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कानपुर में अपराधी के घर दबिश देने गयी पुलिस पर हमला, ८ पुलिसवालों की मौत

उत्तर प्रदेश में क़ानून व्यवस्था को धता बताते हुए शुक्रवार को एक बड़ी घटना में ८ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी गयी। यह घटना कानपुर की है, जहाँ एक कुख्यात हिस्ट्रीशीटर के घर दबिश देने गई पुलिस की टीम पर गुंडों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी जिसमें इन लोगों की मौत हो गयी। अभी तक की ख़बरों के मुताबिक बाद में २ बदमाशों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिरिराय है।

जानकारी के मुताबिक २००३ में एक राजनेता संतोष शुक्ला की हत्या में आरोपी  कुख्यात अपराधी विकास दुबे के घर गुरुवार देर रात दबिश देने गई पुलिस पर हमला  कर दिया गया जिसमें ८ पुलिसवालों की मौत हो गयी। बदमाशों ने पुलिस पर ताबड़तोड़ फायरिंग की जिसमें शिवराजपुर एसओ महेश यादव, सीओ देवेंद्र मिश्रा समेत ८ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हटना की जानकारी मिलते ही एसएसपी, तीन एसपी और एक दर्जन से अधिक थानों से फोर्स मौके पर पहुँची।

जानकारी के मुताबिक यह घटना देर रात १२.३० बजे की है। चौबेपुर थानाक्षेत्र के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के घर पर पुलिस टीम दबिश देने गई थी। बिठूर और चौबेपुर पुलिस ने छापेमारी करके विकास के घर को चारों तरफ से घेर लिया। पुलिस ने दरवाजा तोड़कर बदमाशों को पकड़ने का प्रयास कर ही रही थी कि विकास के साथ मौके पर मौजूद ८-१० बदमाशों ने ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी। पुलिसकर्मी जब तक कुछ समझ पाते गोली मेरी जांघ और हाथ पर लग गई। इसके बाद अपराधी मौके से भाग निकले।

महज पांच दिन में एक लाख बढ़ गए कोरोना मरीज

कोरोना वायरस के मामले देश में तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। बीते पांच दिनों में कोविड-19 के मामले छह लाख से ज़्यादा पहुंच गए। ऐसा तब हुआ जब ताजा मामलों की वृद्धि दर के साथ-साथ पिछले एक लाख मामलों में मृत्यु दर में मामूली गिरावट देखने को मिली है।
26 जून को एक लाख मामलों की वृद्धि दर 3.6 प्रतिशत थी। इस अवधि के दौरान मृत्यु दर की वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत से घटकर 2.6 प्रतिशत रह गई। दो दिनों के अंतराल के बाद नए मामलों की संख्या 19,000 से ज़्यादा दर्ज किए गए। बुधवार को 19,684 लोगों की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई जिसके बाद देश में कुल संक्रमितों की संख्या 605,068 पर पहुंच गई।
हालांकि बुधवार को कोरोना की वजह से मरने वाले लोगों की संख्या 434 रही जो इससे एक दिन पहले 510 थी।
भारत में अब तक वायरस के कारण 17,837 लोगों की मौत हुई है। सकारात्मक पहलू यह है कि यहां 359,671 लोग वायरस से लड़ाई जीतकर ठीक हो चुके हैं।
महाराष्ट्र में बुधवार को 5,537 लोगों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इसके साथ ही राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 180,298 हो गई है। वहीं राज्य में मृतकों की संख्या 8,053 पर पहुंच गई है। देश की राजधानी दिल्ली की बात करें तो यहां बुधवार को कोरोना के 2,442 मरीज सामने आए जबकि मंगलवार को यह संख्या 2,199 थी। राज्य में कुल संक्रमितों की संख्या 89,802 हो गई है। वहीं मृतकों की संख्या 2,803 हो गई है।
तमिलनाडु में बुधवार 3,882 नए मामले सामने आए और 63 लोगों की मौत हो गई। राज्य में मृतकों की कुल संख्या 1,264 हो गई है। जबकि राज्य के हॉटस्पॉट शहर चेन्नई में 2,182 मामले सामने आए।

