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कश्मीर में २४ घंटे में ८ आतंकी ढेर

आतंकियों पर कहर बरपाते हुए सुरक्षा बलों ने कश्मीर में पिछले २४ घंटे के भीतर ८ आतंकियों को ढेर कर दिया है। एक मस्जिद में घुसे दो आतंकियों को भी मार गिराया गया है।

जानकारी के मुताबिक मुठभेड़ में जो ८ आतंकी मारे गए हैं उनमें से सुरक्षाबलों ने शोपियां में पांच, अवंतीपोरा इलाके के पंपोर में तीन जबकि मस्जिद में घुसकर छिपे २ आतंकियों को ढेर किया है। शोपियां जिले के बंदपावा इलाके में गुरुवार से आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ चल रही है।

सुरक्षाबलों ने शुक्रवार सुबह पांचवें आतंकी को मार गिराया। अभी इलाके में और आतंकी छिपे होने की आशंका है। सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। जम्मू-कश्मीर पुलिस के मुताबिक शोपियां मुठभेड़ में चार आतंकियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। पांचवें आतंकी का शव खोजा जा रहा है।

आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिलने के बाद पुलिस, सेना की ४४ आरआर और सीआरपीएफ ने साझे अभियान में ऑपरेशन चलाया। जेके पुलिस के मुताबिक  शोपियां के अलावा मेज पंपोर में तीन आतंकियों को मारा गया है। मस्जिद में घुसे दोनों आतंकियों को भी मार गिराया गया है। सर्च अभी ऑपरेशन चल रहा है।

ऑस्ट्रेलिया में बड़ा साइबर हमला, सरकार से लेकर संस्थाओं को निशाना बनाया हैकर्स ने

ऑस्ट्रेलिया में एक बड़े साइबर हमले में वहां की सरकार और संस्थाओं हैकर्स ने निशाना बनाया है। सरकार ने इसे गंभीर हमला बताया है, हालांकि कहा है कि यह  हमला उनके देश के भीतर किसी ने किया है और इसमें किसी बड़े पर्सनल डाटा को नहीं चुराया गया है।

प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने कहा है कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार और संस्थाओं को हैकर्स ने निशाना बनाया है। उन्होंने कहा कि यह हमला सरकार के हर स्तर पर हुआ  है और जरूरी सर्विस प्रोवाइडर्स और व्यापार पर भी हैकर्स ने हमला किया है। पीएम ने, अलवत्ता इस बात से मना किया कि यह हमला उनके देश के भीतर किसी ने किया है। प्रधानमंत्री ने साफ किया है कि किसी बड़े पर्सनल डाटा में सेंधमारी नहीं हुई है।

मॉरिसन ने कहा – ”ऐसा पिछले कुछ महीनों से चल रहा है। हमले के पीछे कौन लोग हैं, इसकी पहचान की जा रही है। एक्सपर्ट ने इनकी पहचान स्टेट हैकर्स के रुप में की है।”

जिस स्तर का यह हैक है, इसकी जो नेचर है और जिस तरह से हमलावरों ने हमला किया है, वह किसी स्टेट एक्टर का ही काम है। हालांकि प्रधानमंत्री ने यह बताने से मना किया कि कौन सा देश इस हमले के पीछे है। पीएम ने कहा कि वह लोगों के बीच नाम सार्वजनिक नहीं करेंगे। कहा कि इस तरह की गतिविधियों में बहुत से देश लिप्त नहीं हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि समान रूप से ”दुर्भावनापूर्ण” गतिविधि वैश्विक स्तर पर देखी गई, लिहाजा ऑस्ट्रेलिया के लिए यह कुछ अलग नहीं है।

मणिपुर में भाजपा सरकार खतरे में, कांग्रेस दावा पेश करने की तैयारी में

राजधानी इंफल में राजनीतिक गर्मी दिख रही है। मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाली मिली जुली सरकार टूट की कगार पर है, और कांग्रेस सरकार बनाने का दावा पेश करने की तैयारी कर रही है। हालांकि, भाजपा की कोशिश है कि हर हालत में सरकार बचाई जाये।

