आप ने रखी शर्त यदि कांग्रेस अध्यादेश का विरोध नहीं करेगी तो अगली मीटिंग में जाना मुश्किल

विपक्षी पार्टियों की पहली आधिकारिक बैठक पटना में आज सम्पन्न हुई। जहां सभी पार्टी के नेता नीतीश कुमार की तारीफ करते हुए नजर आए और एकजुट होकर लोकसभा चुनाव लड़ने की बात करते नजर आए वहीं दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी से अलग ही बयान सामने आ रहे है।

आप का कहना है कि जिस मीटिंग में कांग्रेस पार्टी हिस्सा लेगी वहां पर आम आदमी नहीं जाएगी। सूत्रों के अनुसार आप अध्यादेश विवाद पर खफा हो गई है और उसने विपक्षी बैठक के बाद यह बयान जारी किया है।

आम आदमी पार्टी की तरफ से कहा गया है कि कांग्रेस जब तक पब्लिक में इस अध्यादेश का विरोध नहीं करती तब तक आप के लिए विपक्षी एकता वाली किसी भी उस बैठक में हिस्सा लेना मुश्किल रहेगा जहां कांग्रेस होगी।

आप पार्टी ने दावा किया है कि बैठक के दौरान 11 दलों ने काले अध्यादेश का खुलकर खिलाफ समर्थन किया किंतु कांग्रेस ने इस पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी।

आपको बता दें, आप पार्टी की एकजुटता इसलिए भी अहम है क्योंकि पंजाब और दिल्ली में भाजपा के खिलाफ आप मजबूत है। और 20 से ज्यादा लोकसभा सीटों पर उसकी उपस्थिति मायने रखती है।

क्या है अध्यादेश विवाद ?

कुछ समय पहले सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया था कि कानून व्यवस्था, जमीन और पुलिस छोड़कर बाकी सभी अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। अधिकारियों की पोस्टिंग की ताकत भी दिल्ली सरकार को दे दी गई थी किंतु कोर्ट ने फैसले के बाद केंद्र सरकार एक अध्यादेश लेकर आई जिस वजह से अधिकारियों की पोस्टिंग की ताकत फिर से दिल्ली सरकार से छिन गई।

अध्यादेश में कहा गया है कि तीन सदस्यों की एक टीम बनाई जाएगी। यह टीम किसी भी अधिकारी की पोस्टिंग या ट्रांसफर कर सकेगी किंतु अंतिम मुहर लगाने का एलजी के दे दिया गया था।