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पाक सुप्रीम कोर्ट: संविधान से जुड़ा मामला, अब कल होगी मसले पर सुनवाई

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने और संसद भंग करने को लेकर आज होने वाली सुनवाई अब कल 12.30 बजे होगी। पहले यह सुनवाई रविवार को होने वाली थी लेकिन उसे आज तक के लिए टाल दिया गया था। इस बीच पाकिस्तान और श्रीलंका के हालात के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर के साथ बैठक की है।

पाकिस्तान के सियासी संकट पर आज सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई शुरू हुई, हालांकि, कोई फैसला सामने नहीं आया। कोर्ट ने कहा कि यह संविधान से जुड़ा मामला है, लिहाजा जल्दबाजी में कोई फैसला नहीं दिया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान कहा कि संसद में जो कुछ भी हुआ, उसकी समीक्षा जरूरी है।

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय बेंच ने आज कहा कि स्पीकर के पास संसद भंग के आदेश को निरस्त करने का विवेक है। इस बीच सुनवाई को लेकर लोगों के बीच इतनी उत्सुकता है कि सुप्रीम कोर्ट के बाहर भारी भीड़ जुटी हुई है।

पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश उमर अता बांदियाल ने कहा कि वर्तमान राजनीतिक स्थिति की वैधता पर तार्किक आदेश जारी किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने और उनकी सलाह पर राष्ट्रपति की ओर से संसद भंग किए जाने के फैसले के खिलाफ मामले में सुनवाई कर रहा है। कोर्ट ने मामले की सुनवाई अब मंगलवार दोपहर 12.30 बजे के लिए निर्धारित की है।

विपक्ष की इस मामले की सुनवाई के लिए फुल बेंच गठित करने की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने आज कहा कि ‘हमें बताएं कि ऐसी कौन सी बात है, जिसके लिए फुल बेंच का गठन किया जाए। कोर्ट में राजनीतिक बातें न करें। फुल बेंच से अन्य मामले प्रभावित होते हैं।’

इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपनी पार्टी पीटीआई के संसदीय बोर्ड की मंगलवार को बैठक बुलाई है। खान बैठक की अध्यक्षता करेंगे। इसमें आने वाले चुनाव में टिकट बंटवारे पर चर्चा भी हो सकती है। उधर साझे विपक्ष के नेता शहबाज शरीफ ने कहा है कि इमरान खान ने अमेरिका से खतरे की बात पहले क्यों नहीं उठाई।

उधर इमरान खान के 15 दिन बाद पद से हटने के बाद कार्यवाहक प्रधानमंत्री चुनने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी पीटीआई ने राष्ट्रपति को दो नाम भेजे हैं। मंत्री फवाद चौधरी ने बताया कि अगर विपक्ष अगले सात दिन में अपनी ओर से नाम नहीं भेजता है, तो हमारे भेजे नामों में से एक कार्यवाहक प्रधानमंत्री बन जाएंगे।

आंध्र प्रदेश में जिलों की संख्या 13 से बढ़कर हुई 26, आज से अस्तित्व में आएंगे सभी नए जिले

आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगनमोहन रेड्डी ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्य में 13 नए जिलों का गठन किया है। राज्य में नए जिले जुड़ने के बाद जिलों की कुल संख्या 13 से बढ़कर 26 हो गर्इ है।

पूजा विधि द्वारा निर्धारित शुभ मुहूर्त पर जिलो का शुभारंभ किया गया। सरकारी गजट अधिसूचना के बाद 4 अप्रैल (यानी आज) से सभी नए जिले अस्तित्व में आऐंगे। सभी नए जिलों के लिए वाईएसआर कांग्रेस सरकार ने आईएएस और आईपीएस अधिकारियों के फेरबदल, कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक भी नियुक्त किए गए है।

यह सभी जिले राज्य में 24 लोकसभा क्षेत्रों के आधार पर बनाए गए है। जिसमें विशाखापत्तनम में अराकू लोकसभा क्षेत्र भी शामिल है जिसे दो जिलों में विभाजित किया गया है। इन सभी नए जिलों के नाम श्री बालाजी, श्री सत्यसाई, पलनाडु, नांदयाल, एलुरू, एनटीआर, बापटिया, कोना सीमा, काकीनाडा, अनाकापल्ली, अल्लूरी सीताराम राजू, अन्नामय्या और मान्यम है।

आपको बता दे, रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएस जगन मोहन रेड्डी सरकार ने वर्ष 2019 के विधानसभा चुनावों के लिए अपने चुनाव प्रचार के दौरान यह वादा किया था कि यदि उनकी पार्टी सत्ता में आती है तो वे हर लोकसभा क्षेत्र के लिए एक जिला बना देगें।

