Home Blog Page 814

चीन से झड़प के बीच राजनाथ की उच्च सेना अफसरों से बैठक, पीएम को भी किया सूचित

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में खूनी झड़प के बाद दिल्ली में हलचल है। सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले हैं। इसके अलावा एक लंबी उच्च स्तरीय बैठक हुई है, जिसमें विदेश मंत्री विदेश मंत्री एस जयशंकर और सीडीएस जनरल बिपिन रावत भी शामिल हुए। इन बैठकों में चीन और भारत के सैनिकों में हुई झड़प को लेकर चर्चा हुई है। इस झड़प में एक अधिकारी सहित भारत के तीन जवान शहीद हुए हैं, जबकि अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक चीन के भी ४-५ जवान मारे गए हैं।

सेना प्रमुख एमएम नरवणे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके घर पर हो रही बैठक में हिस्सा लेने पहुंचे। सेना प्रमुख पठानकोट का दौरा रद्द करके यहां पहुंचे हैं। सीडीएस विपिन रावत की आज २४ घंटे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से दूसरी बार मिले हैं।

चीन के सरकारी मुखपत्र ”ग्लोबल टाइम्स” ने भारत की एक वेबसाइट को उद्धत करते हुए इस झड़प में ५ चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात कही है। हालांकि, चीन के शाम को जारी आधिकारिक ब्यान में न तो भारत न ही चीन की तरफ मारे जाने वाले सैनिकों की संख्या का कोई जिक्र किया गया है। इसमें सिर्फ स्थिति को बातचीत से निपटाने की बात कही गयी है। हाँ, इसमें दिलचस्प बात यह है कि इसमें भारत पर आरोप लगाया गया है कि उसके सैनिकों ने ”चीन की सीमा” में ”जबरदस्ती” घुसने की कोशिश की।

भारत-चीन के बीच लद्दाख में गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प सोमवार रात ही हो गयी थी, लेकिन भारत सरकार की तरफ से इसकी जानकारी मंगलवार दोपहर को बताई गयी। इस घटना के बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सुबह ७.३० बजे ही उच्च स्तरीय बैठक शुरू कर दी थी। राजनाथ सिंह ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लद्दाख की घटना के बारे में पूरी जानकारी दी है।

दिल्ली में कोरोना की बिगडती हालत के लिये केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच तालमेल का अभाव रहा है

