राखी कारोबार पर कोरोना का असर

कोरोना वायरस के कहर को देखते हुये सरकार ने देशव्यापी  लाँकडाउन को 17 मई तक फिलहाल जारी रखने का फैसला किया है। ऐसे में उन व्यापारियों ने सरकार से अपील की है। जो राखी का कारोबार करते आ रहे थे। व्यापारियों का कहना है, कि   देश में रक्षाबंधन का त्यौहार आ रहा है। जो बडे ही हर्ष ओर उत्साह के साथ मनाया जाता है। जिसमें छोटे ओर बडे व्यापारी रक्षाबंधन में राखियों का काम देशव्यापी स्तर पर करते है। कम से कम उन व्यापारियों के हित को लेकर सरकार को कोई ऐसी योजना तो बनाती थी । जिससे वे राखी के कारोबार को आसानी से कर सकें।

बताते चले रक्षाबंधन का पर्व आगामी 3 अगस्त को है।इस पर्व को लेकर ऱाखी का धंधा करने वाले व्यापारी 4 – 5 महीने पहले से ही काम करने लगते थे। लेकिन इस बार व्यापारियों को आने –जाने में दिक्कत होने को कारण उऩ्हें काफी परेशानी का सामना करना पड रहा है।राखी का व्यापार करने वाले रामकिशोर ने बताया कि सालों से राखी  बनाने का कच्चा –पक्का माल चीन से आता रहा है। पर इस बार कोरोना वायरस के कारण जो वैश्विक महामारी ने पूरी दुनिया में जो तांडव मचाया है उससे कारोबार ओर आथिर्क व्यवस्था पर जो चोट लगी है। वो व्यापारियों के लिये सबसे ज्यादा दुखदायी रही है।

भारत देश में चीन से राखियां का व्यापार काफी बडा होता रहा है। पर अब तो पूरी तरह बंद होने के कारण यहां के व्यापारियों को सरकार को विशेष बढावा देने का प्रयास करना चाहिये ।उऩ्होंने बताया कि शहर –शहर ओर गांव-गांव में राखी- डोरा का काम करने वाले ओर स्वारोजगार के तहत काम करने वालों को राखी के काम में लगे , महिलाओं ओर पुरूषों को विशेष छूट आने-जाने की मिलनी चाहिये । ताकि लोगों का रोजगार आसानी चलता रहे।

सदर बाजार के व्यापारी हेमन्त कुमार ने बताया कि पूरे देश में दिल्ली से राखी ओर राखी बनाने का सामान राखी के पर्व के 4 -5 महीने पहले ही जाता रहा है क्योंकि होली के त्यौहार के बाद राखी का पर्व ही देश में आता है। पर इस बार लाँक डाउन ओर कोरोना महामारी के कारण अभी तक इस काम को शुरू तक नहीं किया है। ऐसे में व्यापारियों के सामने संकट है। कि काम शुरू करें या ना करें । करें तो, किस स्तर पर करें। क्योंकि कोरोना का कहर कब तक थमता है ऐसे तमाम सवाल उनके मन में है । ऐसे में राखी का कारोबार करने वाले काफी असमंजस में है। कि इस बार राकी का कारोबार करें या नहीं।क्योंकि चीनी सामान ओर चीनी व्यापार अब तो पूरी तरह से ठप्प है।

गौरतलब है कि राखी का कारोबार भारत देश में एक तरह से बडे कारोबार में शामिल रहा है। जो त्योहार के एक महीने पहले से ही बाजारों में धूम मचाने लगता था । जिसमें सभी वर्ग के लोगों को आसानी से काम मिल जाता रहा है। पर इस बार उम्मीद कम ही दिख रही है।