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गुजरात में भूकंप के झटके, तीव्रता ५.५  

गुजरात में भूकंप के झटके महसूस किये।  इसका केंद्र राजकोट से करीब १२२ किलोमीटर दूर था। यह इलाका कच्छ का इलाका है, जहाँ कुछ लोगों के घरों में दरारें आने की जानकारी है। भूकंप की तीव्रता ५.५ आंकी गयी है।
जानकारी के मुताबिक तेज झटके लगते ही लोग डर कर घरों से बाहर की तरफ भागे। किसी जान माल के नुक्सान की फिलहाल कोइ खबर नहीं है। भूकंप का केंद्र गुजरात का ही राजकोट बताया गया है।
गुजरात के कई हिस्सों में भूकंप के झटके महसूस किये गए।  जानकारी के मुताबिक जम्मू के कुछ इलाकों में झटके महसूस किये गए हैं। यह झटके शाम ८.१३ बजे आये हैं।

अभिनेता सुशांत सिंह ने आत्महत्या की

मशहूर एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने आत्महत्या कर ली है। रविवार दोपहर को आई इस खबर से पूरा बॉलीवुड शॉक में है। जानकारी के मुताबिक सुशांत आजकल डिप्रेशन का इलाज भी करवा रहे थे।

जानकारी के मुताबिक सिंह ने बांद्रा स्थित अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। उन्होंने अभी तक कई फिल्मों में काम किया था, और उन्हें उभरता हुआ अभिनेता माना जाता था। नौकर ने फोन करके सुशांत को लेकर पुलिस को जानकारी दी।

पता चला है कि अभी यह पता बहीं है कि उन्होंने क्यों आत्महत्या कर ली है। अभी यही भी पता नहीं है कि वास्तव में उनकी मौत कैसे हुई है , पुलिस छानबीन में जुट गयी है। जानकारी के मुताबिक सुशांत आजकल डिप्रेशन का इलाज भी करवा रहे थे।

कोरोना युग में रक्त की कमी ना हो , रक्तदान करें

देश में कोरोना के लगातार मामले बढने से, खून की मांग  70 प्रतिशत तक बढी है। विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर डाक्टरों ने माना कि रक्त की कमी कोरोना काल में रोगियों को मुशीबत में डाल सकती है।डब्ल्यू एच ओ के अनुसार किसी भी देश में अगर 1 प्रतिशत आबादी रक्तदान करें, तो उस देश की रक्त की जरूरत को पूरा किया जा सकता है और जरूरतमंद लोगों की जिदंगी को बचाया सकता है।इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डाँ आर. एन. कालरा ने कहा कि कोविड -19 के कहर के कारण जो पीडित आ रहे है ।उनको सही मायने में खून की जरूरत हो सकती है।जागरूकता के अभाव में आज भी लोग रक्तदान करने से डरते है, कि कहीं उन्हें कोई कमजोरी और कोई दिक्कत ना हो जाये  । इसके कारण वे रक्तदान करने से हिचकते है । जबकि सच्चाई ये है कि रक्तदान करने से कोई कमजोरी नहीं आती है। इसलिये रक्तदान करने से डरे नहीं है। मैक्स अस्पताल के हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ विवेका कुमार का कहना है कि दिल्ली, मुम्बई और अन्य राज्यों में इस समय कोरोना के मामलों में जो इजाफा हो रहा है, उसके कारण अस्पतालों में भर्ती मरीजों को थैलेसीमिया , डायलिसिस और अन्य रक्त समंधित बीमारियों से जूझते मरीजों को रक्त की कमी हो सकती है। उऩ्होंने कहा कि हार्ट के रोगियों को खासकर जिनकी सर्जरी होनी है ,वे कोरोना काल में सावधानी बरतें । द अल्मोनर बायोटेक के डायरेक्टर डाँ जसवाल का कहना है, कि कोरोना कहर के कारण जब लाँकडाउन हुआ था । तब लोगों ने रक्तदान ना किया और अब अनलाँकडाउन के कारण लोगों के आने –जाने  से और वाहनों के देशव्यापी आवाजाही के कारण सडक दुर्घटनाओं की संख्या में काफी बढोत्तरी हुई है। जिसके कारण रक्त की काफी मांग बढी है। उन्होंने कहा कि इस  कोरोना महामारी और अन्य  बीमारियों से जूझते लोगों में रक्त की कमी ना हो, इसके लिये रक्तदान कर लोगों की जिन्दगी बचाये ।डाँ जसवाल का कहना है कि रक्तदान करने से किसी को संक्रमण होने का खतरा नहीं रहता है।थर्मल स्र्कीनिंग लोकेशन हिस्ट्री जानकर ही रक्त ले सकते है।आई एम ए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ अनिल बंसल का कहना है कि इस समय अस्पतालों में सर्जरी फिर से शुरू हो गयी है और डायलिसिस मरीजों की संख्या में बढोत्तरी हो रही है । इस कारण रक्त की मांग बढ रही है।उन्होंने कहा कि देश – दुनिया में लोगों में लोग बढ चढकर रक्तदान करते है पर भारत जैसे देश में अभी लोगों में रक्तदान को लेकर काफी आशंकाये रहती है कि कही कोई दिक्कत ना हो जाये इसलिये रक्तदान करने से बचते है। जबकि सच्चाई ये है कि रक्तदान करना स्वास्थ्य के लिये हानिकारक नहीं है।

