी वरुण सिंगला का ट्रांसफर कर दिया गया है। उनकी जगह नरेंद्र बिजारनिया ने ली है।

एक अधिकारिक आदेश में शुक्रवार को बताया गया कि, “नूंह के पुलिस अधीक्षक वरुण सिंगला, जो जिले में सांप्रदायिक झड़पे भड़काने के समय छुट्टी पर थे उनका तबादला कर दिया गया है। सिंगला को भिवानी का पुलिस अधीक्षक बनाया गया है। अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) टी वी एस एन प्रसाद द्वारा 3 अगस्त को जारी एक सरकार आदेश के अनुसार नरेंद्र बिजारनिया जो सिंगला की अनुपस्थिति में अतिरिक्त प्रभार संभाल रहे थे नूंह के नए एसीपी होंगे।”

पुलिस ने दंगों की जांच के बाद नूंह में रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों पर बड़ा एक्शन लिया है। पुलिस ने तावडू रोहिंग्याओं और अवैध घुसपैठियों के अवैध कब्जे पर बुलडोजर चलाया है। जांच में पाया गया कि ये सभी लोग हिंसा में शामिल थे।

हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर रोहिंग्याओं ने अवैध कब्जा किया हुआ था। और पुलिस ने 200 से ज्यादा झुग्गियों को गिरा दिया है। बुलडोजर का एक्शन करीब 4 घंटे चला।

आपको बता दें, सोमवार 31 जुलाई को नूंह में विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाला जा रहा जुलूस को रोकने की कोशिश के चलते हिंसक झड़पे हुई जो कि पिछले कुछ दिनों में गुरुग्राम तक फैल गई। इस हिंसा में दो होम गार्ड और एक मौलवी समेत छह लोगों की मौत हुई है।

मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की सजा पर रोक, संसद सदस्यता अब बहाल- सुप्रीम कोर्ट

मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट के फैसले को दिलचस्प बताते हुए राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता अब बहाल है।

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता अब बहाल है। वो संसद जा सकते हैं। कोर्ट का कहना था कि राहुल गांधी के मामले में पूरी सुनवाई के बाद जब तक कोई फैसला नहीं आ जाता तब तक गुजरात की कोर्ट का फैसला अमल में नहीं आएगा।

उच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान कहा कि, हाईकोर्ट का फैसला बेहद दिलचस्प है। इस फैसले में ये बताया गया है कि आखिर एक सांसद को कैसे बर्ताव करना चाहिए।

राहुल गांधी की तरफ से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी पेश हुए थे। जबकि दूसरे पक्ष की तरफ से महेश जेठमलानी ने अपनी दलील रखी थी।

गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के जज जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पूछा कि कितना समय लेंगे। हमने पूरा केस पढ़ा है हम 15-15 मिनट की बहस कर सकते हैं। जस्टिस गवई ने कहा कि अगर आपको सजा पर रोक चाहिए तो साधारण मामला बनाना होगा।

वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने पक्ष रखा कि, सुनवाई के दौरान कहा कि जो सजा दी गई है वो बहुत कठोर है मौजूदा समय में आपराधिक मानहानि न्यायशास्त्र उल्टा हो गया है। मोदी समुदाय अनाकार, अपरिभाषित समुदाय है। याचिकाकर्ता के पास मानहानि का दावा करने का कोई आधार नहीं था। ऐसा मामला नहीं है कि कोई व्यक्ति व्यक्तियों के समूह की ओर से शिकायत दर्ज नहीं कर सकता है लेकिन व्यक्तियों का वह संग्रह एक अच्छी तरह से परिभाषित समूह होना चाहिए। जो निश्चित और दृढ़ हो और समुदाय के बाकी हिस्सों से अलग किया जा सके। इस तर्क का समर्थन करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालयों के कई उदाहरण हैं, कई समुदायों में फैले हुए हैं।

सिंघवी ने आगे कहा कि, मोदी सरनेम और अन्य से संबंधित प्रत्येक मामला भाजपा के पदाधिकारियों द्वारा दायर किया गया है। यह एक सुनियोजित राजनीतिक अभियान हैं। इसके पीछे एक प्रेरित पैटर्न दिखता है। राहुल गांधी इन सभी मामलों में केवल आरोपी हैं, दोषी नहीं हैं जैसा कि हाईकोर्ट ने निष्कर्ष निकाला है।

आपको बता दें, 23 मार्च 2023 को गुजरात केस चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट ने राहुल गांधी को मोदी सरनेम मानहानि मामले में दो साल की सजा सुनाई थी। अदालत ने राहुल गांधी को तुरंत जमानत देते हुए सजा के खिलाफ अपील के लिए 30 दिनों का समय भी दिया था। उनकी सजा पर रोक भी चलाई गई थी।

राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को सजा के खिलाफ सूरत की सेशन कोर्ट में अपील की थी किंतु वहां से राहत न मिलने पर कांग्रेस नेता गुजरात हाईकोर्ट भी गए थे पर वहां भी राहत नहीं मिली सकी थी।

ज्ञानवापी मामला: एएसआई शाम 7 बजे तक करेगा सर्वे, जुमे की नमाज के लिए सुरक्षा के पुख्ते इंतजाम किए गए

इलाहाबाद हाई कोर्ट की गुरुवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को दी गई अनुमति के बाद एएसआई ने वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में सर्वे शुरू कर दिया है। एएसआई ने शुक्रवार को दोबारा काम शुरू किया।

इससे पहले एएसआई ने जिला कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे शुरू किया था किंतु मुस्लिम पक्ष की ओर से मामला सुप्रीम कोर्ट ले जाने के बाद से इस पर रोक लगा दी गई थी।