जानकारी के मुताबिक गुरूवार को कांग्रेस ने घोषणा की कि पूर्व मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह पार्टी के नए नेता होंगे। कांग्रेस प्रवक्ता निंगोंबम भूपेंद्र मेइतेइ ने कहा कि ”मणिपुर में नए सूरज का उदय होगा और उन्हें पूरा भरोसा है कि तीन बार के मुख्यमंत्री रह चुके इबोबी सिंह नए मुख्यमंत्री होंगे”।

गौरतलब है कि भाजपा के तीन और गठबंधन के उपमुख्यमंत्री सहित छह विधायकों ने भाजपा नीट सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। इससे उसकी मणिपुर सरकार खतरे में है। कांग्रेस ने कहा है कि सरकार का गिरना भगवा पार्टी के पतन का प्रतीक है। कई नेताओं के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि उनकी पार्टी गठबंधन सरकार का नेतृत्व करेगी और यह ”जनता की सरकार” होगी।

मणिपुर में यदि फ्लोर टेस्ट होता है तो ११ विधायक जिनमें हाई कोर्ट से रोके गए सात  विधायक, इस्तीफा दे चुके तीन विधायक के अलावा अयोग्य ठहराए गए विधायक श्यामकुमार शामिल हैं, मतदान में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। ऐसी स्थिति में ४९ सदस्यीय विधानसभा में भाजपा नेतृत्व के गठबंधन सिर्फ २२ विधायक ही रह पाएंगे। कांग्रेस की ताकत उससे ज्यादा अर्थात २६ विधायकों की दिख रही है।

 जिन विधायकों ने इस्तीफा दिया है उनमें भाजपा के एस सुभाषचंद्र सिंह, टीटी हाओकिप और सैमुअल जेनदई, टीएमसी के टी रॉबिंद्रो सिंह और नैशनल पीपल्स पार्टी (एनपीपी) के वाइ जॉयकुमार सिंह (उपमुख्यमंत्री), एन कायसी, एल जयंता कुमार सिंह, लेतपाओ हाओकिप और निर्दलीय असबउद्दीन शामिल हैं। इन सभी ने कांग्रेस को समर्थन की घोषणा की है। भाजपा से निकले तीन विधायकों ने तो कांग्रेस ज्वाइन कर ली है।

बता दें २०१७ के विधानसभा चुनाव में २८ विधायकों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनी थी लेकिन भाजपा को २१ ही सीटें मिली थीं। उसने एनपीपी और नगा पीपल्स फ्रंट के चार विधायकों को साथ मिलाकर सरकार बनाई थी जिसमें एलजेपी, टीएमसी और एक निर्दलीय उम्मीदवार ने भी साथ दिया था जबकि एक गैर कांग्रेसी और एक कांग्रेस विधायक टी श्यामकुमार ने भी भाजपा को समर्थन दे दिया था।

राज्यपाल  नजमा हेमतुल्ला ने इसके बाद भाजपा को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था। हालांकि, इसके बाद कांग्रेस के सात और विधायक सनासम बीरा सिंह, गिंनसुआनहउ, ओइनाम लुखोई सिंह, गामथांग हाओकिप, सुरचंद्र सिंह, क्षेत्रीमयूम बीरा सिंह और पाओनम ब्रोजन सिंह भाजपा से जा मिले थे।

अब नए घटनाक्रम में भाजपा की सरकार खतरे में पद गयी है क्योंकि कांग्रेस ने अपने ८ पूर्व विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की याचिका दायर की थी जो आज भी विधानसभा स्पीकर के पास लंबित है। अभी तक भाजपा गठबंधन में ४० विधायक थे।  वैसे श्यामकुमार के मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद स्थिति बदल गई थी। इसी  २८ मार्च को विधानसभा स्पीकर ने उन्हें विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया। वहीं ८ जून को मणिपुर हाई कोर्ट ने सात कांग्रेस विधायकों को राज्य विधानसभा में प्रवेश करने से रोक दिया जब तक कि स्पीकर उनके खिलाफ याचिका पर फैसला न दे दें। फिलहाल मणिपुर की ४९ सदस्यीय विधानसभा में भाजपा नेतृत्व के गठबंधन सिर्फ २२ विधायक ही रह पाएंगे। कांग्रेस की ताकत उससे ज्यादा अर्थात २६ विधायकों की दिख रही है।

