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करोना कहर : महाराष्ट्र सेकंड स्टेज पर !

महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने तेजी से बढ़ते करोना वायरस के मद्देनजर अगले 15 दिनों को बेहद चुनौती भरा बताया है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि सार्वजनिक स्थानों पर भीड़-भाड़ ना करें और आवश्यकता होने पर ही घरों से बाहर निकलें।

सीएम ने जानकारी देते हुए कहा कि फिलहाल रेलवे एवं बस सेवा बंद करने के बाबत कोई निर्णय नहीं लिया गया है लेकिन मॉल्स जैसे भीड़भाड़ वाले जगहों को बंद करने कहा गया है। सरकार ने धर्म स्थानों में भीड़ न करने की अपील की है। शासकीय सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक लगा दी गई है। राज्य में होने वाली सभी परीक्षाओं की तिथि आगे बढ़ा दी गई हैं।

चीफ मिनिस्टर ठाकरे ने नागरिकों से अपील की है कि इस संकट का सामना करने के लिए है सभी नागरिक अपने तौर पर खुद नियमों का पालन करें और अनावश्यक यात्राएं टालें। ठाकरे ने कहा कि महाराष्ट्र के किसी भी शहर को लॉक आउट नहीं किया जाएगा और न ही किसी शहर को पूर्णतः करने के बाबत सोचा जा रहा है। उन्होंने बताया कि इलेक्शन कमिशन निवेदन किया गया है महाराष्ट्र में होने वाले इलेक्शन्स की तारीखें आगे बढ़ा दी जाएं ।

करोना पीड़ितों की बढ़ती संख्या को देखते हुए राज्य सरकार एवं प्रशासन अलर्ट है। महाराष्ट्र शासन ने निर्णय लिया है कि केंद्र सरकार द्वारा 7 देशों के अलावा दुबई , सऊदी अरेबिया और अमेरिका से लौटे हुए यात्रियों को भी सख्ती के साथ क्वॉरेंटाइन पीरियड पूरा करना होगा। घरों में 100 फ़ीसदी क्वॉरेंटाइन एडवाइज्ड के लेफ्ट हैंड पर स्टाम्प लगाया जा सकता है।

उद्धव ठाकरे का कहना था कि करोना पोजिटिव व्यक्ति को उचित उपचार और मानसिक सांत्वना की जरूरत है। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि वह इस मामले में लोगो को जागरूक करें। अस्पतालों में रोगियों के इलाज के नतीजे पोजिटिव बताते हुए उन्होंने नागरिकों से पैनिक न होने की अपील की।

निर्भया के तीन दोषी आईसीजे की शरण में, फांसी रोकने, निचली अदालत का सारा रेकॉर्ड मंगाने की गुहार लगाई

निर्भया गैंगरेप के तीन दोषियों ने एक और पैंतरा अपनाते हुए अब अंतरराष्ट्रीय अदालत (आईसीजे) का रुख किया है। निर्भया के चार दोषियों को २० मार्च को फांसी की तारीख तय हुई है। आईसीजी से इन दोषियों ने अपनी फांसी पर रोक लगाने और  निचली अदालत का सारा रेकॉर्ड मंगाने की भी गुहार लगाई है।

दोषियों के वकील एपी सिंह ने सोमवार को फांसी के खिलाफ आईसीजे की शरण ली है। वकील एपी सिंह ने आईसीजे को एक पत्र लिखा है जिसमें २० मार्च को होने वाली दोषियों की फांसी पर रोक और निचली अदालत के सभी रिकॉर्ड अपने पास (आईसीजे) मंगाने का आग्रह किया है ताकि वो अपना पक्ष अंतरराष्ट्रीय अदालत में रख सकें।

रिपोर्ट्स के मुताबिक दोषियों के वकील ने यह चिट्ठी नीदरलैंड के दूतावास को सौंपी है। निर्भया के चार दोषियों में से तीन अक्षय सिंह, पवन गुप्ता और विनय शर्मा आईसीजे की शरण में पहुंचे हैं।

इससे पहले पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों को  २० मार्च सुबह साढ़े पांच बजे फांसी के लिए डेथ वारंट जारी किया है। आईसीजे क्या फैसला सुनाता है, इसपर  नजर है।

