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गोवा कोरोना वायरस मुक्त- सीएम प्रमोद सावंत

जहां एक तरफ देश में कोरोना वायरस की संख्या लगातार बढती जा रही है वहीं गोवा से बेहद राहत भरी ख़बर देते हुए गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने बताया कि संडे 19 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित आखरी व्यक्ति भी ठीक हो गया हैं और गोवा कोरोना वायरस से मुक्त हो गया हैं।

सीएम सावंत ने ट्वीट करते हुए कहा, ‘ गोवा के लिए आज राहत और संतोष भरी ख़बर आई हैं, जहाँ कोरोना वायरस से संक्रमित आखरी व्यक्ति भी ठीक हो गया हैं। इसके लिए डॉक्टर्स व उनके पूरे सहयोगी स्टाफ टीम ,उनके अथक प्रयास के लिए प्रशंसा की पात्र है। पिछले तीन अप्रैल से राज्य में नया मामला नहीं आया हैं।’

सावंत ने कहा, ‘ मुझे इसकी घोषणा करते हुए बहुत अच्छा लग रहा हैं. मै जनता से मांग करता हूँ कि वह तीन मई तक लॉक डाउन के नियमों का पालन करें जैसे अभी तक करते आ रहे हैं।’

क़ाबिलेगौर है कि गोवा में कोरोना वायरस के सात मामले सामने आए थे, जिसमे से छह पहले ही ठीक होकर अपने घर जा चुके थे। वहीं आखरी मरीज आज संडे 19 अप्रैल को ठीक हो गया। इसके बाद पूरे राज्य में पॉजिटिव कोई मामला नहीं हैं।

विश्वजीत राणे जो गोवा के हैल्थ मिनिस्टर हैं, ने कहा, ‘शून्य का वास्तव में बहुत मूल्य है। यह घोषणा करते हुए बेहद खुशी हुई कि गोवा में सभी # COVID19 सकारात्मक मामले अब नकारात्मक हैं। हमारे डॉक्टरों और फ्रंटलाइन कार्यकर्ताओं का बहुत आभारी हूं जिन्होंने दूसरों को बचाने के लिए अथक और जोखिम भरा काम किया।’

केंद्रीय गृह मंत्री ने कोरोना महामारी पर 20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट के सम्बन्ध में राज्यों से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर स्थिति को नियंत्रण में रखने के निर्देश दिए

केंद्रीय गृह मंत्री, अमित शाह, ने कोरोना महामारी पर गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ कल समीक्षा बैठक की। उन्होंने निर्देश दिए कि 20 अप्रैल से दी जाने वाली छूट के सम्बन्ध में राज्यों से महत्वपूर्ण बिंदुओं पर चर्चा कर स्थिति को नियंत्रण में रखने के निर्देश दिए।

गृह मंत्री ने कहा कि प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अभी भी कोरोना के साथ लड़ाई लड़ रहा है, इसलिए लॉकडाउन प्रतिबंधों के साथ समय-समय पर दिए गए दिशा-निर्देशों का निष्ठापूर्वक पालन किया जाना चाहिए ।

समीक्षा के दौरान गृह मंत्री के निर्देशानुसार एसे क्षेत्र जो हॉट-स्पॉट / क्लस्टर्स / कंटेन्मेंट ज़ोन में नहीं आते और जिनमें कुछ गतिविधियों की अनुमति दी जा रही है, वहां सावधानी बरतना और यह सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि छूट केवल वास्तविक परिस्थितियों का यथोचित आंकलन करके दी जाए।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल देने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ आर्थिक गतिविधियों की अनुमति दी गई है। तदनुसार, जिलाधिकारियों को उद्योग- समूहों के सहयोग से, राज्य के भीतर ही मज़दूरों को उनके कार्यस्थल पर स्थानांतरित करने की व्यवस्था करनी चाहिए। मोदी सरकार का यह मानना है कि इससे न केवल आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी अपितु मज़दूरों को रोज़गार के अवसर भी मिलने लगेंगे।

इसी प्रकार, बड़ी औद्योगिक इकाइयों और औद्योगिक परिसरों के संचालन पर राज्यों द्वारा विशेष ध्यान दिया जाए। विशेषकर ऐसी इकाइयों के संचालन पर ध्यान दें, जहां मज़दूरों को परिसर में ही रखने की व्यवस्था हो। इससे आर्थिक गतिविधियों को गति मिलेगी और मज़दूरों को रोज़गार प्रदान करने में मदद मिलेगी। इस विषम परिस्थिति में मोदी सरकार देश के सभी वर्गों के हितों की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। उद्योगों के साथ कृषि तथा मनरेगा गतिविधियों के माध्यम से भी मजदूरों को रोजगार देने की संभावनाओं पर कार्य करना होगा, गृह मंत्री ने कहा।

