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मध्य प्रदेश में कल फ्लोर टेस्ट, कांग्रेस विधायक भोपाल लौटे

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ सोमवार को फ्लोर टेस्ट का सामना करेंगे। राज्यपाल लालजी टंडन ने बहुमत परीक्षण का निर्देश जारी करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र १६ मार्च को सुबह ११ बजे प्रारंभ होगा और विश्वासमत मत विभाजन के आधार पर बटन दबाकर होगा, अन्य किसी तरीके से नहीं। उधर जयपुर भेजे गए कांग्रेस विधायक वापस भोपाल लौट आये हैं और कमलनाथ इस समय एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं।

विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक छह विधायकों के इस्तीफा स्वीकार कर लिए हैं।  कांग्रेस के छह विधायकों के इस्तीफे स्वीकार करने के बाद २३० सीटों वाली विधानसभा में दो खाली सीटों और ६ इस्तीफों के बाद २२२ सदस्य रह गए हैं। इस तरह बहुमत के लिए कमलनाथ को ११२ विधायकों की जरूरत रहेगी।

नए घटनाक्रम में राज्यपाल टंडन ने फ्लोर टेस्ट का आदेश देते हुए कहा है कि अब इस कार्रवाई को स्थगित नहीं किया जा सकता। राज्यपाल ने कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र १६ मार्च सुबह ११ बजे शुरू होगा और उनके अभिभाषण के तत्काल एकमात्र कार्य विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा। राजपयापाल ने यह भी कहा कि ”विश्वासमत मत विभाजन के आधार पर बटन दबाकर ही होगा और अन्य किसी तरीके से नहीं किया जाएगा”।

इस बीच जयपुर हैजे गए कांग्रेस विधायक भोपाल लौट आये हैं और मुख्यमंत्री कमलनाथ इस समय एक महत्वपूर्ण बैठक कर रहे हैं। कुल मिलकर कल का फ्लोर टेस्ट काफी दिलचस्प होता दिख रहा है। कमलनाथ अपनी सरकार बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं जबकि बेंगलुरु गए ‘सिंधिया समर्थक” विधायक न टूटें, भाजपा इसकी कोशिश में जुटी है।

ट्रम्प की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कोरोना वायरस की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई  है।  रिपोर्ट्स के मुताबिक ट्रंप ने शुक्रवार को कोरोना वायरस का टेस्ट करवाया था।  उनकी बेटी इवांका ने शनिवार को ही बताया था कि वे अपना सारा काम अब घर से करेंगीं।

विभिन्न रिपोर्ट्स में व्हाइट हाउस के डॉक्टरों के हवाले से बताया गया है कि ट्रंप का कोरोना टेस्ट निगेटिव आया है। एक हफ्ता पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ब्राजील के राष्ट्रपति के प्रतिनिधिमंडल के साथ डिनर में शामिल हुए थे। अब एक हफ्ते बाद उनकी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आई है और उनमें वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ट्रंप की टेस्ट रिपोर्ट की जानकारी देते हुए राष्ट्रपति के चिकित्सक डॉ सीन कोनली ने व्हाइट हाउस के प्रेस सेक्रेट्री स्टैफनी ग्रीसम को कहा कि उन्हें बताया गया है कि राष्ट्रपति की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव है। उन्होंने कहा, ”पिछली रात राष्ट्रपति ट्रंप के साथ कोविड-१९ टेस्ट पर लंबी चर्चा हुई। इसके बाद उन्होंने टेस्ट की प्रक्रिया आगे बढ़ाई।  मुझे जानकारी मिली है कि उनकी टेस्ट निगेटिव आई है।”

कोनली ने कहा कि ब्राजील के राष्ट्रपति के प्रतिनिधिमंडल के साथ डिनर के एक हफ्ते के बाद भी राष्ट्रपित में कोरोना वायरस के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं। गौरतलब है कि कई देशों के कुछ नेता या उनके परिजन कोरोना की चपेट में बताये गए हैं जिसके बाद अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी नेता बहुत एहितियात बरतने लगे हैं। ट्रम्प की बेटी इवांका ने भी शनिवार को घोषणा की थी कि वे फिलहाल अपना सारा काम घर से संभाल रही हैं।

