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महंगाई की मार कंस्ट्रक्शन पर 

महंगाई डायन खाए जात है। वाले गाने की तर्ज पर दिल्ली में लोगों का महंगाई के विरोध में और सरकार के विरोध में रोष बढ़ता ही जा रहा है। आलम ये है कि लोगों का कहना है कि कोई भी वस्तु ऐसी नहीं बची है। जहां पर महंगाई की मार न हो।
बात करते है कंस्ट्रक्शन से जुड़े लोगों की तो उनका कहना है कि आने वाले दिनों में मकान बनवाना मुश्किल होगा। क्योंकि गत दो दिन पहले ही एक सीमेंट की बोरी पर पचास रुपये बढ़े है। लोहा- सरिया के दाम तो पहले से ही बढ़े हुए है। ईंट और रोडी-बालू के दाम डीजल-पेट्रोल ने बढ़ा दिये है। ऐसे में मकान की लागत कम से कम 7 से 8 प्रतिशत तक बढ़ गयी है।
कंस्ट्रक्शन से जुड़े इंद्रजीत सहोता का कहना है कि बड़े-बड़े बिल्डर तो अपनी कंपनी के नाम पर पैसा कमा रहे है। छोटे बिल्डरों के काम-काज पर महंगाई का असर दिखने लगा है। लोग अब 50 गज तक फ्लैट खरीदने से पहले कई बार सोच रहे है। उनका कहना है कि रूस-युद्ध की आड़ में जमकर लूट-खसूट चल रही है। उनका कहना है कि कंस्ट्रक्शन का काम 2016 से नोटबंदी के दौरान से मंदा हो गया था। फिर कोरोना से काम-काज पर विपरीत असर पड़ा क्योंकि कोरोना के चलते पूरी तरह से कंस्ट्रक्शन रूक गया था। अब महंगाई के चलते काम बंद होने की कगार पर आ रहा है।
ईंट रोड़ा-बालू का काम करने वाले ने बताया कि  अचानक डीजल-पेट्रोल के दामों में उछाल आने से किराया भाड़ा बढ़ने से ईंट बालू के दाम बढ़े है। जिससे उनके काम पर पर 50 प्रतिशत की कमी आयी है। लेकिन जो भी 50 प्रतिशत काम चल रहा है वो इसलिये क्योंकि जिनके मकान में काम चल रहा है वे मजबूरी में महंगा सामान खरीदने को विवश है।

सपा की हार से पार्टी में घमासान

उत्तर प्रदेश विधान परिषद के चुनाव में समाजवादी पार्टी (सपा) का सूपड़ा साफ होने से सपा के ही नेता अब अखिलेश यादव को असफलता का दूसरा नाम कहने लगे है। सपा के नेताओं ने तहलका  संवाददाता को बताया कि मार्च के महीने में सपा को विधानसभा के चुनाव में भारी हार का सामना करना पड़ा और अब अप्रैल माह में विधान परिषद के चुनाव में 36 सीटों में 36 सीटों पर ही हार का सामना करना पड़ा है। 
सपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि 2012 के विधानसभा के चुनाव में सपा ने मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था। तब सपा ने अकेले दम पर सरकार बनाई थी। फिर 2017 के विधानसभा के चुनाव में पारिवारिक विवाद के चलते पार्टी से मुलायम सिंह यादव और उनके भाई शिवपाल सिंह यादव अखिलेश यादव के चाचा हाशिये पर चलें गये थे। उसके बाद अखिलेश यादव ने कांग्रेस और बसपा के साथ गठबंधन किया है। लेकिन कोई सफलता हासिल न हुई , वर्ष 2022 में अखिलेश यादव से पार्टी को बड़ी उम्मीद थी कि प्रदेश में सपा की सरकार बनेगी। लेकिन चुनाव प्रबंधन में कमी के चलते और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ तालमेल के अभाव में सपा को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पड़ा है।
अप्रैल माह में विधान परिषद के चुनाव में एमएलसी का चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का कहना है कि विधानसभा चुनाव की तुलना में ये चुनाव बहुत छोटा है। अगर पार्टी के वरिष्ठ नेता और अखिलेश यादव मेहनत करते तो आज चुनाव में सूपड़ा साफ नहीं होता। 36 सीटों में से 33 सीटों पर भाजपा को ऐतिहासिक जीत मिली है। जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय जीते है। ऐसे में सपा की हार से पार्टी से घमासान मचा हुआ है। 

दिल्ली के आनंद पर्वत में लगी आग, 50 झुग्गियां जलकर हुई खाक

दिल्ली के आनंद पर्वत के कठपुतली कॉलोनी में मंगलवार को भीषण आग लग गर्इ। मौके पर दमकल विभाग की 18 गाड़ियों ने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पा लिया।

