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पीएम ने खाली पेज दिया, देखते हैं सीतारमण इसमें क्या भर्ती हैं : चिदंबरम

पीएम मोदी की तरफ से मंगलवार को घोषित २० लाख करोड़ रूपये की आर्थिक पैकेज को लेकर वरिष्ठ पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि पीएम ने हेडलाइन दी और खाली पेज दे दिया। आज देखना होगा कि इस सादे पेपर पर वित्त मंत्री इसमें क्या भरती हैं ?

चिदंबरम ने कहा कि पीएम मोदी ने २० लाख करोड़ का आर्थिक पैकेज देने की घोषणा की। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि इसमें कितना पैसा कहां और किस लिए खर्च होगा। लेकिन उन्होंने इतना जरूर बताया कि इस पैकेज से किसान, मध्यमवर्गीय समेत दूसरे वर्गों की भी मदद की जाएगी।

कांग्रेस नेता ने कहा कि इस पैकेज को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने पीएम पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा – ”बड़ी ही देर से इस पैकेज की घोषणा की गई। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पीएम ने हेडलाइन दी और पेपर सादा दिया, आज देखना होगा कि इस सादे पेपर पर वित्त मंत्री क्या भरती हैं।”

एक ट्वीट कर चिदंबरम ने कहा – ”कल पीएम ने एक हैडलाइन दी और एक खाली पेज। स्वाभाविक है, मेरी प्रतिक्रिया भी खाली थी! आज, हम उस खाली पेज को भरने के लिए वित्त मंत्री को देखेंगे, ध्यान देंगे कि हर अतिरिक्त रुपया सरकार अर्थव्यवस्था में ही डालेगी।”

चिदंबरम ने दूसरे ट्वीट में कहा – ”पहली चीज यह है कि गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं? हम यह भी जांचेंगे कि निचले हिस्से की जनसंख्या (१३ करोड़ परिवारों) को वास्तविक धन के मामले में क्या मिलेगा?”

इतना ही नहीं पी चिदंबरम ने केंद्र सरकार पर सवालिया हमला भी किया। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों को ट्रेनों और बसों से उनके घर पहुँचाने का वादा किया था तो फिर ये मजदूर सड़कों पर पैदल क्यों चल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि महामारी ने सभी मंत्री और अधिकारियों की बोलती बंद कर दी है।

चिदंबरम का ट्वीट –

@PChidambaram_IN
कल, पीएम ने हमें एक हेडलाइन और एक खाली पेज दिया। स्वाभाविक रूप से, मेरी प्रतिक्रिया भी खाली थी! आज, हम उस खाली पन्ने को भरने के लिए वित्त मंत्री की तरफ देख रहे हैं। हम ध्यान से हर अतिरिक्त रुपए को गिनेंगे जो सरकार वास्तविक रूप से अर्थव्यवस्था में डालेगी। हम यह भी ध्यान से जांच करेंगे कि किसे क्या मिलता है? पहली चीज यह है कि गरीब, भूखे और तबाह प्रवासी मजदूर सैकड़ों किलोमीटर चलने के बाद क्या उम्मीद कर सकते हैं? हम यह भी जांचेंगे कि निचले हिस्से की जनसंख्या (13 करोड़ परिवारों)  को वास्तविक धन के मामले में क्या मिलेगा?

चौथा लॉक डाउन नए नियमों के साथ होगा, विशेष आर्थिक पैकेज का मोदी का ऐलान, वित्त मंत्री आने वाले समय में इसके बारे में बताएंगी  

कोविड-१९ महामारी और लॉक डाउन के बीचप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि  चौथा लॉक डाउन नए नियमों के साथ होगा। मोदी ने आर्थिक पैकेज का भी  ऐलान किया।

मोदी ने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने का अवसर है। राज्यों की भूमिका बड़ी रहेगी। मोदी ने आर्थिक पॅकेज की घोषणा की और कहा कि यह आत्मनिर्भर भारत की कड़ी के रूप में काम करेगा। पिछले और अभी का पैकेज मिलाकर २० लाख करोड़ का होगा। चौथा लॉक डाउन नए नियमों वाला होगा। इसकी जानकारी १८ मई से पहले  दी जाएगी। कहा कि कोरोना अभी जिंदगी का हिस्सा बना रहेगा।