इसी प्रकार वे मज़दूर, जो राहत शिविरों में रह रहे हैं, उनके लिए उपलब्ध सुविधाओं, जैसे भोजन की गुणवत्ता आदि पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए। यद्यपि स्थितियां चुनौतीपूर्ण हैं, लेकिन इस प्रकार के मुद्दों को संबोधित किया जा सकता है।

गृह मंत्री ने कहा कि राज्यों को यह भी सुनिश्चित करना ज़रूरी है कि अब जब मेडिकल टीमों के माध्यम से सामुदायिक परीक्षण किये जा रहे हैं, तो मेडिकल टीमों को उचित सुरक्षा दी जाए। इसी प्रकार यदि सामुदायिक परीक्षण के लिए जाने से पहले, समुदाय के ज़िम्मेदार नेताओं को शामिल करके शांति समितियों को सक्रिय किया जाए तो काम को सुचारू रूप से किया जा सकता है। इस प्रकार के प्रयास से कोविड-19 के परीक्षण, उपचार और अन्य संबंधित पहलुओं के बारे में लोगों को जागरूक बना कर उनमें फैले भय और भ्रांतियों को दूर करने में भी मदद मिलेगी।

यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि दिशा-निर्देशों के अनुपालन की निगरानी के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पर्याप्त गश्त की जानी चाहिए। जिलाधिकारी निगरानी के लिए पुलिस, पंचायत अधिकारियों, राजस्व अधिकारियों आदि की मदद ले सकते हैं।

कोविड-19 : बिहार में डॉक्टर मिला संक्रमित,  अस्पताल में हड़कंप

बिहार में कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण का ग्राफ यूँ तो कई राज्यों से काफ़ी कम है, लेकिन 19 अप्रैल को सात नये कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सामने आये हैं। इन मामलों में एक डॉक्टर के कोरोना पॉजिटिव मिलने से स्वास्थ्य विभाग और स्थानीय प्रशासन में हड़कम्प मच गया है। डॉक्टर नालंदा जिले के बिहारशरीफ प्राथमिक स्वाेस्य् व  केंद्र में पदास्थामपित हैं। अब प्रशासन ऐसे सभी मरीज़ों और लोगों की खोज में लग गया है, उक्त डॉक्टर के सम्पर्क में आये थे। बिहार में डॉक्ट र में कोरोना संक्रमण का यह पहला मामला है। सूत्रों के मुताबिक, यह डॉक्टर एक ऐसे युवक के रिश्तेदार हैं, जो हाल ही में दुबई से लौटकर आया है। ऐसे में उस युवक और उसके सभी परिजनों तथा उसके सम्पर्क में आने वाले लोगों की जाँच भी की जा सकती है।
बिहारशरीफ प्राथमिक स्वा स्य््क  केंद्र के सूत्रों के अनुसार, संक्रमित डॉक्टर के सम्पर्क में आने वाले 75 डॉक्टरों,  स्वास्थ्य विभाग के सभी सेवाकर्मियों और अस्पताल के सभी मरीज़ों को क्वारंटाइन में रखा जा रहा है। इसके अलावा इन सभी के सैंपल लिए जा रहे हैं, जिन्हें जल्द ही जाँच के लिए भेजा जाएगा। इतना ही नहीं, नालंदा के सिविल सर्जन अपनी भी जाँच कराएँगे।
इधर, 19 अप्रैल को ही बक्स र में भी कोरोना वायरस से संक्रमित दो नये मामले और भोजपुर में एक और पहला संक्रमित व्यक्ति मिला है। इसके साथ बिहार में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 93 मामले सामने आ चुके हैं, जिनमें दो मरीज़ों की मौत हो चुकी है। वहीं 42 मरीज़ अभी तक ठीक हो चुके हैं।

रावलों का होगा कोरोना टेस्ट, फिर खुलेंगे धामों के कपाट

कोरोना वायरस ने सबको प्रभावित किया है। सबसे ज्यादा और गहरी चोट धार्मिक आस्थाओं को पहुंची है। इसमें चाहे कोई किसी भी धर्म का मानने वाला क्यों न हो। आज चर्च खाली पड़े हैं, मस्जिदों में भी सिर्फ अजान दी जा रही हैं और मंदिरों में भी सन्नाटा पसरा हुआ है। हिंदू धर्म के सबसे पवित्र स्थलों में शुमार बदरीनाथ और केदारनाथ धाम के कपाट खुलने में पहली बार इस तरह की शर्त लगाई गई है। पूजा शुरू करने से पहले रावल को कोरोना वायरस के टेस्ट से गुजरना होगा।