हादसे में करीब 50 झुग्गियां जली है और किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। दिल्ली के दमकल सेवा के निदेशक अतुल गर्ग ने कहा कि, दोपहर 2.12 बजे आनंद पर्वत के ट्रांजिट कैंप में आग लगने की सूचना मिली, तुरंत मौके पर 18 दमकल गाड़ियों को मौके पर भेजा गया।

उन्होंने आगे कहा, आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन 50 झुग्गियां जल गई है। आपको बता दे अभी आग लगने का कोई कारण पता नहीं चला है।

देवघर रोपवे हादसा: हाईकोर्ट ने लिया मामले में संज्ञान, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दिए उच्च स्तरीय जांच के आदेश

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने देवघर स्थित त्रिकूट पर्वत पर हुए रोपवे हादसे की कड़ी निंदा की और उच्च स्तरीय जांच के आदेश भी दिए है। साथ ही चीफ जस्टिस ने मामले को गंभीर करार देते हुए सरकार को 25 अप्रैल तक जवाब देने को कहा है।

कोर्ट ने कहा कि, वर्ष 2009 में भी गड़बड़ी हुई थी। लेकिन उस हादसे से सबक नहीं लिया गया जिससे कि यह घटना अब दुबारा घटित हुई है। जबकि महाधिवक्ता ने कोर्ट को बताया है कि उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए है। और रेस्क्यू ऑपरेशन में ज्यादातर लोगों को निकाल लिया गया है। अब बस कुछ ही लोग बचे है।

आपको बता दे, रामनवमी के मौके पर रविवार को त्रिकूट पर्वत पर बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। और रोपवे का एक तार टूट जाने और आपस में टकराने की वजह से यह हादसा हुआ जिसमें अभी तक तीन लोगों ने अपनी जान गवा दी।

ओवरलोड होने की वजह से यह हादसा हुआ। हादसे में हवा में लटके लोगों की कुल संख्या 48 थी यह सभी ट्रॉलियों में फंस गये थे। हालांकि इन्हें सुरक्षित निकालने के लिए सेना और आईटीबीपी, एनडीआरएफ का रेस्क्यू ऑपरेशन लगातार जारी है।

भारत में कोविड-19 टीकाकरण कवरेज पहुंचा 185 करोड़ के पार, नए मामलों मे बीते दिन के मुकाबले 7.5 फीसदी गिरावट

देश में कोविड-19 के मामलों में लगातार गिरावट जारी है। पिछले 24 घंटों में कोरोना के केवल 796 मामले सामने आए है जो कि बीते दिन के मुकाबले करीब 7.5 फीसदी कम है। इसी के साथ पिछले 24 घंटों में कोरोना से मौतों का आंकड़ा 19 रहा, जिसमें 18 केरला में हुर्इ है।

वर्तमान में एक्टिव केसों का आंकड़ा 10,889 हैं वहीं दूसरी तरफ रिकवरी रेट 98.76 फीसदी है। सात ही बीते 24 घंटों में करीब 946 लोग ठीक हुए है और इसी के साथ ठीक होने वाले लोगों की संख्या का आंकड़ा देश में 4,25,04,329 पर पहुंच गया है।

बताते चले, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार राष्ट्रव्यापी टीकाकरण अभियान के तहत आज सुबह 7 बजे तक देश में 185.90 करोड़ कोरोना की वैक्सीन की खुराक दी जा चुकी है। साथ ही पिछले 24 घंटे में 4,06,251 और अभी तक कुल 79.45 करोड़ कोविड-19 टेस्टिंग की जा चुकी है।

इसी के साथ देश में 12 से 14 वर्ष आयु के वर्ग के बच्चों के लिए कोरोना का टीकाकरण 16 मार्च 2022 से शुरू किया गया था। और अब तक 2.27 करोड़ से अधिक किशोरों को कोविड-19 वैक्सीन की पहली खुराक दी जा चुकी है।

साथ ही 18 से 59 वर्ष के आयु वर्ग के लिए कोरोना एहतियाती खुराक 10 अप्रैल 2022 से शुरू हुआ है। अब तक करीब 27,401 एहतियाती खुराक दी जा चुकी है।