ईरान से २३४, इटली से २१८ भारतीय वापस लाये

कोरोना वायरस से प्रभावित इटली में फंसे २११ छात्रों समेत कुल २१८ भारतीयों और ईरान में फंसे २३४ भारतीयों को रविवार को  वापस भारत ले आया गया है। इन सभी लोगों को १४ दिनों के लिए अलग रखा जाएगा।
भारत के विदेश मंत्री के जयशंकर ने ट्वीट करके कहा – ”ईरान में फंसे २३४ भारतीय भारत आ चुके हैं। इसमें १३१ छात्र और १०३ तीर्थयात्री शामिल हैं। आपके प्रयासों के लिए राजदूत धामु गद्दाम और इंडिया_इन-ईरान टीम को धन्यवाद। ईरानी अधिकारियों को धन्यवाद।”

उधर इटली के मिलान से भी आज ही २०१८ भारतीयों को भी वापस ले आया गया है।   इटली चीन के बाद कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित है। एयर इंडिया का विशेष विमान इन २१८ लोगों को लेकर दिल्ली पहुंच गया है। इसमें २११ छात्र शामिल हैं। इटली में कोरोना वायरस से १४०० से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि २१,००० से ज्यादा लोग संक्रमित हैं। आज लाये गए भारतीयों को १४ दिन तक कोरंटाइन में रखा जाएगा।

मानेसर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के छावला शिविर में इन्हें रखा जाएगा। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि संकट में भारतीयों तक पहुंचने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इससे पहले ईरान से आज सुबह ही २३४ लोगों को वापस लाया गया। इन्हें जैसलमेर में इंडियन आर्मी वेलनेस सेंटर में कोरंटाइन किया जाएगा।

करोना कहर : महाराष्ट्र सरकार का आदेश।सभी स्कूल, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स 31 मार्च तक बंद । दसवीं और बारहवीं बोर्ड एग्जाम अपने समय पर

महाराष्ट्र में तेजी से फैलते करोना वायरस के मद्देनजर एहतियातन तौर पर महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूल, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स 31 मार्च तक बंद करने के आदेश दिए हैं ।

हालांकि सरकार ने 31 मार्च तक स्कूल और कॉलेज बंद करने के आदेश दिए हैं लेकिन दसवीं और बारहवीं की बोर्ड एग्जाम निश्चित टेबल के अनुसार ही होंगे।

महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगले आदेश तक राज्य के छह शहरों में जिम, थिएटर, स्विमिंग पुल बंद रहेगें।

तेजी से फैल रहे कोरोना वायरस के मद्देनजर महाराष्ट्र के पुणे और पिंपरी चिंचवाड में एहतियातन तौर पर आगामी आदेश तक स्कूल तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गये हैं।

महाराष्ट्र सरकार ने मुंबई, नवी मुंबई, पुणे, पिम्परी चिंचवाड़ और नागपुर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के मद्देनजर शुक्रवार रात से सभी सिनेमाहाल, जिम और मॉल बंद करने के आदेश दे दिए हैं। सीएम उद्धव ठाकरे ने राज्य विधानसभा में घोषणा करते हुए कहा कि सरकार शुक्रवार रात 12 बजे से महामारी अधिनियम 1897 लागू कर रही है।

महाराष्ट्र सरकार का बजट सेशन जो 24 मार्च तक चलने वाला था वह आज 14 मार्च को वाइंड अप कर दिया गया।

ठाकरे ने आगे कहा कि कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए जहां भी संभव हो कंपनियों को अपने कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने अगले आदेश तक पुणे और पिम्परी, चिंचवाड़ क्षेत्र में स्कूल बंद रखने की घोषणा की।

सीएम ने कहा कि स्कूलों में आयोजित होने वाली एसएससी परीक्षाएं अपने निर्धारित समय पर ही होंगी। उन्होंने सदन को बताते कहा कि महाराष्ट्र में अब तक 17 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है जिनमें पुणे में 10, मुंबई व नागपुर में तीन-तीन और ठाणे में एक मामला शामिल है।

सीएम ने लोगों से आग्रह करते हुए कहा है कि नागरिक मॉल ,थिएटर जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से परहेज करें। साथ ही उन्होंने भीड़ भाड़ वाली जगह धार्मिक और सार्वजनिक सामाजिक कार्यक्रमों में शिरकत करने से बचने की सलाह दी।