हालांकि इससे पहले कपाट खुलने को लेकर असमंजस की स्थिति थी। अब भक्तों के लिए राहत है कि दोनों धामों के रावल उत्तराखंड के लिए रवाना हो चुके हैं। पहले दोनों रावलों के पहुंचने पर उनका कोरोना टेस्ट कराया जाएगा। रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा। अगर टेस्ट निगेटिव हुआ तो ही रावल पूजा में भाग ले सकेंगे। सवाल यह भी उठ रहा है कि राज्य के बाहर से रावलों को आने पर कम से कम 14 दिन के लिए क्वारंटीन पीरियड में भी रहना पड़ सकता है।
बता दें कि केदारनाथ धाम के कपाट 29 अप्रैल और बदरीनाथ धाम के कपाट 30 अप्रैल को खुलने हैं। इस दौरान होने वाली मुख्य पूजा रावल ही कराते हैं। रावलों के न रहने पर प्रदेश की भाजपा सरकार ने ऑनलाइन पूजा कराने पर भी विचार किया था, लेकिन इसका भारी विरोध हुआ। ऐसे में रावलों के प्रदेश में पहुंचने से कुछ हद तक सरकार को राहत मिली है और भक्तों में भी भक्तिभाव जागा है।

बदरीनाथ के धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल के अनुसार, धाम के रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी केरल के कन्नूर जिले में अपने गांव चेरुपल्ली से धाम के लिए 16 अप्रैल को रवाना हो चुके हैं। उनके यहां जोशीमठ रविवार तक पहुंचने की संभावना है। प्रदेश के पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि लोगों को सहयोग करना होगा क्योंकि सामाजिक दूरी का पालन करना जरूरी है।

अभिनेता एजाज खान को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार किया

अभिनेता एजाज खान को मुंबई पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। उनपर आरोप है कि उन्होंने फेसबुक पर कथित तौर पर आपत्तिजनक पोस्ट डाली। एजाज सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव हैं और उनकी टिप्पणियां काफी चर्चा में रहती हैं।

जानकारी के मुताबिक अभिनेता एजाज खान, जो बिग बॉस के कंटेस्टेंट भी रहे हैं, को फेसबुक पर कथित आपत्तिजनक पोस्ट डालने के लिए शनिवार को गिरफ्तार किया गया।  मुंबई पुलिस के मुताबिक फेसबुक लाइव के दौरान एजाज खान की टिप्पणी के संदर्भ में उन्हें खार पुलिस थाने में तलब किया गया था।

पुलिस ने बताया कि एजाज को कथित तौर पर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का प्रयास करने के आरोप में भादंसं की धारा १५३ए और अन्य धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। उनकी लाइव पोस्ट की जांच की जा रही है। पुलिस ने बताया कि पिछले साल जुलाई में भी एजाज को फेसबुक पर आपत्तिजनक पोस्ट के लिए गिरफ्तार किया गया था।

गौरतलब है कि एजाज खान को २०१८ में कथित तौर पर प्रतिबंधित नशीले पदार्थ के सेवन में भी गिरफ्तार किया गया था। एजाज खान सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव  हैं और उनकी टिप्पणियां काफी चर्चा में रहती हैं।

केजरीवाल ने कहा दिल्ली में १८६ ऐसे कोरोना पॉजिटिव जिनमें एक भी लक्ष्ण नहीं था, लॉक डाउन में कोइ ढील नहीं

राजधानी दिल्ली में कोरोना के १८६ ऐसे पॉजिटिव मामले आये हैं जिनमें संक्रमित व्यक्ति में कोरोना का एक भी लक्षण नहीं था। इसका खुलासा मुख्यमंत्री अरविंद  केजरीवाल ने किया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली में लॉक डाउन में फिलहाल कोइ छूट नहीं देने का फैसला किया गया है। इस बीच दिल्ली के एलएच हॉस्पिटल में दो डाक्टर और छह नर्सें कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

