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अभिनेता अक्षय कुमार के हेलीकॉप्टर से नासिक जाने पर उठा विवाद

बॉलीवड अभिनेता अक्षय कुमार हेलीकॉप्टर से नासिक जाने को लेकर विवाद में फंस गए हैं। लॉकडाउन के दौरान हेलीकॉप्टर से नासिक जाने और वहां एक रेजॉर्ट में रुकने को लेकर यह विवाद बना है। अक्षय ने कहा था कि उनके पास जाने की जरूरी मंजूरी थी।

भुजबल ने शनिवार को कहा था कि वह अभिनेता के इस सप्ताह के शुरुआत में हेलीकॉप्टर से नासिक जाने और एक रिजॉर्ट में रुकने के लिए ”विशेष अनुमति” लेने के मामले में जांच आदेश देंगे। उन्होंने कहा था कि ”उन्होंने समाचार पत्रों में इस यात्रा के बारे में पढ़ा, लेकिन उन्हें नहीं मालूम कि वह कब आए और कब रवाना हुए और इसका पता करेंगे”।

वैसे विवाद पैदा होने के बाद शनिवार को अक्षय कुमार ने कहा कि उनके पास आवश्यक अनुमति थी और वे नासिक के चिकित्सक अशरफ से मिलने गए थे। उन्होंने बताया कि नासिक कमिश्नर ऑफ पुलिस ने उन्हें यात्रा की अनुमति दी थी।

दरअसल विवाद तब पैदा हुआ जब उन्होंने अपनी तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की थी। खबरें रहीं कि अक्षय की यात्रा के दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी उनसे मिले थे। अक्षय ने पहली जुलाई को यह यात्रा की थी, ऐसी चीजें मीडिया में रिपोर्ट हुई हैं।

बुन्देलखण्ड में कोरोना का कहर ,  सगे संम्बधियों तक को कांधा देने से बच रहे है

कोरोना काल में लोगों में सोशल डिस्टेंसिग के कारण या कोरोना के डर की वजह अब आपस में इस कहर दूरियां बढ रही है कि रोग -शोक तक के बारे में कोई किसी के बारे में जानना नहीं चाह रहा है। आलम ये है कि कोरोना रोगियों के परिजनों तक से मिलना और संपर्क नहीं रख रहे है। जिस भी व्यक्ति की कोरोना से मौत हो जाने पर इस शोक की घडी में  उसके परिजनों तक से लोग सारे रिश्ते नाते तक को भुलाने को तैयार है।बुन्देलखण्ड में कोरोना का कहर दिन व दिन  बढता ही जा रहा है। बुन्देलखण्ड के मध्य- प्रदेश और उत्तर –देश के हिस्से वाले जिलों में हर रोज कोरोना के मामले बढ रहे है और मौतें भी हो रही है। मौजूदा हालात को देखकर यहां के लोगों में डर सता रहा है कि अगर ऐसा ही रहा तो यहां पर कोरोना को काबू पाने में दिकक्त हो सकती है।मध्य-प्रदेश के हिस्से वाले सागर , टीकमगढ , पन्ना, दमोह, छतरपुर और दतिया में कोरोना का कहर इस कदर है कि यहां पर रूक –रूक कर बाजार खुल रहे है। यहीं हाल उत्तर –प्रदेश के झांसी, ललितपुर, बांदा, महोबा, जालौन, हमीरपुर और चित्रकूट का है।अब बात करते है कोरोना से हुई मौत की दुखद घटना की जिसके कारण आपसी सौहार्द और रिश्ते नातों को तार –तार कर दिया है। झांसी की पुरानी वस्ती के 70 वर्षीय आदमी की मौत  कोरोना  से हो गई थी । मृतक के बेटे ने इस दुख की घडी में अपने सभी संगे सम्बधियों ,रिश्तेदारों और यहां तक की परिजनों को सूचित किया । लेकिन कोई भी कांधा देने तक नहीं आया फिर बडी मुश्किल में मजदूरों के सहारे शव को श्मशान घाट तक पहुचांया गया। मजदूरों को पीपीई किट दी गई थी। यहीं हाल सागर और टीकमगढ का है यहां पर तो चार पहिया के ढेले तक से शव को लोग बडे डर के साथ श्मशान घाट तक ले जाते है।बुन्देलखण्ड के सामाजिक कार्यकर्ता  हरिश्चंद्र पाठक का कहना है कि  कोरोना  के कहर से लोगों में डर इस कदर बढ गया है कि रिश्तों नातों तक को भूल रहा है । क्या करें  उसे भी डर लगता है कि कहीं वो और उसके परिजन भी कोरोना के चपेट में ना आ जाये।लेकिन उन्होंने अपील की है कि वे पीपीई किट के माध्यम से मृतक परिजनों का सहयोग करें । अमानवीय व्यवहार ना करें । क्योंकि ये बीमारी किसी ने बुलाई नहीं है। रोग- शोक तो सामाजिक हिस्सा है। इसलिये दुख की घडीं में सभी को सावधानी के साथ एक दूसरे का सहयोग करना चाहिये ।