रक्षा मंत्री राजनाथ का लद्दाख दौरा रद्द, नई तारीख जारी होगी  

वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान घाटी में १५ जून को चीनी सैनिकों से हुई खूनी झड़प, जिसमें २० भारतीय सैनिक शहीद हुए थे, के १८ दिन बाद लद्दाख-लेह के दौरे पर जाने वाले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का शुक्रवार का दौरा रद्द कर दिया गया है। वे अपने दौरे में लेह में इलाज करवा रहे घायल सैनिकों और मोर्चे पर डटे सैनिकों से मिलने वाले थे। अब उनका दौरा नए सिरे से तय होगा।

राजनाथ के लद्दाख दौरे के टलने की जानकारी अब से कुछ देर पहले आई है। दौरा स्थगित क्यों हुआ, इसका तात्कालिक रूप से पता नहीं चला है। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि रक्षा मंत्री के दौरे की नई तारीख जल्द घोषित की जाएगी। रक्षा मंत्री के साथ थलसेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे भी लेह जाने वाले थे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को अपने दौरे में सबसे पहले सेना की १४वीं कोर, जिसे फायर एंड फ्यूरी कहा जाता है, के हेडक्वार्टर पहुंचना था, जहां लेह कोर के कमांडर, ले.ज.  हरिंदर सिंह का पूर्वी लद्दाख से लगती एलएसी पर चीन से तनाव को लेकर उन्हें पूरी स्थिति एक प्रस्तुति से दिखाने का कार्यक्रम था।

सेना प्रमुख नरवणे ने २३ और २४ जून को लद्दाख का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों के साथ बैठकें की थीं। इससे पहले जनरल नरवणे ने २२ मई को लेह का भी दौरा किया था। उधर, चीन सीमा पर अभी भी तनाव बना हुआ है। तीस   जून को चीन के कोर कमांडर मेजर जनरल लिउ लिन ने भारत के कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल हरेंदर सिंह से १२ घंटे एक बातचीत की थी, लेकिन अभी तक कोइ ठोस नतीजा सामने नहीं आया है।

बीच में यह मीडिया रिपोर्ट्स भी आ रही हैं कि चीनी सेना ने पूर्वी लद्दाख सेक्टर में एलएसी के पास लगभग दो डिवीजन, जिसमें करीब २० हजार सैनिक रहते हैं, को तैनात किया है। यही नहीं चीन को लेकर यह भी कहा जा रहा है कि उसने एक और डिव जिसमें करीब १० हजार सैनिक शामिल हो सकते हैं, नार्थ शिनजियांग प्रांत में तैनात की है।

प्रियंका गांधी का मकान खाली करवाने के सरकार के नोटिस से गरमाई राजनीति

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के दिल्ली के सुरक्षा कारणों से करीब २३ साल पहले एचडी देवेगौड़ा के प्रधानमंत्री रहते मिले मकान को खाली कराने के मोदी सरकार के आदेश के बाद देश में जबरदस्त राजनीति शुरू हो गयी है। कांग्रेस ने इसे ”मोदी और योगी सरकार की घबराहट” बताया है तो वहीं भाजपा के लोग कह रहे हैं कि ”यह सब नियमों के तहत” किया गया है। जो मकान प्रियंका को खाली करने के लिए कहा गया है, वह उसका अभी तक अरीब ३७ हजार रुपये प्रति माह किराया अदा कर रही थीं।

जानकारी है कि प्रियंका जल्दी ही यह मकान खाली करके उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में डेरा जमाने वाली हैं, जिससे योगी सरकार की दिक्कत और बढ़ सकती है, क्योंकि प्रियंका पिछले लंबे से उत्तर प्रदेश की राजनीति में सक्रिय हो चुकी हैं। हैरानी की बात यह है कि प्रियंका गांधी उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के जितनी सक्रिय हैं, उतने तो बसपा की मायावती और समाजवादी पार्टी के अखिलेश भी नहीं दिख रहे।

उत्तर प्रदेश में २०२२ में ही विधानसभा चुनाव हैं और प्रियंका को लेकर कांग्रेस में यह चर्चा तेज है कि वे पार्टी को सक्रिय करने में सफल हो रही हैं। कांग्रेस के बीच उन्हें अगले विधानसभा चुनाव में बतौर मुख्यमंत्री पेश करने की मांग जोर पकड़ रही है।

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सरकारी बंगला खाली करने के मिले नोटिस के बाद राजनीति तेजी से गरमा गयी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस फैसले के लिए केंद्र की मोदी सरकार को निशाने लेते हुए दिलचस्प टिप्पणी की है। भगेल ने कहा – ”भले कहते रहो कि तुमको डर नहीं लगता, तुम्हारे माथे का पसीना, हकीकत का बयां है।”