रोजाना प्रेस कांफ्रेंस में केजरीवाल ने बताया कि सरकार ने लॉक डाउन में कोइ छूट नहीं देने का फैसला किया है। दिल्ली सरकार २७ अप्रैल को समीक्षा बैठक करेगी जिसमें उस समय की स्थिति के आधार पर आगे का कोइ भी फैसला किया जाएगा।

केजरीवाल ने बड़ी चिंताजनक जानकारी यह दी है कि दिल्ली में १८६ लोगों में कोरोना के लक्षण का पता नहीं चला, जबकि वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं।

सीएम ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा – ”केंद्र सरकार का कहना है कि जो हॉट स्पॉट और कंटेनमेंट ज़ोन हैं उनमें ढील फिलहाल नहीं दी जानी चाहिए। दिल्ली में ११ जिले हैं और यह सभी जिले हॉट स्पॉट घोषित किए गए हैं। केंद्र सरकार के मुताबिक कंटेनमेंट ज़ोन में ढील नहीं दी जा सकती।”

केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में आज की तारीख में ७७ कंटेनमेंट ज़ोन हैं। दिल्ली में कोरोना तेजी से फैल रहा है, लेकिन अभी स्थिति नियंत्रण के बाहर नहीं है। आज दिल्ली में १८९३ मामले हैं जिनमें से २६ आईसीयू में और ६ वेंटिलेटर पर हैं।”

उन्होंने कहा कि देश की कुल आबादी का करीब दो फीसदी दिल्ली में रहता है  लेकिन देश में कोरोना के कुल मामलों का १२ फीसदी दिल्ली में है। लिहाजा फिलहाल लॉक डाउन में कोई छूट नहीं दी जाएगी।

दिल्ली के २ डाक्टर पॉजिटिव
इस बीच जानकारी मिली है दिल्ली के लेडी हार्डिंग मेडिकल कालेज में काम करने वाले २ डाक्टर और ६ नर्सें पॉजिटिव पाए गए हैं। दिल्ली में इससे पहले भी काफी डाक्टर और चिकित्सा स्टाफ कोरोना पॉजिटिव पाया जा चुका है जिससे सरकार की चिंता बढ़ती जा रही है।

कश्मीर में बड़ा आतंकी हमला, ३ जवान शहीद  

जम्मू-कश्मीर में शनिवार को एक बड़े आतंकी हमले में सेना के तीन जवान शहीद हो गए हैं। तीन अन्य घायल हुए हैं जिनका इलाज किया जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक कश्मीर के बारामुला जिले के सोपोर में यह घटना हुई है। वहां  आतंकियोंने सीआरपीएफ और पुलिस की साझी नाका टीम पर घात लगाकर हमला किया।
आतंकियों ने शुक्रवार को भी पुलवामा जिले के नेवा में सुरक्षा बलों के एक साझे शिविर पर हमला किया था। इस हमले में सीआरपीएफ जवान के पैर में गोली लगी थी और वह बुरी तरह घायल हो गया था। घायल जवान को अस्पताल में भर्ती किया गया है। घटना के बाद सुरक्षा बलों ने जवाबी अभियान चलाया लेकिन आतंकी भाग गए थे।
अब सोपोर में यह आतंकी हमला हुआ है, जिसमें सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए हैं। तीन अन्य घायल हुए हैं जिन्हें इलाज के लिए सेना के अस्पताल में भर्ती किया गया है।
सोपोर में शनिवार शाम आतंकियों ने सीआरपीएफ और पुलिस की साझी टीम पर हमला किया। तीन जवान हुए हैं। घटना के तुंरत बाद सेना की राष्ट्रीय राइफल्स, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ की टीम ने इलाके की घेराबंदी कर ली है। आतंकियों के तलाश के लिए बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है।

