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असम में पुलिस की गोली से दो प्रदर्शनकारियों की मौत, प्रदर्शन और हिंसा जारी

नागरिकता संशोधन बिल पर पूर्वोत्तर राज्य में विरोध प्रदर्शन लगातार तेज होते जा रहे हैं। असम में बिल का विरोध कर रहे २ लोगों की पुलिस के गोलियों से मौत हो गयी है। असम में हज़ारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर हैं और इस बिल का जबरदस्त विरोध कर रहे हैं। असम में स्‍कूलों और कॉलेजों को २२  दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी प्रदर्शनकारी लगातार कर्फ्यू का उल्‍लंघन कर रहे हैं। कई फ्लाइट्स कैंसल की गयी हैं और ट्रेन सेवाएं ठप पड़ी हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जब हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी नागरिकता बिल का विरोध करने सड़क पर उतरे तो पुलिस से उनकी झड़पें हो गई। इस बीच पुलिस ने गोलियां चला दीं जिससे २ लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। उन्हें गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया। एक घायल ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया जबकि दूसरे ने अस्पताल में दम तोड़ दिया।

पूर्वोत्‍तर भारत के तीन राज्‍यों असम, मेघालय और त्रिपुरा में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं। उधर प्रदर्शन को बढ़ते देख असम में स्‍कूलों और कॉलेजों को २२ दिसंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। सेना और पुलिस की तैनाती के बाद भी प्रदर्शनकारी लगातार कर्फ्यू का उल्‍लंघन कर रहे हैं। यहां तक कि उनपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील का भी कोई असर नहीं पड़ा है।

प्रदर्शनकारियों ने गुरुवार को यात्रियों से भरी एक ट्रेन में आग लगाने का भी प्रयास किया था। राज्‍य में पुलिस फायरिंग में अब तक 2 लोग मारे गए हैं और 9 अन्‍य घायल हो गए हैं। इस बीच प्रशासन ने ड‍िब्रूगढ़ में कर्फ्यू में सुबह 8 बजे से एक बजे तक ढील दी है। मेघालय में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है।

असम में पुलिस फायरिंग में अब तक दो लोग मारे गए हैं और नौ अन्‍य घायल हो गए हैं। इस बीच प्रशासन ने ड‍िब्रूगढ़ में कर्फ्यू में सुबह ८ बजे से एक बजे तक ढील दी है। मेघालय में भी प्रदर्शनों का दौर जारी है। मेघालय और असम में इंटरनेट सेवाएं बंद हैं।  गुरुवार को शिलॉन्ग में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बाजार इलाके में दुकानों को आग लगा दी।

उधर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राज्‍य में हिंसा के पीछे ऑल असम स्‍टूडेंट यूनियन और अन्‍य स्‍थानीय समूहों का हाथ नहीं है। हिंसा के पीछे ‘उन नकारात्‍मक ताकतों का हाथ है जो शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों में शामिल हो गए हैं।’ उन्‍होंने कहा कि हम इन नकारात्‍मक शक्तियों की पहचान कर रहे हैं। मेघालय में भी अनिश्चितकालीन कर्फ्यू के बीच प्रदर्शनों का दौर जारी है।

पुणे में बिकी 80 पैसे प्रति किलो प्याज!

एक ओर जहां देश के अलग-अलग शहरों में प्याज के दाम 100 से 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुके हैं, वहीं महाराष्ट्र के पुणे के कुछ इलाकों में प्याज 80 पैसे प्रति किलो बेची गई। हो सकता है इस पर आपको यक़ीन न हो, पर ये सच है।
दरअसल, मौका था एन सी पी प्रमुख शरद पवार और महाराष्ट्र के ‘चाणक्य’ के जन्मदिन का। वे गुरुवार को 79 साल के हो गए। इस दौरान उनको बधाई देने वालों का तांता लगा रहा।
इसी बीच, पुणे के कुछ इलाकों एनसीपी कार्यकर्ताओं ने पवार के 80वें जन्मदिन की खुशी में 80 पैसे प्रति किलो प्रति व्यक्ति प्याज बेची। इस दौरान प्याज खरीदने को लोग उमड़ पड़े।
बता दें कि प्याज की पैदावार का गढ़ महाराष्ट्र का नाशिक ही है। जहां पर इसकी पैदावार के दौरान किसान 80 पैसे प्रति किलो तक प्याज बेचने को मजबूर होते रहे हैं।
बता दें कि सोशल मीडिया पर भी प्याज इन दिनों सबसे ज्यादा चर्चा का विषय बना हुआ है। सबसे ज्यादा जोक्स और मीम्स प्याज की ‘वैल्यू’ से जुड़े शेयर किए जा रहे हैं।