राज्यपाल ने कमलनाथ को फ्लोर टेस्ट के लिए फिर पत्र लिखा, भाजपा की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई

मध्य प्रदेश में सोमवार सुबह स्पीकर एनपी प्रजापति ने विधानसभा की कार्यवाही को कोरोना वायरस का हवाला देते हुए २६ मार्च तक स्थगित कर दिया था, लेकिन अब शाम को राज्यपाल लालजी टंडन ने मुख्यमंत्री कमलनाथ को एक पत्र लिखकर उनसे मंगलवार को फ्लोर टेस्ट करवाकर अपना बहुमत सिद्ध करने को कहा है। दिलचस्प यह है कि स्पीकर के फैसले के बाद भाजपा सुप्रीम कोर्ट पहुँच गयी और उसमें एक याचिका डालकर १२ घंटे में फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की है। मामला तब भी दिलचस्प हुआ जब भाजपा के एक विधायक नारायण त्रिपाठी सीएम से मिले।

भाजपा ने सुबह १०६ विधायकों के हस्ताक्षर वाला एक पत्र भी राज्यपाल को सौंपा था। उसका दावा था था कि उसके पास बहुमत की सीटें हैं। अब राज्यपाल के सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर मंगलवार को बहुमत सिद्ध करने को कहने से मामला दिलचस्प हो गया है जबकि भाजपा की याचिका भी सुप्रीम कोर्ट में है। इस याचिका पर कल सुनवाई होनी है और जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस चंद्रचूड़ की बेंच यह सुनवाई करेगी।

गौरतलब है कि हंगामे के बीच आज सुबह मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही २६ मार्च तक स्थगित कर दी गयी थी। राज्यपाल ने कमलनाथ को लिखे पत्र में कहा कि आज फ्लोर टेस्ट के लिए कहा गया था लेकिन नहीं किया गया। राज्यपाल ने कहा कि यदि आप ऐसा नहीं करते हैं तो यह माना जाएगा कि आप बहुमत हो चुके हैं।

हालांकि, कमलनाथ कह चुके हैं कि विधानसभा को लेकर फैसले का अधिकार राज्यपाल का नहीं और वे सिर्फ सलाह दे सकते हैं निर्देश नहीं और अधिकार स्पीकर के पास है। यह माना जा रहा है कि भाजपा को खुद अपने विधायकों का खतरा है। आज उसके १०७ से १०६ विधायक ही राज्यपाल के पास गए थे। नारायण त्रिपाठी राज्यपाल के पास जाने के बजाए सीएम कमलनाथ से मिलने चले गए।

उधर बेंगलुरु गए कांग्रेस के कथित बागी विधायकों को लेकर कुछ पक्का नहीं कि वे कब भोपाल आएंगे। कांग्रेस इसे भी एक मुद्दा बना रही है और उसका आरोप है कि उन्हें बंधक  बनाया गया है।

दोपहर को मध्यप्रदेश विधानसभा के २६ मार्च तक स्थगित होने के कुछ देर बाद ही मध्यप्रदेश भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान फ्लोर टेस्ट की मांग लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचे गए। भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर १२ घंटे में फ्लोर टेस्ट कराए जाने की मांग की  है। जानकारी के मुताबिक, कोर्ट कल इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है। बता दें कि सोमवार को जैसे ही विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई और राज्यपाल का अभिभाषण हुआ तो उसके तुरंत बाद कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया। भाजपा विधायकों ने सदन में जमकर हंगामा किया और कहा कि कमलनाथ सरकार फ्लोर टेस्ट से डर रही है।

क्वारंटाइन ने कोरोना वायरस से चीन को दिलाई निजात?