डॉक्टर ने की आत्महत्या, आप विधायक के ख़िलाफ़ रिपोर्ट दर्ज

दिल्ली के दुर्गा विहार क्षेत्र में एक डॉक्टर द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। इस मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक के ख़िलाफ़ नेब सराय थाने में रिपोर्ट दर्ज की गयी है। दरअसल, डॉक्टर के शव के पास से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें डॉक्टर ने आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप आम आदमी के विधायक पर लगाया है।
सूत्रों के मुताबिक, 17 अप्रैल की सुबह नेब सराय थाने में एक कॉल आयी कि दुर्गा विहार में एक डॉक्टर ने आत्महत्या कर ली है। सूचना मिलने पर पहुँची पुलिस ने मौक़े पर देखा कि दुर्गा विहार में रहने वाले 52 वर्षीय डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने आत्महत्या कर ली है। डॉक्टर के शव के पास पुलिस को एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल को इसका दोषी बताया गया। इस सुसाइड नोट के आधार पर पुलिस ने आम आदमी पार्टी के स्थानीय विधायक प्रकाश जारवाल के ख़िलाफ़ डॉक्टर को आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
पुलिस के मुताबिक, सुसाइड नोट में डॉक्टर ने लिखा है- स्थानीय विधायक और उनके साथी उसे लगातार परेशान कर रहे थे। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने विधायक प्रकाश जारवाल और अन्य लोगों के ख़िलाफ़ जबरन वसूली और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज कर ली है।
पुलिस ने बताया कि डॉक्टर राजेंद्र सिंह ने 17 अप्रैल की सुबह अपने घर की छत पर फाँसी लगाकर आत्महत्या की। इस घटना की जानकारी उनके एक किरायेदार ने घर वालों को दी उसके बाद पुलिस को फोन से सूचना मिली थी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जाँच की जा रही है। पुलिस ने रिपोर्ट में मृतक के परिजनों के बयान भी दर्ज किये हैं। डॉक्टरों के परिजनों ने विधायक की तरफ़ से पैसे माँगने की एक ऑडियो रिकॉर्डिंग भी पुलिस को सौंपी है। फ़िलहाल पुलिस मामले की जाँच कर रही है।

अब दिल्ली में खुले में थूकने पर लगेगा 2,000 रुपये का ज़ुर्माना

अब दिल्‍ली में खुले में थूकने और पेशाब करने वालों को ज़ुर्माना भरना पड़ेगा। इस मामले में दिल्ली नगर निगम ने सख़्त क़दम उठाने शुरू कर दिये हैं। निगम ने यह फ़ैसला कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने के मद्देनज़र लिया है। निगम का कहना है कि लोगों को कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए यह क़दम उठाया गया है। नगर निगम ने एक आदेश में कहा है कि अब दिल्‍ली में खुले स्‍थान पर थूकते और यूरीन करते हुए पकड़े जाने वाले व्यक्ति से 2,000 रुपये का ज़ुर्माना वसूला जाएगा। यह आदेश भी दिल्‍ली नगर निगम ने परित कर दिया है।

बता दें कि पहले सार्वजनिक जगहों पर थूकने पर नगर निगमों द्वारा 200 रुपये ज़ुर्माना वसूलने का नियम था। अब कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इसे 10 गुना बढ़ा दिया गया है। इस आदेश को दिल्ली के तीनों नगर निगमों में लागू कर दिया गया है। निगम सूत्रों ने कहा है कि इससे न केवल लोगों की सार्वजनिक जगहों, दीवारों और सड़कों को गंदा करने की आदत में सुधार होगा, बल्कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने में भी सहायता मिलेगी।

लुधियाना के एसीपी अनिल कोहली की कोरोना से मृत्यु

कोरोना वायरस से पीड़ित पंजाब के लुधियाना के एसीपी अनिल कोहली की मृत्यु हो गयी है। शनिवार को उन्होंने एसपीएस अस्पताल में अंतिम सांस ली। वे गंभीर रूप से बीमार होने के बाद वेंटिलेटर पर थे।

जानकारी के मुताबिक लुधियाना उत्तर के एसीपी अनिल कोहली (५२) का एसपीएस अस्पताल में कोरोना का इलाज चल रहा था। शनिवार को उनका देहांत हो गया। उनके पहले एक पटवारी की भी पंजाब में कोरोना के चलते मृत्यु हो गयी थी।

कोहली मूल रूप से खन्‍ना के रहने वाले थे। लुधियाना में पिछले दो दिन में कोराेना से दो लोगों की मौत हो गयी है। अब तक पुंजाब में कोरोना के कारण १६ लोगों की जान गयी है जबकि संक्रमित लोगों के मामले २२५ से ज्यादा हो गए हैं।

पंजाब पुलिस कोहली की मौत से सकते में है। कहा जा रहा है कि उनकी प्लाज्‍मा थैरेपी की तैयारी भी चल रही थी लेकिन उस से पहले ही उनका निधन हो गया। अभी तक पंजाब में एक भी ऐसा इलाज (प्लाज्‍मा थैरेपी) फिलहाल नहीं हुआ है।

अनिल कोहली के संपर्क में आए तीन लोगों के भी कोविड-१९ टेस्ट किए गए थे। इनमें एसीपी की पत्‍नी, उनका चालाक और उनके अधीन एक सब इंस्पेक्टर शामिल हैं।