आखिर महाराष्ट्र मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ

आखिरकार सरकार गठन के दो सप्ताह बाद महाराष्ट्र में महाविकास आघाडी सरकार में मंत्रालयों को बंटवारा हो ही गया।

शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार में शिवसेना को होम , पीडब्ल्यूडी, अर्बन डेेेेवलपमेंट जैसी मिनिस्ट्री मिली है।

कांग्रेस को रिवेन्यु, महिला एवं बाल कल्याण आदि और एनसीपी को रुलर डेेेेवलपमेंट, वाटर रिसोोरससेज और फिनांस मिनिस्ट्री मिली है।

महाराष्ट्र सरकार की होम मिनिस्ट्री अब शिवसेना के हाथ होगी जबकि एनसीपी इस मिनिस्ट्री के लिए जद्दोजहद कर रही थी स्टेट में यह मिनिस्ट्री महत्वपूर्ण मानी जाती है और यह इंपॉर्टेंट महकमा शिवसेना के सीनियर लीडर एकनाथ शिंदे को सौंपा गया है।

शहरी विकास, पर्यावरण, पीडब्ल्यूडी, टूरिजम और संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया है। पार्टी के पुराने और सीनियर लीडर सुभाष देसाई को इंडस्ट्री, उच्च और तकनीकी, एजुकेशन , स्पोर्ट्स और युवा, रोजगार की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

राज्य का और एक महत्वपूर्ण महत्व होता है फिनांस जो एनसीपी को मिला है। पार्टी के सीनियर लीडर जयंत पाटील को इस मिनिस्ट्री के जिम्मेदार हैं।इसके अलावा हाउसिंग, हैल्थ,को-आपरेशन, फूड एंड सिवल सप्लाई, लेबर एंड माइनोररिटी वेेेेेेेलफेयर की जिम्मेदारी उन्हें सौंपी गई है। पार्टी के दूसरे सीनियर लीडर और पुराने शिवसैनिक छगन भुजबलइरिगेशन, रूरल डेवलपमेंट, सोशल जस्टिस,एक्साइज, स्किल डेवलपमेंट, फूड एंड ड्रग्स ऐडमिनिस्ट्रेशन का भार संभालेंगे। महा विकास अघड़ी के तीसरे घटक कांग्रेस पार्टी को और एक महत्वपूर्ण महकमा रेवेन्यू मिला है। पार्टी के सीनियर नेता बालासाहेब थोरात को रेविन्यु, स्कूल एजुकेशन , पशुपालन मत्स्यपालन व पार्टी के दूसरे लीडर नितिन राउत को पीडब्ल्यूडी, आदिवासी विकास, अन्य पिछड़ा वर्ग विकास, महिला एवं बाल कल्याण, राहत एवं पुर्नस्थापन मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी सौंपी गई है ।