एक ही तथ्य के कितने भिन्न और विरोधी रूप हो सकते है , इस बात को सहज सियासत में समझना मुश्किल है। ऐसा ही हाल देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना को लेकर देखा जा सकता है। दिल्ली में कोरोना का भंयकर रूप लोगों को डरा है । हर रोज कोरोना के मामले तेजी से बढ रहे है। स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर कोरोना पीडितों को इलाज कम परेशानी ज्यादा मिल रही है, तब जाकर उनका उपचार हो रहा है। दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में लचर –पचर और घोर लापरवाही को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कडी प्रक्रिया व्यक्त की थी । उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में भयावह स्थिति को देखते हुये, दिल्ली सरकार को सहयोग करने का वादा किया और जांच का दायरा बढाने के अहम दिशा –निर्देश दिये है। ऐसे में मौजूदा हालात को देखते हुये साफ देखा जा सकता है, कि कोरोना नामक महामारी में सिर्फ कोरोना पीडितों का ही इलाज अगर सही तरीके से करती और केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार आपसी तालमेल के साथ काम करती तो आज ये कोरोना का भयानक रूप सामने ना आता , पर सियासत में बीमारी –महामारी का कोई लेना –देना नहीं है। महामारी- बीमारी में लोग मर-खप रहे है। बस सियासत सुरक्षित है। इस समय दिल्ली में कोरोना की बिगडती स्थिति महाराष्ट्र और तमिलनाडु के बाद तीसरे स्थान पर है । भर्ती मरीजों के परिजनों को काफी अमानवीय स्थितियों से गुजरना पड रहा है। अस्पतालों में भर्ती मरीजों के परिजनों ने तहलका संवाददाता को बताया कि सियासतदांनों की कोरोना को लेकर कोई जो भी तैयारी चल रही है । उससे उनको कुछ लेना –देना नहीं है। बस वे सिर्फ अपने परिजनों का सही इलाज चाहते है।क्योंकि डाक्टरों और पेरामेडिकल कर्मियों की अस्पतालों में कमी मरीजों के लिये चिंता की बात है। सामाजिक कार्यकर्ता श्याम सुन्दर कद का कहना है, कि शुरूआती दौर में दिल्ली और केंद्र सरकार के बीच जो कोरोना को लेकर तनातनी चली है । उससे सबसे ज्यादा नुकसान अगर किसी का हुआ है। तो कोरोना और गैर कोरोना पीडितों को ,किसी को सही समय पर इलाज ना मिल सका । कोरोना को रोकने में जो ऊर्जा लगनी चाहिये थी । वो सियासी आरोपबाजी में लगती रही । जिसका खामियाजा सभी को भुगतना पड रहा है।
नोएडा निवासी राजकुमार , अभिषेक और गुरूग्राम निवासी पीयूष ने बताया कि सरकारों को ये स्पष्ट करना चाहिये । कि दिल्ली एनसीआर के लोगों का भी इलाज दिल्ली सरकार के कोविड -19 के अस्पतालों में होगा, क्योंकि जिस प्रकार गत दिनों जब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा था, कि दिल्ली के अस्पतालों में सिर्फ दिल्ली के ही कोरोना पीडितों का इलाज होगा । ऐसे में अन्य राज्यों के साथ – साथ एनसीआर वालों में जो इलाज को लेकर अनिश्चिता पनपी थी । वो आज तक दूर ना हो सकी । सबसे चौकाने वाली बात आज ये सामने आयी है कि सरकारों के बीच कोरोना से निपटने को लेकर जो भी वार्तालाप और दिशानिर्देश जारी हुये हो पर हकीकत में अभी तक लोगों को चिकित्सीय सुविधा ना मिल सकी । पीयूष ने बताया कि उनको परिजनों से साथ वैसा ही अमानवीय व्यवहार हुआ है जो पिछले दिनों से होता आ रहा है। ऐसे में सरकार को ठोस कदम उठाने का जरूरत है।

पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाना असंवेदनशील, फैसला वापस ले केंद्र : सोनिया

कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने लिखा कि कोरोना वायरस संकट से जूझ रहे देश में पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाने का सरकार का फैसला असंवेदनशील है। उन्होंने मोदी सरकार से बढ़ी कीमतों का फैसला वापस लेने की अपील भी की है।
चिट्ठी में उन्होंने लिखा कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमत में पिछले सप्ताह की तुलना में लगभग 9% की कमी हुई है, लेकिन सरकार इस मुश्किल समय में भी लोगों को लाभ देने की बजाय वसूली कर रही है।
बता दें कि मंगलवार को पेट्रोल-डीजल की कीमतें लगातार 10वीं बार बढ़ाए गए। इन10 दिनों में पेट्रोल की कीमत में 5.47 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी हुई है, वहीं डीजल के दाम में 5.8 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाए गए हैं।
सरकार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बढ़ाकर 2 लाख 60 हजार करोड़ रु. का अतिरिक्त राजस्व जुटाने का प्रयास कर रही है। प्रधानमंत्री देश के लोगों के आत्मनिर्भर होने की बात करते हैं। ऐसे में लोगों पर अतिरिक्त बोझ डालना उचित नहीं है।
उन्होंने सरकार से अपने संसाधनों का उपयोग करने का आग्रह किया, ताकि इस संकट में जरूरतमंद लोगों को फायदा मिल सके।
देश को अभी स्वास्थ्य संबंधी, आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा रहा है। ऐसे में सरकार ने कीमतें बढ़ाने का असंवेदनशील फैसला ले रही है।
कीमतें बढ़ने से लोगों पर अतिरिक्त बोझ बढ़ रहा है, जिसे कत्तई उचित करार नहीं दिया जा सकता है। सरकार की यह जिम्मेदारी और कर्तव्य है कि लोगों को अब और ज़्यादा परेशानी में न डाले।
कीमतें बढ़ाने का कोई औचित्य नजर नहीं आता, जब देश में आर्थिक संकट की स्थिति हो गई हो।
संकट में मुश्किल बढ़ा रही सरकार
कोरोना संकट में करोड़ों लोग बेरोजगार हुए हैं। छोटे-बड़े उद्योग बंद हो रहे हैं, लोग मानसिक तनाव से गुजर रहे हैं। लोगों के सामने जीविका की समस्या पैदा हो गई है। मध्य वर्ग सबसे ज़्यादा परेशानी में है। किसानों को भी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में सरकार ऐसा कोई भी असंवेन्दनशील फैसला नहीं करना चाहिए।