दुनियाभर के सभी महाद्वीपों के करीब 200 देशों में कोरोना वायरस का कहर कायम हो गया है। सवाल यह उठने लगा है कि आखिर इससे निजात कैसे पायी जा सकती है। इसका जवाब भी जहां से कोरोना वायरस शुरू हुआ, वहीं से यानी चीन से ही मिल रहा है। अब चीन में जहां दिनोंदिन कोरोना वायरस के संक्रमित मामले साथ ही इससे होने वाली मौत में निरंतर तेजी से गिरावट दर्ज की जा रही है, वहीं दुनिया के अन्य हिस्से में इसका उससे कहीं ज्यादा गति से फैलाव हो रहा है।

अब सवाल उठ रहा है कि चीन ने किस तरह से हालात पर काबू पाया। तो इसका जवाब चीन के मामले में यह है कि उसने पूरी तरह से इलाके को लॉक डाउन कर दिया। लोगों को क्वारंटाइन अपनाने को कहा गया। इसे अपनाया भी गया तो रिजल्ट सबके सामने आ गए। चीन के बाद अब सर्वाधिक प्रभावित इटली और स्पेन भी इसी तरीके को अपना रहे हैं।
अब सवाल उठता है कि ये क्वारंटाइन है क्या? यह कैसे वायरस को रोकने और मरीज के लिए मददगार है? फिलहाल क्वारंटाइन का मतलब ये है कि संदिज्ध मरीज को 14 दिन के अलग-थलग रहना यानी एकांतवास में निगरानी। यह विशेषज्ञों की निगरानी में भी हो सकता है, सरकारी या निजी अस्पताल में भी हो सकता है। इसके अलावा घर पर भी व्यक्ति खुद को अलग रख सकता है।
सरकारें भी आइसोलेशन वार्ड व विशेष शिविर की व्यवस्था कर रही हैं। मसलन, राजधानी नई दिल्ली में विदेश से आने वालों के लिए दिल्ली से सटे छावला में आईटीबीपी ने विशेष शिविर बनाया है। यहां पर सभी सुविधाओं से सुसज्जित आइसोलेशन वार्ड है, जहां पर परदेस से आने वाले संदिज्ध भारतीय व विदेशी 14 दिन का समय बिताते हैं।
इसके अलावा कोई भी व्यक्ति जिसे आशंका हो कि वह इससे पीडि़त हो सकता है यानी खांसी, जुकाम, बुखार या छींक आने की स्थिति में घर में अकेले भी क्वारंटाइन समय बिता सकता है। इससे घर में खुद को क्वारंटाइन के जरिये अपने परिजनों को व मिलने-जुलने वालों को संक्रमित होने से बचा सकते हैं।
होम क्वारंटाइन का मतलब घर पर ही दूसरे लोगों से अपने आपको अलग कर लेना है। यह समय 14 दिन का है, जिस दौरान कई तरह की एहतियात बरतने के साथ ही बहुत से उपाय भी अपनाने होते हैं। इसमें नियमित सफाई के अलावा हवा और पानी का खयाल रखना होता है, किसी के साथ कोई चीज शेयर नहीं करनी होती है। अगर कोई मिलता भी है तो उससे कम से कम एक मीटर की दूरी बनाए रखनी होती है।

क्वारंटाइन शब्द का मतलब

क्वारंटाइन लैटिन मूल का शब्द है। इसका मूल अर्थ 40 दिन का समय है। इसका मतलब संगरोध, संगरोधन, किनारे पर आने-जाने से रोकना और अस्पताल का अलग कमरा भी है। दरअसल, एक जमाने में पानी वाले जहाजों में किसी यात्री के रोगी होने या जहाज के माल में वायरस होने का संदेह होने पर उस जहाज को बंदरगाह से दूर चालीस दिन ठहरना पड़ता था। ग्रेट ब्रिटेन में प्लेग को रोकने के प्रयास के रूप में इस व्यवस्था की शुरुआत हुई थी।

मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही २६ मार्च तक स्थगित, नहीं हुआ फ्लोर टेस्ट

