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वुहान लैब ने अपनी वेबसाइट से वैज्ञानिकों की तस्वीरें हटाईं

कोरोना वायरस को लेकर चीन की भूमिका पर रहस्य अभी बरकरार है, बल्कि यह और गहराता जा रहा है। अमेरिका समेत कई देश यह दावा कर रहे हैं कि वायरस चीन के वुहान से ही फैला और इसने मेडिकल उपकरण आपूर्ति के लिए ऐसा जानबूझकर किया गया। इस पर संदेह अब इसलिए भी बढ़ रहा है क्योंकि चीन के वुहान स्थित लैब से वैज्ञानिकों की तस्वीरें हटा दी है।

चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी ने अपनी वेबसाइट से लैब में काम कर रहे वैज्ञानिकों की तस्वीरें डिलीट कर दी हैं। शायद इन तस्वीरों से इस बात का खुलासा हो सकता था कि इस लैब के वैज्ञानिक लापरवाही और कम सुरक्षा उपकरणों के साथ खतरनाक वायरस पर परीक्षण करते थे।

लैब की वॉयरोलॉजी में एक फ्रिज में 1500 तरह के वायरस को एक साथ रखने वाली तस्वीर भी सामने आई थीं, जिसमें फ्रिज के किनारे लगने वाली रबड़ हटी हुई थी। कहा तो यह भी जा रहा है कि कि इंस्टीट्यूट का स्टाफ बिना किसी सुरक्षा किट के गुफाओं में जाकर चमगादड़ों को पकड़कर स्वाब एकत्रित करता था।

विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना वायरस से निपटने में अपनी खामियों को छिपाने के लिए चीन ने यह कदम उठाया है। माना जाता है कि इसी लैब से कोरोना वायरस दुनियाभर में फैला है।

इतना ही नहीं, लैब ने अमेरिकी वैज्ञानिकों के दौरे की तस्वीरें भी अपनी वेबसाइट से हटा दी हैं। बता दें कि मार्च 2018 में अमेरिकी दूतावास के वैज्ञानिक रिक स्विटजर ने इस लैब का दौरा किया था। इस दौरे के बाद स्विटजर ने अमेरिका के विदेश विभाग को संदेश भेजा था कि अपने देश द्वारा प्रदान किए जाने वाले फंड से चल रही लैब में प्रशिक्षित लोगों की भारी कमी है।

शराब की दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर केंद्र सरकार ने 22 मार्च से लेकर आज तक जो तत्परता दिखाई है । उसकी देशवासियों  ने नफा -नुकसान को ना देखते हुये सरकार फैसले का स्वागत भी किया है।देशव्यापी लाँकडाउन और सोशल डिस्टेंसिंग जैसी शर्ते रखी है। देश के लगभग सभी नागरिकों ने जिस पर जितना बना उसने उसका पालन भी किया है । पर अब ऐसी कौन सी आफत देश में आ पड़ी की, शराब की दुकानें खोलने को सरकार को मजबूर होना पड़ा है।

कहीं ये शराब माफियाओं का दबाव तो नहीं है। जिसके कारण लोगों की जिन्दगी के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

देश में एक ओर तो 17 मई तक सरकार ने लाँकडाउन जैसी शर्तें लगा रखी है । जरूरतमंद लोग अपने घरों में  ना आ सकते है, ओर ना जा सकते है।पर राज्य सरकारों देश की बिगड़ती अर्थ व्यवस्था का हवाला देकर जो शहर –शहर ओर गांव- गांव में शराब की दुकान खोलकर जो हाल किया है। उससे उन लोगों को जरूर धक्का लगा है । जो सही मायने कोरोना के खिलाफ सोशल डिस्टेंसिंग कर ओर अपनी इच्छा से लोगों की सेवा कर रहे थे।