सूबे के मुखिया ने बताया कि राज्य में जो लोग कोरोना वायरस के परीक्षण में पोजिटिव पाये गये हैं, उनकी स्थिति स्थिर है और ट्रेवलर्स पर निगरानी बढ़ाने के लिए एयरपोर्ट और डॉक पर अलर्ट जारी कर दिया गया है।

बेटे उमर से मिलने जेल गए फारूक, कांग्रेस नेता आज़ाद भी फारूक से मिले

नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला, जिन्हें सात महीने के बाद शुक्रवार को  था, ने शनिवार को सात महीने से हिरासत में रखे गए बेटे उमर अब्दुल्ला से श्रीनगर की उप जेल में मुलाकात की। उधर वरिष्ठ कांग्रेस नेता  गुलाम नबी आज़ाद भी शनिवार को फारूक  मिलने श्रीनगर पहुंचे। फारूक बेटे से मिलते हुए भावुक हो गए।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पिता को देखते ही उमर अब्दुल्ला उनके गले जा लगे और भावुक हो गए। जम्मू कश्मीर में धारा ३७० ख़त्म किये जाने के बाद से ही उमर नजरबंद हैं जबकि उमर पर पांच फरवरी को पीएसए भी लगा दिया गया था। फारूख अब्दुल्ला को पीएसए के तहत हिरासत में  रखने के बाद शुक्रवार को रिहा किया गया था।

फारूख ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन से सात महीने बाद अपने बेटे से मुलाकात का अनुरोध किया था, जिसे प्रशासन ने मान लिया। दोनों की मुलाकात करीब एक घंटे चली। उमर अब्दुल्ला के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी पीएसए में नजरबंद हैं। फारूक ने कहा कि उनके बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती के अलावा केन्द्र शासित क्षेत्र के अन्य जेलों में बंद नेताओं को तत्काल रिहा किया जाए। अब्दुल्ला ने कहा कि उनकी आजादी तभी  पूरी होगी जब उमर, महबूबा मुफ्ती और जेलों में बंद अन्य नेताओं को रिहा किया जाएगा।

उधर वरिष्ठ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आज़ाद भी आज श्रीनगर पहुंचे और फ़ारूक़ से मिले। दिल्ली से दोपहर बाद श्रीनगर पहुंचे आजाद एयरपोर्ट से सीधा गुपकर रोड स्थित फारूक अब्दुल्ला के अवास पर पहुंचे और उन्हें रिहाई की मुबारक दी। दोनों नेताओं के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई।

बाद में दोनों नेता एक साथ घर के बाहर आए। सीढ़ियां उतरते हुए जब फारुक अब्दुल्लाह अचानक थोड़ा लड़खड़ा गए तो साथ चल रहे आजाद ने तुरंत उन्हें सहारा दिया। पत्रकारों से बात करते हुए आजाद मोदी सरकार पर जमकर बरसे। उन्होंने कहा कि राज्य में लोकतंत्र की बहाली के लिए सबसे पहले राज्य के सभी नजरबंद नेताओं को रिहा किया जाए। उन्होंने कहा कि जिस राज्य में तीन-तीन पूर्व मुख्यमंत्री नजरबंद हों, वहां कैसा लोकतंत्र हो सकता है?

आजाद ने कहा – ”मैं निजी रिश्ते और लोकतंत्र की आवाज उठाने वाले सांसदों की ओर से फारूक अब्दुल्ला से मिलने आया हूँ। मैं उन सांसदों के प्रयास के बारे में फारुख अब्दुल्ला को अवगत कराने आया हूँ, जिन्होंने उनकी रिहाई के लिए प्रयास किए हैं।” आजाद ने कहा कि फारूक अब्दुल्ला को सात महीने से अधिक समय तक घर में नजरबंद रखा गया। आज भी इसकी वजह किसी को नहीं पता।

