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महबूबा मुफ्ती की हिरासत तीन महीने के लिए बढ़ाई

पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती की नागरिक सुरक्षा क़ानून (पीएसए) के तहत हिरासत को तीन और महीने बढ़ा दिया गया है। जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने और उसका विघटन करने से पहले जब प्रदेश में लोकप्रिय सरकार थी उसमें भाजपा पीडीपी की ही सहयोगी थी।

वैसे दो पूर्व मुख्यमंत्रियों एनसी के फारूक अब्दुल्ला और उनके बेटे उमर अब्दुल्ला को पिछले महीने से जेल से रिहा कर दिया गया था। उनके ऊपर लगाया गया पीएसए को भी वापस ले लिया गया था।

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की प्रमुख महबूबा मुफ्ती पिछले साल ५ अगस्त से कैद में हैं। इस साल के शुरू में उनपर अन्य नेताओं की तरह पब्लिक सेफ्टी एक्ट लगाया गया था। अगस्त २०१९ में में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के केंद्र के फैसले से पहले मुफ्ती को अन्य नेताओं के साथ ही हिरासत में लिया गया था।

सरकार ७ मई से भारतीयों को विशेष फ्लाइट्स के जरिये विदेश से लाएगी

विदेशों में फंसे भारतीयों को लाने के लिए सरकार ७ से १३ मई के बीच ६४ उड़ानें संचालित करेगी। इनके जरिये करीब १४,८०० भारतीय वापस लाए जाएंगे। इनमें लंदन से दिल्ली का किराया ५० हजार रुपए जबकि ढाका से दिल्ली का १२ हजार रुपए होगा।

पहले दिन ७ मई को ९ देशों से २३०० लोग कोच्चि, कोझिकोड, मुंबई, दिल्ली, हैदराबाद, अहमदाबाद और श्रीनगर पहुंचेंगे। दूसरे दिन ८ देशों से करीब २०५०  भारतीय चेन्नई, कोच्चि, मुंबई, अहमदाबाद, बेंगलुरू और दिल्ली आएंगे। तीसरे दिन ९  देशों से २०५० भारतीय मुंबई, कोच्चि, त्रिची, हैदराबाद, लखनऊ और दिल्ली आएंगे।

चौथे दिन ८ देशों से १८५० लोग त्रिवेंद्रम, कोच्चि, चेन्नई, त्रिची, मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद पहुंचेंगे। पांचवें दिन ९ देशों से २२०० लोग कोच्चि, कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, अहमदाबाद, श्रीनगर और बेंगलुरू आएंगे। छठे दिन १० देशों से २५०० लोग हैदराबाद, दिल्ली, बेंगलुरू, श्रीनगर, अहमदाबाद और कोच्चि पहुंचेंगे जबकि सातवें दिन आठ देशों से १८५० लोग कोझिकोड, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद और अमृतसर आएंगे।

इन लोगों के भारत लौटने के लिए ये शर्तें जरूरी होंगी – लोगों को अपने खर्च पर कोरोना का टेस्ट कराना होगा और भारत आने से पहले टेस्ट सर्टिफिकेट अपने पास रखना होगा। सभी लोगों को प्लेन का किराया खुद ही देना होगा और वापसी के बाद १४ दिन तक क्वारैंटाइन रहना होगा। क्वारैंटाइन में रहने में आने वाला खर्च भी यात्रियों को ही देना होगा और सभी को आरोग्य सेतु ऐप डाउनलोड करना होगा।

दिल्ली के आरआर अस्पताल में सशस्त्र बलों के सेवारत और सेवानिवृत कर्मियों समेत २४ लोग कोविड-१९ संक्रमित  मिले

कोविड-१९ का दायरा बढ़ता जा रहा है। अब दिल्ली के आर्मी रिसर्च एंड रेफरल (आरआर) अस्पताल में सशस्त्र बलों के सेवारत और सेवानिवृत कर्मियों समेत २४ लोग कोविड-१९ वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। इसके बाद अस्पताल के अन्य मरीजों को क्वारंटाइन कर दिया गया है और पूरे अस्पताल को सैनिटाइज किया गया है।
उधर दिल्ली में सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात इंडो-तिब्बतन बॉर्डर पुलिस (आईटीबीपी) के ४५ जवानों में भी कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। इनमें से ४३ दिल्ली की आंतरिक सुरक्षा जबकि दो दिल्ली पुलिस की कानून व्यवस्था ड्यूटी पर तैनात थे।
उधर सेना ने आधिकारिक जानकारी दी है कि अब तक तीनों सेवाओं के ९८ लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं। इनमें सेवारत, सेवानिवृत्त जवान और उनके परिवार के लोग शामिल हैं। अब तक ४२ जवानों और उनके परिवार के सदस्यों को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है।
सेना प्रवक्ता कर्नल अमन आनंद ने कहा – ”ऑन्कोलॉजी विभाग से सेना के अस्पताल (अनुसंधान और रेफरल) में भर्ती किए गए सेवारत, सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों और आश्रितों सहित २४ लोगों को कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। इन सभी को दिल्ली कैंट के बेस अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया है।”

