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वागनर विद्रोह की ‘जानकारी’ के बावजूद अमेरिकी खुफिया तंत्र ‘चुप’ रहा: रिपोर्ट

येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व वाली वागनर ग्रुप की निजी सेना के रूस के खिलाफ विद्रोह से पीछे हटने के बाद रूस ने साफ़ किया है कि इस घटनाक्रम के बावजूद उसका यूक्रेन में आपरेशन जारी रहेगा। उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज की सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट के मुताबिक वागनर ग्रुप और उसके संस्थापक के विद्रोह की तैयारी के बारे में जानकारी होने के बावजूद, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर इस चिंता के कारण चुप रहने का विकल्प चुना कि मॉस्को उन पर ‘तख्तापलट की कोशिश का आरोप’ लगा सकता है।

बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको, जिन्हें रूस के राष्ट्रपति पुतिन का मित्र माना जाता है, ने ‘बागी’ येवगेनी से बातचीत की थी। इस मध्यस्थता का अच्छा नतीजा निकला और प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए वागनर नेता ने तनाव कम करने का विकल्प चुना। इसके तुरंत बाद उन्होंने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का निर्देश दिया। साथ ही येवगिनी ने बेलारूस जाने का फैसला किया है।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने साफ़ किया है कि वर्तमान घटनाक्रम से उसके यूक्रेन में आपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वह जारी रहेगा। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वैगनर पीएमसी के साथ हुई घटनाओं का यूक्रेन में ऑपरेशन पर असर पड़ेगा, तो उनका जवाब था कि ‘किसी भी परिस्थिति में नहीं। यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान जारी है, अग्रिम पंक्ति में हमारे सैनिक वीरता का प्रदर्शन कर रहे हैं, वे यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जवाबी हमले का काफी प्रभावी ढंग से और सफलतापूर्वक मुकाबला कर रहे हैं और ऑपरेशन जारी रहेगा।’

कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले एक साल में पुतिन ने जिस रणनीति के साथ यूक्रेन के बहाने पूरे नाटो का सामना किया है उससे यह साफ़ हुआ है कि उनकी युद्ध को लेकर बेहतर समझ जाहिर होती है। पश्चिम के कुछ मीडिया में पिछले घंटों में रूस के राष्ट्रपति पुतिन के देश छोड़ने की ख़बरें भी गलत साबित हुई हैं। सिर्फ 12 घंटे के भीतर पुतिन ने जिस तरह ‘विद्रोह’ को परास्त किया उनकी इस रणनीति से उनके और ताकतवर होने की संभावना है। रूस ने अपने देश में आईआरजीसी और अन्य मीडिया में पुतिन के देश से पलायन की ख़बरों को फर्जीवाड़ा बताते हुए इन्हें पूरी तरह खारिज किया है।

येवगेनी के ‘विद्रोह’ के बावजूद रूस में तमाम नेता, सेना, जनता और राज्यों के नेता पूरी ताकत से पुतिन के साथ खड़े रहे, जिससे संकेत मिलता है कि पश्चिमी मीडिया में पुतिन को लेकर रूस में ‘नाराजगी’ की जो ख़बरें आती रही हैं, वह सही नहीं हैं। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक येवगिनी के साथ समझौते में इस बात पर जोर दिया गया कि तनाव में शामिल वागनर सैनिकों पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।

येवगेनी  प्रिगोझिन की स्थिति पर प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा कि व्यवसायी को देश छोड़ने की अनुमति दी जाएगी। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक पेसकोव ने कहा कि प्रिगोझिन के खिलाफ आपराधिक मामला समाप्त कर दिया जाएगा और वह बेलारूस के लिए रवाना हो जाएंगे। उन्होंने कहा – ‘यदि आप पूछते हैं कि क्या गारंटी है कि प्रिगोझिन बेलारूस के लिए रवाना हो सकते हैं, तो बता दें कि यह रूसी राष्ट्रपति के शब्द हैं।’ पेसकोव ने प्रिगोझिन के साथ बातचीत में मध्यस्थता के लिए बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को धन्यवाद दिया, जिसका उद्देश्य संघर्ष से बचने के उच्चतम लक्ष्य तक पहुंचना था।

