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कूलर बाजार में सन्नाटा , सप्लाई भी बंद, व्यापारी दुखी

कोरोना वायरस नामक महामारी से कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जिसको इस महामारी के कारण आथिर्क क्षति ना हुई हो।ऐसा ही हाल दिल्ली के कूलर बाजार का है। कूलर बाजार से जुडे व्यापारियों ने तहलका संवाददाता को बताया कि गर्मी का एक महीना अप्रैल अब समाप्त होने को है.। पर उनका कूलर का व्यापार शुरू होने का नाम ही नहीं ले रहा है। वजह कोरोना वायरस के कारण लाँकडाउन का होना।व्यापारियों का कहना है कि अगर मई के महीनें में भी लाँकडाउन रहा तो कूलर विक्रेताओं के सामने विकट विषम समस्या पैदा हो जायेगी।क्योंकि कूलर का व्यापार मई के महीने में जोरों पर ही होता है।

बताते चले कूलर का सबसे बडा कारोबार दिल्ली के कमला मार्किट से सारे देश में होता है। यहां से  कूलर  की सप्लाई उ.प्र, म,प्र ,राजस्थान ओर हरियाणा सहित अन्य राज्यों में होती है।पर इस बार लाँकडाउन के कारण, वाहनों ओर व्यापारियों के आवाजाहीं पूरी तरह बंद होने के कारण धंधा बंद है।यहां के व्यापारी अमित गुप्ता ने बताया कि कोरोना वायरस एक महामारी के साथ विपदा है। इसका सामना तो सारा देश कर ही रहा है। लेकिन ऐसे हालात में जो विपदा व्यापारियों पर पडी है। उसको सिर्फ व्यापारी ही समझ रहा है।उन्होंने बताया कि माकिर्ट  की सारी दुकानों में सन्नाटा पसरा है। जो इन दिनों दुकानदारों ओर खरीददारों से गुलजार रहा करता था । अरबों रूपयों का व्यापार करने वाले कूलर व्यापारियों का कहना है कि हर साल की भाँति इस साल भी एक से बढ कर एक नये नये आधुनिक कूलरों का स्टाँक उन्होंने अपने गोदामों में रख लिये थे, पर ऐसा कहर कोरोना वायरस वरपाएंगा  किसी को कोई अंदाजा तक नहीं था।व्यापारियों का कहना है कि गनीमत तो ये है कि गांवों ओर कस्बों से वहां के व्यापारियों का एडवांस पैसा कूलरों बिक्री के नाम पर जमा नहीं हो पाया। अन्यथा सप्लाई में बाधा होने के कारण ओर भी दिक्कत होती। व्यापारी पंकज सेठ का कहना है, कि अप्रैल ओर मई के महीनों में शादी ओर विवाह अब पूरी तरह से स्थगित है।शादी ओर विवाह में कूलरों की खरीददारी लोग जमकर करते रहे है। जिससे व्यापारियों की कमाई होती रही है।पर इस बार ऐसा ऩा हो सका। ओर बाजारों में लाँकडाउन होने के कारण अब व्यापारियों के जीवन में आथिर्क संकट आ गया है।उन्होंने बताया कि  हरियाणा के गुरूग्राम, सिरसा ओर करनाल में हर साल कूलरों की कई खेपें अप्रैल के महीनें चली जाती रही है , इसी तरह अन्य राज्यों में भी । पर कोरोना वायरस का कहर रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है जिसके कारण कूलर व्यापारियों का धंधा चौपट हो रहा है। व्यापारियों का कहना है कि पहले जीएसटी की मार से परेशान से थे । अब कोरोऩा वायरस की मार से, ऐसे हालात में व्यापारियों के सामने रोजी रोटी का संकट गहरा सकता है।  क्योंकि कुछ व्यापारियों ने बैंक ओर बाजार से कर्ज के तौर पर ले रखा है अब उस कर्ज के अदा करने की चिंता उन्हें सता रही है ।

लाॅकडाउन से बोर होकर कारोबारी बना डिलीवरी ब्वाॅय

कोरोना वायरस संक्रमण के चलते लगभग पूरी दुनिया में जिंदगी थम सी गई है। आधे से अधिक देशों में लाॅकडाउन जैसी सख्त पाबंदियां लगाई गई हैं। जिन लोगों को घरों पर रहने की आदत नहीं है, वे अब बोर होने लगे हैं। ऐसे में उनके पास क्या विकल्प हो सकते हैं, शायद उन्हें भी अपनाने के प्रयास शुरू होने लगे हैं। ऐसा ही एक वाक्या पिछले दिनों सामने आया जिसमें करोड़ों रुपये का कारोबार करने वाला एक शख्स घर पर बोर होने के बाद डिलीवरी ब्वाॅय बन गया।

