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गृह मंत्री शाह ने आपात बैठक बुलाई

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने देश भर में हो रहे नागरिकता संशोधन क़ानून विरोधी प्रदर्शनों को लेकर आपात बैठक बुलाई है। इसमें वरिष्ठ अधिकारी ज़मीनी हालत की जानकारी उन्हें देंगे। यह बैठक शाम तक होने की संभावना है।

माना जा रहा है कि लखनऊ में हुई हिंसा से शाह चिंतित हैं। इसके अलावा इन प्रदर्शनों को जिस तरह आम लोगों का समर्थन मिल रहा है उससे भी सरकार के स्तर पर चिंता बड़ी है। मुंबई में ५०० संगठनों कसे जुड़े लोग इस समय बड़े पैमाने पर एकजुट होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार और मुंबई प्रशासन ने इन प्रदर्शनों की इजाजत दी है।

आज की बैठक में गृह मंत्री शाह पूरे देश में चल रहे प्रदर्शनों की रिपोर्ट मांग सकते हैं ताकि इस पर चर्चा हो सके। एक दिन पहले ही शाह ने साफ़ कर दिया था कि सरकार किसी भी सूरत में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों के सामने नहीं झुकेगी। इसके आलावा आज (गुरूवार) ही भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी साफ़ कहा है कि सरकार अब एनआरसी लेकर आएगी।

लखनऊ की हिंसा से जाहिर होता है कि राज्य प्रशासन को इसकी उम्मीद नहीं थी न ही उसकी इससे निपटने की कोइ तैयारी थी। यह कहा जाता है कि शाह, खासकर लखनऊ में हुई हिंसा से चिंतित हैं। वहां बड़े पैमाने पर हिंसा/आगजनी हुई है।

सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली या उत्तर प्रदेश में हो रहे विरोध प्रदर्शनों का नेतृत्व कोइ राजनीतिक दल नहीं कर रहा बल्कि समें आम लोग जुड़े हैं और यह सभी धर्मों से हैं। भाजपा भले इसे गुंडागर्दी और कांग्रेस सहित विपक्ष की ”साजिश” कह रही हो, सच यह है कि बड़े पैमाने पर आम लोग अपने स्तर पर इस क़ानून के खिलाफ सड़क पर उतर रहे हैं।

दिल्ली में जाम से इंडिगो की १९ उड़ानें रद्द, लखनऊ में हिंसा, वाहन जलाए

नागरिकता संशोधन क़ानून (सीएए) के खिलाफ हिंसा और आगजबनी की बड़ी पैमाने पर घटनाएं हुई हैं। दिल्ली में विरोध प्रदर्शनों के कारण लगे जाम के कारण क्रू के एयरपोर्ट न पहुँच पाने से इंडिगो ने अपनी १९ फ्लाइट्स रद्द कर दी हैं। लखनऊ में बड़े पैमाने पर हिंसा और आगजनी की घटनाएँ हुई हैं। दर्जनों वाहों को आग के हवाले कर दिया गया है।

दिल्ली में गुरुग्राम और कुछ अन्य जगह विरोध प्रदर्शनों के बाद लगे जाम से जनजीवन ठहर सा गया है। इंडिगो ने क्रू के जाम में फंस जाने और एयरपोर्ट न पहुँच पाने के बाद अपनी १९ उड़ानें रद्द कर दी हैं। स्पाइस जेट एयर एयर इंडिया ने भी अपनी १-१ फ्लाइट रद्द की है। इससे हजारों यात्रियों को बहुत परेशानी झेलनी पड़ी है।

दिल्ली-एनसीआर में भीषण जाम लग गया है। दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाले महामाया फ्लाईओवर से नोएडा गेट तक करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम लग गया है।

लखनऊ के परिवर्तन चौक पर जबरदस्त प्रदर्शन हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने यहां पुलिस पर पथराव किया और नारेबाजी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े।

कुछ जगह पथरबाजी से टीवी चैनलों की ओवी वैन को नुक्सान पहुंचने की भी खबर है। लखनऊ के हसनगंज में प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया और यहां पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई। इसके अलावा पुलिस चौकी में तोड़फोड़ भी हुई है। उत्तर प्रदेश पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को परिवर्तन चौक पर प्रदर्शन स्थल से गिरफ्तार कर लिया है।