महंगाई का असर: पानी के कंटेनरों के बढ़ने लगे है दाम

दिल्ली-एनसीआर में जैसे-जैसे गर्मी का प्रकोप बढ़ रहा है। वैसे-वैसे पानी की किल्लत का असर देखने को मिलने लगा है। एक ओर लोगों को साफ पानी के लिए जूझना पड़ रहा है। वहीं महंगाई का असर पानी के कंटेनरों में भी पड़ा है। बाजारों में हर रोज लोकल और ब्रांडेड पानी वाले दुकानों और घरों में पानी की सप्लाई करते है। प्रति पानी के कंटेनर में 10 से 15 रुपये बढ़ाये जा रहे है। 
कंटोनरों से पानी की सप्लाई करने वालों का कहना है कि डीजल-पेट्रोल के दाम बढ़ने से उनको पानी की सप्लाई के लिये अतिरिक्त भाड़ा देना पड़ता है। सो मजबूरी में पानी के दाम बढ़ाये है।कंटेनरो से पानी की सप्लाई का काम करने वाले भगवान दास ने बताया कि लोकल पानी का काम दिल्ली के कई इलाकों में होता है। वही ब्रांडेड पानी वालों ने 10 अप्रैल से पानी के दाम बढ़ाने शुरू कर दिये है। जो महंगा पानी पहले से ही है। ऐसे में लोकल वाले जो पानी सस्ता पहले से ही दे रहे है। उनको पानी के दाम बढ़ाना जरूरी हो गया है। क्योंकि ऐसे में उनकी लागत नहीं निकल रही है।
बताते चलें लोकल पानी बेचने वाले कोई लाइसेंस तो लेते नहीं है। न ही कोई राजस्व देते है। सबकुछ सेटिंग पर ही उनका कारोबार चलता है। सो इनकी मनमानी चलती रहती है। पानी की गुणवत्ता का कोई पैमाना नही होता है। फिलहाल महंगाई से कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं बचा है जहां पर लोगों को जूझना न पड़ रहा हो। पांडव नगर निवासी रामकिशन का कहना है कि जब भी कोई आपदा-विपदा या अन्य समस्या आती है तो कुछ लोग अपना लाभ लेने से संकोच तक नहीं करते है। जैसे का आज कल हो रहा है। हर कोई महंगाई के नाम पर लूट-खसूट करने में लगा है।   

यूपी: सपा में आने वाले दिनों में असंतुष्टों की संख्या बढ़ सकती है

उत्तर प्रदेश की सियासत में हर रोज नये मोड़ आ रहे है। भाजपा को छोड़कर अन्य दलों में भारी घमासान मचा हुआ है। प्रदेश में 2022 के विधानसभा चुनाव के पहले समाजवादी पार्टी (सपा) में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सहित अन्य दलों को छोड़कर सपा को ज्वाइन करने की होड़ सी लगी थी। क्योंकि राजनीतिज्ञों में अनुमान ये लगाये जा रहे थे। कि प्रदेश में सपा की सरकार बन सकती है। लेकिन हुआ कुछ उल्टा ही।
भाजपा दोबारा सत्ता में वापस आ गई है। सो सपा, बसपा और कांग्रेस में हलचल सी मची हुई है। वैसे तो प्रदेश में बसपा और कांग्रेस का कोई खास अस्तित्व बचा नहीं है। सो इन दोनों दलों के नेताओं के किसी दल में आने-जाने का कोई फर्क नहीं पड़ता है। रहा सवाल सपा का वो प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी है। यहां से किसी विधायक का पार्टी को छोड़कर जाना बड़ा सियासी मामला माना जा सकता है।
मौजूदा समय में सपा मे वरिष्ठ नेता रहे और प्रगतिशील समाज पार्टी के मुखिया शिवपाल सिंह यादव के भाजपा में जाने का अटकलों का बाजार गर्म ही था। कि अब सपा के बड़े नेता व मुस्लिम समाज के प्रदेश के बड़े नेता आजम खान की इन दिनों सपा पार्टी और अखिलेश यादव से नाराज होने की खबर आ रही है। ऐसे में जानकारों का कहना है कि अगर प्रदेश में सपा से वरिष्ठ नेताओं का पार्टी छोड़कर जाने का सिलसिला जारी रहा था तो 2024 के लोकसभा के चुनाव में सपा को चुनाव मैदान में ठहरना मुश्किल होगा।
सपा के वरिष्ठ नेता ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि अगर अखिलेश यादव अपने विधायकों को और वरिष्ठ नेताओं के साथ तालमेल न बैठा सकें तो पार्टी को टूटने में देर नहीं लगेगी। उनका कहना है कि शिवपाल यादव और आजम खान की जो भी मांग है। या दिक्कत है। उसको दूर करना ही होगा। क्योंकि ये पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से है।
प्रदेश की राजनीति के जानकार अशोक कुमार का कहना है कि अभी तो प्रदेश में सरकार बने हुए एक ही महीने हुआ है। आगे-आगे देखो कितने नेता पार्टी छोड़कर भाजपा का दामन थाम सकते है। क्योंकि प्रदेश की जनता दोबारा भाजपा को मौका देगी ये अन्य दलों को उम्मीद नहीं थी।  

