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शराब घोटाला मामले में ईडी ने राजधानी दिल्ली में 25 जगहों पर की छापेमारी

दिल्ली शराब नीति 2021 मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राजधानी दिल्ली में 25 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की हैं।  ईडी इस मामले में अब तक 150 से ज्यादा लोकेशन पर छापेमारी कर कुछ गिरफ्तारियां कर चुकी हैं।

केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने दिल्ली सरकार की कथित आबकारी नीति घोटाला मामले में यह छापेमारियां कर रही हैं और इस मामले में बोइनपल्ली को गिरफ्तार किया गया हैं। साथ ही दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी इसमें आरोपी हैं।

ईडी ने दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी पर शराब घोटाले में प्राथमिकी के मुताबिक बिना सक्षम प्राधिकारियों से अनुमति लिए आरोपी लोक सेवकों ने आबकारी नीति के बारे में फैसला लेने में फैसला लेने में महती भूमिका निभाई हैं।

एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का आरोप है कि आप की केजरीवाल सरकार ने शराब घोटाले में कमीशन खाया है इस आरोप के बाद से दोनों ही पार्टियों के बीच राजनीति तेज हैं। इस मामले में सीबीआई ने दिल्ली के मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों पर एफआईआर दायर की हैं।

वहीं दूसरी तरफ केजरीवाल सरकार ने केंद्र की भाजपा सरकार पर जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है आप का कहना है कि भाजपा सरकार अपने विपक्षियों को गिराना चाहती है और इसलिए छापेमारी कर कार्रवाई कर रही हैं।

आपको बता दें, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 7 अक्टूबर को दिल्ली की एक्साइज पॉलिसी के कथित अनियमितताओं के मामले में दिल्ली, पंजाब और तेलंगाना में 35 स्थानों पर मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों के तहत इस मामले में नए सिरे से जांच करते हुए छापेमारी शुरू की हैं।

छठ पूजा: दिल्ली में 1100 घाटों पर होगी छठ पूजा, सरकार ने जारी किए 25 करोड़ रुपये

केजरीवाल सरकार द्वारा राजधानी दिल्ली में छठ पूजा के आयोजन के लिए 1100 घाटो को तैयार किए जा रहा हैं। इन सभी जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए जाएगें। दिल्ली सरकार द्वारा इन सभी जगहों पर पावर बैकअप, पीने के पानी का इंतजाम, टॉयलेट, एंबुलेंस और फर्स्ट एड का पूरा इंतजाम किया जाएगा। इतना ही नहीं इन घाटों और यहां मिलने वाली सुविधाओं के लिए दिल्ली सरकार ने 25 करोड़ के बजट को भी मंजूरी दे दी हैं।

दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि, “कोरोना की तीव्रता कम हुई हैं लेकिन कोरोना अभी गया नहीं हैं। मास्क लगाकर रखियेगा हालांकि फाइन हटा लिया गया है लेकिन अपनी सुरक्षा के लिए अपनी सुरक्षा अपने हाथ हैं। कोरोना के नियमों का पालन कीजियेगा छठ के दौरान भी।“

उन्होंने आगे कहा कि, 30 और 31 अक्टूबर को छठ का त्यौहार हैं, हम सब मिलकर छठी मैया से आशीर्वाद मांगेंगे और सूर्य भगवान की पूजा करेंगे। 2 साल से सार्वजनिक रूप से छठ पूजा नहीं मना पाए थें क्योंकि कोरोना था। लेकिन जब से हमारी सरकार बनी है तब से हम भव्य रूप से इस त्यौहार को मनाने का सिलसिला चला रहे हैं।

आगे की जानकारी साझा करते हुए उन्होंने कहा कि, अबकी बार 1100 जगह छठ पूजा मनाई जाएगी और 25 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। छठ पूजा बड़े स्तर पर मनाने के लिए। इस बार बहुत सारी तैयारी की गर्इ है क्योंकि 2 साल से लोग घर में बेद थे और बड़े स्तर पर छठ पूजा नहीं मनाई जा रही थी। साथ ही सुरक्षा पुख्ता करने के लिए दिल्ली पुलिस पूरा सहयोग करेगी और जगह-जगह सीसीटीवी कैमरा भी लगाए जाएंगे।

आज हो सकता है गुजरात और हिमाचल विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान

चुनाव आयोग आज शाम गुजरात और हिमाचल में विधानसभा चुनावों की तारीख का ऐलान कर सकता है। गुजरात पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का गृह राज्य है जबकि हिमाचल भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा है। लिहाजा दोनों ही राज्यों के चुनाव भाजपा के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।

जानकारी के मुताबिक चुनाव आयोग शाम 3 बजे एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहा है। इसमें इन चुनावों की तारीखों का ऐलान होगा। यदि ऐसा होता है तो आज ही चुनाव आचार संहिता लागू हो जाएगी।

याद रहे गुजरात विधानसभा का कार्यकाल दिसंबर जबकि हिमाचल विधानसभा का का नवंबर में पूर्ण हो रहा है। पिछले चुनावों में दोनों ही राज्यों में भाजपा ने जीत हासिल की थी। हालांकि, इस बार दोनों राज्यों में मुकाबला कड़ा माना जा रहा है। गुजरात में तो भाजपा को पिछले चुनाव में बहुमत लाकय ही सीटें मिल पाईं थीं। गुजरात में इस बार भाजपा को कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी की भी चुनौती है।

उधर हिमाचल में पार्टी ने प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में चुनाव लड़कर 44 सीटें जीती थीं और सरकार बनाई थी। कांग्रेस को 21 सीटें मिली थीं। हालांकि, उस चुनाव में धूमल खुद चुनाव हार गए थे। इस बार भी धूमल चुनाव में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं क्योंकि यह माना जा रहा है कि जयराम के नेतृत्व में भाजपा सरकार अपनी छाप छोड़ने में सफल नहीं रही है। हिमाचजल में भाजपा में मुख्य मुकाबला कांग्रेस से है क्योंकि आप की वहां ज्यादा संभावना नहीं दिख रही।

गुजरात विधानसभा में कुल 182 सीटें हैं जबकि हिमाचल में 68 सीटें हैं। पिछले चुनाव   गुजरात में 9 और 14 दिसंबर जबकि पहाड़ी राज्य हिमाचल में एक ही चरण में 9 नवंबर को हुए थे। गुजरात में भाजपा ने 182 में से 99 जबकि कांग्रेस ने 77 सीटें जीती थीं। अन्य को 6 सीटें मिली थीं।

मनीष तिवारी बोले, खड़गे सही उम्मीदवार; गहलोत ने कहा, और मजबूत होगी कांग्रेस

अब जबकि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को सिर्फ तीन दिन ही बचे हैं, पार्टी के वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे को सही उम्मीदवार बताया है। उधर अध्यक्ष पद की दौड़ में बहुत करीब पहुंचकर भी चुनाव से बाहर हो गए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उम्मीद जताई है कि पार्टी के डेलीगेट खड़गे के पक्ष में वोट करके उन्हें जिताएंगे।

वरिष्ठ नेता मनीष तिवारी ने पार्टी अध्यक्ष पद के उम्मीदवार मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन करते हुए कहा है कि वर्तमान दौर में कांग्रेस को साफ-सुथरी छवि वाले  मजबूत नेता की जरूरत है। ऐसा नेता जो पार्टी अध्यक्ष के रूप में स्थिरता प्रदान कर सके। मनीष ने कहा – ‘मल्लिकार्जुन खड़गे इस मामले में खरे उतरते हैं।’

तिवारी ने सोनिया गांधी की भी तारीफ़ की है और कहा है कि गांधी की पार्टी में हमेशा भूमिका रहेगी। उन्होंने कहा – ‘सोनिया गांधी ने हमेशा निष्पक्षता के साथ अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। पार्टी में उनकी भूमिका हमेशा रहेगी।’

इसके साथ ही तिवारी ने भाजपा पर भी कड़ा प्रहार किया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने भाजपा से सवाल पूछा कि उसे देश की जनता को बताना चाहिए कि उस पार्टी में लोकतांत्रिक चुनाव आखिरी बार कब हुआ था ? याद रहे तिवारी नामांकन में खड़गे के प्रस्तावकों में से एक थे।

कभी जी-23 समूह का हिस्सा रहे तिवारी ने खड़गे को लेकर कहा कि तथ्य और निष्पक्ष मूल्यांकन जाहिर करता है कि मल्लिकार्जुन खड़गे ने अपने जीवन के 50 से अधिक वर्ष कांग्रेस की सेवा में समर्पित कर दिए। तिवारी ने कहा – ‘ऐसी स्थिति में, मेरा विचार है कि कांग्रेस को आज जिन चीजों की जरूरत है वह खड़गे पार्टी को दे सकते हैं। इनमें साफ-सुथरी छवि, निचले पद से ऊपर पहुँचना और स्थिरता शामिल हैं। खड़गे यह सब पार्टी को दे सकते हैं।’