आंध्र प्रदेश से पहले वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ में भी 9 जिले बनाए गए थे।

हिन्दू महापंचायत में भड़काऊ भाषण को लेकर नरसिंहानंद सरस्वती पर मामला दर्ज

दिल्ली पुलिस ने राजधानी के बुराड़ी में हिन्दू महापंचायत में यति नरसिंहानंद सरस्वती के भड़काऊ भाषण देने को लेकर मामला दर्ज कर लिया है। उनके खिलाफ कुछ समय पहले हरिद्वार में भी ऐसे ही आरोप पर मामला दर्ज हुआ था। इस कार्यक्रम की कवरेज के लिए गए महिला सहित दो पत्रकारों ने उनसे मारपीट और छेड़खानी का आरोप भी लगाया है।

जानकारी के मुताबिक यति नरसिंहानंद सरस्वती के भड़काऊ भाषण का वीडियो भी सामने आया है। हिन्दू महापंचायत भड़काऊ भाषण मामले पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि महापंचायत करने के लिए आयोजकों की तरफ से इजाज़त जरूर मांगी गई थी लेकिन बुराड़ी मैदान, जो डीडीए के तहत है, उससे आयोजकों ने इजाज़त नहीं ली थी।

यही नहीं दिल्ली पुलिस ने भी कार्यक्रम के लिए मंजूरी नहीं दी थी लेकिन इसके बावजूद 3 मार्च को बुराड़ी ग्राउंड में हिन्दू महापंचायत आयोजित की गई जिसमें करीब 700-800 लोगों ने हिस्सा लिया। आरोप है कि महापंचायत में डासना मंदिर के पुजारी यति नरसिंहानंद सरस्वती और सुदर्शन न्यूज़ के संपादक सुरेश चव्हाण ने कथित तौर पर भड़काऊ भाषण दिए।

इस घटना में मुखर्जी नगर थाने में आईपीसी 188/153ए के तहत केस दर्ज किया गया है। एक न्यूज पोर्टल की महिला समेत दो पत्रकारों ने आरोप लगाया है कि वो इस कार्यक्रम को कवरेज़ के बाद जब बाहर निकल रहे थे तब महापंचायत में आए लोगों ने उनके साथ मारपीट और महिला पत्रकार से छेड़खानी की। यहाँ तक कि उनका पहचान पत्र और मोबाइल छीनने की कोशिश भी की गयी। इस मामले में आईपीसी 354/323/341/379/356/34 आईपीसी के तहत मुखर्जी नगर थाने में केस दर्ज किया गया है। एक स्वतंत्र पत्रकार ने भी शिकायत की कि महापंचायत में उसके साथ मारपीट हुई है। इस मामले में आईपीसी 323/341 के तहत केस दर्ज किया गया है।

बता दें यति नरसिंहानंद सरस्वती बुराड़ी की हिन्दू महापंचायत में कहा – ‘साल 2029 में देश (भारत) का प्रधानमंत्री मुसलमान होगा। उसके बाद हिंदुओं का कत्लेआम होगा और हिंदुओं को बचाने के लिए कोई नहीं होगा। जैसे कश्मीरी अपनी जमीन जायदाद बहन बेटियों को छोड़कर भागे थे, आने वाले वक्त में ऐसा नजारा देश के अन्य जगहों पर भी होगा।’

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर कांड आरोपी को जमानत पर फैसला सुरक्षित रखा

सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को लखीमपुर खीरी हत्याकांड मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर सवाल उठाए हैं। सुनवाई के बाद सर्वोच्च अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया है। पीड़ित परिवारों ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जमानत देने के फैसले को रद्द करने की मांग की है। सर्वोच्च अदालत में इस मामले पर आज सुनवाई हुई।

प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की विशेष  पीठ मामले की सुनवाई कर रही है। विशेष जांच दल की निगरानी कर रहे हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज ने आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील करने की सिफारिश की थी और यूपी सरकार को चिट्ठी लिखी थी।

बता दें सर्वोच्च अदालत ने इस चिट्ठी पर यूपी सरकार से जवाब मांगते हुए पूछा था कि आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की अपील को लेकर यूपी का क्या रुख है ? सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब और हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस राकेश कुमार जैन की चिट्ठी को राज्य सरकार और याचिकाकर्ता को देने को कहा था।

याचिकाकर्ता पीड़ित परिवारों के वकील ने कहा कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के जमानत देने के फैसले को रद्द किया जाए। हाईकोर्ट प्रासंगिक तथ्यों पर विचार करने में विफल रहा है।