मृतक के परिजनों  का कहना है, कि सदियों पुरानी परम्परा को तोडा जा रहा है । दाह संस्कार तक अपने परिजन नहीं कर रहे और बेगानों से अंतिम संस्कार करवाये जा रहे है।

अपराधी विकास दुबे का कानपुर स्थित अड्डा जमींदोज, उसी जेबीसी से गिराया जिससे रोका था पुलिस का रास्ता  

उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिकरु गांव में आठ पुलिसवालों की निर्मम हत्या करके फरार हुए गैंगस्टर विकास दुबे के अड्डे (घर) को शनिवार को उसी जेसीबी से गिरा दिया गया, जिसे रास्ते में खड़ा करके उसने शुक्रवार को उसके यहां छापा मारने आ रहे पुलिसवालों को रोककर अपने गुर्गों की मदद से उनकी हत्या कर दी थी।

किलेनुमा उसके अड्डे के बाहर १० फुट ऊंची दीवार बनाई गयी थी जिसके ऊपर कांटेदार बाड़ लगाई गयी थी। प्रशासन के आदेश पर इस अड्डे को गिरा दिया गया है, और अभी भी इसका काम चल रहा है। यह भी चर्चा रही है कि वहां कोइ तहखाना और गुप्त रास्ते भी हो सकते हैं। पूरी खुदाई के बाद ही इसका पता चल सकेगा।

दिलचस्प यह रहा कि प्रशासन ने उसी जेसीबी से विकास के इस अड्डे को गिराया, जिससे उसने पुलिस का रास्ता राेका था। शनिवार सुबह ही पुलिस और प्रशासन की टीमें बिकरु गांव पहुंच गई थीं। आसपास के दर्जनों गांवों में दहशत रखने वाला विकास फिलहाल फरार है और ऐसा लग रहा है कि इस बार उसे हार माननी पड़ेगी। उसकी तलाश में पुलिस ने डेढ़ दर्जन से ज्यादा टीमें भेजी हैं। यह भी जांच की जा रही है कि कहीं वो नेपाल तो नहीं भाग गया। उसका घर गिराने से पहले पुलिस ने विकास दुबे के पिता रामकुमार को और उनकी नौकरानी रेखा को बच्चों समेत घर से बाहर निकाल लिया था।

अब तक पुलिस ने उसके दो बदमाश साथियों को ढेर कर दिया है जबकि मामले में पूछताछ के लिए १२ लोगों को हिरासत में लिया है। लखीमपुर खीरी जिले में पुलिस को  अलर्ट पर रखा गया है, साथ ही नेपाल बॉर्डर पर अलर्ट जारी किया गया है। उसके फोटो इलाके में चस्पां किये गए हैं। उधर विकास की मां बेटे की हरकत से सख्त नाराज हैं और उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा है कि उसे आत्मसमर्पण कर देना चाहिए, नहीं तो पुलिस उसे एनकाउंटर में मार दे।