कांग्रेस के तमाम नेता प्रियंका को मकान खाली करने के मोदी सरकार के आदेश को लेकर यही कह रहे हैं कि भाजपा उत्तर प्रदेश में प्रियंका की  सक्रियता से घबरा गयी है, और इसी घबराहट में ऐसे फैसले ले रही है, जिसका जनता में और भी गलत संदेश गया है। पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने तो मोदी सरकार को यह फैसला वापस लेने को कह दिया है।

हालांकि, भाजपा के लोग कह रहे हैं कि यह नियमों के तहत एक सरकारी फैसला है, और इसका राजनीति से कोइ लेना-देना नहीं है। याद रहे मोदी सरकार के केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय की ओर से प्रियंका गांधी वाड्रा को दिल्ली के लोधी एस्टेट स्थित सरकारी बंगले को छोड़ने का नोटिस मिला है और इसमें कहा गया है कि इसे अगस्त तक इसे खाली करना होगा।

सरकार का अपने सफाई में कहना है कि पिछले साल नवंबर में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने देश में एसपीजी सुरक्षा को लेकर रिव्यू किया था जिसके बाद गांधी परिवार जिनमें  सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी शामिल हैं, से एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गयी थी। अब यह तीनों जेड प्लस सुरक्षा कवर में हैं, जिसे सीआरपीएफ देख रही है। प्रियंका को जेड प्लस प्रोटेक्शन के तहत लोधी एस्टेट का सरकारी बंगला अलॉट किया गया था ताकि उनकी बेहतर सुरक्षा हो सके।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने कहा है कि चूंकि एसपीजी कवर अब उन्हें नहीं है, , इसलिए एक अगस्त तक यह बंगला उनके खाली करना होगा। ऐसा न किया गया तो  अतिरिक्त किराया देना होगा। प्रियंका गांधी वाड्रा को एसपीजी सुरक्षा के तहत २१ फरवरी, १९९७ को लोधी रोड स्थित यह बंगला अलॉट हुआ था। उस समय एचडी देवेगौड़ा देश के प्रधानमंत्री थे, और जान को गंभीर खतरा देखते हुए गांधी परिवार को एसपीजी सुरक्षा मिली हुई थी, जिसे पिछले साल रिव्यू के बाद मोदी सरकार ने घटाकर ”जेड प्लस” कर दिया था, जिसमें सरकारी मकान की सुविधा नहीं मिलती। वैसे प्रियंका इस मकान के लिए करीब ३७,००० हजार रुपये प्रति माह का किराया अदा कर रही हैं।

वाजपेयी सरकार के समय साल २००० में में ये नियम बना दिया गया कि जिस व्यक्ति के पास एसपीजी सुरक्षा नहीं, उसे सरकारी मकान नहीं दिया जाएगा। पहले तय हुआ था कि इस श्रेणी में बंगले का मार्केट रेट के आधे (५० प्रतिशत) से ज्यादा का किराया देना होगा, जिसे बाद में ३० प्रतिशत कर दिया गया। प्रियंका यही किराया सरकार को अदा कर रही थीं।

अब कांग्रेस मोदी सरकार के इस फैसले से खफा है और उसने प्रियंका से मकान खाली करवाने को ”बदले की कार्रवाई” बताया गया है। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा – ”प्रियंका गांधी वाड्रा लगातार केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साध रही हैं, इसी वजह से मोदी सरकार ने बदले में ये फैसला किया है”।

म्यांमार में भारी बारिश से खान में भूस्खलन, १०० से ज्यादा मजदूरों की मौत की आशंका

म्यांमार में भारी बारिश के कारण गुरुवार को एक बड़े हादसे में एक खान में १०० से ज्यादा मजदूरों की मौत होने की आशंका है। लोगों को बचने के लिए युद्ध स्तर पर राहत और बचाव कार्य शुरू किया गया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक यह घटना भारी बारिश के कारण म्यांमार की एक जेड खदान में  हुई है जहां अभी तक की ख़बरों के मुताबिक कम से कम ११३ लोगों की जान चली गयी है। अभी भी वहां १०० से ज्यादा मजदूरों के दबे होने की आशंका जताई गयी है।

जानकार मुताबिक शवों और दबे लोगों को मलबे से निकालने का काम बड़े पैमाने पर शुरू किया गया है। राहत और बचाव कार्य के लिए म्यांमारसरकार ने आदेश दिए हैं।