मोदी ने कहा कि इससे देश के बहुत बड़े वर्ग को सपोर्ट मिलेगा। यह २०२० में देश की विकास यात्रा को आत्मनिर्भर बनाएगा और भारत को नई गति देगा। इसमें ज़मीन, लेबर, लिक्विडिटी और सभीं चीजों पर जोर होगा। यह कुटीर उद्योग, गृह और लघु और मझोले उद्योग के लिए है। यह पैकेज देश के श्रमिक, किसान और माध्यम वर्ग के लिए है। इसमें कई प्रावधान होंगे।

पीएम ने कहा कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस आर्थिक पैकेज की जानकारी एकाध दिन में विस्तार से देंगी। कहा कि बड़ी से बड़ी व्यवस्थाएं वर्तमान हालत से  हिल गयी हैं। लेकिन हमारे देश ने संघर्ष से इसे संभाला है।

राष्ट्र के रूप में हम बहुत नए मोड़ पर खड़े हैं। यह आपदा संकेत लेकर आई है, सन्देश और अवसर लेकर आई है। मोदी ने संदेश दुनिया में मरीजों की संख्या और मौत के बारे में बताते हुए शुरू किया और कहा भारत में लोगों ने अपने स्वजन खोये हैं। एक वायरस ने दुनिया को तहश नहस कर दिया। विश्व भर में करोड़ों जिंदगियों को  संकट का सामना है।

मोदी ने कहा कि सारी दुनिया ज़िंदगी बचाने में एक प्रकार से जुटी है। हमने ऐसा संकट न देखा न सुना। निश्चित ही यह मानव जाति के लिए अकल्पनीय है और अभूतपूर्व है। टूटना और बिखरना मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए ऐसी जंग के सभी नियमों का पालन करते हुए हमने बचना भी है और आगे बढ़ना भी है। आज जब दुनिया संकट में है, हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से और विराट होगा।

हम सुनता आये हैं कि २१वीं शताब्दी भारत की है। संकट के बाद दुनिया में जो  स्थितियां बन रही हैं, उसे हम देख रहे हैं। भारत के नजरिये से देखें तो २१वीं शताब्दी भारत की हो, यह हम सब की जिम्मेवारी है। विश्व की स्थिति सिखाती है इसका एक ही मार्ग है, आत्मनिर्भर भारत।

उन्होंने कहा कि यह त्रासदी हमारे लिए एक अवसर लेकर आई है। आज भारत हर रोज दो लाख पीपीई किट और इतने ही मास्क बन रहा है। मार्च तक हम कुछ नहीं बनाते थे। हमने आपदा को अवसर में बदल दिया। यह दृष्टि आत्मनिर्भर के हमारे संकल्प के लिए प्रभावी सिद्ध होगी। आज दुनिया में आत्मनिर्भर शब्द के मायने बदल गए हैं। अर्थकेंद्रित वैश्वीकरण बनाम मानवकेंद्रित की चर्चा है। भारत में आशा की किरण नजर आ रही है।

मोदी ने कहा दुनिया में भारत ठान ले तो कोइ लक्ष्य असंभव नहीं, कोइ राह मुश्किल नहीं। इकॉनमी पांच  स्तंभों पर खड़ी है। हमारी जनसंख्या हमारी ताकत है।

अंडर-17 महिला फुटबॉल विश्व कप अब अगले साल

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण भारत में इस साल होने वाले महिला अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप पहले ही टाल दिया गया था। फीफा ने मंगलवार को इसका ऐलान किया कि विश्व कप का आयोजन 17 फरवरी से 7 मार्च 2021 तक किया जाएगा।
विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा ने महामारी से पैदा हुई परिस्थितियों का गहन मूल्यांकन करने के बाद मंगलवार को यह फैसला किया।  पहले इस टूर्नामेंट का आयोजन इसी साल दो से 21 नवंबर के बीच कराने की योजना थी, लेकिन पूरी दुनिया में फैले वायरस के चलते उसे भी आगे बढ़ा दिया गया।
फीफा ने घोषणा की कि टूर्नामेंट के मूल पात्रता मानदंड बने रहेंगे और इस तरह से उसने एक जनवरी 2003 या उसके बाद और 31 दिसंबर 2005 या उससे पहले जन्में खिलाड़ियों को इसमें भाग लेने की छूट दी थी। इस प्रतियोगिता में 16 टीमें भाग लेंगी और इसका आयोजन पांच स्थलों पर किया जाएगा।
बता दें कि फीफा (इंटरेनशनल फेडरेशन ऑफ असोसिएशन फुटबॉल) ने चार अप्रैल को इस साल नवंबर में भारत में होने वाले अंडर-17 महिला वर्ल्ड कप टूर्नामेंट को स्थगित करने का एलान किया था। इसके बाद तय समय के मुताबिक, यह टूर्नामेंट इस साल 2 नवंबर से 21 नवंबर के बीच खेला जाना था।
कोरोना वायरस महामारी का कहर देश और दुनिया में लगातार जारी है। दुनियाभर में कोरोना की वजह से अबतक 2.9 लाख से भी ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में कोरोना के 67152 मामले सामने आए हैं, जिनमें से 2206 लोगों की मौत हो चुकी है।

