पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट पहुंचा अविश्वास प्रस्ताव का मामला, सुनवाई कल के लिए टली

अविश्वास प्रस्ताव रद्द करने के डिप्टी स्पीकर कासिम कसूरी के फैसले के बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के प्रधानमंत्री इमरान खान के संसद (नैशनल असेंब्ली) को भंग करने की सिफारिश स्वीकार करने के बीच यह मामला पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट पहुँच गया है, जहाँ इस मामले की सुनवाई के लिए विशेष बेंच गठित कर दी गयी है। अब इस मसले पर सोमवार को (कल) सुनवाई होगी। विपक्ष, जिसने अपना स्पीकर चुनकर संसद में 192 सदस्यों के अपने साथ होने का दावा किया है, ने डिप्टी स्पीकर के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दस्तक दी है ।
इस बीच सेना ने इसे राजनीतिक घटनाक्रम बताते हुए कहा है कि इसका पाक सेना से कुछ लेना देना नहीं है। विपक्ष की एक नेता मरियम शरीफ ने आज के घटनाक्रम को संविधान के खिलाफ बताया है। बता दें आज डिप्टी स्पीकर के फैसले, राष्ट्रपति के इमरान खान की संसद भंग करने की सिफारिश को स्वीकार करने और इमरान के देश को संबोधन के बीच 30 मिनट से भी कम वक्त लगा।

लगता है कि इमरान खान ने अपना ‘मास्टर स्ट्रोक’ चलने की फुल प्रूफ तैयारी की हुई थी और विपक्ष के बड़े-बड़े महारथी भी इसका अनुमान नहीं लगा पाए। इमरान ने अमेरिका को भी आड़े हाथ लिया है, जिससे उन्होंने जनता का समर्थन जीतने की कोशिश की है। इमरान के आज के मूव को राजनीतिक जानकार ‘चतुर चाल’ बता रहे हैं।

उधर विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ ने कहा – ‘आज मोशन पर वोटिंग होनी थी। यह कहीं साबित नहीं हुआ कि इस मोशन के पीछे विदेशी ताकतें हैं। वोटिंग क्यों नहीं करवाई गयी। देश के साथ गद्दारी हुई है और यह खतरे की घंटी है। हमें सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार है।’

पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो ने भी इसे संविधान के खिलाफ बताया है।’ उधर पाकिस्तान के डिप्टी अटार्नी जनरल ने भी इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने आज की कार्यवाही को गैर-आईनी बताया है।

इससे पहले आज दोपहर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ विपक्ष का अविश्वास प्रस्ताव खारिज हो गया। पाक पीएम के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग न करते हुए डिप्टी स्पीकर ने विदेशी साजिश का आरोप लगाकर अविश्वास प्रस्ताव को खारिज कर दिया। इसके बाद संसद की कार्यवाही को 25 अप्रैल तक स्थगित कर दिया गया।

प्रस्ताव खारिज होने के बाद खान ने राष्ट्र को संबोधित किया और इसके लिए डिप्टी स्पीकर को मुबारकबाद दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी अवाम से कहा कि कौम चुनावों के लिए तैयार रहे। इसके बाद उनकी सरकार के एक मंत्री ने 90 दिन के भीतर चुनाव कराने का ऐलान किया। याद रहे पीटीआई की सहयोगी पार्टी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने इमरान सरकार से समर्थन वापस ले लिया था जिसके बाद नेशनल असेंबली में इमरान सरकार का बहुमत ख़त्म हो गया था।

बता दें पाकिस्तान की 342 सदस्यों वाली नेशनल असेंबली में बहुमत के लिए 172 सीटें चाहिए होती हैं। अविश्वास प्रस्ताव से पहले नवाज़ शरीफ की बेटी मरियम नवाज़ भी काफी सक्रिय दिखीं। उन्होंने दावा किया कि विपक्ष के पास 174 सांसदों का समर्थन है।