यह घटना काचिन सूबे के जेड-समृद्ध हापाकांत क्षेत्र की है जहां खनिक जेड पत्थर को इकट्ठा कर रहे मजदूर भारी बारिश के कारण उनपर मलबा आ गिरने से दब गए।

मलबा तब गिरा जब बारिश के चलते वहां बड़ा भूस्खलन हो गया। ये मजदूर नीचे दब गए।

अभी तक की जानकारी १०० से ज्यादा शव निकाले जा चुके हैं। मरने वालों की संख्या ज्यादा हो सकती है। राहत और बचाव कार्य तेज किया गया है। वहां की खदानों में पहले भी कई हादसे होने की ख़बरें हैं।

शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार, २८ नए मंत्री, सिंधिया का दबदबा

काफी खींचतान और अपने=अपने लोगों को मंत्री पद देने के दबाव के बीच आखिर मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल का विस्तार गुरूवार को कर दिया गया। इसमें २८ नए मंत्रियों को जगह दी गयी है, जिनमे से अकेले कांग्रेस से भाजपा में दलबदल करके आए ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक ९ विधायकों को मंत्री बनाया गया है। नए मंत्रियों में २० केबिनेट मंत्री और आठ राज्यमंत्री बनाये गए हैं। कार्यवाहक राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। सीएम शिवराज सिंह के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे।

मध्यप्रदेश में मंत्रिमडंल विस्तार में सिंधिया समर्थकों का दबदबा दिख रहा है। माना जा रहा है कि भाजपा के भीतर बहुत से लोग इस बात से सख्त नाराज हैं कि सिंधिया को इतनी तरजीह दी गई है। इसमें कोइ संदेह नहीं कि सिंधिया अपने लोगों को मंत्री बनाने का दबाव डालने में सफल रहे और भाजपा आलाकमान को भी उनके आगे झुकना पड़ा। विस्तार को देखने से साफ़ लगता है कि शिवराज सिंह की भी आलाकमान के आगे ज्यादा नहीं चली है।

प्रद्युम्न सिंह तोमर, जो सिंधिया के बेहद करीबी माने जाते हैं को भी मंत्री बनाया गया है। तोमर कमलनाथ सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं। ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र से पूर्व विधायक हैं। जिन लोगों को मंत्री बनाया गया है उनमें भाजपा के १६, इनमें ७ पुराने और ९ नए चेहरे शामिल हैं। यह मंत्री बनाए गये हैं। गोपाल भार्गव, भूपेंद्र सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, विजय शाह, जगदीश देवड़ा, बृजेंद्र प्रताप सिंह, विश्वास सारंग,  प्रेम सिंह पटेल, इंदर सिंह परमार, उषा ठाकुर, ओम प्रकाश सकलेचा, भारत सिंह कुशवाह, रामकिशोर कांवरे, मोहन यादव, अरविंद भदौरिया, राम खिलावन पटेल जबकि सिंधिया खेमे से महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रभुराम चौधरी, प्रद्युम्न सिंह तोमर,  इमरती देवी, राज्यवर्धन सिंह, ओपीएस भदौरिया, गिर्राज दंडोतिया, सुरेश धाकड़,  बृजेंद्र सिंह यादव और कांग्रेस से भाजपा में आए हरदीप सिंह डंग,  बिसाहूलाल सिंह और एंदल सिंह कंसाना शामिल हैं।

इससे पहले राजभवन में राष्ट्रगान के साथ शपथ ग्रहण की औपचारिक शुरुआत हुई। कार्यवाहक राज्यपाल आंनदीबेन पटेल ने नए मंत्रियों को शपथ दिलाई। सीएम शिवराज सिंह के अलावा ज्योतिरादित्य सिंधिया भी शपथ ग्रहण समारोह में उपस्थित रहे।

कुल २८ मंत्री शिवराज मंत्रिमंडल में लिए गए हैं जिनमें २० केबिनेट और आठ राज्यमंत्री हैं। अब केबिनेट में ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों का दबदबा दिख रहा है जिससे कई भाजपा नेताओं में बेचैनी है।