कांग्रेस नेता ने पूछा कि आखिर उन्होंने (फारूक और अन्य कश्मीरी नेता) ऐसा कौन सा काम किया है, जिसके लिए उनको इतने दिन तक नजरबंद किया गया। आजाद ने कहा – ”अगर कश्मीर को खुशहाल करना चाहते हैं, तो यहां लोकतंत्र बहाल करने के लिए सभी राजनीतिक प्रक्रियाओं को शुरू करने की जरूरत है और उसके लिए सभी नेताओं को तत्काल रिहा किया जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर राज्य को केंद्रशासित प्रदेश में विभाजित करने का फैसला राज्य के लोगों का अपमान है।”

कोरोना आपदा घोषित, संसद भवन में दर्शक प्रवेश बंद, पद्म समारोह टला, आगे खिसक सकता है आईपीएल

केंद्र सरकार के कोरोना को ”आपदा” घोषित करने के बीच वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए दिल्ली में संसद भवन में अब दर्शकों के आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। राष्ट्रपति भवन में कुछ समय बाद होने वाला पद्म पुरुस्कार समारोह भी फिलहाल टाल दिया गया है। उधर कोरोना पर कल सार्क देशों के प्रमुखों की वीडियो कांफ्रेंसिंग होगी, जिसका प्रस्ताव पीएम मोदी ने दिया था।

इस बीच कोरोना को देखते हुए बीसीसीआई ने अपने सारे घरेलू टूर्नामेंट रद्द कर दिए हैं साथ ही आईपीएल को भी १५ अप्रैल से आगे खिसकाया जा सकता है। हालांकि, सरकार ने फिर दोहराया है कि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है लेकिन वे पूरी सावधानी बरतें। कोरोना को देखते हुए राष्ट्रपति भवन में होने वाला पद्म पुरुस्कार समारोह फिलहाल आगे खिसका दिया गया है। केंद्र ने कोरोना को ”आपदा” घोषित कर दिया है और कोरोना से होने वाली मौत पर केंद्र सरकार पीड़ित परिवार को तीन लाख मुआवजा देगी।

संसद का सत्र चल रहा है और आज शाम एक फैसले के मुताबिक अब वहां सिर्फ मंत्री, सांसद, पत्रकार और संबंधित अधिकारी ही जा पाएंगे। दर्शकों के प्रवेश पर रोक लगा दी गयी है। कोरोना के फैलते खौफ के बीच यह फैसला किया गया है।

देश के कई राज्यों में कैसीनो, सिनेमा हाल, स्कूल और कालेज आदि बंद कर दिए गए हैं।

दुनिया की बात करें तो अब चीन और अमेरिका कोरोना को लेकर एक-दूसरे के सामने आ खड़े हुए हैं और इसे जैविक हथियार बताते हुए एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। चीन और अमेरिका के बीच कोरोना वायरस को लेकर एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाए गए हैं और अमेरिका जहां कोरोना वायरस को ”चीनी वायरस” कह रहा है वहीं, चीन का दावा है कि अमेरिकी सैनिक की वजह से चीन में ये वायरस आया।

दुनिया भर में अब तक कोरोना से ५,५३५ लोगों की जान अंतिम रिपोर्ट्स के मुताबिक जा चुकी है जबकि १,४७,२९८ लोग इसकी चपेट में हैं। अच्छी खबर यह है कि ६७,००३ लोग इस वायरस से रिकवर कर स्वस्थ हो चुके हैं। इनमें भारत में स्वस्थ हुए १० लोग भी शामिल हैं।

चीन से अब मौतों की खबर कम है लेकिन इटली में मौतों की आंकड़ा १,२६८ जा पहुंचा है जबकि ईरान में ६११ लोगों की जान गयी है। अमेरिका में भी कोरोना से ४७ लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। अमेरिका और स्पेन में इमरजेंसी की घोषणा की गयी है।

देश में कोरोना के ८३ मामले, १० लोग स्वस्थ हुए, नागपुर अस्पताल से कोरोना संदिग्ध भागे

भारत में कोरोना से दो लोगों की मौत हुई है और इसके ८३ मामले हैं और अच्छी खबर यह भी है कि देश में कोरोना के १० मामलों में प्रभावित स्वस्थ हो गए हैं। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की बेटी इवांका ने घर से काम करने का फैसला किया है जबकि अमेरिका में इमरजेंसी लगाने के बाद राष्ट्रपति ने ३७,००० करोड़ रूपये कोरोना से मुकाबले के लिए जारी किये हैं।

