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पीएम ने कहा, लॉक डाउन से गरीबों को हुई दिक्कतों के लिए माफी चाहता हूँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को लॉक डाउन से लोगों, खासकर गरीबों के लिए पैदा हुई कठिनाइयों के लिए माफी माँगी है। ”मन की बात” में मोदी ने देशवाशियों से कहा कि कोरोना वायरस से मुकाबले के लिए कुछ ऐसे फैसले करने पड़े हैं जिनसे देशवासियों को तकलीफ उठानी पड़ रही है। हालांकि, पीएम ने कहा कि लॉक डाउन आपको बचाने के लिए लगाया गया है।
पीएम ने कहा कि कुछ फैसलों की वजह से जनता को परेशानी आ गई है और खासकर गरीबों को दिक्कत हुई है। मोदी ने कहा – ”मुझे मालूम है कि आपमें से कुछ हमें नाराज भी होंगे, लेकिन कोरोना से लड़ने के लिए ये कदम जरूरी थे। कोरोना वायरस इंसान को मारने की जिद ले बैठा है। लॉक डाउन आपको बचाने के लिए है।”
मोदी ने कहा दुनिया के बड़े देश भी कोरोना वायरस के सामने बेबस से दिख रहे हैं। ऐसे में घर में रहकर लोग अपने और देश के लिए बड़ा योगदान दे सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड 19 से लड़ाई कठिन है। मोदी ने कहा – ”मैं समझता हूं कि कोई जान बूझकर कानून नहीं तोड़ना चाहता लेकिन कुछ लोग ऐसा कर रहे हैं। मैं ऐसे लोगों से कहना चाहता हूं कि अगर वे लॉकडाउन का पालन नहीं करते हैं तो इस बीमारी का सामना करना मुश्किल होगा।”
पीएम ने कहा कि लॉकडाउन को न मानने वाले लोग अपनी जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं। कहा कि कोरोना के खिलाफ जंग लड़ रहे हमारे जो फ्रंटलाइन सोल्जर हैं उनसे आज हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है। पीएम ने कहा – ”डॉक्टर, नर्स, मेडिकल स्टाफ से हमें सीखने की जरूरत है। कोरोना को हराने वाले साथियों से हमें प्रेरणा लेने की जरूरत है।”
मन की बात में मोदी ने ऐसे लोगों से भी बात की जो इस जानलेवा वायरस के संक्रमण में आए और इलाज करवाकर ठीक हुए। इन सभी लोगों ने आईसोलेशन के दौरान उन्हें मिली बेहतर सुविधा और डाक्टरों-नर्सों के अच्छे सहयोग और बर्ताव की खूब  तारीफ़ की।

केरल में कोरोना से पहली मौत, अब तक देश में २१ की जान गयी

भारत में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या २१ हो गयी है। केरल में वायरस से पहली जान गयी है। राज्य के एर्नाकुलम मेडिकल कॉलेज अस्पताल में इलाज करा रहे
पीड़ित (६९ साल) की शनिवार को मौत हो गई। देश भर में अब ८३० लोग संक्रमण से ग्रस्त हैं। इस बीच ट्रेनों को अस्थाई आईसोलेशन केंद्र बनाने की तैयारी शुरू हो गयी है। उधर दुनिया भर में अब तक २७,६७७ लोगों को कोरोना ने लील लिया है।
जनवरी ३० से लेकर अब तक कुल आये ९३३ मरीजों में ८४ स्वस्थ हो चुके हैं। आधिकारिक वेबसाइट covid19india.org के मुताबिक केरल में पहली मौत हुई है जबकि महाराष्ट्र में अब तक ४ लोगों की जान गयी है। कर्णाटक और गुजरात में ३-३ लोग इस वायरस  हैं। हालांकि अच्छी खबर यह है कि जनवरी से अब तक ८४ लोग संक्रमण से बाहर निकलकर स्वस्थ हो चुके हैं।
सरकार की तरफ से लॉक डाउन की घोषणा के बाद लोगों के घर में ही रहने के अच्छे नतीजे निकलने की संभावना है, हालांकि देश में अभी बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनके टेस्ट नहीं हुए हैं और जो विदेश से यहाँ आये हैं। इनमें बड़ी संख्या में एनआरआई भी शामिल हैं।