एक ही दिन में रेकॉर्ड २२,७७१ कोविड-१९ के मामले

जुलाई आते ही देश में कोविड-१९ के मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। पिछले २४ घंटे में अब तक के रेकार्ड २२,७७१ मामले सामने आये हैं जबकि ४४२ लोगों की जान चली।  देश में कोरोना से अब तक १८,६५५ लोगों की जान जा चुकी है। भारत में पिछले ६ दिन १,००,७४२ मामले सामने आए हैं। बड़ी खबर यह है कि देश में रिकवरी रेट बढ़कर ६०.८० प्रतिशत पहुंच गया है, जो अच्छी बात है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजे आंकड़ों के मुताबिक पिछले २४ घंटे में २२,७७१ नए मामले सामने आए हैं जो एक दिन में नए कोरोना मरीजों का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है। इसके बाद देश में अब तक की कुल संक्रमित मामलों की संख्या बढ़कर ६,४८,३१५ हो गयी है, जिनमें से आज की तारीख में सक्रीय मामलों की संख्या २,३५४,३३ है।

भारत में पिछले ५ दिन में (३ जुलाई तक) १,००,७४२ मामले सामने आए हैं। इनमें २९ जून को १८३३९, ३० जून को १८२५६, पहली जुलाई को १९४२९, २ जुलाई को २१९४७ और ३ जुलाई को २२७७१ मामले सामने आए हैं। इसका एक कारण टेस्टिंग की गति बढ़ना भी है।

देश में पिछले २४ घंटे में कोरोना वायरस से ४४२ लोगों की जान गयी है। देश में अब तक ६.४८ लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, जिनमें से १८,६५५ की मौत हो गयी है जबकि ३,९४,२२७ स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं। भारत में स्वस्थ होने वाले मरीजों की दर बढ़कर ६०.८० फीसदी पहुंच गयी है, जिसे बहुत अच्छी खबर माना जाएगा। भारत में मृत्यु दर ४.५२ फीसदी है। इसका मतलब यह होता है कि हर १००  कोरोना मरीज (पॉजिटिव) में सिर्फ ४.५२ फीसदी लोगों अब तक हुई है।

पिछले २४ घंटे में महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा ६,३६४ नए मामले सामने आए हैं जबकि उसके बाद तमिलनाडु ४३२९, दिल्ली २५२०, तेलंगाना १८९२, कर्नाटक १६९४ हैं। उधर तमिलनाड में शुक्रवार कोरोना वायरस के ४३२९ नए मामले सामने आए हैं।

जुलाई में होने वाली जेईई व नीट परीक्षाएं अब सितंबर में

कोरोना महामारी से  ज़्यादा पढ़ाई और छात्रों का नुकसान हुआ है। इसी कड़ी में अब ममव आंसाधन विका मंत्रालय ने मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट और जेईई मेन और जेईई एडवांस परीक्षा स्थगित कर दी हैं। मंत्रालय ने इन परीक्षाओं को जुलाई की जगह सितंबर में कराने का एलान किया है।
 
मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, नीट अब 13 सितंबर को जबकि जेईई मेन 1 से 6 सितंबर और जेईई-एडवांस 27 सितंबर को आयोजित की जाएगी। इससे पहले नीट 26 जुलाई, जेईई मेन 18 से 23 जुलाई और जेईई एडवांस 23 अगस्त को होनी थी। 
 
अभिभावकों और छात्रों की चिंताओं और  मांग पर मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के प्रमुख विनीत जोशी की अध्यक्षता वाले पैनल से इस पर रिपोर्ट मांगी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर अब यह फैसला कर लिया गया है।