दिल्ली में कोविड-१९ टेस्टिंग तिगुनी होगी, साथ ही कंटेनमेंट ज़ोन में घर-घर जाकर हरेक व्यक्ति का व्यापक स्वास्थ्य सर्वे करने का फैसला : शाह

राजधानी दिल्ली में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच रविवार को दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह ने जो बैठक बुलाई थी, उसमें फैसला हुआ है कि दिल्ली में अगले दो दिन में कोरोना की टेस्टिंग की संख्या दोगुनी की जाएगी जबकि अगले कुछ दिन में राजधानी के हरेक कंटेनमेंट जोन में प्रत्येक पोलिंग स्टेशन पर टेस्टिंग शुरू कर दी जाएगी।

आज की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री को जानकारी से अवगत करवाया। बैठक में उपराज्यपाल अनिल बैजल के अलावा स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन भी उपस्थित थे। फैसला हुआ है कि अगले दो दिन में टेस्टिंग की तादाददोगुनी की जाएगी जबकि छह दिन बाद इस टेस्टिंग को बढाकर तीन गुना करने का फैसला किया गया है। कुछ दिन के भीतर राजधानी के कंटेनमेंट जोन में हर पोलिंग स्टेशन पर टेस्टिंग शुरू कर दी जाएगी।

बैठक के बाद अपने एक ट्वीट में गृह मंत्री शाह ने कहा – ”दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए मोदी सरकार कटिबद्ध है। दिल्ली में कोरोना से संक्रमित मरीजों के लिए बेड की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने तुरंत ५०० रेलवे कोच दिल्ली को देने का निर्णय किया है। इन कोच के मिलने से दिल्ली में ८००० बेड बढ़ेंगे”।

गृह मंत्री के मुताबिक कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए दिल्ली के कंटेनमेंट ज़ोन में कॉन्टैक्ट मैपिंग बेहतर तरीके से हो, इसके लिए घर-घर जाकर हर एक व्यक्ति का व्यापक स्वास्थ्य सर्वे किया करने का फैसला किया गया है। इसकी रिपोर्ट एक हफ्ते में आ जाएगी, साथ ही अच्छे से मॉनिटरिंग हो, इसके लिए वहां हर व्यक्ति के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करवाया जाएगा।