सीबीएसई 10वीं के बचे पेपर देशभर में नहीं होंगे

लॉकडाउन के कारण सीबीएसई बोर्ड की 10वीं की परीक्षाओं को लेकर असमंजस मंगलवार स्पष्ट हुआ। मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर साफ किया है कि बोर्ड परीक्षा उत्तर पूर्वी दिल्ली के अलावा कहीं और नहीं होगी।
दंगा प्रभावित दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले के अलावा देश में कहीं भी दसवीं बोर्ड की परीक्षा नहीं होगी। ट्वीट में एमएचआरडी मंत्री ने कहा है कि परीक्षाओं से पहले छात्रों को तैयारी के लिए दस दिन का समय दिया जाएगा।
सीबीएसई सच‍िव अनुराग त्रिपाठी ने बताया था कि अभी 10 वीं बोर्ड परीक्षा में केवल 1-2 परीक्षाएं बची  हैं। इसके लिए हम पहले से ही लिए गए एग्जाम का इंटरनल एसेसमेंट करेंगे, जिसमें हम बचे हुए एग्जाम के लिए एवरेज और अन्य फॉर्मूले से रिजल्ट जारी किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि मूल्यांकन का 70% काम अभी भी लंबित है, क्योंकि कुछ राज्यों ने मूल्यांकन शुरू ही किया था।
बता दें कि नीट और जेईई जैसी परीक्षाओं को लेकर मंगलवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ छात्रों से लाइव चैट के जरिये रूबरू हुए। एक छात्र ने सवाल किया कि‍ क्या उन्हें वो परीक्षा भी दोबारा देनी होगी ज‍िसे वो पहले भी दे चुके हैं, इसके जवाब में मंत्री ने कहा कि नहीं अब सिर्फ बची हुई परीक्षाएं ही होंगी। एक दो दिन में शेड्यूल तय कर लेंगे। पढ़ाई के लिए 10 दिन का वक़्त मिलेगा।

इंजीनियरिंग की जेईई-मेन्स परीक्षा १८-२३ और मेडिकल की नीट परीक्षा २६ जुलाई को, एचआरडी मंत्री पोखरियाल का ऐलान

लॉक डाउन के चलते लटकी पड़ी परीक्षाओं, जिनमें प्रतियोगी परीक्षाएं भी शामिल हैं,को लेकर कुछ धुंध छंटने लगी है। जेईई, एनईईटी को लेकर मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने मंगलवार को कहा कि इंजीनियरिंग संकाय में प्रवेश के लिए जेईई-मेन्स परीक्षा १८-२३ जुलाई जबकि मेडिकल संकाय में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा का आयोजन २६ जुलाई को किया जाएगा।
यहाँ यह बताना गौरतलब है कि लॉक डाउन के कारण कई स्कूली, कालेज और प्रतियोगी परीक्षाएं आधर में लटकी हुई हैं। इनमें जेईई मेन्स और नीट भी शामिल हैं।  हालांकि, मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को इन परीक्षाओं की तिथियों की घोषणा करते हुए बताया है कि इंजीनियरिंग संकाय में प्रवेश के लिए जेईई-मेन्स परीक्षा का आयोजन १८ से २३ जुलाई के बीच जबकि मेडिकल संकाय में प्रवेश के लिए नीट परीक्षा २६ जुलाई को आयोजित होगी।
निशंक ने आगे बताया कि जेईई-मेन्स परीक्षा जेईई-एडवांस्ड परीक्षा अगस्त में होगी।  उन्होंने कहा कि १०वीं और १२वीं की सीबीएसई बोर्ड परीक्षाओं के लंबित विषयों की परीक्षा पर भी जल्दी ही फैसला किया जाएगा।
उधर जानकारी मिली है कि सीबीएसई परीक्षा के लिए गाइडलाइंस तैयार कर ली गयी हैं और इसी हफ्ते इनकी घोषणा की जा सकती है। इस बीच दो बार छात्रों से संवाद करने वाले मंत्री पोखरियाल ने कहा है कि सीबीएसई परीक्षा तिथियों पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय जल्द घोषणा करेगा। साथ ही उन्होंने छात्रों को दीक्षा पोर्टल का उपयोग करने का भी सुझाव दिया है। उन्होंने कहा – ”ये पोर्टल विभिन्न परीक्षा और विभिन्न भाषाओं का संगम है। इसमें इंटरैक्टिव पाठ्यक्रम है। खासकर लॉकडाउन के तहत छात्रों को ई-सामग्री का उपयोग करना चाहिए।”
कॉलेज खोले जाने को लेकर संवाद के दौरान एक छात्र ने जब उनसे सवाल पूछा तो पोखरियाल ने कहा – ‘यूजीसी कैलेंडर में एक जुलाई से कॉलेज की परीक्षा आयोजित करने और अगस्त में नया सत्र शुरू करने का सुझाव दिया गया है। कोविद १९ के कारण शैक्षणिक कार्यक्रम देर से शुरू होगा, इसलिए राज्य बोर्ड को शैक्षणिक सत्र शुरू करने के लिए पाठ्यक्रम को कम करने के लिए कहा गया है।”

