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ईरान में फंसे कश्मीरियों के परिजनों से श्रीनगर में मिले जयशंकर

विदेश मंत्री एस जयशंकर सोमवार को अचानक कश्मीर दौरे पर पहुंचे और ईरान में फंसे लोगों व छात्रों के परिजनों से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री सेना के एक वरिष्ठ कमांडर से घाटी में सुरक्षा व्यवस्था की भी जानकारी लेंगे। जयशंकर ने घाटी की मशहूर डल झील के किनारे स्थित कश्मीर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन परिसर में लोगों से मुलाकात की। बता दें कोरोना के खौफ के चलते कई कश्मीरी छात्र ईरान में फंसे हुए हैं। परिजन उनको तत्काल वहाँ से निकालने की गुहार लगा रहे हैं।
घाटी के आला अफसरों का कहना है कि ईरान में फंसे लोगों के करीब 100 परिजन एकजुट हुए थे। ईरान के कोम शहर में कई छात्र और जायरीन फंसे हुए हैं। सरकार से उनको जल्द से जल्द विशेष प्लेन के जरिये वापस लाने की जाने की मांग की जा रही है। कोरोना की मार झेल रहे ईरान में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। इससे हजारों विदेशी फंस गए हैं। जयशंकर ने फंसे लोगों के परिजनों से ताजा हालात के बारे में जानकारी दी।
विदेश मंत्री ने बताया कि सरकार ने ईरान से भारतीयों को वापस लाने के लिए प्रयास शुरू कर दिए हैं। जल्द ही सभी फंसे भारतीयों को वापस लाया जाएगा। इससे पहले वहां पर फंसे भारतीयों के स्वाब टेस्ट मंगवाए गए थे, जिनकी जांच की जा रही है। जयशंकर ने ट्विटर पर लिखा था कि ईरान के कोम में फंसे जायरीनों को भारत वापस लाने के प्रयास किए जा रहे हैं। स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है और अन्य तैयारियों को लेकर ईरानी अधिकारियों से चर्चा की जा रही है।
जयशंकर ने लिखा कि ईरान में भारतीय उच्चायोग की ओर से गंभीर प्रयास किए जा रहे हैं। भारतीय उच्चायोग ईरान में भारतीय मछुआरों से करीबी संपर्क में है और अब तक उनके बीच कोरोना वायरस से संक्रमण का कोई भी मामला सामने नहीं आया है। जल्द ही सभी की वापसी के इंतजाम किए जा रहे हैं।
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विदेश मंत्री ने पर्यटन उद्योग से जुडे लोगों से भी चर्चा की। उद्योग के समक्ष आने वाली समस्याओं पर बातचीत की। जयशंकर ने यहां मौजूद बुलेवार्ड इलाके में स्थित क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय का दौरा कर कामकाज का जायजा लिया।

नोवेल कोरोना से अब तक ३,८५९ मौतें, भारत में कोरोना के ४३ पॉज़िटिव मामले

नोवेल कोरोना ने अब तक दुनिया भर में ३,८५९ लोगों की जान ले ली है। इनमें से सबसे ज्यादा ३,११९ चीन में  हैं जबकि इटली में भी आंकड़ा तेजी से बढ़ते हुए ३६६, अमेरिका में २२ और ईरान में २३७ पहुँच गया है। भारत में अब तक ४३ मामले सामने आए हैं जिनमें  से तीन पॉजिटिव मरीजों को अब डिस्चार्ज कर दिया गया है। नए मामले दिल्ली, यूपी, केरल और जम्मू से सामने आए हैं।

दुनिया में नोवेल कोरोना वायरस का सबसे ज्यादा असर चीन में है जहाँ आज शाम ४.३५ के अपडेट के मुताबिक मरने वाले ३,११९, इटली में ३६६, ईरान में २३७, दक्षिण कोरिया में ५१, अमेरिका में २२, फ्रांस में १९, स्पेन ८, जापान में ६, ईराक में  ४, ब्रिटेन, नीदरलैंड्स, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया में ३-३, स्विट्जरलैंड में २ और इजिप्ट, थाईलैंड, ताईवान, सैन मैरिनो, अर्जेंटीना, फिलीपींस में १-१ मौत हुई है। इटली के प्रधानमंत्री गिसेप कोंटे ने रविवार को कोरोना संक्रमण में खतरनाक तेजी के बाद नैशनल इमर्जेंसी का ऐलान किया था।

