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फारूक अब्दुल्ला जल्द रिहा होंगे !

नैशनल कांफ्रेंस के नेता और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला को आज या एकाध दिन में जेल से रिहा किया जा रहा है। ”तहलका” की जानकारी के मुताबिक मजिस्ट्रेट ने उनको रिहा करने वाले पत्र पर आज हस्ताक्षर कर दिए हैं। उनपर से नागरिक सुरक्षा क़ानून (पीएसए) तत्काल प्रभाव से हटा लिया गया है।

जम्मू कश्मीर में ५ अगस्त को अन्य नेताओं के साथ नजरबंद किया गया था। उसके बाद उनपर पीएसए लगा दिया गया था। अभी यह मालूम नहीं है कि रिहाई के बाद क्या वे राजनीतिक गतिविधियों में हिस्सा ले पाएंगे या नहीं।

उनपर से पीएसए हटाने वाले पत्र पर प्रमुख सचिव शालीन खाबरा के हस्ताक्षर हैं। इस ऑर्डर नंबर होम/पीबी-वी/७०२ ऑफ २०२० दिनांक १३-०३-२०२० में लिखा गया है कि दिनांक १५-०९-२०१९ वाला श्रीनगर के मजिस्ट्रेट का आदेश नंबर डीएमएस/पीएसए/१२०/२०१९ वापस लिया जा रहा है और फारूक अब्दुल्ला पर से पीएसए हटाया जा रहा है। इसे तीन महीने के लिए १३-१२-२०१९ को बढ़ाया गया था।

उनके पुत्र उमर अब्दुल्ला और एक और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ही इस समय पीएसए के ही तहत नजरबंद हैं। कांग्रेस सहित तमाम विपक्ष इन नेताओं की रिहाई के लिए मोदी सरकार पर लगातार दबाव बनाता रहा है।

”तहलका” की जानकारी के मुताबिक स्थितियों और हालात को देखकर अन्य नेताओं को भी रिहा किया जा सकता है। जम्मू कश्मीर प्रशासन में एक वरिष्ठ अधिकारी से इस संवाददाता से बातचीत में इस बात की पुष्टि की कि फारूक अब्दुल्ला को रिहा करने का फैसला हुआ है। हालांकि उन्होंने इसके बारे मान्य पूरी जानकारी देने से इंकार किया।

लखनऊ की सड़कों पर पोस्टर के जवाब में पोस्टर 

उत्तर प्रदेश सरकार ने आंदोलनकारियों के पोस्टर मामले में हाई कोर्ट का आदेश नहीं माना तो लखनऊ में सरकार को उसी की स्टाइल में समाजवादी पार्टी ने जवाब दिया है।  दरअसल,  संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) का विरोध करने वालों के पोस्टर शहर में लगाए जाने की हरकत पर पलटवार करते हुए सपा  नेता ने सत्तारूढ़ भाजपा के दो नेताओं की तस्वीर वाले पोस्टर शहर में लगवा दिए। इन पर लिखा- इनसे बेटियां रहें सावधान सुरक्षित रहे हिन्दुस्तान।
सपा नेता आई पी सिंह ने बृहस्पतिवार रात बलात्कार और हत्या के मामले में सजा काट रहे उन्नाव के भाजपा के निष्कासित विधायक कुलदीप सिंह सेंगर और एक अन्य बलात्कार  के आरोपी पूर्व केंद्रीय मंत्री चिन्मयानंद के तस्वीर वाले बड़े-बड़े पोस्टर ठीक उसी जगह पर लगा दिए, जहां पर योगी सरकार ने सीएए के विरोध में हुई हिंसा में शामिल लोगों के पोस्टर लगाए हैं।
लखनऊ में करीब 50 जगह ऐसे पोस्टर लगवाये, लेकिन देर रात करीब एक बजे आला अधिकारियों ने पुलिस की मदद से इन पोस्टरों को हटवा दिया। ये पोस्टर काले रंग के थे और इनमें कुलदीप सिंह सेंगर और चिन्मयानंद की तस्वीर थी। सपा नेता आई पी सिंह ने ऐसे एक पोस्टर की तस्वीर के साथ ट्वीट भी किया। उन्होंने कहा, जब प्रदर्शनकारियों की कोई निजता नहीं है और हाई कोर्ट व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी योगी सरकार होर्डिंग नहीं हटा रही है, तो ये लीजिए फिर। नेता ने कहा,  लोहिया चौराहे पर मैंने भी कुछ अदालत द्वारा नामित अपराधियों के पोस्टर जनहित में जारी कर दिए हैं, इनसे बेटियां सावधान रहें।
दुष्कर्म जैसे संगीन आरोपों का सामना कर रहे भाजपा नेताओं के ये पोस्टर काले रंग के हैं, इनमें कुलदीप सिंह सेंगर और चिन्मयानंद की तस्वीर लगी है। साथ ही इन दोनों पर क्या आरोप हैं, इस बारे में भी पोस्टर में विस्तार से लिखा गया है। सपा नेता ने लिखा- मेरा इरादा सिर्फ सस्ती लोकप्रियता के लालच में अंधी हो चुकी सरकार को जगाने का था।