डाँक्टर और मरीज के बीच विश्वास कायम रहें – डाक्टर्स

डाँक्टर –डे के अवसर पर आज देश के डाँक्टरों ने माना है कि हर हाल में डाँक्टरों और मरीजों के बीच विश्वास कायम रहना चाहिये क्य़ोंकि समाज और रोगी को डाक्टरों पर अटूट विश्वास है। डाँक्टरों ने कहा कि रोग है, तो इलाज है । भले ही दुनिया भर में कोरोना का कहर लोगों को सता रहा है । पर ऐसे में डाँक्टरों के साहस और चिकित्सा के क्षेत्र में हो रही तरक्की से लोगों को कोरोना के कहर से बचाया जा रहा है और रोगी को जागरूक कर इलाज कर स्वस्थ्य भी किया जा रहा है।एम्स के डाँ आलोक कुमार का कहना है कि कोई भी बीमारी हो, हमें सावधानी के साथ इलाज करवाना चाहिये । कोरोना वायरस एक संक्रमित बीमारी है । लेकिन इस बीमारी को सोशल डिस्टेसिंग के माधयम के साथ –साथ डाक्टरी परामर्श लेकर बचाव किया जा सकता है। मैक्स अस्पताल के कैथ लैब के डायरेक्टर डाँ विवेका कुमार का कहना है कि डाँक्टर- डे इसलिये मनाया जाता है, कि डाक्टरों और मरीजों के बीच जो विश्वास का रिश्ता है, वो कायम रहे और रोगी को हर हाल में डाँक्टर्स के उपचार से लाभ मिलें।डाँ विवेका कुमार का कहना है कि कोरोना काल में हार्ट रोगियों को समय –समय पर जागरूक कर उच्चरक्तचाप .मधुमेह, और तनाव जैसी बीमारी से बचाव के बारे में जानकारी मुहैया कराते रहे है, ताकि किसी भी मरीज को किसी प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी बीमारी ना हो।कालरा अस्पताल के निदेशक डाँ आर एन कालरा का कहना है कि डाँक्टरी पेशा भी एक जिम्मेदार पेशा है। इसमें डाँक्टर कई बार अपने स्वास्थ्य की चिन्ता किये बिना भी रोगी की जान को बचाता है । उन्होने कहा कि कोरोना युग में आज भी डाँक्टर रात –दिन किये हुये है और मरीजों को स्वस्थ्य कर अपना दायित्व निभा रहे है। क्योंकि जिस तरीके से अचानक देश- दुनिया में कोरोना का कहर लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड कर रहा है। ऐसे में डाक्टरों की जिम्मेदारी और बढ जाती है।नेशनल मेडिकल फोरम के चैयरमेन डाँ प्रेम अग्रवाल का कहना है कि सदियों से चिकित्सकों के प्रति समाज का विश्वास रहा है और चिकित्सक भी मरीजों में अपने -पराये और गरीबी-अमीरी का बिना भेद किये इलाज करते रहे है। पर कुछेक सालों में डाँक्टरों के बीच जरूर कुछ घटनायें ऐसी आयी है जो डाँक्टरी पेशे को शर्मसार की है। उन्होंने डाँक्टरों से अपील की है कि वे डाँक्टरों और मरीजों के बने विश्वास को कायम रखें तोकि समाज में कोई भी व्यक्ति अस्वस्थ ना रहें। पर उन्होंने उन लोगों से भी अपील की है कि डाँक्टरों के साथ अभद्र व्यवहार ना करें जो आपकी जिन्दगी बचाने के लिये रात –दिन किये हुये है।कोरोना के इलाज के दौरान जो भी डाँक्टरों के साथ हुआ है वो किसी से छिपा नहीं है।देश के डाँक्टरों ने कोरोना वायरस जैसी खतरनाक बीमारी में जो सेवायें दी है वो सराहनीय है।

कोरोना वैक्सीन का मानव पर सफलता का दावा

कोरोना वायरस के कहर से जूझ रही दुनिया को बचाने के लिए वैज्ञानिक दिन-रात इस महामारी का वैक्सीन बनाने में जुटे हुए हैं। दुनिया में वर्तमान समय में कोरोना वायरस वैक्सीन को लेकर 120 से ज्यादा विशेषज्ञ काम कर रहे हैं। जबकि, इनमें से 13 वैक्सीन क्लीनिकल ट्रायल के चरण में पहुंच चुकी हैं। इनमें से सबसे ज्यादा चीन की वैक्सीन का मानव पर प्रयोग चल रहा है। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, अभी तक कोई भी ऐसी वैक्सीन नहीं बनी है जिसे कोरोना वायरस वैक्सीन का नाम दिया जा सके।

