वागनर विद्रोह की ‘जानकारी’ के बावजूद अमेरिकी खुफिया तंत्र ‘चुप’ रहा: रिपोर्ट

येवगेनी प्रिगोझिन के नेतृत्व वाली वागनर ग्रुप की निजी सेना के रूस के खिलाफ विद्रोह से पीछे हटने के बाद रूस ने साफ़ किया है कि इस घटनाक्रम के बावजूद उसका यूक्रेन में आपरेशन जारी रहेगा। उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज की सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट के मुताबिक वागनर ग्रुप और उसके संस्थापक के विद्रोह की तैयारी के बारे में जानकारी होने के बावजूद, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर इस चिंता के कारण चुप रहने का विकल्प चुना कि मॉस्को उन पर ‘तख्तापलट की कोशिश का आरोप’ लगा सकता है।

बेलारूस के राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको, जिन्हें रूस के राष्ट्रपति पुतिन का मित्र माना जाता है, ने ‘बागी’ येवगेनी से बातचीत की थी। इस मध्यस्थता का अच्छा नतीजा निकला और प्रस्ताव को स्वीकार करते हुए वागनर नेता ने तनाव कम करने का विकल्प चुना। इसके तुरंत बाद उन्होंने अपने लड़ाकों को वापस लौटने का निर्देश दिया। साथ ही येवगिनी ने बेलारूस जाने का फैसला किया है।

रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने साफ़ किया है कि वर्तमान घटनाक्रम से उसके यूक्रेन में आपरेशन पर कोई असर नहीं पड़ेगा और वह जारी रहेगा। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव से जब पत्रकारों ने पूछा कि क्या वैगनर पीएमसी के साथ हुई घटनाओं का यूक्रेन में ऑपरेशन पर असर पड़ेगा, तो उनका जवाब था कि ‘किसी भी परिस्थिति में नहीं। यूक्रेन में विशेष सैन्य अभियान जारी है, अग्रिम पंक्ति में हमारे सैनिक वीरता का प्रदर्शन कर रहे हैं, वे यूक्रेन के सशस्त्र बलों के जवाबी हमले का काफी प्रभावी ढंग से और सफलतापूर्वक मुकाबला कर रहे हैं और ऑपरेशन जारी रहेगा।’

कई रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले एक साल में पुतिन ने जिस रणनीति के साथ यूक्रेन के बहाने पूरे नाटो का सामना किया है उससे यह साफ़ हुआ है कि उनकी युद्ध को लेकर बेहतर समझ जाहिर होती है। पश्चिम के कुछ मीडिया में पिछले घंटों में रूस के राष्ट्रपति पुतिन के देश छोड़ने की ख़बरें भी गलत साबित हुई हैं। सिर्फ 12 घंटे के भीतर पुतिन ने जिस तरह ‘विद्रोह’ को परास्त किया उनकी इस रणनीति से उनके और ताकतवर होने की संभावना है। रूस ने अपने देश में आईआरजीसी और अन्य मीडिया में पुतिन के देश से पलायन की ख़बरों को फर्जीवाड़ा बताते हुए इन्हें पूरी तरह खारिज किया है।

येवगेनी के ‘विद्रोह’ के बावजूद रूस में तमाम नेता, सेना, जनता और राज्यों के नेता पूरी ताकत से पुतिन के साथ खड़े रहे, जिससे संकेत मिलता है कि पश्चिमी मीडिया में पुतिन को लेकर रूस में ‘नाराजगी’ की जो ख़बरें आती रही हैं, वह सही नहीं हैं। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक येवगिनी के साथ समझौते में इस बात पर जोर दिया गया कि तनाव में शामिल वागनर सैनिकों पर मुकदमा नहीं चलाया जाएगा।

येवगेनी  प्रिगोझिन की स्थिति पर प्रवक्ता पेस्कोव ने कहा कि व्यवसायी को देश छोड़ने की अनुमति दी जाएगी। स्पुतनिक न्यूज के मुताबिक पेसकोव ने कहा कि प्रिगोझिन के खिलाफ आपराधिक मामला समाप्त कर दिया जाएगा और वह बेलारूस के लिए रवाना हो जाएंगे। उन्होंने कहा – ‘यदि आप पूछते हैं कि क्या गारंटी है कि प्रिगोझिन बेलारूस के लिए रवाना हो सकते हैं, तो बता दें कि यह रूसी राष्ट्रपति के शब्द हैं।’ पेसकोव ने प्रिगोझिन के साथ बातचीत में मध्यस्थता के लिए बेलारूसी राष्ट्रपति अलेक्जेंडर लुकाशेंको को धन्यवाद दिया, जिसका उद्देश्य संघर्ष से बचने के उच्चतम लक्ष्य तक पहुंचना था।

इस बीच उधर रूस की सरकारी समाचार एजेंसी स्पुतनिक न्यूज ने सूत्रों के हवाले से एक रिपोर्ट में दावा किया है कि वागनर ग्रुप और उसके संस्थापक के विद्रोह की तैयारी के बारे में जानकारी होने के बावजूद, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कथित तौर पर इस चिंता के कारण चुप रहने का विकल्प चुना कि मॉस्को उन पर ‘तख्तापलट की कोशिश का आरोप’ लगा सकता है।

उधर रूसी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता ने स्पुतनिक न्यूज को बताया कि रूसी बलों ने आर्टेमोव्स्क के उत्तर में यूक्रेनी सैनिकों के तीन आक्रमण समूहों को आगे बढ़ने से रोक दिया है। आर्टेमोव्स्क को बखमुट के नाम से भी जाना जाता है। प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेनी सेना की हमले की कार्रवाई को छह अन्य गांवों के पास भी रोक दिया गया। प्रवक्ता ने कहा – ‘युग ग्रुप ऑफ फोर्सेज के उपखंडों ने बेरखोव्का की दिशा में दुश्मन के तीन हमलावर समूहों के आगे बढ़ने का पता लगने पर मोर्टार से रोक दिया गया। स्पुतनिक के मुताबिक रूसी सेना ने बखमुत क्षेत्र में सोलनत्सेपेक (ब्लेज़िंग सन) थर्मोबेरिक रॉकेट लॉन्चर का उपयोग करके यूक्रेनी पैदल सेना को भी निशाना बनाया। एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यूक्रेन ने 24 घंटे में डोनेट्स्क दिशा में 430 सैनिक खो दिया है।