ज्ञानवापी में सर्वे के दौरान एएसआई टीम के अलावा अन्य 16 लोगों को अंदर जाने की अनुमति दी गई है। इनमें 9 मुस्लिम पक्ष और 7 हिंदू पक्ष के लोग शामिल हैं। लेकिन मुस्लिम पक्ष ने सर्वे का बायकॉट कर दिया है।

एएसआई द्वारा सर्वे का कार्य दो शिफ्ट में बाटा गया है। सूत्रों के अनुसार सर्वे शाम सात बजे तक चलेगा। सर्वे के दौरान परिसर में केवल 75 लोग मौजूद रहेंगे। और जुमे की नमाज के समय एएसआई की टीम ब्रेक लेगी। फिर ब्रेक के बाद काम दोबारा शुरू किया जाएगा।

सर्वे के दौरान सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए है। यहां 300 मीटर के दायरे में वज्र वाहन तैनात किए गए हैं। साथ ही एटीएस और आरएएफ के जवानों को भी सुरक्षा में तैनात किया गया है।

एएसआई टीम के साथ ही आईआईटी कानपुर के तीन एक्सपर्ट भी मौजूद रहेंगे और सर्वे के दौरान उनकी मदद ली जाएगी। सूत्रों के अनुसार, सर्वे आज 12 बजे तक ही किया जाएगा। इसके बाद नमाज के लिए परिसर खाली किया जाएगा।

मोदी सरनेम मामले में राहुल गांधी की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई

मोदी सरनेम मानहानि मामले में आज (शुक्रवार) सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को स्पष्ट किया था कि उनका माफी मांगने का कोई इरादा नहीं हैं।

राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करके खुद को दोषसिद्धी पर रोक लगाने की मांग की थी किंतु गुजरात कोर्ट ने ऐसा करने से इनकार कर दिया था। इसी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका पर आज सुनवाई होनी है।

सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने वाली याचिका में राहुल गांधी ने कहा था कि, “वह हमेशा इस बात पर कायम रहे हैं कि वह अपराध के लिए दोषी नहीं हैं और यह दोषसिद्धि टिकाऊ नहीं हैं।”

गांधी का कहना है कि यदि उन्हें माफी मांगनी होती और समझौता करना होता तो उन्होंने यह काम बहुत पहले ही कर लिया होता।

गौरीकुंड में भारी बारिश के कारण चट्टान गिरने से कई दुकानों को नुकसान, 13 लोग लापता

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड में भारी बारिश के कारण बाढ़ और भूस्खलन के बाद 10 से अधिक लोग लापता हो गए हैं।

रुद्रप्रयाग जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय ने जानकारी दी है कि, “बृहस्पतिवार मध्य रात्रि गौरीकुंड से कुछ मीटर दूर तेज बारिश के दौरान एक बरसाती नाले में आई बाढ़ और भूस्खलन के बाद तीन दुकानें बह गई और उनमें रह रहे लोग लापता है।”

जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय ने आगे बताया कि, “हादसे में लापता 12 लोगों की पहचान हो गई है, जिसमें तीन से 14 साल की उम्र के पांच बच्चे भी शामिल हैं। सूचना मिलने पर रात में ही राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है।”

कार्यालय के अनुसार, “गौरीकुंड के सेक्टर अधिकारी ने बताया कि मलबे में कई लोग दब गए हैं। वहीं एसडीएफ से मिली सूचना के अनुसार करीब 13 लोग लापता हो गए हैं। इनमें नेपाली और स्थानीय लोग शामिल हैं।”

बता दें, मौके पर आपदा प्रबंधन टीम, पुलिस टीम, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ समेत अन्य टीमें मौके पर मौजूद हैं। भारी बारिश से चट्टान गिरने से तीन दुकानें क्षतिग्रस्त हुई हैं। तलाशी अभियान जारी है।

भाजपा ने अपने लोकसभा सांसदों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी कर 7 से 11 अगस्त तक उपस्थित रहने को कहा

संसद के मानसून सत्र का आज (शुक्रवार) 12 वां दिन हैं। और पहले ही दिन से मणिपुर को लेकर संसद के दोनों सदनों में लगातार हंगामा भी जारी हैं। शुक्रवार को विपक्ष के नेता कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और मनिकम टैगोर ने चीन के साथ सीमा स्थिति और मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव नोटिस दिया है।

वहीं राजद सांसद मनोज झा और आप सांसद राघव चड्डा ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत राज्यसभा में सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है।

संसद के उच्च सदन राज्यसभा में विपक्ष ने पिछले 11 दिनों से चल रहे गतिरोध को खत्म करने को लेकर नया प्रस्ताव दिया है और संयुक्त विपक्ष 267 के तहत चर्चा कराने की जिद को छोड़कर नियम 167 के तहत चर्चा पर सहमत हो गर्इ है।

बता दें, नियम 167 के तहत बहस के बाद वोटिंग का प्रावधान है, लेकिन विपक्ष इस बहस के बाद प्रधानमंत्री के बयान पर अभी भी अड़ा हुआ है।

आपको बता दें, सत्ता पक्ष सदन के नेता पीयूष गोयल ने राज्यसभा में नियम 176 के तहत राजस्थान में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार पर चर्चा की मांग की है।

वहीं भारतीय जनता पार्टी ने अपने लोकसभा सांसद के लिए एक तीन लाइन का व्हिप जारी कर 7 अगस्त से 11 अगस्त तक सदन में उपस्थित रहने और सरकार के रूख और विधायकों का समर्थन करने के लिए कहा है।