जी हां, हम बात कर रहे हैं, रूस की राजधानी माॅस्को के बिजनेसमैन की। इस कारोबारी ने अपना काम बंद हो जाने के बाद अपनी बोरियत को दूर करने के लिए डिलीवरी ब्वाॅय बनने की ठानी और आज यह घर-घर सामान की सप्लाई कर रहा है।

वॉशिंगटन पोस्ट की खबर के अनुसार, 38 वर्षीय कारोबारी सर्जी नोकोवनी के बिजनसे पर सिर्फ असर ही नहीं पड़ा है, बल्कि डूब गया है। अब वह जिंदगी को नए सिरे से देखना और जीना चाहते हैं, इसीलिए उन्होंने यह विकल्प चुना।

रिपोर्ट के अनुसार, नोकोवनी का कंसल्टिंग बिजनेस का करीब 15 करोड़ रुपये सालाना टर्नओवर का कारोबार है। वह पहले चीन में काम करते थे, लेकिन पिछले साल ही रूस वापस आ गए। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन में शारीरिक गतिविधयां नहीं कर पा रहे थे। अब जब से डिलीवरी ब्वाॅय का काम शुरू किया है तो रोजाना 20 किलोमीटर तक चलना पड़ता है यानी अच्छी खासी एक्टिविटी हो जाती है। इसमें कोई नोटिस भी नहीं करता है।

शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार, ५ मंत्रियों ने शपथ ली

मध्य प्रदेश में मंगलवार को मंत्रिमंडल का विस्तार किया गया है। शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद वहां किसी भी मंत्री की शपथ नहीं हुई थी। आज वहां पांच विधायकों को मंत्री बनाया गया है। राज्यपाल लालजी टंडन ने मंत्रियों को शपथ दिलाई।

वहां मंगलवार को जिन विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली उनमें नरोत्तम मिश्रा, तुलसी राम सिलावट, कमल पटेल, गोविंद सिंह राजपूत और मीना सिंह शामिल हैं। आज के विस्तार में एक ऐसे विधायक को भी मंत्री बनाया गया है जिनपर अवैध खनन का आरोप लगा था।

मध्य प्रदेश में मार्च में लंबे समय तक राजनीतिक संकट जैसे स्थिति रही थी। विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगा। विधायकों को प्रदेश से बहार भेजा गया जिससे काफी तमाशा बना जबकि मध्य प्रदेश में कोरोना भी पाँव पसार रहा था।

कमलनाथ सरकार गिरने के बाद मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह ने बहुमत का दावा किया था जिसके बाद उन्हें मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई थी। हालांकि शपथ अकेले उनकी ही हुई थी।

याद रहे कोरोना को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शिवराज सिंह चौहान पर  लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। उन्होंने कहा कि राज्य में सिर्फ शहरी इलाकों में टेस्टिंग हो रही है। ग्रामीण इलाकों में कितनी टेस्टिंग हो रही है? उन्होंने कहा था कि मध्यप्रदेश इकलौता ऐसा राज्य है जहां एक महीने तक न तो स्वास्थ्य मंत्री था न गृह मंत्री।

राष्ट्रपति भवन में कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद १२५ परिवार क्वारंटाइन में

कोरोना का प्रकोप राष्ट्रपति भवन तक पहुँच गया है। वहां १२५ परिवारों को आईसोलेशन में रखने की सलाह स्वास्थ्य मंत्रालय ने दी है। वहां एक व्यक्ति को कोविड-१९ पॉजिटिव पाया गया है।

ख़बरों के मुताबिक स्वास्थ मंत्रालय ने राष्ट्रपति भवन में एक व्यक्ति के कोरोना का संक्रमण होने के बाद इन परिवारों को अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन होने का सुझाव दिया है।

ऐसा एहतियातन किया गया है। नियमों के मुताबिक किसी क्षेत्र में कोरोना का एक भी मरीज पाए जाने पर उस पूरे इलाके को एहतियातन क्वारंटाइन करने का फैसला किया जा रहा है ताकि इसे फैलने से रोका जाए

राष्ट्रपति भवन से यह कोरोना का पहला ही मामला है। राष्ट्रपति भवन में कोरोना पॉजिटिव मामला सामने आने के बाद सरकार भी चिंतित है और इस पर कड़ी निगाह रखी जा रही है।