उधर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी उम्मीद जताई है कि कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में निर्वाचक मंडल के सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे के पक्ष में मतदान कर उन्हें जिताएंगे।

एक ट्वीट में गहलोत ने कहा -‘‘मैं उम्मीद करता हूं जो भी डेलीगेट हैं वो भारी बहुमत से मल्लिकार्जुन खरगे को कामयाब करेंगे। कामयाब होने के बाद में वो हम सबका मार्गदर्शन करेंगे और कांग्रेस मजबूत होकर प्रतिपक्ष के रूप में उभर कर सामने आएगी‌। याद रहे खड़गे के मुकाबले वरिष्ठ नेता शशि थरूर चुनाव में उतरे हैं।

मॉस्को से दिल्ली की फ्लाइट में बम की मिली सूचना, तलाशी में नहीं मिला कुछ  

मॉस्को से दिल्ली आ रही एक फ्लाइट में शुक्रवार तड़के बम होने की सूचना मिलने के बाद दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के टर्मिनल 3 पर सुरक्षा एजेंसियां चौकस हो गईं। विमान की लैंडिंग के बाद सभी यात्रियों और क्रू को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, हालांकि, खाली विमान की जांच के दौरान उसमें कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। फिलहाल मामले की जांच की जा रही है।

जानकारी के मुताबिक सीआईएसएफ के अधिकारियों को एक ईमेल मिली जिसमें जहाज में बम होने का दावा किया गया था। ईमेल में कहा गया था कि तड़के 3:20 बजे पर मॉस्को से जो एसयू 232 फ्लाइट टर्मिनल 3 (टी-3) पर आ रही है उसमें बम है। मेल मिलते ही आनन फानन बम निरोधक दस्ता और सुरक्षा दस्तों को हवाई अड्डे पर अलर्ट कर दिया गया।

इसके बाद जहाज को जहाजों की भीड़ से दूर वाले रनवे नंबर 29 पर उतारा गया और तुरंत जहाज से 386 यात्रियों और 16 क्रू मेंबर को उतारा गया। इसके बाद जहाज की जांच शुरू कर दी गयी। फ़िलहाल जहाज को कुछ भई ऐसा नहीं मिला है जिसे संदिग्ध कहा जाए।

पुलिस के मुताबिक सीआईएसएफ अधिकारियों को संबंधित उड़ान में बम होने की चेतावनी देने वाला एक ईमेल मिला था। विमान की गहन जांच की गई है और फिलहाल कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला है। विमान को अलग-थलग खड़ा रखा गया है। बता दें पिछले साल जून में भी इसी एयरपोर्ट पर पटना की एक फ्लाइट में बम रखे होने की झूठी जानकारी किसी ने फोन से दी थी।

कर्नाटक हिजाब मामले की सुनवाई में जजों की अलग-अलग राय, सीजेआई को भेजा मामला

कर्नाटक में शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने का मामला इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ के दोनों जजों की राय में भिन्नता के बाद इसे सर्वोच्च न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश को भेज दिया गया है। आज सुनवाई के दौरान एक जज ने फैसले को पलटा दिया।

कर्नाटक हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई करने वाले दो जजों में मतभेद उभरने के बाद फिलहाल हिजाब पर पाबंदी जारी रहेगी। मामले की सुनवाई कर रही खंडपीठ के एक जज जस्टिस सुधांशु धूलिया ने हाई कोर्ट का फैसला पलटने के पक्ष में फैसला लिखा वहीं जस्टिस हेमंत गुप्ता ने हाईकोर्ट का फैसला बरकरार रखने के पक्ष में फैसला सुनाया। अब बड़ी बेंच के गठन के लिए यह मामला सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश को भेजा जाएगा।

याद रहे 22 सितंबर को जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस सुधांशु धूलिया की खंडपीठ ने 10 दिन चली सुनवाई के बाद इस मामले पर पर फैसला सुरक्षित रखा था। खंडपीठ ने कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली कुल 23 याचिकाओं पर सुनवाई की थी। याचिका में कर्नाटक सरकार पर सवाल उठाए गए हैं और कहा गया है कि हिजाब बैन का फैसला मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए किया गया है।