दिल्ली , उत्तर – प्रदेश, छत्तीसगढ और महाराष्ट्र में शराब की दुकानों में शराबियों की जो हुड़दंगलीला देखी गई , सोशल डिस्टेंसिंग धज्जियां को तार –तार किया गया । पुलिस को शराब की दुकानों में लगी लम्बी – लम्बी लाइनों को काबू करने में हल्का बल प्रयोग करना पढा है।दुकानों में तोड़-फोड़ भी हुई है।

तहलका संवाददाता को पुलिस कर्मियों ने बताया कि एक ओर तो सरकार रेड जाँन, औरेंज जाँन ओर ग्रीन जाँन जैसी श्रेणी में व्यवस्था को लागू कर , कोरोना को मात देने की बात करती है। वहीं शराब की दुकानों को खोलकर सरकार खुद अव्यवस्था को बढावा दे रही है।क्योंकि सरकार ओर आबकारी विभाग के अधिकारी भी जानते है । कि शराब का जो सेवन करता है उससे किसी प्रकार की सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों की उम्मीद करना ठीक नहीं है।फिर भी ना जाने क्यों शराब की दुकानों को खुलवाकर कोरोना जैसी  बीमारी को बढावा दिया जा रहा है।  दिल्ली के कई इलाकों में शराब की दुकानों में इस कदर भीड उमड पडी कि शराब विक्रेता तक को दुकान बंद कर भागना पडा. दुकानदार गणेश ने बताया कि दिल्ली में शराब की कोई कमी नहीं है।  शराब सबको आसानी से मिल सकती है पर शराबी तो शराबी है वो क्या जानें सोशल डिस्टेंसिंग । ऐसे में शराब की दुकानों में जो अफरा –तफरी मची उससे तो ये स्पष्ट है कि शराब  ठेका जरूर कोरोना  बढाने का ठेका ले लेंगा। सामाजिक कार्यकर्ता ओर आर्थिक मामलों के जानकार राजकुमार का कहना है कि शराब से मिलने वाला राजस्व सरकार के लिये अन्य विभागों से मिलने वाले राजस्व से अधिक है । पर इसका मतलब ये तो नहीं की आर्थिक लाभ के लिये किसी भी मुशीबत को ले लिया जाये। ऐसा ही सरकार जरा से लाभ के लिये कोरोना जैसी महामारी के समय में जब देश – दुनिया में हाहाकार मचा हो हर रोज कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा हो तो ऐसे में शराब की दुकान खोलकर सरकार जानें में या अनजानें में भयकंर भल कर रही है जिसके परिणाम घातक हो सकते है।गृहणी सुषमा का कहना है कि राजनीति में सब जायज है ये तो आज दिख गया, कि कोई राजनीतिक दल सरकार के शराब ठेकें खोलें जाने का विरोध तक नहीं कर रहे है।उन्होंने बताया कि लाँकडाउन के कारण उनके पति शराब इस लिये नहीं पी पाये क्योंकि शराब के ठेकें बंद थे।

