इंदिरा गांधी के पुत्र हैं अमिताभ बच्चन

amitabhनेहरू-गांधी परिवार के साथ जुड़ी अनगिनत गल्प कथाओं में एक किस्सा यह भी है कि अमिताभ बच्चन इंदिरा गांधी के पुत्र थे. अब जबकि इंदिरा की मौत के तीन दशक बीत चुके हैं और खुद महानायक अमिताभ बच्चन भी उम्र के सातवें दशक में हैं, लोग चटखारे लेकर इस किस्से को बयान करते हैं. अमिताभ को इंदिरा का पुत्र बताने के लिए कई तर्क दिए जाते हैं. अक्सर सुनाई जानेवाली एक कहानी तो यही है कि अमिताभ को फिल्मों में काम देने के लिए इंदिरा ने सिफारिशी चिट्ठी लिखी थी. दूसरा कि कुली के सेट पर घायल होने के बाद इंदिरा ने ब्रीच कैंडी अस्पताल के डॉक्टरों और प्रशासन को खास हिदायत दी थी. साथ ही अगले दिन विदेश से आए कुछ डॉक्टरों की टीम ने अमिताभ का इलाज किया था. इतना ही नहीं इंदिरा की आखिरी यात्रा के दौरान अमिताभ फूट-फूटकर रो रहे थे और लगातार उनके शव के पास ऐसे खड़े रहे जैसे कोई पुत्र अपनी मां को आखिरी विदाई दे रहा हो. इन सभी बातों में सच्चाई है, लेकिन ये बातें कहीं से अमिताभ को इंदिरा का पुत्र साबित नहीं कर सकती.


गौर फरमाएं

हकीकत यह है कि अमिताभ के पिता हरिवंशराय बच्चन के अच्छे संबंध जवाहर लाल नेहरू और इंदिरा गांधी से थे. इंदिरा की दोस्ती अमिताभ की मां तेजी बच्चन से भी थी. इन दोनों परिवारों का संबंध इलाहाबाद से जुड़ा हुआ था. परिवारों का एक दूसरे के घर आना-जाना था. इस पारिवारिक दोस्ती के नाते इंदिरा गांधी, अमिताभ बच्चन से बेटे की तरह स्नेह करती थीं. खुद राजीव गांधी और अमिताभ बच्चन के बीच गहरी दोस्ती थी. दोनों की पढ़ाई तक एक ही स्कूल में हुई थी. प्रियंका गांधी की शादी में अमिताभ बच्चन मेहमानों का स्वागत करने के लिए खड़े थे. लंबे समय की इसी पारिवारिक दोस्ती को ध्यान में रखकर इंदिरा ने सुनील दत्त को अमिताभ के लिए सिफारिशी चिट्ठी लिखी थी और उन्होंने रेशमा और शेरा में अमिताभ को रोल दिया.

पारिवारिक दोस्त के बेटे के लिए सिफारिशी चिट्ठी लिखना या बीमार होने पर ध्यान रखने की ताकीद करना एक सामान्य बात है. यह लंबे समय की दोस्ती से उपजे स्नेह और सामान्य शिष्टाचार का सबब है कि मुश्किल वक्त में एक-दूसरे के साथ खड़े हों. फिलहाल गांधी-बच्चन परिवार के बीच रिश्तों की वह गहराई खत्म हो चुकी है.