सैन्य सम्मान के साथ शहीद मेजर अनुज सूद का पंचकूला में नम आँखों के बीच संस्कार  

कश्मीर के हंदवाड़ा में आतंकवादियों से लड़ते हुए शहीद हुए मेजर अनुज सूद का  मंगलवार को पंचकूला में पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। उन्हें अंतिम विदाई देते हुए हर आंख नम थी। उनकी बहन हर्षिता भी सेना में अधिकारी हैं।

मेजर सूद रविवार को कश्मीर में कुपवाड़ा जिले के हंदवाड़ा में आतंकवादियों से  मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। अनुज की पार्थिव देह सोमवार दोपहर श्रीनगर से यहां लाई गयी थी। हालांकि, उनका अंतिम संस्कार आज किया गया।

तिरंगे में लिपटी उनकी पार्थिव देह को सेना के वाहन में पंचकूला में उनके घर से मनी माजरा स्थित शमशान घाट ले जाया गया। अंतिम संस्कार से पहले, शहीद मेजर के पार्थिव शरीर पर सेना के सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारियों ने पुष्पांजलि अर्पित की।

बंदूकों से सलामी के बाद उनकी पार्थिव देह को ”भारत माता की जय” और ”मेजर अनुज अमर रहे” के नारों के बीच पिता ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद (सेवानिवृत्त) ने चिता को मुखाग्नि दी। सेना के वरिष्ठ अधिकारी और मेजर सूद की पत्नी, पिता, बहन समेत परिवार के सदस्य दाह संस्कार के दौरान उपस्थित थे।

पिता ब्रिगेडियर चंद्रकांत सूद (सेवानिवृत्त) ने कहा कि उन्हें बेटे के सर्वोच्च बलिदान पर फख्र है। उन्होंने कहा कि वह राष्ट्र का सच्चा बेटा था। शहीद अनुज की बहन हर्षिता भी सेना में अधिकारी हैं।

राहुल गांधी से बातचीत में नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी की कोरोना मदद के लिए देश में केंद्रीकृत की जगह सामुदायिक ढांचा अपनाने की सलाह

लॉक डाउन के बीच भी लगातार सक्रिय कांग्रेस नेता राहुल गांधी कोरोना को लेकर मंगलवार को नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत की। इस बातचीत में राहुल ने इस महामारी से निबटने को लेकर कई तरह की जानकारी ली। राहुल हाल के दिनों में मजदूरों के अपने गृह राज्यों को जाने के लिए रेल किराये लेने के सरकार के फैसले का विरोध करने से लेकर मजदूरों-गरीबों को सुविधाएँ देने तक के मुद्दे उठा चुके हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले जाने माने आर्थिक विशेषज्ञ और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से भी बातचीत की थी।

नोबेल विजेता अभिजीत बनर्जी से बातचीत के दौरान गांधी ने कई सवाल पूछे जिसमें एक यह भी था कि दुनिया में ऐसे कौन-से देश हैं, जिनकी नीति से हमें लाभ मिल सकता है या या जिसे हम अपना सकते हैं। बनर्जी ने इसके जवाब में इंडोनेशिया का एक उदाहरण दिया। गांधी से बनर्जी ने कहा कि इस वक्त इंडोनेशिया लोगों को पैसा देने जा रहा है और यह सब कम्युनिटी स्तर पर फैसला लेने की प्रक्रिया के तहत हो रहा है।