उनके मुताबिक संक्रमण से जान गंवाने वाले लोगों के लिए सरकार दुखी है और उनके परिजनों के प्रति संवेदनशील भी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतिम संस्कार के लिए नई गाइडलाइन्स जारी करने का निर्णय किया है। इससे अंतिम संस्कार की प्रतीक्षा अवधि कम कम हो जाएगी। केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को इस महामारी से लड़ने के लिए आवश्यक संसाधन जैसे ऑक्सीजन सिलिंडर, वेंटीलेटर, पल्स ऑक्सीमीटर और अन्य सभी जरूरतों को पूरा करने के लिए भरोसा दिया है।

शाह के मुताबिक दिल्ली के निजी अस्पतालों में कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए कोरोना बेड में से ६० फीसदी बेड कम रेट में उपलब्ध कराने, कोरोना उपचार और  कोरोना की टेस्टिंग के रेट तय करने के लिए डॉ. पॉल की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गयी है जो कल तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। केंद्र सरकार ने दिल्ली में कोरोना संक्रमण को रोकने और इससे मजबूती से लड़ने के लिए दिल्ली सरकार को भारत सरकार के और पांच वरिष्ठ अधिकारी देने का निर्णय किया है।

दिल्ली में कोविड-१९ को लेकर गृह मंत्री शाह की बुलाई बैठक शुरू

राजधानी दिल्ली में कोविड-१९ वायरस से उपजे गंभीर हालात को लेकर गृहमंत्री अमित शाह की बुलाई बैठक शुरू हो गयी है। इस उच्च स्तरीय बैठक में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया और दिल्ली के उप राज्यपाल अनिल बैजल, गृह सचिव अजय भल्ला सहित कई वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा ले रहे हैं।

देखना होगा कि बैठक में से क्या निकलकर सामने आता है। पिछले दिनों में दिल्ली में कोरोना इ मामलों में अचानक बड़ी संख्या में वृद्धि हुई है जबकि मौतों का आंकड़ा भी बढ़ा है। यह आरोप है कि कोरोना को लेकर केंद्र और राज्य सरकार और एमसीडी प्रशासन में तालमेल का नितांत अभाव रहा है। एक मौके पर दिल्ली सरकार और एमसीडी के मौत के आंकड़ों में ही १४०० का अंतर था।

राजधानी का मामला इसलिए गंभीर है कि यहाँ शनिवार को जो आंकड़े जारी किये गए थे जिसमें बताया गया है कि एक ही दिन में २१३४ नए कोरोना मरीज मिले जिससे जिससे राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या बढ़कर ३८,९५८ हो गयी है। पिछले २४ घंटों में इसमें और बढ़ौतरी हुई होगी। दिल्ली में इस वायरस की चपेट में आने से अब तक १२७१ लोग जान गंवा चुके हैं जबकि १४९४५ मरीज स्वस्थ हुए हैं।

गृह मंत्री शाह शाम पांच बजे दिल्ली में कोरोना की हालत पर एक और बैठक करेंगे। इसमें दिल्ली नगर निगम के सभी मेयर उपस्थित रहेंगे। स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन, दिल्ली के सीएम और उप राज्यपाल बैजल भी बैठक में रहेंगे। याद रहे दिल्ली में कोरोना के हालात गंभीर बने रहने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट तक केंद्र और दिल्ली सरकार को राजधानी में कोरोना मरीजों के लिए वेंटिलेटर और अस्पतालों में बेड बढ़ाने के निर्देश दे चुका है।

नेपाल ने भारतीय हिस्से को अपने बताने वाला विवादित संशोधित नक्शा संसद में पास किया

भारत के जबरदस्त विरोध के बीच नेपाल की संसद ने शनिवार को विवादित नक्शे में संशोधन का प्रस्ताव पास कर दिया। इस नए नक्शे में भारत के तीन इलाकों कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा को नेपाल का बताया गया है।