दुनिया में २७,६७७ की मौत
उधर दुनिया भर में कोरोना संक्रमितों की संख्या ६०७,२३९ हो गयी है। नमन से २७,६७७ की मौत हो गयी है जबकि १३४,२८८ रोग से लड़कर जीत गए हैं और अब स्वस्थ हैं। अमेरिका में मरने वालों की संख्या अब १,७०४ हो गयी है जबकि इटली में ९,१३४, चीन में ३,२९५, स्पेन में ५,१३८, ईरान में २,५१७, इंग्लैंड में ७५९, जर्मनी में ३९५, बेल्जियम में ३५३ लोगों की जान चली गयी है।

व्यवस्था की दरकार, भूखे पेट कैसे, कहां रुकें लाचार

रेवाड़ी। हरियाणा के रेवाड़ी स्थित जैन गर्ल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल में पुलिस वालों ने 100 से अधिक लोगों को बन्धक बनाकर रखा हुआ है। जबकि केंद्र सरकार के निर्देशों के अनुसार एक स्थान पर चार से अधिक लोगों को नहीं रखा जा सकता। ये लोग हरियाणा में या दैनिक मज़दूरी करते थे या फिर छोटी-मोटी प्राइवेट नौकरी। इस बारे में तहलका ने हरीश (बदला हुआ नाम) से बातचीत की। उन्होंने बताया कि वे और उनके साथी गुड़गाँव में नौकरी करते थे। क़रीब पाँच-छः दिन से उनका मकान मालिक उन्हें घर से जबरन निकाल रहा था, जबकि उन्होंने महीने भर का एडवांस किराया भी उसे दे रखा था। जब उन्हें मकान मालिक ने बहुत तंग कर दिया, तब मजबूरन वे लोग 27 मार्च की रात को उत्तर प्रदेश (अपने घर) की ओर कूच कर गये। इन लोगों और रास्ते में मिले कुछ अन्य लोगों को कुछ पुलिसकर्मियों ने एक दूध के टैंकर में बैठा दिया, जो कि पलवल तक जा रहा था। लेकिन रास्ते में रेवाड़ी पुलिस ने इस टैंकर को रोक लिया और टैंकर चालक की जमकर पिटाई कर दी। इसके बाद टैंकर में सवार सभी 40 लोगों को नीचे उतारकर वहाँ के जैन गर्ल्स सीनियर सैकण्डरी स्कूल में क़ैद कर दिया। इस स्कूल में पहले से ही कोई 25-30 लोग मौज़ूद थे।

28 मार्च की दोपहर तक बातचीत के मुताबिक पुलिस वाले इस स्कूल में इसी तरह के लाचार लोगों को भरते जा रहे थे। और अगर इन पुलिस वालों से कोई कुछ कह रहा है, तो उसे पीटने की धमकी दे रहे हैं। सवाल यह उठता है कि जब सरकार ने एक जगह चार से अधिक लोगों को इकट्ठा न करने और लोगों में कम-से-कम एक मीटर का फ़ासला बनाये रखने के आदेश दिये हैं, तब पुलिसकर्मी एक साथ सैकड़ों लोगों को एक जगह किस आधार पर रख रहे हैं? दूसरा, पुलिसकर्मी इन लोगों को इनके घर पहुँचाने का इंतज़ाम क्यों नहीं कर रही है? क्या हरियाणा पुलिस प्रशासन केंद्र सरकार के आदेश को नहीं मानता? क्या हरियाणा पुलिस कोरोना वायरस फैलाने का काम नहीं कर रही? क्या पुलिस को इस विपत्ति की घड़ी में लाचार और भूखे लोगों पर अत्याचार करने की परमीशन हरियाणा सरकार दे रही है? इस मामले की सूचना तहलका पत्रिका के समाचार संपादक पंडित प्रेम बरेलवी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और हरियाणा पुलिस के ट्वीटर अकाउंट पर उन्हें दी है। यह इसलिए भी क्योंकि हो सकता है कि पुलिस के आला अधिकारियों और हरियाणा सरकार को इस बात की सूचना ही न हो कि उनकी पुलिस मजबूर लोगों के साथ इस तरह का व्यवहार कर रही है। तहलका भी हरियाणा के मुख्यमंत्री और हरियाणा पुलिस से अपील करती है कि या तो लॉकडाउन तक इन लोगों के ठीक से रहने की व्यवस्था की जाए या इन्हें सुरक्षित इनके घर छोड़ा जाए।

28 मार्च को रेवाड़ी सिटी थाने में इस बाबत पंडित प्रेम बरेलवी ने बातचीत की, जहाँ से रेवाड़ी सिटी थाने के इंस्पेक्टर राजदीप सिंह का मोबाइल नंबर प्राप्त हुआ। कई बार सम्पर्क करने के बाद 2 बजकर 17 मिनट पर उनसे बातचीत हो पायी।