 भारत में सरकार ने ‘मास्क’ और ‘हैंड सैनिटाइजर’ को आवश्यक वस्तु घोषित कर दिया है और अधिसूचना जारी कर कहा है कि कोई भी इनकी कालाबाजारी करता है, तो दोष सिद्ध होने पर सात साल तक की जेल हो सकती है। इस बीच खबर है कि महाराष्ट्र के नागपुर में कोरोना के चार संदिग्ध मरीज पिछली देर रात अस्पताल से घर भाग गए जिसके बाद शहर में अलर्ट घोषित कर मरीजों की तलाश की जा रही है।

दिल्ली में कोरोना वायरस से देश में दूसरी मौत दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती एक ६८ वर्षीय महिला की हुई। कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए देश में अब युद्ध स्तर पर प्रयास शुरू हो गए हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि  भारत में कोरोना वायरस के मामलों की संख्या बढ़कर ८३ हो गई है, हालांकि अब तक १० लोग स्वस्थ भी हुए हैं हुए हैं।

अभी तक दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, केरल, उत्तर प्रदेश, पंजाब समेत कम से कम १३  राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में कोरोना के मामले पाए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसे स्वास्थ्य इमरजेंसी नहीं करार दिया है और लोगों से भयभीत नहीं होने की अपील की है।

महाराष्ट्र के नागपुर  की वहां कोरोना के चार संदिग्ध मरीज पिछली देर रात इंदिरा गांधी गवर्न्मेंट मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल से भाग गए। शहर में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

किसी धर्म को मानना या अपनाना व्यक्तिगत आस्था का मामला : हाईकोर्ट

देश में किसी भी धर्म को मानना व्यक्तिगत आस्था का मामला है। दूसरे धर्म को अपनाना या न अपनाना यह व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर है। दिल्ली हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी शुक्रवार को धर्मांतरण पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका को सुनने से इनकार करने के दौरान की। मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल और जस्टिस सी हरिशंकर की पीठ ने याचिकाकर्ता भाजपा नेता और सुप्रीम कोर्ट में वकील अश्विनी उपाध्याय से कहा, आप अपनी याचिका वापस ले लें क्योंकि हम इसे खारिज नहीं करना चाहते।

हाई कोर्ट ने भाजपा नेता और वकील से कहा, आप याचिका वापस क्यों नहीं लेते? क्यों न हम इसे खारिज कर दें? इसके बाद उपाध्याय ने याचिका वापस लेने की अनुमति मांगी, जिस पर कोर्ट ने मंजूरी दे दी। इससे पहले पीठ ने पूछा था कि हमें बताएं कि धर्मांतरण को कैसे नियंत्रित किया जा सकता है? अगर कोई किसी को धमकी दे रहा है या डरा रहा है, तो भारतीय दंड संहिता के तहत अपराध है। किसी व्यक्ति को दूसरे धर्म को अपनाने के लिए धमकी, चेतावनी या फिर प्रलोभन से लुभाए जाने की कोई वजह नहीं नजर आती है।

भाजपा नेता ने याचिका में कहा था कि बहला-फुसलाकर या लालच देकर और जबरन धर्मांतरण मूल अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने याचिका में दावा किया कि धर्मांतरण कराने वाले अंधविश्वास और चमत्कार के सहारे गरीब, किसान, गैर पढ़े-लिखे मजदूर, दलित, शोषितों को झांसे में ले लेते हैं और उनका धर्म परिवर्तन करा देते हैं।

याचिका में कहा गया कि पूर्वोत्तर राज्यों में धर्मांतरण कराने के लिए हिंदू नहीं बचे हैं, इसलिए ये संस्थायें अब उत्तर प्रदेश, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे बड़े राज्यों में सुनियोजित तरीके से गरीबों का धर्मांतरण कर रही हैं। पिछले दिनों यूपी के कई जिलों में इस तरह के मामले सामने आने का दावा किया गया।

बताया गया कि यूपी के जौनपुर में तो ईसाई मिशनरी ने एक पूरे गांव का ही धर्म परिवर्तन करवा दिया था। मामले में पुलिस ने पादरी समेत 271 लोगों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था। दावा किया गया कि ऐसे ही मामले कई जगह से सामने आए थे जहां गरीब, अशिक्षित लोगों को लालच और धोखे से उनका धर्म परिवर्तन करा दिया गया। इनमें से ज्यादातर अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से आते हैं।

पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी 3-3 रुपये बढ़ाई -कच्चे तेल में भारी गिरावट से सरकार भर रही अपनी झोली

कोरोना वायरस के कहर के बीच अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम ऐतिहासिक रूप से निचले स्तर पर आ चुके हैं। लेकिन अपने यहां ग्राहकों को इसका खास फायदा नहीं मिल रहा है। अब भी ज्यादातर शहरों में यह 75 रुपये के आसपास ही बिक रहा है। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि अब इसमें कमी किए जाने पर सरकार ने अपनी झोली भरने का फैसला कर लिया है।

मोदी सरकार ने अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के नाम पर पेट्रोल और डीजल दोनों में एक्साइज ड्यूटी 3-3 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है। यह 14 मार्च से प्रभावी भी हो गई है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर 2 रुपये प्रति लीटर की स्पेशल एडिशनल एक्साइज ड्यूटी लगाई है, जबकि 1 रुपये प्रति लीटर का रोड, इंफ्रा सेस लगाया है।

एक लीटर पेट्रोल पर 23 रुपये कमा रही सरकार
इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड के मुताबिक, नई दिल्ली में एक लीटर पेट्रोल पर 19.98 रुपये की एक्साइज ड्यूटी लग रही है। अब तीन रुपये की बढ़ोत्तरी किए जाने के बाद राजधानी में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी 22.98 रुपए प्रति लीटर हो गई। इसी तरह डीजल पर एक्साइज 15.83 रुपये से बढक़र 18.83 रुपये प्रति लीटर हो गई।

कोरोना वायरस और अमेरिका-रूस में एक-दूसरे से ज्यादा तेल उत्पादन की लगी होड़ के कारण कच्चे तेल की कीमत में बड़ी गिरावट दर्ज की जा रही है। इससे पेट्रोल-डीजल की लागत में अच्छी-खासी गिरावट आई है, लेकिन सरकार ने पहले की तरह ही इस बार भी कच्चे तेल में गिरावट होने का लोगों का फायदा रोकने का सिलसिला बरकरार रखा है।

एक्साइज ड्यूटी बढ़ाए जाने पर विपक्ष ने सरकार को आड़े हाथ लिया है। विपक्षी नेताओं का कहना है कि एक तरफ सरकार मंदी की बात मान नहीं रही है, दूसरी तरफ अर्थव्यवस्था के नाम पर लोगों को राहत देने के बजाय उन पर बोझ लादती जा रही है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पिछले ने कहा था कि कच्चे तेल के दामों में भारी गिरावट का हवाला देते हुए पेट्रोल-डीजल पर आम जनता को राहत देन की मांग केंद्र सरकार से की थी। उन्होंने पेट्रोल की दर 60 रुपये प्रति लीटर से नीचे लाने की मांग की थी।

कोरोना से भारत में दूसरी मौत, दिल्ली में महिला की जान गयी

भारत में कोरोना से दूसरी मौत हो गयी है। यह मौत एक ६८ साल की महिला की राजधानी दिल्ली में हुई है। इस महिला का बेटा कुछ समय पहले विदेश से लौटा था।

गौरतलब है कि उनसे पहले गुरूवार को कलबुर्गी के एक ७६ वर्षीय व्यक्ति की मौत कोरोना से हो गयी थी। महिला का बेटा ५ से २२ फरवरी के बीच स्विट्जरलैंड और इटली में था और २३ को भारत लौटा था। उस समय उसमें कोरोना के लक्षण नहीं मिले थे लेकिन बाद में ७ मार्च को उसमें कोरोना के लक्षण के चलते उसे इलाज के लिए भर्ती कर लिया गया था। लेकिन उसकी मां भी इस दौरान कोरोना से पीड़ित हो गयी। उन्हें पाजिटिव पाया गया था।

अब इस महिला की मौत हो गयी है जो डायबिटिक भी थीं। अब जांच की जा रही है कितने लोग इन मां-बेटे क संपर्क में आये थे। इन महिला की मौत शुक्रवार देर शाम हुई है।