भारत ने कहा, गिलगित-बाल्टिस्तान फ़ौरन खाली करे पाक, चुनाव का कड़ा विरोध

भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराए जाने का कड़ा विरोध करते हुए पाक से इस पूरे क्षेत्र को खाली करने को कहा है। इसे भारत का हिस्सा बताते हुए भारतीय विदेश मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि पाकिस्तान का वहां कब्जा गैरकानूनी है।
भारत की यह प्रतिक्रिया पिछले दिनों पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद आई है जिसमें पाक सरकार को गिलगित-बाल्टिस्तान में चुनाव कराने और साथ ही संबंधित केंद्रीय कानून में संशोधन करने का आदेश दिया था। भारत ने अपनी  प्रतिक्रिया में इस आदेश का सख्त विरोध किया है।
विदेश मंत्रालय ने सोमवार को साफ़ तौर पर कहा कि पूरे जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के अलावा गिलगित-बाल्टिस्तान भी भारत का अभिन्न अंग है। विदेश मंत्रालय ने कहा – ”चूंकि गिलगित-बाल्टिस्तान भारत का अभिन्न अंग है, पाकिस्तान इसे फौरन खाली कर दे। उसका वहां कब्जा गैरकानूनी है। हमने पाकिस्तान के एक वरिष्ठ राजनयिक को बुलाकर कर उन्हें अपना पक्ष बता दिया है।”
गौरतलब है कि पाक सुप्रीम कोर्ट ने देश की सरकार से २०१८ के कानून में संशोधन करने और वहां चुनाव कराने का आदेश पिछले दिनों दिया था। इस आदेश के बाद   दोनों देशों के तल्खी उभरी है और यह तनाव का कारण बन सकता है।
अब भारत के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि ”हमने पाकिस्तान को स्पष्ट कर दिया है कि कानूनी तौर पर भारत का हिस्सा होने के कारण और अवैध कब्जे वाले इस हिस्से पर पाकिस्तान सरकार या वहां की अदालतें कोई फैसला नहीं कर सकतीं। इन हरकतों को सहन नहीं किया जा सकता है।”

कांग्रेस देगी प्रवासी मजदूरों का ट्रेन ख़र्च 

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गाँधी ने सोमवार (4 मई) को केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा है कि केंद्र सरकार पैसे-पैसे को परेशान और मजबूर होकर घर लौट रहे प्रवासी मजदूरों से किराया वसूल रही है।
सोनिया गाँधी ने कहा कि हमारे कामगार और मजदूर हमारी अर्थ-व्यवस्था की रीढ़ हैं। सरकार को इस समय मज़दूरों की मदद करनी चाहिए, न कि उनसे किराये की वसूली करनी चाहिए।
इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने प्रवासी मजदूरों का उनके राज्यों में आने का ट्रेन ख़र्च कांग्रेस द्वारा उठाये जाने का ऐलान किया। सोनिया गाँधी ने कहा कि कांग्रेस ने फ़ैसला लिया है कि हर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ज़रूरतमंदों और प्रवासी मजदूरों के रेल टिकट का ख़र्च उठाएगी।
उन्होंने केंद्र सरकार पूछा कि आख़िर उसकी क्या ज़िम्मेदारी है? सोनिया गाँधी ने कहा कि कोरोना संकट के कारण लाखों प्रवासी मजदूर और कामगार परेशान होकर अपने-अपने घरों  को लौट रहे हैं। इस समय न तो उनके पास पैसा है और न ही खाने-पीने की व्यवस्था। ऐसे में उन्हें फ्री ट्रांसपोर्ट की सुविधा दी जानी चाहिए, लेकिन सरकार उनसे किराया वसूल रही है।
उन्होंने कहा कि आज़ादी के बाद पहली बार इस तरह की स्थिति हमारे सामने आयी है। उन्होंने पूछा कि सरकार अपनी ज़िम्मेदारी कब समझेगी?
सोनिया ने कहा कि गुजरात में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप के आने पर 100 करोड़ रुपये ख़र्च किये गये और रेलवे द्वारा पीएम केयर्स फंड में 151 करोड़ रुपये दिये गये हैं। लेकिन मुसीबत में फँसे हमारे ही देश के प्रवासी मजदूरों को मुफ़्त ट्रेन सुविधा तक मुहैया नहीं करायी जा रही है।

डाक्टरों के नाम पर रखा जॉनसन दंपति ने बेटे का नाम

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और उनकी मंगेतर ने कुछ रोज पहले जन्मे अपने बेटे का नाम उन डाक्टरों पर रखा है, जिन्होंने उनका कोविड-१९ से संक्रमित होने पर इलाज किया था। बोरिस इसी हफ्ते स्वस्थ होकर अपने दफ्तर लौटे हैं। इस बीच एक अखबार को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा है कि ”उनके इलाज के दौरान हालात हाथ से निकल जाने और उनकी मौत की स्थिति में एक ”आकस्मिक योजना” तैयार कर ली गयी थी।