जहां तक भारत की बात है अब तक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस के कुल ४३ मामले सामने आए हैं, इनमें से पॉजिटिव ३  मरीजों को अब डिस्चार्ज कर दिया गया है। नए मामले दिल्ली, यूपी, केरल और जम्मू कश्मीर से सामने आए हैं। केरल में एक तीन साल के बच्चे में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। बच्चा हाल ही में अपने परिवार के साथ इटली से आया था। जम्मू में भी ६३  वर्षीय महिला में कोरोना वायरस की पुष्टि हुई है। महिला हाल ही में ईरान की यात्रा करके लौटी थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने सोमवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के साथ कोरोना वायरस को लेकर बैठक के बाद कहा कि अगर मामले बढ़ते हैं तो हमने दिल्ली सरकार से आइसोलेशन वार्डों, संगरोध सुविधाओं, डॉक्टरों की उपलब्धता, संपर्क ट्रेसिंग और अन्य सावधानियों के लिए तैयार किया है। हवाई अड्डों पर स्क्रीनिंग शुरू की गयी है और अब ३० हवाई अड्डों को स्क्रीनिंग के तहत रखा गया है। दिल्ली मेट्रो के डिब्बों और डीटीसी बसों को सैनिटाइज किया जा रहा है। उन्होंने सलाह दी कि जो लोग स्वस्थ हैं, उन्हें फेस-मास्क पहनने की जरूरत नहीं है।

कोरोना से बदरंग होती होली

एक ओर होली का पर्व है, वहीं दूसरी ओर कोरोना का कहर होली के रंग में भंग का काम कम कर रहा है । बल्कि बदरंग का काम अधिक कर रहा है। दिल्ली में एक अजीब सा माहोल बना हुआ है। इस बार होली को लेकर लोगों में डर है ,कि कहीं कोरोना वायरस होली के रंग के रास्ते उनके जीवन में कहीं कोई बीमारी ना दें।

दिल्ली के व्यापारियों ने बताया कि इस बार की होली ना होकर बीमारी का भय दिखा रही है। जिसकी वजह से  लोगों ने होली के रंग से बचना ठीक माना है। सदर बाजार के व्यापारी रमेश कुमार ने बताया कि कोरोना का कहर दिखा कर सियासतदांनों ने ना जाने कोन सी राजनीति की है। जिसका खामियाजा हम व्यापारियों को भुगतना पड रहा है।

एक अनुमान के तहत होली के त्योहार  पर एक हजार करोड से ज्यादा का नुकसान है। दिल्ली के डाक्टरों का मानना है कि कोरोना का जो भय दिखाया जा रहा है, वो पूरी तरह से हडकंप को पैदा करना है । जिसकी वजह से लोगों में डर बना हुआ है। एम्स के डाँ कुलदीप का कहना है कि वैसे ही देश में आथिक मंदी की वजह से हाल बुरा था उस पर अब होली जैसे त्योहार में कोरोना का आना एक भय दिखा कर बीमार प़डे देश को ओर बीमार करना जैसा है। विजय जैन व्यापारी ने बताया कि व्यापारियों के जीवन में अब कोरोना , रोना जैसा है। जिसमें व्यापारी अब रो रहा है।

पवार, ममता ने जेके के नेताओं को तत्काल रिहा करने की मांग की

देश के कुछ बड़े नेताओं, जिनमें शरद पवार, ममता बनर्जी, यशवंत सिन्हा और शौरी  शामिल हैं, ने एक साझे ब्यान में जम्मू कश्मीर के तीन मुख्यमंत्रियों और अन्य राजनीतिक नेताओं को रिहा करने की केंद्र सरकार से मांग की है। यह नेता जम्मू कश्मीर में ५ अगस्त को सूबे से धारा ३७० हटाए जाने और उसका विशेष दर्जा ख़त्म किये जाने के बाद से ही बंदी बनाकर रखे गए हैं।