मनमोहन सिंह स्वस्थ, एम्स से छुट्टी

दो दिन पहले तबीयत नासाज होने के बाद दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में भर्ती किये गये पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (८७) अब स्वस्थ हैं और उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। उन्हें सीने में दर्द महसूस होने के बाद बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था। एहतियातन उनकी कोविड-१९ जांच भी की गयी और अच्छी खबर यह है कि उनकी रिपोर्ट नेगेटिव आई है।
पूर्व प्रधानमंत्री को पहले एम्स के कार्डियो-थोरैसिस (हृदय और सीने से संबंधित) यूनिट के सघन चिकित्सा कक्ष (आईसीयू) में चिकित्सकों की निगरानी में रखा गया था। सोमवार रात उन्हें एम्स के कार्डियो-न्यूरो टॉवर के निजी वार्ड में भेजा गया। याद रहे १० मई की रात नई दवा के इस्तेमाल से हुए रिएक्शन और बुखार के बाद उन्हें  ”एम्स” में भर्ती कराया गया था। उनकी कोविड-१९ की जांच रिपोर्ट भी नेगेटिव आई है।
पता चला है कि पूर्व पीएम को नई दवा के कारण रिएक्शन हुआ और इस वजह से उन्हें भर्ती कराया गया। मंगलवार दोपहर उनकी मेडिकल जांच के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी देने का फैसला किया गया। उन्हें करीब साढ़े १२ बजे अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।

चीनी हेलीकॉप्टर सीमा पर दिखे तो भारत ने लड़ाकू विमान तैनात किये

भारतीय और चीनी सैनिकों के एक-दूसरे के साथ उलझने की घटना के दिन ही चीन ने भारतीय क्षेत्र के करीब हेलिकॉप्टर उड़ान की थी और उन्हें भारतीय सीमा के काफी पास देखा गया था। इसके बाद भारत ने लद्दाख क्षेत्र में लड़ाकू विमानों तैनात कर दिए हैं। भारत सीमा की इस हलचल पर कड़ी नजर रखे हुए है।

जानकारी के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एएलओसी) पर ये हलचल कुछ दिन पहले लद्दाख और उत्तरी सिक्किम क्षेत्र में दिखी थी। भारतीय सेना ने अपनी सीमा की तरफ आते चीन के इन हेलीकॉप्टर को खदेड़ दिया गया। भारत ने इसके लिए लड़ाकू विमान इस्तेमाल किये। वायुसेना या सरकार की तरफ से फिलहाल इसे लेकर कोइ आधिकारिक ब्यान नहीं आया है।

जहाँ पिछले हफ्ते दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़प हुई थी, वहां अभी भी बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती दोनों तरफ से बनी हुई है। अभी तक की जानकारी के मुताबिक चीनी हेलीकॉप्टरों ने भारतीय सीमा का उल्लंघन नहीं किया था। हाँ, जब चीनी हेलीकॉप्टर की हलचल दिखी तो भारत ने लद्दाख सेक्टर में अपने लड़ाकू विमानों को सीमा के क्षेत्र में पहुंचा दिया।

यहाँ यह भी दिलचस्प कि पाकिस्तान को भी पिछले दिनों में सीमा पर हलचल करते देखा गया है। उसके एफ-१६, जेएफ-१७ और मिराज-३ को सीमा क्षेत्र में उड़ान भरते या गश्त करते देखा गया है।

याद रहे पिछले दिनों जब उत्तरी सिक्किम में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प हुई थी तो उसमें दोनों तरफ कुछ सैनिकों को हल्की चोटें भी आई थीं। घटना के समय १५० से ज्यादा चीनी सैनिक भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ की कोशिश करने लगे थे। इसके बाद वहां माहौल तनाव वाला हो गया था।