चीन से तनाव के बीच एलएसी पर गलवान घाटी में भारतीय अधिकारी, दो जवान शहीद

चीन से चल रहे सीमा तनाव के बीच बड़ी खबर आ रही है। लाईन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर बढ़ते तनाव के बीच गलवान घाटी में सोमवार रात भारतीय और चीनी सेना के बीच हिंसक झड़प हुई है। ख़बरों के मुताबिक झड़प में भारतीय सेना के एक अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं। अभी तक चर्चा थी कि वहां जवान दोनों तरफ पीछे हट रहे हैं।

साल १९६७ के बाद यह पहला मौका है जब एलएसी पर भारतीय जवानों की शहादत हुई है। अभी तक सीमा पर उसके बाद कभी भी तनाव हुआ है उसमें किसी भी तरफ किसी सैनिक की जान नहीं गयी थी। अब जो घटना हुई है उसमें भारतीय सेना के अधिकारी और दो जवान शहीद हो गए हैं।

अभी इसे लेकर सूचना का इंतजार किया जा रहा है। पिछले कई दिन से भारत-चीन सीमा पर तनाव चल रहा है। चीन लगातार कह रहा है कि वह बातचीत के जरिए मामले को सुलझाना चाहता है, लेकिन वह पीछे हटने से इनकार कर रहा है। भारत ने साफ कर दिया था कि चीन के सिपाहियों को पीछे हटना ही होगा। एलएसी पर बदली परिस्थिति को भारत स्वीकार नहीं करेगा।

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री जैन को बुखार, सांस लेने में तकलीफ, अस्पताल में भर्ती, कोरोना टेस्ट हुआ

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन की तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्हें तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया। इस बीच भारत में १,५३,१७८ सक्रिय मामले हो गए हैं और ९९०० लोगों की मौत हुई है।

जानकारी के मुताबिक मंगलवार को उन्हें दिल्ली के राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जैन को सांस लेने में तकलीफ आ रही थी, साथ ही उन्हें तेज बुखार भी है। उनका कोविड-१९ का  है और शाम तक इसकी रिपोर्ट  संभावना है।

जो लक्षण उनमें दिखे हैं, वैसे यह कोरोना वायरस के लक्षणों से मिलते हैं, हालांकि, उन्हें क्या समस्या है, इसकी सही जानकारी कोविड की टेस्ट रिपोर्ट आने से ही पता। चलेगा। अस्पताल में उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। खुद सत्येंद्र जैन ने ट्वीट करके यह जानकारी दी है।

जैन पिछले दिनों से लगातार बैठकों में व्यस्त रहे हैं। तीन दिन पहले ही वे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की दिल्ली में बुलाई बैठक में भी शामिल थे जिसमें मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपराज्यपाल बैजल और कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे। उनसे पहले सीएम केजरीवाल की तबियत भी अचानक बिगड़ने के बाद उनकी कोविड-१९ टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई थी।