नेपाल की २७५ सदस्यों वाली संसद में बिल के पक्ष में २५८ वोट पड़े और किसी ने भी इसके खिलाफ मत नहीं दिया। वैसे इस बिल का नेपाल की जनता समाजवादी पार्टी की संसद सदस्य सरिता गिरी विरोध कर चुकी हैं। उन्होंने संशोधन बिल को वापस लेने और पुराने नक्शे को बहाल करने की मांग की थी।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारत पर अवैध कब्ज़े का आरोप लगाया।  साथ ही दावा किया कि वो अपनी ज़मीन वापस लेकर रहेंगे। याद रहे ११ जून को नेपाल की कैबिनेट ने नौ सदस्यों की एक समिति का गठन किया है। वैसे जिस इलाके पर नेपाल दावा कर रहा है, उसपर अधिकार का नेपाल के पास कोई प्रमाण नहीं है। यह आरोप लगते रहे हैं कि नेपाल चीन के उकसावे में ऐसा कर रहा है। इसी कारण पिछले कुछ समय से भारत और नेपाल में सीमा विवाद से रिश्ते तनावपूर्ण बन गए हैं।

याद रहे तीन इलाकों का यह मसला तब गरमा गया था जब ८ मई को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लिपुलेख से धाराचूला तक बनाई गई सड़क का उद्घाटन किया था।  नेपाल ने लिपुलेख को अपना हिस्सा बताते हुए इसका विरोध किया था और १८ मई को उसने नया नक्शा जारी कर इन तीन भारतीय इलाकों को नेपाल का हिस्सा बता दिया, जिसपर भारत ने कड़ा प्रतिरोध जताया।

पाकिस्तानी ऑलराउंडर क्रिकेटर शाहिद अफरीदी कोरोना पॉजिटिव

देश और दुनिया में कोरोना वायरस का कहर जारी है। क्रिकेट जगत के दिग्गज ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी पिछले दिनों कोरोना महामारी के बीच ज़रूरतमंदों को राहत सामग्री बांटने को लेकर चर्चा में आये थे। इस दौरान उन्हीने पीएम मोदी पर अभद्र टिप्पणी भी की थी। अब वे खुद बीमार हैं और उनकी कोरोना संक्रमण की रिपार्ट पॉजिटिव आई है।
पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान अफरीदी ने खुद यह जानकारी दी। उन्होने शनिवार जो ट्वीट किया- मैं वीरवार से बीमार महसूस कर रहा हूं। बदन में काफी दर्द है। मैंने टेस्ट कराया और बदकिस्मती से मैं कोरोना पॉजिटिव हूं। जल्द सेहतमंद होने के लिए दुआओं की दरख्वास्त है।
अफरीदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट करियर में 27 टेस्ट में 1716  रन और 48 विकेट ; 398 वनडे में 8064 रन और 395 विकेट लिए हैं। उनके नाम 99 टी-20 में 1416 रन और 98 विकेट उनके नाम दर्ज हैं। आईपीएल में अफरीदी ने सिर्फ 10 ही मैच खेले हैं, जिसमें 81 रन बनाए थे। वनडे में 9 बार 5 या इससे ज़्यादा विकेट लेने का रिकॉर्ड उनके नाम है।
हाल ही में पूर्व पाकिस्तानी क्रिकेटर तौफीक उमर भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। उन्होंने खुद को क्वरंटाइन किया हुआ है।  इनके अलावा क्रिकेट जगत में स्कॉटलैंड के माजिद हक और दक्षिण अफ्रीका के सोलो एनक्वेनी भी संक्रमित हो चुके हैं।
पाकिस्तान में दो पूर्व फर्स्ट क्लास क्रिकेटर की मौत कोरोना संक्रमण से हो चुकी है। रईज शेख (51) और जफर सरफराज (50) अपनी जान गंवा चुके हैं। इनके अलावा पाकिस्तानी मूल के स्क्वैश लेजेंड आजम खान (95) भी इंग्लैंड में जान गंवा चुके हैं।

नेपाली पुलिस की ताबड़तोड़ फायरिंग में सीतामढ़ी सीमा पर भारतीय की मौत

तीन इलाकों को लेकर भारत और नेपाल में तनातनी के बीच शुक्रवार को बिहार के  सीतामढ़ी जिले में सीमा पर नेपाल पुलिस की तरफ से हुई ताबड़तोड़ फायरिंग में एक भारतीय की मौत हो गयी है। इस घटना को गंभीर माना जा रहा है, जिसमें दो लोग घायल भी हुए हैं। अपुष्ट ख़बरों के मुताबिक एक व्यक्ति को नेपाल पुलिस सीमा से उठाकर नेपाल इलाके में ले गयी है।