याचिका के जरिए मुस्लिम छात्राओं ने कोर्ट में दलील दी कि हिजाब पहनने से किसी के मौलिक अधिकार का हनन नहीं होता। यह भी कहा गया है कि अगर स्कूलों में पगड़ी, कड़ा और बिंदी पर बैन नहीं तो हिजाब पर क्यों? हिजाब धार्मिक आजादी के अधिकार के दायरे में है।

पीएम मोदी ने ऊना में देश की चौथी ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ ट्रेन को हरी झंडी दिखाई

विधानसभा चुनाव से ऐन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को देश की चौथी ‘वंदे भारत एक्सप्रेस’ ट्रेन को हिमाचल के ऊना रेलवे स्टेशन से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। ट्रेन हिमाचल प्रदेश के अंब अंदौरा स्टेशन से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बीच चलेगी।

यह ट्रेन बुधवार को छोड़ हफ्ते में 6 दिन चलेगी। यह ट्रेन अंबाला, चंडीगढ़, आनंदपुर साहिब और ऊना में रुकेगी। महज 52 सेकेंड में 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ने वाली यह ट्रेन राज्य में पर्यटन की दृष्टि से भी काफी लाभकारी रहेगी।

हमीरपुर-ऊना के सांसद अनुराग ठाकुर को इस ट्रेन के शुरू होने का श्रेय दिया जा सकता है जो हलके का लोकसभा में प्रतिनिधित्व करते हैं। दिलचस्प यह है कि उनके पिता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने सीएम रहते इस मसले को लगातार केंद्र के समक्ष उठाया था।

इससे पहले प्रधानमंत्री का ऊना के पेखूबेला हेलीपैड पहुंचने पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और अन्य ने स्वागत किया। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। प्रधानमंत्री राज्य के दो जिलों में विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन करने और आधारशिला रखने के बाद ऊना और चंबा में जनसभाओं को भी संबोधित करेंगे।

जम्मू में ‘नए मतदाताओं’ के पंजीकरण पर पीडीपी ने आयोग, भाजपा पर बोला हमला

जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने बुधवार को चुनाव आयोग के जम्मू में ‘नए मतदाताओं’ के पंजीकरण संबंधी आदेश की आलोचना की। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि वह सूबे को धार्मिक और क्षेत्रीय स्तर पर बांटने की कोशिश कर रही है और इन प्रयासों को सफल नहीं होने दिया जाना चाहिए। उधर फ़ारूक़ अब्दुल्ला की नैशनल कांफ्रेंस ने भी इसी मसले पर आयोग और भाजपा को आड़े हाथ लिया है।

पीडीपी प्रमुख ने एक ट्वीट में कहा कि आयोग का जम्मू में नए मतदाताओं के पंजीकरण से जुड़ा आदेश निंदनीय है और लोगों को क्षेत्र के आधार पर बबांटने की भाजपा की कोशिश का हिस्सा है।

महबूबा ने कहा – ‘जम्मू-कश्मीर को धार्मिक और क्षेत्रीय स्तर पर बांटने के बीजेपी की कोशिशों को नाकाम किया जाना चाहिए। चाहे वह कश्मीरी हो या डोगरा, हमारी पहचान और अधिकारों की रक्षा तभी संभव होगी जब हम एकसाथ आकर कोशिश करेंगे।’

पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि निर्वाचन आयोग ने आदेश में नए मतदाताओं के पंजीकरण को मंजूरी देकर यह स्पष्ट कर दिया है कि जम्मू में भारत सरकार औपनिवेशिक सोच के तहत मूल निवासियों को विस्थापित कर नए लोगों को बसाने के लिए कार्रवाई कर रही है।

इस बीच फ़ारूक़ अब्दुल्ला की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी इस फैसले की निंदा की है। पार्टी ने कहा कि ऐसा लगता है कि भाजपा चुनाव से डरी हुई है और उसे पता है कि उसकी बड़ी हार होगी।

पार्टी के ट्वीटर हैंडल पर कहा गया है – ‘सरकार जम्मू-कश्मीर में 25 लाख गैर-स्थानीय लोगों को मतदाता बनाने की अपनी योजना पर आगे बढ़ रही है। हम इस कदम का विरोध करना जारी रखेंगे। भाजपा चुनाव से डरी हुई है और उसे पता है कि उसे बड़ी हार का सामना करना पड़ेगा। जम्मू-कश्मीर के लोगों को चुनाव में इस साजिश का जवाब देना चाहिए।’

महबूबा मुफ्ती का ट्वीट – @MehboobaMufti ECI’s latest order for registration of new voters makes it clear that GOIs colonial settler project has been initiated in Jammu. They will bear the first blow to Dogra culture, identity, employment & business.