इस बीच उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया है कि वागनर ग्रुप और उसके संस्थापक के विद्रोह की तैयारी के बारे में जानकारी होने के बावजूद, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर इस चिंता के कारण चुप रहने का विकल्प चुना कि मॉस्को उन पर ‘तख्तापलट की कोशिश का आरोप’ लगा सकता है।

उधर रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पुतनिक न्यूज को बताया कि रूसी बलों ने आर्टेमोव्स्क के उत्तर में यूक्रेनी सैनिकों के तीन आक्रमण समूहों को आगे बढ़ने से रोक दिया है। आर्टेमोव्स्क को बखमुट के नाम से भी जाना जाता है। प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेनी सेना की हमले की कार्रवाई को छह अन्य गांवों के पास भी रोक दिया गया। प्रवक्ता ने कहा – ‘युग ग्रुप ऑफ फोर्सेज के उपखंडों ने बेरखोव्का की दिशा में दुश्मन के तीन हमलावर समूहों के आगे बढ़ने का पता लगने पर मोर्टार से रोक दिया गया। स्पुतनिक के मुताबिक रूसी सेना ने बखमुत क्षेत्र में सोलनत्सेपेक (ब्लेज़िंग सन) थर्मोबेरिक रॉकेट लॉन्चर का उपयोग करके यूक्रेनी पैदल सेना को भी निशाना बनाया। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन ने 24 घंटे में डोनेट्स्क दिशा में 430 सैनिक खो दिया है।

पुतिन ने राष्ट्र को संबोधित किया, कहा सभी ताकतें मतभेद भुला एकजुट हों

रूस में चल रहे घटनाक्रम के बीच रूसी संघीय सुरक्षा सेवा (एफएसबी) ने वागनर ग्रुप की निजी सैन्य कंपनी (पीएमसी) के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की ओर से दिए गए बयानों पर सशस्त्र विद्रोह को उकसाने के लिए एक आपराधिक मामला दर्ज़ किया है।रूस की सरकारी एजेंसी स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अब से कुछ देर पहले राष्ट्र के नाम एक वीडियो संबोधन में कहा कि रूसी राष्ट्र के भाग्य का फैसला अभी किया जा रहा है। उन्होंने सभी ताकतों को एकजुट होने और किसी भी मतभेद को दूर करने की जरूरत जताई है।

पुतिन का यह संदेश इस मायने में महत्वपूर्ण है कि वागनर ग्रुप के मुखिया प्रिगोझिन ने कुछ इलाकों के अपने कब्जे में होने का दावा किया था। उधर अपने सम्बोधन में रूसी नेता पुतिन ने कहा कि वह रूसियों, सेना, सुरक्षा एजेंसियों और सभी लोगों को संबोधित कर रहे हैं जिन्हें धोखे और धमकियों से सशस्त्र विद्रोह के रास्ते पर धकेल दिया गया है।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज डॉट इन के मुताबिक राष्ट्र को सम्बोधित करते हुए पुतिन ने कहा – ‘मैं रूस के नागरिकों, सशस्त्र बलों, कानून प्रवर्तन एजेंसियों और विशेष सेवाओं के कर्मियों, सेनानियों और कमांडरों से अपील करता हूं जो अब अपने युद्धक स्थानों पर लड़ रहे हैं, दुश्मन के हमलों को नाकाम कर रहे हैं वे महान वीरता का परिचय दे रहे हैं।’

स्पुतनिक के मुताबिक पुतिन ने कहा कि उन्होंने आज फिर से सभी लाइनों के कमांडरों से बात की। पुतिन ने कहा ने कहा – ‘मैं उन लोगों से भी अपील करता हूं, जो धोखे या धमकी के माध्यम से इस आपराधिक कार्य में शामिल हो गए और सशस्त्र विद्रोह के गंभीर अपराध के रास्ते पर धकेल दिए गए।’