वैसे सरकार के मुताबिक भारत में अब संक्रमण के मामलों की रफ़्तार घट रही है। देश के ५९ जिलों में पिछले एक पखवाड़े में कोरोना वायरस का एक भी मामला सामने नहीं आया है।

मुंबई में ५३ पत्रकारों की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव निकली

डाक्टरों और चिकित्सा स्टाफ के बाद अब ज़मीन पर काम कर रहे पत्रकारों में भी बड़ी संख्या में कोरोना पॉजिटिव मिलने से हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक अकेले मुंबई में ५३ पत्रकार कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

महाराष्ट्र, जहाँ कोरोना मामले सबसे ज्यादा हैं, के मुंबई में ४-५ नहीं, ५३ पत्रकारों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इस खबर ने देश भर के मीडिया संस्थानों में हड़कंप मचा दिया है। इन कोरोना संक्रमित मीडियाकर्मियों में टीवी रिपोर्टर, कैमरामैन और प्रिंट के पत्रकार/फोटोग्राफर शामिल हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन लोगों में कोरोना जैसे कोइ लक्षण ही नहीं थे, हालांकि टेस्ट में यह लोग पॉजिटिव पाए गए हैं।

इन पत्रकारों के पॉजिटिव होने की जानकारी तब सामने आई जब महाराष्ट्र की टीवी पत्रकारों की संस्था ”टीवी जर्नलिस्ट एसोसिएशन” ने शनिवार को इन पत्रकारों का कोरोना का टेस्ट करवाया।

इस टेस्ट अभियान में १६७ पत्रकारों के टेस्ट हुए।  अब आज (सोमवार) को जब इनकी रिपोर्ट सामने आई तो सभी चौंक गए। इनमें से ५३ पत्रकार पॉजिटिव मिले।

अब यह संस्था इन पत्रकारों के बेहतर इलाज की कोशिशों में जुट गयी है। साथ ही वहां पत्रकारों के लिए हिफाजती गाइडलाइन भी जारी की गयी है।

यह भी कहा गया है कि एकाध दिन में मुंबई में अब अन्य पत्रकारों का भी टेस्ट करवाया जायेगा। जो पत्रकार पॉजिटिव मिले हैं वे हाल तक कई मंत्रियों, नेताओं आदि की प्रेस कांफ्रेंस में शामिल होते रहे हैं। अब संभावना है कि जल्दी ही इनके परिजनों के भी टेस्ट करवाए जायेंगे।

डाक्टरों की जागरूकता अभियान की पहल

कोरोना वायरस का कहर दिन व दिन लोगों की जिदंगी में भय पैदा कर रहा है । अब डाक़टरो ने भय दूर करने के लिये एक  जागरूकता अभियान की शुरूआत करने का फैसला लिया है। डीएमए, आईएमए और तमाम हेल्थ संगठनों ने इस अभियान मे जुडनें में सहमति व्यक्त की है।इस अभियान की सबसे बढी विशेषता ये है, कि जो भी चिकित्सक भाग लेगा वो अपने पैसों से रोगियों की मदद भी करेगा।इस बारे मे जानकारी देते हुये नेशनल मेडिकल फोरम के अध्यक्ष डाँ. प्रेम अग्रवाल ने बताया कि देश एक संकट के दौर से गुजर रहा है।ऐसे समय में लोगों के बीच में जो डर फैला है उसको दूर करने के लिये देश भर के डाक्टरों की ये पहल कोरोना वायरस के डर को दूर करेगी।

मैक्स  अस्पताल के डाँ विवेका कुमार ने बताया कि कोई भी बीमारी इतनी घातक नहीं होती है। जितना की लोगों ने डर मन में बैठा लिया है। क्योंकि कोरोना वायरस के नाम पर जो वातावरण डर और भय का बना है । इसके कारण तो बहुत से लोग ईलाज कराने से डर रहे है । जबकि इस बीमारी का ईलाज है। लोग ईलाज के बाद ठीक भी होकर अपने घर भी जा रहे है।डीएमए के पूर्व अध्यक्ष डाँ अनिल बंसल का कहना है, कि बीमारियों को ईलाज के साथ साथ जागरूकता से काबू पाया जाता रहा है , ऐसे समय में डाक्टरों की ये पहल काफी कारगर साबित होगी। डाँ प्रेम का कहना है कि इस अभियान में राजस्थान, उ.प्र, म.प्र, पंजाब और मुम्बई के डाँक्टरों ने सहमति  व्यक्त की है। इसके लिये राज्य सरकारों की सहमति मिलते ही अभियान शुरू हो जायेगा।