उनसे जब पूछा गया कि आपके क्षेत्र के जैन गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सैकड़ों लोगों को क्यों इकट्ठा कर रखा है? जबकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन और कोरोना वायरस के फैलने की आशंका के मद्देनज़र एक जगह 3-4 लोगों से अधिक को नहीं रखा जा सकता। उन्होंने कहा कि हमने एक-एक कमरे में 3-4 लोगों को रखा है और उनके खाने-पीने की उचित व्यवस्था भी की गयी है। उनके संज्ञान में लाया गया कि इनमें से अनेक लोग वे हैं, जिन्हें मकान मालिकों ने भगा दिया। राजदीप सिंह ने कहा कि वे मकान मालिक अपने किरायेदारों को भगा रहे हैं, जिनके मकान में एक-एक कमरे में 8-8, 10-10 लोग रह रहे थे। जबकि मकान मालिक द्वारा निकाले गये एक युवक ने बताया कि वे तीन लोग ही एक कमरे में रहते थे, जिनमें से दो पहले ही घर चले गये थे। मकान मालिक को किराया भी पहले ही एडवांस दिया जा चुका था, तब भी उसने इस युवक को रहने नहीं दिया। दूसरा, वे लोग जो अपने परिवार के साथ किराये पर रहते थे, उनके परिवार में शायद ही 8-10 लोग हों; फिर उन्हें क्यों नहीं रहने दिया गया? आख़िर 21 दिन की ही तो बात थी। हालाँकि, इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि कुछ लोग घबराकर और कुछ खाने-पीने का इंतजाम न होने के चलते भी अपने घर को रवाना हुए होंगे।
जब इंस्पेक्टर राजदीप सिंह से पूछा गया कि क्या वह इन लोगों को सुरक्षित इनके घर भेजने की व्यवस्था कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि इसमें अनेक महिलाएँ और छोटे बच्चे हैं। वे 900 किलोमीटर पैदल जाएँगे, यह अच्छा है या यहाँ पर सुरक्षित रहना? यह कहते हुए राजदीप सिंह ने फोन काट दिया…!

भारत के लिए गुड न्यूज : गर्मी में कम होगा कोरोना का असर

दुनिया भर में कोरोना वायरस के संक्रमण से हाहाकार मचा है। अब तक इससे 27 हजार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी 800 से ज़्यादा पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इस बीच, भारत और गर्म इलाके वाले देशों के लिए अच्छी खबर आई है।
अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में रिसर्च की। वैज्ञानिकों का कहना है कि कोविड 19 के 90 फीसदी मामले ऐसे देशों या इलाके से सामने आये हैं जहाँ का तापमान 3 से 18 डिग्री सेल्सियस के बीच का है। पूरा यूरोप इसकी चपेट में है। बाकी 10 फीसदी मामले 18 डिग्री से ऊपर के तापमान वाले देशों के हैं। इस लिहाज से भारत में फिलहाल बारिश और पहाड़ों पर बर्फबारी के चलते मौसम ने करवट ले ली है, तो पारा गिरा हुआ है। वर्ना इन दौरान तो सूरज अपनी धौंस दिखाने लगता है।
अगले हफ्ते यानी अप्रैल के शुरुआत में सूरज चाचू के तेवर चढ़ते ही पर 36 डिग्री के करीब पहुंचने का अनुमान है। इसके बाद वायरस का असर भारत में कम हो सकता है। ये तो पहले से ही कहा जा रहा था कि गर्मी में इनका असर कम हो सकता है, पर अब रिसर्च ने इस पर मुहर लगा दी है।
अब अमेरिका में बरपा रहा कहर
दुनियाभर में अब तक संक्रमण के 6 लाख मामले आ चुके हैं। संक्रमित मामलों में सबसे ताकतवर देश अमेरिका शीर्ष पर पहुंच गया है। चीन के बाद इटली, फिर स्पेन और अब अमेरिका में कोरोना तेजी से कहर बरपा रहा है। यहां रोज़ाना संक्रमित और मृतकों की तादाद नए रिकॉर्ड बना रही है। पिछले 24 घण्टे में ही 400 लोगों की मौत हो चुकी है। सबसे ज़्यादा प्रभावित इलाक़ा न्यूयॉर्क है। चीन के  80 हज़ार के आंकड़ों को पार कर अमेरिका में 1 लाख से अधिक लोग अब तक पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं।

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति ने लिया कोविड-19 से निपटने की तैयारी का जायज़ा