जैन की तबियत बिगड़ने पर सीएम केजरीवाल ने ट्वीट करके कहा –  ”अपनी सेहत का ख़्याल किए बिना आप रात-दिन २४ घंटे जनता की सेवा में लगे रहे। अपना ख़्याल रखें और जल्द स्वस्थ हों”। याद रहे दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़े हैं।  मंगलवार सुबह तक दिल्ली में कोरोना वायरस के ४२,८२९ मामले हैं, जबकि अबतक १४०० लोगों की जान गयी है।

भारत में १,५३,१७८ सक्रिय मामले
भारत में कोरोना के मरीज बढ़कर अब ३,४३,०९१ हो गए हैं। पिछले २४ घंटों में ३८० लोगों की कोविड-१९ से मौत हुई है जबकि अब तक कुल ९९०० लोगों की जान जा चुकी है।

भारत में सक्रिय मरीजों की संख्या, हालांकि १,५३,१७८ है और १,८०,०१२ लोग वायरस को हराकर स्वस्थ हो चुके हैं। वैसे देखा जाये तो टेस्टिंग बढ़ने के साथ ही संक्रमित  लोगों की ज्यादा संख्या सामने आई है। पिछले २४ घंटे में १०,६६७ नए मामले आए हैं। भारत में कोविड-१९ से रिकवरी रेट ५२.४६ फीसदी है।

शोपियां में ३ आतंकी ढेर

कश्मीर के शोपियां जिले में मंगलवार को एक और मुठभेड़ में सुरक्षा बलों ने बड़ी सफलता हासिल करते हुए तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। दोनों तरफ से हुई जबरदस्त गोलीबारी में आतंकियों को मार गिराया गया।

जानकारी के मुताबिक शोपियां जिले के तुरकावनगाम इलाके में यह मुठभेड़ हुई।  सुरक्षाबलों को सूचना मिली थी कि इलाके में आतंकी छिपे हुए हैं, जिसके बाद आपरेशन किया गया। जानकारी मिलते ही सुरक्षाबलों ने इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जिसमें यह आतंकी ढेर कर दिए गए।

आतंकियों ने सुरक्षाबलों को आते देख उनपर फायरिंग शुरू कर दी। जम्मू कश्मीर पुलिस की स्पेशल ऑपरेशन टीम, सेना और सीआरपीएफ के जवानों की साझी टीम ने आतंकियों को घेर कर ऑपरेशन चलाया। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षाबलों ने तीन आतंकियों को ढेर कर दिया। पुलिस ने बताया दोनों तरफ से गोलीबारी हुई जिसके बाद तीन आतंकी मार गिराए गए।

जम्मू कश्मीर में भूकंप के झटके, केंद्र तजाकिस्तान, तीव्रता ५.८  

जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं। भूकंप, जिसका केंद्र तजाकिस्तान था, ने सुबह ७ बजे जम्मू कश्मीर को भी हिला दिया। भूकंप की तीव्रता ५.८ थी जिसे कारण झटके तेज थे।

भूकंप का केंद्र तजाकिस्तान के दसहांबे से ३४१ किलोमीटर दूर था जिसका असर जम्मू-कश्मीर में भी दिखा। लोग घबरा कर घरों से बाहर निकल आये। पिछले कुछ हफ़्तों में राजधानी दिल्ली, गुजरात और जम्मू कश्मीर में लगातर भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं।

सोमवार को भी तड़के ४.३६ बजे भूकंप के झटके महसूस किये गए थे। हालांकि, उसकी तीव्रता ३.२ थी। जम्मू-कश्मीर में ९ जून को भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।

उधर गुजरात के कच्छ में भी रविवार को ५.५ तीव्रता वाला भूकंप महसूस किया गया था। भूकंप से कच्छ के कई घरों में दरारें आने की सूचना भी आई थी। लगातार झटकों के कारण लोगों में डर पैदा हो रहा है।