याद रहे हालत बहुत गंभीर हो जाने के बाद पीएम जॉनसन को आईसीयू में भर्ती करना पड़ा था। पीएम जब स्वस्थ होकर सेंट थॉमस अस्पताल से डिस्चार्ज हुए तो उनकी जान बचने वाले डॉक्टरों का कर्ज़ उन्होंने बहुत अनोखे अंदाज में उतारा है। उन्होंने अपनी मंगेतर से कुछ ही रोज पहले (बुधवार) जन्मे बच्चे का नाम डाक्टरों के नाम से जोड़ कर रखा है।

इंस्टाग्राम के अपने अकाउंट पर उनकी मंगेतर कैरी साइमंड्स ने बेटे की तस्वीर शेयर की है। साथ ही बेटे का नाम विल्फ्रेड लॉरी निकोलस जॉनसन लिखा है। खुद साइमंड्स के मुताबिक बच्चे के नाम में ”निकोलस” नाम उन दो डॉक्टरों का सम्मान करने के लिए है जिन्होंने पिछले महीने बोरिस की जान बचाई। इन डॉक्टर के नाम निक प्राइस और निक हार्ट हैं। विल्फ्रेड बोरिस के दादा और लॉरी कैरी साइमंड्स के दादा का नाम है।

जॉनसन की मंगेतर कैरी सायमंड्स ने बुधवार को बेटे को जन्म दिया है। इस बीच पीएम बोरिस जॉनसन ने एक अखबार को दिए इंटरव्यू में खुलासा किया है कि ”उनके इलाज के दौरान हालात हाथ से निकल जाने और उनकी मृत्यु होने की स्थिति में एक आकस्मिक योजना तैयार कर ली गयी थी।

”द सन ऑन संडे” से इस इंटरव्यू में बोरिस जॉनसन ने कहा – ”सात अप्रैल को सेंट थॉमस अस्पताल के आईसीयू में मुझे काफी मात्रा में ऑक्सीजन दी गयी। यह मुश्किल भरा वक्त था, मैं इससे इनकार नहीं कर सकता। उन्होंने स्टालिन जैसे परिदृश्य में मौत होने से निपटने के लिये एक रणनीति तैयार की थी।” स्वस्थ होकर अस्पताल से बाहर आने के बाद जॉनसन सोमवार को १० डॉउनिंग स्ट्रीट पहुंचे और उन्होंने पीएमओ में कामकाज फिर से संभाल लिया था।

4 मई से ऑरेंज ज़ोन में व्‍यक्तियों और वाहनों की आवाजाही के बारे में स्‍पष्‍टीकरण

देश में कोविड-19 के हालात पर काबू पाने के लिए 17 मई तक लॉकडाउन बढ़ने के बाद सभी जोनों के लिए सरकार ने कुछ गाइडलाइन जारी की हैं।
इन गाइडलाइन के अंतर्गत ग्रीन जोन में कुछ संस्थानों के खोलने, शराब दुकानों के खोलने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के निर्देश देते हुए सरकार ने लॉकडाउन में थोड़ी ढील दी है। वहीं रेड जोन को पहले की तरह ही लॉक रखा जाएगा। जबकि ग्रीन जोन में आये इलाकों के लिए कुछ ख़ास प्रावधान बनाकर हल्की-फ़ुल्की छूट दी गयी है।
ऑरेंज ज़ोन में पूरे देश में निषिद्ध गतिविधियों के अलावा, बसों की इंटर-डिस्ट्रिक्‍ट (ज़िलों के अंतर्गत यानी अंतर्ज़िला) और इंट्रा-डिस्ट्रिक्ट (अंत:ज़िला) आवाजाही नहीं हो सकेगी।
वहीं इमरजेंसी होने पर टैक्सी और कैब में एक चालक और केवल दो यात्रियों के साथ आवाजाही की अनुमति होगी।
इसके अलावा केवल स्‍वीकृत गतिविधियों के लिए व्यक्तियों और वाहनों की अंतर्जिला आवाजाही की अनुमति दी गयी है। इसमें भी चार पहिया वाहनों में चालक के अलावा अधिकतम दो व्‍यक्तियों को मौजूद रहने की अनुमति होगी।
ऑरेंज ज़ोन में अन्य सभी गतिविधियों को बिना किसी प्रतिबंध के अनुमति दी गयी है।
हालांकि, इस जोन में आने वाले राज्य/ संघशासित प्रदेश अपने आकलन और प्राथमिकताओं के आधार परकम संख्‍या में गतिविधियों की अनुमति देने का विकल्प चुन सकते हैं ।