कोरोना वायरस (कोविद-19) अभी भी काबू में नहीं आ रहा है। इसे देखते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने 27 मार्च को सभी राज्यों के राज्यपालों, उपराज्यपालों और प्रशासकों से एक वीडियो कॉन्फ्रेंस के ज़रिये बातचीत की। इस बातचीत में कोविड-19 के प्रकोप से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों का सामना करने में भारत सरकार और राज्य सरकारों के प्रयासों को पूरा करने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया। वीडियो कॉन्फ्रेंस का आयोजन उप राष्ट्रपति द्वारा किया गया।

इस सम्मेलन की शुरुआत राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने की। उन्होंने समाज की सामूहिक ताक़त का आह्वान करते हुए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों, उपराज्यपालों और प्रशासकों से आग्रह किया कि वे इस ख़तरे को नियंत्रित करने के लिए जल्द-से-जल्द इंडियन रेडक्रॉस सोसायटी, स्वैच्छिक और धार्मिक संगठनों को लामबंद करें। राष्ट्रपति कोविंद और उप राष्ट्रपति नायडू ने आशा व्यक्त की कि भारतीय समाज में अंतर्निहित ‘साझेदारी और देखभाल’ की ताक़त और सरकार के उपायों के माध्यम से समाज के सबसे कमज़र वर्गों, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्रों के कामगारों और बेसहारा लोंगो की तकलीफ़ों को कम किया जा सकेगा। इस वीडियो-कॉन्फ्रेंस में 14 राज्यपालों और दिल्ली के उप राज्यपाल को अपने प्रदेशों से प्राप्त अनुभवों को साझा करने के लिए शॉर्टलिस्ट किया गया। क्योंकि ये क्षेत्र इस महामारी की चपेट में सबसे ज़्यादा हैं।

कॉन्फ्रेंस पूरे देश में लॉकडाउन के दौरान लोगों की ख़राब स्थिति में कमी लाने के लिए विभिन्न राज्यों द्वारा शुरू की गये उपायों के बारे में बताया गया। साथ ही राज्यों में कोविड-19 की स्थिति, कमज़ोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित करते हुए रेडक्रॉस की भूमिका और नोवल कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के प्रयासों में तेज़ी लाने में नागरिक समाज/स्वैच्छिक संगठनों की भूमिका, विशेष रूप से इस लॉकडाउन और उभरती स्थिति से उत्पन्न होने वाली अन्य चुनौतियों से सम्बन्धित बातों पर चर्चा की गयी।

इस वीडियो कॉन्फ्रेंस की शुरुआत महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा इस महामारी से निपटने के लिए राज्य प्रशासन द्वारा शुरू किये गये उपायों की रूपरेखा के साथ की गयी। केरल के राज्यपाल आरिफ़ मोहम्मद ख़ान ने लोगों को केरल में सामाजिक दूरी बनाये रखने के लिए तैयार करने में समन्वित रूप से काम करने के लिए सरकार, स्वैच्छिक संगठनों, चिकित्सा पेशेवरों, सहयोगी कर्मचारियों और पुलिस के भूमिका की सराहना की। सामाजिक दूरी के महत्त्व पर ज़ोर देने के लिए उन्होंने एक शे’र सुनाया- यूँ ही बे-सबब न फिरा करो, कोई शाम घर में रहा करो। उन्होंने कहा कि राज्य में 1,800 सेवानिवृत्त डॉक्टरों और एमबीबीएस छात्रों को राज्य सरकार की सूची में स्वैच्छिक सेवा देने के लिए नामित किया गया है। ताकि ज़रूरत पड़ने पर वे अपनी सेवाएँ दे सकें। 375 मनोवैज्ञानिकों को भी उन लोगों को सलाह देने के लिए उतारा गया है, जो लोग क्वॉरंटाइन को अपने जीवन में सबसे कठिन दौर के रूप में देखते हैं। अन्य राज्यों के लिए केरल का यह प्रयास एक अभिनव क़दम माना जाता है।

कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला ने इस ख़तरे से लड़ने के लिए समाज की सामूहिक शक्ति की सराहना की। राज्य में लगभग 8,000 रेड क्रॉस सोसाइटी स्वयंसेवक इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। अक्षय पात्र नामक सामाजिक संगठन पूरे राज्य में खाद्य-सामग्री पैकेटों का वितरण करने में सक्रिय रूप से योगदान कर रहा है।