पुतिन ने कहा कि रूस के राष्ट्रपति और कमांडर-इन-चीफ के रूप में, रूस के नागरिक के रूप मैं देश की रक्षा के लिए, संवैधानिक व्यवस्था, नागरिकों के जीवन, सुरक्षा और स्वतंत्रता की रक्षा के लिए सब कुछ करूंगा। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक पुतिन ने कहा कि ‘उन्होंने रात में सभी दिशाओं के सैन्य कमांडरों से बात की। सेना बहादुरी से लड़ रही है। सशस्त्र बलों और अन्य राज्य निकायों को आवश्यक आदेश प्राप्त हो गए हैं, अब मॉस्को, मॉस्को क्षेत्र और कई अन्य क्षेत्रों में अतिरिक्त आतंकवाद विरोधी उपाय किए जा रहे हैं।’

रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि ‘जब रूस के लोगों के भाग्य का फैसला किया जा रहा हो तो विशेष सैन्य अभियान के दौरान किसी भी झगड़े को अलग रखा जाना चाहिए’। रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज डॉट इन के मुताबिक पुतिन ने कहा कि अत्यधिक महत्वाकांक्षा और व्यक्तिगत हितों ने रूस के साथ विश्वासघात को जन्म दिया है जिसके लिए वागनर समूह के सेनानियों और कमांडरों ने अन्य इकाइयों और टुकड़ियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ाई की और शहीद हुए। उन्होंने कहा कि विद्रोह के प्रयास के लिए ज़िम्मेदार सभी लोगों को अपरिहार्य सज़ा भुगतनी होगी और कानून और लोगों को जवाब देना होगा।

मोदी व्हाइट हाउस में सिलिकॉन वैली के अधिकारियों से मिले, अब मिस्र रवाना

पीएम नरेंद्र मोदी एक दिवसीय यात्रा पर अमेरिका से मिस्र के लिए रवाना हो गए हैं। मिस्र रवाना होने से पहले शुक्रवार को व्हाइट हाउस में सिलिकॉन वैली के शक्तिशाली अधिकारियों से मुलाकात की और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और उन्नत विनिर्माण पर आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की मांग की। इस बीच पीएम की अमेरिका यात्रा को भारतीय अधिकारियों ने ‘ऐतिहासिक और मील का पत्थर’ करार दिया है।

व्हाइट हाउस के ईस्ट रूम में हुई इस बैठक में अल्फाबेट इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचाई, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्प के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सत्या नडेला और एप्पल इंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टिम कुक शामिल हुए, जो अपनी कंपनी के आईफोन की इकाइयों को भारत लेकर आने की बात कह चुके हैं। बैठक में टिक कुक पीएम मोदी के साथ ही बैठे।

प्रधानमंत्री ने इस दौरान कहा कि अमेरिकी प्रौद्योगिकी और भारतीय प्रतिभा का साथ आना उज्ज्वल भविष्य की गारंटी है। व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति जो बाइडेन के साथ ‘टेक्नोलॉजी हैंडशेक’ कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- ‘यह सुबह कुछ ही मित्रों के साथ शुरू हुई है लेकिन यह उज्ज्वल भविष्य की गारंटी लेकर आई है।’
समारोह में अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन की उपस्थिति पर आभार प्रकट करते हुए मोदी ने कहा – ‘यह राष्ट्रपति बाइडन की दृष्टि और उनकी ताकत और भारत की आकांक्षाओं और संभावनाओं को लेकर आगे बढ़ने का बड़ा अवसर है।’ मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि राष्ट्रपति बाइडन के नेतृत्व में प्रौद्योगिकी के महत्व को समझते हुए अमेरिका ने इस क्षेत्र में प्रगति की है। ‘भारत का युवा आज विश्व में अपनी पहचान बना रहा है। ऐसे में भारतीय प्रतिभा और अमेरिकी प्रौद्योगिकी का यह मिलन एक उज्ज्वल भविष्य के लिए गारंटी लेकर आया है’।