उन्नाव पीड़िता के पिता हत्या मामले में पूर्व विधायक सेंगर सहित सभी दोषियों को १० साल कैद, १०-१० लाख जुर्माना भी

दिल्ली की अदालत ने उन्नाव दुष्कर्म मामले में पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में शुक्रवार को भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सेंगर को १० साल की कैद की सजा सुनाई है। उनके साथ ही उनके भाई अतुल सेंगर और अन्य सभी सात दोषियों को १०-१० साल की सजा सुनाई गयी है। इसके अलावा सभी दोषियों पर १०-१० लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है और यह रकम पीड़ित के परिवार को दी जाएगी।

गौरतलब है कि पूर्व भाजपा विधायक सेंगर को पहले ही इसी पीड़ित से बलात्कार का दोषी पाए  जाने पर उम्रकैद की सज भी मिल चुकी है। सेंगर इस समय दिल्ली में तिहाड़ जेल में बंद है। उन्नाव दुष्कर्म पीड़ित के पिता की ९ अप्रैल, २०१८ को न्यायिक हिरासत में मौत हो गई थी।

दिल्ली की अदालत ने ४ मार्च को कुलदीप सेंगर, उसके भाई अतुल सेंगर, दो पुलिसकर्मियों और तीन अन्य आरोपियों को कोर्ट ने दोषी ठहराया था और सजा का फैसला सुरक्षित रखा था। सीबीआई ने इस मामले को वीभत्स बताते हुए दोषियों को कड़ी सजा की मांग की थी।

भारत में कोरोना से पहली मौत, कर्नाटक के कलबुर्गी के ७६ साल के मरीज की जान गयी  

भारत में कोरोना वायरस से पहली मौत हुई है। केंद्र सरकार ने यह मौत कोरोना वायरस से होने की पुष्टि की है। तेलंगना सरकार को इस मौत की जानकारी दे दी गयी है।

बताया गया है कि यह मौत एक ७६ साल की व्यक्ति की हुई है जो कलबुर्गी का रहने वाला था।  उसकी ट्रैवल हिस्टरी के मुताबिक वो सऊदी अरब से लौटा था। यह भारत में कोरोना के मौत का पहला मामला है। तेलंगना सरकार को इस मौत की जानकारी दे दी गयी है। यह व्यक्ति तेलंगाना के एक निजी अस्पताल में भी गया था।

अब तक देश में कोरोना के ७४ मामले आ चुके हैं। अब भारत सरकार ने इस बात की पुष्टि की है कलबुर्गी में ७६ साल के कोरोना मरीज की मौत हो गयी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह व्यक्ति कर्नाटक के कलबुर्गी का रहने वाला है। यह व्यक्ति सऊदी अरब से लौटा था।