लखनऊ में जबरदस्त हिंसा हुयी है। पुलिस थाने और गाड़ियों में आग लगाई गयी है।  एक चौकी को प्रदर्शनकारियों ने फूंक दिया। दर्जनों वाहनों को आग लगा दी गयी है। लखनऊ के हदरा, बेगम हज़रात महल आदि में भी प्रदर्शन और तोड़फोड़ हुई है।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन हो रहा है। देश के कई हिस्सों में धारा 144 लगाई गई है। यूपी पुलिस ने कहा है कि धारा १४४ का उल्लंघन न करें। अभिभावक बच्चों को समझाएं कि किसी भी सम्मेलन का हिस्सा न बने अन्यथा वैधानिक कार्यवाही की जाएगी।

दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि आज देश में कानून व्यवस्था बिगड़ रही है। आज सभी नागरिकों में डर है। मैं केंद्र सरकार से अपील करता हूं कि वह इस कानून को लागू न करे और युवाओं को रोजगार दे।

वामपंथी नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि नागरिकता कानून संविधान के खिलाफ है और हम तब तक विरोध करेंगे जब तक ये वापस नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जिनके पास कागज नहीं हैं वो कहां जाएंगे। दिल्ली में कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित, सीताराम येचुरी, डी राजा, उमर खालिद समेत कई बड़े नेताओं को हिरासत में ले लिया गया है। सभी नेता नागरिकता संशोधन एक्ट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। इससे पहले बेंगलुरु में रामचंद्र गुहा, लालकिला क्षेत्र में योगेंद्र यादव को भी हिरासत में लिए गए हैं।

इस बीच एयरटेल, वोडाफोन-आइडिया, रिलायंस जियो ने दिल्ली में मोबाइल इंटरनेट, कॉलिंग, SMS की सुविधा बंद होने की घोषणा की है। मंडी हाउस, सीलमपुर, जाफराबाद, मुस्तफाबाद, जामिया नगर, शाहीन बाग, बवाना समेत कई इलाकों में इंटर बंद है।

‘सीएएए विरोधी’ पोस्ट वायरल होने के बाद पिता सौरव गांगुली ने कहा बेटी को राजनीति में न घसीटें

बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली की १८ साल की बेटी सना गांगुली की ”नागरिकता क़ानून विरोधी” एक इंस्टाग्राम पोस्ट का स्क्रीनशॉट वायरल होने के बाद पिता गांगुली ने गुरूवार को कहा कि ”यह सच नहीं है। उनकी बेटी को किसी भी तरह की राजनीति से अलग रखना चाहिये।”

इससे पहले सना की एक कथित पोस्ट वायरल हो गयी जिसमें उन्होंने मशहूर लेखक खुशवंत सिंह के उपन्यास ”द एंड आफ इंडिया” से कुछ पंक्तियां डाली हैं जो यह हैं –  ”नफरत की बुनियाद पर खड़ा किया गया आंदोलन लगातार भय और संघर्ष का माहौल बनाकर ही जीवित रह सकता है। जो यह सोचते हैं कि मुसलमान या ईसाई नहीं होने की वजह से वे सुरक्षित हैं तो वे मूर्खों की दुनिया में जी रहे हैं।”

अब यह पोस्ट सना के अकाऊंट से हटा ली गयी है, हालांकि इसके स्क्रीन शॉट लोग वायरल कर रहे हैं। उनकी इस पोस्ट को लेकर कई लोगों ने लिखा कि यह मोदी और नागरिकता क़ानून का विरोध है। सना की इस पोस्ट को लेकर तारीफ़ की गयी है और एक ने तो उन्हें अपनी ”फेवरेट स्टार किड” बताया।

हालांकि, पिता सौरव गांगुली ने अब संशोधित नागरिकता अधिनियम पर निशाना साधने वाली बेटी की पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद कहा कि ”उनकी बेटी को किसी भी तरह की राजनीति से अलग रखना चाहिये”। दिग्गज खिलाड़ी ने कहा – ”कृपया सना को इन सब मामलों से दूर रखे। वह पोस्ट सच नहीं है। वह बहुत छोटी है और राजनीति के बारे में कुछ नहीं जानती।’’