सुशांत सिंह राजपूत का अंतिम संस्कार

बॉलीवुड के उभरते सितारे सुशांत सिंह राजपूत का सोमवार शाम विले पार्ले के सेवा समाज शमशान घाट पर अंतिम संस्कार कर दिया गया। सुशांत शनिवार दोपहर बांद्रा स्थित अपने घर पर मृत मिले थे। उनकी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में अस्पताल ने बताया है कि दम घुटने की वजह से उनकी मौत हुई है और उनका दम फांसी पर लटकने की वजह से घुटा है।

सुशांत के अचानक आत्महत्या करने से उनके सभी नजदीकी शॉक में हैं। उनके अंतिम संस्कार के समय उनके पिता, बहनें, अन्य रिश्तेदारों, मित्र संदीप सिंह के अलावा फिल्म इंडस्ट्री से रिया चक्रबर्ती, विवेक ओबेरॉय, श्रद्धा कपूर, कृति सैनन आदि भी थे। बिहार के पटना में जन्मे सुशांत महज ३४ साल के थे।

उनके आत्महत्या करने पर हार्दिक संवेदना जताते हुए दो बड़े फिल्म कलाकारों शेखर कपूर और कंगना रनौत ने कुछ गंभीर सवाल उठाए हैं। दोनों के बयानों से संकेत मिलता है कि सुशांत की आत्महत्या जाँच का विषय है। कंगना रणौत ने कहा ”ये साजिशन हत्या है और इसके पीछे बॉलीवुड की वो सोच है जो इंडस्ट्री के बाहर के लोगों को आगे बढ़ना नहीं देना चाहते”। शेखर कपूर ने कहा कि कुछ लोग इस  परिस्थिति के लिए जिम्मेवार हैं।

सुशांत के मैनेजर को सुशांत का फ़ोन पासवर्ड पता था। फोन खुलने पर आखिरी कॉल रात ३ बजे की मिली जो सुशांत ने दोस्त और एक्टर महेश शेट्टी को की थी लेकिन महेश ने कॉल पिक नहीं की थी। महेश ने रविवार १२ बजे दोपहर को कॉल किया लेकिन सुशांत ने फोन नहीं उठाया। तब तक सुशांत की मौत हो चुकी थी।

इससे पहले सुशांत सिंह राजपूत के पार्थिव शरीर को एंबुलेंस विले पार्ले के शमशान घाट लाया गया। सुशांत की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि दम घुटने की वजह से उनकी मौत हुई है। उनका दम फांसी पर लटकने की वजह से घुटा है। रिपोर्ट पुलिस को सौंपी गयी है। यह कहा गया है कि सुशांत सिंह पिछले छह महीने से डिप्रेशन से ग्रसित थे। सुशांत के विसरा सैंपल को केमिकल एनालिसिस के लिए संभाल कर रख लिया गया है। सुशांत को लेकर बताया गया है कि पिछले काफी समय से उन्होंने लोगों से मिलना-जुलना कम कर दिया था। कुछ समय से सुशांत  लिक्विड डाइट पर थे और मौत से कुछ घंटे पहले उन्होंने एनर्जी ड्रिंक पिया था।

मुंबई में 86 दिन बाद चली लोकल ट्रेन

कोरोना वायरस के कहर के मामले में जहां महाराष्ट्र ने चीन को पीछे छोड़ दिया है, वहीं मुंबई में वुहान को भी पछाड़ दिया है। जहां राज्य में एक लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके हैं, वहीं मुंबई में 50 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। लेकिन इस बीच, माया नगरी में सोमवार से अनलाॅक की शुरुआत मुंबई की जान लोकल ट्रेन शुरू करने से हो गई है।

देश की आर्थिक राजधानी की लाइफलाइन कही जाने वाली लोकल ट्रेन सेवा की शुरुआत लाॅकडाउन के चलते 86 दिन के बाद सोमवार से फिर शुरू हुई। लोकल ट्रेन में सिर्फ जरूरी सेवाओं से जुड़े लोगों को ही यात्रा करने की इजाजत दी गई है। इसके साथ ही सीमित ट्रेनें चलेंगी यानी मध्य रेलवे की 200 लोकल ट्रेनों और पश्चिम रेलवे की 120 लोकल ट्रेनें ही चलेंगी।