मध्य प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही २६ मार्च तक के लिए स्थगित हो गयी है। इससे लगता है कमलनाथ सरकार पर ख़तरा फिलहाल टल गया है। सोमवार को विधासनभा की कार्यवाही शुरू हुई। राज्यपाल लालजी टंडन ने रविवार को फ्लोर टेस्ट और अपने अभिभाषण के लिए कहा था लेकिन आज कार्यवाही शुरू होते ही राज्यपाल ने अभिभाषण नहीं किया और कुछ पंक्तियां  कहकर अपना संबोधन समाप्त कर दिया।
विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होते ही बाहर आकर कांग्रेस के सदस्यों ने नारेबाजी की। इस घटनाक्रम से साफ़ हो गया है कि अब आज फ्लोर टेस्ट नहीं होगा। जाहिर है इससे कमलनाथ सरकार को २६ तक का समय मिल गया है। कल कांग्रेस के विधायकों ने कोरोना की जांच भी करवाई थी। हालांकि २६ को बजट पास करना ही होगा। इससे पहले यही हो सकता कि भाजपा अपना बहुमत रैप्ट करके सरकार को गिरा दे।
इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक पत्र में कहा कि विधानसभा के भीतर क्या होगा इसका अधिकार स्पीकर का ही है और राज्यपाल ऐसा निर्देश नहीं दे सकते। कमलनाथ ने अपने पत्र में कहा कि कांग्रेस के विधायकों को बंधक बनाकर रखा गया है, ऐसे में फ्लोर टेस्ट कैसे हो सकता है।
राज्यपाल ने आज अभिभाषण तो नहीं दिया, अलवत्ता सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि मध्य प्रदेश में विधानसभा प्रदेश की जो स्थिति है और जिसका जो दायित्व है वो इसे निष्ठापूर्व और संबिधान के मुताबिक उसका पालन करे।  राज्यपाल ने कहा कि मध्य प्रदेश का अपना गौरव है और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा हो सके, मैं सभी को यह सलाह देता हूं। अपने इस संबोधन के बाद राज्यपाल विधानसभा से चले गए।
यह बहुत दिलचस्प है कि विपक्षी भाजपा की तरफ से कमलनाथ सरकार के खिलाफ कोइ अविश्वास प्रस्ताव नहीं दिया गया है। राज्यपाल ने अवश्य रविवार को मुख्यमंत्री कमलनाथ को फ्लोर टेस्ट के लिए कहा था। अब कांग्रेस कह रही है कि राज्यपाल इसके लिए सिर्फ सलाह दे सकते हैं, निर्देश नहीं, क्योंकि यह अधिकार विधानसभा अध्यक्ष का है।
इस तरह मध्य प्रदेश में बहुत दिलचस्प स्थिति बन गयी है। कांग्रेस और भाजपा के विधायक तो आज सदन में पहुंचे, कांग्रेस के कथित बागी विधायक, जिनके बारे में कल तक कहा जा रहा था कि वे बेंगलुरु में हैं, सदन में दिखाई नहीं दिए। ऐसे में फ्लोर टेस्ट कब होगा इसे लेकर संशय पैदा हो गया है।