इस बातचीत में सबसे अहम बात बनर्जी ने यह कही कि सरकार नहीं, बल्कि समाज तय कर रहा है कि जरूरतमंद कौन है जिसके बाद उसे पैसा ट्रांसफर किया जा रहा है। बनर्जी ने कहा – ”हमने इंडोनेशिया सरकार के साथ कार्य किया है और जाना कि  यह प्रक्रिया केंद्रीकृत प्रक्रिया के मुकाबले कहीं बेहतर है। इससे आप किसी खास हित को सोचे बिना फैसला लेते हो। यहां स्थानीय स्तर पर लोग ही तय कर रहे हैं कि क्या सही है। मैं समझता हूं कि यह एक अनुभव है जिससे हम सीख सकते हैं। उन्होंने कम्युनिटी को बताया कि देखो पैसा है, और इसे उन लोगों तक पहुंचाना है जो जरूरतमंद हैं।”

राहुल गांधी ने इस मुद्दे को आगे बढ़ाते हुए आशंका जताई कि भारत में प्रभावशाली जातियां या लोग इसका गलत फायदा उठा सकते हैं जिससे जरूरतमंद वंचित रह जायेंगे। राहुल की इस आशंका पर बनर्जी ने कहा कि यह जरूर हो सकता है, लेकिन ऐसी स्थिति से बचने के लिए हमें एक व्यवस्था बनाकर काम करना होगान। साथ ही  कुछ सरप्लस राशि रखनी होगी ताकि यह सही जरूरतमंद तक पहुंच सके।

बनर्जी ने कहा कि वर्तमान हालत को देखते हुए इस तरह का रिस्क लेना पड़ेगा। उनके मुताबिक वर्तमान हालत में यह अच्छी नीति है क्योंकि समाज के पास केंद्रीकृत सत्ता से कहीं ज्यादा सूचनाएं और जानकारियां होती हैं। यह जानकारियां लाभकारी साबित हो सकती हैं।

याद रहे इससे पहले राहुल गांधी ने जाने माने आर्थिक जानकार और आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से भी बातचीत की थी।

शहीद कर्नल आशुतोष को नम आंखों से विदाई

जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में देश के दुश्मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए  कर्नल आशुतोष शर्मा को मंगलवार सुबह राजस्थान के जयपुर में नाम आँखों, ”अमर  हो” और ”भारत माता की जय” के नारों के बीच अंतिम विदाई दी गयी। इस मौके पर शहीद के परिजन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और अन्य उपस्थित थे।

सोमवार शाम कश्मीर से कर्नल आशुतोष की पार्थिव देह एयरपोर्ट पहुँचने पर शहीद  पत्नी पल्लवी, बेटी तमन्ना, भाई पीयूष और माता भी पहुंचे थे। कश्मीर के हंदवाड़ा में एक मुठभेड़ में रविवार को शहीद हुए सेना की २१ राष्ट्रीय राइफल्स (आरआर) के कमांडिंग अफसर कर्नल आशुतोष शर्मा की पार्थिव देह पर पुष्प अर्पित कर सेना परिसर में श्रद्धांजलि दी गई। बाद में हसनपुरा-खातीपुरा रोड स्थित ६१ कैवेलरी के ग्राउंड में श्रद्धांजलि के बाद अजमेर रोड स्थित पुरानी चुंगी मोक्षधाम में उनका अंतिम संस्कार किया गया।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शहीद को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने आशुतोष की पार्थिव देह को पुष्पचक्र अर्पित किया। इस दौरान सेना के तमाम अधिकारी मौके पर मौजूद रहे। आशुतोष की पार्थिव देह सोमवार को जयपुर पहुंची थी। एयरपोर्ट से इसे आर्मी अस्पताल ले जाया गया। कश्मीर में मौसम खराब होने से पार्थिव देह देरी से जयपुर पहुंची जिससे उनका अंतिम संस्कार सोमवार को नहीं किया जा सका।

शहीद कर्नल आशुतोष शर्मा को अंतिम विदाई देते हुए हर आंख नम हो गयी। अंतिम विदाई के समय उनकी मां, पत्नी और बेटी शामिल रहे। उन्होंने बिना रोये, गर्व के साथ वीर सैनिक को विदाई दी।