शहबाज शरीफ पाकिस्तान के नए प्रधानमंत्री चुने गए

पाकिस्तान में नैशनल असेंबली में पीएमएल (एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ के नाम पर अगले  प्रधानमंत्री के रूप में मुहर लग गयी है। इस मौके पर इमरान खान की पार्टी पीटीआई का एक भी सांसद उपस्थित नहीं था।

शहबाज शरीफ को निर्विरोध पाकिस्तान का नया प्रधानमंत्री चुना गया। नैशनल असेंबली में पीपीपी के नेता बिलावल भुट्टो और अन्य नेताओं ने उन्हें निर्विरोध पीएम चुना।

रविवार आधी रात  को संसद में इमरान खान उनके खिलाफ विपक्ष की तरफ से आये अविश्वास प्रस्ताव में हार गए थे। विपक्ष के 174 सदस्यों ने प्रस्ताव के पक्ष में वोट किया था। यह  सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद की गयी थी।

शरीफ तीन बार पाकिस्तान के  पंजाब सूबे के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उन्हें सभी विपक्षी दलों ने अपना नेता चुना है।

जेएनयू प्रशासन ने कहा, कैंपस में हिंसा बिलकुल बर्दाश्त नहीं

जवाहरलाल यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार हुई झड़प के मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन ने सोमवार दोपहर एक नोटिस जारी कर कहा है कि कैंपस में हिंसा बिल्कुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी। छात्रों से शान्ति बनाये रखने की अपील करते हुए कहा गया है कि करते हुए नोटिस में कहा गया है कि जो भी छात्र हिंसा या उपद्रव की गतिविधि में शामिल पाया जाएगा, उसके खिलाफ यूनिवर्सिटी नियमों के मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

नोटिस में प्रशासन ने कहा – ‘हम यह बात फिर दोहराते हैं कि कैंपस में किसी तरह की हिंसा बर्दाश्त नहीं होगी। छात्रों को शांति और सौहार्द बनाए रखना चाहिए। जेएनयू प्रशासन की जानकारी में आया है कि छात्रों के दो पक्षों में कावेरी हॉस्टल में विवाद और झड़प हुई है। घटना को गंभीरता से लेते हुए वाइस चांसलर, रेक्टर और अन्य अधिकारियों ने हॉस्टल पहुंचकर वहां छात्रों से मुलाकात की है।

छात्रों को मिलने वाइस चांसलर ने वार्डन्स को इस मामले में तुरंत जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि किसी भी तरह के संघर्ष को हर हालत में टाला जाना चाहिए। कैंपस में सिक्योरिटी को सतर्क रहने और ऐसी कोई घटना होने पर     इसकी जानकारी तुरंत जेएनयू प्रशासन को देने को कहा गया है।

उधर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय शिक्षक संघ ने अलग से एक बयान में कावेरी  छात्रावास के मेस में हुई झड़प की निंदा की और कुलपति से मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की है। जेएनयूटीए ने रविवार देर रात एक बयान में कहा कि वह पूरे घटनाक्रम की जानकारी लेगा और तथ्यात्मक विवरण जुटाएगा।

देवघर रोपवे हादसे में तीन लोगों की मौत, अभी भी फंसे हैं लोग

झारखंड के देवघर में रोपवे हादसे में तीन लोगों की मौत हो गयी है जबकि अभी भी वहां अभी भी 25 लोग फंसे हुए हैं जबकि 19 लोगों को चॉपर से बचाया जा चुका है जिनमें एक 5 साल की बच्ची भी शामिल है। यह हादसा त्रिकूट पहाड़ियों पर रविवार को हुआ था और अभी भी लोगों को बचाने का अभियान जारी है।

हादसे के वक्त रोपवे की कई ट्रॉलियां आपस में टकरा गई थीं। अभी तक 19 लोगों को बचाया जा चुका है। बचाव अभियान में वायुसेना के चॉपर को लगाया गया है। रोपवे की 12 ट्रालियों में कुल 48 लोग थे जब यह हादसा हुआ था। केबल कार से कूदने की कोशिश में एक दंपति गंभीर घायल हो गया जिसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।

घायलों को इलाज के लिए देवघर सदर अस्पताल भेजा गया है। यह घटना तकनीकी खराबी के कारण हुई, जिसके परिणामस्वरूप केबल कारों की टक्कर हो गयी। रिपोर्ट्स के मुताबिक हादसे के बाद रोपवे का मैनेजर और दूसरे कर्मचारी मौके से भाग गए।

झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि कल से ही वे घटना पर नजर रखे हैं और राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को बचाया  जा सके। उनके मुताबिक राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम बचाव अभियान में जुटी है। स्थानीय लोग भी बचाव अभियान में मदद कर रहे हैं।