मजदूरों को गांव जाने से रोकने में असफल रही सरकार

जैसे –जैसे देश में कोरोना का कहर दिन द दिन बढता जा रहा है । वैसे –वैसे लोगों में कोरोना को लेकर डर बढता ही जा रहा है। पर कुछ लोगों को इस बात को लेकर काफी आक्रोश है। कि केंद्र और राज्य सरकारें कोरोना को लेकर अब लापरवाह होती जा रही है।तहलका संवाददाता को सामाज के जिम्मेदार लोगों  एडवोकेट , डाक्टर, अर्थशास्त्री , सामाजिक कार्यकर्ता व छात्रों ने बताया कि राजनीति से जुडे लोग तो अपने वोट बैंक को देखकर कुछ करते और बोलते है।पर अब सामाज के जिम्मेदार नागरिकों को आगे आना होगा। तब सरकार कोरोना के बचाव के लिये आगे आयेगी अन्यथा काफी क्षति जनमानत की हो सकती है।एडवोकेट पीयूष जैन का कहना है कि एक ओर तो केंद्र सरकार कहती है । कि कोरोना को हराने के लिये हर जरूरी प्रयास किये जा रहे है । वही सरकार जब देश में कोरोना का कहर लोगों की जिन्दगी में काल बनकर खडा है । तब ऐसे हालात में सरकार रेल भर –भर लोगों को गांवों में भेजने में लगी है।ऐसे में देश में कोरोना का फैलाव और होगा । अगर गांवों में कोरोना को फैलाव हो गया तो इसको काबू पाना मुश्किल होगा।क्योंकि इस समय देश में कोरोना को प्रकोप भंयकर रूप धारण करता जा रहा है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार मजदूरों की जरूरतों को पूरा करनें में असफल रही है। जितके कारण आज मजदूरों को अपने गांवों में जाना पड रहा है।इंडियन हार्ट फाउंडेशन के अध्यक्ष डाँ आर. एन. कालरा का कहना है, कि सरकार जो भी फैसला लें पर सोच समझकर, क्योंकि देश एक नाजुक दौर से गुजर रहा है। कोरोना वायरस अन्य वायरस की तुलना में एक कदम आगे है। इसलिये कोरोना से बचाव के तौर पर सरकार को मास्क और सेनेटाइजर को हर नागरिक और स्कूली छात्रों के लिये अनिवार्य कर देना चाहिये। जिससे संक्रमण जैसी महामारी को काबू पाया जा सकें। इस समय जो मजदूर गांवों में जा रहे है कहीं किसी अन्जानें में वे कोरोना संक्रमित होने के कारण दूसरों को संक्रमित ना कर दें।ऐसे हालात में सावधानी और सतर्कता स्वास्थ्य के प्रति जरूरी है।अर्थ शास्त्री अनब सिंह का कहना है, कि सरकार को कोरोना के साथ –साथ अर्थ व्यवस्था पर पूरा ध्यान देना चाहिये । क्योंकि अर्थ बिना सब व्य़र्थ है। उन्होंने कहा कि सरकार मजदूरों को गांव जाने से रोकने में असफल रही है। और छोटी –छोटी जो फैक्टरी है, उनको सरकार कुछ रियायत के साथ सुविधायें मुहैया कराती तो फैक्टरी ना बंद होती और ना ही मजदूरों का पलायन होता ।इस लिये सरकार को कोई ठोस और रोजगार परक फैसले लेने होगे अन्य़था अर्थ व्यवस्था को पटरी पर लाना मुश्किल होगा।गांव जा रहे मजदूरों को गांवों में ही रोजगार और शहर में रह रहे लोगों को रोजगार मुहैया कराना होगा ।जिससे कोरोना के कारण हुये काम को पटरी पर लानें में कोई दिक्कत ना हो और ना ही आर्थिक संकट का सामना करने पडें।सामाजिक कार्यकर्ता मनोहर प्रजापति ने बताया कि हमारे देश का आधार सामाज के मेल-मिलाप पर ही टिका है । अगर सरकार सामाज के कमजोर और गरीबों की उपेक्षा करेंगी। तो देश में अंसमजस की स्थिति पैदा हो जायेगी।जिस प्रकार केंद्र और राज्य सरकार ने कोरोना काल में पूंजी पतियों का साथ दिया है। पर मजदूरों , कमजोर वर्ग और गरीबों की कोई सुनवाई नहीं की है । इन लोगों को पैदल चलनें को मजबूर कर दिया है। जो काफी निन्दनीय और शर्मनाक है।