दिल्ली में भूकंप के तेज झटके, तीव्रता ४.७

दिल्ली एनसीआर में शुक्रवार शाम ७.०१ मिनट पर फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किये गए हैं। यह झटके करीब ३-४ सेकंड तक महसूस किये गए जिसके बाद लोग घबराकर घरों से बाहर निकल आये। इनकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर ४.५ मापी गयी है और इसका केंद्र राजस्थान का अलवर था।

दिल्ली में लोगों ने अपने सामान को हिलते देखा। पिछले करीब तीन महीने से राजधानी में लगातार भूकंप के झटके महसूस किये जा रहे हैं।  तेज थे और कमसे काम ४ बार आये और लगातार ३-४ सेकंड तक रहे। झटकों का असर दिल्ली, नोयडा और गाजियाबाद में भी महसूस किये गए।

अभी तक की जानकारी के मुताबिक यह झटके काफी तेज थे और करीब ३-४ सेकंड तक महसूस किये गए हैं। इनकी तीव्रता ४.५ मापी गयी है और इसका केंद्र राजस्थान का अलवर था। अभी किसी जानमाल के नुक्सान की कोइ खबर नहीं है। बाकी जानकारी का इंतजार है।

पाकिस्तान में बड़ा ट्रेन हादसा, 19 सिख श्रद्धालुओं की मौत

पाकिस्तान में शुक्रवार दोपहर एक बड़ा ट्रेन हादसा हो गया। इस हादसे में 19 सिख श्रद्धालुओं की मौत हो गई, जबकि आठ लोगों के घायल हो गए।
यह हादसा पाकिस्तान के शेखपुरा जिले में हुआ। बताया जा रहा है कि यह हादसा रेलवे क्रॉसिंग पर हुआ, जहां गेट नहीं है। जानकारी के मुताबिक ,15 श्रद्धालुओं की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
घटना की सूचना मिलते ही बचावकर्मी और प्रशासन के कुछ अधिकारी मौके पर पहुंच गए है। बताया जा रहा है कि ये हादसा बिना बैरियर वाली क्रॉसिंग पर हुआ है। सभी घायलों को अस्पताल पहुंचा दिया गया है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने भीषण हादसे पर दुख व्यक्त किया है। इतना ही नहीं इमरान खान ने प्रशासन से कहा कि सभी घायलों को अच्छी मेडिकल सहायता तत्काल दी जाए।
हादसे की जानकारी देते हुए रेल अधिकारी ने बताया कि तेज रफ्तार से आ रही शाह हुसैन एक्सप्रेस यहां से निकल रही थी। उसी वक्त बस ड्राइवर बस को कॉसिंग से निकालने की कोशिश कर रहा था। इसी दौरान ये भयानक हादसा हो गया।