सना ने कथित तौर पर खुशवंत सिंह की पुस्तक के जिन शब्दों को यहाँ डाला है उसमें कहा गया है – ”संघ पहले ही से वामपंथी इतिहासकारों और पश्चिमोन्मुखी युवाओं को निशाना बना रहा है। कल स्कर्ट पहनने वाली महिलाओं, मांस खाने वाले लोगों, शराब पीने, विदेशी फिल्में देखने वालों से भी नफरत में बदल जायेगा। दंतमंजन की जगह टूथपेस्ट का इस्तेमाल करो, वैद्य की जगह एलोपैथिक डाक्टर के पास जाओ, जय श्रीराम का नारा लगाने की बजाय हाथ मिलाओ या चुंबन दो। कोई भी सुरक्षित नहीं है। अगर भारत को जिंदा रखना है तो हमें यह समझना होगा।’’

कहा गया है कि सना ने यही पंक्तियाँ २००३ में प्रकाशित खुशवंत सिंह की किताब ”द एंड आफ इंडिया” से हैं। वायरल पोस्ट के मुताबिक इस किताब के जो अंश सना ने साझा किए हैं। उसमें लिखा है, ”हर फांसीवाद शासन को अपने आदेशों का पालन करने के लिए समुदाय और समूहों की जरूरत होती है। मगर यह यहीं पर नहीं रुकता। घृणा के आधार पर तैयार आंदोलन डर और संघर्ष दिखाकर ही आगे बढ़ाया जा सकता है।”

सना के अकाऊंट पर अब यह पोस्ट नहीं दिख रही। हालांकि, इसके स्क्रीन शॉट वायरल किए जा रहे हैं। सौरव गांगुली ने हालाँकि इसे लेकर अब लोगों को अपील की है कि उनकी बेटी इसमें न घसीटा जाए।

सौरव गांगुली का ट्वीट –
Sourav Ganguly

@SGanguly99
Please keep Sana out of all this issues .. this post is not true .. she is too young a girl to know about anything in politics.

इतिहासकार रामचंद्र गुहा हिरासत में, ममता बनर्जी ने कहा छात्रों से डर गयी है मोदी सरकार

सीएए विरोध : नागरिकता संशोधन क़ानून के खिलाफ देश भर में प्रदर्शनों के बीच बेंगलुरु में जाने माने इतिहासकार रामचंद्र गुहा को कर्नाटक पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंए ममता बनर्जी ने गुहा को हिरासत में लेने की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि मोदी सरकार छात्रों से डर गयी है। इस बीच दिल्ली में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं संदीप दीक्षित और उनकी पत्नी मोना और अजय माकन और उनकी पत्नी और बेटी को भी पुलिस ने हिरासत में ले लिया है।

इतिहासकार गुहा को हिरासत में लेने की निंदा करते हुए ममता बनर्जी ने ट्वीट किया –
”यह सरकार छात्रों से डरी हुई है। यह सरकार मीडिया से बात करने पर भारत के सबसे कुशल इतिहासकारों में से एक से डर गई। मैं रामचंद्र गुहा को हिरासत में लेने की निंदा करती हूं।” वीडियो क्लीपिंग्स में दिखाया गया है कि गुहा को पुलिस के लोग कलाई से पकड़कर एक बस की तरफ ले जा रहे हैं।

इस बीच दिल्ली में एक और मेट्रो स्टेशन को बंद करने से अब राजधानी में १८ मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट गेट बंद हो गए हैं। याद रहे नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी हैं और लेफ्ट विंग ने देश के अलग-अलग हिस्सों में बंद का आह्वान किया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के दरभंगा और पटना में ट्रेनें रोकी गईं हैं। दिल्ली में मथुरा रोड-कालिंदी कुंज के बीच रोड नंबर १३ए पर ट्रैफिक मूवमेंट को बंद किया गया है।

संभल में एक बस को आग के हवाले कर दिया गया। पुलिस आग काबू में करने की कोशिश कर रही है। लाल किले के पास भी धारा १४४ लगाई गई है।

उधर गुवाहाटी में कांग्रेस नेता हरीश रावत और रिपुन बोरा ने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया। जेएनयू के पूर्व छात्र नेता और ऐक्टिविस्ट उमर खालिद को लाल किले के पास से हिरासत में लिया गया है। उधर संचार कंपनी ”एयरटेल” ने कहा है कि सरकारी आदेश की वजह से दिल्ली के कुछ इलाकों में कॉल, एसएमएस और इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। दक्षिण भारत में भी प्रदर्शन हुए हैं जबकि बेंगलुरु में धारा १४४ लगाई गयी है।

ममता बनर्जी का ट्वीट –
Mamata Banerjee

@MamataOfficial
This government is scared of students. This government is scared of one of India’s most accomplished historians for speaking to the media on #CAB #NRC and holding a poster of GandhiJi. I condemn the detention  of Ram Guha. We extend our full solidarity to all those detained.