इन नजरबंद नेताओं में तीन पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल हैं। ये तीनो ही नागरिक सुरक्षा क़ानून (पीएसए) के तहत नजरबंद हैं। साझे ब्यान पर हस्ताक्षर करने वाले नेता एनसीपी, टीएमसी, माकपा, भाकपा, आरजेडी, जेडीएस आदि शामिल हैं।

एक साझा ब्यान जारी कर सोमवार को इन नेताओं ने कहा कि लोकतंत्र में इस तरह जनता के चुने प्रतिनिधियों को जेल में नहीं रखा जा सकता। इन नेताओं ने इसे लोकतंत्र की आज़ादी पर हमला करार दिया है।

साझे ब्यान पर हस्ताक्षर करने वाले नेता राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी, जनता दल (सेकुलर) के नेता और पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के महासचिव सीताराम येचुरी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के महासचिव डी राजा, राष्ट्रीय जनता दल के नेता और राज्यसभा सदस्य मनोज झा के अलावा पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी शामिल हैं।

एक साझे ब्यान में इन नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के सभी नेताओं को रिहा करने की मांग की है और कहा है कि लोकतंत्र का गाला घोटा जा रहा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का लखनऊ में लगाए पोस्टर हटाने का आदेश, यूपी सरकार को बड़ा झटका

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को बड़ा झटका देते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में लखनऊ में कथित उपद्रव और तोड़फोड़ करने के आरोपियों के फोटो और पूरे पते वाले पोस्टर अविलंब हटाने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस तरफ फोटो लगाना निजता का उल्लंघन है। हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि ”बिना कानूनी उपबंध के नुकसान वसूली के लिए पोस्टर में फोटो लगाना अवैध है”।

सरकार के यह पोस्टर लगाने से बड़ा बबाल शुरू हो गया था। लखनऊ में यह पोस्टर लगाने के बाद हाई कोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था और अब प्रशासन को १६ मार्च से पहले रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।

मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति गोविंद माथुर और न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा की विशेष पीठ ने इस मामले पर रविवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। गौरतलब है कि यूपी  सरकार ने हिंसा भड़काने के कुछ कथित आरोपियों की तस्वीर वाला पोस्टर दीवारों पर लगवा दिया था। हाई कोर्ट ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लिया था और अब सड़क किनारे लगी फोटो वाले पोस्टर तत्काल हटाने का आदेश दे दिया है। साथ ही १६ मार्च को अनुपालन रिपोर्ट के साथ हलफनामा दाखिल करने का भी निर्देश दिया है।

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद अपने आदेश में कहा कि इस तरफ फोटो लगाना निजता के अधिकार का उल्लंघन है। हाई कोर्ट ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा है कि बिना कानूनी उपबंध के नुकसान वसूली के लिए पोस्टर में फोटो लगाना अवैध है।

सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से महाधिवक्ता राघवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा था कि सरकार के इस निर्णय से भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगेगी। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कोर्ट को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। लखनऊ जिला प्रशासन और पुलिस ने ही पोस्‍टर लगाए जाने के पक्ष में दलील दी थी। लेकिन कोर्ट ने अपने आदेश में इसे नागरिकों के सम्मान, निजता और उनकी स्वतंत्रता के खिलाफ बताया है और कहा है कि सार्वजनिक स्थान पर संबंधित व्यक्ति की अनुमति बिना उसका फोटो या पोस्टर लगाना गैरकानूनी है। यह निजता के अधिकार का भी उल्लंघन है।