एनसीपी के सेकंड इन कमान अजित पवार के डेप्युटी सीएम बनाए जाने की खबरें महाविकास आघाडी की नई सरकार गठन के वक्त से ही चल रही थी लेकिन आज अजित पवार बिना किसी खाते के नजर आए। हालांकि अभी भी संभावनाएं व्यक्त की जा रही हैं कि उन्हें महाराष्ट्र के डेप्युटी चीफ मिनिस्टर पोस्ट दी जा सकती है। अजित पवार एनसीपी से अचानक अलग होकर बीजेपी के साथ मिल गए थे और देवेंद्र फडणवीस के दूसरे टर्म की सरकार में उन्हें डेप्युटी सीएम तय किया गया था। हालांकि बाद में उन्होंने अपना सपोर्ट वापस ले लिया और फडणवीस सरकार गिर गई । उसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की मिली जुली महा विकास आघाडी ने महाराष्ट्र गद्दी संभाली। उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर बने और उनके साथ छह मंत्रियों ने भी शपथ ली थी।

सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर पुनर्विचार याचिकाएं की खारिज

सर्वोच्च न्यायालय ने अयोध्या पर दायर की गयी सभी याचिकाएं गुरूवार को खारिज कर दीं। पांच जजों के बेंच ने कहा कि इन याचिकाओं में कोइ मेरिट नहीं है। हालांकि, अगर कोइ चाहे तो उसके लिए क्यूरेटिव पेटिशन का अवसर अभी है।
जानकारी के मुताबिक प्रधान न्यायाधीश एसए बोबड़े के चैम्बर में पांच जजों की पीठ के अन्य चार जज जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, अशोक भूषण, एस अब्दुल नज़ीर और संजीव खन्ना बैठे और मामले से संबंधित याचिकाओं पर विचार किया। इसके बाद बताया गया है कि पीठ ने महसूस किया कि इन याचिकाओं में मेरिट नहीं है। इस तरह इन्हें खारिज कर दिया गया है।

याद रहे सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई करने वाली पांच जजों की बेंच के एक सदस्य चीफ जस्टिस रंजन गोगोई अब रिटायर हो चुके हैं। उनकी जगह पांच जजों का कोरम पूरा करने के लिए जस्टिस संजीव खन्ना को बेंच में शामिल किया गया था। इसी बेंच की तरफ से यह फैसला आया है।

गौरतलब है कि चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने नौ नवंबर को  अयोध्या भूमि विवाद पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था। वैसे मुस्लिम पक्षकारों में एक बड़ा धड़ा पुनर्विचार याचिका दायर करने का विरोध किया था। हालांकि दूसरे धड़े ने याचिका का समर्थन किया था।

पाकिस्तान ने फिर किया सीजफायर का उल्लंघन

पाकिस्तान ने लगातार दूसरे दिन गुरूवार को भी जम्मू-कश्मीर में सीजफायर का उल्लंघन किया और गोलीबारी की। यह गोलीबारी यह रिपोर्ट लिखे जाने तक जारी थी। किसी जान-माल के नुक्सान की कोइ खबर नहीं है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक गुरुवार को पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले के शाहपुर और किरनी सेक्टर में सीजफायर का उल्लंघन करते हुए फयरिंग की। फायरिंग का भारतीय सेना ने मुंह तोड़ जवाब दिया है।

पाकिस्तान की ओर से छोटे हथियारों और मोर्टार फायर करके सीजफायर का उल्लंघन किया गया। पाकिस्तान की ओर से केरन और पुंछ सेक्टर में सबसे ज्यादा मोर्टार दागे गए। इसके अलावा शाहपुर और केरन सेक्टर में भी लगातार फायरिंग की गई।

शाहपुर, केरन और कस्बा सेक्टर पुंछ जिले में आता है। इससे पहले पाक सेना ने बुधवार को भी सीजफायर का उल्लंघन किया था, जिसके बाद १५  से ज्यादा परिवारों को सुरक्षित जगह  शिफ्ट किया गया था। कुछ लोग अभी भी फायरिंग क्षेत्र में फंसे हैं। भारतीय सेना ने भी जवाबी कार्रवाई की और पाकिस्तानी सेना को मुहंतोड़ जवाब दिया है।