निर्भया के दोषी पवन की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट में अब आज ही होगी सुनवाई

निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी ठहराए गए पवन कुमार गुप्ता की याचिका पर अब आज (गुरूवार) ही सुनवाई होगी। दिल्ली हाईकोर्ट ने पहले यह सुनवाई २४ जनवरी के ले निश्चित की थी।

जानकारी के मुताबिक निर्भया के वकील के दखल के बाद अब आज ही इस मामले में  सुनवाई का फैसला किया गया है। पवन के वकील एपी सिंह ने कुछ नए दस्तावेज पेश करने का समय मांगा था, जिस पर कोर्ट ने सुनवाई टाल दी थी।

दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर पवन ने खुद को नाबालिग बताया है। इस याचिका में पवन ने कहा कि २०१२ में वह नाबालिग था और उसके साथ किशोर न्याय कानून के तहत बर्ताव किया जाए। निर्भया गैंगरेप मामले में फांसी की सजा पाए पवन गुप्ता ने अपनी याचिका में दावा किया कि वह दिसंबर २०१२ में हुई वारदात के समय नाबालिग था। ट्रायल कोर्ट ने गलत तरीके से उसके खिलाफ काम किया।

इस याचिका में कहा गया है कि ट्रायल कोर्ट ने एक नाबालिग के तौर पर उसके अधिकारों का हनन किया है। जांच अधिकारी के जरिए उम्र की जांच के लिए मेडिकल परीक्षण नहीं कराया गया था, लिहाजा उसे जुवेनाइल जस्टिस एक्ट कर तहत संदेह का लाभ दिया जाना चाहिए। अब इस मामले में आज ही सुनवाई होगी।

‘उत्पीडि़त’ परवेज मुशर्रफ को भारतीय नागरिकता!

एक ओर जहां नागरिकता संशोधन कानून का देशभर में व्यापक विरोध हो रहा है, वहीं दूसरी ओर अब भाजपा के अंदर ही इस कानून को लेकर सवालिया निशान उठाए जा रहे हैं। इस कानून के संसद से पारित होने के बाद देशभर में उबाल आ गया है। इस विवादित कानून के विरोध में पूर्वोत्तर से लेकर बंगाल और अब दिल्ली व उत्तर प्रदेश से लेकर दक्षिण के तमिलनाडु, कर्नाटक और केरल समेत देश के अन्य हिस्सों में आग धधक रही है।
अब इस मामले में भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्वीट के जरिये मोदी सरकार के इस कानून पर तंज कसा है। उन्होंने पाकिस्तान के पूर्व तानाशाह रिटायर्ड जनरल परवेज मुशर्रफ को लेकर निशाना साधा है। पाकिस्तान में उन्हें ‘मुहाजिर’ कहा जाता है, यानी जो लोग आजादी के बाद भारत से पाकिस्तान पहुंचे। बता दें कि मुशर्रफ दिल्ली के दरियागंज इलाके से हैं और फिलहाल पाकिस्तान में उत्पीडऩ का सामना कर रहे हैं। उन्हें 17 दिसंबर को ही पाकिस्तान की विशेष अदालत ने फांसी की सजा सुनाई है।
सुब्रह्मण्यम स्वामी ने ट्वीट किया-हम परवेज मुशर्रफ को फास्ट ट्रैक आधार पर नागरिकता दे सकते हैं क्योंकि वह दरियागंज से हैं और उत्पीडऩ का सामना कर रहे हैं। अपने आपको हिंदुओं का वंशज मानने वाले सभी लोग नागरिकता संशोधन कानून के लिए अर्हता रखते हैं और उनको नागरिकता दी जाए।

देश भर में प्रदर्शन, दिल्ली में १७ मेट्रो स्टेशन बंद

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का देश भर में विरोध तेजी पकड़ रहा है। गुरूवार को देश के कई हिस्सों में कांग्रेस सहित पूरे विपक्ष का विरोध प्रदर्शन होने वाला है। इस बीच दिल्ली में प्रदर्शनों को देखते हुए १७ मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं एयर वहां बड़ी संख्या में लोगों को हिरासत में ले लिया गया है जिनमें कई नामी लोग भी शामिल हैं।