नोटबंदी की संवैधानिक वैधता पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, क्या अलग कानून की है जरूरत ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से साल 2016 में घोषित नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को लेकर दायरा याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की पीठ ने बुधवार को सुनवाई के दौरान सवाल किया कि नोटबंदी के लिए सुप्रीम कोर्ट को भविष्य के लिए कानून तय नहीं करना चाहिए? कोर्ट ने यह भी कहा कि क्या आरबीआई एक्ट के तहत नोटबंदी की जा सकती है?

जस्टिस एस अब्दुल नजीर, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस ए एस बोपन्ना, जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम और जस्टिस बीवी नागरत्ना की पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। पीठ की अगुवाई कर रहे जस्टिस नज़ीर ने आज सुनवाई के दौरान पूछा कि क्या अब इस मामले में कुछ बचा है? जस्टिस गवई ने कहा कि अगर कुछ नहीं बचा तो आगे क्यों बढ़ना चाहिए?

इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील प्रणव भूषण ने कहा कि कुछ मुद्दे हैं। इनमें बाद की सभी अधिसूचनाओं की वैधता, असुविधा से संबंधित मामले और क्या नोटबंदी ने समानता के अधिकार और बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन किया है? इस पर सॉलिसिटर जनरल ने कहा – ‘मुझे लगता है कि कुछ अकादमिक मुद्दों के अलावा कुछ भी नहीं बचा है। क्या अकादमिक मुद्दों पर फैसला करने के लिए पांच जजों को बैठना चाहिए।’

याद रहे पिछली सुनवाई में नोटबंदी के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि था कि इस मामले में अब क्या बचा है? क्या इस मामले का परीक्षण करने की जरूरत है? क्या ये मामला निष्प्रभावी तो नहीं हो गया? क्या ये मामला अब अकादमिक तो नहीं रह गया?

याद रहे नोटबंदी की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 28 सितंबर को पांच जजों की बेंच ने मामले में सुनवाई की थी। तब बेंच ने यह कहकर कार्यवाही को टाल दिया था कि कोर्ट के पास और भी कई महत्वपूर्ण और अधिकारों से जुड़े मामले हैं। सुनवाई के दौरान बेंच ने कहा था कि कोर्ट पहले इस बात की जांच करेगी कि की क्‍या नोटबंदी को चुनौती एकेडमिक बन गई है?

बता दें साल 2016 में याचिकाकर्ता विवेक शर्मा ने याचिका दाखिल कर सरकार के नोटबंदी के फैसले को चुनौती दी थी। इसके बाद 58 और याचिकाएं दाखिल हुईं।   इस मामले में 16 दिसंबर, 2016 को ही ये केस संविधान पीठ को सौंपा गया था, लेकिन तब बेंच का गठन नहीं हो पाया था।

भारतीय नेवी का मिग 29K गोवा में दुर्घटनाग्रस्त, पायलट की स्थिति स्थिर

भारतीय नेवी का मिग-29K प्लेन गोवा में क्रैश हो गया है। पायलट को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है और पायलट की स्थिति स्थिर बताई जा रही हैं।

यह हादसा विमान में तकनीकी खराबी के कारण हुआ हैं। घटना की जांच के लिए बोर्ड ऑफ इंक्वायरी (बीओआई) को आदेश दिया गया हैं।

नेवी स्पोक्सपर्सन ने ट्वीट कर कहा कि, गोवा के समुद्र के ऊपर एक नियमित उड़ान पर एक मिग 29K ने बेस पर लौटते समय तकनीकी खराबी के कारण प्लेन क्रैश हो गया। पायलट को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया हैं। पायलट की हालत स्थिर बताई जा रही हैं। बीओआई को घटना के कारणों की जांच के आदेश दिए गए हैं।

आपको बता दें, इससे पहले 26 नवंबर 2020 को गोवा के तट के मिग 29K ट्रेनर विमान दर्घटनाग्रस्त हुआ था। उसकी जानकारी में बताया गया था कि विमान का टर्बो चार्जर, ईधन टैंक इंजन विंग इंजन समेत कुछ मलबा मिला है।