यूपी के लिए वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने कहा कि हमने राज्य सरकार को रिपोर्ट भेज दी है कि क्या एसएलपी दाखिल करनी है? प्रधान न्यायाधीश रमना ने यूपी सरकार को कहा कि हम आपको मजबूर नहीं कर सकते। चिट्ठी लिखे जाने पर आपने कोई जवाब नहीं दिया। यह कोई ऐसा मामला नहीं है जहां आपको महीने या सालों का इंतजार करना पड़े।

श्रीलंका में कैबिनेट के इस्तीफे के बीच प्रदर्शन जारी, पीएम के इस्तीफे की उठी मांग

श्रीलंका में इमरजेंसी और पुलिस कर्फ्यू के बावजूद जनता की तरफ से प्रदर्शनों का सिलसिला जारी है। देश में गंभीर आर्थिक और खाद्य संकट के बीच महिंदा राजपक्षे सरकार की पूरी केबिनेट ने साझे रूप से इस्तीफा दे दिया है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक सोशल मीडिया पर बैन की आलोचना करने वाले पीएम राजपक्षे के बड़े बेटे नमल राजपक्षे ने भी पद से इस्तीफा दे दिया है।

उधर श्रीलंका के कैंडी में बड़ी संख्या में छात्रों ने देश में उभरे गंभीर आर्थिक संकट के खिलाफ और सरकार की तरफ से लगाए गए वीकेंड कर्फ्यू का विरोध करते हुए जबरदस्त प्रदर्शन किया।

छात्रों ने प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे औऱ राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को हटाने के लिए नारेबाजी की। श्रीलंका में वर्तमान में भोजन और बिजली के साथ-साथ ईंधन और अन्य ज़रूरी चीजों की गंभीर स्तर की कमी है, जिससे जनता में हाहाकार है।

श्रीलंका में पश्चिमी प्रांत में 600 से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया है। राजधानी कोलंबो में विपक्षी नेताओं के मार्च में 100 से अधिक लोग शामिल हुए। इससे पहले पुलिस और राइफलें लिए हुए सैनिकों के एक बड़े समूह ने विपक्ष के नेता साजित प्रेमदासा के घर के पास मार्च को रोक लिया। यह कर्फ्यू सोमवार सुबह खत्म। हुआ।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरे, भारत में बढ़ने का सिलसिला जारी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरने के बावजूद पेट्रोल-डीजल की कीमतों में उछाल लगातार जारी है। सोमवार को इनके दामों में फिर बढ़ोतरी की गयी है जो पिछले 14 दिन में 12वीं बार हुई है। तेल में 40 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। ताजा बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल 103.81 रुपये प्रति लीटर जबकि डीजल 95.07 प्रति लीटर हो गया है।

पिछले दो हफ़्तों में भारत में तेल 8.40 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में पेट्रोल 103.81 रुपये, डीजल 95.07 रुपये जबकि मुंबई में पेट्रोल 118.83 रुपये जबकि डीजल 103.07 रुपये प्रति लीटर हो गया है।

भारत में तेल के दामों में तेजी तब भी हो रही है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम गिरने लगे हैं। जानकारों का अनुमान है कि देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत 9 से 12 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ेगी।

सोमवार सुबह अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड फ्यूचर में गिरावट दर्ज हुई। तेल तड़के सुबह 0.8 फीसदी की गिरावट के साथ 103.60 डॉलर प्रति बैरल पर था। यही नहीं  वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड भी गिरावट बाद के बाद 98.45 डॉलर पर था।  आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को भारतीय वायदा बाजार में भी कच्चे तेल की कीमत गिरी थी। तेल की कीमत 3.34 फीसदी गिरावट के बाद 7,507 रुपये प्रति बैरल थी।

इंडियन ऑयल वेबसाइट के मुताबिक दिल्ली में पेट्रोल 103.81, डीजल 95.07 रूपये, कोलकाता में पेट्रोल 113.45, डीजल 97.22, मुंबई में पेट्रोल 118.83, डीजल 103.07 जबकि चेन्नई में 109.34 और डीजल 99.42 रूपये प्रति लीटर हो गयी हैं।

पश्चिम बंगाल: आलिया यूनिवर्सिटी के वीसी को धमकी व गाली देने आरोप में टीएमसी का पूर्व छात्र नेता गिरफ्तार

पश्चिम बंगाल में आलिया विश्वविद्यालय के कुलपति मोहम्मद अली को धमकी देने व उनके खिलाफ अपशब्द कहने के आरोप में इसी विश्वविद्यालय के एक छात्र नेता को गिरफ्तार किया गया है।