कोरोना का कहर: हवाई ही नहीं, पानी और सड़क के रास्तों पर भी पाबंदी

कोरोना वायरस का कहर इस तरह कायम है कि सिर्फ अंतराष्ट्रीय हवाई सफर ही नहीं, बल्कि पानी वाले जहाज के रास्ते भी इसके फैलने की आशंका बरकरार है। पहले ही दो जहाजों में इसके मामले सामने आने के बाद बंदरगाहों में भी दहशत है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए सरकार कई एहतियाती कदम उठा रही है। देश के सभी एयरपोर्टों पर स्क्रीनिंग समेत तमाम जरूरी कदम उठाए जा रह हैं, इसके अलावा बंदरगाहों पर भी अलर्ट है।
 13 मार्च तक भारतीय बंदरगाहों पर 7 हजार से अधिक जहाज रोके गए और उनके चालक दल के 25 हजार से ज्यादा सदस्यों को उतरने नहीं दिया गया। इसके अलावा देश से सटी पड़ोसी देशों की सीमाओं को भी सील कर दिया गया है। इससे बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार, चीन पाकिस्तान से सड़क के रास्ते आवाजाही पर अगले आदेश तक रोक लगा दी है।
अधिकतर पानी वाले जहाज चीन या कोरोना वायरस से प्रभावित दूसरे देशों से होकर लौटे थे। जहाज, चालक दल के सदस्यों और यात्रियों के भारतीय तटों पर उतरने को लेकर 31 मार्च तक रोक लगा दी है। देश के प्रमुख बंदरगाहों पर यह प्रतिबंध 1 फरवरी 2020 के बाद कोरोना वायरस से प्रभावित देशों की यात्रा करने वालों पर अब भी लागू है।
चीन समेत दुनियाभर के कई देशों के साथ-साथ भारत में भी फैल रहे कोरोना वायरस के एहतियात बरती जा रही है। कोच्चि एयरपोर्ट पर दुबई की फ्लाइट में कोरोना वायरस के लिए एक शख्स पॉजिटिव पाया गया। इस फ्लाइट से करीब 289 लोगों को उड़ान भरने से पहले ही उतार दिया गया। उस फ्लाइट में सवार एक ब्रिटिश नागरिक कोरोना वायरस के लिए पॉजिटिव पाया गया था।
डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइन के अनुसार, जहाजों पर सवार सभी यात्रियों और चालक दल के सदस्यों को स्कैन किया जा रहा है और उन तक हर जरूरी सुविधा पहुंचाई जा रही है। सभी प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा है और अगर कोई बीमार या किसी को बुखार है तो उन्हें जरूरी मदद मुहैया कराई जा रही है।
भारत में कुल 12 बड़े बंदरगाह हैं- दीनदयाल (पहले कांडला नाम था), मुंबई, जेएनपीटी,मार्मागुआ, न्यू मेंगलुरु, कोच्चि, चेन्नई, कामराजार (पहले इन्नोर नाम था), वी. ओ. चिदम्बरनार, विशाखापट्टनम, पारादीप और कोलकाता (हल्दिया समेत)। इनके अलावा भारत में 200 छोटे-छोटे बंदरगाह हैं जो राज्यों के नियंत्रण में हैं।

फ्लोर टेस्ट से पहले कोरोना टेस्ट, एमपी के कुछ कांग्रेस विधायकों ने तबीयत ‘खराब’ होने की बात कही

मध्य प्रदेश में सोमवार को प्रस्तावित फ्लोर टेस्ट से पहले एक बहुत दिलचस्प घटनाक्रम में रविवार की शाम भोपाल में जयपुर से भोपाल लौटे कांग्रेस के ७४ विधायकों का कोरोना वायरस टेस्ट किया जा रहा है। ऐसा ही टेस्ट करवाने के लिए कांग्रेस के बेंगलुरु में रुके बागी और हरियाणा के मानेसर में रुके भाजपा के विधायकों को भी कहा जा सकता है। इससे कल होने वाले फ्लोर टेस्ट को लेकर सवाल खड़ा हो गया है कि क्या यह हो भी पायेगा या नहीं।

जानकारी के मुताबिक जयपुर से लौटे सभी ७४ कांग्रेस विधायकों और मंत्रियों का कोरोना का टेस्ट किया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ विधायकों ने खांसी-जुकाम की शिकायत की थी। यह विधायक भोपाल के एक होटल में रुके हुए हैं।

गौरतलब है कि राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को विधानसभा पटल पर कमलनाथ सरकार को फ्लोर टेस्ट के लिए कहा है। लेकिन कोरोना के टेस्ट की  घटना के बाद मामला बहुत दिलचस्प हो गया है। यदि एक भी विधायक में कहीं कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो कल होने वाले फ्लोर टेस्ट के टलने का खतरा पैदा हो सकता है। चूँकि सभी विधायक साथ रहे हैं, यह एक गंभीर मसला बन जाएगा।

इसका एक बड़ा कारण यह है कि कोरोना के टेस्ट्स की रिपोर्ट आने में समय लगता है। ऐसे में यदि एक भी विधायक में कहीं कोरोना के लक्षण मिलते हैं तो कमोवेश सभी विधायकों को आईसोलेशन में भेजना पड़ सकता है।

इस बीच शाम ७ बजे कांग्रेस विद्यायक दल की बैठक बुलाई गयी है। सीएम आवास पर यह होगी बैठक। अभी कांग्रेस के जो बागी विधायक बेंगलुरु में हैं, वे कब भोप्ला के लिए रवाना होंगे, इसकी कोइ खबर नहीं है। भाजपा के विधायक भी मानेसर से अभी भोपाल नहीं आये हैं। दूसरे अब यह संभावना बन रही है कि न विधायकों को भी कोरोना का टेस्ट करवाने के लिए कहा जा सकता है।