नागरिकता बिल के खिलाफ असम, त्रिपुरा में हिंसा, कई जगह कर्फ्यू

असम और त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन बिल का विरोध उग्र हो गया है। असम में कई जगह कर्फ्यू लगाना पड़ा है और वहां आगजनी और हिंसा हुई है। वहां हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इस बीच असम के बिगड़े हालत देखते हुए पीएम मोदी को वहां के लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कहना पड़ा है कि वो असम के नागरिकों के अधिकारों पर आंच नहीं आने देंगे।
गुवाहाटी में लालुंगौना इलाके में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं और इस दौरान कुछ लोग घायल हो गए हैं। कई जगह सेना ने फ्लैगमार्च किया है जबकि कुछ जगह सेना तैनात की गयी है।
नए नागरिकता कानून का सबसे ज्यादा विरोध असम में हो रहा है और वहां हालात चिंताजनक बने हुए हैं। गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू लगाना पड़ा है जबकि कई जगह आगजनी और पथराव की घटनाएं हुई हैं।  हवाई सेवाओं पर भी इसका विपरीत असर पड़ा है जबकि कई ट्रेन रद्द करनी पड़ी हैं। घरों से निकलकर हजारों लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हिंसा कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
असम में शिवसागर, जोरहट, गोलाघाट, लखीमपुर, धीमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चरायदेव, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। इतना ही नहीं त्रिपुरा सरकार ने  एसएमएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
उत्तर पूर्व में बिल पास होने के बाद हालात बिगड़ने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया है – ”असम के लोगों के राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और जमीनी अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार वचनबद्ध है। मैं असम के सभी भाई बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन्हें नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
इस बीच गुवाहाटी में लालुंगौना इलाके में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई, अधिकारियों के अनुसार इस दौरान कुछ लोग घायल हो गए हैं। असम के हिंदू बहुल इलाकों में सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हो रहा है। ब्रह्मपुत्र वैली में सबसे ज्यादा उग्र विरोध प्रदर्शन हुए हैं। बंद के दौरान ब्रह्मपुत्र वैली में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति का काफी नुकसान पहुंचाया है। पत्थरबाजी और आगजनी की कई घटनाएं हुई हैं। ख़बरों के मुताबिक भाजपा नेताओं और उनके घरों पर भी हमले हुए हैं।
पूर्वोत्तर के राज्यों, विशेषकर असम और त्रिपुरा में बिल का विरोध और तेज हो गया है। स्थानीय लोग सड़कों पर उतरकर तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं। इसकी वजह से असम के कई जिलों में बुधवार शाम को ही कर्फ्यू लगा दिया गया था। बावजूद दोनों राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। इसकी वजह से दोनों राज्यों में रेल और हवाई सुविधाएं भी बाधित हैं। असम के कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं।
उधर मोदी सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर टीवी चैनलों को ”हिंसा फैलाने वाली सामग्री के खिलाफ सावधान रहने को” कहा है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि ”इस तरह की सामग्री का प्रसारण न करें जिसमें हिंसा भड़कने, राष्ट्र विरोधी रवैये को बढ़ावा देने और राष्ट्र की अखंडता को प्रभावित करने वाली कोई भी तत्व शामिल है”।
इस बीच कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा – ”अशांति कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरे देश में फैली हुई है। लेकिन, नागरिक संशोधन बिल पास होने के बाद सबसे खराब स्थिति पूर्वोत्तर राज्यों में है”। इस बीच वाम दलों ने १९ दिसंबर को देश भर में नागरिकता बिल और एनआरसी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।

जीडीपी में गिरावट से चिंतित होने की जरूरत नहीं : प्रणब

सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) विकास दर में लगातार सुस्ती दर्ज किए जाने के बाद से जहां पर एक ओर मोदी सरकार पर विपक्ष हमलावर है तो वहीं अब पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि देश को इससे बहुत ज्यादा चिंतित होने की जरूरत नहीं है। उनका मानना है कि जीडीपी में सुस्ती जरूर है, लेकिन आने वाले समय में हालात ऐसे ही नहीं रहने वाले हैं। ऐसे संकेत दिख रहे हैं कि जल्द ही अर्थव्यवस्था अपने पुराने रुख की ओर बढ़ती दिखेगी।