नए कानून के खिलाफ देश के दर्जन भर बड़े शहरों में आज प्रदर्शन की तैयारी है।  दिल्ली में कुछ जगह पुलिस ने प्रदर्शन की इजाजत नहीं दी है और राजधानी में किसी भी तरह की रैली पर रोक लगा दी गयी है। ऐसा हे लखनऊ में भी है, जहाँ लोगों के इक्क्ठे होने पर रोक लगाई गयी है। बिहार में सुबह प्रदर्शन हुआ है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री कोलकाता में आज दोपहर नागरिकता कानून और एनआरसी के खिलाफ पैदल मार्च निकालेंगी। ममता बनर्जी साफ़ कर चुकी हैं कि वो किसी भी सूरत में बंगाल में सीएए और एनआरसी लागू नहीं होने देंगी। वे पिछले दो दिन में विरोध मार्च में हिस्सा ले चुकी हैं और इनमें उन्हें ख़ासा जनसमर्थन मिला है।

बता दें, बंगाल ही नहीं केरल और पंजाब के मुख्यमंत्री भी अपने राज्यों में नागरिकता संशोधन क़ानून लागू न करने का ऐलान कर चुके हैं।

उधर कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भी गुरुवार को होने वाले प्रदर्शनों पर रोक लगा दी गई है। मुंबई, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद, नागपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता और भोपाल में प्रदर्शनों पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। इस हफ्ते दिल्ली में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच दो बार हिंसक झड़प हो चुकी है।

दिल्ली में लाल किला पर प्रदर्शन करने की तैयारी थी लेकिन पुलिस ने इसपर रोक लगा दी।  राजधानी में कई लोगों को हिरासत में ले लिया गया है और कमसे कम १७ मेट्रो स्टेशन बंद कर दिए गए हैं। पुलिस का कहना है कि कानून व्यवस्था और  ट्रैफिक को देखते हुए प्रदर्शनों की इजाजत नहीं दी जा सकती।

यूपी पुलिस की ओर से बताया गया है कि धारा १४४ लागू की गयी है और गुरुवार को किसी भी तरह के प्रदर्शन की इजाजत नहीं है। भुवनेश्वर में सुबह १० बजे से लोगों से जुटने की अपील की गई थे जबकि मुंबई में प्रदर्शनकारी रैली निकालते हुए नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करेंगे। चेन्नई में तीन बजे लोगों जुटेंगे, भोपाल में दोपहर दो बजे, हैदराबाद में चार बजे और पुणे में साढ़े चार बजे नए कानून के खिलाफ विरोध दर्ज करने के लिए प्रदर्शन होंगे।

अमेरिका के निचले सदन में ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास

अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव पास हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति के लिए यह बड़ा झटका है। सदन ने ट्रम्प के खिलाफ महाभियोग चलाए जाने के पक्ष में मतदान किया है। ट्रम्प को जनवरी में ऊपरी सदन ”सीनेट” में सुनवाई का सामना करना पड़ सकता है जहाँ उनकी पार्टी  रिपब्लिकन का बहुमत है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप पर महाभियोग चलाने के लिए बुधवार को काफी देर तक चली बहस के बाद जो मतदान हुआ उसमें ट्रंप पर सत्ता के दुरुपयोग के लिए महाभियोग प्रस्ताव अमेरिकी हाउस में १९७ के मुकाबले २३० मतों से पास कर दिया गया। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ट्रम्प को अब जनवरी में सीनेट में सुनवाई का सामना करना पड़ सकता है। वैसे सीनेट में डोनाल्ड ट्रंप की पार्टी रिपब्लिकन का  बहुमत है।

इस बाबत अमेरिका की हाउस ऑफ जुडिशियरी ने एक ट्वीट किया है जिसमें बताया गया है कि हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव ने संयुक्त राज्य अमेरिका के ४५वें राष्ट्रपति ट्रम्प के महाभियोग प्रस्ताव के हक़ में वोटिंग की है। याद रहे डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ सत्ता के दुरुपयोग का मामला है। ट्रंप पर महाभियोग के मामले में संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में बुधवार को लगभग दस घंटे की लम्बी बहस हुई।