सी. ए  की पढाई करने वाले गौरव सिंह का कहना है कि सरकार  ने कोरोना से बचाने के  सोशल डिस्टेंसिंग और लाँकडाउन का पालन करने की जो अपील की थी। उसकी जनता ने जमकर धज्जियां उठाई है। जिसके कारण देश में कोरोना का कहर बिल्कुल भी ना थमा है। ऐसे में अगर किसी को कोई दिक्कत हुई है, तो छात्रों को जिसके कारण ना तो उनकी परीक्षायें समय पर हो पा रही है और ना ही राष्ट्रीय स्तर की परीत्क्षायें जिसके कारण छात्रों के सामने अब उनको अब अपने भविष्य को लेकर काफी चिंता हो रही है।

पीएम का आज रात ८ बजे फिर संबोधन, देश में कुल ७१,२६८ मामले, २३१० मौत

देश में कोरोना के कुल मामले ७०,००० पार हो जाने और गरीब-मजदूरों की लॉक डाउन के चलते बड़े पैमाने पर दुर्दशा के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (मंगलवार) शाम ८ बजे फिर देश को संबोधित करेंगे। इससे पहले उन्होंने दो बार देश को संबोधित किया था। मोदी ने  देश भर में मुख्यमंत्रियों से लॉक डाउन और कोविड-१९ को लेकर चर्चा की थी। कई राज्य, खासकर गैर भाजपा शासित राज्य, यह आरोप लगाते रहे हैं कि उन्हें केंद्र से उचित मदद नहीं मिल पा रही।

आज शाम ८ बजे पीएम मोदी देश को क्या बताएँगे, यह तो तभी पता चलेगा लेकिन मुख्यमंत्रियों से उनकी बातचीत के दौरान यह जाहिर हुआ है कि ज्यादातर राज्य अभी लॉक डाउन ख़त्म करने के हक़ में नहीं हैं। लॉकडाउन-तीन १७ मई को पूरा हो रहा है। सवाल यही है कि क्या इसे बढ़ाया जा सकता है ?

मुख्यमंत्रियों और पीएम के बीच हुई बैठक से जो संकेत दिख रहे हैं उससे तो यही लगता है कि लॉकडाउन बढ़ सकता है, खासकर बहुत ही संवेदनशील इलाकों में। हालांकि, इसमें राज्यों को ज्यादा अधिकार मिल सकते हैं जैसा कि कांग्रेस के नेता राहुल गांधी भी मांग कर चुके हैं। कुछ दिन पहले की प्रेस कांफ्रेंस में उनका कहना था कि लॉक डाउन में चीजें नीचे से ऊपर की तरफ जानी चाहिए न कि ऊपर से नीचे।

सोमवार की पीएम और सीएम बैठक काफी लंबी चली थी। मुख्यमंत्रियों ने अपनी परेशानियों, लॉकडाउन को लेकर मुद्दे सामने रखे। महाराष्ट्र, पंजाब, बंगाल और तेलंगाना ने लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की जबकि कई अन्य राज्यों ने सिर्फ रेड ज़ोन और कंटेनमेंट ज़ोन में सख्ती का सुझाव दिया।

प्रधानमंत्री की ओर से राज्यों से लॉकडाउन को खोलने, आर्थिक गतिविधियों को चालू रखने और ग्रीन-रेड-ऑरेंज जोन को लेकर सुझाव मांगे गए हैं। कई राज्यों ने इस बात की मांग की थी कि ज़ोन तय करने की ताकत राज्य के हाथ में दे दी जाए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि बिना लॉकडाउन के आगे बढ़ना काफी मुश्किल हो सकता है, वहीं ममता बनर्जी ने केंद्र पर राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि हर किसी का साथ में होना जरूरी है। तेलंगाना, तमिलनाडु और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने ट्रेन सेवा या विमान सेवा की शुरुआत करने को मना किया।

इस बीच देश में कोविड-१९ संक्रमित लोगों का आंकड़ा ७१,२६८ हो गया है जिसमें ४५,९२६ सक्रिय मामले हैं जबकि २३,०२८ स्वस्थ , देश भर में २३१० लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा ८६८, गुजरात में ५१३, मध्य प्रदेश में २२१, पश्चिम बंगाल में १९०, राजस्थान में ११५, दिल्ली में ८६ लोगों की जान गयी है।

गाजियाबाद की सोसायटी में बाहरी को लाए तो नहीं मिलेगा बिजली-पानी

देशभर कोरोना वायरस की संक्रमण जांच बढ़ने के साथ ही संक्रमितों की तादाद भी बढ़ती जा रही है। इससे इतर, अब देश और दुनिया में लागू किए गए लॉकडाउन यानी तालाबंदी के साइड इफेक्ट भी नजर आने लगे हैं। जहां एक ओर लाखों प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घरों को जाने को मजबूर हैं तो दूसरी ओर अब महानगरों और उनसे सटे इलाकों की सोसायटियों में भी लोग एक दूसरे को संदिग्‍ध की निगाह से देखने लगे हैं।
इसी कड़ी में ताजा मामला गाजियाबाद की सोसायटी से सामने आया है। यहां के अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन (एओए) ने अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोगों के लिए एक नया नियम बनाकर लागू कर दिया है। इस नए नियम के अनुसार, अगर कोई भी जिस सोसायटी का रहने वाला अपने साथ किसी बाहरी व्यक्ति या रिश्तेदार को लेकर आता है तो उसे 11 हजार रुपये का फाइन भरना होगा। इतना ही नहीं, अगर जब तक फाइन नहीं भरा जाएगा, तब तक उन्हें पानी और बिजली की सुविधा नहीं मिलेगी।गाजियाबाद की राज नगर एक्सटेंशन में स्थित रिवर हाईट्स फेज 1 में बाकायदा नोटिस लगाकर इसकी इत्तला दी गई है। नोटिस में लिखा है- सोसायटी में किसी भी बाहरी व्यक्ति का प्रवेश नहीं होगा। जैसा कि आप सभी जानते हैं कि कोविड-19 मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है, पिछले 20 दिनों में राज नगर एक्सटेंशन की तीन सोसायटियों को सील कर दिया गया है। आप सभी से निवेदन है कि किसी भी बाहरी व्यक्ति को सोसायटी में न लाए और न ही सिक्योरिटी गार्ड्स से इस पर बहस करें। अगर नियम तोड़ा तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

इतना ही नहीं, आगे लिखा गया है कि अगर कोई नियम तोड़ता है तो उसके यहां बिजली और पानी की सप्लाई बंद कर दी जाएगी और 11 हजार रुपये भरना पड़ेगा। यह पैसा पीएम-केयर्स फंड में जमा कराया जाएगा। पैसा जमा कराने के बाद बिजली और पानी की सप्लाई फिर से चालू कर दी जाएगी। आप सभी पढ़े-लिखें हैं, इसलिए ऐसा कुछ न करें जिससे सोसायटी सील कर दी जाए।

इस नोटिस के सोसायटी के ही कुछ लोगों के बीच नाराज दिखे। लोगों का कहना है कि इससे डर और अशांति पैदा करने का प्रयास किया जा रहा है। हम जानते हैं कि बाहरी लोगों की सोसायटी में आने की इजाजत नहीं है, लेकिन ऐसे किसी कदम को उचित नहीं ठहरा सकते।देश में आंकड़ा 67 हजार पार
भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के अब तक 67,152 केस सामने आए हैं जिनमें से 2206 लोगों की मौत हो चुकी है। देशभर में अब तक 20,916 लोग ठीक होकर अस्पताल से घर भेजे जा चुके हैं। स्वास्‍थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना के 4213 नए मामले सामने आए हैं।

उद्धव ने नामांकन भरा, जीत तय

कांग्रेस के अपना दूसरा उम्मीदवार वापस लेने के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधान परिषद् के चुनाव के लिए सोमवार को नामांकन दाखिल कर दिया है।

एमएलसी के लिए २१ मई को चुनाव होने हैं, जिसमें उद्धव का निर्विरोध चुना जाना तय दिख रहा है, हालांकि, गठबंधन सावधानी के नाते चुनाव के दिन तक अपने विधायकों पर पूरी नजर रखे रहेगा। महाविकास अघाडी के चुनाव में अब कुल पांच उम्मीदवार होंगे जबकि भाजपा के चार।

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस को भरोसा दिलाया गया है निकट भविष्य में होने वाले एमएलसी के किसी भी चुनाव में उसे एक सीट दी जाएगी जिसके बाद कांग्रेस ने अपना दूसरा उम्मीदवार।  मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेताओं से  बाद यह फैसला हुआ।

पहले कांग्रेस ने एक की जगह दो उम्मीदवारों को मैदान में उतारकर उद्धव के एमएलसी बनने की राह में रोड़ा अटक दिया था। शिव सेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस के इस फैसले का स्वागत किया है।

महाराष्ट्र में कुल नौ विधानपरिषद  सीटों के लिए २१ मई को चुनाव होना है। उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए यह चुनाव जीतना ही होगा। उद्धव ने आज अपना पर्चा भरा। नामांकन दाखिल करते समय उनके साथ बेटे आदित्य ठाकरे और पार्टी के अन्य नेता मौजूद थे।

भाजपा की ओर से शुक्रवार को चार प्रत्याशियों ने नामांकन दाखिल किया था जिसमें रणजीत सिंह मोहिते पाटिल, प्रवीण दटके, गोपीचंद पडालकर, अजित गोपछडे शामिल हैं। गठबंधन में शिवसेना के उम्मीदवार मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व विधान परिषद सदस्य नीलम गोरे हैं जबकि एनसीपी ने शशिकांत शिंदे और अमोल मिटकरी को उम्मीदवार घोषित किया है।

रेलवे की १२ से सीमित ट्रेनें चलने की तैयारी, बुकिंग कल शाम से

भले अभी लॉक डाउन जारी हो, भारतीय रेलवे ने १२ मई से यात्री रेलगाड़ियों के परिचालन की योजना बनाई है। जानकारी के मुताबिक शुरुआत में १५ जोड़ी ट्रेन का परिचालन हो सकता है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इन ट्रेनों को नई दिल्ली स्टेशन से देश के १५ महत्वपूर्ण शहरों को जोड़ने वाली विशेष ट्रेनों के रूप में चलाया जाएगा। इसके लिए रेलवे १२ मई से १५ शहरों के लिए शुरूई करने वाली पैसेंजर ट्रेन के लिए ११ मई से टिकट की बुकिंग शुरू कर देगा। यात्रियों को प्रवेश के दौरान मास्क पहनना अनिवार्य होगा और प्रस्थान के समय स्क्रीनिंग से गुजरना होगा और सिर्फ यात्रियों को ट्रेन में चढ़ने की अनुमति होगी।

रेल मंत्रालय ने इसे लेकर एक विस्तृत योजना तैयार की है। शुरुआत में कम संख्या में ही ट्रेन संचालन होगा और इस दौरान लोगों के स्वास्थ्य और कोविड-१९ संक्रमण की जांच भी की जाएगी। ये ट्रेनें डिब्रूगढ़, अगरतला, हावड़ा, पटना, बिलासपुर, रांची, भुवनेश्वर, सिकंदराबाद, बंगलुरू, चेन्नई, तिरुवनंतपुरम, मडगांव, मुंबई सेंट्रल, अहमदाबाद और जम्मू तवी को जोड़ने वाली नई दिल्ली स्टेशन से विशेष ट्रेनों के रूप में चलाई जाएंगी।

जानकारी के मुताबिक इसके बाद रेलवे कुछ अन्य मार्गों पर विशेष ट्रेनें संचालित कर सकता है। हालांकि, यह कोचों की उपलब्धता पर निर्भर करेगा क्योंकि रेलने ने पहले ही करीब २०,००० कोच कोविड-१९ केयर सेंटर के रूप में दिए हुए हैं। इसके अलावा रोजाना ३०० श्रमिक विशेष ट्रेन भी वर्तमान में चल रही हैं।

जानकारी के मुताबिक नई दिल्ली से चलाई जाने वाली ट्रेनों के आरक्षण के लिए बुकिंग ११ मई को शाम चार बजे से शुरू होगी और केवल आईआरसीटीसी की वेबसाइट पर ही उपलब्ध होगी। रेलवे स्टेशनों पर टिकट बुकिंग काउंटर बंद रहेंगे और कोई काउंटर टिकट (प्लेटफॉर्म टिकट सहित) जारी नहीं किया जाएगा। यह भी कहा गया है कि केवल वैध कंफर्म टिकट वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशनों में प्रवेश करने की अनुमति होगी।