उन्होंने माना कि देश के सरकारी बैंकों को पूंजी की जरूरत है और उनको मुहैया कराने में कुछ गलत नहीं है। चूंकि जब पूंजी का वितरण होगा तो उसके बाद ही विकास के विकल्प खुलेंगे और लोगों को काम के मौके भी मिलेंगे। यानी अर्थव्यवस्था के रफ्तार पकड़ते ही रोजगार के मौके भी ज्यादा से ज्यादा मिलेंगे। कोलकाता में भारतीय सांख्यिकी संस्थान के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी ने 2008 की आर्थिक मंदी का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान बैंकों ने मजबूती दिखाई थी। तब प्रबण मुखर्जी ही देश के वित्त मंत्री थे और देश में वित्तीय संकट का पूरी दुनिया के कहसा से खास असर नहीं देखने को मिला था। उन्होंने बताया कि तब भी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने उनसे संपर्क किया था कि उन्हें पूंजी की जरूरत है। बता दें कि विगत तिमाही में जीडीपी विकास दर घटकर पिछले साल में सबसे कम यानी 4.5 फीसदी दर्ज की गई।
आंकड़े भरोसेमंद हों

प्रणब मुखर्जी ने कहा कि किसी भी समस्या का निदान निकालने के लिए लोकतंत्र में संवाद का होना बेहद जरूरी है। आंकड़ों की प्रामाणिकता भी जरूरी है, ताकि लोगों का भरोसा कायम रहे। इससे निवेशकों और लोगों में विश्वास बना रहता है। इससे पहले कई बार आरोप लगा है कि केंद्र सरकार बेरोजगारी समेत कई अन्य मामलों में आंकड़ों में हेर-फेर कर रही है।

कुफरी में ताज़ा बर्फबारी।

फोटो - वासु अहलूवालिया
हिमाचल प्रदेश में गुरुवार को मौसम का मिजाज बिगड़ने से कई जगह बर्फबारी हुई है। इससे राज्य में ठण्ड बढ़ गयी है जबकि ऊपरी इलाकों में शीत लहर है। राजधानी  शिमला के जाखू सहित कुफरी, नारकंडा और मनाली में भी हिमपात हुआ है।उत्तराखंड के भी कई हिस्सों में बर्फबारी हुई है, जिसका जनजीवन पर असर पड़ा है।
मौसम विभाग ने हिमाचल में गुरुवार और शुक्रवार के लिए येलो अलर्ट जारी किया हुआ है | विभाग के अनुसार, राज्य में १६ दिसंबर तक मौसम खराब रहेगा | शिमला में गुरुवार सुबह तड़के से ही बारिश और जाखू की पहाड़ी पर हल्का हिमपात हुआ है।
इसके अलावा, कुफरी, नारकंडा और अन्य इलाकों में बर्फबारी हुई है | मौसम विभाग के अनुसार, कल्पा में १० सेंटीमीटर और केलंग में ९ सेंटीमीटर बर्फबारी दर्ज की गई है | मंडी जिला सहित सुंदरनगर में हल्की बूंदा-बांदी हुई है |
इस बीच शिमला के कुफरी और कुल्लू के मनाली में सीजन का पहला हिमपात हुआ है। शिमला के जाखू में भी बर्फ के फाहे गिरे हैं। लाहुल-रोहतांग में भारी बर्फबारी हुई है। चेतावनी के बीच राजधानी शिमला सहित प्रदेश भर में बारिश का दौर जारी है। आज और कल पूरे प्रदेश में भारी बारिश-बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी हुआ है। बारिश-बर्फबारी होने से हिमाचल शीतलहर की चपेट में आ गया है। तापमान में भी भारी गिरावट दर्ज हुई है।
कुल्लू और आनी को जोड़ने वाले हाईवे ३०५ जलोड़ी जोत पर हिमपात की वजह से बंद हो गया है | मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के पांच जिलों में १२ और १३ दिसंबर को भारी बारिश और बर्फबारी होगी | इसे लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है | लाहुल के केलंग में तापमान माइनस ३.४ और कल्पा में माइनस १ डिग्री दर्ज किया गया है।