उधर बाइडेन ने कहा – ‘हमारे देश नवाचार और सहयोग को एक नए स्तर पर ले जा रहे हैं। हमें आपकी मदद की ज़रूरत है, और मैं इस टेबल पर मौजूद भारतीय और अमेरिकी सीईओ से बात कर रहा हूं, हमें इस पल का फायदा उठाने, हमारे समाजों, हमारी अर्थव्यवस्थाओं और हमारे देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए जोखिमों का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए आपकी मदद की ज़रूरत है। नवाचार और सहयोग शायद ही कभी बाधाओं के बिना होते हैं, और इसलिए आप हमारी महत्वाकांक्षाओं को बढ़ाते हैं और मैं चाहता हूं कि आप हमें बताएं कि हमारी महत्वाकांक्षाओं के रास्ते में क्या बाधा है।’

वागनर ग्रुप की ‘बगावत’ के बीच रूस ने कहा ‘विद्रोह के वीडियो सच नहीं’

रूस में वागनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन की रूसी रक्षा मंत्रालय के विरुद्ध  बगावत की ख़बरों के बीच रूस की सरकारी एजेंसी स्पुतनिक न्यूज ने कहा है कि सोशल मीडिया पर जारी विद्रोह के वीडियो सच नहीं हैं और उकसाने वाले हैं। उधर कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि कथित विद्रोह को देखते हुए क्रेमलिन में टैंक तैनात किये गए हैं। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि रूस ने येवगिनी के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश सेना को दिया है।

रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि वागनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने कथित रूप से कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए हैं, जिनमें उसने रूस के रक्षा मंत्री को चुनौती देते हुए उन्हें पद से हटाने का एलान किया है। रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया है कि येवगेनी ने अपने लड़ाकों को रूसी रक्षा मंत्रालय के मुख्यालय रोस्तोव-ऑन-डॉन पर कब्जे के लिए अपने सैनिकों को रवाना कर दिया है और मास्को में टैंकों की तैनाती कर दी गई है। बैगनर ग्रुप को राष्ट्रपति पुतिन की ‘निजी सेना’ भी कहा जाता रहा है।

उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज डॉट इन ने सोशल मीडिया में चल रहे वीडियो को भ्रामक बताया है और कहा है कि यह सच नहीं है। स्पुतनिक न्यूज ने रूस के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा – ‘रूसी सशस्त्र बल विशेष सैन्य अभियान के क्षेत्र में यूक्रेनी सशस्त्र बलों के साथ संपर्क लाइन पर लड़ाकू अभियानों को अंजाम देना जारी रखे हुए हैं। वैगनर पीएमसी के कथित रूप से रूसी सशस्त्र बलों पर हमलों के बारे में येवगेनी प्रिगोझिन के नाम से सोशल मीडिया पर प्रसारित सभी संदेश और वीडियो सच नहीं हैं और यह जानकारी उकसाने वाली है।’

इस बीच क्रेमलिन के कहा है कि ‘रूसी अभियोजक जनरल इगोर क्रास्नोव ने प्रिगोझिन के मामले के संबंध में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को एक रिपोर्ट दी है।’ उधर स्पुतनिक ग्लोबल के मुताबिक फेडरल सिक्योरिटी सर्विस (एफएसबी) ने शुक्रवार को वागनर ग्रुप के मुखिया येवगेनी के नाम से विद्रोह के संदेश सोशल मीडिया में चलाने को लेकर आपराधिक मामला दर्ज किया है। एफएसबी ने कहा कि रूसी क्षेत्र में एस्केलेशन का खतरा है। रूस के रक्षा मंत्रालय ने भी कहा कि पीएमसी वागनर के शिविरों के खिलाफ रूसी सेना के हमले की ख़बरें सही नहीं हैं। इस बीच रूस की तरफ से शनिवार सुबह कहा गया है देश के कई हिस्सों में सुरक्षा बढ़ा दी गयी है।