घटना के बाद से ही राज्य में राजनीतिक विवाद बढ़ता जा रहा है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आरोप लगाया है कि यह छात्र गयासुद्दीन मोंडल तृणमूल कांग्रेस से संबंध रखता है। हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी ने इससे इनकार किया है।

बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने घटना की  कड़ी निंदा की है और ट्वीट कर कहा कि, “वायरल सर्कुलेशन में वीडियो में दिखाई देने वाले चिंताजनक परिदृश्य पर मुख्य सचिव को कल दोपहर 1 बजे तक पूर्ण अपडेट भेजने के लिए कहा गया है। ऐसी स्थिति जहां कानून का उल्लंघन करने वाले दुष्ट तत्व कानून के डर के बिना अपना रास्ता बना लेते हैं, निश्चित रूप से कानून का पालन करने वालों के लिए भयावह परिदृश्य है।“

सत्तारूढ़ पार्टी पर निशाना साधते हुए बंगाल के भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि, इससे यह स्पष्ट होता है कि तृणमूल कांग्रेस के छात्र नेताओं ने किस प्रकार सभी हदों को पार कर दिया है। और चिंताजनक तो यह है कि वीसी चुप रहे और उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी क्योंकि वे एक सज्जन व्यक्ति है किंतु मैं होता तो मैं थप्पड़ मार देता।“

देश में बढ़ती महंगाई का विरोध कर रही है कांग्रेस किंतु बसपा-सपा है खामोश

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, बसपा और सपा को मिली करारी हार के बाद भी कांग्रेस के अलावा कोई भी राजनीतिक दल देश में बढ़ती महंगाई, पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बढ़ोत्तरी को लेकर कोई विरोध प्रदर्शन तक नहीं कर रहा है। वजह साफ है। सपा और बसपा उत्तर प्रदेश के अलावा किसी अन्य राज्य में जनाधार वाली पार्टी नहीं है। सो बसपा और सपा मानती है। क्यों अपने कार्यकर्ताओं को परेशान किया जाये और उग्र विरोध प्रदर्शन को लेकर सत्ताधारी पार्टी उन पर मुकदमें दर्ज कर सकती है।
उत्तर प्रदेश के सपा नेता ने नाम न छापने पर बताया कि ज्यादातर जो सपा के कद्दावर नेता है। वे अब भाजपा को ज्वाइन करना चाहते है। तो कुछ आने वाले लोकसभा चुनाव में लड़ना चाहते है। इसी तरह बसपा का मानना है कि यदि सत्ताधारी पार्टी की हर बात का विरोध करेंगे तो राजनीतिक विरोध ज्यादा होगा। इसलिये बड़े मुद्दे पर बोलेगें।
तो वहीं दूसरी तरफ बसपा के ज्यादातर नेता उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक से संपर्क बनाये हुए है। बृजेश पाठक का नाम एक समय पर बसपा के बड़े नेताओं में शुमार था। सो उनसे बसपा के नेताओं का पुराना नाता है। इसलिये बसपा के ज्यादातर नेता भाजपा की किसी भी तरह की राजनीति की आलोचना करने से बच रहे है। 
मौजूदा समय में उत्तर प्रदेश की राजनीति में विरोध की राजनीति कम होे रही है। साथ ही भाजपा को ज्वाइन करने की नेताओं में होड़ सी मची हुई है। सियासतदानों का कहना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा फिर से वापस हो सकती है। सो कुछ नेताओं को छोड़कर अधिकतर नेता मौके की राजनीति कर रहे है।

गुजरात और हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव जीतने के लिये दो मुख्यमंत्रियों ने कसी कमर