हाल की घटनाओं में सैनिकों की वीरता ने दुनिया को भारत की ताकत दिखाई : मोदी

भारत-चीन के बीच सीमा पर जबरदस्त तनातनी के बीच लेह के दौरे पर अचानक पहुंचे पीएम मोदी ने शुक्रवार को जवानों को संबोधित किया। मोदी ने कहा कि सिर्फ मुझे ही नहीं, बल्कि पूरे देश को अप्पर अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है। अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है। पीएम अब राजधानी लौट आए हैं।
मोदी, लेह में १५ जून की भारत-चीन सैनिकों की खूनी भिड़ंत में घायल जवानों से भी मिले और उनका उत्साह वर्धन किया। बाद में जवानों को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा – ”आपका ये हौसला, शौर्य और मां भारती के मान-सम्मान की रक्षा के लिए आपका समर्पण अतुलनीय है। आपकी जीवटता भी जीवन में किसी से कम नहीं है।  जिन कठिन परिस्थितियों में जिस ऊंचाई पर आप मां भारती की ढाल बनकर उसकी रक्षा, उसकी सेवा करते हैं, उसका मुकाबला पूरे विश्व में कोई नहीं कर सकता है।
आपका साहस उस ऊंचाई से भी ऊंचा है, जहां, आप तैनात हैं। आपका निश्चय, उस घाटी से भी सख्त है, जिसको आप रोज अपने कदमों से नापते हैं।”
पीएम ने इस मौके पर अपने संबोधन में राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की कविता की पंक्तियाँ भी सुनाई – ”जिनके सिंहनाद से सहमी, धरती रही अभी तक डोल, कलम, आज उनकी जय बोल। मैं आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं।”
मोदी ने कहा कि ”आपकी भुजाएं, उन चट्टानों जैसी मजबूत हैं, जो आपके इर्द-गिर्द हैं।  आपकी इच्छा शक्ति आस पास के पर्वतों की तरह अटल हैं। जब देश की रक्षा आपके हाथों में है, आपके मजबूत इरादों में है, तो सिर्फ मुझे ही नहीं बल्कि पूरे देश को अटूट विश्वास है और देश निश्चिंत भी है। अभी जो आपने और आपके साथियों ने वीरता दिखाई है, उसने पूरी दुनिया में ये संदेश दिया है कि भारत की ताकत क्या है।”
जवानों को जोश से भरते हुए मोदी ने कहा – ”मैं आज अपनी वाणी से आपकी जय बोलता हूं और आपका अभिनंदन करता हूं। मैं गलवान घाटी में शहीद हुए सैनिकों को आज पुनः श्रद्धांजलि देता हूं। उनके पराक्रम, उनके सिंहनाद से धरती अब भी, उनका जयकारा कर रही है। आज हर देशवासी का सिर, आपके सामने आदरपूर्वक नमन करता है। आज हर भारतीय की छाती आपकी वीरता और पराक्रम से फूली हुई है।”
पीएम मोदी ने कहा कि १४ कोर की जांबाजी के किस्से हर तरफ है। दुनिया ने आपका अदम्य साहस देखा है। आपकी शौर्य गाथाएं घर-घर में गूंज रही है। भारत के दुश्मनों ने आपकी फायर भी देखी है और आपकी फ्यूरी भी। आज लद्दाख के लोग हर स्तर पर चाहे वो सेना हो या सामान्य नागरिक के कर्तव्य हों, राष्ट्र को सशक्त करने के लिए अद्भुत योगदान दे रहें हैं।
मोदी ने कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, वीर भोग्य वसुंधरा। यानी वीर अपने शस्त्र की ताकत से ही मातृभूमि की रक्षा करते हैं। ये धरती वीर भोग्या है। इसकी रक्षा-सुरक्षा को हमारा सामर्थ्य और संकल्प हिमालय जैसा ऊंचा है। ये सामर्थ्य और संकल्प में आज आपकी आंखों पर, चेहरे पर देख सकता हूं। आप उसी धरती के वीर हैं, जिसने हजारों वर्षों से अनेकों आक्रांताओं के हमलों और अत्याचारों का मुंहतोड़ जवाब दिया है। हम वो लोग हैं जो बांसुरीधारी कृष्ण की पूजा करते हैं, वहीं सुदर्शन चक्रधारी कृष्ण को भी अपना आदर्श मानते हैं।
पीएम ने कहा – ”भारत आज जल, थल, नभ और अंतरिक्ष तक अगर अपनी ताकत बढ़ा रहा है, तो उसका लक्ष्य मानव कल्याण ही है। भारत आज आधुनिक अस्त्र शस्त्र का निर्माण कर रहा है, दुनिया की आधुनिक से आधुनिक तकनीक भारत की सेना के लिए ला रहें हैं, तो उसके पीछे की भावना भी यही है। विश्व युद्ध हो या फिर शांति की बात, जब भी जरुरत पड़ी है तो विश्व ने हमारे वीरों का पराक्रम भी देखा है और विश्व शांति के उनके प्रयासों को महसूस भी किया है।”
इससे पहले मोदी ने सैन्य अधिकारियों से तमाम स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने  घायल सैनिकों से भी भेंट की और उनका उत्साह वर्धन किया।