निचले सदन में ट्रम्प के खिलाफ फैसला आने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रतिनिधि सभा की स्पीकर नैन्सी पेलोसी पर निशाना साधा था और डेमोक्रेट सांसदों पर अभूतपूर्व और असंवैधानिक तरीके से शक्तियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था। ट्रम्प ने साथ ही खुद को ”सत्ता परिवर्तन के अवैध, पक्षपातपूर्ण प्रयासों का शिकार बताया” था।  ट्रंप ने छह पन्नों के अपने संदेश में लिखा था कि ”जब मतदाता अगले साल मतदान करेंगे तब डेमोक्रेटों को अपनी कोशिशों पर पछतावा होगा”।

गौरतलब है कि प्रतिनिधि सभा की न्यायिक समिति ने बहस के बाद पिछले हफ्ते ट्रंप के खिलाफ दो आरोपों को मंजूरी दी गयी थी। इनमें पहला सत्ता के दुरुपयोग का है।  ट्रंप पर यूक्रेन पर २०२० के आम चुनावों में उनके संभावित राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को बदनाम करने के लिए दबाव बनाने का आरोप है। जबकि दूसरा आरोप  महाभियोग मामले में सदन की जांच में सहयोग नहीं करने का है।

हाउस ऑफ जुडिशियरी का ट्वीट –
House Judiciary Dems

@HouseJudiciary
The House of Representatives has impeached the 45th President of the United States, Donald John Trump.

निर्भया के एक दोषी अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को निर्भया रेप-मर्डर मामले के एक दोषी अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी। सर्वोच्च अदालत ने मामले की सुनवाई के बाद अपने फैसले में फांसी की सजा बरकरार राखी और कहा कि दोषी का गुनाह माफी लायक नहीं है।

इस मामले पर फैसला सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनाया। सुनवाई के बाद बेंच ने फैसला सुनाते हुए फांसी की सजा बरकरार रखते हुए कहा कि दोषी का गुनाह माफी के लायक नहीं है।

अदालत के फैसले के बाद अक्षय के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि दोषी राष्ट्रपति के पास दया की अपील करना चाहता है, और इसके लिए उसे तीन सप्ताह का समय दिया जाए।

अक्षय के वकील के कहने के बाद सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसका विरोध किया। मेहता ने कहा कि नियम के मुताबिक दोषी को राष्ट्रपति के पास गुहार लगाने के लिए एक हफ्ते का समय दिया जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी कहा कि दोषी तय अवधि में मर्सी अपील (दया याचिका) दाखिल कर सकता है।

नागरिकता क़ानून को लेकर दायर याचिकाओं पर केंद्र को सुप्रीम कोर्ट का नोटिस, अब सुनवाई २२ जनवरी को होगी

सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को नागरिकता संशोधन कानून को लेकर दायर याचिकाओं पर  केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस मामले पर कोर्ट २२ जनवरी को सुनवाई करेगा। अदालत ने क़ानून पर कोइ ”स्टे” नहीं दिया है।
मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश जस्टिस एसए बोबडे ने कहा कि ”हमें देखना होगा कि क्या क़ानून पर स्टे दिया जा सकता है?” उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट नागरिकता संशोधन कानून की वैधता का परीक्षण करेगा। प्रधान न्यायाधीश जस्टिस बोबडे के नेतृत्व वाली तीन जजों की बेंच ने आज याचिकाओं पर सुनवाई की। इस बेंच में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
सर्वोच्च अदालत ने इस मामले में फिलहाल केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर दिया  है  अदालत ने कहा कि कानून पर कोई रोक नहीं है। अदालत में इस मामले में चुनौती के लिए कुल ५९ याचिकाएं दायर की गयी हैं। मामले की अगली सुनवाई २२ जनवरी को राखी गयी है।
याद रहे मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन कानून को लेकर अदालत में काफी याचिकाएं दायर की गयी हैं। यही नहीं दश भर में इसे लेकर विरोध प्रदर्शन भी जारी हैं। अदालत में जिन प्रमुख लोगों या दलों, संस्थाओं की तरफ से याचिकाएं दायर की गयी हैं उनमें  में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश, इंडियन मुस्लिम लीग और असम में सत्तारुढ़ भाजपा की सहयोगी पार्टी असम गण परिषद शामिल हैं।