विजय माल्या को लंदन की अदालत ने दिया झटका

लंदन की अदालत ने भारत से बड़ा लोन लेकर भागे शराब कारोबारी और किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख विजय माल्या को 20 अप्रैल को तगड़ा झटका दिया है। विजय माल्या ने भारत सरकार द्वारा अपने प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ लंदन के हाई कोर्ट में अपील दायर की थी, लेकिन 20 अप्रैल को लंदन हाई कोर्ट ने उसकी अपील को ख़ारिज कर दिया है। सवाल यह उठता है कि क्या अब विजय माल्या को भारत के हवाले किया जाएगा?

बता दें कि विजय माल्या ने 31 मार्च को ट्वीट किया था कि उसने बैंकों को उनका पूरा पैसा चुकाने के लिए लगातार ऑफर किया है। लेकिन बैक न तो पैसे लेने को तैयार हैं और न ही प्रवर्तन निदेशालय संपत्तियों उसकी सम्पत्तियाँ छोड़ने को तैयार है। उसने इसी ट्वीट में यह भी कहा कि काश! इस समय वित्त मंत्री (भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण) मेरी बात को सुनती हैं। ख़ैर, अब देखना यही है कि क्या विजय माल्या को भारत गिरफ़्तार कर पायेगा?

विदित हो कि पिछले दिनों कोरोना वायरस के संक्रमण और भारत में लॉकडाउन के बीच विजय माल्या ने बकाया ऋण चुकाने की पेशकश की थी। विजय माल्या ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से कहा था कि कोरोना वायरस महामारी की संकट की घड़ी में दिवालिया हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस द्वारा उधार ली गई शत्-प्रतिशत राशि चुकाने की मेरी पेशकश है, वित्त मंत्री इस पर विचार करें। यह बात विजय माल्या ने ट्वीट करके स्पष्ट की थी। माल्या ने यह भी कहा था कि मुझे उम्मीद है कि वित्त मंत्री संकट की इस घड़ी में मेरी बात सुनेंगी।

अमीरजादे और श्रद्धालु उड़ा रहे लॉकडाउन की धज्जियां

देशभर में लॉकडाउन लागू है और कोरोना वायरस के मामले भी बढ़ रहे हैं, पर चिंता किसे है। कानून के जानकार से लेकर सत्ता के नशे और भक्ति में चूर लोग पाबंदियों की लगातर धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसमें चाहे तब्लीगी जमाती हों, बीजेपी के सत्ताधारी हो या श्रद्धालु किसी को कमतर जिम्मेदार नहीं माना जा सकता।
अब लगता है प्रदेश की सरकारें भी अपनी-अपनी ताकत का इजहार कर रही हैं। पहले गुजरात सरकार गुजरातियों को लाने खास व्यवस्था करती  है। इसके बाद यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ लॉकडाउन तोड़ पूजा पाठ में भाग लेने के बाद दिल्ली से मजदूरों को लाने के लिए बसों का इंतजाम किए जाने का ऐलान करते हैं, पर तादाद कहीं ज़्यादा होने से उसपे पानी फिर जाता है।
फिर, शायद इसकी भरपाई के लिए राजस्थान के कोचिंग सेंटर कोटा से अमीरों के फंसे हज़ारों बच्चों को लाने के लिए एसी और गैर एसी बसों का इंतजाम किया जाता है। इसका बिहार के सीएम नीतीश कुमार विरोध भी करते हैं। पर उनको बिहार में ही विपक्ष घेर लेता है। उसके बाद छत्तीसगढ़ और दूसरे राज्य भी कोटा से अपने राज्य के बच्चों को वापस लाने का एलान करते हैं।
इन सबसे ज़्यादा भयावह है आम लोगों का श्रद्धालुओं के रूप में  भीड़ का जुटना। पिछले हफ्ते ही कर्नाटक के कलबुर्गी में एक धार्मिक कार्यक्रम में भारी संख्या में लोग जुटे। ये लोग सिद्धालिंगेश्वर मेले में भाग लेने के लिए इकट्ठे हुए थे।
घटना का जो वीडियो सामने आया है, उसमें लोग एक रथ को खींच रहे हैं। वीडियो में लोगों को कंधे से कंधा मिलाकर रथ को खींचते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान इसमें शामिल लोगों को और न ही शासन प्रशासन को न तो लॉकडाउन की फिक्र है और न ही सोशल डिस्टेंसिंग की। यह मेला कलबुर्गी जिले के चिट्टापुर तालुका में आयोजित हुआ।।
इससे पहले कर्नाटक में ही 10 अप्रैल को भाजपा विधायक  एम जयराम का बर्थडे मनाने का वीडियो भी वायरल हुआ। उसके बाद कर्नाटक में ही पूर्व पीएम पीवी नरसिंह राव के पोते की शादी में भी बहुत से लोग जमा हुए, जिन्होंने कोरोना गाइडलाइंस की धज्जियां उड़ाईं।