हरियाणा के राज्यपाल सत्यदेव नारायण आर्य ने कहा कि राज्य सभी चुनौतियों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने कहा कि राज्य सरकार और अन्य सभी एजेंसियाँ लॉकडाउन को लागू करने और लोगों की समस्याओं में कमी लाने की दिशा में उचित समन्वय के साथ काम कर रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि उच्च स्तर पर वे स्यवं और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रत्येक दिन बैठक करके स्थिति का जायज़ा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि ज़िला स्तर पर डीसी और डीसीपी राहत कार्यों को सुविधाजनक बनाने और सामाजिक दूरी के बारे में लोगों को जागरूक करने के प्रयासों में समन्वय कर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली सरकार द्वारा चलाये जा रहे राहत कार्यों के बारे में भी बताया।

गुजरात के राज्यपाल आचार्य देव व्रत ने कहा कि राज्य में क्वॉरंटाइन की सुविधाएँ बढ़ाई जा रही हैं। मीडिया के माध्यम से सामाजिक जागरूकता वाले कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं, जिससे लोगों को दिशा-निर्देशों का पालन करने के लिए प्रेरित किया जा सके। इस चुनौती से निपटने के लिए सरकार, सामाजिक और धार्मिक संगठनों, निजी क्षेत्रों, स्वैच्छिक और सांस्कृतिक संगठनों द्वारा अपने संसाधनों को साझा करने और ठोस उपाय अपनाने के लिए गुजरात की सहकारी भावना का आह्वान किया जा रहा है।

तेलंगाना की राज्यपाल डॉ. तमिलसाई सुंदरराजन ने बताया कि राज्य द्वारा आवश्यक क़दम उठाये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य जागरूकता फैलाने के लिए व्यापक रूप से सोशल मीडिया का उपयोग कर रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि राजभवन के पास रहने वाले लगभग 800 ज़रूरतमंद परिवारों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए भी राजभवन द्वारा आवश्यक क़दम उठाया गया है। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने तेलंगाना की राज्यपाल को सुझाव दिया कि वे कलाकारों, फ़िल्मी सितारों, लेखकों और बुद्धिजीवियों की मदद लें, जिससे कि महामारी की गम्भीरता के बारे में लोगों में जागरूकता के स्तर को बढ़ाया जा सके।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर राज्य के विश्वविद्यालय उपयोग में आने के लिए तैयार हैं। इसके अलावा, रेड क्रॉस अपने संसाधनों की सीमाओं में रहकर, लोगों को बीमारी के घातक प्रभाव के बारे में शिक्षित करने की दिशा में एक उत्कृष्ट काम कर रहा है।

हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि प्रदेश में लोगों की मदद के लिए रेडक्रॉस सोसायटी 24 घंटे काम कर रही है। जनजातीय आबादी वाले जिलों में जागरूकता सुनिश्चित करने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं।

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने अंतर्राष्ट्रीय सीमा से बिहार की निकटता के संदर्भ में बताया जो कि राज्य को इस बीमारी के फैलने के लिए असुरक्षित बनाता है। हालाँकि, कोरोना वायरस को रोकने के लिए बिहार सरकार जिस प्रकार से काम कर रही है, उन्होंने उसकी तारीफ़ की। राज्य में रेडक्रॉस भी अपने स्वयंसेवकों द्वरा जागरूकता फैलाने के लिए काम कर रहा है और इसके एम्बुलेंस ज़िला प्राधिकारियों द्वारा उपयोग में लाने के लिए उपलब्ध हैं।

तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने बताया कि निर्माण-कार्य करने वाले श्रमिकों को चावल, दाल इत्यादि उपलब्ध कराकर उनकी देखभाल करने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसके अलावा पीडीएस के अंतर्गत सभी राशन कार्ड धारकों को 1,000 रुपये नक़द दिये जाएँगे। अम्मा कैंटीन का इस्तेमाल सब्सिडी वाला खाना प्रदान करने के लिए किया जा रहा है। उप राष्ट्रपति ने राज्यपाल को फ़िल्म कलाकारों, निजी क्षेत्रों और धार्मिक नेताओं से मदद लेने की सलाह दी।

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने मध्य प्रदेश राज्य प्रशासन की त्वरित प्रतिक्रिया की प्रशंसा की। राज्य द्वारा यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय किया गया है कि दैनिक रूप से कमाई करने वालों को भोजन उपलब्ध कराया जा सके। उन्होंने यह भी बताया कि रेडक्रॉस द्वरा राज्य में सराहनीय काम किया जा रहा है।

पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक वी.पी. सिंह बदनौर ने बताया कि रेडक्रॉस चंडीगढ़ में खाने के पैकेट के वितरण में मदद कर रहा है। कोविड-19 से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटने के लिए पंजाब और चंडीगढ़ द्वारा आवश्यक कदम उठाये जा रहे हैं।

राजस्थान के राज्यपाल कलराज मिश्र ने बताया कि लोगों से चंदा एकत्रित करने के लिए एक फंड बनाया गया है। सभी संस्थाएँ चुनौती से निपटने और लोगों के बीच सामाजिक दूरी स्थापित करने पर विधिवत रूप से जोर देने के लिए योगदान कर रही हैं।

इस सम्मेलन में दिल्ली के उपराज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक सहित 15 राज्यपालों ने अपने विचारों को साझा किया। सम्मेलन की सम्पन्न करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सभी लोगों से राज्य सरकार के साथ नियमित रूप से जानकारी लेने और इस प्रकार से योगदान देने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस महामारी को एक तार्किक अन्त तक ले जाने की हम सभी को ज़रूरत है। उन्होंने यह भी कहा कि इन अनुभवों के आधार पर, देश के अन्य हिस्सों से सर्वोत्तम व्यवहारों का अनुसरण किया जा सकता है।

कोविड-19 के मद्देनजर नीट यूजी मई-2020 की परीक्षा स्‍थगित

वैश्विक महामारी कोविड-19 के कारण नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने आगामी राष्‍ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा नीट (यूजी) मई 2020 को स्थगित कर दिया है। यह परीक्षा 3 मई, 2020 को आयोजित होनी थी।

एनटीए के मुताबिक, यह परीक्षा मई 2020 के अंतिम सप्ताह में आयोजित की जा सकती है। इसके लिए तिथि की घोषणा मौज़ूदा परिस्थिति के आकलन के बाद की जाएगी। तदनुसार इस परीक्षा के लिए प्रवेश पत्र जारी किये जाएँगे। हालाँकि प्रवेश पत्र 27 मार्च, 2020 को जारी किये जाने थे, लेकिन अब 15 अप्रैल, 2020 के बाद की स्थिति के आकलन के बाद ही ये किए जाएँगे।

एनटीए ने कहा है कि परीक्षा के बारे में छात्र चिंता न करें। साथ ही माता-पिता से यह भी अनुरोध किया गया है कि वे छात्रों को परीक्षा की तैयारी के लिए इस समय का उपयोग करने में मदद करें और यदि तैयारी में कोई कमी रह गई हो तो उसे दूर करने पर ध्यान दें। एनटीए ने कहा है कि वह छात्रों को ताज़ा जानकारी उपलब्‍ध कराती रहेगी और किसी भी बदाव के लिए पर्याप्त समय रहते हुए सूचित भी करेगी।

अभ्यर्थी और उनके माता-पिता को नवीनतम अपडेट के लिए ntaneet.nic.in और www.nta.ac.in पर नज़र रखने की सलाह दी जाती है। उन्हें उनके पंजीकृत मोबाइल नंबर/ ईमेल-आईडी के माध्यम से व्यक्तिगत तौर पर भी सूचित किया जा रहा है। अभ्यर्थी किसी अन्‍य स्पष्टीकरण के लिए 8700028512, 8178359845, 9650173668, 9599676953, 8882356803 पर सम्पर्क कर सकते हैं।

ब्रिटेन के पीएम जॉनसन भी कोरोना पॉजिटिव

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। जॉनसन ने इसके बाद खुद को आईसोलेट कर लिया है। खुद उन्होंने यह जानकारी दी है।

उनकी कोरोना को लेकर जो जांच की गयी थी उसमें उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके बाद पीएम जॉनसन ने खुद को आईसोलेशन में रख लिया है। उनसे पहले  ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे। प्रिंस और उनकी पत्नी कैमिला को भी आईसोलेशन में रखा गया है।

अब ब्रिटेन के पीएम भी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं। अभी इसे लेकर कोइ जानकारी नहीं है कि उनके परिवार के अन्य सदस्यों की क्या स्थिति है। इंग्लैंड में पिछले दिनों में कोरोना के संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ी है। वहां अब तक ५७८ लोगों की कोरोना से मौत हो चुकी है। वहां ११,६५८ कोरोना मामले सामने आये हैं।