कश्मीर में ३ सीआरपीएफ जवान शहीद

वारदातों में तेजी लाते हुए आतंकियों ने कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में सोमवार को सीआरपीएफ के तीन जवानों को शहीद कर दिया। आतंकियों ने सीआरपीएफ की पेट्रोलिंग पार्टी पर हमला कर दिया जिसमें यह जवान शहीद हो गए जबकि एक आतंकी के भी मारे जाने की खबर है।
पिछले ४८ घंटों में सुरक्षा बालों के तीन अधिकारी और पांच जवान शहीद हुए हैं। आज की घटना कुपवाड़ा जिले की है जहाँ आतंकियों ने सीआरपीएफ की टीम पर हमला कर दिया। जानकारी के मुताबिक, आतंकियों के एक दल ने सोमवार शाम काजियाबाद में पट्रोलिंग ड्यूटी पर जा रहे सीआरपीएफ के इस काफिले पर फायरिंग शुरू कर दी।
जानकारी के मुताबिक सुरक्षाबलों ने जवाबी कार्रवाई की जिसमें एक आतंकी को मार गिराया गया। मुठभेड़ में हालाँकि सीआरपीएफ के तीन जवान शहीद हो गए।  कुपवाड़ा के एलओसी पर पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से सटे होने के कारण इसे आतंकियों का गढ़ मन जाता रहा है।

गहरी पीड़ा और ग़म

प्रख्यात कवि जॉन डन ने एक बार कहा था, ”महान लोग खामोशी से गुजर जाते हैं।”

हंदवाड़ा मुठभेड़ में देश ने अपने पांच वीर खो दिए हैं – कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नाइक राजेश, लांस नायक दिनेश और सब-इंस्पेक्टर शकील काज़ी। एक बहुत ही गंभीर और विचलित कर देने वाली खबर।

अफसोस की बात है कि अभिनेता इरफान खान और ऋषि कपूर के निधन की खबर आते ही कुछ ही मिनट के भीतर, सोशल मीडिया ”रेस्ट इन पीस” (आपकी आत्मा को शांति मिले) के संदेशों से भर गया। इसमें व्हाट्सएप स्टेटस, फेसबुक टाइमलाइन पोस्ट्स, ट्वीट्स, इंस्टा स्टोरीज और क्या-क्या शामिल नहीं थे। जबकि हंदवाड़ा मुठभेड़  कई घंटे पहले शुरू हो गयी थी, जिसमें हमने अपने पांच सैनिक खो दिए, लेकिन मुझे अभी तक कोइ भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर ”आरआईपी” डालते नहीं दिखा। यह हमारे देशवासियों की गलत प्राथमिकताओं की तरफ संकेत करता है।

बड़े मीडिया घराने भी इसी गलत सोच के शिकार हैं। उन्होंने पूरे दिन बॉलीवुड सितारों की मौत की खबर चलाई, जबकि सैनिकों की शहादत की खबर एकाध बार चलाकर भूल गए। जनता वही देखती है जो उसे परोसा जाता है, और टीवी चैनल वही दिखाते हैं, जो जनता को भाता है। इसलिए मेरी प्रिय जनता, आप देखने की आदतें बदलें, समाचार एजंसियां खुद ही बदल जाएंगी।

कर्नल आशुतोष शर्मा, मेजर अनुज सूद, नाइक राजेश, लांस नायक दिनेश और सब-इंस्पेक्टर शकील काज़ी, हम 14.5 लाख वर्दीधारी जवानों के साथ इस कठिन घड़ी में आपके परिवार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े हैं। आपकी अनश्वर आत्मा देशवासियों के आशीर्वाद या इसके बिना स्वर्ग जा रही है। आपकी आत्मा निश्चित ही शांति में होगी, क्योंकि आपके बलिदान की तुलना में और कोइ बड़ा बलिदान नहीं।

प्रिय भारतीयो ! अभिनेता आएंगे, आपका मनोरंजन करेंगे, करोड़ों कमाएंगे, अपने परिवार के भविष्य को सुरक्षित करेंगे और फिर पूरा जीवन जीने के बाद चले जाएंगे। एक विचार इन सैनिकों के लिए अपने मन में पैदा करो, जो अपनी उम्र के 20वें, 30वें या 40वें वर्ष में ही हैं और अपने परिवारों को बिलखता छोड़ गए हैं। हम इस तथ्य के अभ्यस्त हो गए हैं कि उनकी नियती ही मर जाना है। सच्चाई यह है कि इन वर्षों में हम इस सोच के आदी हो गए हैं।

आप मेरा विश्वास करें, आप एक महीने (लॉकडाउन) से अधिक समय तक बिना किसी एक फिल्म के रिलीज हुए जिए हैं, लेकिन यदि अग्रिम पंक्ति के यह योद्धा सीमा पर न हों, आप एक दिन भी नहीं रह पाएंगे। इससे पहले कि बहुत देर हो जाये, रील लाइफ और रियल लाइफ के हीरो के बीच अंतर को पहचानने की कोशिश करें !