इस बीच बीबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन में पूर्व अमेरिकी राजदूत बिल टेलर ने उसे बताया है कि रूसी सैन्य नेतृत्व के खिलाफ येवगेनी प्रिगोझिन का घोषित कदम ‘लगभग निश्चित रूप से तख्तापलट का प्रयास’ है। बीबीसी रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘यह पुतिन के लिए गंभीर है। रूसी इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं, और ऐसा लगता है कि उन्हें ऐसा करना चाहिए।’

लेकिन टेलर, जो पिछले महीने यूक्रेन में थे, का कहना है कि वागनर के सफल होने की संभावना नहीं है। वे कहते हैं, ‘रक्षा मंत्रालय के पास उपकरण हैं, विमान हैं, टैंक हैं – उनके पास प्रिगोझिन की सेना को मात देने के लिए बड़ी संख्या में सैन्य उपकरण हैं।’

आप ने रखी शर्त यदि कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी तो अगली मीटिंग में जाना मुश्किल

विपक्षी पार्टियों की पहली आधिकारिक बैठक पटना में आज सम्पन्न हुई। जहां सभी पार्टी के नेता नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए नजर आए और एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की बात करते नजर आए वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी से अलग ही बयान सामने आ रहे है।

आप का कहना है कि जिस मीटिंग में कांग्रेस पार्टी हिस्सा लेगी वहां पर आम आदमी नहीं जाएगी। सूत्रों के अनुसार आप अध्यादेश विवाद पर खफा हो गई है और उसने विपक्षी बैठक के बाद यह बयान जारी किया है।

आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि कांग्रेस जब तक पब्लिक में इस अध्यादेश का विरोध नहीं करती तब तक आप के लिए विपक्षी एकता वाली किसी भी उस बैठक में हिस्सा लेना मुश्किल रहेगा जहां कांग्रेस होगी।

आप पार्टी ने दावा किया है कि बैठक के दौरान 11 दलों ने काले अध्यादेश का खुलकर खिलाफ समर्थन किया किंतु कांग्रेस ने इस पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।

आपको बता दें, आप पार्टी की एकजुटता इसलिए भी अहम है क्योंकि पंजाब और दिल्ली में भाजपा के खिलाफ आप मजबूत है। और 20 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर उसकी उपस्थिति मायने रखती है।

क्या है अध्यादेश विवाद ?

कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि कानून व्यवस्था, जमीन और पुलिस छोड़कर बाकी सभी अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। अधिकारियों की पोस्टिंग की ताकत भी दिल्ली सरकार को दे दी गई थी किंतु कोर्ट ने फैसले के बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई जिस वजह से अधिकारियों की पोस्टिंग की ताकत फिर से दिल्ली सरकार से छिन गई।

अध्यादेश में कहा गया है कि तीन सदस्यों की एक टीम बनाई जाएगी। यह टीम किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग या ट्रांसफर कर सकेगी किंतु अंतिम मुहर लगाने का एलजी के दे दिया गया था।

लोकसभा चुनाव 2024 मिलकर लडेंगा विपक्ष, अगली बैठक शिमला में होगी

बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की पहली आधिकारिक महाबैठक समपन्न हुई। इस बैठक में 15 विपक्षी दलों के नेताओ ने भाग लिया। इस बैठक के कई सियासी मायने है। बैठक में 2024 के लोकसभा चुनावों में आपसी मतभेद भुला कर कैसे एकजुट हुआ जाए, एक साझा कार्यक्रम बनाने पर जोर देने के साथ ही अन्य मुद्दो पर भी चर्चा हुई। लोकसभा चुनाव पर चर्चा के साथ ही कई नेताओं ने अपने राज्य के मुद्दे भी उठाए। एक तरफ जहां केजरीवाल ने अध्यादेश पर समर्थन मांगा वहीं पूर्व सीएम उमर अबदुल्लाह और मेहबूबा मुफ्ती ने कश्मीर से धारा 370 हटाए जाने का मुद्दा भी उठाया।

बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, जेडीयू नेता नीतीश कुमार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, NCP प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (UBT) के प्रमुख उद्धव ठाकरे, PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती, NC नेता फारुख अब्दुला, CPI सचिव डी. राजा, CPM सचिव सीताराम येचुरी और CPIML के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य सहित कई बड़े राजनीतिक दिग्गज शामिल हुए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सभी दलों के नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री और बैठक के मेजबानी करने के लिए नीतीश कुमार की जमकर तारीफ की और इस बैठक में सबको एक छत के नीचे लाने का श्रेय भी दिया। 

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने नीतीश कुमार का धन्यवाद करते हुए कहा कि, “भाजपा और आरएसएस हिंदुस्तान की नीव पर आक्रमण कर रही है इसे रोकना होगा। विचारधारा की लड़ाई पर ज़ोर देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, इस देश के इंस्टीट्यूशन पर बीजेपी वार कर रही है। और इसके खिलाफ हम सब साथ खड़े है। हमने एकसाथ काम करने का निर्णय लिया है। हम अपनी विचारधारा कि रक्षा करेंगे। अगली मीटिंग जल्दी होगी और गहरे तरीके से आगे बढ़ने जा रही है।” 

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि, “पटना में जो 17 पार्टियों के मीटिंग हुई है उसमे सीएम भी आए है और नीतीश जी ने बहुत अच्छे तरीके से मीटिंग ऑर्गेनाइज किया है। शरद जी, लालू जी, नीतीश जी, राहुल जी, खरगे भाई और सभी इस मीटिंग में मौजूद रहे।

ममता ने आगे कहा कि, “जो पटना से शुरू होता है वो एक जनांदोलन रूप होता है। और बहुत सारे आंदोलन पटना से शुरू हुए थे। और अब पटना से मीटिंग की शुरुआत अच्छी हुई है। हमे विपक्ष न बोला जाए, हम इस देश के नागरिक है। भाजपा के खिलाफ जो बोलता है उसके पीछे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) लग जाती है। आज की बैठक की 3 चीज खास हुई है इसमें पहला कि हम सब साथ है। दूसरा हमलोग एकसाथ लडेंगे, तीसरा एक मीटिंग शिमला में होगी। चौथा बीजेपी के एजेंडे के खिलाफ साथ लडेंगे। राज्यो को केंद्र सरकार पैसा नही देती, बीजेपी चाहती है विपक्ष को खत्म किया जाए। हम देश के नागरिक है। बीजेपी की तानाशाही, एट्रोसिटीज। बीजेपी के काले कानूनों के खिलाफ हम लड़ाई लडेंगे। बीजेपी इतिहास को खत्म करना चाहती है।

एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि, “आपसी मतभेद छोड़ कर आगे बढ़ेंगे।”

पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा कि, “हमारा एकजुट होना नीतीश जी के लिए बढ़ी कामयाबी है। लोकतंत्र, संविधान पर हमला हो रहा है। जो कश्मीर में हमारे साथ हुआ आज पूरे मुल्क के साथ वही हो रहा है। हम गांधी के मुल्क को गोडसे का मुल्क नहीं बनने देंगे।”

उद्धव ठाकरे ने कहा कि , “हम सबकी विचारधारा अलग है लेकिन शुरुआत अच्छी हुई है आगे भी सब अच्छा होगा। देश में तानाशाह लाने वाले का विरोध करेंगे।देश की अखंडता के लिए आज हम साथ आए है।”

उमर अब्दुल्लाह ने कहा कि, “विपक्षी दलों का एकसाथ आना मामूली बात नहीं है। ये सत्ता की नहीं बल्की उसूलों, विचारधारा, मुल्क को बचाने की लड़ाई है। इस देश को बर्बादी से बचाने के लिए और मुसीबत से निकलने के लिए साथ आए है। हम जमुरियत को जिंदा रखने की लड़ाई लड़ने आए है। जम्मू एंड कश्मीर मे दिनदहाड़े लोकतंत्र की हत्या और 5 साल से राष्ट्रपती शशान क्यू है।”