 दो-चार दिन नहीं, ढाई घंटे में होगी कोरोना जांच

दुनिया भर में पिछले एक हफ्ते से कहीं ज़्यादा कहर बरपा रहा कोरोना वायरस का खतरा आगे भारत जैसे विकासशील देशों के लिए अधिक सचेत करने वाला है। दूसरी ओर वैज्ञानिक और मेडिकल से जुड़े विशेषज्ञ दवा और वैक्सीन पर भी काम कर रहे हैं।  फिलहाल कोविड19 की टेस्ट किट बनाने की कोशिशें भी जारी हैं, ताकि इसके मामलों की पुष्टि में लगने वाला समय कम किया जा सके।
मौजूदा समय में मरीज़ की पुष्टि करने में दो से चार दिन या उससे भी ज़्यादा समय लग रहा है। अब जर्मनी की एक कंपनी ने दावा किया है कि उनके द्वारा विकसित नई जांच किट से यह टेस्ट सिर्फ ढाई घंटे में बीमारी की पुष्टि कर देगा।
ब्लूमबर्ग में प्रकाशित ख़बर के मुताबिक, रॉबर्ट बॉश जीएमबीएच के सीईओ वोल्कमार डेनर ने दावा किया कि उनकी कंपनी की टेस्ट किट के ज़रिये ढाई घंटे से भी कम समय में कोविड-19 की पुष्टि की जा सकती है। इससे महामारी से जंग में मदद मिलेगी।
बॉश ने कहा कि इस नए टेस्ट में वाइवालिटिक मॉलीक्यूलर डायगनॉस्टिक्स प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जाता है। इस डिवाइस का इस्तेमाल अस्पतालों, लैब और मेडिकल प्रैक्टिस में फ्लू तथा न्यूमोनिया जैसी बैक्टीरियल व वायरल बीमारियों की पहचान में पहले से किया जा रहा है। यह डिवाइस अप्रैल में जर्मनी में उपलब्ध हो जाएगा। जल्द बाज़ार में भी उपलब्ध होगा।
कोरोना के मरीज 5.35 लाख के पार
195 देशों में कहर बरपा रहा कोरोना वायरस अब कहीं तेज़ी से विस्तार कर रहा है। शुरुआती तीन महीनों में जहां 1 लाख मरीज आमने आये थे। वहीं, पिछले एक हफ्ते में ढाई लाख से ज़्यादा पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। सवा लाख मरीज ठीक भी हो चुके हैं। 5.35 लाख से ज़्यादा पॉजिटिव मामले हो चुके हैं। 24 हज़ार से अधिक मरीज जान गंवा चुके हैं। सबसे ज़्यादा प्रभावित देश फिलहाल इटली और स्पेन हैं। अमेरिका में भी तेजी से मामले बढ़े हैं । यहां मरने वालों का आंकड़ा 1100 को पार कर चुका है।

लॉकडाउन : दिल्ली सरकार खोलेगी भूख राहत केंद्र

कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने लोगों से लॉकडाउन के नियमों का पालन करने की अपील करने के साथ-साथ जमाखोर और कालाबाज़ारी करने वाले दुकानदारों, व्यापारियों को सख़्त चेतावनी दी है। साथ ही जमाख़ोरी और कालाबाज़ारी करने वालों के ख़िलाफ़ शिकायत करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। बता दें कि दिल्ली सरकार में मुख्यमंत्री से लेकर पूरा अमला 21 दिन के लिए जारी लॉकडाउन का पालन करने-करवाने में जुटे हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली में कोई भी व्यक्ति भूख का सामना न करे इसके लिए सरकार की ओर से उचित व्यवस्थाएँ की गयी हैं। उन्होंने सभी प्रशासनिक अधिकारियों को आदेश दिया कि जब तक देश में लॉकडाउन की स्थिति है, तब तक सभी जरूरतमंदों को खाना मुहैया कराने के लिए भूख राहत केंद्र खोले जाएँ। मुख्यमंत्री के आदेश के बाद दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने सभी ज़िलाधिकारियों से हर निगम वार्ड में दो भूख राहत केंद्र खोलने को कहा है। निर्देश दिये गये हैं कि ये केंद्र भूखे लोगों को भोजन मुहैया कराएँ। जिला अधिकारियों से कहा गया है कि वे हर भूख राहत केंद्र के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त करें। इन नोडल अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि वे  बेघर और ज़रूरतंद लोगों को दोनों जून का खाना उपलब्ध कराएँ। बता दें कि लॉकडाउन के अगले दिन ही दिल्ली के मुख्यमंत्री ने एक वीडियो जारी करके बेघरों और ज़रूरतमंदों को होम सेल्टर में भोजन मुहैया कराने की बात कही थी। उन्होंने यह भी कहा था कि भोजन करने आने वाले लोगों से कोई पहचान आईडी न माँगी जाए।