योगी सरकार की  ‘तुगलकी’ कार्रवाई पर कोर्ट का डंडा

नागरकिता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों के पोस्टर लगाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान लेकर यूपी की योगी आदित्यनाथ  सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है। दरअसल, 19 दिसम्बर 2019 को लखनऊ में सीएए के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हिंसा, तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी। इस पर सरकार की ओर से 100 से अधिक आरोपियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज किये गए थे।
सीएम योगी ने खुद एलान किया था कि नुकसान की भरपाई उपद्रवियों की संपत्ति जब्त करके करेंगए। इसी कड़ी में गर गुरुवार को ऐसे प्रदर्शनकरियों की होर्डिंग्स लगाईं, जिनमें पूर्व आईपीएस, समाजसेवी और दिग्गज हस्तियां शामिल थीं। राजधानी लखनऊ के चौराहों व सड़क किनारे कलर फ़ोटो के साथ पते की भी जानकारी सार्वजनिक देने का आरोप है।
इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान लेते हुए लखनऊ और कमिश्नर से पूछा है किस कानून के तहत ये पोस्टर लगाए गए। गौर करने वाली बात ये है कि इतवार को मामले में छुट्टी के दिन सुनवाई की। पहले ये सुनवाई सुबह 10 बजे होनी थी लेकिन सरकार के वकील के न पहुंचने के कारण शाम 3 बजे का टाइम दिया। होडिंग तत्काल हटाने के साथ ही जवाब देने की कहा है। चीफ जस्टिस गोविंद माथुर की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रशासन से सवाल पूछे हैं।
इन होर्डिंग में सार्वजनिक और निजी सम्पत्तियों को हुए नुकसान की जानकारी है। इसके अलावा ये भी लिखा है कि सभी से नुकसान की भरपाई की जाएगी। हाईकोर्ट का मानना है कि सार्वजनिक स्थान पर संबंधित व्यक्ति की अनुमति बिना उनका फोटो या पोस्टर लगाना गलत है और यह निजता के अधिकार का उल्लंघन है।
सूत्रों की मानें तो योगी सरकार के आदेश पर लखनऊ जिला प्रशासन ने ये पोस्टर लगाए। इन पोस्टरों में पूर्व आईपीएस एसआर दारापुरी, सामाजिक कार्यकर्ता व कांग्रेस नेता सदफ जफर, थिएटर कलाकार दीपक कबीर के भी नाम हैं।
इन होर्डिंग के बारे में दारापुरी ने कहा, ‘ सरकार हमारी लिंचिंग कराना चाहती है। इसलिए हमारे फोटो, एड्रेस को सार्वजनिक किया गया। कोई कैसे किसी के होर्डिंग बिना कोर्ट की इजाजत के शहर में लगा सकता है?

भारत टी-२० विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हारा

लीग मैच में ऑस्ट्रेलिया को हराने वाली भारत की महिला टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से हार गयी और इस तरह आईसीसी टी-२० क्रिकेट विश्व कप जीतने का उसका सपना टूट गया। भारत इस टूर्नामेंट के फाइनल में भी पहली बार ही पहुंचा था। हीली ”प्लेयर आफ द मैच” रहीं।

पहले बल्लेबाजी कर ऑस्ट्रेलिया ने १८४ रन का बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया और भारत की पारी जवाब में ताश के पत्तों की तरह बिखर गयी और उसे ८६ रन से हार हार का सामना पड़ा। मैच में ऑस्ट्रेलिया ने बैटिंग और बॉलिंग दोनों में जबरदस्त प्रदर्शन किया और जीत की हकदार बनी। इसके विपरीत लीग मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली भारत की टीम जंगबाजी, क्षेत्ररक्षण और बल्लेबाजी तीनों में नाकाम साबित हो गया।

हालांकि इस हार के बावजूद भारत अब टी-२० विश्व कप में दुनिया में उपविजेता बन गया है। ऑस्ट्रेलिया ने पांचवीं बार टी-२० का यह विश्व कप जीता है।

ऑस्ट्रेलिया के लिए एजे हीली ने जबरदस्त शुरुआत की। उनके पति ऑस्ट्रेलिया पुरुष टीम के खिलाड़ी मिचेल स्टार्क खासतौर पर उनका मैच देखने दक्षिण अफ्रीका की सीरीज छोड़कर ऑस्ट्रेलिया आये थे। पति की स्टेडियम में मौजूदगी में हीली ने बहुत बेहतर बल्लेबाजी की और शानदार छक्के और चोक्के लगाए। उन्होंने महज ३९ गेंदों में पांच छक्कों और सात चौक्कों की मदद से शानदार ७५ रन बनाये।

ऑस्ट्रेलिया के लिए दूसस्री ओपनर बीएल मूनी ने ५४ गेंदों में १० चौक्कों की मदद से शानदार सबसे ज्यादा ७८ रन बनाये। इसकी की बदौलत ऑस्ट्रेलिया बड़ा स्कोर खड़ा करने में सफल रहा। दोनों ने  लिए ११५ रन जोड़े। भारत की फील्डिंग बाहयुत कमजोर रही और शुरू में ही दो कैच छोट गए जिसका ऑस्ट्रेलिया ने बहुत फायदा उठाया। उनके लिए लैनिंग ने १६ रन बनाये। भारत के लिए दीप्ति शर्मा ने २, पूनम यादव और आर यादव ने १-१ विकेट लिया।