महाराष्ट्र में करोना वायरस के परिजनों को झेलनी पड़ रही हैं सामाजिक दिक्कतें ।

महाराष्ट्र में करोना वायरस के रोगियों की संख्या अब 11 तक पहुंच गई है। रोगियों की दिक्कत आइसोलेशन वार्ड में रहकर इलाज कराने की है लेकिन सामाजिक अवहेलना व मुसीबतों का सामना मरीजों के परिजनों को झेलना पड़ रहा है । महाराष्ट्र की ऐसी 3 खबरें हैं जिन्होंने यह सोचने पर मजबूर करता है कि समाज का यह रवैया कोरोना वायरस पीड़ित लोगों के परिवार के प्रति कितना असंवेदनशील और अवमानवीय है । हालांकि तर्क यह है कि सबको अपनी जान की फिक्र है अपने परिवार की फिक्र है । भले प्रशासन ने यह चेतावनी जारी की है कि सोशल मीडिया के जरिए पीड़ित लोगों की पहचान उजागर करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी लेकिन यह कहा जा सकता है कि प्रशासन की नींद इस मामले में काफी देर से खुली है।

दो मामले पुणे के हैं जिनमें करोना वायरस से पीड़ित रोगियों के परिजनों को तकरीबन बहिष्कृत यह जाने की खबर है। पहले मामले में करोना वायरस से बीमार व्यक्ति के भाई ने विभागीय आयुक्त और जिलाधिकारी को इस बाबत शिकायत की है। मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल में इलाज करा रहे रोगी के परिवार को कुछ गांव वालों ने गांव छोड़ने के लिए कहा है। दूसरा मामला पुणे के पिंपरी-चिंचवड का है इस मामले में सोसाइटी ने पुलिस से गुहार लगाई है कि मलेशिया से लौटे परिवार को सोसाइटी में प्रवेश नहीं करने दिया जाए। इस मामले में दुबई से लौटे परिवार की एक महिला सदस्य करोना ग्रस्त पाई गई है और पहले मामले में वह व्यक्ति दुबई से लौटा था जिसका करोना टेस्ट पॉजिटिव पाया गया। तीसरा मामला नागपुर का है यह व्यक्ति अमेरिका से नागपुर लौटा है। करोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए जाने पर उसे अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया । उस व्यक्ति की बेटी सुबह जब अपने स्कूल पहूंची तो उसे स्कूल में प्रवेश नहीं करने दिया और वहीं उसके बड़े बेटे को कॉलेज में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया।

विभागीय आयुक्त डाॕ.दीपक म्हैसेकर ने चेतावनी देते हुए कहा है कि सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस पीड़ितों रोगियो के नाम उजागर करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि रोगियों के नाम सार्वजनिक होने से रोगियों के परिजनों को तकलीफ हो सकती है। उन्होंने नागरिकों से अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जवाबदेही होने की बात भी कही है।

हिंदोस्तान के 52 कोरोना वायरस टेस्ट सेंटर ।

देशभर में तेजी से पैर पसार रहे कोरोना वायरस के चलते लोगों में इसको लेकर काफी संशय है। परेशानी है कि अगर आपको संदेह है कि आप कोरोना वायरस से संक्रमित हैं तो इसका टेस्ट कहां करवाएं। देशभर में सरकार ने 52 सेंटर स्थापित किए हैं जहां पर कोरोना वायरस टेस्ट किया जा सकता है। कोरोना वायरस टेस्ट आप अपने नजदीकी टेस्ट सेंटर से करवा सकते हैं। यह रही फेहरिस्त।

कोरोना वायरस टेस्ट सेंटर

आंध्र प्रदेश

1. श्री वेंकटेश्वर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, तिरुपति

2. आंध्र मेडिकल कॉलेज,

विशाखापट्टनम

3.जीएमसी, अनंतपुर

अंडमान एंड निकोबार द्वीप

4. रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, पोर्ट ब्लेयर

असम

5. गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज, गुवाहाटी

6. रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, डिब्रूगढ़

बिहार

7. राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, पटना

चंडीगढ़

8. पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च, चंडीगढ़

छत्तीसगढ़

9. ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट मेडिकल साइंसेज, रायपुर

दिल्ली-एनसीआर

10. ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट मेडिकल साइंसेज, दिल्ली

11. नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल, दिल्ली

गुजरात

12. बीजे मेडिकल कॉलेज, अहमदाबाद

13. एमपी शाह गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, जामनगर

हरियाणा

14. पंडित बीडी शर्मा पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, रोहतक

15. बीपीएस गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, सोनीपत

हिमाचल प्रदेश

16. इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज, शिमला

17. डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कांगड़ा, टांडा

जम्मू कश्मीर

18. शेर ए कश्मीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, श्रीनगर

19. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, जम्मू

झारखंड

20. एमजीएम मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर

कर्नाटक

21. बेंगलोर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट, बेंगलुरू

22. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वीरोलॉजी फील्ड यूनिट, बेंगलुरू

23. मैसूर मेडिकल कॉलेज एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट, मैसूर

24. हसन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, हासन, कर्नाटक

25. शिमोगा इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, शिवमोगा, कर्नाटक

केरल

26. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वीरोलॉजी फील्ड यूनिट, केरल

27. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, तिरुवनंतपुरम

28. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, कोझिकोड

मध्य प्रदेश

29. ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट मेडिकल साइंसेज, भोपाल

30. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ रिसर्च इन ट्राइबल हेल्थ, जबलपुर

मेघायल

31. एनईआईजीआरआई ऑफ हेल्थ एंड मेडिकल साइंसेज, शिलोंग

महाराष्ट्र

32. इंदिरा गांधी गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, नागपुर

33. कस्तूरबा हॉस्पिटल फॉर इंफेक्शियस डिजीसेस, मुंबई

मणिपुर

34. जेएन इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज हॉस्पिटल, इंफाल-ईस्ट, मणिपुर

ओडिशा

35. रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर, भुवनेश्वर

पुंड्डुचेरी

36. जवाहरलाल इंस्टिट्यूट ऑफ पोस्टग्रैजुएट मेडिकल एजूकेशन एंड रिसर्च

पंजाब

37. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, पटियाला

38. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, अमृतसर

राजस्थान

39. सवाई मान सिंह, जयपुर

40. डॉक्टर एसएन मेडिकल कॉलेज, जोधपुर

41. झलवर मेडिकल कॉलेज. झलवर

42. एसपी मेडिकल कॉलेज, बीकानेर

तमिलनाडु

43. किंग्स इंस्टिट्यूट ऑफ प्रिवेंशन मेडिसिन एंड रिसर्च, चेन्नई

44. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज,थेनी

त्रिपुरा

45. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, अगरतला

तेलंगाना

46. गांधी मेडिकल कॉलेज, सिकंदराबाद

उत्तर प्रदेश

47. किंग्स मेडिकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ

48. इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, वाराणसी

49. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, अलीगढ़

उत्तराखंड

50. गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज, हल्दवानी

पश्चिम बंगाल

51. नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ कॉलरा एंड एंट्रिक डिजीज, कोलकाता

52. आईपीजीएमईआर, कोलकाता

एनपीआर में कोइ ”डी” कॉलम नहीं होगा, कोइ दस्तावेज भी नहीं माँगा जाएगा : शाह

गृह मंत्री अमित शाह ने राज्य सभा में गुरूवार को एक बड़ी जानकारी देते हुए बताया कि एनपीआर में कोइ दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। उन्होंने कहा कि जो जानकारी आपके पास नहीं, वह देने की जरूरत नहीं होगी और किसी तरह का ”डी” कॉलम भी फॉर्म में नहीं होगा।

राज्य सभा में चर्चा के दौरान गृह मंत्री ने कहा कि देश में किसी को एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है। कांग्रेस के कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और गुलाम नबी आज़ाद ने एनपीआर को लेकर सवाल उठाये।

कपिल सिब्बल ने एनपीआर/एनआरसी की जानकारी लेने के दौरान फॉर्म में ”डी” अर्थात डाउटफुल का कॉलम होने को लेकर आशंका जताई। उनका कहना था कि जानकारी देने वाला यदि कोइ दस्तावेज नहीं देता है तो उसके फ़ार्म में ”डी” मार्क किया जा सकता है, जिससे अंतता उसके लिए अपनी नागरिकता प्रमाणित करने की लड़ाई मुश्किल हो जाएगी।

हालांकि, गृह मंत्री ने इन सवालों पर कहा कि वे गृह मंत्री के नाते राज्य सभा के पटल पर यह ऑन रेकॉर्ड कह रहे हैं कि एनपीआर में किसी तरह का दस्तावेज जरूरी नहीं होगा। उन्होंने कहा कि एनपीआर के लिए किसी के पास कोइ दस्तावेज नहीं होगा, तो नहीं माँगा जाएगा।

उन्होंने कहा कि देश में किसी को भी एनपीआर से डरने की जरूरत नहीं है। दस्तावेज नहीं है तो किसी के फॉर्म में ”डी” नहीं लिखा जाएगा। इस तरह गृह मंत्री ने एक बड़ी घोषणा की है। विपक्ष का आरोप रहा है कि फॉर्म में कुछ ऐसे कालम हो सकते हैं जो बाद में एक ”डी” के कारण व्यक्ति को बहुत परेशानी में दाल सकते हैं।

शाह ने इस मौके पर राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आज़ाद को किसी भी समय बातचीत  के लिए आमंत्रित किया और कहा कि कुछ अन्य सदस्यों को भी अपने साथ ला सकते हैं।

कोरोना वायरस : संक्रमण रोकने में नाकाम हो रहे पश्चिमी देश

एक ओर जहां चीन और दक्षिण कोरिया में कोरोना वायरस के नए मामलों में कमी दर्ज की जा रही है, वहीं दूसरी ओर पश्चिमी देशों में यह लगातार तेजी से फैलता जा रहा है। सबसे ज्यादा हालत खस्ता इटली की है। इसके अलावा इंग्लैंड और अमेरिका में भी इसके मामलों में इजाफा देखा जा रहा है। ज्यादातर देश वीजा रद्द कर रहे हैं साथ ही कई तरह की पाबंदिया लगाई जा रही हैं। स्कूलों के साथ ही सिनेमा घर और स्टेडियम भी बंद किए जा रहे हैं।

इटली को स्वास्थ्य सेवाओं की कुशलता के लिए हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट ने विश्व में दूसरे स्थान पर रखा था। लेकिन चीन के बाद कोरोना वायरस का संक्रमण यहां सबसे तेजी से इसी देश में फैला है। करीब आधा इटली कैद सा हो गया है। ज्यादातर स्टेशनों पर सन्नाटा पसरा है। ईरान को अपवाद के तौर पर मानें तो टॉप-100 देशों के मामले मिलने के बाद सबसे तेजी से संक्रमण पश्चिमी देशों में ही फैला है।

जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी द्वारा किए गए विश्लेषण में इन देशों को चिह्नित किया गया है। इसमें बताया गया है कि इन पश्चिमी देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण प्रतिदिन औसतन 33 प्रतिशत की रफ्तार से बढ़ा। रिपोर्ट के अनुसार अधिकतर पश्चिमी देशों में संक्रमण फैलने का पैटर्न भी एक जैसा रहा। यह संकेत है कि खतरे को समझने और संक्रमण को रोकने में यह सभी देश नाकाम रहे। इस सूची में केवल ईरान एकमात्र एशियाई देश है जहां 33 प्रतिशत से अधिक दर से मामले बढ़ रहे हैं।

जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग में थमा
रिपोर्ट में एशियाई देशों का उल्लेख किया गया है, जहां बड़ी संख्या में मामले मिलने के बावजूद संक्रमण के प्रसार की रफ्तार अब धीमी हो गई है। इनमें जापान, दक्षिण कोरिया, सिंगापुर, हांगकांग प्रमुख हैं। यहां संक्रमण के प्रसार की रफ्तार 33 प्रतिशत से कम रही। ताईवान तो लगभग काबू पा लिया है।

पश्चिमी देश में कितने संक्रमण
इटली – 12642
अमेरिका – 1336
यूनाइटेड किंगडम – 456
स्पेन – 2277
नॉर्वे – 648
नीदरलैंड – 503
बेल्जियम – 314
स्वीडन – 500
स्वित्जरलैंड – 652
फ्रांस – 2281
जर्मनी – 1966

दिल्ली में कोरोना महामारी घोषित, स्कूल-कालेज ३१ तक बंद

दिल्ली में भी गुरूवार शाम कोरोना को महामारी घोषित कर दिया गया। जहां इम्तिहान ख़त्म हो गए हैं उन स्कूल-कॉलेजों को भी ३१ मार्च तक बंद कर दिया गया है। इसके अलावा सभी सिनेमा हाल भी इस दौरान बंद रहेंगे। इस बीच कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच शेयर बाज़ार भी गोते लगाता दिख रहा है।
दिल्ली से पहले हरियाणा ने भी राज्य में कोरोना को महामारी घोषित कर दिया था। दिल्ली को लेकर गुरूवार शाम जारी फैसले में कहा कि वे सभी स्कूल जिनमें परीक्षाएं हो चुकी हैं, ३१ मार्च तक बंद रहेंगे। ऐसा ही फैसला कॉलेजों को लेकर भी किया गया है।
आदेश के मुताबिक दिल्ली के तमाम सिनेमा घर भी ३१ मार्च तक बंद रहेंगे। इस बीच कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच शेयर बाज़ार भी गोते लगाता दिख रहा है। गुरूवार को शेयर बाज़ार में काफी मंडी दिखी।
याद रहे बुधवार को ही डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) ने दुनिया भर में कोरोना वायरस से बड़े पैमाने पर मौतों को देखते हुए इसे महामारी घोषित कर दिया था। भारत ने भी १५ अप्रैल तक सारे वीजा रद्द करने की घोषणा की है और १३ मार्च रात १२ बजे से यह आदेश लागू हो जायेंगे।
भारत ने जो आदेश बुधवार देर शाम जारी किया है उसके मुताबिक सभी वीजा रद्द कर दिए गए हैं। सिर्फ राजनयिकों को इसमें छूट रहेगी। यह आदेश १३ मार्च रात १२ बजे से लागू हो जायेंगे। इस आदेश के बाद विदेशों से लोगों के भारत आने पर रोक रहेगी।

मध्य प्रदेश में दिग्विजय को उम्मीदवार बनाया कांग्रेस ने, भाजपा ने ५ और राज्य सभा प्रत्याशी घोषित किये

भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सभा के लिए ५ और उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया है। इनमें दो हरियाणा, एक हिमाचल प्रदेश और एक-एक महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के लिए हैं। इस बीच कांग्रेस ने वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश से उम्मीदवार बनाया है।

भाजपा की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता में  हुई जिसमें इन नामों को अंतिम रूप दिया गया। पार्टी की तरफ से गुरूवार को जारी सूची के मुताबिक हरियाणा से भाजपा ने रामचंद्र झांगड़ा और दुष्यंत कुमार, हिमाचल प्रदेश से इंदु गोस्वामी, मध्य प्रदेश से प्रो सुमेर सिंह सोलंकी और महाराष्ट्र से भगवत कराड़ को उम्मीदवार बनाया है।

उधर कांग्रेस ने अपने वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को मध्य प्रदेश से राज्य सभा पार्टी उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने आज अपना नामांकन दाखिल किया है।

याद रहे बुधवार को भाजपा ने राज्य सभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों के रूप में नौ नामों की सूची जारी की थी।