लोकल ट्रेन में फिलहाल पुलिसकर्मी, नर्स, डॉक्टर, नगर निगम के कर्मचारी, सफाईकर्मी, नगरपालिका के अन्य कर्मचारी और पत्रकार ही यात्रा कर पाएंगे। कोरोना से पहले सामान्य दिनों में मुंबई में करीब 2400 लोकल ट्रेनें चलती थीं। वहीं, पश्चिम रेलवे के चर्चगेट से दहानु रूट पर कुल 73 ट्रेनें चलेंगी। ये लोकल ट्रेनें सुबह 5.30 बजे से रात 11.30 बजे तक चलेंगी।

मध्य रेलवे की 200 लोकल में 100 अप रूट और 100 डाउन रूट पर चलेंगी। कुछ प्रमुख स्टेशनों पर इन लोकल ट्रेन को रोका जाएगा। साधारण यात्री लोकल में यात्रा नहीं कर पाएंगे। अगर संबंधित कर्मचारी सरकारी पहचान पत्र दिखाता है तो ही उसे टिकट मिलेगा।

पासधारक टिकटों की वैधता बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। कर्मचारियों को क्यूआर कोड आधारित ई-पास क जरिये स्टेशन तक जाने दिया जाएगा। हालंकि  कंटेंमेंट जोन में रहने वालों को जाने की अनुमति नहीं होगी। लोकल ट्रेन में सोशल डिस्टेंसिंग के लिए 1200 की क्षमता वाले डिब्बों में सिर्फ 700 लोगों को जाने की इजाजत होगी। रेलवे स्टेशन क्षेत्र में 150 मीटर तक कोई फेरीवाला और पार्किंग क्षेत्र नहीं होगा। प्रत्येक स्टेशन के बाहर इमरजेंसी सेवा की व्यवस्था की गई है।

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारी लापता, भारत ने चिंता जताई, पाक से सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा

पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के दो कर्मचारी लापता हो गए हैं। भारत ने इस घटना पर चिंता जताते हुए पाकिस्तान से इन कर्मचारियों की सलामती सुनिचित करने को कहा है। पिछले दिनों भारत ने जासूसी करते हुए पकड़े गए पाकिस्तान के दो कर्मचारियों को अगले ही दिन वापस पाकिस्तान भेज दिया था और माना जा रहा है कि भारत के दो कर्मचारियों के लापता होने के पीछे यही कारण हो सकता है।

जानकारी के मुतबिक यह कर्मचारी सुबह ८.३० बजे के बाद से लापता हैं। यह माना जा रहा है कि यह दोनों जूनियर कर्मचारी पाकिस्तान पुलिस के कब्जे में हो सकते हैं और हो सकता है पाकिस्तान ”बदले की कार्रवाई” के रूप में इन पर जासूसी का आरोप मढ़ दे।

भारत में पाकिस्तान उच्चयोग के दो कर्मचारी कुछ दिन पहले ही जासूसी करते हुए पकड़े गए थे। उनके खिलाफ भारतीय एजेंसियों ने काफी सबूत जुटाए थे। उनपर  काफी समय से नजर राखी जा रही  साबित हो गया था कि वे यहाँ पाकिस्तान के लिए जासूसी भी कर रहे हैं।

अब भारत के दो कर्मचारियों के लापता होने के पीछे यही कारन माना जा रहा है। हो सकता है पाकिस्तान जल्दी ही इन दोनों पर जासूसी का आरोप लगाकर उनपर कार्रवाई करे। फिलहाल भारत ने इन दोनों के लापता होने पर गंभीर चिंता जताते हुए पाकिस्तान से कहा है कि दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाये।