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कोरोना कहर: परदेसी की जगह इकबाल सिंह चहल मुंबई के नए बीएमसी कमिश्नर

देश के आर्थिक हब मुंबई के कमिश्नर को कोरोना संक्रमण में असफल मानते हुए महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने उनका तबादला कर दिया।

बृहनमुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन बीएमसी के कमिश्नर प्रवीण सिंह परदेसी का तबादला हो ही गया जिसकी संभावना जताई जा रही थी। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुंबई में कोरोना संक्रमितों की बढ़ती तादाद पर काबू न पाने के मद्दे नजर यह फैसला लिया गया है । परदेसी की जगह इकबाल सिंह चहल की नियुक्ति बीएमसी कमिश्नर के तौर पर की गई है।
इकबाल सिंह चहल अर्बन डेवलपमेंट में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी थे। परदेसी को अर्बन डेवलपमेंट में एडिशनल चीफ सेक्रेटरी के पोस्ट पर भेज दिया गया है।

परदेसी पूर्व चीफ मिनिस्टर देवेंद्र फडणवीस के खास माने जाते थे। अजय मेहता जो फिलहाल चीफ सेक्रेटरी के तौर पर हैं उद्धव ठाकरे के खास माने जाते हैं अजय मेहता इससे पहले बीएमसी कमिश्नर थे लेकिन अजय मेहता और प्रवीण परदेसी के बीच अच्छे संबंध नहीं बताए जाते हैं।

करोना संक्रमण काल में बीएमसी के टेंडर्स को लेकर भी काफी शिकायतें मिली जो परदेसी के खिलाफ रहीं। परदेसी ने राज्य सरकार के कुछ निर्णयों को अपने तौर से लागू किया जिसके चलते भी एक गलत छवि उनकी बनी। लाॉक डाउन की तीसरे चरण में दी गई छूट को परदेसी ने मुंबई में लागू नहीं किया और अनावश्यक सुविधाओं की दुकानें बंद रखने आदेश दिए हालांकि दूसरे दिन उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक, हार्डवेयर की दुकान खुली रखने के आदेश दिए।

कोरोना वायरस संक्रमित पेशेंट को लेकर भी राज्य सरकार और बीएमसी के आंकड़ों को लेकर भी काफी गलतफहमियां सामने आती रही हैं। करोना पीड़ितों की संख्या भले ही बढ़ती रही लेकिन अस्पतालों में बेड कम पड़ने की शिकायतें आती रही है। और राज्य सरकार एवं बीएमसी के बीच समन्वय को लेकर खटपट सामने आती रही हैं।

सीबीएसई के १०वीं, १२वीं के बचे पेपर पहली जुलाई से : पोखरियाल

कोविड-१९ संक्रमण के चलते देश में लॉकडाउन घोष‍ित होने के कारण देश भर में १०वें और १२वीं के बाकी बचे पेपर की परीक्षा रोक ले गयी थी और पिछले कुछ दिन से इन्हें लेकर कयास लग रहे थे। अब मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोख‍रियाल निशंक ने शुक्रवार शाम एक ट्वीट करके जानकारी दी है कि बोर्ड के बचे हुए पेपर  जुलाई में होंगे।

पोखरियाल ने ट्वीट में लिखा – ”लंबे समय से सीबीएसई की १०वीं और १२वीं की बची हुई परीक्षाओं की तारीख का इंतज़ार था। आज इन परीक्षाओं की तिथि पहली जुलाई से १५ जुलाई के बीच में निश्चित कर दी गई हैं। मैं इस परीक्षा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।”

याद रहे सीबीएसई ने कहा था कि अगर उन्हें दस दिन का भी समय दिया जाएगा तो वो बची हुई परीक्षाएं पूर्ण कराके मूल्यांकन का काम शुरू कर सकते हैं। अब ये तिथ‍ियां घोषि‍त होने के बाद ऐसा माना जा रहा है कि सीबीएसई अगस्त में रिजल्ट  घोष‍ित कर देगा।

सीबीएसई ने ये भी स्पष्ट कर दिया था कि १०वीं बोर्ड के बचे हुए एग्जाम सि‍र्फ दिल्ली के उत्तर पूर्वी जिले में होंगे, बाकी सीबीएसई १२वीं के २९ मुख्य विषयों की परीक्षा कराएगी।

पोखरियाल का ट्वीट –

@DrRPNishank
लंबे समय से #CBSE की 10वीं और 12वीं की बची हुई परीक्षाओं की तिथि का इंतज़ार था, आज इन परीक्षाओं की तिथि 1.07.2020 से 15.07.2020 के बीच में निश्चित कर दी गई है। मैं इस परीक्षा में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थियों को अपनी शुभकामनाएं देता हूँ।

कोरोना से अकेले पीएमओ नहीं जीत सकता जंग : राहुल

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने मोदी सरकार के कोरोना वायरस के लड़ाई के तौर-तरीकों पर सवाल उठाया है। राहुल गांधी ने कहा, महामारी के खिलाफ लड़ाई अकेले पीएमओ से नहीं लड़ी जा सकती और पीएम मोदी को इस जंग में मुख्यमंत्रियों पर विश्वास जताकर राज्यों को भी साझीदार बनाना होगा। सरकार को सभी कदमों में पारदर्शिता बरतनी होगी। छोटे कारोबारियों और जरूरतमंदों के अलावा गरीबों व मजदूरों के खातों में 7,500 रुपये डालने चाहिए।

वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये पत्रकारों से बातचीत में कांग्रेस नेता ने कहा, इस संकट की घड़ी में हमें यह भूलना होगा कि मीडिया से हूं, कांग्रेस से हूं, आरएसएस से हूं या भाजपा से हूं। हम सबसे पहले हिंदुस्तानी हैं। हमें हिंदुस्तान के अंदर से डर निकालना होगा। लॉकडाउन खोलने के लिए मापदंडो को समझने की जरूरत है। यह अहम है कि सरकार इनके बारे में लोगों को बताए और उनका सामना करे।

उन्होंने कहा, एक बहुत ही मजबूत भावना है कि बिना देरी के एमएसएमई क्षेत्र के लिए पैकेज,  गरीबों को पैसा दिया जाए। हमारे प्रवासियों के लिए एक रणनीति बनाएं और लॉकडाउन खोलने के लिए ठीक से तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। आपात स्थिति से निपटने के लिए ‘न्याय’ योजना को लागू करने पर विचार करने की जरूरत है।

एक सवाल के जवाब में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘पीएम केयर्स’ फंड का ऑडिट होना चाहिए। आरोग्य सेतु से जुड़े सवाल पर गांधी ने कहा, ‘इस एप को हैकर्स ने क्रैक कर दिया है। मेरा इतना कहना है कि आप इसे ‘ओपन सोर्स’ कीजिए। पारदर्शिता लाकर सरकार कोई भी एप चला सकती है।

करोना वायरस कहर : महाराष्ट्र में आल पार्टी मीटिंग

राज्य में करोना वायरस के कहर को देखते अन्य पॉलीटिकल पार्टीज लीडरान के साथ आयोजित आल पार्टी मीटिंग में महाराष्ट्र के चीफ मिनिस्टर उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य ने अप्रैल में महत्वपूर्ण चरणों में से एक को पार कर लिया है, लेकिन इस कोरोनावायरस के प्रकोप में दो और चरणों का सामना करना पड़ेगा। सीएम ने कहा कि कोशिश यह होगी कि लॉकडाउन मई के बाद बढ़ाए जाने की नौबत न आए।हालांकि सीएम ने संकेत दिया कि कुछ और दिनों तक लॉकडाउन के संभावित विस्तार की आवश्यकता हो सकती है। मुंबई और पुणे में लॉकडाउन 30 मई, 2020 तक बढ़ सकता है।

इस आल पार्ट मीटिंग में सभी लीडरान ने अपना विश्वास दर्शाते हुए कहा उन सभी का इस मामले में राज्य सरकार के साथ सहयोग बना रहेगा।इस मीटिंग में डेप्युटि सीएम अजीत पवार ,विधानसभा लीडर आफ अपोजिशन देवेंद्र फडणवीस, विधानपरिषद नेता प्रतिपक्ष प्रवीण दरेकर, बाळासाहेब थोरात, अशोक चव्हाण, जयंत पाटील, एकनाथ शिंदे और एमएनएस चीफ राज ठाकरे,( राज ठाकरे अकेले ऐसे शख्स थे मीटिंग में जिन्होंने मास्क नहीं पहना था) समाजवादी पार्टी के आबू असिम आज़मी आदि शामिल थे।

उद्धव ठाकरे ने सभी पार्टीज लीडरान से अपील की कि वह उनका साथ बनाए रखें और इस संकट की घड़ी में महाराष्ट्र को करोना वायरस से मुक्त करने की दिशा में सहयोग करें, सूबे के 18 अन्य पॉलीटिकल पार्टीज लीडरान के साथ महाराष्ट्र में कोरोनो वायरस मामलों से निपटने के बारे में महत्वपूर्ण चर्चा की गई। इस तमाम लीडरान ने एक सुर में कोरोनो वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कई शहरों में समाधान और उपायों को खोजने पर ध्यान केंद्रित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। चर्चा के दौरान सीएम ने संकेत दिया कि मुंबई और पुणे महानगर क्षेत्रों में एक और लॉकडाउन विस्तार की जरूरत पड़ सकती है। फिलहाल लॉकडाउन ,17 मई, 2020 तक तय है। खबर है कि राज्य सरकार मौजूदा लॉकडाउन में कोरोनोवायरस मामलों की संख्या में गिरावट की उम्मीद नहीं कर रही है। वास्तव में, आने वाले हफ्तों में संख्या में तेजी देखी जा सकती है और अधिकारियों का लक्ष्य प्रवासियों को वापस घर भेजना है। 7 मई, 2020 तक, महाराष्ट्र में कोरोनोवायरस के मामलों की संख्या 17974 तक पहुंच गई है, जिसमें एक दिन में 1216 मामलों का इजाफा हुआ।

इस मीटिंग में राज ठाकरे के मास्क न पहन कर शामिल होने को लेकर राजनीतिक गलियारे में काफी चर्चा होती रही।

नवांशहर के पास मिग-२९ क्रैश, पायलट सुरक्षित

पंजाब के नवांशहर के पास शुक्रवार सुबह एक मिग-२९ प्लेन हादसे का शिकार हो गया। इस हादसे में प्लेन का पायलट सुरक्षित है।

जानकारी के मुताबिक यह हादसा  नवांशहर के पास एक गांव रुड़की के पास हुआ। मिग-२९ में हादसे के बाद आग लग गयी। शुक्रवार सुबह करीब साढ़े ११ बजे वायु सेना का यह लड़ाकू मिग-२९ तकनीकी गड़बड़ी के कारण क्रैश हुआ।

पता चला है कि विमान के पायलट सुरक्षित हैं जो पैराशूट के जरिये कूूूद गए। हालांकि, उन्हें चोट लगी है और अस्पताल में इलाज के लिए ले जाया गया है। मिग-२९ ने सुबह साढ़े १० बजे जलंधर के आदमपुर स्टेशन से उड़ान भरी थी। विमान के क्रैश होने से खेतों में आग लग गई। मौके पर वायुसेना के अधिकारी और  पुलिस पहुंच गयी है।

हादसा का कारण क्या रहा, इसके बारे में विशेषज्ञ टीम के पहुंचने और जांच के बाद ही पता चल पाएगा। पिछले महीने पंजाब के ही होशियारपुर के हाजीपुर के गांव बुड्ढावड़ में भी वायु सेना का अपाचे हेलिकॉप्टर की भी तकनीकि खराबी के बाद इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी। तब हेलिकॉप्टर को किसी तरह का नुक्सान नहीं पहुंचा था।

याद रहे गुरूवार को ही सिक्किम में भी एक मिग-१७ की आपात लैंडिंग करवानी पड़ी थी। इस घटना में एक जवान घायल हो गया था।

इकॉनमी को जल्दी दोबारा शुरू करने की जरूरत, हम समय गंवा रहे हैं : राहुल गांधी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बात पर जोर दिया है कि इकॉनमी को फिर से शुरू करने की जरूरत है। हम समय गंवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को लॉकडाउन खोलने को लेकर जनता को बताना चाहिए और सीधे मजदूरों के खाते में पैसा डालना चाहिए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया है कि देश में कोविड-१९ से उपजा डर का माहौल ख़त्म करना होगा और हम सबको साथ आना होगा।
राहुल ने कहा कि चीजें नीचे से ऊपर को करनी होंगी, ऊपर से नीचे को नहीं, जैसा अभी हो रहा है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से पत्रकारों में शुक्रवार को राहुल गांधी ने कोविड-१९ वायरस के  बढ़ते संकट और लॉकडाउन से, खासकर मजदूरों, गरीबों आदि को आ रही मुश्किलों पर वालों के जवाब दिए।
उन्होंने पुराने सवालों पर सरकार की निंदा न करने की बात करते हुए कहा कि यह समय पुरानी बातें उठाने या राजनीतिक निंदा का नहीं है, बल्कि साथ मिलकर देश की जनता गरीबों, मजदूरों, छोटे उद्योगों को राहत देने का है।
राहुल गांधी ने कहा कि उनके ख्याल से अभी कोविड- समस्या थोड़ी लंबी खिंच सकता लिहाजा हमें लॉक डाउन में  लोगों को  मजबूत और बेहतर रास्ते खोलने होंगे।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस में हमने सरकार को जनता से जुड़े कुछ सुझाव देने का फैसला किया है। राहुल ने कहा – ” वक्त आ गया है जब छोटे कारोबारियों के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया जाए और लॉकडाउन को खोलने की तैयारी की जाए।”
कांग्रेस नेता ने कहा कि अब सरकार को बताना चाहिए कि क्या हो रहा है, जनता को बताना होगा कि आखिर लॉकडाउन कब खुलेगा? लोगों को बताना जरूरी है कि किस परिस्थिति में लॉकडाउन खोला जाएगा। लॉकडाउन के दौरान काफी कुछ बदल गया है, अभी ये महामारी काफी खतरनाक हो गई है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन को केंद्र सरकार का हिस्सेदार बनाना चाहिए और रणनीति पर साथ काम करना चाहिए। कहा कि अब लॉकडाउन को खोलने की जरूरत है, किसी भी अगर कारोबार वाले से पूछें तो सप्लाई चेन को लेकर दिक्कत सामने आएगी। प्रवासी मजदूर, गरीब, छोटे कारोबारियों को आज पैसे की जरूरत है, वरना नौकरी जाने की सुनामी आ जाएगी।
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा कि इकॉनमी को फिर से शुरू करने की जरूरत है। हम समय गंवा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार को फौरन लोगों के परिवार के लिए साढ़े सात हजार रुपये की राशि देनी चाहिए। राहुल ने कहा कि एमएसएमई को क्रेडिट सुरक्षा योजना, छह महीने की ब्याज सब्सिडी देने की जरूरत है। वहीं, बड़े बिजनेस को भी सुरक्षा देने की आवश्यकता है। राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री की एक अलग तरह की शैली है लेकिन हमें कोरोना से लड़ने के लिए मजबूत सीएम, स्थानीय नेता, डीएम की जरूरत है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत में आर्थिक विकास को बढ़ाने के लिए घरेलू खपत शुरू करने की जरूरत है। घरेलू खपत भारतीय अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है।
प्रवासी मजदूरों की मदद को लेकर राहुल गांधी ने कहा कि न्याय योजना की मदद से लोगों के हाथ में पैसा देना शुरू करें, इससे 65 हजार करोड़ का खर्च आएगा। अगर आप दिहाड़ी मजदूर हैं, तो आपको जरूरत है कि लोगों को मौका दिया जाए।  मजदूरों को जाने को लेकर केंद्र सरकार को राज्य से बात करने होगी।
कांग्रेस नेता राहुल ने कहा कि सरकार सोच रही है कि अगर तेजी से पैसा खर्च करना शुरू कर देंगे, तो रुपये की हालत खराब हो जाएगी। सरकार को इस वक्त रिस्क लेना होगा, क्योंकि जमीनी स्तर पर पैसा पहुंचाना जरूरी है। सरकार जितना सोच रही है, उतना हमारा समय बर्बाद हो रहा है।
राहुल ने कहा कि मुख्यमंत्रियों ने हमें अपने राज्य की हालत बताई, केंद्र से पैसा नहीं मिल रहा है। अभी देश में सामान्य हालात नहीं हैं, इस लड़ाई को जिले तक ले जाना जरूरी है। अगर पीएमओ में ये लड़ाई लड़ी जाएगी, तो लड़ाई हारी जाएगी। ये बीमारी सिर्फ एक फीसदी के लिए खतरनाक है, बाकी 99 फीसदी के मन में डर का माहौल है।

औरंगाबाद के पास मालगाड़ी ने १६ मजदूरों को कुचला

एक दर्दनाक हादसे में लॉक डाउन के चलते घर को पैदल वापस जा रहे १६ लोगों की महाराष्ट्र के औरंगाबाद में एक ट्रेन से कुचले जाने से मौत हो गयी है। भूख और बिना पैसे के ऐसे असंख्य लोग घर लौट रहे हैं, उनमें से यह भी एक थे। इस दर्दनाक हादसे के बाद कई सवाल उठ खड़े हुए हैं। करीब २१ लोग जा रहे थे।

यह लोग ट्रेन के ट्रैक पर थककर चूर होने के बाद सो गए। करीब ४० किलोमीटर चलकर घर जाने के लिए निकले थे। यह लोग यह समझकर कि ट्रेन चल नहीं रही हैं,  ट्रैक पर ही सो गए या खाना खाने लगे। इस दौरान ट्रेन ने उन्हें कुचल दिया जिससे १६ की मौत हो गयी।

रेल की पटरी पर प्रवासी मजदूरों को एक मालगाड़ी ने रौंदा। औरंगाबाद के जालना रेलवे लाइन के पास ये हादसा हुआ। कई मजदूर घायल बताए जा रहे हैं। ये हादसा औरंगाबाद-जालना रेलवे लाइन पर शुक्रवार सुबह साढ़े ६ बजे के करीब हुआ।

सभी प्रवासी मजदूर थे और अपने घर छत्तीसगढ़ पैदल जा रहे थे। स्थानीय प्रशासन औ रेलवे के अधिकारी मौके पर पहुंचे हैं। दक्षिण सेंट्रल रेलवे के अधिकारीयों के मुताबिक औरंगाबाद में कर्माड के पास एक हादसा हुआ है, जहां मालगाड़ी का एक खाली डब्बा कुछ लोगों के ऊपर चल गया। आरपीएफ और स्थानीय पुलिस मौके पर मौजूद है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने रेल हादसे पर दुख व्यक्त किया है। ट्वीट में पीएम ने लिखा कि औरंगाबाद में हुए रेल हादसे में जिनकी जान गई है, उससे काफी दुख पहुंचा है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी हादसे में गहरा दुःख जताया है। उन्होंने कहा की इन लोगों के परिवारों से उनकी गहरी संवेदना है।

छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में गैस लीक, ७ बीमार

विशाखापट्टनम के बाद छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में भी गैस लीक होने के घटना की जानकारी मिली है। यह घटना बुधवार की है जिसमें ७ मजदूर बीमार हो गए जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। मिल मालिक ने घटना छिपाने की कोशिश की लेकिन गुरूवार को पुलिस ने इसकी जानकारी दे दी। उधर विशाखापट्टनम केमिकल प्लांट गैस लीक घटना में अब तक ११ लोगों की जान जा चुकी है।

जानकारी के मुताबिक यह घटना है तो बुधवार की लेकिन इसकी जानकारी गुरुवार को मिली। हटना के मुताबिक रायगढ़ के तेतला गांव में एक पेपर मिल में यह घटना हुई जहाँ जहरीली गैस लीक होने से सात मजदूरों की तबीयत बिगड़ गई जिनमें से तीन की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें रायपुर रैफर कर दिया गया।

रिपोर्ट्स में बताया गया है कि यह घटना पेपर मिल में टंकी साफ करते समय हुई। घटना के बाद मिल के मालिक ने इसे छिपाने की कोशिश की लेकिन गुरूवार को मामला खुल गया।

जानकारी मिलते ही गुरूवार को डीएम, एसएसपी और दूसरे अधिकारियों ने मिल में जाकर जायजा लिया और सूचना तो सही पाया। वे अस्पताल भी गए जहाँ मजदूर भर्ती हैं। इसके बाद मिल मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गयी है।

उधर विशाखापट्टनम केमिकल प्लांट गैस लीक घटना में अब तक ११ लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में २ बच्चे भी शामिल हैं।