सीएम योगी के पिता का निधन

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के पिता आनंद सिंह बिष्‍ट का सोमवार को निधन हो गया। पिता की मौत की जब खबर मिली, उस समय योगी अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे, हालांकि वो बैठक पूरी करने के बाद ही उठे।

उनके पिता का निधन सोमवार सुबह दिल्‍ली के ऑल इंडिया इंस्‍टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (एम्स) में हुआ। कुछ आयु संबंधी रोगों के चलते उनकी हालत गंभीर थी और उन्‍हें वेंटिलेटर की स्पोर्ट पर रखा गया था।

जब पिता के निधन की खबर आई उस समय योगी लॉकडाउन से जुड़े इंतजामों पर लखनऊ में बैठक कर रहे थे। अधिकारियों ने उन्हें पिता की मौत की सूचना दी हालांकि वे बैठक पूरी करके ही उठे।

योगी ने बताया कि लॉक डाउन के चलते पिता के अंतिम संस्कार में हिस्सा नहीं ले पाएंगे और लॉक डाउन के बाद ही अंतिम दर्शन के रूप में गाँव जायेंगे। उन्होंने लोगों से भी आग्रह किया कि वे लॉक डाउन का पालन करते हुए कम संख्या में अंतिम संस्कार में जाएँ।

यहाँ गौरतलब है कि एम्स में इलाज के दैरान उनके पिता को देखने पिछली रात भाजपा अध्‍यक्ष जेपी नड्डा के अलावा गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी के संगठन महासचिव बीएल संतोष भी पहुंचे थे। उनकी तबीयत रविवार शाम को काफी बिगड़ गई थी जिसके बाद उन्हें लाइफ सपोर्ट सिस्‍टम पर रखा गया। हालांकि उनकी स्थिति में कोइ सुधार नहीं आया। आज करीब साढ़े दस बजे उनकी मृत्यु हो गयी।

पालघर में दो साधुओं सहित तीन की हत्या पर योगी ने ठाकरे को किया फोन, कार्रवाई की मांग

महाराष्ट्र के पालघर में अफवाह के चलते दो साधुओं सहित तीन लोगों की मॉब लिंचिंग मामले पर अब उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को फोन किया है और उनसे दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। उधर महाराष्ट्र पुलिस ने इस मामले में ११० लोगों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक पालघर की यह घटना तीन दिन पुरानी है लेकिन अब इसके सामने आने के बाद इसपर राजनीति भी शुरू हो गयी है। इस घटना में तीन लोगों की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी। आरोप है कि जब यह घटना हुई, वहां पुलिस भी उपस्थित थी लेकिन लोगों को बचाने की कोशिश नहीं की गयी।
अब सोमवार को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह मामला महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे से उठाया है। उन्होंने ठाकरे को फोन कर दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। महाराष्ट्र के पालघर में इस घटना की वजह एक अफवाह को माना जा रहा है। भीड़ ने इन दो साधुओं और उनकी वैन के चालक को पीट-पीटकर मार डाला क्योंकि लोगों को उनके चोर होने का शक था।
अब योगी ने अपने ट्वीट में लिखा – ”पालघर, महाराष्ट्र में हुई जूना अखाड़ा के संतों स्वामी कल्पवृक्ष गिरि, स्वामी सुशील गिरि और उनके चालक नीलेश तेलगड़े की हत्या के संबंध में कल शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से बात की और घटना के जिम्मेदार तत्वों के खिलाफ कठोर कार्रवाई के लिए आग्रह किया।”
इस बीच पुलिस ने इस मामले में ११० लोगों को गिरफ्तार किया है।  यह साधु एक किराये की वैन में किसी के अंतिम संस्कार में हिस्सा लेने कांदिवली से सूरत जा रहे थे।