इस साल जगन्नाथ रथ यात्रा नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक

सुप्रीम कोर्ट ने ओडिशा के पुरी में 23 जून से शुरू होने वाली चर्चित भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा पर रोक लगा दी है। इसके साथ इस साल होने वाली यह धार्मिक रथ यात्रा नहीं होगी। भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि अगर कोरोना संकट के बीच हमने इस साल रथ यात्रा की इजाजत दी गई तो भगवान जगन्नाथ हमें माफ नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब देश और दुनिया में महामारी फैली हो तो ऐसी धार्मिक यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती, जहां पर हजारों की तादाद में भीड़ जुटती है। लोगो के स्वास्थ्य का खयाल और इससे बचाव के लिए इस साल या यात्रा आयोजित नहीं की जाएगी। चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली पीठ ने ओडिशा सरकार से कहा कि इस साल राज्य में कहीं भी रथ यात्रा से जुड़े जुलूस या कार्यक्रमों की इजाजत नहीं दिए जाने का निर्देश दिया।

दरअसल, रथयात्रा पर असमंजस की स्थिति बनी हुई थी। इस बीच, भुवनेश्वर के एनजीओ ओडिशा विकास परिषद ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि रथ यात्रा से कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाएगा। अगर लोगों की सेहत को ध्यान में रखकर कोर्ट दिवाली पर पटाखे जलाने पर रोक लगा सकता है तो रथयात्रा पर रोक क्यों नहीं लगाई जा सकती? इस बीच, मंदिर प्रशासन का कहना है कि अब हम इंतजार करेंगे कि ओडिशा सरकार इस पर क्या फैसला लेती है।

भारत शांति चाहता है, लेकिन उकसाने पर हम यथोचित जवाब देने में सक्षम : मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा है कि भारत शांति चाहता है लेकिन उकसाने पर हर हाल में यथोचित जवाब देने में सक्षम है। मुख्यमंत्रियों से कोविड-१९ पर वर्चुअल बैठक से पहले पीएम मोदी ने यह बात कही है। इस मौके पर पीएम, गृह मंत्री अमित शाह, सभी मुख्यमंत्रियों ने चीन के साथ खूनी झड़प में शहीद हुए देश के २० सैनिकों को याद करते हुए दो मिनट का मौन भी रखा।

 बैठक शुरू होने से पहले चीन से तनाव को लेकर कहा कि हम किसी भी स्थिति का यथोचित जवाब देने में सक्षम हैं। मोदी ने कहा – ”हमारे शहीदों के विषय में देश को इस बात का गर्व है वे मारते-मारते मरे हैं। हमारी सेना किसी भी स्थिति का सामना करने में सक्षम है। किसी को भ्रम में नहीं रहना चाहिए।

मोदी ने कहा कि ”हम किसी को उकसाते नहीं, और देश की रक्षा से हमें कोई रोक नहीं सकता। हम यथोचित जवाब देने में सक्षम हैं। संप्रभुत्ता से हम कोई समझौता नहीं कर सकते”। पीएम ने कहा कि हमारे सैनिकों का वलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।

मोदी ने कहा – ”हमारी हमेशा पूरी मानवता के कल्याण की कामना रही है। हमने हमेशा पड़ौसियों के साथ सहयोग से मिलकर काम किया है। उनके विकास और कल्याण की कामना की है। मतभेद भी रहे, फिर भी प्रयास किया है कि हमारे मतभेद विवाद में न बदलें”।

पीएम ने कहा कि ”हम कभी को उकसाते नहीं लेकिन हम अपने देश की अखंडता और सम्प्रभुत्ता के साथ समझौता नहीं करते। जब भी समय आया है, हमने अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। तपस्या हमारा चरित्र और संस्कृति का हिस्सा है लेकिन इसके साथ ही वीरता भी हमारा चरित्र है”।