भारत की शुरुआत ही बेहद निराशाजनक हुए। पूरे टूर्नामेंट में धाकड़ खेल दिखाने वाली शेफाली वर्मा पिछले शानदार प्रदर्शन को दोहराने में सफल नहीं हुईं और पहले ही ओवर में आउट हो गईं। इससे भारतीय टीम पर जबरदस्त दबाव आ गया। इसके बाद तो भारत के विकेट ताश के पत्तों की तरह गिरते गए।

समृति मानधाना ११, तानिया भाटिया २, कप्तान हरमनप्रीत कौर ४, रोड्रिग्स ०, दीप्ति शर्मा ३३, कृषणन १९, घोष १८, आर यादव १, पूनम १ रन बनाकर आउट हुईं। गायकबाड़ एक रन पर नाबाद रहीं। ऑस्ट्रेलिया के लिए एम शत ने ४ और ोनसँ ने ३ विकेट लिए जबकि मॉलीन्यूक्स, किंमिंस और केरे को १-१ विकेट मिला। इस तरह भारत यह मैच ८५ रन से यह मैच हार गया।

गाजियाबाद का आला हजरत हज हाउस बनेगा आइसोलेशन वार्ड

चीन के वुहान शहर से फैला कोरोना वायरस का कहर चीन में भले ही सीमित हो रहा हो, पर यह दूसरे देशों में तेजी से पांव पसार रहा है। अब तक 70 से अधिक देशों में इसके संक्रमण के मामले सामने आ चुके हैं। 17 देशों में 34 हजार से अधिक लोग जान गंवा चुके हैं और एक लाख से ऊपर लोग संक्रमित पाए गए हैं। भारत में भी इसका खौफ बढ़ रहा है। देशभर के करीब 30 हजार लोगों को निगरानी में रखा गया है। कई राज्यों में इसको लेकर अलर्ट जारी किया गया है। होली समेत कई अन्य भीड़ जुटाने वाले कार्यक्रमों को रद्द किया जा रहा है।

हर जिले व सूबों की राजधानी में आइसोलेशन वार्ड बनाए जाने को लेकर तैयारियां चल रही हैं।  खासकर स्कूलों और एकसाथ जुटने वाले स्थानों पर विशेष सतर्कता बरतने की बात कही जा रही है। दिल्ली में पांचवीं तक के स्कूलों को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। देश में 31 से अधिक लोग कोरोना वायरस के पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं, जिनमें इटली के 15 पर्यटक शामिल हैं।

ताजनगरी आगरा में खास सावधानी बरतने की बात कही जा रही है। कई विशेषज्ञ तो कुछ दिनों के लिए ताजमहल को बंद करने की भी मांग करने लगे हैं। आगरा के पांच लोग भी वायरस के पॉजिटिव पाए गए हैं, जो दिल्ली में विदेश से आए एक जानकार की पार्टी में शामिल होने के लिए एक होटल में जुटे थे। गाजियाबाद में भी शुक्रवार को एक मामले की पुष्टि हुई है। गुडग़ांव के पेटीएम दफ्तर में पहले एक कर्मचारी मेें इसके लक्षण पाए जा चुके हैं, जिससे कर्मचारियों को घर से ही काम करने को कह दिया गया है। इससे दिल्ली-एनसीआर में खास सावधानी बरती जा रही है।

बढ़ते मामलों और इनकी आशंका में सेना देशभर में आइसोलेशन सेंटर तैयार करेगी। ऐसे में उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने भी कोरोना से निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। राज्य की सरकार ने गाजियाबाद के अर्थला में बने आलीशान आला हजरत हज हाउस को 500 बेड के आइसोलेशन सेंटर में बदलने का निर्णय किया है। इस आइसोलेशन सेंटर में कोरोना वायरस से संक्रमित या आशंका वाले मरीजों को रखकर उनका इलजा किया जाएगा।