विश्व लाफ्टर डे पर डाक्टरों ने कहा कि जमकर हंसो और दवा से बचों

आज विश्व लाफ्टर डे के अवसर पर डाक्टरों ने हंसने ओर हंसाने के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि हंसना एक प्रकार का व्यायाम है। और इसका स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पडता है।डाक्टरों का कहना है कि इस समय देश में कोरोना वायरस के कहर के कारण ओर लाँकडाउन होने की वजह से लोगों को घरों में रहना पड रहा है। जिसके कारण तनाव और डिप्रेशन के मामले तेजी से बढ रहे है। ऐसे में तनाव और डिप्रेशन से बचने के लिये हंसने और हंसाने से बढिया कोई अच्छा उपाय भी नहीं है।डाक्टरों का कहना है कि हंसना डिप्रेशन और तनाव से ही छुटकारा नहीं दिलाता है बल्कि इसका पूरा लाभ शरीर के हर अंग को मिलता है।साकेत मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार ने बताया कि दिल की बीमारियों को दूर करने में हंसी का अहम योगदान है। हंसने से शरीर में एडोफिन नामक कैमिकल निकलता है। जिससे दिल मजबूत बनता है और स्वस्थ्य भी रहता है।जिसकी वजह से हार्ट अटैक की संभावना कम रहती है। डाँ विवेका कुमार का कहना है कि हंसने वाले लोगों को हार्ट से संबंधित बीमारियां ना हंसने वालों की तुलना में कम पायी जाती है। हार्ट रोग विशेषज्ञ डाँ के के अग्रवाल का कहना है, कि जो जमकर हंसता है वो दवा खाने से बचता है।उन्होंने बताया कि आज देश में कोरोना के कारण लोगों में एक डर और भय का कारण बना हुआ है।डाँ का कहना है, कि इस संक्रमित बीमारी में साफ – सफाई के साथ – साथ जिस तरीके से सोशल डिस्टेंसिंग के जरिये कोरोना को हराने का प्रयास किया जा रहा है। उसी तरह अगर हम शरीर के इम्यून सिस्टम को हंसकर मजबूत कर सकते है।हंसने से ऐसे हार्मोन का रिसाव होता है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है।

आईएमए के पूर्व संयुक्त सचिव डाँ अनिल बंसल ने बताया कि कोरोना जैसी बीमारी से लडने में इम्युनिटी का होना बहुत जरूरी है।मधुमेह, हाई ब्लड प्रेशर , और हार्ट रोग जैसी बीमारी से पीडित मरीजों को नियमित व्यायाम की जरूरत होती है। उसी प्रकार हंसी भी एक प्रकार का व्यायाम है। इसलिये हंसकर और प्रसन्न रहकर भी तामाम रोगों को हराया जा सकता है। हंसने के शरीर स्फूर्ति आती है जो शरीर को ताकत देती है। डाँ बंसल का कहना है जो दिन में कई बार हंसते है उनको नींद भी अच्छी आती है । जो स्वस्थ्य तन और मन के लिये बहुत जरूरी है।