इसके बाद  मोदी ने वर्चुअल मीटिंग में उपस्थित सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि खड़े होकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाये।

लगातार 11वें दिन बढ़े पेट्रोल-डीजल के दाम

जहां एक ओर कच्चे तेल की कीमतों में पिछले दिनों कमी दर्ज की गई, वहीं देश में लगातार 11वें दिन पेट्रोल और डीजल के दाम में इजाफा किया गया है। तेल कंपनियों ने बुधवार को पेट्रोल के दाम 55 पैसे और डीजल के दाम में 60 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी।

पिछले 11 दिनों में इस तरह अब तक पेट्रोल के दाम 6.02 रुपये और डीजल के दाम 6.40 रुपये प्रति लीटर बढ़ाए जा चुके हैं। इस इजाफे के बाद अब दिल्ली में पेट्रोल 76.73 रुपये से बढ़कर 77.28 रुपये प्रति लीटर हो गया। वहीं, डीजल 75.19 रुपये से बढ़कर 75.79 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है।

देश में लाॅकडाउन लगाए जाने के 82 दिन तक तेल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया था, लेकिन जैसे ही अनलाॅक की शुरुआत की गई तो इसके बाद 7 जून से कंपनियों ने रोजाना दाम बढ़ाने शुरू कर दिए। दरअसल, लाॅकडाउन के दौरान ही केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 10 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपये प्रति लीटर एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी थी, जबकि कई राज्यों ने वैट भी बढ़ा दिया है, जिससे लोगों पर संकट की इस घड़ी में कहीं ज्यादा बोझ बढ़ता जा रहा है। आगे महंगाई की मार भी पड़ सकती है।

मंगलवार को ही सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर पेट्रोलियम पदार्थों की बढ़ी कीमतों को वापस लेने की मांग की थी। साथ ही उन्होंने देश में लोगों के बेरोजगार होने और संकट की इस घड़ी में उन पर ज्यादा बोझ डालने को असंवेदनशील करार दिया था।

पीएम मोदी ने चीन से तनाव पर १९ को सर्वदलीय बैठक बुलाई

चीन से चल रहे गंभीर तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने १९ जून को शाम ५ बजे कांग्रेस सहित देश के सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों की बैठक बुलाई है। इसके अलावा दिल्ली में सरकार, सेना में बड़े स्तर पर बैठकों का दौर लगातार चल रहा है। इस बीच चीन ने एक बार फिर आरोप लगाया है कि भारत ने एलएसी को लांघकर कार्रवाई की है।

पीएम की बुलाई बैठक वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये होगी, क्योंकि बहुत से दलों के नेता दिल्ली से बाहर राज्यों में रहते हैं। यह बैठक परसों शाम ५ बजे के लिए तय की गयी है। विपक्ष भारत और चीन के बीच हुई खूनी झड़प के बाद से ही सरकार और पीएम की चुप्पी को लेकर सवाल खड़े कर रहा है। बैठक में पीएम विपक्ष के नेताओं से सुझाव मांग सकते हैं।

इस बीच बुधवार को दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर जारी है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज भी लगातार दूसरे दिन सैन्य अधिकारीयों, अन्य विशेषज्ञों से बैठक की है। सीमा पर लगातार नजर रखी जा रही है। सरकार की तरफ से कहा गया है कि दोनों देशों के सैनिक तनाव वाली जगह से पीछे चले गए हैं, लेकिन तनाव बना हुआ है।

बातचीत की बातों के बीच भी चीन के सरकारी मुखपत्र ”ग्लोबल टाइम्स” में लगातार उत्तेजक ब्यान और ख़बरें छप रही हैं। इनमें से एक में यह दावा किया गया है कि चीनी सेना ने पहाड़ी चोटियों वाले इलाके में टैंकों सहित युद्धाभ्यास किया है।

बहुत हो गया, चीन की हिम्मत कैसे हुई हमारे सैनिकों को मारने की, पीएम जवाब दें : राहुल