झारखंड में तीसरे चरण का मतदान शांतिपूर्ण जारी

झारखंड में तीसरे चरण में १६ विधानसभा सीटों कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। अभी तक की रिपोर्ट्स के मुताबिक पहले चार घंटे में २९.४४ फीसदी मतदान हुआ है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है। सुबह सात बजे मतदान शुरू हुआ। यह मतदान कोडरमा, बरही, बड़कागांव, रामगढ़, हजारीबाग, सिमरिया (सुरक्षित), धनवार, गोमिया, बेरमो, ईचागढ़, सिल्ली, खिजरी (सु), रांची, हटिया और कांके (सु) सीटों के लिए हो रहा है।

पहले चार घंटे अर्थात ११ बजे तक इन विधानसभा क्षेत्रों में २९.४४ प्रतिशत वोटिंग हुई हैं। खिजरी सीट पर मतदान का प्रतिशत सबसे अधिक ३७.६५ प्रतिशत रहा वहीं रांची में सबसे कम १९.३५ प्रतिशत मतदान हुआ। दोपहर बाद मतदान में तेजी आ सकती है।

झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने एटीआइ में, मंत्री सीपी सिंह ने अपने परिवार के साथ जिला परिषद स्थित मतदान केंद्र और झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के अध्यक्ष और झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने धनवार विधानसभा क्षेत्र के कोदईबांक के मतदान केंद्र पर वोट डाला।

तीसरे चरण के मतदान वाली १६ विधानसभा सीटों के लिए ३२ महिलाओं समेत कुल ३०९ प्रत्याशी मैदान में हैं। इनमें से सबसे अधिक ३१ प्रत्याशी ईचागढ़ और सबसे कम १२ प्रत्याशी रांची और कांके विधानसभा सीट के लिए हैं।

नागरिकता बिल के विरोध में आईपीएस का इस्तीफा

संसद में विवादास्पद नागरिकता संशोधन बिल पास होने के विरोध में जहाना असं और रिपुर आदि में जबरदस्त प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं महाराष्ट्र कैडर के एक आईपीएस अधिकारी ने अपनी सेवा से इस्तीफा देने का फैसला किया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस्तीफा देने वाले अधिकारी मुंबई में विशेष पुलिस महानिरीक्षक (आईजीपी) के रूप में तैनात अब्दुर रहमान हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने इस्तीफा सरकार को भेज दिया है और देखना है वह क्या फैसला करती है। एक अलग ब्यान में रहमान ने कहा कि वह गुरुवार (आज) से कार्यालय नहीं जा रहे हैं।

रहमान ने कहा कि “यह विधेयक भारत के धार्मिक बहुलवाद के खिलाफ है। मैं सभी न्यायप्रिय लोगों से अनुरोध करता हूं कि वे लोकतांत्रिक तरीके से विधेयक का विरोध करें। यह संविधान की मूल भावना के विरुद्ध है।

गौरतलब है कि कांग्रेस सहित विपक्ष के जबरदस्त विरोध के बीच सरकार ने यह बिल संसद में पेश किया था और अब दोनों सदनों में पास हो चुका है और इसे मंजूरी के लिए राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। वैसे इस बिल के खिलाफ कोर्ट में याचिका भी दायर की गयी है।

बिल पास होने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया – ”भारत के लिए और हमारे देश की करुणा और भाईचारे की भावना के लिए ये एक ऐतिहासिक दिन है। ख़ुश हूं कि सीएबी २०१९ राज्यसभा में पास हो गया है। बिल के पक्ष में वोट देने वाले सभी सांसदों का आभार। ये बिल बहुत सारे लोगों को वर्षों से चली आ रही उनकी यातना से निजात दिलाएगा।”

उधर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिल पास होने के बाद अपने बयान में कहा – ”ये भारत के संवैधानिक इतिहास का काला दिन है।”