मिग-१७ हेलिकॉप्टर की सिक्किम में इमरजेंसी लैंडिंग, एक जवान घायल

खराब मौसम के कारण भारतीय वायु सेना के एक मिग-१७ हेलिकॉप्टर को गुरूवार को इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी। इस घटना में एक जवान घायल हुआ है।
जानकारी के मुताबिक यह घटना  सिक्किम के मुकुतांग। हेलिकॉप्टर में सवार छह लोग सुरक्षित रहे, हालांकि इनमें एक जवान घायल हुआ है। हेलिकॉप्टर चैटन से मुकुतांग तक रखरखाव की नियमित उड़ान पर था। इमरजेंसी लैंडिंग से हेलीकॉप्टर को काफी  नुकसान पहुंचा है।
वायुसेना प्रवक्ता के मुताबिक घटना के कारणों का पता लगाने के लिये जांच के आदेश दिए गए हैं। कोरोना संकट में यह एक आपातकालीन लैंडिंग थी। पहले भी वायुसेना के कई हेलीकॉप्टर की आपातकालीन लैंडिंग हो चुकी है।
इसमें वायुसेना के चार और सेना के दो जवान सवार थे। हेलीकॉप्‍टर रूटीन एयर मेनटेंस सॉर्टी पर था। इसमें आईएएफ के चार क्रू मेंबर्स और दो आर्मी पर्सनल थे और इसकी इमरजेंसी लैंडिग खराब मौसम के चलते के चलते करनी पड़ी।
हेलीकॉप्‍टर ने सुबह पोन सात बजे टे‍क ऑफ किया और इसे कुछ ही देर बाद खराब मौसम की वजह से इमरजेंसी लैं‍ड कराना पड़ा। दो रिकवरी हेलीकॉप्‍टर्स और आर्मी ग्राउंड सर्च पार्टी को तुरंत रेस्‍क्‍यू के लिए भेजा गया।

अब शांतिकुंज आश्रम के मुखिया पर दुष्कर्म का आरोप

शांतिकुंज आश्रम के मुखिया और पंडित श्रीराम शर्मा के दामाद डॉ. प्रणव पांड्या के कगुलाफ़ दुष्कर्म का मामला दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ की पीड़ित युवती ने दिल्ली में पांड्या और उनकी पत्‍नी शैलजा को नामजद करते हुए दिल्‍ली के विवेक विहार पुलिस स्‍टेशन में जीरो एफआईआर दर्ज कराई है।
एफआईआर के मुताबिक,  2010 में जब वह 14 साल की थी, तो 16 मार्च 2010 को गांव के एक व्यक्ति के साथ हरिद्वार पहुंची थी। जहां शांतिकुंज गायत्री परिवार में अच्छा भोजन, पढ़ाई, साधन और शादी का बहाना देकर चौकी में भोजन व्यवस्था का काम दिलाया गया था। 21 मार्च 2010 से उसे भोजन और प्रसाद बनाने के लिए रख लिया था।
पीड़िता का कहना है कि जुलाई 2010 को प्रणव को कॉफी देने कमरे में गई थी। आरोप के मुताबिक उसी दौरान उसने पीड़िता के साथ दुष्कर्म किया। पीड़िता का कहना है कि इस घटना के एक सप्ताह बाद फिर उसके साथ दो बार दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी गई और चुप रहने के लिए कहा गया। जिसके बाद पीड़िता ने अब रिपोर्ट दर्ज कराई है।
दुष्कर्म मामले में पांड्या ने इसे साजिश करार दिया है। कहा कि मुझ पर यह झूठा आरोप लगाया जा रहा है। प्रणव पांड्या पर लगे आरोप को गायत्री परिवार ने भी बेबुनियाद करार दिया है उन्होंने कहा एक बयान के अंतर्गत कहा गया कि यह आरोप 16 करोड़ भक्तों की भावनाओं को आहत करने की एक नाकाम कोशिश और बड़ी साजिश का एक हिस्सा है।
कौन है पांड्या
पूर्व न्यायाधीश स्व. सत्यनारायण पांड्या के बेटे और शांतिकुंज आश्रम के प्रमुख डॉ. प्रणव पांड्या 1963 से गायत्री परिवार के संपर्क में आए। इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस डिग्रीधारी डॉ. पांड्या शुरुआती वर्षों तक मिशन के कार्यों से अप्रत्‍यक्ष रूप से जुड़े रहे। 1969 से 1977 के बीच वह गायत्री तपोभूमि मथुरा और शांतिकुंज हरिद्वार में आयोजित हुए कई शिविरों का हिस्‍सा बने।
जून 1976 से सितंबर 1978 तक हरिद्वार स्थित भेल और भोपाल के अस्पतालों के इन्टेंसिव केयर यूनिट से जुड़े रहे। इस बीच, वह मिशन के कार्यों से इस कदर प्रभावित हुए कि उन्‍होंने सितंबर 1978 में नौकरी से इस्‍तीफा दे दिया और हमेशा के लिए हरिद्वार चले आए। इसी दौरान युग निर्माण योजना मिशन के संस्‍थापक पंडित श्रीराम शर्मा ने हरिद्वार में ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान की स्‍थापना की थी। हरिद्वार आने के बाद डॉ. प्रणव पंड्या को इस संस्‍थान का निदेशक बनाया।