अंतरराष्ट्रीय वकील सम्मेलन में बोले पीएम मोदी – जब खतरे ग्लोबल हैं, तो उनसे निपटने का तरीका भी ग्लोबल होना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय अधिवक्ता सम्मेलन ने कहा कि किसी भी देश की जीवन शैली और उसकी संस्कृति में न्यायिक समाज की अहम भूमिका होती है। एक तरह से ये कॉन्फ्रेंस वसुधैव कुटुम्बकम की भारत की भावना का प्रतीक बन गई हैं। और मैं यहां आए सभी अंतरराष्ट्रीय मेहमानों का भारत में बहुत स्वागत करता हूं। ये कॉन्फ्रेंस काफी मायने रखती है क्योंकि जब खतरे ग्लोबल हैं, तो उनसे निपटने का तरीका भी ग्लोबल होना चाहिए।

दिल्ली के विज्ञान भवन में अंतरराष्ट्रीय वकील सम्मेलन 2023 का उद्घाटन शनिवार को पीएम दी ने किया। इस मौके पर प्रधानमंत्री ने जनसमूह को भी संबोधित किया। वकीलों की तारीफ करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, “किसी भी देश की जीवन शैली और संस्कृति में न्यायिक समाज की अहम भूमिका होती है भारत की आजादी के आंदोलन में भी कई बड़े वकीलों ने राष्ट्रीय आंदोलन में अपनी चलती वकालत छोड़ दी थी। अधिकतर बड़े स्वाधीनता सेनानी वकील थे। उन्होंने उस समय भी और आजादी के बाद भी न्यायिक पेशे से जुड़े वकीलों ने देश के विकास की नींव मजबूत की।”

नारी शक्ति वंदन कानून का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि, “यह कॉन्फ्रेंस ऐसे समय हो रही है जब भारत में कुछ ही दिन पहले संसद से पारित नारी शक्ति वंदन कानून पास हुआ है। इस कानून में महिलाओं के लिए 33 फीसदी आरक्षण का प्रावधान है। ये कानून देश में महिला आधारित विकास को नई दिशा, नई ऊर्जा देगा।”

वहीं इस मौके पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि, “ये कॉन्फ्रेंस सीखने और सिखाने का बड़ा मंच है। दुनिया भर से जज, वकील और न्याय वेत्ता यहां हाजिर हैं। जस्टिस डिलीवरी के क्षेत्र में चुनौतियों पर चर्चा करने से काफी उत्साह वर्धक नतीजे आएंगे। भारत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मध्यस्थता का केंद्र बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट के विशेषज्ञों ने मॉरीशस और भूटान में सुप्रीम कोर्ट की इमारत बनाने में मदद की। रिक्शा चलाने वालों के मुकदमे में फैसला अद्भुत है, क्योंकि ऐसे मुकदमे न्याय और शक्ति में संतुलन बनाते हैं। सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ एक मुकदमे की सुनवाई कर रही है। जिसमें लाखों ऐसे ड्राइवरों पर पड़ेगा, जिसमें बहस का विषय है कि क्या निजी ड्राइविंग लाइसेंस धारक कमर्शियल वाहन चला सकते हैं इस मामले में अदालत और सरकार दोनों लाखों ड्राइवरों की आजीविका को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।”