सीताराम येचुरी ने कहा ki , “हिफाजत करनी है आज देश के मूल चरित्र की। देश के संविधान की रक्षा करनी है। ये फासीवादी हिंदुत्व राज्य बनाना चाहते है। राज्यो में चुनावी तालमेल पर बात होगी।”

हेमंत सोरेन ने कहा कि, “आज लोकतंत्र में कुछ चीजों पार तेजी से प्रहार दिखाई दे रहा है। आज कई संस्था, व्यवस्था होने के बाद भी क्या मनोस्तिथि बन रही है वो आप लोगो को पता है। इस देश की दुनिया में chavi rahi hai अनेकता में एकता, जिसका लोहा दुनिया ने माना उसमे आज दरार पढ़ गई है। उसी को दुरुस्त करने का काम विपक्ष करेगा। बाबा भीमराव अंबेडकर जी था के आदिवासी को संरक्षण कैसे मिले इन सभी विषयों को लेकर नीतीश जी ने आज ये बैठक की है। इसके लिए मैं इनको धन्यवाद देता हूं। ये पहली झलक है साथ मिलकर आगे की लड़ाई लडेंगे।”

अखिलेश ने कहा कि, “आज पटना और बिहार नई राजनैतिक, हम सब लोग मिलकारके देश को और जनता को बढ़ाने का काम करेंगे। पटना नवजागरण का गवाह बना रहा है।”

काफी लंबे समय बाद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव भी इस बैठक में नजर आए और उन्होेंने कहा कि, “अगली बैठक शिमला में होगी। हमे एक होकर लड़ना है। अब मैं फिट हू और मोदी जी को भी पूरी तरह से फिट कर देंगे। अमेरिका में चंदन की लकड़ी बाट रहे है। देश आज बेरोजगारी मेहंगाई से त्रस्त है। इस बार तय है बीजेपी का बुरा हाल होगा। अब हनुमान जी हमारे साथ हो गए है।”

वहीं अपने पुराने अंदाज में लालू यादव ने माहौल को हलका करते हुए कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अब शादी कर लेनी चाहिए और हम सब बाराती बनके चलेंगे।

पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक शुरू, कई बड़े नेता मौजूद

पटना में विपक्षी दलों की महाबैठक शुरू हो गई है। इस बैठक के लिए विपक्षी नेताओं का जमावड़ा लगना कल से ही शुरू हो गया था। 2024 लोकसभा चुनाव में भाजपा से मुकाबले को लेकर रणनीति बनाने और विपक्षी दलों की एकजुटता पर कई अहम मुद्दो पर इस बैठक में चर्चा होनी है।

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक की अगुवाई कर रहे है। मीटिंग में आने वाले नेताओं में मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, नीतीश कुमार, ममता बनर्जी, तेजस्वी यादव, हेमंत सोरेन, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एम के स्टालिन, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, सीताराम येचुरी, डी राजा, दीपांकर भट्टाचार्य, फारूख अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती शामिल हैं।

हालांकि, इस बैठक में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सुप्रीमो मायावती को आमंत्रित नहीं किया गया है। वहीं राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी पारिवारिक कार्यक्रम का हवाला देकर बैठक में शामिल होने से इनकार कर दिया है।

दिल्ली अध्यादेश सत्र पर फैसला संसद के मानसून सत्र में होगा- मल्लिकार्जुन खरगे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को कहा है कि दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से जुड़े केंद्र सरकार के अध्यादेश को लेकर फैसला संसद के आगामी मॉनसून सत्र में होगा। अध्यादेश का विरोध सदन में होता है सदन के बाहर इसका इतना प्रचार नहीं किया जाता है।

मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को शायद यह पता होगा कि अध्यादेश का विरोध या समर्थन संसद के बाहर नहीं बल्कि संसद के भीतर किया जाता है।