कोरियोग्राफर सरोज खान सुपुर्द-ए-ख़ाक

मशहूर बॉलीवुड कोरियोग्राफर सरोज खान का दिल का दौरा पड़ने से पिछली रात करीब डेढ़ बजे निधन हो गया। उन्हें चारकोप (मलाड) के कब्रिस्तान में सुपर्द-ए-खाक कर दिया गया है। सरोज खान कुछ समय से अस्वस्थ चल रही थीं।
सरोज खान (७२) को सांस लेने में दिक्कत की शिकायत के बाद बांद्रा के गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। शुक्रवार रात करीब १.५२ बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। बाद में उनके शव को रात में ही परिजनों को सौंप दिया गया। सरोज खान की बेटी सुकैना ने मीडिया को जो जानकारी दी है उसके मुताबिक सुबह सवा सात बजे के करीब चारकोप (मलाड) के कब्रिस्तान में सरोज खान को सुपुर्द-ए-खाक किया गया।
जानकारी के मुताबिक उनके लिए शोक सभा का आयोजन तीन दिन बाद किया जाएगा। सरोज करीब ७२ साल की थीं। सांस में तकलीफ के बाद मुंबई के बांद्रा में स्थित गुरु नानक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। कुछ दिन पहले ही उनका कोरोना टेस्ट भी हुआ था, जो नेगेटिव आया था।
सरोज के निधन पर फिल्म इंडस्ट्री के दिग्गजों ने शोक प्रकट किया है। अक्षय कुमार,कोरियोग्राफर-डायरेक्टर रेमो डिसूजा, मनीषा कोइराला, निर्देशक विवेक अग्निहोत्री और अन्य ने उनके निधन पर शोक जताया है।
सरोज खान ने महज तीन साल की उम्र में बतौर बाल कलाकार फिल्मों में काम शुरू कर दिया था। सरोज ने अपने डांस टीचर सोहनलाल से ही शादी की थी। वहीं, अगर करियर की बात करें, तो सरोज ने आखिरी बार कलंक फ़िल्म बतौर कोरियोग्राफार काम किया था। इसके अलावा उन्होंने गोविंदा और माधुरी दीक्षित जैसे बेहतरनी डांसर को अपने कला से नवाज है।

पीएम मोदी लेह पहुंचे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी १५ जून की चीन के साथ खूनी झड़प के बाद देश के जांबाज सैनिकों से मिलने लेह पहुंचे हैं। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के भी लद्दाख जाने का कार्यक्रम था, लेकिन शुक्रवार को इसे ताल दिया गया था। पीएम मोदी के साथ सीडीएस विपिन रावत भी साथ हैं।

जानकारी के मुताबिक पीएम का अचानक लेह पहुँचाना हुआ है। इस दौरे के कार्यक्रम को सार्वजानिक नहीं किया गया था। याद रहे १५ जून को भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प में २० सैनिक शहीद हो गए थे। चीन के भी ४३ सैनिकों के मारे जाने की बात सामने आई थी।

कुछ देर पहले ही मोदी का चॉपर लेह पहुंचा है। एलएसी पर तनाव के बीच पिछले दिनों में सेना के तमाम बड़े अधिकारी यहाँ आ चुके हैं, लेकिन पीएम वहां सैनिकों का उत्साह बढ़ाने के लिए जाने वाले पहले राजनेता हैं।

उनका घायल सैनिकों के साथ मिलने का कार्यक्रम हो सकता है। इससे निश्चित ही उनमें उत्साह का संचार होगा। अभी तक किसी नेता के वहां न जाने से सवाल भी उठ रहे थे क्योंकि घटना हुए १८ से ज्यादा दिन गुजर चुके हैं।