अब गुजरात कांग्रेस में तोड़-फोड़, ५ विधायकों का इस्तीफा

राज्य सभा चुनाव से पहले लगता है कि भाजपा हर राज्य में कांग्रेस में तोड़-फोड़ की ठान चुकी है। मध्य प्रदेश में कांग्रेस के बड़े नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद कमलनाथ सरकार में पैदा हुए संकट के बीच अब रविवार को गुजरात में कांग्रेस के पांच विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। खतरा देखते हुए कांग्रेस ने अपने ने अपने १४ विधायकों को राजस्थान के जयपुर भेज दिया है। कांग्रेस पहले से ही भाजपा पर ”हार्स ट्रेडिंग” की कोशिश का आरोप लगा रही है।
गुजरात में राज्यसभा की चार सीटों के लिए २६ मार्च को होने वाले चुनाव में कांग्रेस की हॉर्स ट्रेडिंग के खतरे की चिंता रविवार को तब पुख्ता हो गयी जब पार्टी के ५  विधायकों ने इस्तीफा दे दिया। कांग्रेस के गुजरात में ७३ विधायक हैं लेकिन इस्तीफे के बाद उनकी संख्या कम हो जाएगी। कांग्रेस को जिग्नेश मेवाणी का भी समर्थन प्राप्त है।
कांग्रेस ने अपने विधायकों को मोबाइल न रखने की हिदायत दी है और उन्हें परिजनों  या परिचित से मुलाकात न करने को भी कहा गया है। खतरा देखते हुए कांग्रेस ने अपने १४ विधायकों को जयपुर भेज दिया है। इसके अलावा ३६ और विधायकों को राजस्थान के उदयपुर शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है। दर्जन भर एमएलए गुजरात में ही रुकेंगे ताकि वे विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लेते रहें।

कोरोना के चलते करतारपुर साहिब यात्रा निलंबित

भारत सरकार ने कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए एहतियातन पाकिस्तान स्थित श्री करतारपुर साहिब के लिए पंजीकरण और यात्रा पर १६ मार्च से अगले निर्देश तक अस्थायी रोक लगा दी है। गृह मंत्रालय ने इससे जुड़े आदेश जारी किये हैं।

गृह मंत्रालय के आदेश के मुताबिक १६ मार्च से यात्रा और पंजीकरण निलंबित रहेंगे। यह आदेश तब तक जारी रहेंगे जब तक अगला कोइ आदेश नहीं जारी किया जाता है। करतारपुर साहिब, पवित्र तीर्थस्थलों में से एक है और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने अपने जीवन के अंतिम दिन यहाँ बिताए थे।

करतारपुर कॉरिडोर पिछले साल नवंबर में श्रद्धालुओं के लिए खोला गया था। यह भारतीय सीमा को गुरुद्वारा दरबार साहिब करतारपुर से जोड़ता है। सिख तीर्थयात्रियों को बिना वीसा तीर्थयात्रा कर उसी दिन लौटने की अनुमति है।

कश्मीर के अनंतनाग में ४ आतंकी ढेर

कश्मीर के अनंतनाग में चार आतंकी मार गिराए गए हैं। एक साझे आपरेशन में सुरक्षा बलों ने रविवार सुबह इन आतंकियों को मार गिराया। वहां अन्य आतंकियों की भी खोज की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक मारे गए आतंकियों में ३ आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन और एक लश्कर-ए-तैयब्बा (एलईटी) का है। इन आतंकियों के पास से बड़ी मात्रा में हथियार भी मिले हैं।
सुरक्षा बलों ने एक साझे अभियान में इन सभी आतंकियों को ढेर किया है। उन्हें अनंतनाग इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की जानकारी मिली थी। इसके बाद उन्हें पकड़ने या मार गिराने के लिए साझा अभियान चलाया गया। इसमें सेना के एसओजी के अलावा पुलिस और सीआरपीएफ के जवान शामिल थे।
जानकारी के मुताबिक जैसे ही अनंतनाग के एक गाँव में इन आतंकियों की मूवमेंट की जानकारी सुरक्षा बलों को मिली थी।