सरहद के हीरो ने कोरोना योद्धाओं पर बरसाए फूल, उनका आभार जताया

सरहद पर वतन के लिए जान न्यौछावर करने वाले रविवार को एक अलग ही तरह की सेवा पर हैं। आज वे उन योद्धाओं पर फूल बरसा रहे हैं, जो कोरोना की जंग में मैदान में अपनी जान की बाजी लगाकर मैदान में डटे हुए हैं। इन कोरोना योद्धाओं में डाक्टर, सभी स्वास्थ्यकर्मी, सफाईकर्मी और पुलिस कर्मी शामिल हैं।

सेना के तीनों अंगों के जवानों ने रविवार को इन कोरोना योद्धाओं को अलग अंदाज में सम्मानित किया। हेलीकॉप्टर के जरिए उन्होंने अस्पतालों पर फूल बरसाए ताकि इन योद्धाओं का उत्साह वर्धन किया जा सके। जम्मू-कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और महाराष्ट्र से लेकर बंगाल की खाड़ी तक सेना, वायु सेना और नौसेना के जवानों ने स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति फूल बरसाकर जनता की तरफ से आभार प्रकट किया।

वायुसेना ने पूरे देश में फ्लाई पास्ट करके फूल बरसाए और डॉक्टरों, पुलिसकर्मियों और सफाईकर्मियों को धन्यवाद देने के साथ-साथ उनकी हौसला अफजाई की।  पिछले दिनों में डाक्टरों, पुलिस और अन्य पर कुछ आसामाजिक तत्वों की तरफ से हमलों की घटनाएं भी हुई हैं, हालांकि अब इसके खिलाफ सख्त क़ानून बनाया गया है जिसके बाद इन घटनाओं पर रोक लगी है। इस क़ानून में ऐसे लोगों के खिलाफ बहुत सख्त कार्रवाई का प्रावधान है जो हमलों में शामिल होंगे।

रविवार को वायु सेना के हेलीकॉप्टर्स ने फ्लाई पास्ट किया और लेह में जन्म अस्पताल पर फूल बरसाकर स्वास्थ्यकर्मियों के प्रति आभार जताया। यह योद्धा सेना के इस कार्यक्रम से बहुत प्रसन्न उत्साहित दिख रहे हैं। मेघालय की राजधानी शिलांग में भी अस्पताल पर पुष्पवर्षा की गई। बंगाल की खाड़ी में आईएनएस जलशवा ने महामारी के खिलाफ लड़ने वाले डॉक्टरों, नर्सों, अन्य स्वास्थ्य कर्मियों, स्वच्छता कर्मचारियों और पुलिस कर्मियों को सलामी दी।

दिल्ली के सबसे बड़े कोविड-१९ अस्पताल पर भी फूलों की बारिश की गयी। डाक्टरों ने बहार खड़े होकर सेना के तीनों अंगों के इस कार्यक्रम का स्वागत किया। भारतीय नौसेना के अधिकारी मुंबई के कस्तूरबा गांधी अस्पताल भी पहुंचे जहाँ उन्होंने हेल्थ वर्कर का आभार जताया।

बंद रहेंगी मंदिर-मस्जिद, खुली रहेगी मधुशाला

वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से निपटने का तरीका सरकारों को सूझ नहीं रहा है। एक ओर खस्ताहाल अर्थव्यवस्था को सुधारने का दबाव है तो दूसरी ओर ठप पड़े कारोबार को शुरू कर कामगारों को रोजगार दिलाने या उनकी घर वापसी का बड़ा दबाव है। इसी दबाव के चलते मोदी सरकार ने लाॅकडाउन 3.0 में  मजदूरों और कामगारों व छात्रों को घर भेजने के लिए रियायत का ऐलान किया। हालांकि इसमें भी तमाम तरह के किंतु-परंतु लगे हुए हैं।

लाॅकडाउन में रियायतों के लिए सरकार ने देशभर के तमाम इलाकों को तीन जोन-ग्रीन, आॅरेंज और रेड जोन में बांटा है। हालांकि इस पर भी कुछ राज्यों की सरकारों ने सवाल उठाए हैं। खासकर रेड जोन बनाए जाने को लेकर। पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रेड जोन के क्राइटेरिया पर सवाल खड़ा करते हुए सरकार की मंशा पर शक किया। अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी पूरे जिले को रेड जोन घोषित करने को गलत करार दिया है। उन्होंने सरकार से इस पर बदलाव किए जाने का आग्रह किया है।