यूपी में सपा के अखिलेश यादव की सरकार के दौरान बनाए गए गाजियाबाद के इस हज हाउस में कई बड़े कमरे हैं और मरीजों की आवश्यकता की सभी मूलभूत सुविधाएं भी है। बताया जा रहा है कि इस हज हाउस को अगले तीन से चार दिनों के अंदर कोरोना आइसोलेशन सेंटर में तब्दील कर दिया जाएगा।

होली खेलें पर सावधानी से , जरा सी लापरवाही घातक हो सकती है

होली का पर्व रंगों व खुशी का पर्व है । इस पर्व में लोग रंगों ओर गुलाल को एक दूसरे पर लगाते है।अगर रंग शरीर में कैमिकल युक्त लगा रह जाये तो काफी नुकसान दायक साबित हो सकती है।

एम्स के नैत्र रोग विशेषज्ञ डाँ आलोक कुमार का कहना है कि कैमिकल युक्त रंगों का सबसे अधिक आँखों पर होता है। जिससे आँखों की रोशनी तक जा सकती है। इसलिये होली खेले पर सावधानी से जिससे आँखों को किसी तरह का नुकसान ना हो सकें।

साकेत  मैक्स अस्पताल के डाँ विवेका कुमार ने बताया होली के पर्व में कुछ लोग भांग और शराब का सेवन कर लेते है। जो हेल्थ के लिये काफी नुकसानदायक होता है। डाँ विवेका कुमार का मानना हैं। कि कई वार लोग खुशी में इतने मस्त हो जाते है कि अपने स्वास्थ्य तक का ध्यान नहीं देते है।ऐसे में हार्ट रोगी को अपने रक्त चाप ओर मधुमेह रोगी को नियंत्रित रखना चाहियें।

कालरा अस्पताल के डायरेक्टर डाँ आर एन कालरा ने बताया कि हर साल होली के पर्व में नशे के सेवन से खासकर युवा तमाम बीमारियों की चपेट में आ रहे है। इस समय तो देश में कोरोना वायरस हडकंप मचाये हुये है। इसलिये होली का जश्न मनायें पर सावधानी से क्योंकि कैमिकल युक्त रंगों में इंफेक्शन हो सकता इसलिये रंगों के प्रयोग से बचें। त्वचा के साथ साथ रंगों का सबसे घातक असर आँखों पर होता है।त्योहारी सीजन में कई कई दिनों पहलें बनी मिठाईयां बाजारों में बिकती है उनके सेवन से बचना चाहिये ताकि पेट संबंधी बीमारी ना हो सकें । उन्होंने बताया कि मिठाईयों से इफेक्शन हो सकता है।

काबुल हमले में ३२ लोगों की मौत

अमेरिका और तालिबान के बीच शान्ति समझौता अभी लागू भी नहीं हो पाया है कि  अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शुक्रवार देर रात एक रैली में आतंकी हमले में ३२ लोगों की मौत हो गयी। दर्जनों लोग इस हमले में घायल हुए हैं। भारत ने इस हमले की कड़ी निंदा की है।

बताया गया है कि विपक्ष के नेता अब्दुल्ला अब्दुल्ला इस कार्यक्रम में मौजूद थे लेकिन वो कुछ देर पहले ही वहां से चले गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने दो हमलावरों को मार गिराया है। आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने अपनी वेबसाइट पर इस हमले की जिम्मेदारी ली है।  अफगानिस्तान में इस्लामिक स्टेट से संबंधित एक नए संगठन ने देश के अल्पसंख्यक शियाओं के खिलाफ युद्ध की घोषणा कर रखी है। तालिबान ने इस हमले में अपना हाथ होने से मना किया है।

जहाँ यह हमला हुआ उस रैली में जाने-माने राजनेताओं सहित बड़ी तादाद में लोग शामिल थे। रैली शिया समुदाय के लोगों की थी। कार्यक्रम अफगानिस्तान के हाजरा नेता अब्दुल अली माजरी की याद में आयोजित किया गया था जिनकी १९९५ में हत्या कर दी गयी थी। अफगानिस्तान के गृह मंत्रालय ने कहा कि काबुल के दाश्त-ए-बारची में हुए इस हमले में ३२ लोग मारे गए हैं और ८० से ज्यादा घायल हुए हैं।