जानकारी के मुताबिक इस इलाके में पहले से लोग आर-पार जाते रहे हैं। लेकिन वहां इस तरह की घटना पहले कभी नहीं हुई है। झड़प होने के बावजूद ऐसी घटना पहले कभी नहीं हुई। लेकिन शुक्रवार को नेपाल पुलिस की तरफ से हुई फायरिंग में एक भारतीय की मौत होने से तनाव बन गया है।

कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक फायरिंग की घटना के बाद नेपाल सशस्त्र पुलिस ने सीमा पर तैनात एसएसबी को जानकारी दी कि उनसे हथियार छीनने की कोशिश की गई जिसके जवाब में फायरिंग की गयी।

यह घटना भारत-नेपाल सीमा पर सीतामढ़ी के लालबंदी बॉर्डर के सोनबरसा नमक स्थान पर हुई है। नेपाल पुलिस ने फ़ायरिंग कर दी, जिससे एक स्थानीय ग्रामीण की मौत हो गयी। घटना शुक्रवार सुबह करीब पोन नौ बजे की है। सशस्त्र सीमा बल फ्रंटियर हेडक्वार्टर (पटना) के आईजी संजय कुमार ने घटना की पुष्टि की है और कहा है कि जिस व्यक्ति की जान नेपाली पुलिस की फायरिंग में गयी है, वो २५ साल का एक युवक है।

इस घटना में घायल हुए लोगों का सीतामढ़ी के सरकारी अस्पताल में किया जा रहा है। इनके नाम उमेश राम और उदय ठाकुर बताये गए हैं। घटना के बाद सीमा क्षेत्र में भारतीय जवानों की गश्त तेज की गई है। पुलिस ने इसे ग्रामीणों और नेपाल सशस्त्र पुलिस के बीच झड़प बताया है। यह भी कहा गया है कि यह घटना नेपाल इलाके में हुई है। वरिष्ठ अधिकारी वहां पहुंचे हैं और मामले की जांच की जा रही है।

रिजर्व बैंक ने अब इस बैंक से पैसे निकालने पर लगाई रोक

भारतीय रिजर्व बैंक ने अब उत्तर प्रदेश के एक बैंक पर करीब कंगाल हो चुकने की स्थिति पर किसी भी तरह के लेन-देन पर छह माह तक की रोक लगा दी है। कानपुर स्थित पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक की कमजोर वित्तीय स्थिति के कारण अब यह बैंक न तो किसी को कर्ज दे सकेगा न ही जमा कर सकेगा और न ही इस बैंक से कोई पैसे निकाल सकेगा।

रिजर्व बैंक की ओर से स्पष्ट कहा गया है कि पीपुल्स को-ऑपरेटिव सहकारी बैंक से किसी जमाकर्ता को राशि की निकासी करने की भी सुविधा फिलहाल नहीं मिलेगी। आरबीआई की ओर से जारी बयान में कहा गया कि 10 जून 2020 को व्यवसाय बंद होने के बाद, रिजर्व बैंक की अनुमति के बिना पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक कोई नया लोन नहीं दे पाएगा और पुराने बकाये को रेन्यू नहीं कर पाएगा। इसके साथ ही बैंक कोई जमा नहीं स्वीकार पाएगा और बैंक में नया निवेश भी नहीं हो पाएगा। बैंक के किसी भी जमाकर्ता को बचत, चालू या अन्य खाते में से राशि निकालने की अनुमति भी नहीं रहेगी। बैंक को किसी संपत्ति को बेचने, स्थानांतरित करने या उसका निपटारा करने पर भी रोक लगा दी गई है।