खास ध्यान देने वाली बात यह है कि ज्यादातर ढिलाई की सुविधाएं ग्रीन और आॅरेंज जोन के क्षेत्रों को दी गई हैं। जहां पर कल यानी 4 मई से तमाम आर्थिक गतिविधियां शुरू हो जाएंगी। इन क्षेत्रों में ई-काॅमर्स के जरिये गैर जरूरी चीजें मसलन-टीवी, ­िफ्रज, कूलर आदि भी आॅनलाइन बुक कर मंगा सकेंगे। नाई की दुकान और सैलून भी खुलेंगे, जिससे खतरे की आशंका भी है। घर, निर्माण व रोड बनाए जाने वाली गतिविधियां तो पहले ही ऐसे इलाकों में शुरू की जा चुकी हैं।

सबसे ज्यादा चैंकाने वाली बात यह है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने छूट दिए जाने को स्पष्ट कर बताया है कि रेड जोन में भी मदिरा की बिक्री की अनुमति प्रदान की गई है। इसके लिए तमाम शर्तें लगाई गई हैं। चूंकि अब लगता है कि सरकार की कमाई कुछ ज्यादा ही सिमट गई है, जिससे उसे ऐसा कदम उठाना पड़ रहा है या फिर बेवड़ों का ज्यादा दबाव? हालांकि इस दरम्यान मंदिर-मस्जिद और गुरुद्वारा जैसे धार्मिक स्थलों पर ताला लगा रहेगा। कोई भी धार्मिक या अन्य भीड़ वाले आयोजन पर पाबंदी बरकरार रहेगी।

कश्मीर में तीन अफसरों सहित ५ जवान शहीद, २ आतंकी भी मारे गए

कश्मीर में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना ने दो आतंकियों को मार गिराया है। हालांकि, इस ऑपरेशन में सेना के दो अधिकारियों और एक पुलिस अधिकारी समेत पांच जवान भी शहीद हो गए हैं।

अभी तक मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक यह मुठभेड़ हंदवाड़ा के चांजमुल्ला इलाके में हुई है। इस मुठभेड़ में साझी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने २ आतंकियों को मार गिराया है। हालांकि, इसमें सेना के एक कर्नल, एक मेजर और दो सेना जवानों के आलावा जम्मू-कश्मीर पुलिस के सब इंस्पेक्टर भी शहीद हो गए हैं।

मारे गए आतंकी जम्मू कश्मीर के नहीं थे। आतंकियों के शवों की पहचान की जा रही है। इस आपरेशन में २१ आरआर के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल आशुतोष शर्मा शहीद  हो गए हैं जो अभी तक कई सफल ऑपरेशन का नेतृत्व करते रहे हैं।

जानकारी के मुताबिक ऑपरेशन में जो सैनिक शहीद हुए हैं उनमें आशुतोष शर्मा के आलावा मेजर अनुज सूद, जेके पुलिस सब इंस्पेक्टर शकील काजी, नायक राजेश, लांस नायक दिनेश (सभी २१ आरआर) शामिल हैं। हंदवाड़ा में कल शाम से मुठभेड़ चल रही थी। सुबह भी वहां  गोलीबारी जारी रही। सेना ने सूचना के बाद इलाके की घेराबंदी कर दी थी और आतंकियों के एक ठिकाने को विस्फोट से उड़ा दिया था। ब्लास्ट के बाद घर में आग लग गई।

पहले खबर आई थी कि हंदवाड़ा के छानमुल्‍ला इलाके में आतंकियों ने कुछ अफसरों को बंधक बना लिया और उनकी हत्‍या कर दी। हालांकि अधिकारी सुरक्षित निकल आए थे।