इस बीच, अमेरिका की बायोटेक फर्म इनोवियो ने दावा किया है कि कोरोनो वायरस वैक्सीन के परीक्षण के दौरान बेहतर परिणाम सामने आाए हैं। फर्म का दावा है कि आईएनओ-4800 नाम की वैक्सीन ने 40 लोगों पर किए गए जांच के दौरान 94 फीसदी सफल रही है।

क्लीनिकल ट्रायल के दौरान अमेरिका में 18 से 50 साल के उम्र के 40 लोगा को टीका दिया गया। इनको चार सप्ताह में वैक्सीन के दो इंजेक्शन दिए गए। टेस्ट के परिणाम से पता चला कि आईएनओ-4800 वैक्सीन ने सभी लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाई। कंपनी के अनुसार, इस दौरान वैक्सीन का कोई भी साइड इफेक्ट भी देखने को नहीं मिला।

स्पाइक प्रोटीन से खत्म होगा कोरोना
स्पाइक प्रोटीन से मानव शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी। वैक्सीन से स्पाइक प्रोटीन का निर्माण होगा तो शरीर उसे वायरस समझकर ज्यादा संख्या में एंटीबॉडी बनाएगी। जबकि इस प्रोटीन से शरीर को कोई नुकसान नहीं होगा, जबकि कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा।

देश में अब तक कोविड-१९ से २४ घंटे में सबसे ज्यादा ५०७ लोगों की मौत

चीन और पकिस्तान सीमा पर तनाव के बीच बड़ी खबर कोविड-१९ से मरने वाले रेकार्ड लोगों की संख्या की है। देश में पहली बार २४ घंटे के भीतर ५०० से ज्यादा लोगों की जान कोविड-१९ ने ले ली है जबकि रेकॉर्ड १८६५३ मामले एक ही दिन में सामने आये हैं। अब तक वायरस से मरने वालों की संख्या १७,४०० हो गयी है।

जानकारी के मुताबिक अनलॉक-०२ के बीच भारत में कोरोना का कहर बढ़ता दिख रहा है। पिछले २४ घंटे में वायरस से अभी तक की सबसे ज्यादा ५०७ लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या ५,८५,४९३ पहुंच गई है जबकि अब तक १७,४०० लोगों की मौत हो चुकी है।

पिछले २४ घंटे में कोरोना के रेकॉर्ड १८६५३ नए मामले आए हैं, हालांकि इसका एक कारण ज्यादा टेस्टिंग होना भी है। उधर अच्छी खबर यह है कि ३,४७,९७९ लोग वायरस को हराकर घर स्वस्थ होकर पहुंच चुके हैं। मंत्रालय के मुताबिक वायरस से रिकवरी रेट बेहतर होकर ५९.४३ फीसदी हो गया है। देश में कोरोना के मामलों में तेजी के बीच आज से अनलॉक-०२ शुरू हो गया है।

तमिलनाडु के कुड्डालोर में थर्मल पॉवर प्लांट में बॉयलर फटने से चार की मौत, 13 घायल

विशाखापत्तनम फैक्टरी गैस लीक हटना में २ लोगों की मौत के एक दिन बाद ही बुधवार को तमिलनाडु में एक पॉवर प्लांट बॉयलर के फट जाने से ४ लोगों की जान चली गयी है। इस हादसे में १३ लोग घायल हो गए हैं जिन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। जानकारी के मुताबिक इनमे से कुछ की हालत गंभीर है।
जानकारी के मुताबिक यह घटना तमिलनाडु के कुड्डालोर की है। वहां बुधवार को  थर्मल पॉवर प्लांट में बॉयलर फट गया। इस हादसे में अभी की ख़बरों के मुताबिक ४ लोगों की मौत हो गयी है। हादसे में १३ लोग घायल हुए हैं जिनमें से कुछ लोगों की हालत गंभीर बताई गयी है। सभी को अस्पताल में भर्ती किया गया है।
सरकार ने हादसे में चिंता जताते हुए इसकी जांच के आदेश दिए हैं। मृतकों के परिवारों को राहत राशि की भी घोषणा की गयी। है याद रहे मंगलवार को ही आंध्र प्रदेश की राजधानी विशाखापत्तनम में एक फैक्टरी में गैस लीक से दो कामगारों  की मौत हो गयी थी जबकि चार घायल हो गए थे। सैनॉर लाइफ साइंसेज प्रा लि में घटी थी।