उपरोक्त निर्देश 10 जून को कारोबार बंद होने के बाद से फिलहाल अगले छह महीने तक लागू रहेंगे और इनकी समीक्षा की जा सकेगी। हालांकि आरबीआई ने स्पष्ट किया कि इस निर्देश को पीपुल्स को-ऑपरेटिव बैंक के बैंकिंग लाइसेंस को रद्द करने के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। बैंक अपनी वित्तीय स्थिति में सुधार होने तक इन प्रतिबंधों के साथ बैंकिंग व्यवसाय करना जारी रखेगा।

बता दें कि इससे पहले आरबीआई पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक (पीएमसी बैंक) पर ऐसी कार्रवाई कर चुका है। पीएमसी बैंक पर 23 सितंबर 2019 को छह महीने के लिए प्रतिबंध लगाया गया था। इसके बाद इसे दो बार तीन-तीन महीनों के लिए बढ़ाया जा चुका है।

कोरोना का खतरा कुपोषित बच्चों पर सबसे अधिक

कोरोना काल में सबसे ज्यादा खतरा अगर किसी को है तो कुपोषण के शिकार बच्चों पर, क्योंकि भारत जैसे देश में जागरूकता के अभाव में सही खान-पान ना हो पाने के कारण बच्चें जल्दी बीमारी के चपेट में आते है ।यूनिसेफ का हवाला देते हुये द अल्मोनर बायोटेक के डायरेक्टर डाँ जसवाल .के .एस. ने बताया कि कोरोना का कहर सारी दुनिया में है।ऐसे में इम्युनिटी पावर का बच्चों, होना बहुत आवश्यक है।क्योंकि देश –दुनिया में अक्सर कुषोपण के शिकार बच्चों में बीमारी होने के साथ – साथ मौत का खतरा ज्यादा रहता है।इसलिये सरकार से लेकर डाक्टरों को इस कोरोना काल में बच्चों को लेकर एक गाइड लाइन जारी कर कोरोना से बचाव और उपचार के लिये पहल करनी होगी । डाँ जसवाल ने कहा कि कोरोना को लेकर तमाम शोधों और डाक्टरों का अनुमान है कि जून, जुलाई और अगस्त में कोरोना का कहर भयानक रूप में सामने आ सकता है तो ऐसे में बच्चों को सोशल डिस्टेंसिंग के साथ –साथ बचाव के पुख्ता इंतजाम करने होगे। क्योंकि ये मौसम संक्रमण का मौसम है जो सबसे ज्यादा बच्चों को अपनी चपेट में लेता है।डाँ जसवाल का कहना है, कि एम16जस के माध्यम से वे समाज के सभी वर्ग के लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सतर्क कर रहे है ताकि कोरोना को होने से पहले बचाया जा सकें। क्योंकि अभी कोरोना का फैलाव तो हो रहा है, पर रोके जाने वाली स्थिति में है। देशभर में झुग्गियों में रह रहे लोगों में खासकर बच्चों के प्रति ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। द अल्मोनर बायोटेक माध्यम से हरियाणा, राजस्थान , उत्तर –प्रदेश , पंजाब और दिल्ली के लोगों को जागरूक किया जा रहा है। क्योंकि देश में कोरोना के मरीजों की बढती संख्या और सही होने वालों की संख्या में लगातार बढोत्तरी  हो रही है। ऐसे में सबसे ज्यादा अगर सावधानी और सतर्कता बरतनें की जरूरत किसी को है तो कुपोषित बच्चों को। क्योंकि कुपोषित बच्चों का बीमार होने का अनुपात पोषित व स्वस्थ्य बच्चों की तुलना में अधिक है। डाँ जसवाल का कहना है कि घरेलू नुस्खों को अपनाकर जैसे तुलसी अदरक, काली मिर्च और लोंग का काढा बनाकर सेवन कराकर बच्चों को तमाम बीमारियों से बचा सकते है ।उन्होंने बताया कि इसी जून माह में जिस अंदाज से कोरोना का फैलाव हो रहा है वो जरूर घातक  है ।