भूख राहत केंद्र खोले जाने के साथ-साथ नोडल अधिकारियों और व्यवथा मे लगी पुलिस को ये भी निर्देश दिये गये हैं कि भोजन परोसते समय कम से कम एक मीटर की दूरी के प्रोटोकॉलों का भी कड़ाई से पालन किया जाए। साथ ही दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे जिस तरह घरों में रहकर लॉकडाउन के नियमों का पालन कर रहे हैं, उसी तरह भूख राहत केंद्रों में भोजन करने जाने के दौरान भी दिशा-निर्देशों का बख़ूबी पालन करें। इधर, व्यापारियों और दुकानदारों से दैनिक उपयोग की चीज़ों और ज़रूरी सामान जमा नहीं करने को कहा गया है। दिल्ली सरकार द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि अगर कोई दुकानदार या व्यापारी लॉकडाउन की आड़ में किसी वस्तु की अधिक कीमत वसूलता है या वसूलने की कोशिश करता है, तो उपभोक्ता सम्बन्धित अधिकारियों से इसकी शिकायत कर सकते हैं। सरकार ने इसके लिए हर क्षेत्र के लिए कुछ हेल्पलाइन नंबर जारी किये हैं। यह नंबर खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन ने ट्वीट करके जारी किये है। ये हेल्पलाइन नंबर इस प्रकार हैं :- नई दिल्ली- 9891945229; पूर्वी दिल्ली- 9971913232; उत्तर पूर्वी दिल्ली- 9810667050;  उत्तरी दिल्ली- 9654001602; पश्चिमी दिल्ली- 9213894305; उत्तर पश्चिमी दिल्ली- 9999409284; दक्षिणी दिल्ली- 8700424211 (दक्षिण); दक्षिण पश्चिमी दिल्ली- 9540167842 और मध्य दिल्ली-9818592867…।

इसके साथ-साथ इमरान हुसैन ने राशन आपूर्ति व्यवस्था की भी समीक्षा की है। बता दें कि दिल्ली सरकार अप्रैल महीने में पीडीएस योजना के तहत प्रत्येक राशनकार्ड धारक को पांच किलो प्रति महीने की जगह साढ़े सात किलोग्राम राशन देगी। सरकार राशन लेने वालों से भी अपील कर चुकी है कि वे राशन की दुकान पर भी कम-से-कम एक मीटर की दूरी बनाये रखें। 

कोरोना : दुनिया – २४,११७ मौतें, १,२४,४३६ मरीज स्वस्थ हुए

अमेरिका और स्पेन में  बढ़ते मौतों के आंकड़ों के कारण दुनिया भर में नवीनतम जानकारी के मुताबिक मरने वालों की संख्या २४,११७ है जबकि १,२४,४३६ मरीज (कुल मरीजों का ८४ फीसदी) ठीक हो गए हैं। हालांकि, अभी भी ५,३७,०१७ लोग इसकी चपेट में हैं। भारत में मरने वालों की संख्या १८ हो गयी है जबकि ६७ लोग ठीक हुए हैं।

अभी दुनिया में जो ३,६८,८०५ लोग कोरोनावायरस के एक्टिव मरीज हैं  १९,६५९ गंभीर हालत में हैं जबकि ३,६८,८०५ माइल्ड (काम) प्रभावित हैं। इटली में मरने वालों  की संख्या ८,२१५ पहुँच गयी है, हालांकि अमेरिका में भी मामले तेजी से बढ़े हैं। वहां अब तक १,३०१ लोगों की मौत हुई है। चीन में ३,२९२, स्पेन में ४,३६५, ईरान में २,२३४, फ्रांस में १,६९६, जर्मनी में २८१, इंग्लैंड में ५७८, स्विटरलैंड में १९४, दक्षिण कोरिया में १३९, नीदरलैंड्स (हॉलेंड) में ४३४, बेल्जियम में २२० लोगों की जान गयी है।

भारत में कुल ७५३ मामलों में से ६७ स्वस्थ होकर चले गए हैं जबकि अब ६६८ लोग पीड़ित हैं। कुल १८ लोगों की मौत हुई है जिसमें अबसे ज्यादा महाराष्ट्र में ४, गुजरात में ३, कर्नाटक, एमपी २- २, दिल्ली, तमिलनाडु, पंजाब, जम्मू कश्मीर पश्चिम बंगाल, बिहार और हिमाचल प्रदेश से क्रमशः १-१ व्यक्ति है।