बता दें कांग्रेस अध्यक्ष की यह टिप्पणी उस समय आर्इ जब आम आदमी पार्टी (आप) ने बृहस्पतिवार को कहा था कि अगर कांग्रेस ने दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं पर नियंत्रण से संबंधित केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ उसे समर्थन देने का वादा नहीं किया तो ‘आप’ विपक्षी दलों की शुक्रवार को पटना में होने वाली बैठक से बाहर हो जाएगी।

भारत को मिलेगा अत्याधुनिक F414 जेट इंजन, जीई के साथ मेगा समझौता

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका दौरा अभी जारी है। अमेरिका की जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (जीई) के बीच एक अहम डील हुई है इसमें जीई एयरोस्पेस और हिंदुस्तान लिमिटेड लड़ाकू जेट इंजन तैयार करेंगे, साथ ही अत्याधुनिक F414 इंजन का संयुक्त उत्पादन भी किया जाएगा।

इस डील से भारतीय वायुसेना को एक नई ताकत मिलेगी और तकनीकी मामले में वे ज्यादा मजबूत होगी। बता दें F414 इंजन के उत्पादन पिछले तीस सालों से अमेरिकी नौसेना का अहम हिस्सा है। और इन्हें जिन भी फ्लाइट जेट में इस इंजन को लगाया गया है वे 50 लाख से ज्यादा घंटों की उड़ान कर चुके है।

यदि बात करे इस इंजन की खासियत की तो यह एक बार में 98 किलोन्यूटन तक की ताकत पैदा कर सकता है। इसमें ऐसा कूलिंग सिस्टम रहता है, जिस वजह से इंजन ज्यादा लंबे समय तक मजबूत और ठीक रहता है।

फिलहाल इस समय 8 ऐसे देश है जो इस F414 इंजन का सक्रिय रूप से इस्तेमाल कर रहे है। और अब इस लिस्ट में भारत का नाम भी शामिल हो सकता है। यदि बात करे अभी भारत के पास तेजस मार्क 2 है, उसमें भी अत्याधुनिक इंजन की जरूरत है। 

पटना में संयुक्त विपक्ष की बैठक से पहले नीतीश, तेजस्वी और राहुल के जयकारे वाले लगे पोस्टर और बैनर

बिहार की राजधानी पटना में विपक्षी दलों की संयुक्त अहम बैठक 23 जून को होने जा रही है। इस बैठक में 20 विपक्षी पार्टियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। यह बैठक लोकसभा चुनाव 2024 में एनडीए को मात देने के लिए विपक्षी दलों की तैयारी है।

इस बैठक के होने से ठीक एक दिन पहले राज्य में बिहार के मुख्यमंत्री और जनता दल (यूनाइटेड) के सुप्रीमो नीतीश कुमार के बड़े-बड़े पोस्टर  और बैनर नजर दिखने लगे है। पोस्टर पर संदेश के तौर पर लिखा हुआ है, “मन की नहीं, काम की”, जो की सीधे तौर पर पीएम मोदी के ‘मन की बात’ कार्यक्रम पर कटाक्ष करती है। वहीं बैनर में लिखा हुआ है कि “आगाज हुआ, बदलाव होगा”

अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के शीर्ष नेता इस बैठक में सत्तारूढ़ भाजपा को हराने की रणनीति तैयार करेंगे। यह बैठक सीएम नीतीश कुमार के हाउस में 22-23 जून के दौरान विपक्षी नेताओं के लिए दोपहर और रात के भोजन की मेजबानी करने के लिए तैयार हैं। इसमें बिहार व्यंजन भी परोसे जायेंगे।

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राहुल गांधी, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी समेत सभी वीआईपी मेहमानों के ठहरने के लिए कड़ी सुरक्षा के साथ सीएम हाउस के पास स्थित बीर चंद पटेल पथ पर स्टेट गेस्ट हाउस को तैयार किया गया है।