दो राज्य हिमाचल प्रदेश और गुजरात विधानसभा चुनाव को लेकर आप पार्टी ने जिस अंदाज में राजनीतिक माहौल बनाया है। इससे तो ये लगता है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक दलों में आरोप- प्रत्यारोप की राजनीति तेज हो जायेगी।
दो राज्यों के मुख्यमंत्री पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल  हिमाचल प्रदेश और गुजरात के चुनाव जीतने के लिये जनता से साफ कह रहे है। कि वे राजनीति करने नहीं आ रहे है बल्कि भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आ रहे है। इन दोनों मुख्यमंत्रियों का एक सुर में कहना है कि दिल्ली में जिस तरह से भ्रष्टाचार को हटाया है और अब पंजाब से हटाया जा रहा है उसी तरह अब गुजरात और हिमाचल से हटाया जायेगा। 
राजनीति के जानकार प्रमोद शर्मा का कहना है कि आप पार्टी तो उस राज्य में बढ़ेगी जहां पर कांग्रेस भाजपा के मुकाबले में है। इस लिहाज से कांग्रेस गुजरात और हिमाचल में मजबूत है। सो आप पार्टी ने कांग्रेस के वोटों में सेंध लगाने के लिये अभी से कमर कस ली है।
प्रमोद शर्मा का कहना है कि जिस तरीके से आप पार्टी ने फ्री की तमाम सुविधायें देकर जनता का वोट पाया है। उससे तो लगता है कि आने वाले अन्य राज्यों के चुनाव में आप फ्री की राजनीति करके कुछ चमत्कार कर सकती है। उन्होंने आगे बताया कि आप पार्टी का राजनीतिक अंदाज कुछ बदला सा है। जैसे गुजरात में धार्मिक स्थलों में जाना और साधु संतों से मिलना आदि जरूर गहरी राजनीति है। क्योंकि आप पार्टी को ये भली-भाँति मालूम है कि ध्रुवीकरण की राजनीति से बचना है तो सभी वर्ग और जाति के लोगों को साथ लेकर चलना होगा अन्यथा उनकी राजनीति ज्यादा देर तक नहीं चल सकती है। मंदिरों में और साधु संतों के पास जाकर वे हिमाचल की राजनीति को साध रहे है। क्योंकि हिमाचल साधु-संतों की धरती भी है। तभी हिमाचल को देव भूमि कहा जाता है।

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट पहुंचा अविश्वास प्रस्ताव का मामला, सुनवाई कल के लिए टली

अविश्वास प्रस्ताव रद्द करने के डिप्टी स्पीकर कासिम कसूरी के फैसले के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के प्रधानमंत्री इमरान खान के संसद (नैशनल असेंब्ली) को भंग करने की सिफारिश स्वीकार करने के बीच यह मामला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है, जहाँ इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष बेंच गठित कर दी गयी है। अब इस मसले पर सोमवार को (कल) सुनवाई होगी। विपक्ष, जिसने अपना स्पीकर चुनकर संसद में 192 सदस्यों के अपने साथ होने का दावा किया है, ने डिप्टी स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी है ।
इस बीच सेना ने इसे राजनीतिक घटनाक्रम बताते हुए कहा है कि इसका पाक सेना से कुछ लेना देना नहीं है। विपक्ष की एक नेता मरियम शरीफ ने आज के घटनाक्रम को संविधान के खिलाफ बताया है। बता दें आज डिप्टी स्पीकर के फैसले, राष्ट्रपति के इमरान खान की संसद भंग करने की सिफारिश को स्वीकार करने और इमरान के देश को संबोधन के बीच 30 मिनट से भी कम वक्त लगा।

लगता है कि इमरान खान ने अपना ‘मास्टर स्ट्रोक’ चलने की फुल प्रूफ तैयारी की हुई थी और विपक्ष के बड़े-बड़े महारथी भी इसका अनुमान नहीं लगा पाए। इमरान ने अमेरिका को भी आड़े हाथ लिया है, जिससे उन्होंने जनता का समर्थन जीतने की कोशिश की है। इमरान के आज के मूव को राजनीतिक जानकार ‘चतुर चाल’ बता रहे हैं।

उधर विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने कहा – ‘आज मोशन पर वोटिंग होनी थी। यह कहीं साबित नहीं हुआ कि इस मोशन के पीछे विदेशी ताकतें हैं। वोटिंग क्यों नहीं करवाई गयी। देश के साथ गद्दारी हुई है और यह खतरे की घंटी है। हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।’

पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो ने भी इसे संविधान के खिलाफ बताया है।’ उधर पाकिस्तान के डिप्टी अटार्नी जनरल ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आज की कार्यवाही को गैर-आईनी बताया है।

इससे पहले आज दोपहर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। पाक पीएम के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग न करते हुए डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद संसद की कार्यवाही को 25 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया।

प्रस्ताव खारिज होने के बाद खान ने राष्ट्र को संबोधित किया और इसके लिए डिप्टी स्पीकर को मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अवाम से कहा कि कौम चुनावों के लिए तैयार रहे। इसके बाद उनकी सरकार के एक मंत्री ने 90 दिन के भीतर चुनाव कराने का ऐलान किया। याद रहे पीटीआई की सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने इमरान सरकार से समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद नेशनल असेंबली में इमरान सरकार का बहुमत ख़त्म हो गया था।

बता दें पाकिस्तान की 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 सीटें चाहिए होती हैं। अविश्वास प्रस्ताव से पहले नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम नवाज़ भी काफी सक्रिय दिखीं। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के पास 174 सांसदों का समर्थन है।