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने चीन के साथ झड़प में २० भारतीय सैनिकों की शहादत को सलाम करते हुए बुधवार को कहा कि ”बस अब बहुत हुआ, चीन की हिम्मत कैसे हुई हमारे सैनिकों को मारने की। देश को सच जानना है कि आखिर क्या हुआ है। पीएम मोदी इस मामले पर चुप क्यों हैं”?
राहुल गांधी ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा था कि कोई भी शब्द उस भावना को व्यक्त नहीं कर सकता जो मैं उन सेना के अधिकारी और जवानों के लिए महसूस कर रहा हूं, जिन्होंने देश के लिए शहादत दी है। उनके सभी प्रियजनों के प्रति मेरी संवेदना है। हम इस मुश्किल समय में आपके साथ खड़े हैं।
कांग्रेस ने मंगलवार को चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में भारतीय सेना के तीन जवानों के शहीद होने के बाद जारी बयान में कहा कि मोदी सरकार मूकदर्शक बनी रही है। बयान में कहा गया कि मोदी सरकार को याद रखना चाहिए कि हमारे संसदीय लोकतंत्र में गोपनीयता या चुप्पी अस्वीकार्य है। कांग्रेस का मानना है कि पूरा देश राष्ट्रीय सुरक्षा और अखंडता की हर कीमत पर हिफाजत के लिए एकजुट है।
भारत और चीन के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर हुई हिंसक झड़प में २० भारतीय भारतीय सैनिकों के शहीद होने से देश भर में उपजे गुस्से के बीच मोदी सरकार विपक्ष के निशाने पर आ गई है। सीमा पर हुई इस घटना के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट में कहा – ”पीएम चुप क्यों हैं ? वह क्यों छिप रहे हैं? बस बहुत हुआ। हम जानना चाहते हैं कि क्या हुआ है ? चीन की हिम्मत कैसे हुई हमारे सैनिकों को मारने की? उनकी हिम्मत कैसे हुई हमारी जमीन लेने की?”
अब जो जानकारी बाहर आ रही है उससे जाहिर होता है कि सोमवार देर रात गलवान घाटी में एलएसी पर बातचीत करने गए भारत के अधिकारीयों और जवानों पर चीनी सैनिकों ने अचानक हमला कर दिया था। इसमें पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से चोट पहुंचाई गयी। अचानक हुए हमले के बाद भारतीय सैनिक भी चीनी सैनिकों पर टूट पड़े।
इस घटना को लेकर भारतीय सेना ने जो बताया है उसके मुताबिक भारत के कमांडिंग अफसर समेत तीन जवानों की मौके पर ही शहादत हो गयी जबकि १७ अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए और उनकी भी बाद में मौत हो गयी। अभी तक की अपुष्ट रिपोर्ट्स में इस घटना में चीन के भी ४३ सैनिकों के मारे जाने या गंभीर रूप से घायल होने की जानकारी सामने आई है।
चीन ने अभी तक इसे लेकर कुछ कहा नहीं है। भारतीय सेना ने बयान जारी कर कहा है कि फिलहाल जहां झड़प हुई वहां से दोनों देशों के सैनिक पीछे हट गए हैं। हालांकि चीन ने आरोप लगाया है कि हिंसा की शुरुआत भारतीय सैनिकों ने की थी।
इस बीच राजधानी दिल्ली में बैठकों का दौर तेज हो गया है।

राहुल गांधी का ट्वीट –
@RahulGandhi
Why is the PM silent? Why is he hiding? Enough is enough. We need to know what has happened. How dare China kill our soldiers?
How dare they take our land?

झड़प में भारत के २०, चीन के ४० से ज्यादा जवानों की मौत !

भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में सोमवार की रात हुई झड़प में भारत के २० सैनिकों के शहीद होने की बात सामने आई है। सेना के मुताबिक इस झड़प में एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने के अलावा १७ जवान गंभीर घायल भी हुए थे, जो अब शहीद हो गए हैं। जानकारी के मुताबिक चीन के भी ४० से अधिक सैनिकों के मारे जाने या गंभीर रूप से घायल होने की अपुष्ट ख़बरें आ रही हैं।

जब भारत के एक अधिकारी और दो जवानों के शहीद होने की खबर आई थी, तब यह भी एक अपुष्ट खबर आई थी कि भारत के कुछ जवान लापता हैं। हालांकि, अब सेना ने कहा है कि १७ जवान गंभीर रूप से घायल हुए थे, जो अब शहीद हो गए हैं।  उधर चीन के भी ४३ सैनिकों के इस झड़प में मारे जाने या गंभीर रूप से घायल होने की खबर आ रही है।

सैनिकों के इस बड़ी तादाद में मरने की बात सामने आने से जाहिर होता है कि भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी भिड़ंत हुई है और इसमें दोनों तरफ मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है। यह भी संभावना जताई जा रही है कि चीनी सेना ने घात लगाकर भारतीय सैनिकों पर हमला किया, जिसका भारतीय सैनिकों ने जबरदस्त जवाब दिया।

कोरोना से निपटने के लिए हमारी एकता को याद किया जाएगा इतिहास में , मोदी ने कहा

कोरोना पर पीएम मोदी ने मंगलवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद किया। इसमें मोदी ने कहा कि ”भविष्य में जब कभी भारत की कोरोना के खिलाफ लड़ाई का अध्ययन होगा, तो ये दौर इसलिए याद किया जाएगा कि कैसे इस दौरान हमने साथ मिलकर काम किया”।

मोदी ने कहा कि आज दुनिया के बड़े-बड़े एक्सपर्ट्स, हेल्थ के जानकार, लॉकडाउन और भारत के लोगों के दिखाए अनुशासन की चर्चा कर रहे हैं। आज भारत में रिकवरी रेट ५० प्रतिशत से ऊपर है। कहा कि आज भारत दुनिया के उन देशों में अग्रणी है जहां कोरोना संक्रमित मरीजों का जीवन बच रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने पंजाब, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल, लद्दाख, झारखंड, छत्तीसगढ़, गोवा, केरल, पुडुचेरी,असम, त्रिपुरा, मेघालय, अरुणाचल, मिजोरम, सिक्किम, मणिपुर, नागालैंड, अंडमान-निकोबार, दादर नगर हवेली और दमन दीव,  लक्षद्वीप के सीएम और उपराज्यपाल से बात की।

पीएम ने मुख्यमंत्रियों से संवाद में कहा कि किसान के उत्पाद की मार्केटिंग के क्षेत्र में हाल में जो सुधार किए गए हैं, उससे किसानों को उपज बेचने के लिए नए विकल्प उपलब्ध मिलेंगे और उनकी आय बढ़ेगी। स्टोरेज के अभाव के कारण उनको जो नुकसान होता था, उसे भी हम कम कर पाएंगे।

उन्होंने कहा कि स्थानीय उत्पाद के लिए जिस क्लस्टर बेस्ड रणनीति की घोषणा की गई है, उसका भी लाभ हर राज्य को होगा। इसके लिए जरूरी है कि हम हर ब्लॉक, हर जिले में ऐसे प्रोडक्ट्स की पहचान करें, जिनकी प्रोसेसिंग और मार्केटिंग करके, एक बेहतर प्रोडक्ट हम देश और दुनिया के बाज़ार में उतार सकते हैं मोदी ने कहा कि हमें इस बात का हमेशा ध्यान रखना है कि हम कोरोना को जितना रोकेंगे, उसे बढ़ने से उतना ही रोक सकेंगे और उतनी ही हमारी अर्थव्यवस्था खुलेगी, हमारे दफ्तर खुलेंगे, मार्केट खुलेंगे, ट्रांसपोर्ट के साधन खुलेंगे, और उतने ही रोजगार के नए अवसर भी बनेंगे। पीएम ने कहा – ”हमारे यहां जो छोटी फैक्ट्रियां हैं उन्हें गाइडेंस की, हैंड होल्डिंग की बड़ी जरूरत है। मुझे पता है आपके नेतृत्व में इस दिशा में काफी काम हो रहा है”।