नागरिकता बिल के खिलाफ असम, त्रिपुरा में हिंसा, कई जगह कर्फ्यू

असम और त्रिपुरा में नागरिकता संशोधन बिल का विरोध उग्र हो गया है। असम में कई जगह कर्फ्यू लगाना पड़ा है और वहां आगजनी और हिंसा हुई है। वहां हालात चिंताजनक बने हुए हैं। इस बीच असम के बिगड़े हालत देखते हुए पीएम मोदी को वहां के लोगों को भरोसा दिलाने के लिए कहना पड़ा है कि वो असम के नागरिकों के अधिकारों पर आंच नहीं आने देंगे।
गुवाहाटी में लालुंगौना इलाके में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाईं और इस दौरान कुछ लोग घायल हो गए हैं। कई जगह सेना ने फ्लैगमार्च किया है जबकि कुछ जगह सेना तैनात की गयी है।
नए नागरिकता कानून का सबसे ज्यादा विरोध असम में हो रहा है और वहां हालात चिंताजनक बने हुए हैं। गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ में कर्फ्यू लगाना पड़ा है जबकि कई जगह आगजनी और पथराव की घटनाएं हुई हैं।  हवाई सेवाओं पर भी इसका विपरीत असर पड़ा है जबकि कई ट्रेन रद्द करनी पड़ी हैं। घरों से निकलकर हजारों लोग विरोध प्रदर्शन के लिए सड़कों पर उतरे हैं। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने हिंसा कर रहे लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
असम में शिवसागर, जोरहट, गोलाघाट, लखीमपुर, धीमाजी, तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, चरायदेव, कामरूप (मेट्रो) और कामरूप में इंटरनेट सेवा निलंबित कर दी गई है। इतना ही नहीं त्रिपुरा सरकार ने  एसएमएस पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।
उत्तर पूर्व में बिल पास होने के बाद हालात बिगड़ने के बाद पीएम मोदी ने ट्वीट किया है – ”असम के लोगों के राजनीतिक, भाषाई, सांस्कृतिक और जमीनी अधिकारों की सुरक्षा के लिए सरकार वचनबद्ध है। मैं असम के सभी भाई बहनों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि उन्हें नागरिकता संशोधन बिल के पास होने के बाद किसी भी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है।”
इस बीच गुवाहाटी में लालुंगौना इलाके में प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई, अधिकारियों के अनुसार इस दौरान कुछ लोग घायल हो गए हैं। असम के हिंदू बहुल इलाकों में सबसे ज्यादा विरोध प्रदर्शन हो रहा है। ब्रह्मपुत्र वैली में सबसे ज्यादा उग्र विरोध प्रदर्शन हुए हैं। बंद के दौरान ब्रह्मपुत्र वैली में प्रदर्शनकारियों ने सरकारी संपत्ति का काफी नुकसान पहुंचाया है। पत्थरबाजी और आगजनी की कई घटनाएं हुई हैं। ख़बरों के मुताबिक भाजपा नेताओं और उनके घरों पर भी हमले हुए हैं।
पूर्वोत्तर के राज्यों, विशेषकर असम और त्रिपुरा में बिल का विरोध और तेज हो गया है। स्थानीय लोग सड़कों पर उतरकर तोड़फोड़ और आगजनी कर रहे हैं। इसकी वजह से असम के कई जिलों में बुधवार शाम को ही कर्फ्यू लगा दिया गया था। बावजूद दोनों राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। इसकी वजह से दोनों राज्यों में रेल और हवाई सुविधाएं भी बाधित हैं। असम के कर्फ्यूग्रस्त इलाकों में इंटरनेट सेवाएं भी बंद हैं।
उधर मोदी सरकार ने एक एडवाइजरी जारी कर टीवी चैनलों को ”हिंसा फैलाने वाली सामग्री के खिलाफ सावधान रहने को” कहा है। इस एडवाइजरी में कहा गया है कि ”इस तरह की सामग्री का प्रसारण न करें जिसमें हिंसा भड़कने, राष्ट्र विरोधी रवैये को बढ़ावा देने और राष्ट्र की अखंडता को प्रभावित करने वाली कोई भी तत्व शामिल है”।
इस बीच कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा – ”अशांति कश्मीर से कन्याकुमारी तक पूरे देश में फैली हुई है। लेकिन, नागरिक संशोधन बिल पास होने के बाद सबसे खराब स्थिति पूर्वोत्तर राज्यों में है”। इस बीच वाम दलों ने १९ दिसंबर को देश भर में नागरिकता बिल और एनआरसी के खिलाफ राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया है।